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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

जीत हो या हार लेकिन कवि क्या करने को हमेशा तत्पर है ?(क) पर्यटन(ख) देशाटन(ग) परामर्श(घ) संघर्ष

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जीत हो या हार लेकिन कवि संघर्ष करने को हमेशा तत्पर है।

2.

दुष्यंत कुमार की मृत्यु सन् …………….. में हुई थी।(A) 1974(B) 1975(C) 1976(D) 1977

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दुष्यंत कुमार की मृत्यु सन् 1975 में हुई थी।

3.

कवि ने दुनिया को रोशनी देने के लिए क्या जला दिया है ?(क) घर(ख) खेत(ग) मशाल(घ) कपड़े

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कवि ने दुनिया को रोशनी देने के लिए घर जला दिया है।

4.

आशय स्पष्ट कीजिए :जीत हो या हार पर संघर्ष मैं करता रहूँगा।

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मुश्किलों का सामना करने में सफलता और असफलता दोनों ही मिल सकती है। इसलिए संघर्ष करने में इस बात का विचार नहीं करना चाहिए कि इसमें केवल जीत ही हासिल होगी। मुख्य बात है सामना करना अर्थात् संघर्ष करना। इसलिए कवि फल की चिंता किए बिना संघर्ष, करते रहना चाहता है।

5.

कवि ने हसीन नजारा किसे कहा है ? क्यों ?

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कवि ने खुदा को एक हसीन नजारा कहा है। खुदा है या नहीं, यह अलग बात है, पर उसकी कल्पना मूर्ति से लोगों को धीरज और शांति मिलती है ! इसलिए कवि ने खुदा की कल्पना को एक हसीन नजारा कहा है।

6.

शायर की जबान बंद करने के लिए क्या प्रबंध किया जाता है ?

Answer»

शायर की जबान बंद करने के लिए उसे तरह-तरह के प्रलोभन दिये जाते हैं। कभी-कभी उसे अपनी जबान न खोलने के लिए . डराने-धमकाने की कोशिशें भी की जाती है।

7.

शायर की जबान सिलने से क्या होगा ?

Answer»

शायर की जबान सिल जाएगी, तो वह जन-साधारण की पीड़ा को दुनिया के सामने नहीं ला पाएगा।

8.

ये लोग कितने मुनासिब हैं, …..(अ) इस बहर के लिए(ब) गुलमोहर के लिए(क) इस सफर के लिए

Answer»

ये लोग कितने मुनासिब हैं, इस सफर के लिए।

9.

शायर आम जनता की आवाज में ……………. पैदा करने के लिए बेकरार है।(A) मीठास(B) खटास(C) असर(D) तीनों

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शायर आम जनता की आवाज में असर (क्रांति) पैदा करने के लिए बेकरार है।

10.

दुष्यंत कुमार रचित …………… एक काव्य नाटक है।(A) दुहरी जिंदगी(B) आवाजों के घेरे(C) मन के कोण(D) एक कण्ठ विषपायी

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दुष्यंत कुमार रचित ‘एक कण्ठ विषपायी’ एक काव्य नाटक है।

11.

मरें तो गैर की गलियों में …….(अ) उम्र भर के लिए(ब) गुलमोहर के लिए(क) असर के लिए

Answer»

मरें तो गैर की गलियों में गुलमोहर के लिए।

12.

ये एहतियात जरूरी है,(अ) इस बहर के लिए(ब) गुलमोहर के लिए(क) उम्र भर के लिए

Answer»

ये एहतियात जरूरी है इस बहर के लिए।

13.

‘मैं बेकरार हूँ आवाज में असर के लिए’ – पंक्ति का मर्म स्पष्ट कीजिए।

Answer»

जनता की आवाज में बड़ी ताकत होती है। जब आम लोग संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद करते हैं, तब बड़े-बड़े लोगों के होश उड़ जाते हैं। लोगों के विरोध और विद्रोह से सिंहासन उलट जाते हैं। परंतु यह तभी संभव है जब लोगों में एकता, भरपूर आत्मविश्वास और बलिदान की भावना हो। इनके बिना लोगों की आवाज में आवश्यक प्रभाव नहीं आ सकता। कवि जनता की आवाज को प्रभावशाली बनाने के लिए भरसक कोशिश कर रहा है।

14.

दुष्यंत कुमार का जन्म सन् …………. में राजपुर नवादा गाँव (उ. प्र.) में हुआ था।(A) 1933(B) 1934(C) 1935(D) 1936

Answer»

दुष्यंत कुमार का जन्म सन् 1933 में राजपुर नवादा गाँव (उ. प्र.) में हुआ था।

15.

‘साये में धूप’ गज़ल संग्रह के रचनाकार ………….. हैं।(A) प्रसाद(B) निराला(C) दुष्यंत कुमार(D) त्रिलोचन

Answer»

‘साये में धूप’ गज़ल संग्रह के रचनाकार दुष्यंत कुमार हैं।

16.

दुष्यंत कुमार की माता का नाम ……………… था।(A) समकिशोरी(B) राजेश्वरी(C) देवकी(D) सरस्वती

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दुष्यंत कुमार की माता का नाम रामकिशोरी था।

17.

दुष्यंत कुमार की पत्नी का नाम …………. था।(A) राजनंदनी(B) राधिका(C) शारदा(D) राजेश्वरी

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दुष्यंत कुमार की पत्नी का नाम राजेश्वरी था।

18.

दुष्यंत कुमार के पिताजी का नाम ………….. था।(A) भगवत सहाय(B) भगवानदास(C) रामदास(D) किशोरी लाल

Answer»

दुष्यंत कुमार के पिताजी का नाम भगवत सहाय था।

19.

हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिनदिल के खुश रखने को गालिब ये ख्याल अच्छा है।दुष्यंत की गज़ल का चौथा शेर पढ़ें और बताएँ कि गालिब के उपर्युक्त शेर से वह किस तरह जुड़ता है ?

Answer»

इस प्रश्न के सटीक उत्तर के लिए पहले तो हमें गालिब एवं दुष्यंत के शेर को प्रस्तुत करना होगा – हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन दिल के खुश रखने को गालिब ये खयाल अच्छा है। खुदा नहीं, न सही, आदमी का ख्वाब सही, कोई हसीन नजारा तो है नज़र के लिए। भाव साम्यता की दृष्टि से दुष्यंत कुमार का शेर गालिब के शेर से जुड़ता है।

गालिब के शेर में ‘जन्नत’ (स्वर्ग) मन बहलाने की सुंदर कल्पना है। वैसे ही दुष्यंत के शेर में खुदा (ईश्वर) मनुष्य की सर्वचिन्ताओं का समाहार है। खुदा एक ऐसी रम्य कल्पना है जो मनुष्य को तमाम प्रकार की मुसीबतों से त्राण देनेवाला (बचानेवाला) है। दोनों ही कल्पनाएँ मनुष्य को आश्वस्त करती है, आस्था जगाती है।

20.

आशय स्पष्ट कीजिए :आँधियों में भी दिया बनकर के मैं जलता रहूँगा ।

Answer»

आंधी में बहुत शक्ति होती है। उसके सामने मिट्टी के मामूली ‘दिये’ की कोई औकात नहीं होती। इसके बावजूद मामूली दीपक तेज आँधी में भी जलते रहने का अपना धर्म निभाता रहता है, भले ही वह बुझ जाए, नष्ट हो जाए। लेखक भी इसी तरह बड़ी-से-बड़ी मुसीबत का सामना करते हुए संघर्ष करते रहना चाहते हैं, भले ही इस प्रयास में उन्हें मिट जाना पड़े।

21.

कलम छिन जाने पर कवि क्या करेगा ?

Answer»

कलम छिन जाने पर कवि अपना सर्वस्व निछावर करके लोगों में चेतना जगाता रहेगा।

22.

कहाँ चिराग मयस्सर नहीं …………(अ) हरेक घर के लिए(ब) शहर के लिए(क) उम्र भर के लिए।

Answer»

कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए।

23.

आजादी के पूर्व क्या तय हुआ था ?

Answer»

आजादी के पूर्व नेताओं ने जनता को यह आश्वासन दिया था कि हर घर में सुख-सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।

24.

दुष्यंत की इस गज़ल का मिज़ाज बदलाव के पक्ष में है। इस कथन पर विचार करें।

Answer»

निःसंदेह दुष्यंत की प्रस्तुत गज़ल का मिज़ाज बदलाव के पक्ष में है। आजादी के बाद की राजनैतिक सामाजिक, आर्थिक, शोषण, मूल्यहीनता के माहौल में जीना मुश्किल हो गया है। आम आदमी के सपने बिखर गये। प्रशासन, राजनैतिक कठमुल्ले, धार्मिक पाखण्डी एवं कथित समाजवादी आम आदमी के घर के चिराग गुल करते रहे हैं।

ऐसी विद्रूपता एवं विडम्बनायुक्त करतूतों को देखकर उसकी सहनशीलता के बाँध टूट जाते हैं। वह यथास्थिति को बदलना चाहता है। प्रस्तुत गज़ल में व्यक्त कयि आक्रोश एवं क्रांतिकारी विचार इस बात के प्रमाण हैं। वह क्रांति चाहता है, बदलाव चाहता है इसलिए वह जनता की आवाज में असर लाने के लिए बेकरार दिखाई देता है। इस प्रकार कवि की सामाजिक चेतना न केवल तीव्र है वरन् मर्मस्पर्शी भी है।

25.

पहले शेर में चिराग शब्द एक बार बहुवचन में आया है और दूसरी बार एकवचन में। अर्थ एवं काव्य-सौंदर्य की दृष्टि से इसका क्या महत्त्व है ?

Answer»

पहले शेर में कवि ने आजादी के बाद की मोह-भंग की स्थिति का बड़ा ही यथार्थपूर्ण एवं कलात्मक वर्णन किया है। यहाँ चिराग शब्द पहली बार बहुवचन में प्रयुक्त हुआ है और दूसरी बार एकवचन में प्रयुक्त हुआ है। ऐसा कवि ने मोह भंग की तीखी व्यंजना हेतु किया है। पहले शेर में ‘चिराग’ शब्द का बहुवचन “चिरागाँ’ का प्रयोग हुआ है।

यहाँ चिरागाँ आम आदमी की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु हुआ है। अर्थात् आजादी के बाद हर घर में खुशहाली होगी। सभी को रोटी, कपड़ा, मकान, मयस्सर होगा। दूसरी बार ‘चिराग’ एकवचन में प्रयुक्त हुआ है जो इस बात का बोधक है कि हमने जिन बुनियादी आवश्यकताओं के सपने देखे थे, उनमें से बहुत कम हाथ लगें हैं।

‘चिरागौँ’ (बहुवचन) का प्रयोग जनता के सपने है और ‘चिराग’ (एकवचन) आजादी के बाद की मोहभंग की हकीकत है। एक ही शब्द के प्रतीकात्मक एवं लाक्षणिक प्रयोग से अद्भुत काव्य सौंदर्य का समावेश हो गया है।

26.

स्पष्ट कीजिए कि ‘कहाँ तो तय था’ शेर हमारी सामाजिक व्यवस्था के कटु सत्य को उजागर करती है।

Answer»

‘कहाँ तो तय था’ गज़ल में कवि ने हमारी वर्तमान सामाजिक व्यवस्था का दुखद चित्र प्रस्तुत किया है। कवि के अनुसार देश की जनता ने आजादी से पहले जो सपने देखे थे, वे आजादी मिलने के इतने वर्षों के बाद भी पूरे नहीं हुए है। देश के लाखों घर आज भी बिजली के प्रकाश से वंचित हैं। शहरों के सभी घरों को भी पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाई है।

देश में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनके पास अपना तन ढकने के लिए जरूरी कपड़े नहीं हैं। जो गाँव सुख-चैन के भंडार माने जाते थे, यहाँ शांति और सुरक्षा दुर्लभ हो गई है। गाँव के लोग गाँव छोड़कर शहरों में जाकर बसने के लिए विवश हो रहे हैं। कहने को देश में लोकतंत्र है, फिर भी जनता की आवाज अनसुनी कर दी जाती है। लोग भी शिकायतें करते-करते थक कर चुप बैठ जाते हैं।

अधिकारी पत्थरदिल हो गये हैं। जनसाधारण के दुःख-दर्द का उन पर कोई असर नहीं होता | कवियों तथा लेखकों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर या डरा-धमकाकर उनकी जबान बंद कर दी जाती है। समाज में सबको अपने सुख की चिंता है ! दूसरों के लिए त्याग और बलिदान का भाव स्वप्न बन गया है।

27.

‘पाँवों से पेट ढंकने’ मुहावरे का अर्थ स्पष्ट करें।

Answer»

इसका अर्थ यह है कि गरीबी व शोषण के कारण लोगों में विरोध करने की क्षमता समाप्त हो चुकी है। वे न्यूनतम वस्तुएँ उपलब्ध न होने पर भी अपना गुजारा कर लेते हैं।

28.

आखिरी शेर में शायर की तमन्ना क्या है ?

Answer»

शायर की तमन्ना है कि वह बगीचे में सदैव गुलमोहर के नीचे रहें तथा मरते समय गुलमोहर के लिए दूसरों की गलियों में मरे अर्थात् वह मानवीय मूल्यों को अपनाए रख्ने तथा उनकी रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दे।

29.

शासक शायर की … ……. सिल देना चाहते हैं।(A) जुबान(B) हाथ(C) गला(D) होठ

Answer»

शासक शायर की जुबान सिल देना चाहते हैं।

30.

कवि के अनुसार जनता के साथ शासक वर्ग का व्यवहार कैसा होना चाहिए।

Answer»

कवि दुष्यंतकुमार को शिकायत है कि लोकतंत्र में जनता को अपेक्षित महत्त्व नहीं दिया जाता। नतदान के बाद साधारण जनताओं की आशाओं और आकांक्षाओं की अवहेलना की जाती है। कयि के अनुसार लोकतंत्र में सरकारी अधिकारियों को जनता की शिकायतों को अनसुना नहीं करना चाहिए। लोगों को ऐसा न लगे कि हमारा शासनतंत्र पत्थरदिल इन्सानों से बना है।

शासकीय अधिकारियों को लोगों के प्रति सहृदयता की दृष्टि रखनी चाहिए। लेखक और कवि समाज के दुख-दर्द का गहराई से अनुभव करते हैं। उनकी आवाज जनता की आवाज होती है। उसे दबाना लोकतंत्र का गला घोंटना है। दबाने से वह भीतर-ही भीतर सुलगकर एक दिन विद्रोह का शोला बन जाती है ! इसलिए हमारे शासक वर्ग का कर्तव्य है कि जो जनता उन्हें ऊँची कुर्सियों पर बिठाती है, उसकी वह उपेक्षा न करें।

31.

मौत के भी सामने आने पर क्या करना चाहिए ?

Answer»

मौत के सामने आने पर सीना तानकर उससे लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।

32.

मुसीबत में भी किस तरह हँसते रहना चाहिए ?

Answer»

मुसीबत में भी चिंताएं छोड़कर मदमस्त होकर हँसते रहना चाहिए।

33.

‘मनुष्य का जीवन संघर्ष से भरा है’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

Answer»

मनुष्य का जीवन काँटोंभरा मार्ग है। इसमें कदम-कदम पर व्यवधान आते हैं। आंधी-तूफान जैसी भयंकर परिस्थितियाँ जीवन-मार्ग को कठिन बना देती हैं। कठिन संघर्ष में अपने आप को खपा देने के लिए तैयार रहना पड़ता है। कभी-कभी तो संघर्ष करने के साधन भी छिन जाते हैं और अन्याय से लड़ते हुए जान गवाने की नौबत भी आ ययार के योद्धा की तरह मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार मनुष्य का जीवन तरह-तरह के संघर्षों से भरा है।

34.

शायर कमीज के अभाव में ……………. से पेट हैक लेने की बात करता है।(A) सिर(B) पाँवों(C) हाथों(D) कोई नहीं

Answer»

शायर कमीज के अभाव में पाँवों से पेट ढंक लेने की बात करता है।

35.

कवि किससे दो-दो हाथ करने की सोचता है ?(क) दुश्मन(ख) आंतकवादी(ग) मौत से(घ) चोर से

Answer»

कवि मौत से दो-दो हाथ करने की सोचता है।

36.

कवि बेकरार क्यों है ?

Answer»

कवि लोगों की आवाज में असर (क्रांति) पैदा करने के लिए बेकरार है।

37.

सुख, शान्ति के लिए कवि क्या करना चाहता है ?

Answer»

कवि संसार में सुख-शांति चाहता है। इसके लिए संघर्ष करने में वह अपने आप को खपा देने को तैयार है। यहाँ तक कि उसे अपना सर्वस्व न्योछावर करने में भी कोई संकोच नहीं है। लोग उसके मार्ग में कितने ही व्यवधान डालें, कवि उनकी परवाह किए बिना अपने लक्ष्य पर बढ़ता रहेगा। आंधी-तूफानों में वह दीपक की तरह लोगों के कल्याणमार्ग को रोशन करेगा। कैसी भी कठिनाइयाँ आएँ, वह उनसे डरकर हार नहीं मानेगा। मौत आएगी तो उसका भी वह सीना तानकर सामना करेगा। वह किसी भी अन्याय के सामने नहीं झुकेगा। इस तरह सुख-शांति के लिए कवि हर तरह का संघर्ष करते हुए अपना बलिदान देना चाहता है।

38.

लोगों के दिलों में पलने के लिए कवि क्या कर सकता है ?

Answer»

लोगों के दिलों में पलने के लिए कवि संघर्ष करते हुए जान गवाने के लिए तैयार रह सकता है।

39.

कवि कैसे रास्ते पर भी चलते रहने की बात करता है ?(क) पथरीले रास्ते(ख) काँटेवाले रास्ते(ग) चिकने रास्ते(घ) टेढ़े रास्ते

Answer»

कवि काटेवाले रास्ते पर भी चलते रहने की बात करता है।

40.

कवि ने दुनिया को रोशनी कैसे दी है?

Answer»

कवि ने अपना घर जलाकर दुनिया को रोशनी दी है।

41.

दुनिया को सुख देने के लिए कवि क्या करता रहेगा?

Answer»

दुनिया को सुख देने के लिए कवि संघर्ष करते हुए अपने आप को खपाता रहेगा।