InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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शिक्षा की योजना पद्धति के महत्त्व को दर्शाने वाला कोई कथन लिखिए। |
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Answer» “योजना पद्धति शिक्षा का प्रजातान्त्रिक मार्ग है। यह बच्चों को सहयोग के लिए प्रोत्साहित करती है तथा सामान्य उद्देश्य के लिए विचार करने की प्रेरणा देती है।” -प्रो० भाटिया |
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योजना पद्धति का कोई एक उदाहरण प्रस्तुत कीजिए। |
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Answer» योजना पद्धति एक उदाहरण प्रोजेक्ट या योजना दो प्रकार के होते हैं- सरल और बहुपक्षीय। जिसमें एक ही काम होता है, उसे सरल प्रोजेक्ट कहते हैं; जैसे-रोटी पकाना, बाजार से कुछ सामान लाना आदि। बहुपक्षीय प्रोजेक्ट उसे कहते हैं, जिनके द्वारा बालकों को एक साथ कई विषयों का ज्ञान मिल जाता है; जैसे—सीमेण्ट की दीवार बनाना, विद्यालयों में पानी का प्रबन्ध करना, नाटक करना आदि। सी० डब्ल्यू० स्टोन (C. W. Stone) ने पार्सल भेजने के एक बहुपक्षीय प्रोजेक्ट का उल्लेख किया है, जिसके माध्यम से पाठ्यक्रम के कई विषयों की शिक्षा दी जाती है। इस प्रोजेक्ट के अनुसार चौथी कक्षा के विद्यार्थी अपने दूरवर्ती मित्रों तथा सम्बन्धियों को पार्सल भेजने का निश्चय करते हैं और उससे सम्बन्धित योजना तैयार करते हैं। इस पार्सल को डाक द्वारा भेजने के कार्य में बालक पाठ्यक्रम के विभिन्न विषयों का ज्ञान निम्नलिखित तरीकों से प्राप्त करते हैं| 1. वार्तालाप- सर्वप्रथम बालक पार्सल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के सम्बन्ध में वार्तालाप प्रारम्भ करते हैं। इससे उन्हें डाक सम्बन्धी अनेक स्थानों एवं नियमों का ज्ञान हो जाता है। इसके साथ-ही-साथ उनकी बोलने, सोचने तथा तर्क करने की शक्ति का विकास होता है। |
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प्रोजेक्ट प्रणाली का प्रमुख सिद्धान्त है(क) अनुभव का सिद्धान्त(ख) प्रयोजन का सिद्धान्त(ग) उपयोगिता का सिद्धान्त(घ) प्रयोगशाला का सिद्धान्त |
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Answer» सही विकल्प है (ख) प्रयोजन का सिद्धान्त |
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प्रोजेक्ट प्रणाली का प्रमुख दोष है(क) प्राजक्ट चयन में कठिनाई(ख) समय का अधिक व्यय(ग) व्यावहारिकता(घ) शारीरिक विकास के लिए उपयुक्त |
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Answer» सही विकल्प है (क) प्रोजेक्ट चयन में कठिनाई |
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मकमेरी के अनुसार प्रोजेक्ट के मुख्य प्रकारों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» चार्ल्स ए० मकमेरी ने प्रोजेक्ट के निम्नलिखित विशेष प्रकार बताए हैं| ⦁ साहित्य सम्बन्धी प्रोजेक्ट-इसमें साहित्यिक रचनाओं के आधार पर प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाता है; जैसे-नाटक, कहानी, कविता आदि। ⦁ विज्ञान सम्बन्धी प्रोजेक्ट-इस प्रकार के प्रोजेक्ट में बालकों के सामने विभिन्न प्रकार की अन्वेषण सम्बन्धी योजनाएँ प्रस्तुत की जाती हैं; जैसे-बेतार का तार, वायुयान, टेलीविजन आदि। |
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किलपैट्रिक के अनुसार प्रोजेक्ट के मुख्य प्रकारों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» किलपैट्रिक ने चार प्रकार के प्रोजेक्टों का उल्लेख किया है ⦁ रचनात्मक प्रोजेक्ट- ऐसे प्रोजेक्ट को रचनात्मक प्रोजेक्ट कहते हैं, जिनमें विचार अथवा योजना को बाह्य रूप से स्पष्ट किया जाए; जैसे–नाव बनाना, पत्र लिखना आदि। |
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सामाजिक प्रोजेक्ट से क्या आशय है ? |
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Answer» सामाजिक प्रोजेक्ट उस प्रोजेक्ट को कहते हैं जिनमें सब विद्यार्थी एक ही प्रोजेक्ट पर कार्य करते हैं और एक-दूसरे के सहयोग से उसे पूरा करते हैं। |
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“योजना वह सहृदय उद्देश्यपूर्ण कार्य है जो पूर्ण संलग्नता से सामाजिक वातावरण में किया जाए।” यह कथन किसका है ? |
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Answer» प्रस्तुत कथन किलपैट्रिक का है। |
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शिक्षा के क्षेत्र में योजना पद्धति की आवश्यकता क्यों अनुभव की गई? |
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Answer» किलपैट्रिक ने स्वयं योजना पद्धति की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए लिखा है, आधुनिक समय में शिक्षालय और समाज तीव्र एवं विस्तृत रूप में एक-दूसरे से पृथक् हो गए हैं। विचार एवं कार्य-दो क्षेत्रों में स्थान, समय और भेद में असम्बन्धित हो गए हैं। शिक्षालय में जो कुछ भी अध्ययन किया जाता है एवं संसार में जो कुछ हो रहा है, इन दोनों में बहुत ही कम सम्बन्ध पाया जाता है। शिक्षालय के विषयों में बालकों को प्रौढ़ों के साथ सामाजिक क्रियाओं में भाग लेने की कोई अवसर प्राप्त नहीं होता है, इसलिए हम चाहते हैं कि शिक्षा वास्तविक जीवन की गहराई में प्रवेश करे। केवल सामाजिक जीवन में ही नहीं, वरन् उस समस्त जीवन में जिसकी आकांक्षा करते हैं।’ |
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किलपैट्रिक द्वारा प्रतिपादित शिक्षा की योजना प्रणाली किस सिद्धान्त पर आधारित है? |
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Answer» किलपैट्रिक, द्वारा प्रतिपादित शिक्षा की योजना प्रणाली जॉन डीवी द्वारा प्रतिपादित प्रयोजनवाद नामक सिद्धान्त पर आधारित है। |
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“योजना वास्तविक जीवन का एक भाग है जो विद्यालय में प्रयोग किया जाता है। यह कथन किसका है ? |
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Answer» प्रस्तुत कथन बेलार्ड का है। |
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प्रोजेक्ट एक समस्याप्रधान कार्यवाही है जिसके अन्तर्गत स्वाभाविक परिस्थितियों में पूर्णता को प्राप्त किया जाता है।” यह कथन किसका है?(क) किलपैट्रिक का(ख) जॉन डीवी का(ग) कमेनियस का।(घ) स्टीवेन्सन का। |
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Answer» सही विकल्प है (घ) स्टीवेनन का |
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शिक्षा की योजना अथवा प्रोजेक्ट प्रणाली के प्रवर्तक कौन थे ?याप्रोजेक्ट शिक्षण-विधि किसकी देन है ? |
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Answer» शिक्षा की योजना अथवा प्रोजेक्ट प्रणाली के प्रवर्तक जॉन डीवी के शिष्य अमरीका के शिक्षाशास्त्री किलपैट्रिक थे। |
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शिक्षा की प्रोजेक्ट प्रणाली की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं ? |
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Answer» शिक्षा की प्रोजेक्ट प्रणाली की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं- व्यावहारिकता पर विशेष बल दिया जाना, रोचक पद्धति होना, मनोवैज्ञानिक पद्धति होना, श्रम को समुचित महत्त्व देना, मानसिक विकास पर बल देना, विकास के समान अवसर उपलब्ध कराना, आत्म-विकास के अवसर प्रदान करना, पाठ्य-विषयों की स्वाभाविकता तथा आपसी समन्वय, गृह, पाठशाला एवं समाज के बीच सम्बन्ध होना तथा चरित्र एवं सामाजिक भावना के विकास पर बल देना। |
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व्यक्तिगत प्रोजेक्ट से क्या आशय है ? |
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Answer» व्यक्तिगत प्रोजेक्ट उन्हें कहते हैं, जिनमें विद्यार्थी स्वतन्त्र रहकर कार्य करता है। कभी-कभी विद्यार्थी को अलग-अलग योजनाएँ दी जाती हैं जिन्हें वे पूर्ण करते हैं। |
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प्रोजेक्ट प्रणाली के जन्मदाता हैं(क) फ्रॉबेल(ख) जॉन डीवी(ग) किलपैट्रिक(घ) पेस्टालॉजी |
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Answer» सही विकल्प है (ग) किलपैट्रिक |
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प्रोजेक्ट प्रणाली का आधार है(क) आदर्शवाद(ख) प्रयोजनवाद(ग) उदारवाद(घ) प्रयोगवाद |
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Answer» सही विकल्प है (ख) प्रयोजनवाद |
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शिक्षा की योजना प्रणाली को प्रारम्भ करने का मुख्य उद्देश्य क्या था ? |
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Answer» शिक्षा की योजना प्रणाली को प्रारम्भ करने का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को यथार्थ जीवन से जोड़ना था। |
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शिक्षा की योजना पद्धति में सीखने की प्रक्रिया के आधार क्या हैं?याप्रोजेक्ट पद्धति का सम्बन्ध किस प्रकार के जीवन से है ? |
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Answer» शिक्षा की योजना पद्धति में सीखने की प्रक्रिया करके सीखने’ (Learning by doing) तथा जीने से सीखने (Learning by living) पर आधारित है। |
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शिक्षा की योजना पद्धति के मुख्य गुणों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» योजना पद्धति के गुण (Merits of Project Method) 1. व्यावहारिकता- इस पद्धति के अनुसार बालक पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त नहीं करते, बल्कि वे स्वयं विभिन्न प्रकार की योजनाओं व समस्याओं को जीवन में कार्यान्वित करने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार जो ज्ञान बालकों को प्राप्त होता है, वह व्यावहारिक होता है और उसकी योजना पद्धति के गुण जीवन में उपयोगिता होती है। |
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शिक्षा की योजना पद्धति के अन्तर्गत मुख्य रूप से कितने प्रकार के प्रोजेक्ट होते हैं ? |
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Answer» शिक्षा की योजना पद्धति के अन्तर्गत मुख्य रूप से दो प्रकार के प्रोजेक्ट होते हैं- |
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योजना पद्धति के मुख्य दोषों अथवा कमियों का सामान्य विवरण प्रस्तुत कीजिए। |
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Answer» योजना पद्धति के दोष (Defects of Project Method) भले ही शिक्षा की योजना पद्धति के विभिन्न गुणों का उल्लेख किया जाता है, परन्तु अन्य शिक्षा-पद्धतियों के ही समान इस पद्धति में भी कुछ दोष हैं। इस पद्धति में मुख्य दोषों अथवा कमियों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है 1. खर्चीली पद्धति- इस पद्धति को कार्यान्वित करने के लिए अनेक पुस्तकों तथा यन्त्रों की आवश्यकता होती है, जिनके प्रबन्ध में काफी धन व्यय करना पड़ता है। इसलिए सामान्य विद्यालयों में इस पद्धति का प्रयोग नहीं किया जा सकता। |
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प्रोजेक्ट प्रणाली की शिक्षण विधि का अन्तिम चरण है(क) प्रोजेक्ट का चुनाव(ख) योजना का निर्माण(ग) मूल्यांकन(घ) कार्य का लेखा। |
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Answer» सही विकल्प है (घ) कार्य का लेखा |
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प्रोजेक्ट प्रणाली की क्या उपयोगिता है ? |
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Answer» आधुनिक शिक्षा- पद्धतियों में प्रोजेक्ट या योजना प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस प्रणाली का मुख्यतम गुण है-व्यावहारिकता। इस प्रणाली से प्राप्त होने वाला ज्ञान व्यावहारिक होता है तथा वह जीवन के लिए उपयोगी होता है। यह एक रोचक शिक्षा-प्रणाली है, जो मनोवैज्ञानिक मान्यताओं पर आधारित है। यह बच्चों के मानसिक विकास में सहायक है। इस शिक्षा-पद्धति में सभी बालकों को समान रूप से कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है, चाहे उनकी बुद्धि तीव्र, मन्द अथवा साधारण हो। यह शिक्षा-प्रणाली बालकों को आत्म-विकास के अवसर प्रदान करती है। इस प्रणाली में विभिन्न विषयों को समन्वित रूप से पढ़ाया जाता है। इस शिक्षा-प्रणाली में गृह, पाठशाला तथा समाज में एक प्रकार का सम्बन्ध स्थापित किया जाता है। प्रोजेक्ट प्रणाली बालकों के चरित्र के विकास में भी सहायक है। इसके अतिरिक्त प्रोजेक्ट प्रणाली की एक अन्य उपयोगिता है–सामाजिक भावना के विकास में सहायक होना। इस पद्धति में बालकों को दूसरे के सहयोग से कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है। इससे उनमें सामाजिकता की भावना का विकास होता है। |
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शिक्षा की योजना प्रणाली के चार मुख्य सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» ⦁ उद्देश्य या प्रयोजन का सिद्धान्त, ⦁ क्रियाशीलता का सिद्धान्त, ⦁ स्वतन्त्रता का सिद्धान्त तथा ⦁ उपयोगिता का सिद्धान्त। |
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शिक्षा की योजना पद्धति के चार मुख्य दोषों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» ⦁ खर्चीली पद्धति, ⦁ प्रोजेक्ट के चुनाव की कठिनाई, ⦁ उचित परीक्षा प्रणाली का अभाव तथा ⦁ विषयों के क्रमबद्ध अध्ययन का अभाव। |
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योजना पद्धति की कार्य-प्रणाली को स्पष्ट करने के लिए उसके विभिन्न सोपानों का उल्लेख कीजिए। योजना शिक्षण पद्धति के कौन-से सोपान हैं ? |
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Answer» योजना शिक्षण पद्धति के सोपान योजना शिक्षण पद्धति के मुख्य सोपान निम्नलिखित हैं |
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शिक्षा की योजना पद्धति के चार मुख्य गुणों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» ⦁ व्यावहारिकता, ⦁ रोचक एवं मनोवैज्ञानिक पद्धति, ⦁ पाठ्य-विषयों की स्वाभाविकता तथा ⦁ गृह, पाठशाला तथा समाज से सम्बन्धित |
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शिक्षा की योजना पद्धति (Project Method) से आप क्या समझते हैं? इस पद्धति के मुख्य सिद्धान्तों का भी उल्लेख कीजिए।याप्रोजेक्ट विधि के मुख्य सिद्धान्त क्या हैं? |
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Answer» आधुनिक शिक्षा पद्धतियों में प्रोजेक्ट या योजना पद्धति का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस पद्धति के प्रवर्तक जॉन डीवी के शिष्य अमरीकन शिक्षाशास्त्री किलपैट्रिक थे। ये कोलम्बिया विश्वविद्यालय के अध्यापकों के कॉलेज में शिक्षाशास्त्र के प्रोफेसर थे। डीवी (Dewey) के प्रयोजनवाद के सिद्धान्तों के आधार पर ही इन्होंने योजना शिक्षा-पद्धति का निर्माण किया। प्रारम्भ में इस पद्धति का प्रयोग कृषि के कार्यों में किया जाता था, परन्तु कालान्तर में इस पद्धति का प्रयोग अन्य क्षेत्रों में भी होने लगा। इस पद्धति में पाठ्य-विषय का अध्ययन कराने के स्थान पर उसे प्रत्यक्ष रूप से समझाया जाता है। योजना पद्धति का अर्थ एवं परिभाषा योजना पद्धति के जनक किलपैट्रिक का कथन है कि कार्य दो प्रकार से किया जाता है—योजना बनाकर और बिना योजना के। योजना वाले कार्यों में भी कुछ कार्य ऐसे होते हैं, जो जीवन की समस्या से सम्बन्धित होते हैं और कुछ कार्य ऐसे होते हैं, जिनका जीवन की समस्याओं से कोई सम्बन्ध नहीं होता। योजना शिक्षा पद्धति के अनुसार बालक जो कार्य करते हैं, वे पूर्व निर्धारित होते हैं और जीवन की समस्याओं से सम्बन्धित होते हैं; जैसे—विद्यालय में सूत कातती हुई लड़कियों से यदि कह दिया जाए कि उस सूत से उनके लिए साड़ियाँ बनवाई जाएँगी तो वे और मन लगाकर तीव्र गति से कार्य करेंगी। इस प्रकार कार्यों को उद्देश्यपूर्ण, सार्थक, रोचक और स्वाभाविक बनाया जाता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि योजना सोद्देश्य, स्वाभाविक, सार्थक एवं रुचिपूर्ण कार्य का आयोजन है। योजना शब्द की प्रमुख परिभाषाओं का विवरण निम्नलिखित है— ⦁ किलपैट्रिक के अनुसार, “योजना वह सहृदय उद्देश्यपूर्ण कार्य है जो पूर्ण संलग्नता से सामाजिक वातावरण में किया जाए।” ⦁ रायबर्न के अनुसार, “योजना वह उद्देश्यपूर्ण कार्य है जिसे सहयोग तथा सद्भावना से बालक स्वेच्छापूर्वक पूरा करने का प्रयास करते हैं।” योजना पद्धति के सिद्धान्त (Principles of Project Method) योजना पद्धति एक नई शिक्षा-पद्धति है, जिसका निर्माण अमेरिका में शिक्षा के क्षेत्र में प्रचलित प्राचीन परम्पराओं की प्रतिक्रियास्वरूप हुआ है। यह पद्धति ‘करके सीखने’ (Learning by doing) के साथ-साथ रहकर सीखने’ (Learning by living) परे भी बल देती है। इस पद्धति के आधारभूत सिद्धान्त निम्नलिखित हैं| 1. उद्देश्य या प्रयोजन का सिद्धान्त- इस पद्धति के अनुसार बालकों के सम्मुख कोई भी कार्य समस्या के रूप में प्रस्तुत कर दिया जाता है और उसे पूरा करने में कोई उद्देश्य निहित रहता है। उद्देश्य के अभाव में योजना निरर्थक हो जाती है, क्योंकि कोई भी कार्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही किया जाता है। जब बालक के सामने कोई उद्देश्य स्पष्ट होता है तो वह उत्तेजित होकर मन लगाकर काम करता है उद्देश्य या प्रयोजन का सिद्धान्त है। इसका परिणाम यह होता है कि बालक कम समय में अधिक ज्ञान क्रियाशीलता का सिद्धान्त प्राप्त कर लेते हैं। |
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