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    				| 1. | मनुष्य तो मनुष्य ही है। पशु-पक्षी भी जहाँ जन्म लेते हैं, अपने उस देश को प्रेम करते हैं। जंगल में पैदा हुए किसी जानवर को आप पिंजड़े में बंद कर सकते हैं, उसे लाख आराम पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं, पर वह सुखी नहीं हो सकता। उसे तो अपने जंगल का देश ही प्यारा लगता है। उसी तरह मुक्त आकाश में उड़नेवाले पक्षी को पिंजड़े में बंद करके सब तरह का सुख पहुंचाना चाहें तो भी वह कदापि सुखी नहीं हो सकता। उसका देश खुला आकाश, पेड़ों की शाखाएं हैं और घोंसला है। वहाँ वह धूप, वर्षा और ठंड के कष्ट सहकर भी सुखी रह सकता है।पशु-पक्षी किस स्थान से प्रेम करते हैं?पिंजड़े में बंद जंगली जानवर सुखी क्यों नहीं हो सकता?पक्षी का देश कौन-सा है?इस परिच्छेद से हमें क्या सीख मिलती है?इस परिच्छेद के लिए एक उचित शीर्षक दीजिए। | 
| Answer» 1) पशु-पक्षी अपनी जन्मभूमि से प्रेम करते हैं। 2) जंगली जानवर भी अपने देश को, अपनी जन्मभूमि को बहुत प्रेम करते हैं। इसलिए अपनी जन्मभूमि जंगल से दूर रहकर पिंजड़े में बंद जंगली जानवर सुखी नहीं हो सकता। 3) पक्षी का देश खुला आकाश, वृक्षों की शाखाएं और घोंसला है। 4) इस परिच्छेद से हमें यह सीख मिलती है कि अपनी जन्मभूमि के प्रति हमारे दिल में सच्चा प्रेम होना चाहिए। जीवन का सच्चा आनंद आजादी में है। 5) उचित शीर्षक स्वदेशप्रेम अथवा जन्मभूमि और स्वतंत्रता | |