InterviewSolution
Saved Bookmarks
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 51. |
दो पतली स्लिटों से होकर प्रकाश के व्यतिकरण से एक पर्दे पर फिन्जें बन रही है। पर्दे पर फ्रिन्जों की चौडाई का सूत्र लिखिए तथा इसकी सहायता से बताइए कि फ्रिन्जो की रचना में क्या परिवर्तन होगा यादि: (i) प्रकाश की तरंगदैर्ध्य बढ़ा दी जाये। (ii) स्लिटो के बीच की दूरी घटा दी जाये ? (iii) स्लिटों के बीच की दूरी बढ़ाकर 1 सेमी कर दी जाये। (iv) एक स्लिट को ढक दिया जाये। |
| Answer» `W = D lambda / d .` (i) फ्रिन्ज - चौडाई बढ़ जायेगी। (ii) फ्रिन्ज – चौडाई बढ़ जायेगी। (iii) फ्रिन्ज – चौडाई बहुत अधिक घट जाने के कारण पर्दा लगभग एकसमान प्रकाशित दिखाई देगा। (iv) अब व्यतिकरण – प्रतिरूप के स्थान पर विवर्तन प्रतिरूप बनेगा। | |
| 52. |
यदि लाल रंग के स्थान पर नीले रंग के प्रकाश का उपयोग किया जाये तो यंग के प्रयोग में फ्रिन्ज की चौडाई पर क्या प्रभाव पडेगा । समझाइए। |
| Answer» नीले प्रकाश की तरंगदैर्ध्य लाल प्रकाश की तरंगदैर्ध्य से छोटी है। अतः फ्रिन्ज - चौडाई `(= D lambda //d)` घट जायेगी। | |
| 53. |
यंग के प्रयोग में बैंगनी प्रकाश के स्थान पर सेाडियम लैम्प का पीला प्रकाश प्रयुक्त कनरे पर फ्रिन्ज की चौडाई पर क्या प्रभाव पडेगा । |
| Answer» `lambda_(y) gt lambda_(v),`फ्रिन्ज - चौडाई `lambda` के अनुक्रमानुपाती है। अतः बैगनी के स्थान पर पीला प्रयुक्त करने पर फ्रिन्ज – चौडाई बढ़ जायेगी। | |
| 54. |
दो तरंगे जिनके दोलन – आयाम 3 मिमी तथा 4 मिमी है। एक माध्यम में एक ही दिशा में चल रही है। उन बिन्दुओ पर परिणामी आयाम ज्ञात कीजिए जिन पर कलान्तर : (i) शून्य है। (ii) `pi` है। `(iii) pi//3` है तथा `(iv) pi/2` है। |
| Answer» (i) 7 मिमी ,(ii) 1 मिमी , (iii) 6.08 मिमी ,(iv) 5 मिमी। | |
| 55. |
यंग के किसी द्वि- झिर्री प्रयोग में दो झिर्रीयों की चौडाईयों में अनुपात `1 : 25` है। तो , व्यतिकरण पैटर्न में उच्चिष्ठ तथा निम्निष्ठ की तीव्रताओं का अनुपात `(I_(max))/(I_(min))` होगा:A. `(121)/(49)`B. `(49)/(121)`C. `(4)/(9)`D. `(9)/(4)` |
|
Answer» Correct Answer - D `(I_(1))/(I_(2)) = (W_(1))/(W_(2)) = (1)/(25) rArr (I_(2))/(I_(I)) = (25)/(1)` `:. , sqrt((I_(2))/(I_(1))) = (A_(2))/(A_(1)) = (5)/(1)` `(A_(max))/(I_(1)) =(A_(2)+A_(1))/(A_(2)-A_(1)) = (5+1)/(5-1) = (6)/(4) =(3)/(2)` `:. , (I_(max))/(I_(min)) = ((3)/(2))^(2) = (9)/(4)` |
|
| 56. |
यंग के द्वि – झिर्री प्रयोग में झिर्रीयों के बीच पृथक्कन d,2 मिमी है। तथा झिर्री से पर्दे की दूरी D को 100 सेमी रखते हुए तरंगदैर्ध्य `lambda = 5896 Å` के प्रकाश का उपयोग किया गया है। यह पाया गया कि फ्रिन्जों की कोणीय चौड़ाई `0.20^(@)` है। तब (उन्हीं `lambda` और `D ` के लिए ) फ्रिन्जों की कोणीय चौडाई को बढ़ाकर `0.21^(@)` करने के लिए झिर्रीयों के बीच के पृथकन को करना होगा :A. `1.8 `मिमीB. ` 1.7 `मिमीC. `2.1 `मिमीD. `1.9 `मिमी |
|
Answer» Correct Answer - D यादि रेखा – छिद्रों के बीच की दूरी d तथा फ्रिन्जो की कोणीय चौडाई d हो तब `theta = (lambda)/(d)` `:. , ( theta_(1))/(theta_(2)) = (d_(2))/(d_(1)) rArr (0.20^(@))/(0.21^(@)) = (d_(2))/(2 मिमी) rArr d_(2) = 1.90` मिमी। |
|
| 57. |
यंग के एक द्वि –झिर्री प्रयोग में झिर्रीयों के बीच की दूरी `0.5 ` मिमी एवं पर्दे की झिर्री से दूरी 150 सेमी है। एक प्रकाश- पुँज जिसमें 650 nm और 520 nm की दो तरंगदैर्ध्य है , को पर्दे पर व्यतिकरण फ्रिन्ज बनाने में उपयोग करते है। उभयानिष्ठ केन्द्रीय उच्चिष्ठ से वह बिन्दु जहाँ दोनो तरंगदैर्ध्य की दीप्त फ्रिन्जे सम्पाती होती है। की न्यूनतम दूरी होगी:A. ` 15, 6 `मिमीB. `1.56 `मिमीC. `7.8`मिमीD. `9.75 `मिमी |
|
Answer» Correct Answer - C `W_(1) = (lambda D)/(d)= (650 xx 10^(-9) xx 1.5)/(0.5 xx 10^(-3))` `=650 xx 0.3 xx 10^(-5)` `= 195 xx 10^(-5) ` मी `=1.95 ` मिमी। `W_(2) =(520 xx 10^(-9) xx 1.5)/(0.5 xx 10^(-3))` `=156 xx 10^(-5) ` मी `=1.56 ` मिमी। ` n_(1)lambda_(1)= n_(2)lambda_(2)` ` (n_(1))/(n_(2))= (lambda_(2))/(lambda_(1)) =(520)/(650) =(4)/(5)` `n_(1) W_(1) = n_(2)W_(2)` `4xx 1.95 = 5xx 1.56 = 7.8` मिमी । |
|
| 58. |
यंग के द्वि- स्लिट प्रयोग में 100 सेमी दूर रखे पर्दे पर व्यतिकरण फ्रिन्जें दिखाई देती है। जब व्यतिकरण करने वाली किसी एक प्रकाश- किरण के मार्ग में 1.56 अपवर्तनांक की कॉच की एक प्लेट रख दी जाती है। तो 10वीं फ्रिन्ज केन्द्रीय फ्रिन्ज से 12.0 मिमी विस्थापित हो जाती है। यदि दोनो स्लिटों के बीच की दूरी 0.5 मिमी है। तो स्लेट की मोटाई ज्ञात कीजिए। |
|
Answer» माना काँच की प्लेट की मोटाई t तथा काँच का अपवर्तनांक n है। यादि इस प्लेट को किसी एक व्यतिकारी प्रकाश- किरण के मार्ग में रखने पर सम्पूर्ण फ्रिन्ज प्रारूप `X_(0)` दूरी विस्थापित होता है। तब `x_(0) = (D)/(d)( n-1) t` जहाँ D द्वि- स्लिट से पर्दे की दूरी तथा d द्वि- स्लिटों के बीच दूरी है। उपरोक्त समीकरण से `t = (x_(0)d)/(D(n-1)) = ((12.0 xx 10^(-3) मीटर) xx (0.5 xx 10^(-3) मीटर))/((100 xx 10^(-2) मीटर) xx (1.56 -1))` `=10.7 xx 10^(-6)` मीटर । |
|
| 59. |
यंग के द्विक रेखा – छिद्र प्रयोग में इलेक्ट्रॉनो का पुँज प्रयुक्त किया गया है। यदि इलेक्ट्रॉनो की चाल बढ़ा दी जाती है। तब फ्रिन्ज- चौडाई :A. बढ़ जायेगीB. घट जायेगीC. वही रहेगीD. फ्रिन्जे दिखाई नहीं देगी। |
|
Answer» Correct Answer - B इलेक्ट्रॉनों की चाल बढ़ाने पर ,उनकी (दी - ब्रोगली) तरंगदैर्ध्य घटेगी `(lambda = h // m u)` अतः फ्रिन्ज - चौडाई `W( = D lambda //d)` घटेगी। |
|
| 60. |
यंग के द्वि- स्लिट प्रयोग में `5000 Å` तरंगदैर्ध्य का प्रकाश प्रयुक्त करने पर एक पतली अभ्रक की फिल्म (अपवर्तनाक 1.5 ) जिसकी मोटाई `2 xx 10^(-6)` मीटर है। व्यतिकारी किरणों में से एक के मार्ग में रखी जाती है। व्यतिकारी प्रारूप :A. एक फ्रिन्ज विस्थापित होगाB. 1.5 फ्रिन्ज विस्थापित होगाC. दो फ्रिन्जे विस्थापित होगाD. अपने स्थान पर ही रहेगा । |
|
Answer» Correct Answer - C `x_(0) =(D )/(d) (n-1) t = (W)/(lambda) (n-1) t` जहाँ `W (=(D lambda)/(d))` फ्रिन्ज - चौडाई है। |
|
| 61. |
यंग के द्वि- झिर्री प्रयोग में स्लिटो के बीच दूरी 0.4 मिमी है। प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य `6000Å` है। 2.0 मीटर दूर रखे पर्दे पर प्राप्त व्यतिकरण प्रतिरूप में केन्द्रीय फ्रिन्ज से पाँचवें अदीप्त फ्रिन्ज की दूरी तथा फ्रिन्ज चौडाई ज्ञात कीजिए। |
| Answer» `13. 5 xx 10^(-3)` मीटर `3xx 10^(-3)` मीटर | |
| 62. |
सोडियम प्रकाश `(lambda = 5890 Å)` से यंग के द्विक रेखा- छिद्र समायोजन द्वारा व्यतिकरण फ्रिन्जे बनती है। जिनकी परस्पर दूरी `0.20^(@)` है। फ्रिन्जो की कोणीय चौडाई कितनी होगी यादि पूरा समायोजन जल में डुबा दिया जाये। (जल का अपवर्तनाक `=4//3`) |
|
Answer» यादि रेखा –छिद्रो के बीच दूरी d तथा फ्रिन्जों की कोणीय चौडाई `theta ` हो ,तब `theta = (lambda)/(d)` जहाँ` lambda` प्रकाश की तरंगदैर्ध्य है। यादि जल में तरंगदैर्ध्य `lambda` तथा फ्रिन्ज – चौडाई `theta` हो तब `theta = (lambda)/(d) :. Theta =((lambda)/(d) theta) …….(i)` यादि प्रकाश की वायु व जल में चाले v व u हो तब ` (u)/(v) =(lambda)/(lambda) =n` (जल का अपवर्तनाक)। `:. , (lambda)/(lambda) = (1)/(n) = (3)/(4)` यह मान तथा `theta` का दिया गया मान समीकरण (i) में रखने पर ` theta = (3//4) xx 0.20^(@) =0.15^(@)` |
|
| 63. |
यंग के द्विक – स्लिट प्रयोग मे रेखा – छिद्रों के बीच की दूरी 0.6 मिमी है। तथा रेखा – छिद्रो से 1.5 मीटर मी दूरी पर रखे हुये पर्दे पर व्यतिकरण देखा जाता है। यादि व्यतिकरण प्रतिरूप के केन्द्रीय फ्रिन्ज से किसी ओर सातवीं दीप्त फ्रिन्ज और तीसरी अदीप्त फ्रिन्ज के बीच दूरी 4.5 मिमी है। तो प्रयोग में प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए। |
|
Answer» यंग के द्विक – स्लिट प्रयोग में केन्द्रीय - फ्रिन्ज से m वी दीप्त फ्रिन्ज की दूरी `x = m .(D lambda)/(d) " " m =0, 1,2,3,…..` यहाँ m=7 `:. X = 7 .(D lambda)/(d)` केन्द्रीय -फ्रिन्ज से m वी अदीप्त फ्रिन्ज की दूरी `x= (m-(1)/(2)).(D lambda)/(d) , m=1,2,3,…..` यहाँ `m=3 :. X = (5)/(2) (D lambda)/(d)` प्रश्नानुसार x-x = 4.5 मिमी। इस प्रकार `7.(Dlambda)/(d) –(5 )/(2)(D lambda)/(d)= 4.5 xx 10^(-3)` मीटर अथवा `(9)/(2)(D lambda)/(d)= 4.5 xx 10^(-3)` मीटर `:. , lambda = (2)/(9) xx (4.5 xx 10^(-3) मीटर) xx ((0.6xx 10^(-3) मीटर)/(1.5 मीटर)` `=0.4 xx 10^(-6) ` मीटर =`4000 Å` |
|
| 64. |
दो तरगदैर्ध्य 400 नैनीमीटर तथा 560 नैनोमीटर से बना प्रकाश यंग के द्विक- रेखा छिद्रो (जिनके बीच अन्तराल 0.1 मिमी है ) पर अभिलम्बवत् गिरता है। स्लिटों से 1.0 मीटर पर स्थित पर्दे पर व्यतिकरण – प्रारूप बनता है। उत्तरोत्तर पूर्णत : अदीप्त क्षेत्रो के बीच अन्तराल है:A. ` 4.0 `मिमीB. ` 5. 6 ` मिमीC. `14. 0 ` मिमीD. `28. 0 `मिमी |
|
Answer» Correct Answer - D पर्दे पर n वें अदीप्त फ्रिन्ज की स्थिति `x= (n-(1)/(2)) (D lambda)/(d)` माना पर्दे पर तरंगदैर्ध्य `lambda_(1) = 400` नैनोमीटर का n वाँ अदीप्त फ्रिन्ज तरंगदैर्ध्य `lambda_(2) =560` नैनोमीटर के m वें अदीप्त फ्रिन्ज के संपाती है। तब `(n- (1)/(2)) lambda_(1) = (m –(1)/(2)) lambda_(2)` अथवा `(n-(1)/(2)) 400` नैनोमीटर `= (m –(1)/(2)) 560` नैनोमीटर अथवा `(n-(1)/(2))/(m-(1)/(2)) = (560)/(400) = (7)/(5)` अथवा `n = (7m-1)/(5)` इस सम्बन्ध को सन्तुष्ट करने वाले सम्भव पूर्णाक मान है। `n_(1) =4 m_(1) = 3, n_(2)= 11, m_(2) =8` तथा अन्य अर्थात `lambda_(1)= 400` नैनोमीटर का चौथा अदीप्त फ्रिन्ज `lambda_(2) = 560` नैनोमीटर के तीसरे अदीप्त फ्रिन्ज के संपाती है। इस अदीप्त फ्रिन्ज की स्थिति है। ` x_(1) = (n_(1) -(1)/(2)) (Dlambda_(1))/(d)` जहाँ `n_(1) =4` पूनः `lambda_(1) =400` नैनोमीटर का 11 वाँ फ्रिन्ज `lambda_(2) = 560` नैनोमीटर के 8वें अदीप्त फ्रिन्ज के संपाती है। इस अदीप्त फ्रिन्ज की स्थिति है: `x_(2) = (n_(2) -(1)/(2)) (D lambda_(1))/(d)` जहाँ ` n_(2) =11` उत्तरोत्तर पूर्णत : अदीप्त क्षेत्रों के बीच अन्तराल `x_(2) –x_(1) =(n_(2) –(1)/(2)) (D lambda_(1))/(d)- (n_(1)-(1)/(2)) (D lambda_(1))/(d)` `= (D lambda_(1))/(d) (n_(2) –n_(1))` `= ((1.0 मीटर) (400 xx 10^(-9) मीटर))/(0.1 xx 10^(-3) मीटर) (11-4)` `=28 xx 10^(-3)` मीटर =28 मिमी। |
|
| 65. |
यंग के प्रयोग में व्यतिकरण – प्रतिरूप की केन्द्रीय फ्रिन्ज की तीव्रता I है। एक स्लिट को बन्द बर देने पर इस स्थान पर तीव्रता `I_(o)` हो जाती है। कौन- सा सम्बन्ध सत्य है।A. `I = I_(o)`B. `I = 2I_(o)`C. `I = 4 I_(o)`D. I व `I_(o)` में कोई सम्बन्ध नहीं है। |
|
Answer» Correct Answer - C `I= (sqrt(I_(0)) + sqrt(I_(0)))^(2)` |
|
| 66. |
यंग के द्विक रेखा – छिद्र प्रयोग में छिद्रो के बीच की दूरी `2x 10^(-3)` मीटर तथा छिद्रो से पर्दे की 2.5 मीटर है। छिद्रो पर प्रकाश जिसमे 2000 से `8000 Å` के बीच की तरंगदैर्ध्य है डाला जाता है। दृश्य – परिसर में वे सभी तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए जो पर्दे केन्द्रीय उच्चिष्ठ से `10^(-3)` मीटर दूरी पर उपस्थित है। उसी बिन्दु पर उपस्थित अवरक्त तथा पराबैंगनी प्रदेश की तरंगदैर्ध्यो के मान भी ज्ञात कीजिए। |
|
Answer» पर्दे पर केन्द्रीय उच्चिष्ठ से m वी दीप्त फ्रिन्ज की दूरी `x = m (D lambda)/(d)` जहाँ m=0 केन्द्रीय उच्चिष्ठ के लिये है। `:. , lambda = (x d)/(m D)` m =1 के लिये `lambda_(1) = ((10_(-3) मीटर ) xx (2xx 10^(-3) मीटर ))/(1xx (2.5 मीटर)` `=8 xx 10^(-7)` मीटर `=8000 Å `(अवरक्त) [ 1 मीटर = `10^(10) Å`] m=2 के लिये `lambda_(2) = (8000 Å)/(2) = 4000Å `(दृश्य) m=3 के लिये `lambda_(3) = (8000 Å)/(3) = 2666 Å `(पराबैंगनी) m=4 के लिये `lambda _(4) = (8000 Å)/(4) = 2000 Å (पराबैंगनी)` |
|
| 67. |
यंग के द्वि- स्लिट प्रयोग में एक स्लिट के सामने 1.5 अपवर्तनांक की पारदर्शी पतली शीट रखने से केन्द्रीय दीप्ति – फ्रिन्ज 10 मिमी विस्थापित हो जाती है। यादि दोनो स्लिटों के बीच की दूरी 1.5 मिमी तथा स्लिटों से पर्दे की लम्बवत् दूरी 1 मी हो तो शीट की मोटाई ज्ञात कीजिए। |
|
Answer» Correct Answer - `0.03 ` मिमी। |
|
| 68. |
यंग के द्विक- रेखा- छिद्र प्रयोग मे यदि स्त्रोत से पर्दे की दूरी 1.5 मीटर प्रयुक्त प्रकाश की तरगदैर्ध्य `6000 Å` तथा दोनो स्लिटों के बीच की दूरी 0.15 सेमी हो तो फ्रिन्ज की चौडाई की गणना कीजिए। यदि स्त्रोत से पर्दे की दूरी दोगूनी तथा स्लिटों के बीच की दूरी आधी कर दी जाए तो फ्रिन्जो की चौडाई कितनी हो जायेगी। |
| Answer» 0.06 सेमी , 0.24 सेमी। | |
| 69. |
यंग के द्वि- स्लिट प्रयोग में फ्रिन्ज की चौड़ाई W प्राप्त होती है। सम्पूर्ण प्रयोग को जल `(n = 4//3)` में रखने पर फ्रिन्ज की चौडाई क्या हो जायेगी। |
| Answer» `(W)/(n) =(3)/(4) W` | |
| 70. |
यंग के द्विक- रेखा छिद्र प्रयोग में स्लिटों 0.28 मिमी दूरी पर है। और पर्दा 1.4 मीटर दूर रखा है। केन्द्रीय दीप्त – फ्रिन्ज और चौथी दीप्त – फ्रिन्ज के बीच की दूरी 1.2 सेमी है। प्रयोग में प्रयुक्त प्रकाश की तरगदैर्ध्य एवं दीप्त - फ्रिन्ज की चौडाई ज्ञात कीजिए। |
|
Answer» Correct Answer - `6000 Å 3 `मिमी। |
|
| 71. |
यंग के द्विक – स्लिट प्रयोग में दोनो स्लिटों के बीच दूरी 2.0 मिमी तथा इनसे पर्दे की दूरी 120 सेमी है। केन्द्रीय उच्चिष्ठों से वह न्यूनतम दूरी जहाँ `6500 Å` तथा `5200 Å` तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश से उत्पन्न दीप्त फ्रिन्जे परस्पर संपाती होगी है:A. `0.117 `सेमीB. `0. 156 `सेमीC. `0.234 `सेमीD. `0.20 `सेमी |
|
Answer» Correct Answer - B `x = m (D lambda_(1))/(d) = (m+1) (D lambda_(2))/(d)` जहाँ `lambda_(1) gt lambda_(2)` अतः `6500 Å` की चौथी दीप्त फ्रिन्ज तथा `5200 Å` की पाँचवी दीप्त फ्रिन्ज संपाती होंगी। |
|
| 72. |
यंग के द्वि- स्लिट प्रयोग में फ्रिन्ज –चौडाई 0.4 मिमी है। यादि पूरे उपकरण को `4//3` अपवर्तनाक वाले द्रव में डुबा दे तो नई फ्रिन्ज – चौडाई हो जायेगी:A. `0.3 ` सेमीB. `0.4` मिमीC. `0.53` मिमीD. `450`माइक्रोन। |
|
Answer» Correct Answer - A |
|
| 73. |
यंग के दो – स्लिट प्रयोग में दो स्लिटों के बीच की दूरी 0.03 सेमी है। 1.5 मीटर दूरी पर रखें पर्दे पर चौथी दीप्त (bright ) फ्रिन्ज केन्द्रीय फ्रिन्ज से 1 सेमी दूर है। प्रकाश की तरगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए। |
|
Answer» Correct Answer - ` 5000 Å` |
|
| 74. |
यंग के व्यतिकरण प्रयोग में फ्रिन्ज – चौडाई 0.10 मिमी है। यदि पर्दे से स्लिट की दूरी दोगुनी कर दे स्लिटों के बीच की दूरी आधी कर दे और प्रकाश की तरगदैर्ध्य `7200 Å` से परिवर्तित करके `4500 Å` कर दे तो नयी फ्रिन्ज – चौडाई क्या होगी। |
|
Answer» Correct Answer - `0.25 `मिमी। |
|
| 75. |
यंग के व्यतिकरण प्रयोग में `6000 Å` तरंगदैर्ध्य के प्रकाश के लिए स्लिटों से एक मीटर की दूरी पर रखे पर्दे पर फ्रिन्ज की चौडोई 0.06 सेमी है। इसी स्थिति में यादि `5000 Å` तरंगदैर्ध्य का प्रकाश प्रयोग में लाया जाए तो फ्रिन्जों की चौडाई कितनी होगी। |
|
Answer» यादि स्लिटों के बीच अन्तराल d स्लिटों स पर्दे की दूरी D तथा प्रकाश की तरंगदैर्ध्य `lambda` हो तो फ्रिन्ज की चॉडाई `W = (Dlambda)/(d)` ` :. W_(1) = (D lambda_(1))/(d)` तथा `W_(2) = (Dlambda_(2))/(d)` भाग करने पर `(W_(2))/(W_(1)) = (lambda_(2))/(lambda_(1))` अथवा `W_(2) = (lambda_(2))/(lambda_(1)) xx W_(1) = (50000 Å)/(60000Å) xx 0.06` सेमी =0.05 सेमी । |
|