InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
कर्मचारीगण इकाई के हाथ-पाँव है । |
|
Answer» यह विधान सत्य है । इकाई की स्थापना करना साधनों का एकत्रीकरण करना, कच्चा माल खरीदना, उत्पादन की प्रक्रिया करना, संकलन बनाए रखना, दिशा-निर्देश, एवं अंकुश का कार्य करना बिना कर्मचारी के उपरोक्त सभी कार्य सफल नहीं हो सकते यदि इकाई में स्वयं संचालित यंत्रों की व्यवस्था हो पर्याप्त मात्रा में पूँजी हो लेकिन हाथ-पाँव के समान कर्मचारीगण न हो तो इकाई की सफलता अनिश्चित है अर्थात् इकाई में निर्धारित हेतु सिद्ध नहीं हो सकता अत: कर्मचारी गण इकाई में हाथ-पाँव के समान है । |
|
| 2. |
कुशल कर्मचारीगण इकाई के लिए मूल्यवान धरोहर सम्पत्ति के समान है । |
|
Answer» यह विधान सत्य है । इकाई की सफलता का आधार इकाई के लिए उपलब्ध साधनों के कर्ता कर्मचारीगण पर विशेष है । कर्मचारियों के द्वारा संचालन के सभी कार्यों में एकसूत्रता बनी रहती है । लेकिन कुशल एवं विशिष्ट योग्यता धारण करनेवाला कर्मचारी तो इकाई की धरोअर के समान है । इकाई में मिलकत एकत्रित करने के लिए पूँजी रूपी साधन की आवश्यकता पड़ती है । इस मिलकत से इकाई को दीर्घकालीन समय तक लाभ प्राप्त होता है । उसी प्रकार इकाई को कुशल एवं विशिष्ट कर्मचारी द्वारा विशेष सलाह कार्यक्षम उत्पादन नई टेक्नोलोजी द्वारा विशेष कार्य पद्धति द्वारा उत्पादन की प्रक्रिया की जाती है । जिससे इकाई को लम्बे समय तक परोक्ष ढंग से लाभ प्राप्त होता है । |
|
| 3. |
विकास (Development) का अर्थ एवं महत्त्व स्पष्ट कीजिए । |
|
Answer» उच्च संचालकों और विभागीय अधिकारियों को दिया जानेवाला सैद्धांतिक और प्रायोगिक ज्ञान अर्थात् विकास महत्त्व (Importance) : विकास का महत्त्व निम्न है :
|
|
| 4. |
प्रतीक्षा-सूची (waiting list) समझाइये । |
|
Answer» भूतकाल में विज्ञापन देकर के भर्ती की गई हो तब आवश्यकता से अधिक उम्मीदवार पसन्द करके, आवश्यकता के अनुरुप उम्मीदवारों की भर्ती करके अतिरिक्त उम्मीदवारो की सूची तैयार की जाती है, जिसे प्रतीक्षा सूची कहते हैं । |
|
| 5. |
प्रतीक्षा-सूची (waiting List) अर्थात् क्या ? |
|
Answer» यदि भूतकाल में विज्ञापन देकर भर्ती की गई हो, तब आवश्यकता से अधिक उम्मीदवार पसन्द करके, आवश्यकता के अनुसार उम्मीदवार की भर्ती करके अतिरिक्त उम्मीदवारों की एक सूची तैयार की जाती है, जिसे प्रतीक्षा सूची कहा जाता है । |
|
| 6. |
कौन-सी संस्थाएँ प्रतिवर्ष भर्ती मेले (Campus Placement) का आयोजन करते है । |
|
Answer» IIM – Indian Institute of Management एवं IIT – Indian Institute of Technology जैसी संस्थाएँ प्रतिवर्ष भर्ती मेले का आयोजन करती है । |
|
| 7. |
बिन संचालकीय कर्मचारियों के लिए चयन की विधि कैसी होती है ? |
|
Answer» बिन संचालकीय कर्मचारियों के लिए चयन की विधि संक्षिप्त और सरल होती है । |
|
| 8. |
भर्ती और चयन के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए । |
||||||||||||||||||
Answer»
|
|||||||||||||||||||
| 9. |
भर्ती हेतु आन्तरिक और बाह्य प्राप्तिस्थानों का नाम लिखिए । |
||||||||||||||||
|
Answer» भर्ती हेतु प्राप्ति स्थान (Sources of Recruitment)
|
|||||||||||||||||
| 10. |
वैज्ञानिक भर्ती अथवा विशाल अर्थ में भर्ती किसे कहते हैं ? |
|
Answer» विशाल अर्थ में, ‘भर्ती अर्थात् योग्य समय पर, योग्य संख्या में, योग्य स्थान पर, योग्य योग्यता प्राप्त व्यक्तियों को प्राप्त करने की प्रक्रिया । |
|
| 11. |
वैज्ञानिक भर्ती में समय, संख्या, स्थान और ………………………. उपरोक्त चार बातों का सुमेल होता है ।(A) पद(B) कार्य(C) योग्यता(D) दायित्व |
|
Answer» सही विकल्प है (C) योग्यता |
|
| 12. |
उच्च योग्यता और विशिष्ट ज्ञान की आवश्यकता हो उनके स्थान पर श्रेष्ठ विकल्प कौन-सा है ?(A) पदोन्नति(B) प्रतीक्षा-सूची(C) श्रमिक संगठन(D) विज्ञापन |
|
Answer» सही विकल्प है (D) विज्ञापन |
|
| 13. |
बुद्धि परीक्षा और अभिरूचि परीक्षा द्वारा क्या जान सकते है ? |
|
Answer» बुद्धि परीक्षा द्वारा उम्मीदवार की बुद्धि, यादशक्ति, विचारशक्ति, निर्णय शक्ति इत्यादि जान सकते है । अभिरूचि परीक्षा द्वारा उम्मीदवार को पसंद करना हो वह कार्य के प्रति उम्मीदयार की अभिरूचि या रूचि के बारे में जान सकते है । |
|
| 14. |
उम्मीदवार की कुशलता कौन सी कसौटी द्वारा निश्चित होती है ?(A) बुद्धि-कसौटी(B) अभिरुचि कसौटी(C) मनोवैज्ञानिक कसौटी(D) धन्धाकीय कसौटी |
|
Answer» सही विकल्प है (D) धन्धाकीय कसौटी |
|
| 15. |
धंधाकीय परीक्षा और मनोवैज्ञानिक परीक्षा द्वारा क्या जान सकते है ? |
|
Answer» धंधाकीय परीक्षा द्वारा उम्मीदवार को जो कार्य करना हो उनके बारे में उनको ज्ञान है या नहीं यह जान सकते है । मनोवैज्ञानिक परीक्षा द्वारा उम्मीदवार का स्वभाव, आत्मविश्वास, व्यवहार तथा आदत के बारे में जान सकते है । |
|
| 16. |
उम्मीदवारों की शक्तियों का सचोट ख्याल प्राप्त करने और उनकी अभिरूची तथा रूचि जानने के लिए कौन सी परीक्षा ली जाती है ?(A) बुद्धि परीक्षा(B) अभिरूचि परीक्षा(C) धन्धाकीय(D) मनोवैज्ञानिक परीक्षा |
|
Answer» सही विकल्प है (B) अभिरूचि परीक्षा |
|
| 17. |
उम्मीदवार का स्वभाव और आत्मविश्वास जानने के लिए कौन सी परीक्षा ली जाती है ?(A) बुद्धि परीक्षा(B) धन्धाकीय परीक्षा(C) अभिरुचि परीक्षा(D) मनोवैज्ञानिक परीक्षा |
|
Answer» सही विकल्प है (D) मनोवैज्ञानिक परीक्षा |
|
| 18. |
निम्न के विस्तृत रूप लिखिए । IIM, IIT, HRM, CR, PC, HRD, BOD |
|
Answer» IIM : Indian Institute of Management |
|
| 19. |
कर्मचारियों के चयन के लिए कौन-कौन सी परीक्षाएँ ली जाती है ? |
|
Answer» कर्मचारियों के चयन के लिए निम्न परीक्षाएँ ली जाती है :
|
|
| 20. |
प्रशिक्षण के केन्द्र में क्या होता है ?(A) कार्य(B) समय(C) वेतन(D) लाभ में हिस्सा |
|
Answer» सही विकल्प है (A) कार्य |
|
| 21. |
उम्मीदवार का आवेदन प्राप्त करने तक के कार्य को क्या कहते हैं ?(A) भरती का कार्य(B) सामान्य कार्य(C) विज्ञापन का कार्य(D) चयन का कार्य |
|
Answer» सही विकल्प है (A) भरती का कार्य |
|
| 22. |
चयन की प्रक्रिया का प्रथम अवस्था/सोपान कौन-सा है ?(A) आवेदन-पत्रक स्वीकारना व जाँच करना(B) स्वागत और प्राथमिक साक्षात्कार(C) व्यक्तिगत साक्षात्कार(D) आवश्यक कसौटी लेना |
|
Answer» सही विकल्प है (B) स्वागत और प्राथमिक साक्षात्कार |
|
| 23. |
चयन की प्रक्रिया का अन्तिम सोपान कौन-सा है ?(A) स्वागत व प्राथमिक मुलाकात(B) आवश्यक परीक्षाएँ लेना(C) स्वास्थ्य की जाँच(D) इकाई परिचय एवं कार्य को सौंपना |
|
Answer» सही विकल्प है (D) इकाई परिचय एवं कार्य को सौंपना |
|
| 24. |
चयन (Selection) की प्रक्रिया समझाइए |
|
Answer» चयन की प्रक्रिया निम्न है : (1) स्वागत और प्राथमिक सम्पर्क : इस स्तर पर सर्वप्रथम इकाई में उम्मीदवार का स्वागत किया जाता है । स्वागतकर्ता (Receptionist) प्राथमिक पूछताछ करके योग्य लगे तो भर्ती अधिकारी के समक्ष भेजते है । भरती अधिकारी उम्मीदवार के पास से ज्ञान, कौशल्य और कामगीरी के बारे में पूछताछ करके जानकारी प्राप्त करते है । प्राथमिक सम्पर्क में उम्मीदवार योग्य लगे तब उनको आवेदन-पत्रक भरने के लिए दिया जाता है । इस कार्य का मुख्य हेतु अयोग्य उम्मीदवार को आरम्भ से ही आवेदन करने से रोकना है । ऐसा करने से भर्ती अधिकारी का समय बचता है तथा कामगीरी सरल बनती है । (2) आवेदन-पत्र स्वीकारना और जाँच करना : आवेदन-पत्र द्वारा भर्ती अधिकारियों को उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, ज्ञान और कौशल्य के बारे में जानकारी मिलती है । आवेदन-पत्र के साथ में उम्मीदवार अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में विविध दस्तावेज जैसे कि मार्कशीट्स, अनुभव के प्रमाणपत्र आदि शामिल करते हैं । आवेदन पत्र में दर्शाये हुए विवरण की जाँच की जाती है । यदि आवेदन पत्र में दर्शायी हुई माहिती अपूर्ण या असत्य होने पर ऐसे आवेदन पत्र निरस्त किये जाते है । (3) आवश्यक परीक्षाएँ लेना : आवेदन पत्रों में से जिन आवेदन पत्रों को योग्य माना गया हो ऐसे उम्मीदवारों की विभिन्न परीक्षाएँ ली जाती है । प्रत्येक धंधाकीय इकाईयाँ अथवा संस्थाएँ अपने-अपने ढंग से परीक्षाएँ लेते है । उनके द्वारा उम्मेदवार की मानसिक क्षमता, चपलता, कुशलता तथा अभिरूचि आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है ।
(4) व्यक्तिगत साक्षात्कार : जो उम्मीदवार विविध परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए हो, उन्हें व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है । उम्मीदवारों का चयन करने हेतु चयन समिति की रचना की जाती है जिससे पूर्वाग्रह से मुक्त मूल्यांकन होता है । चयन समिति – में विभिन्न निष्णांतों के अलावा संचालकों के प्रतिनिधि, विभागीय अध्यक्ष, कर्मचारी विभाग के अध्यक्ष आदि का समावेश होता है । इस दौरान उम्मीदवारों को कार्य के अनुरूप प्रश्न पूछे जाते है । विषयान्तर न हो उस बात का ध्यान रखा जाता है । इस दौरान नौकरी की शर्ते तथा मिलनेवाले वेतन के विषय में स्पष्टता होनी चाहिए । (5) भूतकाल की जीवनवृत्ति की जाँच : उम्मीदवार जहाँ काम करता हो तथा भूतकाल में जहाँ जहाँ उसने कार्य किया हो उन इकाइयों के पास से उम्मीदवार सम्बन्धी जानकारी मंगाकर, आवेदनपत्र में उम्मीदवार ने जो जानकारी दी हो उससे तुलना करके जाँच करनी चाहिए, जिससे सही परिस्थिति का ज्ञान होता है । उम्मीदवार की प्राप्त जानकारी पूर्वग्रह से मुक्त होनी चाहिए । जिससे उम्मीदवार के बारे में योग्य निर्णय लिया जा सके । इसके अलावा आवेदन पत्र में उम्मीदवार ने दर्शाये गये सदगृहस्थ का अभिप्राय (Reference) लिया जाता है, जिससे चयन की प्रक्रिया में मदद मिलती है । (6) प्राथमिक चयन : यदि व्यक्तिगत साक्षात्कार के दौरान और भूतकाल की जीवन वृत्ति के बारे में सकारात्मक होने पर चयन समिति उम्मीदवारों की सूची बनाती है । इस सूची में जितनी आवश्यकता हो उनसे अधिक उम्मीदवार की सूची तैयार की जाती है । (7) शारीरिक स्वास्थ्य की जाँच : इकाई में जितने कर्मचारियों की आवश्यकता हो उतने उम्मीदवारों का प्राथमिक चयन करके इकाई निर्धारित चिकित्सक अथवा अस्पताल में शारीरिक जाँच के लिए भेजा जाता है । शारीरिक जाँच का मुख्य हेतु उम्मीदवार शारीरिक रूप से सक्षम है या नही इसकी जाँच करना है । बाकी के उम्मीदवारों को प्रतीक्षा सूची में शामिल किया जाता है । भविष्य में जब कर्मचारी की आवश्यकता हो तब इस प्रतीक्षा सूची में से क्रमानुसार चयन किया जाता है । (8) नियुक्ति-पत्र : अन्तिम चयन के पश्चात् उम्मीदवार को नियुक्ति दिया जाता है जिसमें उम्मीदवार को कौन से स्थल पर, कौन सी जगह के लिए, कौन-सा अधिकार, कर्तव्य व दायित्व एवं कर्मचारियों को मिलनेवाला वेतन एवं अन्य आर्थिक एवं अनार्थिक बातों की जानकारी प्रदान की जाती है । (9) इकाई परिचय (Induction) एवं कार्य को सौंपना : आधुनिक इकाइयाँ, नियुक्ति पत्र देने के पश्चात् और कार्य को सौंपने के पूर्व कर्मचारी को इकाई की नीति, पर्यावरण, उच्च अधिकारी, सह कर्मचारी एवं अधिनस्थों के साथ परिचय कराया जाता है उन्हीं के पश्चात् कार्य को सौंपा जाता है । |
|
| 25. |
चयन की प्रक्रिया में प्राथमिक सम्पर्क का मुख्य हेतु क्या होता है ? तथा इनसे कौनसी कामगीरी सरल बनती है ? |
|
Answer» चयन की प्रक्रिया में प्राथमिक सम्पर्क का मुख्य हेतु अयोग्य उम्मीदवार को आरम्भ से ही आवेदन करने से रोकना है । जिससे भर्ती अधिकारियों का समय बचता है तथा कामगीरी सरल हो जाती है । |
|
| 26. |
चयन की प्रक्रिया के आधार बताइए । |
|
Answer» चयन की प्रक्रिया का आधार इकाई का कद, प्रकार और कर्मचारियों के प्रकारं पर रहता है । |
|
| 27. |
चयन की प्रक्रिया /विधि की अवस्थाएँ बताइए । |
|
Answer» चयन की प्रक्रिया की अवस्थाएँ निम्न है :
|
|
| 28. |
संचालकों को कौन सी शताब्दी के अन्त में समझ में आया कि उत्पादन में कठोर साधन सामग्री की अपेक्षाकृत कर्मचारियों कामहत्त्वपूर्ण स्थान होता है ?(A) 16वीं(B) 17वीं(C) 19वीं(D) 20वीं |
|
Answer» सही विकल्प है (C) 19वीं |
|
| 29. |
कर्मचारी व्यवस्था इकाई में रूधिराभिसरण तंत्र के समान है । |
|
Answer» यह विधान सत्य है । मानव शरीर में रूधिराभिसरण तंत्र रक्त को शुद्ध करके सभी विभागों में पहुँचाने का कार्य करता है । जिससे शरीर के सभी अंगो कार्यक्षम और से कार्य करते हैं । उसी प्रकार इकाई में उपलब्ध साधन पर्याप्त मात्रा में हो, पूँजी हो, संचालन के अन्य सभी कार्य करने हो लेकिन रूधिराभिसरण तंत्र के समान कर्मचारी व्यवस्था न हो तो कर्मचारी की पूर्ति अलग-अलग विभागों में न होने से उत्पादन प्रक्रिया एवं इकाई की प्रवृत्ति में सातत्य बना नही रह सकता । अतः आदर्श कर्मचारी व्यवस्था से सभी संचालकीय कार्य एवं पर्याप्त साधनों का महत्तम उपयोग हो सकता है । और इकाई की कार्यक्षमता बनी रहती है । |
|
| 30. |
इकाई में आंतरिक प्राप्ति स्थानों में से किस प्रकार के कर्मचारी प्राप्त होने सम्भावना होती है ? |
|
Answer» इकाई में आंतरिक प्राप्तिस्थानों में कर्मचारी, श्रमिक, ‘लिपिक जैसे बिन संचालकीय कर्मचारी मिलने की सम्भावना होती है । |
|
| 31. |
संतुष्ट कर्मचारी इकाई की क्या है ?(A) अमूल्य सम्पत्ति(B) स्थिर सम्पत्ति(C) अस्थिर सम्पत्ति(D) कम मूल्यवान सम्पत्ति |
|
Answer» सही विकल्प है (A) अमूल्य सम्पत्ति |
|
| 32. |
बिन संचालकीय कर्मचारियों की चयन की प्रक्रिया कैसी है ?(A) कठिन है ।(B) छोटी एवं सरल है ।(C) खर्चीली है ।(D) लम्बी एवं विशिष्ट है । |
|
Answer» सही विकल्प है (B) छोटी एवं सरल है । |
|
| 33. |
कर्मचारी व्यवस्था इकाई के क्या कहलाते है ?(A) मस्तिष्क(B) प्राण(C) शारीरिक ढाँचा(D) हाथ-पैर |
|
Answer» सही विकल्प है (D) हाथ-पैर |
|
| 34. |
भर्ती के पश्चात् का दूसरा कार्य कौन-सा है ?(A) पदोन्नति देना(B) चयन करना(C) प्रशिक्षण देना(D) स्थानान्तरण करना |
|
Answer» सही विकल्प है (B) चयन करना |
|
| 35. |
कर्मचारियों की भर्ती, चयन, प्रशिक्षण और विकास हेतु किया जानेवाला खर्च यह धन्धे का खर्च नहीं बल्कि आवश्यक ………………………. माना जाता है ।(A) ऋण(B) म्युच्युअल फण्ड(C) पूँजी-निवेश(D) उपरोक्त सभी |
|
Answer» सही विकल्प है (C) पूँजी-निवेश |
|
| 36. |
कर्मचारी व्यवस्था यह संचालन का किस प्रकार का कार्य है ?(A) उत्पादकीय(B) उद्देश्यलक्षी(C) संचालकीय(D) प्रशासकीय |
|
Answer» सही विकल्प है (C) संचालकीय |
|
| 37. |
कर्मचारी व्यवस्था का विस्तृत अर्थ बताइए । |
|
Answer» विस्तृत अथवा विशाल अर्थ में कर्मचारी व्यवस्था अर्थात् कर्मचारियों की भर्ती, चयन, प्रशिक्षण, पदोन्नति व उनकी निवृत्ति के पश्चात् के कार्यों का समावेश होता है । |
|
| 38. |
कर्मचारी व्यवस्था संचालन का कौन-सा कार्य है ? |
|
Answer» कर्मचारी व्यवस्था संचालन का महत्त्वपूर्ण कार्य होता है । |
|
| 39. |
अन्तर लिखिए : प्रशिक्षण और विकास |
||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Answer»
|
|||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 40. |
कर्मचारी व्यवस्था का अर्थ एवं लक्षण समझाइए । |
|
Answer» सामान्य अर्थ में कर्मचारी व्यवस्था अर्थात् इकाई के लिए कर्मचारियों को प्राप्त करना, देखरेख रखना और उनकी सुरक्षा के साथ सम्बन्ध रखते है। विशाल अर्थ में कर्मचारी व्यवस्था अर्थात् कर्मचारियों की भर्ती, चयन, प्रशिक्षण, पदोन्नति और उनकी निवृत्ति के पश्चात् के कार्यों का समावेश होता है । लक्षण (Characteristics) : कर्मचारी व्यवस्था के लक्षण निम्न है :
|
|
| 41. |
कर्मचारी व्यवस्था के विभाग को किस नाम से पहचाना जाता है ? |
|
Answer» कर्मचारी व्यवस्था के विभाग को मानव संसाधन विभाग के रूप में जानते है । |
|
| 42. |
कर्मचारी व्यवस्था यह केवल कर्मचारी कल्याण की प्रवृत्ति नहीं । किसलिए ? । |
|
Answer» कर्मचारी व्यवस्था यह केवल कर्मचारी कल्याण की प्रवृत्ति ही नहीं बल्कि कर्मचारी व्यवस्था में कर्मचारियों को प्राप्त करना, उनकी सुरक्षा व देखभाल करना तथा उनके विकास सम्बन्धी कार्य, उनको प्रशिक्षण देना, समय-समय पर नई तकनिक से अवगत करना इत्यादि कार्य किये जाते है। |
|
| 43. |
कर्मचारी व्यवस्था का महत्त्व समझाइए । |
|
Answer» कर्मचारी व्यवस्था का महत्त्व के बारे में एक विद्वान ने कहा था कि, ‘तुम अपने कर्मचारियों का ध्यान रखो, वे शेष बातों का ध्यान तुम्हारे लिए रखेंगे !’ (Mind your men, men will mind everything for you.’) इस तरह कर्मचारी व्यवस्था का महत्त्व निम्न बिन्दुओं द्वारा जान सकते है ।
|
|
| 44. |
विशिष्ट प्रकार के कार्यों को करने हेतु कर्मचारियों की रुचि, कुशलता और योग्यता में वृद्धि करने की प्रक्रिया अर्थात्(A) चयन(B) पदोन्नति(C) प्रशिक्षण(D) निष्कासन |
|
Answer» सही विकल्प है (C) प्रशिक्षण |
|
| 45. |
आवेदन-पत्र कैसा होना चाहिए ? |
|
Answer» आवेदन-पत्र जहाँ तक हो सके वहाँ तक आवेदन-पत्र सरल और आवश्यक जानकारी संक्षिप्त में प्रदान कर सके ऐसा होना चाहिए । |
|
| 46. |
भर्ती (Recruitment) किसे कहते हैं ? इनके आंतरिक और बाह्य प्राप्ति स्थान समझाइए । |
|
Answer» भर्ती का सामान्य अर्थ : ‘भर्ती अर्थात् कर्मचारियों को खोजना और उनको नौकरी हेतु आवेदन करने के लिये प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया ।’ विशाल अर्थ में ‘भर्ती अर्थात् योग्य समय पर, योग्य संख्या में, योग्य स्थान के लिए, योग्य योग्यता प्राप्त व्यक्तियों को प्राप्त करने की प्रक्रिया।’ भर्ती के प्राप्ति स्थान : 1. आंतरिक प्राप्ति स्थान (Internal Sources) : (1) पदोन्नति द्वारा : इकाई में जब नई जगह उत्पन्न हो अथवा रिक्त स्थान पड़ने पर संचालक वर्तमान कर्मचारियों के काम, विशिष्ट ज्ञान, प्रमाणिकता व वफादारी जैसी बातों का मूल्यांकन करके इनके आधार पर पदोन्नति करते है । अपनी ही इकाई के कर्मचारी को उच्च पद प्रदान करने से उनका कार्य उत्पाह एवं वफादारी में वृद्धि होती है । पदोन्नति से कर्मचारी का वेतन, पद, अधिकार और दायित्व में वृद्धि होती है । (2) स्थानान्तरण करके : इकाई के एक विभाग में कर्मचारियों की कमी हो ऐसी स्थिति में इकाई के ही अन्य विभाग में आवश्यकता से अधिक कर्मचारी हो तब अतिरिक्त कर्मचारियों की योग्यता को ध्यान में रखकर योग्य स्थान पर स्थानान्तरण करके कर्मचारियों की कमी को दूर किया जाता है । (3) कर्मचारियों के मित्र व सगे सम्बन्धी को अवसर देना : इकाई में रिक्त स्थानों को भरने के लिए वर्तमान कर्मचारियों को सूचित किया जाता है । योग्य योग्यता वाले उनके सगे सम्बन्धियों या मित्रों को सिफारिश करने के लिए कहा जाता है । जिससे उनके पास से आवेदन मँगाकर भर्ती की जाती है । अपने मित्र व सगे सम्बन्धियों की भरती में सहभागी होने से वर्तमान कर्मचारियों के उत्साह व जिज्ञासा में वृद्धि होती है और वे गर्व अनुभव करते है । (4) पहले निकाले गये कर्मचारियों को पुन: बुलाना (Re call) करना : भूतकाल में जो कर्मचारी इकाई में काम करते थे उनको कोई कारण से कर्मचारियों को निकालना पड़ा हो अथवा अपनी इच्छा से अन्य इकाई में भर्ती हो चुके हो उनमें से संचालक अनुभवी, ज्ञान प्राप्त एवं कार्यदक्ष कर्मचारियों को पुनः बुलाना । (5) पदोन्नति के साथ स्थानान्तरण करके : इस पद्धति में इकाई के वर्तमान कर्मचारी इन्हीं संचालन के तहत अन्य स्थल पर संचालित इकाई में कर्मचारी की कार्यक्षमता, वफादारी एवं अनुभव को ध्यान में रखकर पदोन्नति के साथ स्थानान्तरण किया जाता है । जैसे मनपसंद शहर या गाँव के समीप पदोन्नति के साथ स्थानान्तरण किया जाता है । जिससे कर्मचारी का कार्य उत्साह व रूचि बढ़ती है । (6) प्रतीक्षा सूची (Waiting List) : भूतकाल में विज्ञापन देकर भर्ती की गई हो, तब आवश्यकता से अधिक उम्मीदवार पसंद करके उनकी सूची बनाकर रखी जाती है । जिसे प्रतीक्षा सूची कहते हैं । इसके कारण पुनः विज्ञापन नहीं देना पड़ता तथा भर्ती की प्रक्रिया का पुनरावर्तन भी नहीं होता । आवश्यकता पड़ने पर ऐसी सूची में से उम्मीदवार को साक्षात्कार के लिए बुलाकर चयन । कर लिया जाता है । II. बाह्य प्राप्तिस्थान (External Sources) (1) विज्ञापन (Advertisement) : भर्ती हेतु यह पद्धति श्रेष्ठ कहलाती है । वर्तमानपत्र, धंधाकीय सामयिक या विशिष्ट व्यवसाय के लिए सामयिको/समाचारपत्रों में विज्ञापन द्वारा आवेदन- पत्र मंगाये जाते है । इसके अलावा विभिन्न उम्मीदवार जो नौकरी के इच्छुक हो वह टेलीविजन, इन्टरनेट और वेबसाईट पर विज्ञापन देखकर ऑनलाईन आवेदन कर सकते है । विज्ञापन के द्वारा दूर-दूर के स्थानों से अधिक संख्या में आवेदन मंगा सकते है । उनमें से योग्य कर्मचारी का चयन हो सकता है । (2) रोजगार विनिमय संस्थाएँ (Employment Exchange Institution) : सरकारी और निजी रोजगार विनिमय संस्थाएँ नौकरी (3) शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा : आधुनिक समय में बहुत-सी इकाइयाँ इस पद्धति से भर्ती करती है । व्यावसायिक शिक्षण देनेवाली संस्थाएँ, कॉलेज और विश्वविद्यालय का सम्पर्क स्थापित करके उसमें अध्ययनरत विद्यार्थियों की सीधी भर्ती (Campus Recruitment) करते है । इकाई में जिस प्रकार की योग्यता वाले कर्मचारियों की आवश्यकता हो इसके बारे में कॉलेज केरका में साक्षात्कार रखकर भी नियुक्तियाँ की जा सकती है । जैसे कि IIM अर्थात् Indian Institute of Management भारतीय प्रबन्धन संस्थान, IIT अर्थात् Indian Institute of Technology भारतीय तकनिकी संस्थान जैसी संस्थाएँ प्रतिवर्ष इस तरह के नियुक्ति मेले (Campus Placement) आयोजित किये जाते है। (4) श्रमिक संघो द्वारा : कई श्रमिक संघ भी धंधाकीय इकाई के श्रमिक सदस्यों का पंजियन करते रहते है । इकाई में कंपनी काम कम होने से अथवा अन्य किसी कारण से कर्मचारियों को निकाला जाता है । इकाई में पुनः तेजी आने से अथवा काम में वृद्धि होने से श्रमिक संघ/संगठन की मदद से ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है । जैसे कपड़ा उद्योग, खान उद्योग, इत्यादि । (5) ठेकेदार (Contractor) द्वारा : इस पद्धति में ठेकेदार कर्मचारी प्रदान करने की जिम्मेदारी स्वीकारते है । यहाँ धंधाकीय इकाई (6) दरवाजे (Gate) पर नियुक्ति : संस्था/इकाई के मुख्य द्वार पर काम के बारे में जानकारी दर्शाता बोर्ड रखकर कर्मचारियों की भर्ती की जा सकती है । दैनिक मजदूरी (Daily wage) पर कर्मचारी रखने के लिए यह पद्धति अधिक अनुकूल है । (7) आधुनिक पद्धति : आधुनिक युग में इन्टरनेट के उपयोग द्वारा कर्मचारियों को प्राप्त किया जा सकता है । अलग-अलग एजेन्सियाँ अपनी वेबसाईट पर संभवित उम्मीदवारों के बारे में बायोडेटा एकत्रित करती है । इकाई में रिक्त स्थान होने पर यह एजेन्सी अथवा इकाई इनका उपयोग कके योग्य उम्मीदवार प्राप्त कर सकते है । सामान्य रूप से कुशल कर्मचारियों की भर्ती के लिए यह योग्य प्राप्ति स्थान कहलाता है । |
|
| 47. |
पदोन्नति के साथ स्थानान्तरण करना यह कौन-सा प्राप्ति स्थान है ?(A) सरकारी प्राप्तिस्थान(B) बाह्य प्राप्ति स्थान(C) आन्तरिक प्राप्ति स्थान(D) इनमें से कोई नहीं |
|
Answer» सही विकल्प है (C) आन्तरिक प्राप्ति स्थान |
|
| 48. |
किस प्रकार के कर्मचारियों की भर्ती के लिए बाह्य प्राप्ति स्थान उपयोगी है ? |
|
Answer» उच्च योग्यता प्राप्त, प्रतिभा सम्पन्न व कुशल कर्मचारियों को प्राप्त करने के लिए बाह्य प्राप्तिस्थान उपयोग में लिया जाता है । |
|
| 49. |
कर्मचारी परिवर्तन दर में कमी किनके माध्यम से आती है ?(A) भर्ती(B) चयन(C) प्रशिक्षण(D) स्थानान्तरण |
|
Answer» सही विकल्प है (C) प्रशिक्षण |
|
| 50. |
कर्मचारी व्यवस्था के विभाग के रूप में किन्हें पहचाना जाता है ?(A) उत्पादन विभाग(B) मानव संसाधन विभाग(C) कर्मचारी संचालन विभाग(D) आपत्ति व्यवस्थापन विभाग |
|
Answer» सही विकल्प है (B) मानव संसाधन विभाग |
|