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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।युधिष्ठिर ने नकुल को पानी की तलाश में भेजा। नकुल पानी की खोज में निकला और चलते – चलते.एक सरोवर के पास पहुँचा। सरोवर देखकर उसका मन प्रफुल्लित हो उठा। वह सोचने लगा कि क्यों न मैं पहले अपने प्यास बुझा लूँ। वह पानी पीने के लिए उद्यत ही हुआ था कि सहसा एक आवाज़ गूंज उठी, “ऐ नकुल, पानी पीने का दुस्साहस न करें। सावधान ! पहले मेरे प्रश्नों के उत्तर दो।” नकुल चेतावनी की परवाह न करके पानी पीने लगा।प्रश्न :1. पानी की तलाश में युधिष्ठिर ने किसे भेजा?2. नकुल चलते – चलते किसके पास पहुँचा?3. सहसा क्या आवाज़ गूंज उठी?4. सरोवर देखकर किसका मन प्रफुल्लित हो उठा?5. सरोवर को देखकर नकुल क्या सोचने लगा?

Answer»
  1. पानी की तलाश में युधिष्ठिर ने नकुल को भेजा।
  2. नकुल चलते – चलते सरोवर के पास पहुंचा।
  3. सहसा यह आवाज़ गूंज उठी कि ” नकुल, पानी पीने का दुस्साहस न करें।”
  4. सरोवर देखकर नकुल का मन प्रफुल्लित हो उठा।
  5. सरोवर को देखकर नकल सोचने लगा कि “क्यों ने मैं पहले अपनी प्यास बुझा लूँ?”
2.

निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।पांडव ब्राह्मण की व्यथा से प्रभावित हुए। इसलिए वे हिरण की खोज में निकल पड़े। थोड़ी दूर जाने | पर उन्हें हिरण दिखायी दिया। उसे पकड़ने के लिए वे आगे बढ़े परंतु हिरण उनकी आँखों से पुनः गायब हो गया । हिरण की खोज में भटकते हुए वे थक गये और विश्राम के लिए एक वृक्ष के नीचे बैठ गये। प्यास के मारे सभी के कंठ सूख रहे थे ।प्रश्न :1. पांडव किनकी व्यथा से प्रभावित हुए?2. किसकी खोज में भटकते हुए पांडव थक गये?3. विश्राम के लिए पांडव कहाँ बैठ गये?4. सभी के कंट क्यों सूख रहे थे?5. थोडी दूर जाने पर उन्हें क्या दिखायी दिया?

Answer»
  1. पांडव ब्राह्मण की व्यथा से प्रभावित हुए।
  2. हिरण की खोज में भटकते हुए पांडव थक गये।
  3. विश्राम के लिए पांडव एक पेड (वृक्ष) के नीचे बैठ गये।
  4. प्यास के मारे सभी के कंठ सूख रहे थे।
  5. थोडी दूर जाने पर उन्हें हिरण दिखायी दिया।
3.

निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए।1. हिरण उनकी आँखों से पुनः गायब हो गया। ‘आँख’ शब्द कन तत्सम रूप पहचानिए।A) अक्षिB) अद्यC) अष्टD) अज्ञ2. एक दिन अचानक एक ब्राह्मण पांडवों के पास आया। (क्रिया विशेषण शब्द पहचानिए।) पहचानिए।)A) एकB) अचानकC) ब्राह्मणD) आया

Answer»
  1. A) अक्षि
  2. B) अचानक
4.

यदि यक्ष के स्थान पर आप होते तो कौन-कौन से प्रश्न पूछते?

Answer»

यदि यक्ष के स्थान पर मैं होता तो वे ही प्रश्न पूछता जो यक्ष ने पूछा | जैसे :

  • मनुष्य का साथ कौन देता है?
  • कौन-सा शास्त्र है, जिसका अध्ययन करके मनुष्य बुद्धिमान बनता है?
  • भूमि से भारी चीज़ क्या है?
  • आकाश से भी ऊँचा कौन है?
  • हवा से भी तेज़ चलनेवाला कौन है?
  • विदेश जानेवाले का कौन साथी होता है?
  • मरणासन्न वृद्ध का मित्र कौन होता है?
  • सुख क्या है?
  • सब से तुच्छ क्या है?
  • किसके छूट जाने पर मनुष्य सर्व प्रिय बनता है?
5.

“यक्ष प्रश्न” कहानी पाट का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।

Answer»

पांडव वन में पानी की तलाश में घूम रहे थे। युधिष्टिर ने अपने सिवा चारों भाइयों को पानी के लिए एक के बाद एक को भेजा। लेकिन ये चार भाई एक सरोवर के पास मरे पड़े हुए हैं। युधिष्टिर सरोवर में पानी पीने उतरे। तो उसे अदृश्य वाणी से बातें सुनायी दी कि पानी पीने के पहले उनके प्रश्नों का उत्तर अवश्य देना। नहीं तो उसे भी उन के भाइयों के जैसे ही होगा। युधिष्टिर यक्ष के प्रश्नों का ठीक – ठीक उत्तर देता है। प्रसन्न होकर यक्ष उनके चारों भाइयों में से केवल एक को जीवित कर देने का वर देता है तो युधिष्टिर नकुल को जीवित करने को कहते हैं। तो यक्ष कारण जानकर उनके चारों भाइयों को ही जीवित कराते है।

6.

‘यक्ष प्रश्न’ पाठ आपको क्यों अच्छा लगा? अपने शब्दों में लिखिए।

Answer»

“यक्ष प्रश्न सचमुच एक संदेशात्मक और प्रेरणादायक पाठ है। यह पाठ मुझे बहुत अच्छा लगा | क्योंकि हम मानव हैं। समाज में रहते हैं। हमें मानवता, ममता, करुणा, सहयोग, कष्ट सहन आदि अनेक गुणों से रहना है। परमात्मा ने कृपा करके हमें बुद्धि प्रदान की है। इसका उपयोग करके सदा अच्छे काम करने में ही हमें आगे बढना है। आपदाग्रस्त लोगों का दुःख दूर करना हर एक का पवित्र धर्म है। वह काम हमें संपन्न करना है । धर्म के मार्ग में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पडता है। निडर होकर धर्म मार्ग पर चलना महानता है। धर्म का पालन करते अपने अस्तित्व को बनाये रखना बड़ा महत्वपूर्ण विषय है। युधिष्ठिर के व्यक्तित्व से इन सभी गुणों का परिचय हमें मिलता है। इसीलिए ‘यक्ष प्रश्न’ पाठ मुझे बहुत अच्छा लगा।

7.

यक्ष ने युधिष्ठिर के सद्गुणों से मुग्ध होकर कौन-सा वर दिया?

Answer»

यक्ष ने युधिष्ठिर के सद्गुणों से मुग्ध होकर वर दिया कि उनके चारों ही भाई जीवित हों ।

8.

युधिष्ठिर ने नकुल को जीवित करवाने का अनुरोध क्यों किया?

Answer»

माता कुंती का बचा हुआ एक पुत्र युधिष्ठिर हैं । वह चाहता हैं कि माता माद्री का भी एक पुत्र जीवित. रहे । अतः युधिष्ठिर ने नकुल को जीवित करवाने का अनुरोध किया ।

9.

युधिष्ठिर को सरोवर के पास कौन-सी चेतावनी सुनायी दी?

Answer»

युधिष्ठिर को सरोवर के पास यह चेतावनी सुनायी दी कि –

” सावधान ! तुम्हारे भाइयों ने मेरी चेतावनी की ओर ध्यान नहीं दिया । इसलिए उनकी यह दशा हुई । यदि तुम पानी पीना चाहते हो तो पहले मेरे प्रश्नों के उत्तर दो, फिर अपनी प्यास बुझाना ।”

10.

प्रश्नों के सही उत्तर दीजिए |रानी सुदेष्णा का भाई कीचक बड़ा ही बलिष्ठ और प्रतापी वीर था । मत्स्य देश की सेना का वही नायक बना हुआ था | उसने अपने कुल के लोगों को साथ लेकर मत्स्याधिपति बूढे . विराटराज की सत्ता पर अप्रत्यक्ष रूप से अधिकार कर लिया था । कीचक की धाक लोगों में ऐसी बनी हुई थी कि लोग कहा करते थे कि मत्स्य देश का राजा तो कीचक ही है ।1. रानी सुदेष्णा का भाई कौन था ? (आ)अ) युधिष्ठिरआ) कीचकइ) विराटराजई) हनुमान2. विराट किस देश के राजा थे?अ) मगधराजआ) पांचालइ) मत्स्य देशई) वैदेह3. देश की सेना का नायक कौन बना हुआ था ?अ) कीचकआ) विराटराजइ) भीमई) हनुमान

Answer»
  1. अ) युधिष्ठिर
  2. इ) मत्स्य देश
  3. अ) कीचक
11.

युधिष्ठिर के बारे में बताइए |

Answer»

पांडुराज के दो पत्नियाँ थीं – कुंती और माद्री | महर्षि दुर्वास के मंत्र प्रभाव से कुंती के तीन पुत्र और माद्री के दो पुत्र हुए | कुंती का प्रथम पुत्र धर्म देवता यम धर्मराज की कृपा से पैदा हुआ था । वही युधिष्ठिर था। उसे ही धर्मराज, पांडुनंदन नाम से पुकारते थे । युधिष्ठिर तो धैर्यवान, साहसी, निडर, साधु स्वभाव, दया, ममता, मानवता से पूरित महान व्यक्ति था।

अच्छी चालचलन, उत्तम चरित्र, विवेचना शक्ति संपन्न युधिष्ठिर को सब चाहते और आदर करते थे। सचमुच धर्म का दूसरा रूप था युधिष्ठिर, इसीलिए ही उसे धर्मराज कहते थे। यह सचमुच प्रेमालू था । अपने चारों भाइयों के प्रति वह असीम श्रद्धा रखता था । द्यूत क्रीडा में वह निपुण था। अपने अच्छे आचरण और गुणों से वह जीवन भर निष्कलंक बना रहा था । प्रजा की सेवा में तत्परता दिखाकर उनको सदा सुखी रखनेवाला श्रेष्ठ राजा था । नाम सार्थक करनेवाला महान व्यक्ति था युधिष्ठिर |

12.

अच्छी संगति से क्या लाभ होते हैं?

Answer»

अच्छी संगति से ये लाभ होते हैं –

  • अच्छी संगति से हम भी अच्छे बन जायेंगे।
  • अच्छी संगति से हमें सुख पहुँचता है।
  • अच्छी संगति के कारण ही हमें आध्यात्मिक (परलौकिक) चिंतन मिलता है।
  • अच्छी संगति से ही हमें सद्बुद्धि, परोपकारिता, सेवा, भलाई आदि भावनाएँ जागृत होते हैं।
  • अच्छी संगति से हम विख्यात बनेंगे।
  • अच्छी संगति से हम आसानी से समस्याओं से बाहर आ सकते हैं।
  • अच्छी संगति से उत्तम जीवन बिता सकेंगे।
  • अच्छी संगति से ही हमें विवेक, विनय, नेक आदि गुण मिलते हैं।
  • अच्छी संगति कल्पवृक्ष जैसा है।
13.

ब्राह्मण पांडवों के पास आकर कौन-सी व्यथा सुनाने लगा?

Answer»

ब्राह्मण पांडवों के पास आकर अपनी व्यथा सुनाने लगा कि एक हिरण उसकी अरणी की लकडी सहित भाग गया । अब उसके पास यज्ञ की अग्नि पैदा करने के लिए दूसरी लकडी नहीं है । इसलिए कृपया उसे वापस दिला दीजिए |

14.

युधिष्ठिर की जगह तुम होते तो किसे जीवित करवाना चाहते और क्यों?

Answer»

युधिष्ठिर महान चरित्रवान और शील संपन्न व्यक्ति था । धर्म परायण होने के कारण उसने यक्ष के कहने पर नकुल को जीवित करवाना चाहा । अगर उसकी जगह मैं होता तो पराक्रमी, साहसी, धनुर्विद्या प्रवीण, पांडव मध्यम अर्जुन को जीवित करवाना चाहता । क्योंकि अर्जुन महान गुणवाला और तेज संपन्न था । अनेक देवों की कृपा से वर और अस्त्र-शस्त्र प्राप्त किया हुआ महान व्यक्ति था। अपने पराक्रम और सज्जनता से किसी भी तरह वह अपने तीनों भाइयों को जीवित कर सकता है | इसीलिए मैं अर्जुन को जीवित करवाना चाहता।

15.

नकुल के लिए जीवन दान माँगकर युधिष्ठिर ने सही किया या गलत? अपने उत्तर का कारण बताइए।

Answer»

नकुल के लिए जीवन दान माँगकर युधिष्ठिर ने सही किया। कारण यही है कि युधिष्ठिर जो है वह माता कुंति का बचा हुआ एक मात्र पुत्र है। इसलिए उसने माता माद्री का भी एक पुत्र को जीवित करवाना चाहता था वह था नकुल। इसलिए युधिष्ठिर ने नकुल के लिए जीवन दान माँगकर सही किया।

16.

धैर्य ही मनुष्य का साथ देता है। कैसे?

Answer»

यह सच है कि धैर्य ही मनुष्य का साथ देता है। धैर्य ही हमें समस्याओं से बाहर निकालता है। धैर्यवान सब कुछ बडे धीरज के साथ कर सकता है। धैर्य से ही हम सफलता पा सकते हैं। धैर्यवान का जीवन ही सच्चे अर्थ में जीवन है। जो धैर्यवान नहीं है। जिसमें धैर्य नहीं है वह हर पल डर से मरता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि धैर्य ही मनुष्य का साथ देता है। हमें अकेले किसी स्थान या प्रदेश जाने में धैर्य ही साथ देता है।

17.

निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।युधिष्ठिर ने कहा – “यक्षराज ! मैंने जो नकुल को जीवित करवाना चाहा, वह सिर्फ इसी कारण कि माता कुंती का बचा हुआ एक पुत्र मैं हूँ, मैं चाहता हूँ कि माता माद्री का भी एक पुत्र जीवित हो उठे। अतः आप कृपा करके नकुल को जीवित कर दें।” युधिष्ठिर के धर्म स्वभाव से यक्ष अत्यंत संतुष्ट हुए और उन्होंने ‘वर’ देते हुए यह कहा, “पक्षपात से रहित मेरे प्यारे पुत्र ! तुम्हारे चारों ही भाई जीवित हों।”प्रश्न :1. युधिष्ठिर किसे जीवित करना चाहा?2. नकुल किसका पुत्र है?3. युधिष्ठिर के धर्म स्वभाव से कौन अत्यंत संतुष्ट हुये?4. यक्ष ने क्या वर दिया?5. उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से दिया गया है?

Answer»
  1. युधिष्ठिर नकुल को जीवित करना चाहा।
  2. नकुल माद्री का पुत्र है।b
  3. युधिष्ठिर के धर्म स्वभाव से यक्ष अत्यंत संतुष्ट हुए।
  4. यक्ष ने यह वर दिया कि युधिष्ठिर के चारों भाई ही जीवित हों।
  5. उपर्युक्त गद्यांश ‘यक्ष प्रश्न’ पाठ से दिया गया है।
18.

निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।प्रिया, घबराओ नहीं। इस मुद्रिका पर मेरे नाम के जितने अक्षर हैं उतने ही दिनों में मेरे कर्मचारी आकर तुम्हें अंतःपुर में पहुँचाएँगे। मुद्रिका देखते ही मैं भी तुम्हें पहचान सकूँगा। दुष्यंत चला गया और फिर उसने गर्भवती शकुन्तला की सुध नहीं ली। शकुन्तला प्रिय वियोग से व्याकुल होकर अपनी सुधबुध खो गयी। दुर्दैव से एक दिन क्रोधी दुर्वासा का आगमन हुआ और उन्हें आतिथ्य देने में शकुन्तला दत्तचित नहीं हो सकी। क्रोध में आकर दुर्वासा बोले – जिस प्रेमी के ध्यान में पड़कर तुम कर्तव्य भूल गयी हो, वह तुम्हें भूल जाएगा। शकुन्तला को इस कठोर वचन की भी सुध न रही। उस समय कण्व सोमतीर्थ गये हुए थे। उनको तो यह वृत्तान्त बिलकुल ज्ञात न था ।प्रश्न :1. प्रिय वियोग से व्याकुल होकर कौन अपनी सुधबुध खो गयी थी?A) दुष्यंतB) शकुंतलाC) रेणुकाD) जानकी2. शकुंतला का प्रिय कौन है?A) दुष्यंतB) विश्वामित्र.C) कण्वD) वशिष्ठ3. दुर्देव से एक दिन शकुंतला के पास किनका आगमन हुआ ?A) विश्वामित्रB) वशिष्ठC) दुर्वासD) दुष्यंत4. उस समय कण्व कहाँ गये थे?A) तिरुपतिB) उज्जैयनीC) भद्राचलमD) सोमतीर्थ5. यह वृत्तांत किन्हें बिलकुल ज्ञात न था?A) दुर्वासB) कण्वC) दुष्यंतD) वशिष्ठ

Answer»
  1. B) शकुंतला
  2. A) दुष्यंत
  3. C) दुर्वास
  4. D) सोमतीर्थ
  5. D) वशिष्ठ
19.

ये प्रश्न किसके मन में उत्पन्न हुए थे?स्वामी विवेकानंद ने इन प्रश्नों का उत्तर किससे पूछा होगा?इनके जीवन से हमें क्या संदेश मिलता है?

Answer»

ये प्रश्न स्वामी विवेकानंद के मन में उत्पन्न हुए थे।

स्वामी विवेकानंद ने इन प्रश्नों का उत्तर अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस से पूछा होगा।

इनके जीवन से हमें यह संदेश मिलता है कि अपने ऊपर विश्वास रखो। सर्व धर्म एक ही हैं। सर्व धर्मों का सार एक ही हैं। देश को प्यार करो। भाईचारे के साथ जीवन जीतो।