InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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मल्टीपल युनिट ट्रेन से आप क्या समझते है ? |
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Answer» रेलवे में उपयोग आनेवाले इन्जीन में सामान्यतः चालक बल के रूप में डीजल/विद्युत का उपयोग करते है । कई बार रेल में सभी अथवा अमुक डिब्बे भी चालक बल के रूप में कार्य करते है, जिसे मल्टीपल युनिट ट्रेन कहा जाता है । रेलवे में अभी चालक बल के रूप में केबल, गुरुत्वाकर्षण, चुम्बकीय शक्ति का भी उपयोग होता है । भारत में वर्तमान में ही क्रोम्प्रेस्ड नेचरल गैस (CNG) का चालक बल के रूप में उपयोग करनेवाले इन्जिन का उपयोग होने लगा है । |
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बीमा के मुख्य प्रकार बताइए । |
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Answer» बीमा के दो प्रकार है :
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बैंक द्रव्य का लेन-देन करनेवाली संस्था है । |
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Answer» यह विधान सही है, बैंक का मुख्य कार्य बचत को द्रव्य के रूप में स्वीकार कर द्रव्य को कर्ज (ऋण) के रूप में देना है । बैंक आम जनता की बचत स्वीकार करता है अर्थात् द्रव्य लेता है, एवं जब द्रव्य उधार देता है, तब द्रव्य देता है । अर्थात बैंक द्रव्य का लेन-देन करनेवाली संस्था है। |
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बैंक का कार्य भी दुकान जैसा ही है । |
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Answer» यह विधान सही है । जिस प्रकार एक दुकानदार कम कीमत पर माल खरीदकर अधिक कीमत पर माल का विक्रय करता है, ठीक इसी प्रकार बैंक भी द्रव्य की खरीदी एवं बिक्री करता है । बैंक जब बचत को स्वीकार करता है, तब ब्याज देता है, जिसे खरीदी माना जा सकता है । इसी तरह बैंक ऋण (कर्ज) देकर ब्याज लेता है, जिसे विक्रय माना जा सकता है । इस प्रकार बैंक कम ब्याज पर रकम लेकर अधिक ब्याजदर से ऋण प्रदान करते हैं । |
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बीमा पॉलिसी से आप क्या समझते है ? . |
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Answer» बीमा पॉलिसी अर्थात् जब बीमा उतरवाया जाता है, तब बीमा कम्पनी बीमा उतरवानेवाले व्यक्ति या संस्था को दस्तावेजी प्रमाण के रूप में जो पत्र/पॉलिसी दी जाती है, उन्हें बीमा पॉलिसी कहते हैं, जिसमें बीमा सम्बन्धी नीति नियम दर्शाये हुए होते है । |
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जीवन बीमा से आप क्या समझते है ? |
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Answer» जीवन बीमा (Life Insurance) अर्थात् जिन्दगी के सामने रक्षण प्राप्त करने हेतु जो बीमा, बीमा कम्पनी के समक्ष उतरवाया जाता है, उसे जीवन का बीमा कहते हैं । ऐसा बीमा दीर्घ अवधि का होता है । ऐसा बीमा दो प्रकार का होता है । (1) आजीवन बीमा |
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गोदाम किसे कहते हैं ? |
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Answer» गोदाम अर्थात् एक ऐसी सेवा जिसमें उत्पादों का संग्रह, देखभाल व सुरक्षा आदि कार्य होते हो, जिससे माल को आग, धूल, नमी, मिट्टी आदि के सामने रक्षण मिलता हो । |
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जिन्दगी के बीमे में कौन-से सिद्धान्त लागू पड़ते है ? |
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Answer» दो सिद्धान्त लागू पड़ते है ।
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बैंक देश के आर्थिक विकास का महत्त्वपूर्ण पाया (नीव) है । |
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Answer» बैंक यह देश के आर्थिक विकास की नींव के समान हैं, क्योंकि बैंक के माध्यम से अनेक व्यापारी, उद्योगपति, कम्पनियाँ, व्यक्तिगत मालिकी व साझेदारीवाली संस्थाओं को बैंक के माध्यम से वित्तीय सहायता, सलाह-सूचन-मार्गदर्शन, वित्तीय हस्तांतरण विदेशी मुद्रा में परिवर्तन इत्यादि सेवाएँ प्राप्त होती हैं । इन सबके विकास में भी बैंक की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है । इसके अलावा ये संस्थाएँ बड़े पैमाने में लाभ कमायेगी, आवश्यक कर (Tax) चुकाया जायेगा, परिणामस्वरूप अनेक लोगों को रोजगार मिलेगा, वेतनभोगी कर्मचारी भी आयकर (Income Tax) अदा करते हैं तो यह सब आय देश के आर्थिक विकास के काम में ली जाती है । इस प्रकार हम कह सकते हैं कि देश की आर्थिक व्यवस्था में बैंक का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है । |
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मासिक आय योजना MIS : Monthly Income Scheme खाता कितने वर्ष के लिए खुलता है ? |
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Answer» मासिक आय योजना MIS : Monthly Income Scheme खाता 5 वर्ष के समयकाल के लिए खुलता है । |
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पुन: निर्यात के लिए कौन-से गोदाम उपयोगी होते है ?(A) बोन्डेड गोदाम(B) जकात/चुंगी भरे हुए गोदाम(C) निजी गोदाम(D) सार्वजनिक गोदाम |
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Answer» सही विकल्प है (A) बोन्डेड गोदाम |
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मालिकी की दृष्टि से गोदाम के प्रकार बताइए । |
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Answer» मालिकी की दृष्टि से गोदाम के प्रकार:
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गोदामों की सेवा में चीज-वस्तुओं की समय उपयोगिता बढ़ती है । |
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Answer» यह विधान सही है । चीज-वस्तुओं के संग्रह और सुरक्षा की व्यवस्था अर्थात् गोदाम की सेवा । कुछ वस्तुओं का उत्पादन बारहों महीने होता है । जबकि उनकी माँग अमुक निश्चित समय पर ही रहती है जैसे ऊनी कपड़े । इसी प्रकार कुछ वस्तुओं का उत्पादन निश्चित ऋतु या मौसम में ही होता है जब कि उसकी माँग बारहों महीने रहती है जैसे अनाज । इसके अलावा आधुनिक समय में उत्पादन भविष्य में माँग की अपेक्षा से किया जाता है । गोदाम की सुविधा के कारण जो वस्तु जिस समय और स्थान पर आवश्यक हो मिल जाती है । इस प्रकार गोदाम की सेवा चीज-वस्तुओं की समय उपयोगिता में वृद्धि करता है । |
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गोदाम से कौन-सी उपयोगिता बढ़ती है ? |
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Answer» समय उपयोगिता बढ़ती है । |
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तरल अथवा गैस, जल, पेट्रोलियम इत्यादि के लिए इनमें से कौन-सा मार्ग उपयोगी है ?(A) जल मार्ग(B) सड़क मार्ग(C) पाईपलाईन मार्ग(D) हवाई मार्ग |
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Answer» सही विकल्प है (C) पाईपलाईन मार्ग |
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बीमा से आप क्या समझते है ? |
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Answer» बीमा (Insurance) अर्थात् दो पक्षकारों के मध्य ऐसा लिखित करार है कि जिसमें एक पक्ष निश्चित की गई रकम के बदले में दूसरे पक्ष को, भविष्य में अनिश्चित जोखिमों से होनेवाले नुकसान को अदा करने का विश्वास देता है । ‘बीमा एक ऐसी योजना है जिसके द्वारा व्यक्तिगत जोखिमों का विभाजन एक बड़े समूह में होता है ।’ |
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‘वाणिज्य के विकास में बीमे का योगदान कम नहीं हैं ।’ समझाइए । |
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Answer» वाणिज्य के विकास में बीमे का योगदान कम नहीं होता है, बल्कि बहुत ही अधिक होता है । क्योंकि विभिन्न व्यापारी, उद्योगपति, विभिन्न संस्थाएँ, विभिन्न बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ, छोटे-छोटे गृह-उद्योग इत्यादि इन सभी इकाइयों में अनेक प्रकार के जोखिम बने रहते हैं । परिणामस्वरूप सभी प्रकार के जोखिमों के सामने बीमा कम्पनी रक्षण प्रदान करती है । अगर नुकसान हो जाता है, तो बीमा कम्पनी मुआवजा दे देती है । ऐसी स्थिति में व्यापारी अपना सम्पूर्ण ध्यान अपने व्यापार पर केन्द्रित कर सकता है । इस प्रकार जब विभिन्न उद्योग-धन्धों का कम्पनियों का विकास होगा तो वाणिज्य का भी विकास होगा । अत: वाणिज्य के विकास में बीमे का योगदान अधिक होता है । |
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किसान विकास पत्रों की समयावधि कितनी होती है ? |
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Answer» किसान विकास पत्रों की समयावधि 5 वर्ष और 10 वर्ष | |
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गोदाम से कौन-सी उपयोगिता बढ़ती है ?(A) समय(B) स्थान(C) स्वरूप(D) उपरोक्त सभी |
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Answer» सही विकल्प है (A) समय |
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विशिष्ट गोदामों में किस प्रकार के माल का संग्रह होता है ? |
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Answer» पटाखे, ज्वलनशील रासायनिक पदार्थ, घरेलू गैस, पेट्रोल इत्यादि जैसी वस्तुओं का संग्रह किया जाता है । |
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डाक विभाग कौन-सी सरकार की मालिकी है ?(A) राज्य सरकार(B) भारत सरकार(C) ग्राम पंचायत(D) महानगर पालिका |
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Answer» सही विकल्प है (B) भारत सरकार |
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बीमा के कितने सिद्धान्त है ? व कौन-कौन-से ? |
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Answer» बीमा के चार सिद्धान्त है :
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उत्पादकों के निजी गोदाम की अपेक्षा व्यापारियों के गोदाम कम सुविधाजनक होते हैं । |
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Answer» यह विधान सही है । उत्पादन की प्रक्रिया का सातत्य बनाये रखने के लिए उत्पादकों को कच्चा माल, अर्ध तैयार माल और पूर्णत: तैयार माल का संग्रह करना पड़ता है और उसकी सुरक्षा करनी पड़ती है । उत्पादित वस्तुओं की माँग के अनुसार उन्हें बाजार प्रक्रिया करके गोदाम में संग्रह करके रखना पड़ता है । जिन उत्पादकों के माल का बाजार राष्ट्रीय स्तर पर हो उन्हें प्रादेशिक वितरण केन्द्र भी रखना पड़ता है । संक्षेप में उत्पादकों के निजी गोदाम अनेक सुविधावाले होते हैं । उसकी तुलना में व्यापारी की व्यापार-प्रवृत्ति मर्यादित होती है । खरीदे हुए माल का विक्रय हो उस समय तक ही व्यापारी को गोदाम की आवश्यकता रहती है । इसलिए उसमें अतिरिक्त सुविधा की आवश्यकता नहीं रहती है । |
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बोन्डेड गोदाम को संक्षेप में समझाइए । |
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Answer» बोन्डेड गोदाम बन्दरगाह विस्तार में होते है । इसका संचालन बन्दरगाह पर स्थित अधिकारी करते हैं । बन्दरगाह पर जो माल आयात किया जाता है, उस माल पर जब तक आयातकर्ता आयात-कर इत्यादि भर कर विधि पूर्ण न करे तब तक ऐसे गोदाम में माल सुरक्षित रखा जा सकता है । जब तक आयातकर्ता आवश्यक कर न भरें तब तक सामान बाहर नहीं आता । ऐसा गोदाम बोन्डेड गोदाम के नाम से पुकारा जाता है । |
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सम्पूर्ण विश्वास का सिद्धान्त से आप क्या समझते है ? |
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Answer» बीमा करार के पक्षकारों को परस्पर सम्पूर्ण विश्वास रखना होता है । करार करते समय दोनों पक्षकारों को परस्पर की जो आवश्यक हो वो बीमाकृत वस्तु के बारे में सभी जानकारी देनी होती है । यदि कोई जानकारी जानबूझकर छुपाई गई हो तो बीमा करार रद्द माना जायेगा तथा भरी हुई प्रीमियम की रकम वापस नहीं मिलेगी तथा नुकसान होने पर मुआवजा भी प्राप्त करने का अधिकारी भी नहीं होते । उदाहरण : मकान का बीमा उतारा जाए तब मकान में विस्फोटक पदार्थ का संग्रह हो तो उस सम्बन्ध में परिचित कराना आवश्यक है । जीवन बीमा में बीमा उतरवानेवाले व्यक्ति को टी.बी. या कैन्सर जैसी भयंकर बीमारी हो तो उसका उल्लेख करना चाहिए । |
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विभिन्न बीमों में से कौन-से बीमे में प्रीमियम की दर अधिक होती है ?(A) समुद्री मार्ग(B) सड़क मार्ग(C) आग का बीमा(D) हवाई बीमा |
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Answer» सही विकल्प है (D) हवाई बीमा |
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‘गोदाम के कारण समय तुष्टिगुण में वृद्धि होती है ।’ स्पष्ट कीजिए । |
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Answer» उपरोक्त कथन सत्य हैं । विभिन्न चीजवस्तुओं का संग्रह और सुरक्षा की व्यवस्था अर्थात् गोदाम की सेवा । कुछ वस्तुओं का उत्पादन बारहों महीने होता है । जबकि उनकी माँग अमुक निश्चित समय पर ही रहती है जैसे ऊनी कपड़े । इसी प्रकार कुछ वस्तुओं का उत्पादन निश्चित ऋतु या मौसम में ही होता है जब कि उसकी माँग बारहों महीने रहती है, जैसे अनाज । इसके अलावा आधुनिक समय में उत्पादन भविष्य में माँग की अपेक्षा से किया जाता है । गोदाम की सुविधा के कारण जो वस्तु जिस समय और स्थान पर आवश्यक हो मिल जाती है । इस प्रकार गोदाम की सेवा चीज-वस्तुओं की समय उपयोगिता में वृद्धि करता है । |
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NEFT में अधिक से अधिक कितनी रकम का हस्तांतरण कर सकते है ?(A) कितनी भी(B) 2 लाख(C) 5 लाख(D) 50,000 |
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Answer» सही विकल्प है (B) 2 लाख |
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किसान विकास पत्र में परिपक्व तारीख पर कितनी रकम ब्याज सहित चुकाई जाती है ?(A) 2 गुणा(B) 3 गुणा(C) 4 गुणा(D) 5 गुणा |
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Answer» सही विकल्प है (A) 2 गुणा |
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कौन-से गोदाम के मालिकों द्वारा माल का संग्रह-कार्य एक धन्धे के रूप में करते हैं ? |
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Answer» सार्वजनिक गोदाम के मालिकों द्वारा माल का संग्रह-कार्य एक धन्धे के रूप में कार्यरत होता है । |
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बीमा योग्य हित का सिद्धान्त स्पष्ट कीजिए । |
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Answer» बीमा योग्य हित का सिद्धांत : बीमा उतरवानेवाले का, जिस वस्तु या व्यक्ति का बीमा वह उतरवा रहा हो, उसमें उचित हित होना चाहिए । बीमा उचित हित अर्थात् वस्तु या मिलकत की हयाती या अस्तित्व से बीमा उतरवानेवाले का लाभ और वस्तु या मिलकत के नुकसान या नाश से बीमा उतरवानेवाले को हानि होती हो यह भी देता जाता है । उदाहरण : एक मकान के लिए
एक साझेदार का दूसरे साझेदारों की जिन्दगी में बीमा उचित हित है । ऐसा हित न रखनेवाला व्यक्ति यदि बीमा उतरवाता है तो वह बीमा-करार कायदेसर नहीं माना जा सकता है और इसलिए बीमा कंपनी को बंधनकर्ता नहीं है । जिन्दगी के बीमा में बीमा उचित हित बीमा लेते समय होना चाहिए । जबकि अन्य बीमों के लिए बीमा लेते समय और नुकसानी के समय भी बीमा उचित हित होना चाहिए । |
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क्षतिपूर्ति का सिद्धान्त व अधिकार परिवर्तन के सिद्धान्त कौन-से बीमा में लागू नहीं पड़ता है ?(A) जीवन बीमा(B) दुर्घटना का(C) समुद्री बीमा(D) आग का |
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Answer» सही विकल्प है (A) जीवन बीमा |
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क्षतिपूर्ति का सिद्धान्त समझाइए । |
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Answer» क्षतिपूर्ति का सिद्धांत : बीमा का करार नुकसानी के सामने रक्षण प्राप्त करने के लिए होता है । बीमा उतरवानेवाले को जो नुकसान होता है उसके प्रमाण में बीमा उतारनेवाला रकम देता है । बीमे की पॉलिसी चाहे जितनी भी रकम के लिए हो परन्तु नुकसानी की रकम से अधिक रकम नहीं मिल सकती । उदाहरण : एक लाख रुपये की कीमतवाली संपत्ति का एक लाख रुपये का बीमा हो । यदि संपत्ति को बीस हजार रुपये का नुकसान हुआ हो तो बीमा कंपनी बीस हजार रुपये से अधिक का दावा नहीं मंजूर करेगी । संपत्ति के मूल्य की अपेक्षा अधिक रकम का बीमा लिया जाये तो भी नुकसान से अधिक रकम का मुआवजा नहीं मिल सकता । परन्तु यदि कम रकम का बीमा लिया जाय तो वास्तविक नुकसान . के अनुपात में कम मुआवजा मिलेगा । इस सिद्धांत के कारण गैररीतियों के किये जाने अथवा जुआ खेलने की वृत्ति पर अंकुश लग जाता है । यद्यपि यह सिद्धांत जिन्दगी के बीमा के लिए लागू नहीं किया जा सकता । कारण कि मानव-जीवन का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है । |
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‘बीमा जोखिम को रोक नहीं सकता, लेकिन जोखिम से उत्पन्न आर्थिक नुकसान को रक्षण देता है ।’ विधान की यथार्थता बताइए । |
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Answer» आधुनिक युग में धन्धे में तथा व्यक्तियों को अनेक जोखिमों का सामना करना पड़ता है । इन जोखिमों से माल-मिलकत को और व्यक्ति को नुकसान होता है । यह नुकसान दो प्रकार का होता है : भौतिक नुकसान और आर्थिक नुकसान । माल-मिल्कियत को आग लगने से उसका थोड़ा या पूरा भाग जल जाता है, यह भौतिक नुकसान है । इस जले हुए भाग की कीमत जितना उसके मालिक को आर्थिक नुकसान होता है । बीमा यह (भौतिक) नुकसान रोक नहीं सकता है । परन्तु आर्थिक नुकसान को भरपाई कर देता है । इस प्रकार नुकसान की भरपाई होने से बीमेदार को जोखिम के सामने सुरक्षा मिलती है । इसलिए कहा जाता है कि बीमा जोखिम रोकता नहीं है परन्तु जोखिम के सामने रक्षण देता है । |
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गोदाम की सेवाएँ कौन-कौन-से जोखिमों के सामने रक्षण प्रदान करती हैं ? |
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Answer» गोदाम की सेवाओं द्वारा चोरी, आग, लूट-पाट, गर्मी, वातावरण, पानी, नमी, धूल, माल का खराब होना इत्यादि जोखिमों के सामने गोदाम की सेवा से रक्षण प्राप्त होता है । |
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RTGS में कम से कम कितनी रकम का हस्तांतरण कर सकते है ?(A) कितनी भी(B) 2 लाख(C) 5 लाख(D) 50,000 |
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Answer» सही विकल्प है (B) 2 लाख |
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परिवहन वाहन व्यवहार का अर्थ एवं प्रकार संक्षिप्त में समझाइए । |
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Answer» परिवहन का अर्थ : परिवहन यह एक ऐसी सेवा है कि जिसमें मनुष्यों और माल-सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है । परिवहन के प्रकार : (1) मानव शक्ति संचालित : मनुष्यों और माल-सामान हेरफेर के लिए मानव बल संचालित परिवहन अभी भी प्रचलित व पर्यावरण के अनुकूल है । बहुत से स्थानों पर पेंडल रिक्षा के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते है । जैसे कोलकाता में अब भी पेंडल रिक्षा का उपयोग मनुष्यों के आवागमन के लिए होता है । हाथ-लारी द्वारा आज भी भारत के सभी राज्यों में मालसामान को नजदिक के स्थानों तक पहुँचाया जाता है । (2) पशुबल संचालित : पशुओं द्वारा मनुष्यों और मालसामान के आवागमन के लिए कम दूरी के स्थानों के लिए दिखाई देते है । जैसे बैल गाड़ी, घोड़ा गाड़ी आदि । (3) हवाई मार्ग : हवाई मार्ग द्वारा मनुष्यों और माल-सामान की बहुत ही तेजी से लम्बी दूरी के लिए सम्भव है । कम दूरी के लिए हवाई मार्ग महँगा सिद्ध होता है । हवाई मार्ग अर्थात् विमानों के लिए रनवे जरूरी है । कम अन्तर के लिए कम व्यक्ति व माल-सामान हेतु जहाँ रनवे न बन सके वहाँ ऐसे दुर्गम विस्तारों के लिए हेलीकॉप्टर की सेवाएँ अधिक अनुकूल होती है । (4) जमीन मार्ग : (A) रेलवे मार्ग : भारतीय रेल द्वारा मनुष्यों और माल-सामान का आवागमन होता है । रेल मार्ग भारतीय रेल विभाग की सम्पत्ति है । जिसमें दैनिक असंख्य लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर आते-जाते है तथा रेल विभाग द्वारा माल-वाहक गाड़ियों के माध्यम से दैनिक हजारों टन माल का भी हेरफेर होता है । रेल विभाग द्वारा विभिन्न रेलों के माध्यम से शहरों के विस्तारों को जोड़ती है तथा विभिन्न शहरों में दौड़नेवाली ट्रेने परिवहन की रीड की हड्डी के समान है । (B) सड़क मार्ग : सड़क मार्ग एक मार्ग से दूसरे मार्ग पर जाने के लिए स्वतंत्र होता है । सड़क मार्ग से प्रत्येक व्यक्ति के घर तक आवश्यक सेवा सम्भव बनती है । बस द्वारा सड़क मार्ग के माध्यम से असंख्य लोग आवागमन कर सकते हैं । ट्रक द्वारा माल का हेरफेर कम वजनवाला सामान कम दूरीवाले स्थानों पर किया जा सकता है । वाहनों के उपयोग बढ़ने से वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, ट्राफिक तथा पार्किंग जैसी समस्याएँ बढ़ जाती है । इसलिए बहुत से शहरों में BRTS – Bus Rapid Transit System का उपयोग प्रारम्भ हुआ है । ऐसी बसों के निा मार्ग अनामत रखा जाता है, जिससे तेजी से शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच सकते है । ऐसी बसों के मध्य का कम रखा जाता है जिससे ऐसी सेवा लगातार मिलती रहती है । ऐसी सेवा अब गुजरात में अहमदाबाद, सुरत और राजकोट जैसे शहरों में उपलब्ध है । (5) जलमार्ग : समुद्री बीमा, तालाब, नहर, नदी इत्यादि जलमार्गों में नाव, जहाज अथवा अन्य साधनों से जलमार्ग द्वारा आवागमन होता है । विदेश व्यापार के लिए सबसे अधिक जल मार्ग द्वारा होता है । यह मार्ग थोड़ा मन्द गतिवाला मार्ग है लेकिन समुद्री जहाज में हजारों टन माल आवागमन कर सकते है । (6) पाईपलाईन मार्ग : तरल अथवा गैस जैसे उत्पादों के लिए पाईपलाईन का उपयोग अधिक अनुकूल रहता है । तरल कचरे का निकाल, पानी, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस इत्यादि के लिए यह व्यवस्था उपयोगी है । जैसे हजीरा (गुजरात) से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में गैस परिवहन के लिए पाईपलाईन डाली गई है । भारत में आसाम, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में पाईपलाईन द्वारा क्रूड ऑईल और पेट्रोलियम उत्पादनों का परिवहन होता है । |
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‘बीमा नुकसान के मुआवजे का करार है ।’ विधान समझाइए । |
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Answer» यह विधान सही है क्योंकि बीमा दो पक्षकारों के बीच किया गया लिखित करार होता है, जिसमें एक पक्ष निश्चित की गई रकम के बदले में दूसरे पक्ष को भविष्य में अनिश्चित जोखिमों से होनेवाले नुकसान को अदा करने का विश्वास देता है । जिसके परिणामस्वरूप अगर नुकसान हो जाता है तो करार के अनुसार बीमा कम्पनी बीमा उतरवानेवाले व्यक्ति अथवा व्यापारी को मुआवजा दे देती है अर्थात् बीमा यह नुकसान के मुआवजे का करार है । |
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प्रवास के दौरान नकद के सामने जोखिम का रक्षण हेतु बैंक की कौन-सी सेवा का लाभ लिया जाता है ?(A) डिमाण्ड ड्राफ्ट(B) चेक(C) पे-ऑर्डर(D) ट्रावेलर्स चेक |
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Answer» सही विकल्प है (D) ट्रावेलर्स चेक |
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आंतर बैंकिंग व्यवहारों को समझाइए । |
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Answer» आन्तर बैंकिंग व्यवहार अर्थात् किसी एक बैंक का किसी दूसरे बैंक के साथ अल्प (कम) समय के लिए किया गया वित्तीय व्यवहार । ऐसी व्यवस्था के बदले ब्याज चुकाया जाता है । इस व्यवस्था के अन्तर्गत एक बैंक ऋण देता है व दूसरा बैंक ऋण स्वीकार करता है । |
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बीमा करार यह सामान्य करार से किस तरह अलग पड़ता है ? |
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Answer» बीमा का करार अन्य करारों की अपेक्षा अलग पड़ता है । बीमा का करार मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है जो निम्न हैं | (1) सम्पूर्ण विश्वास का सिद्धान्त : बीमा, करार में सम्पूर्ण प्रमाणिकता और विश्वास अपेक्षित है । करार से सम्बन्धित जानकारी पूछे न जाने पर भी प्रत्येक पक्षकार को बताना चाहिए । इतना ही नहीं बल्कि उसे पूरी-पूरी और सही रीति से प्रस्तुत करना चाहिए । सही और पूरी जानकारी मिले तो ही बीमा उतारनेवाले को जोखिम के स्वरूप और प्रमाण के सम्बन्ध में ठीक-ठीक ख्याल आ सकता है, बीमा उतारना है या नहीं यह निश्चित हो सकता है और यदि बीमा उतारा जाये तो उसके लिए प्रीमियम की दर निश्चित हो सकती है । बीमा-करार की शर्तों को असर करे ऐसी कोई भी जानकारी जानते हुए भी नहीं दी गयी हो तो करार रद्द हो सकता है और नुकसानी की रकम की एवज़ में मुआवजा देने से इनकार किया जा सकता है । उदाहरण : मकान का बीमा उतारा जाए तब मकान में विस्फोटक पदार्थ का संग्रह हो तो उस सम्बन्ध में परिचित कराना आवश्यक है । जीवन-बीमा में बीमा उतरवानेवाले व्यक्ति को टी.बी. या कैन्सर जैसी भयंकर बीमारी हो तो उसका उल्लेख करना चाहिए । (2) बीमा योग्य हित का सिद्धांत : बीमा उतरवानेवाले का, जिस वस्तु या व्यक्ति का बीमा वह उतरवा रहा हो, उसमें उचित हित होना चाहिए । बीमा उचित हित अर्थात् वस्तु या मिलकत की हयाती या अस्तित्व से बीमा उतरवानेवाले का लाभ और वस्तु या मिलकत के नुकसान या नाश से बीमा उतरवानेवाले को हानि होती हो यह भी देखा जाता है । उदाहरण : एक मकान के लिए
एक साझेदार का दूसरे साझेदारों की जिन्दगी में बीमा उचित हित है । ऐसा हित न रखनेवाला व्यक्ति यदि बीमा उतरवाता है तो वह बीमा-करार कायदेसर नहीं माना जा सकता है और इसलिए बीमा कंपनी को बंधनकर्ता नहीं है । जिन्दगी के बीमा में बीमा उचित हित बीमा लेते समय होना चाहिए । जबकि अन्य बीमों के लिए बीमा लेते समय और नुकसानी के समय भी बीमा उचित हित होना चाहिए । (3) क्षतिपूर्ति का सिद्धांत : बीमा का करार नुकसानी के सामने रक्षण प्राप्त करने के लिए होता है । बीमा उतरवानेवाले को जो नुकसान होता है उसके प्रमाण में बीमा उतारनेवाला रकम देता है । बीमे की पॉलिसी चाहे जितनी भी रकम के लिए हो परन्तु नुकसानी की रकम से अधिक रकम नहीं मिल सकती । उदाहरण : एक लाख रुपये की कीमतवाली संपत्ति का एक लाख रुपये का बीमा हो । यदि संपत्ति को बीस हजार रुपये का नुकसान हुआ हो तो बीमा कंपनी बीस हजार रुपये से अधिक का दावा नहीं मंजूर करेगी । संपत्ति के मूल्य की अपेक्षा अधिक रकम का बीमा लिया जाये तो भी नुकसान से अधिक रकम का मुआवजा नहीं मिल सकता । परन्तु यदि कम रकम का बीमा लिया जाय तो वास्तविक नुकसान के अनुपात में कम मुआवजा मिलेगा । इस सिद्धांत के कारण गैररीतियों के किये जाने अथवा जुआ खेलने की वृत्ति पर अंकुश लग जाता है । यद्यपि यह सिद्धांत जिन्दगी – बीमा के लिए लागू नहीं किया जा सकता । कारण कि मानव-जीवन का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है । (4) अधिकार – परिवर्तन का सिद्धांत : यह सिद्धांत क्षतिपूर्ति के सिद्धांत का पूरक है । जब बीमे के करार के अन्तर्गत क्षतिपति का मुआवजा चुकाया जाय तब ऐसी क्षतिग्रस्त वस्तु की मालिकी बीमा-कंपनी की हो जाती है और वह उसे जिस प्रकार भी उचित लगे उसका निराकरण कर सकती है । उदाहरण : मकान गिर जाने पर मकान-मालिक को नुकसानी की रकम बीमा कंपनी चुका देती है, परन्तु मकान के मलवे की मालिकी बीमा कंपनी की हो जाती है । क्षति-पूर्ति के सिद्धांत की तरह ही यह सिद्धांत भी जीवन बीमा के लिए लागू नहीं पड़ता । |
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इन्टरनेट, कोर बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के बारे में समझाइए । |
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Answer» ई-बैंकिंग (E-Banking) : अर्थ : ई-बैंकिंग अर्थात् इलेक्ट्रोनिक बैंकिंग । इस व्यवस्था में बैंक के व्यवहार भौतिक स्वरूप के बदले इलेक्ट्रोनिक स्वरूप में होता है । बैंक की प्रक्रिया के विकास के तीन सोपान अथवा अवस्थाएँ देखने को मिलती है ।
Internet, Core Banking & Mobile Banking : बैंक के व्यवहार इन्टरनेट द्वारा होते है । इस प्रकार की व्यवस्था के लिए बैंक ने ई-कॉर्नर या ई-गेलेरी जैसी व्यवस्था भी आरम्भ की गई है । इस तरह के व्यवहारों में Bank Unique Code (Pass Word) ग्राहकों को देते है । इस प्रकार के व्यवहार दो प्रकार से होते है : (1) मौद्रिक व्यवहार (Financial Transaction) (1) मौद्रिक व्यवहार : बैंक का खातेदार अपने खाते में से अन्य बैंक के खातेदार के खाते में रकम जमा कराने के व्यवहार को मौद्रिक व्यवहार कहते हैं । जिसमें टेलीफोन बिल का भुगतान करना, कर भरना या अन्य प्रकार के भुगतान का समावेश होता है । (2) अमौद्रिक व्यवहार : ऐसे व्यवहारों में मौद्रिक व्यवहार नहीं होते, परन्तु खातेदार को बैंक में से अपने खाते का स्टेटमेंट (विवरण) प्राप्त करना, चेकबुक रिकवेस्ट, PIN Change, Stop Payment Request रिक्वेस्ट जैसे अमौद्रिक व्यवहार करते हैं । इन्टरनेट के उपयोग से बैंक के कार्यों में निम्न सरलता बनी है । (1) कोर बैंकिंग : कोर-बैंकिंग (Core Banking). कोर-बैंकिंग में Core अर्थात Centralized Online Real-time Exchange बैंक की यह व्यवस्था में एक ही बैंक की समग्र विश्व में स्थित समस्त शाखाएँ जुड़ सकती है । बैंक के केन्द्रियकृत सर्वर में उस बैंक की समस्त शाखाओं के सभी खातेदारों के खातों की माहिती उपलब्ध होती है । बैंक के किसी भी खातेदार के व्यवहार की Entry रीयल टाईम में यह केन्द्रियकृत सर्वर में रजिस्टर्ड अथवा Entry हो जाती है । इस केन्द्रियकृत सर्वर में हुए व्यवहार के हेरफेर की Entry इस बैंक की सभी शाखाओं में देख सकते है । किसी भी शाखा का खातेदार उनके खाते में व्यवहार इस बैंक की किसी भी शाखा में से कर सकते है । खातेदार किसी भी शाखा में अपने खाते में नकद, चेक, ड्राफ्ट जमा कर सकता है, तथा निकाल भी सकता है तथा अन्य व्यवहार भी कर सकता है । इस प्रकार खातेदार शाखा का नहीं बल्कि बैंक का खातेदार बनता है । यह प्रक्रिया बैंक तथा ग्राहक दोनों के कार्य के समय व खर्च में कमी करता है । (2) ई-बैंकिंग (Electronic Banking) : वर्तमान समय में सभी बैंके अपनी शाखाओं को इन्टरनेट के माध्यम से एक सर्वर के . साथ जोड़ देती है । इसके लिए व्यक्ति का खाता किसी भी शहर की शाखा में हो और खातेदार अन्य स्थल पर या अन्य किसी भी शाखा में से रुपया निकालना हो तथा रकम जमा करनी हो तो कर सकते है । हाल में बैंकों ने विभिन्न स्थानों पर उनके E-Corner बनाए हुए होते है । जिसके द्वारा मशीन की मदद से ATM कार्ड से अपने खाते में से रकम निकाल अथवा जमा कर सकते है तथा खाते का Balance भी जान सकते है । इस तरह के व्यवहार होते रहते है जिससे कारण बैंक सर्वर के साथ में खातेदार का मोबाईल नम्बर भी कनेक्ट करके रखते है जिससे खाते में होनेवाले जमा व उधार के मेसेज आ जाते है । इस व्यवस्था के कारण व्यक्ति का कार्य सरल व शीघ्र होता है । (3) मोबाईल बैंकिंग : मोबाईल बैंकिंग एक ऐसी सेवा है, कि जिसमें कोई भी व्यक्ति बैंक में व्यक्तिगत रूप से गये बिना इलेक्ट्रोनिक साधनों की मदद से अर्थात् Internet का कनेक्शनवाले मोबाईल की मदद से विश्व के किसी भी कोने से मौद्रिक व्यवहार कर सकते है । जिसमें, खाते का Balance जान सकते है । लाईट बिल, टेलीफोन बिल, गैस बिल तथा विभिन्न कर (Tax) अथवा अन्य भुगतान कर सकते है । एक खाते में से दूसरे खाते में ट्रान्सफर कर सकते है । इस प्रकार की सेवा प्राप्त करने के लिए बैंक में आवेदन करना पड़ता है । उसके पश्चात् Bank Mobile Banking के लिए Login ID और पासवर्ड देती है । इस व्यवस्था के लिए सलामती देखरेख-सुरक्षा आवश्यक बन जाती है । |
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सामान्य बीमा के प्रकारों की सूचि बनाइए । |
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Answer» (1) माल हेर-फेर (परिवहन) का बीमा (Goods – Transportation Insurance) (a) समुद्री बीमा – Marine Insurance (2) आग का बीमा (Fire Insurance) (3) अन्य सामान्य बीमा (Other General Insurance) (a) लाभ-नुकसान का बीमा |
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बीमा के सिद्धान्तों की सूची दीजिए । |
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Answer» बीमा के सिद्धान्त निम्नलिखित है :
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देश के बैंकिंग सेवा उद्योग पर नियंत्रण रखनेवाली सरकारी मालिकी की बैंक अर्थात् …………………..(A) राष्ट्रीय बैंक(B) विदेशी बैंक(C) मध्यस्थ बैंक(D) ग्रामीण बैंक |
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Answer» सही विकल्प है (C) मध्यस्थ बैंक |
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सामान्य बीमा निगम का राष्ट्रीयकरण कब हुआ था ? |
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Answer» सन् 1972 में सामान्य बीमा व्यापार (राष्ट्रीयकरण) कानून द्वारा 1 जनवरी, 1973 में समस्त सामान्य बीमा कम्पनियों का राष्ट्रीयकरण किया गया । |
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बीमा नियमन और विकास सत्ता (IRDA) की स्थापना कब हुई थी ? |
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Answer» बीमा नियमन और विकास सत्ता (IRDA) की स्थापना सन् 1999 में हुई । |
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विश्व की सर्वप्रथम बैंक कौन-से सन् में प्रारम्भ हुई थी ?(A) 1507(B) 1607(C) 1407(D) 1950 |
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Answer» सही विकल्प है (C) 1407 |
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विश्व की सर्वप्रथम बैंक सन् 1407 में कौन-से शहर में आरम्भ हुई थी ?(A) जिनेवा(B) USA(C) UK(D) UAE |
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Answer» सही विकल्प है (A) जिनेवा |
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धन्धाकीय इकाइयों के नाम से कौन-सा खाता खुलवाया जाता है ? |
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Answer» धन्धाकीय इकाइयों के नाम से चालू खाता Current Account खुलवाया जाता है| |
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