InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 251. |
प्रतिरोधक का मात्रक तथा विमीय सूत्र लिखिय । |
| Answer» ओम, `[ML^2T^(-3)A^(-2)]` | |
| 252. |
विधुत चालकता का विमीय सूत्र लिखिय |
| Answer» `[M^(-1)L^(-3)T^(3)A^2]` | |
| 253. |
प्रतिरोध का S .I . मात्रक तथा विमीय सूत्र लिखिय| |
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Answer» प्रतिरोध का S .I . मात्रक ओम है| तथा सूत्र ` R = (V)/( 1) ` तथा विमीय सूत्र =` = (ML^(2) T^(-2) //AT)/( A ) =[ML^(2)T^(-2) ]` |
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| 254. |
बैटरी से किस प्रकार की धारा प्राप्त होती है ?A. प्रत्यावर्ती धाराB. दिष्ट धाराC. (क) और (ख) दोनोंD. इनमे कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 255. |
मिश्रधातु मेग्निन के बने प्रतिरोधक के लिए गए निम्नलिखित प्रेक्षणों से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते है? |
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Answer» ओम का नियम उच्च कोटि की परिशुद्ता से लागू होता है| हम जानते है की ` R=( V)/(I) ` यहाँ पर दिए गए प्रेक्षणों से ` 0.20` से ` 8.0A ` तक की सभी धाराओं के लिए प्रतिरोध लगभग ` 19.7Omega ` समान है| धारा बढ़ने के साथ ` I^(2) R ` के दर से ऊष्मा उत्पन्न होती है एवं ताप भी बढ़ता है, परन्तु प्रतिरोध पर कोई प्रभाव नहीं होता| यहाँ पर हमें यह भी होता है की मिश्र धातु का प्रतिरोध अर्थात यहाँ मेंगनीन का प्रतिरोध ताप के साथ नहीं बदलता है और इनका प्रतिरोध तापीय गुणांक बहुत कम होता है|यह नगण्य रूप से छोटा होता है| इस प्रकार मिश्रधातु मेग्निन का प्रतिरोध और प्रतिरोधकता लगभग ताप से स्वतंत्र है| |
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| 256. |
एक कार्बन प्रतिरोधक के क्रमश : लाल , हरा और नारंगी बैण्ड अंकित है प्रतिरोधक का उचित प्रतिरोध क्या होगा ? |
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Answer» लाल रंग के संगत अंक 2 , हरा रंग के संगत अंक 5 तथा नारंगी रंग के संगत गुणांक `10^(3) ` है| चौथा रंग नहीं दिया है| अतः त्रुटि सिमा ` 20% ` होगी| इस प्रकार दिए गए प्रतिरोधक का प्रतिरोध `25xx 10^(3)` ओम ` +- 20%` अर्थात `2.5xx 10^(4) ` ओम ` +- 20%` होगा| |
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| 257. |
किसी कुंडली का प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए सूत्र हैA. `R=(I)/(R)`B. `R= V xx I`C. `R=(V)/(I)`D. `R=V+I` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 258. |
निम्नलिखित में से किसमें धन ( +) या ऋण (-) का चिन्ह अंकित नहीं होता है ?A. बैटरीB. ऐमीटरC. वोल्टमीटरD. प्रतिरोधक |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 259. |
.....................से विद्युत-परिपथ की धारा मापी जाती है । |
| Answer» Correct Answer - ऐमीटर | |
| 260. |
मैगनिन की प्रतिरोधकता `44xx10^(-8)` ओम-मीटर है । इस कथन का अर्थ समझाइये । |
| Answer» मैगनिन के 1 मीटर लम्बे तथा 1 `"मीटर"^2` अनुप्रस्थ क्षेत्रफल के तार का प्रतिरोध `44xx10^(-8)` ओम है । | |
| 261. |
विद्युत-परिपथ में विद्युत-धारा की माप किससे की जाती है ?A. ऐमीटर सेB. वोल्टामीटर सेC. गैल्वेनोमीटर सेD. इनमे कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 262. |
ऐमीटर को विद्युत परिपथ में कैसे जोड़ा जाता है ?A. समांतरक्रम मेंB. श्रेणीक्रम मेंC. (क) और (ख) दोनों मेंD. इनमे कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 263. |
समान्तरक्रम में जुड़े दो प्रतिरोधकों का समतुल्य प्रतिरोध उनमे से प्रत्येक के अलग - अलग प्रतिरोध से ................. होता है । |
| Answer» Correct Answer - कम | |
| 264. |
ऐसे तीन पदार्थो के नाम बताइये,जिनकी प्रतिरोधकता ताप बढ़ाने पर घटती है| |
| Answer» कार्बन ,सिलिकॉन तथा जर्मेनियम ऐसे पदार्थ है, जिनकी ताप बढ़ाने पर प्रतिरोधकता घटती है| | |
| 265. |
यदि एक ऐमीटर को समान्तरक्रम में जोड़ा जाए तो उसकी कुंडली ( coil ) के जल जाने का खतरा होता है । क्यों ? |
| Answer» दो युक्तियों को किसी विद्युत-परिपथ में समान्तरक्रम में जोड़ने पर कम प्रतिरोधवाली युक्ति से अधिक धारा प्रवाहित होती है । चूँकि ऐमीटर का प्रतिरोध बहुत कम होता है , इसलिए किसी युक्ति के साथ इसे समान्तरक्रम में जोड़ने पर परिपथ की लगभग कुल धारा ऐमीटर से होकर प्रवाहित होगी।इसके कारण उत्पन्न अत्यधिक ऊष्मा से उसकी कुंडली के जल जाने का खतरा होता है । | |
| 266. |
`80 Omega` प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पाश्र्वक्रम ( समान्तरक्रम ) में संयोजित करने पर 6 V के बैटरी से संयोजित ( combination ) से होकर 0.3Aकी धारा प्रवाहित होगी ? |
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Answer» दिया गया है कि `R=80Omega , V=6V, I=0.3A` सूत्र ` R=V/I` से , संयोजन का समतुल्य प्रतिरोध `R_(p)=(6V)/(0.3A)=20 Omega` यदि R प्रतिरोध के n प्रतिरोधकों को पाश्र्वक्रम ( समांतरक्रम ) में संयोजित करने पर संयोजन का समतुल्य प्रतिरोध ` R_(p )` हो , तो सूत्र `(1)/(R_(p))=(1)/(R_(1))+(1)/(R_(2))+...... " से " ` `(1)/(R_(p))=(1)/(R)+(1)/(R)+........+n " तक " =(n)/(R)` `:. R_(p)=(R)/(n)` यहाँ `R_(p)= 20Omega` और `R= 80Omega` अतः , उपर्युक्त सूत्र से , `n=(R)/(R_(p))=(80Omega)/(20 Omega)=4` अतः प्रतिरोधकों को अभीष्ट संख्या 4 है । |
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| 267. |
दो चालक तार जिनके संघटन पदार्थ , लम्बाई तथा व्यास में समान है, किसी विद्युत-परिपथ में समान विभवांतर के आड़े पहले श्रेणीक्रम और पाश्र्वक्रम संयोजन में उत्पन्न उष्माओं का अनुपात होगाA. `1:2`B. `2:1`C. `1:4`D. `4:1` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 268. |
जब `(a) 1 Omega` तथा `10^(6) Omega` (b) `1 Omega , 10^(3) omega `, तथा `10^(6) Omega` के प्रतिरोध पाश्र्वक्रम ( समांतरक्रम ) में संयोजित किए जाते है , तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निष्कर्ष निकालेंगें । |
| Answer» (a ) तुल्य प्रतिरोध ` 1 Omega ` से कम होगा । (b ) तुल्य प्रतिरोध `1 Omega ` से कम होगा । | |
| 269. |
ऐसे तीन पदार्थो के नाम लिखिए जिनकी प्रतिरोधकता ताप बढ़ने पर घटती है । |
| Answer» सिलिकॉन , जेर्मेनियम , कार्बन | |
| 270. |
ताप के बढ़ने से सभी शुद्ध धातुओं की प्रतिरोधकता बढ़ती है । |
| Answer» Correct Answer - सही | |
| 271. |
ओम का नियम किसी चालक में प्रवाहित होने वाली धारा तथा उसके सिरों के बीच में विभवांतर का संबंध बताता है । |
| Answer» Correct Answer - सही | |
| 272. |
एक विभवमापी के तार की लम्बाई 10 मीटर है । तार में स्थिर धारा प्रवाहित करके सर्पी कुंजी को 1.018 वोल्ट वि. वा. बल वाले प्रमाणिक सेल से जोड़ने पर अविक्षेप बिंदु 850 सेमी की दूरी पर प्राप्त होता है। गणना कीजिये - (i ) तार में विभव प्रवणता , (ii) अधिक से अधिक कितना वि वा बल नापा जा सकता है ? |
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Answer» (i ) तार में विभव प्रवणता `k=E/l=(1.018)/(850)=1.2xx10^(-3)` वोल्ट /सेमी (ii) विभवमापी द्वारा नापा जा सकने वाला अधिकतम वि. वा. बल `E_(max)` = विभवमापी के तार के सिरों का विभवांतर = विभव प्रवणता x तार के लम्बाई `=(1.2xx10^(-3))xx(10xx10^2)=1.2` वोल्ट |
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| 273. |
यदि 220 V की विद्युत लाइन पर उपयोग में आनेवाले बल्बों का अनुमतांक 10 W हो और उस लाइन के अनुमत अधिकतम विद्युत् -धारा 5A हो , तो इस लाइन के दो तारों के बिच कितने बल्ब पाश्र्वक्रम में संयोजित किए जा सकते है ? |
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Answer» दिया गया है कि ` V=220V , P=10W` यदि प्रत्येक बल्ब का प्रैत्रोध R हो , तो सूत्र `P=(V^(2))/(R)` से `R=(V^(2))/(P)=((220V)^(2))/(10W)=4840Omega ` फिर , दिया गया है कि विद्युत लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत-धारा `I_("max")=5A` सूत्र `V=IR`से , बल्बों के पाश्र्वक्रम संयोजन का अनुमत अल्पमत प्रतिरोध `R_("min")=(V)/(I_("max"))=(220V)/(5A)=44 Omega ` यदि बल्बों के पाश्र्वक्रम संयोजन में बल्बों की अधिकतम संख्या n हो , तो `R_("min")=(R)/(n)` `:. n=(R)/(R_(min"))=(4840Omega)/(44Omega)=110` अतः , लाइन के तो तारों के बीच पाश्र्वक्रम में संयोजित किए जा सकनेवाले बल्बों की अधिकतम संख्या 110 है । |
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| 274. |
यदि किसी विद्युत अवयव ( element ) के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व से विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है , तो उस अवयव से प्रवाहित होनेवाली विद्युत-धारा में क्या परिवर्तन होगा ? |
| Answer» यदि प्रतिरोध नियत हो , तो ओम के नियम से अवयव में प्रवाहित विद्युत-धारा उसके सिरों से बीच आरोपित विभवांतर के समानुपाती होती है । अतः , विभवांतर को आधा करने पर विधुत-धारा भी आधी हो जाएगी । | |
| 275. |
समान पदार्थ और समान लम्बाई के तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो , तो इनमे से किसमें विद्युत-धारा अधिक आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत -स्रोत से संयोजित किया जाता है ? इसका कारण भी बताएँ । |
| Answer» मोटे तार में विद्युत-धारा अधिक आसानी से प्रवाहित होगी , क्योंकि किसी तार का प्रतिरोध R उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाती होता है , अर्थात `R prop (1)/(A)`. | |
| 276. |
अनुगमन वेग किस पर निर्भर नहीं करता है ?A. अनुप्रस्थ परिच्छेदB. लम्बाईC. मुक्त इलेक्ट्रोनो की संख्याD. विधुत धारा का परिमाप |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 277. |
धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या अत्यधिक होती है किन्तु विद्युत क्षेत्र की अनुपस्थिति में उनमें से विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है क्यों? |
| Answer» धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या बहुत अधिक होती है और ये बर्तन में गैस अणुओं की भाँति तीव्र वेग से अनियमित गति करते रहते है| इसे तापीय गति भी कहते है क्योंकि यह अनियमित गति धातुओं की तापीय ऊर्जा के कारन होती है|गति के दौरान ये इलेक्ट्रॉन धनायनों से टकराते है, जिससे उनके गति की दिशा बदलती जाती है तथा विद्युत क्षेत्र की अनुपस्थिति में धातुओं में किसी निश्चित दिशा में परिणामी गति शून्य होती है, अतः धातुओं में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती है| | |
| 278. |
प्रतिरोधकता की परिभाषा लिखिय तथा इसका मात्रक बताइये| किसी चालक की प्रतिरोधकता ताप के साथ किस प्रकार परिवर्तिति होती है? |
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Answer» किसी चालक का किसी निश्चित ताप पर प्रतिरोध सूत्र से व्यक्त किया जाता है- ` R= rho (l)/( A) ` जहाँ ` rho ` एक अनुक्रमानुपाती नियतांक है, जिसे चालक की प्रतिरोधकता या विश्ष्ट प्रतिरोध कहते है| समी (1 ) से , यदि l =1 मीटर A =1 मी ` ""^(2 ) ` तब ` rho= R ` अतः किसी पर्दाथ के एकांक अनुप्रस्थ प्रतिच्छेद वाले एकांक लम्बाई के चालक के प्रतिरोध को चालक का विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता कहते है| किसी चालक की प्रतिरोधकता ,चालक में उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉनों के कस्रान्तिकाल के व्युत्क्रमानुपाती होती है| तथा ताप बढ़ाने पर इलेक्ट्रॉनों का अनुगमन वेग बढ़ जाता है, जिससे क्रान्तिकाल का मान कम हो जाता है, अतः प्रतिरोधकता का मान बढ़ जाता है| `S.I.` पद्धति में प्रतिरोधकता का मात्रक ओम-मीटर होता है तथा विमीय सूत्र ` [ML^(3) T^(-3) A^(-2)]` है| |
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| 279. |
अनुगमन वेग किसे कहते है? अनुगमन वेग और धारा में संबंध स्थापित कीजिए। |
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Answer» धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या बहुत अधिक होती है|यदि धातुओं से सिरों पर कोई विभवांतर नहीं लगाया जाता है तब धातुओं में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती है, क्योंकि मुक्त इलेक्ट्रनों की किसी निश्चित दिशा में परिणामी गति शून्य होती है| अब यदि धात्विक चालक के सिरों पर विभवांतर लगाया जाता है, तब मुक्त इलेक्ट्रॉन उत्पन्न विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा में त्वरित होते है तथा साथ ही तार में उपस्थिति धनायनों से बार-बार टकराने से अपनी कुछ ऊर्जा खोते है तथा पुनः त्वरित होते रहते है|इस प्रकार उत्पन्न विद्युत क्षेत्र इलेक्ट्रॉनों को त्वरित गति प्रदान नहीं करता है बल्कि क्षेत्र की विपरीत दिशा में एक नियत औसत वेग प्रदान करता है ,जिसे अनुगमन वेग कहते है| यदि चालक के सिरों के बीच विभवांतर V तथा उसके प्रत्येक बिंदु पर विद्युत क्षेत्र E उत्पन्न होता है| तब इस क्षेत्र के कारण इलेक्ट्रॉनों पर लगने वाला बल ` " " vec F = -e vecF " "...(i) ` तथा संगत त्वरण ` " " veca =(vec F)/( m )= -(e)/(m) vec E " " ...(2) ` इलेक्टोनो की धनायनों से दो क्रमागत संघट्टों के बीच माध्य समय अंतराल इलेक्ट्रॉनों का अनुगमन वेग ` " "vec(v_d) =0 + vec (atau) ` ` " "= vec (atau ) ` ` " " vec (v_d)_ =-(vece)/( m ) vec (E) tau ` यही अनुगमन वेग तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता में सम्बन्ध है|स्पष्ट है की अनुगमन वेग विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के अनुक्रमानुपाती होता है| |
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| 280. |
एक चालक में 4.8 एम्पियर को धारा प्रवाहित हो रही है । चालक में से प्रति सेकंड प्रवाहित होने वाले इलेक्ट्रोनो की संख्या होगी -A. `3xx10^19`B. `76xx19^20`C. `7.68xx10^20`D. `3xx10^20` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 281. |
अनुगमन वेग से आप क्या समझते है ? सिद्ध कीजिए की मुक्ल इलेक्ट्रॉनों का अनुगमन वेग लगाए गए विद्युत क्षेत्र के अनुक्रमनुपाती होता है| |
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Answer» धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या बहुत अधिक होती है|यदि धातुओं से सिरों पर कोई विभवांतर नहीं लगाया जाता है तब धातुओं में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती है, क्योंकि मुक्त इलेक्ट्रनों की किसी निश्चित दिशा में परिणामी गति शून्य होती है| अब यदि धात्विक चालक के सिरों पर विभवांतर लगाया जाता है, तब मुक्त इलेक्ट्रॉन उत्पन्न विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा में त्वरित होते है तथा साथ ही तार में उपस्थिति धनायनों से बार-बार टकराने से अपनी कुछ ऊर्जा खोते है तथा पुनः त्वरित होते रहते है|इस प्रकार उत्पन्न विद्युत क्षेत्र इलेक्ट्रॉनों को त्वरित गति प्रदान नहीं करता है बल्कि क्षेत्र की विपरीत दिशा में एक नियत औसत वेग प्रदान करता है ,जिसे अनुगमन वेग कहते है| यदि चालक के सिरों के बीच विभवांतर V तथा उसके प्रत्येक बिंदु पर विद्युत क्षेत्र E उत्पन्न होता है| तब इस क्षेत्र के कारण इलेक्ट्रॉनों पर लगने वाला बल ` " " vec F = -e vecF " "...(i) ` तथा संगत त्वरण ` " " veca =(vec F)/( m )= -(e)/(m) vec E " " ...(2) ` इलेक्टोनो की धनायनों से दो क्रमागत संघट्टों के बीच माध्य समय अंतराल इलेक्ट्रॉनों का अनुगमन वेग ` " "vec(v_d) =0 + vec (atau) ` ` " "= vec (atau ) ` ` " " vec (v_d)_ =-(vece)/( m ) vec (E) tau ` यही अनुगमन वेग तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता में सम्बन्ध है|स्पष्ट है की अनुगमन वेग विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के अनुक्रमानुपाती होता है| |
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| 282. |
सिद्ध कीजिए की- 1 ऐम्पियर ` =6.25xx 10^(18)` इलेक्ट्रॉनों प्रवाह प्रति सेकंड| |
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Answer» 1 एम्पियर ` =( 1 "कुलोम ")/( 1"सेकंड ") ` ` " " =( n " इल्क्ट्रोनो का आवेश ")/( 1 "सेकंड ") ` ` =(nxx "एक इलेक्ट्रॉन का आवेश ")/( 1"सेकंड ") ` 1 ऐम्पियर= ` (nxx1 .6xx 10 ^(-19) "कुलोम ") /( 1"सेकंड ") ` स्पष्ट है की ` " " nxx 1.6xx 10^(-19) =1 ` कुलोम `rArr " " n= ( 1)/( 1.6xx 10^(-19))= 6.25xx 10^(18) ` ` therefore " "` 1 एम्पियर ` =( 6.25xx 10^(18) "इलेक्ट्रॉनों प्रवाह ") /( "सेकंड " ) ` ` " " ` यही सिद्ध करना था| |
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| 283. |
किसी विधुत परिपथ में अमीटर श्रेणीक्रम में तथा वोल्ट्मीटर समान्तर - क्रम में जोड़ा जाता है । क्यों ? |
| Answer» अमीटर का प्रतिरोध कम होता है जिससे की वह परिपथ से अधिक धारा ले जबकि वोल्ट्मीटर का प्रतिरोध अधिक होता है जिससे की यह परिपथ से क्षीण धारा ले। इसलिए अमीटर श्रेणीक्रम में तथा वोल्ट्मीटर समान्तर - क्रम में जोड़ा जाता है । | |