1.

‘तुमुलखण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग की कथावस्तु अपने शब्दों में लिखिए।

Answer»

द्वितीय सर्ग (दशरथ-पुत्रों का जन्म एवं बाल्यकाल)

इस सर्ग में कवि ने राजा दशरथ के चार पुत्रों के जन्म एवं बाल्यकाल का वर्णन किया है। राजा दशरथ के राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न चार पुत्र उत्पन्न हुए। इन भाइयों में परस्पर प्रगाढ़ प्रेम था। इनके बचपन की लीलाएँ राजमहल की शोभा को द्विगुणित कर देती हैं। राम एवं लक्ष्मण का जन्म राक्षसों के विनाश एवं साधु-सन्तों को अभयदान देने के लिए ही हुआ था। राम के छोटे भाई लक्ष्मण, नीतिज्ञ, ज्ञानी, गुणवान्, सच्चरित्र और उदार थे। वे शेषनाग के  अवतार एवं पृथ्वी के आधार थे। इक्ष्वाकु वंश के महाराज दशरथ का यश संसार के कोने-कोने में फैला है। वे कर्तव्यपरायण, दानवीर तथा युद्ध विद्या में पारंगत हैं। युद्ध विद्या में उनकी समानता करने वाला कोई नहीं था। राजा दशरथ नीतिज्ञ, सुख-शान्ति में विश्वास रखने वाले तथा सच्चरित्र थे।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions