 
                 
                InterviewSolution
 Saved Bookmarks
    				| 1. | हमारे पूर्वजों ने स्त्री का बड़ा महत्त्व माना है। उन्होंने स्त्री को धार्मिक कार्यों में अग्रस्थान दिया है और उसकी बड़ी प्रशंसा की है। वे मानते थे कि जिस घर में विदुषी नारी होती है, वहाँ के नरनारी सद्गुणों से विभूषित हो जाते हैं। इसीलिए तो मनु ने कहा है कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।” अर्थात् जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं।स्त्री तो घर की रानी है। उसका प्रभाव बच्चों पर सबसे ज्यादा होता है। बचपन में बालकों पर जो गहरे संस्कार पड़ते हैं, वे हमेशा के लिए रहते हैं। इस प्रकार स्त्री के कारण ही मानवसमाज ने उन्नति की है। स्त्री ही दुनिया में बड़े-बड़े महापुरुष पैदा करती है। मानवसमाज की उन्नति में उसका जितना हाथ है उतना किसी और का नहीं है। उसकी प्रेरणा से संसार में मनुष्य-रत्न पैदा होते हैं और मानवसमाज को उन्नति के पथ पर ले जाते हैं।हमारे पूर्वजों ने स्त्री को क्या महत्त्व दिया है?मनु ने नारी की महत्ता को किस ऊंचाई तक पहुंचाया है?बालकों के जीवन-निर्माण में स्त्री का क्या योगदान होता है?मानवसमाज को उन्नति के पथ पर कौन ले जाता है?इस परिच्छेद के लिए एक उचित शीर्षक दीजिए। | 
| Answer» 1) हमारे पूर्वजों ने स्त्री की महत्ता स्वीकार करते हुए उसे धार्मिक आदि कार्यों में अग्रस्थान दिया है। 2) मनु ने नारी की महत्ता को ईश्वर की ऊँचाई तक पहुंचाया है। 3) स्त्री घर की रानी है, बच्चों पर उसका प्रभाव सबसे अधिक होता है। अतएव बालकों के जीवन-निर्माण में स्त्री का योगदान अधिक है। 4) संसार में उत्पन्न होनेवाले मनुष्य-रल मानवसमाज को उन्नति के पथ पर ले जाते हैं। 5) उचित शीर्षक : नारी की महत्ता | |