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101.

प्रत्यावर्ती धारा का माध्य मान (mean value) क्या है तथा माध्य मान एवं धारा के शिखर मान में क्या संबंध है ?

Answer» प्रत्यावर्ती धारा का एक अर्धचक्र में माध्य मान `I_("av")=(2I_(0))/(pi)," जहाँ "I_(0)` प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान है |
102.

किसी ओमीय प्रतिरोध पर `V_(0)` शिखर मान का प्रत्यावर्ती वोल्टेज लगने पर उसमे `i_(0)` शिखर मान की धारा प्रवाहित होती है | सम्पूर्ण चक्र के लिए शक्ति का औसत मान कितना होगा ?

Answer» `barP = V_(rms) xx i_(rms) = (V_(0))/(sqrt(2))xx(i_(0))/(sqrt(2)) = (1)/(2) V_(0)i_(0)`
103.

प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान उसका प्रभावी मान नहीं होता | कारण दीजिये

Answer» एक सम्पूर्ण चक्र के लिये प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान शून्य होता है |
104.

एक प्रत्यावर्ती धारा का उच्चतम मान 15 A है और इसकी आवृति 60 Hz है | इसके वर्ग-माध्य-मूल का मान ज्ञात करें | शून्य से उच्चतम मान तक पहुँचने में कितना समय लगेगा ?

Answer» धारा का वर्ग-माध्य-मूल (rms) मान `=(I_(0))/(sqrt(2))A=(15)/(sqrt(2))A`
`=0.707xx15A = 10.6 A.`
प्रत्यावर्ती धारा को शून्य से अपने उच्चतम मान `I_(0)` तक पहुँचने में लगा समय (t), एक पूर्ण चक्र के समय का `1//4` होगा | अतः, अभीष्ट समय `t=T//4," जहाँ "T` आवर्तकाल है |
`therefore" "t=(1)/(4)(T)=(1)/(4)((1)/(f))," यहाँ "f=60 Hz" [because f=(1)/(T)]`
`therefore" "t=(1)/(4f)=(1)/(4xx60 s^(-1))=0.00416 s ~~ 4.2xx10^(-3)s`
अतः, प्रत्यावर्ती धारा rms का मान =10.6 A तथा धारा को शून्य से उच्चतम मान तक पहुँचने में लगा समय `=4.2xx10^(-3)s.`
105.

दिष्ट धारा और प्रत्यावर्ती धारा में क्या अंतर है ?

Answer» दिष्ट धारा और प्रत्यावर्ती धारा में निम्नलिखित अंतर है-
(a) दिष्ट धारा में विद्युत-वाहक बल का मान एवं दिशा स्थिर रहते हैं, जबकि प्रत्यावर्ती धारा में विद्युत-वाहक बल के मान और दिशा बदलते रहते हैं | जिस वोल्टेज को हम प्रत्यावर्ती धारा का वोल्टेज कहते हैं वह उस धारा के विद्युत-वाहक बल के महत्तम मान का `(1)/(sqrt(2))` गुना होता है और वह प्रत्यावर्ती धारा का आभासी वोल्टेज (virtual voltage) कहा जाता है |
प्रत्यावर्ती धारा का वितरण (distribution) कम खर्च में दूर-दूर तक हो सकता है, क्योंकि इसमें ट्रांसफॉर्मर काम में लाए जा सकते हैं | दिष्ट धारा में ऐसा संभव नहीं है |
(c) प्रत्यावर्ती धारा, दिष्ट धारा से अधिक खतरनाक होती है |
(d) विद्युत-अपघटन (electrolysis), विधुतलेपन (electroplating), विद्युत-चुंबक (electromagnet) आदि बनाने में केवल दिष्ट धारा काम में लाई जाती है, प्रत्यावर्ती धारा नहीं |
(e) प्रत्यावर्ती धारा से बैटरी का आवेशन (charging) नहीं किया जा सकता है |
106.

वोल्टमीटर द्वारा मापे गए प्रत्यावर्ती धारा के मेन्स का विभव 200 वोल्ट प्राप्त होता हैं तो इस विभव का वर्ग - माध्य -मूल मान होगा -A. `200sqrt(2)`B. `100sqrt(2)`C. `200`वोल्टD. `400//pi`वोल्ट

Answer» Correct Answer - B
107.

अर्द्ध चक्र के लिये प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान क्या होता है ? सम्पूर्ण चक्र के लिये कितना ?

Answer» Correct Answer - `2i_(0)//pi, 0`
108.

एक प्रत्यावर्ती धारा का समीकरण `I=20 sin 200 pi t` है | धारा की आवृति, शिखर मान तथा वर्ग-माध्य-मूल मान निकाले |

Answer» यहाँ `" "I=20 sin 200 pi t," परन्तु "I=I_(0) sin omega t`
या `" "I=I_(0) sin 2pi f t" "[because omega = 2 pi f]`
दोनों समीकरणों की तुलना करने पर,
`2pi f =200 pi, " "therefore f=(200)/(2) Hz=100 Hz.`
फिर, धारा का शिखर मान `I_(0)=20 A`
तथा धारा का वर्ग-माध्य-मूल (rms) मान `=(I_(0))/(sqrt(2))=(20)/(sqrt(2))A=(20sqrt(2))/(2)A`
`=10 sqrt(2)A=10xx1.414 A=14.14 A.`
अतः धारा की आवृति, शिखर मान तथा वर्ग-माध्य-मूल के मान क्रमश: 100 Hz, 20 A तथा 14.1 A है |
109.

एक प्रत्यावर्ती धारा का समीकरण `I=60 sin 100 pi t` है धारा के मूल-माध्य-वर्ग का मान होगाA. `(60)/(sqrt(2))`B. 30C. 100D. शून्य

Answer» Correct Answer - A
`I_("rms")=(I_(0))/(sqrt(2))=(60)/(sqrt(2)).`
110.

दो प्रत्यावर्ती धाराओं के समीकरण है- `i_(1) = i_(0) sin omegat, i_(2) = i_(0) sin (omegat + (pi)/(3))` | इनके वर्ग माध्य मूल मान समान है अथवा नहीं |

Answer» Correct Answer - समान है
111.

किसी प्रत्यावर्ती धारा को `I= 20 sin omegat` से व्यक्त किया जाता है । यदि I ऐम्पियर में है तो प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान ज्ञात कीजिए।

Answer» प्रेरण प्रतिघात `I=20sinomegat`
प्रत्यावर्ती धारा `I=I_(0)sinomegat` से तुलना करने पर, `I_(0) = 20` ऐम्पियर
A.C. का वर्ग माध्य मूल `I_(rms)=(I_(0))/(sqrt2)=20/(sqrt2)=14.142` ऐम्पियर।
112.

प्रश्न 3 व 4 में एक पूरे चक्र की अवधि में प्रत्येक परिपथ में कितनी नेट शक्ति अवशोषित होती है ? अपने उत्तर का विवरण दीजिए ।

Answer» प्रेरकत्व में धारा, विभव से `(pi)/(2)` पश्चगामी होती है
लेकिन संधारित्र में धारा विभव से `(pi)/(2)` अग्रगामी होती है
`:.P_(av)=V_(rms)I_(rms)*cos(pm(pi)/(2))=0`.
113.

कल्पना कीजिए कि प्रश्न 18 में प्रतिरोध `15 Omega` है | परिपथ के हर अवयव को स्थानांतरित माध्य शक्ति तथा सम्पूर्ण अवशोषित शक्ति को परिकलित कीजिए |

Answer» दिया है-वोल्टेज rms मान `(V_(rms)) = 230V`
प्रतिरोध `(R ) = 15 Omega`
आवृत्ति `(f) = 50 Hz`
प्रेरित्र तथा संधारित्र में औसत शक्ति शून्य है चूँकि v व i में कलान्तर `90^(@)` है |
कुल शोषित शक्ति प्रतिरोधक द्वारा ग्रहण की गई शक्ति
`P_(AV)=V_(rms)*I_(rms)`
`Z = sqrt(R^(2)+(X_(L)-X_(C))^(2))`
`=sqrt(15^(2)+(2xx3.14xx50xx80xx10^(-3)-(1)/(23.14xx50xx60xx10^(-6)))^(2))`
`//-sqrt(1002.85)=31.67Omega`
`I_(rms)=(V_(rms))/(Z)=(230)/(31.67)=7.26`
कुल ग्रहण की गई शक्ति, `P_(AV) = V_(rms)*I_(rms)`
`= I_(rms)*R.I_(rms)`
` = (7.26)^(2) xx 15`
` = 790.6 W`
अतः कुल ग्रहण की गई शक्ति 790.6 W है |
114.

समय T विमा नहीं है-A. L/R कीB. RC कीC. `sqrt(LC)` कीD. R/C की

Answer» Correct Answer - D
115.

एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में किसी क्षण विघुत वाहक बल (E) तथा वैघुत धारा i क्रमशः `E =E_(0) sin omegat` तथा `i=i_(0) sin (omegat - phi)` से दिये जाते है | परिपथ में एक साईकिल के लिये औसत शकित क्षय है-A. `(E_(0)i_(0))/(2)`B. `(E_(0)i_(0))/(2)sin phi`C. `(E_(0)i_(0))/(2)cosphi`D. `E_(0)i_(0)`

Answer» Correct Answer - C
116.

एक कुण्डली को जिसका प्रेरण 0. 50 H तथा प्रतिरोध `100 Omega` है, 240 V व 50 Hz की एक आपूर्ति से जोड़ा गया है | (a) कुण्डली में अधिकतम धारा कितनी है ? (b) वोल्टेज शीर्ष व धारा शीर्ष के बीच समय-पश्चता (time lag) कितनी है ?

Answer» दिया है-प्रेरकत्व (L) = 0.50 H
प्रतिरोध (R ) = `100 Omega`
वोल्टेज का rms मान `(V_(rms)) = 240 V, f = 50 Hz`
(a) परिपथ में प्रतिबाधा,
`Z = sqrt(R^(2)+X_(L)^(2))=sqrt(R^(2)+(2pifL)^(2))`
` =sqrt((100)^(2)+(2xx3.14xx50xx0.50)^(2))`
` = 186.14 Omega`
धारा का rms मान `(I_(rms)) = (V_(rms))/(Z) = (240)/(186.14) = 1.29 A`
परिपथ में अधिकतम धारा का मान,
`I_(0) = sqrt(2)I_(rms) = 1.414 xx 1.29 = 1.824 A`
(b) समय पश्चता के सूत्रानुसार, ,brgt `t = (phi)/(omega)`
`tanphi=(X_(L))/(R)=(omegaL)/(R)=(2pifL)/(R)=(2xx3.14xx50xx0.50)/(100)`
`phi=tan^(-1)(1.571)=57.5^(@)`
`=(57.5)/(180)pi`रेडियन
पश्चता समय`(t) = (phi)/(omega) = (57.5 pi)/(180 xx 2pif)`
` = (57.5)/(180 xx 2xx 50)
` = 3.19 xx 10^(-3) सेकण्ड
अतः अधिकतम वोल्टेज तथा अधिकतम धारा के मध्य समय पश्चता `3.19 xx 10^(-3)` सेकण्ड है |
117.

(a) ac आपूर्ति का शिखर मान 300 V है rms वोल्टता कितनी है ? (b) ac परिपथ में धारा का rms मान 10 A है शिखर कितनी है ?

Answer» (a) दिया है - `V_(0)=300` Volt
`V_(rms)=(V_(0))/(sqrt(2))=(300)/(sqrt(2))=212*1` वोल्ट |
(b) दिया है : `I_(rms)=10A`
`I_(0)=sqrt(2)*I_(rms)=1*414xx10=14*14A`.
118.

प्रत्यावर्ती धारा को वर्ग माध्य मूल मान या कल्पित मान में क्यों नापते है ?

Answer» इसे इस पद में इसलिए मापते है कि पूर्ण चक्र पर इसका औसत मान शून्य होता है और यह परिमाण तथा दिशा में निरंतर समयानुसार बदलता रहता है ।
119.

30 `muF` का एक आवेशित संधारित्र 27 mH के प्रेरिक से जोड़ा गया है । अपरिपथ के मुक्त दोलनों की कोणीय आवृत्ति कितनी है ?

Answer» दिया है, `C=30muF=30xx10^(-6)F`,
`L=27mH=27xx10^(-3)H`
सूत्र - `omega=(1)/(sqrt(LC))`
`=(1)/(sqrt(27xx10^(-3)xx30xx10^(-6))`
`=(1)/(9xx10^(-4))`
`=1*1xx10^(3)"rad s"^(-1)`.
120.

`30 muF` का एक आवेशित संधारित्र 27 mH के प्रेरित्र से जोड़ा गया है | परिपथ के मुक्त दोलनों की कोणीय आवृत्ति कितनी है ?

Answer» `1.1 xx 10^(3)` हर्ट्ज
121.

यदि किसी ट्रांसफार्मर की प्राथमिक कुंडली को बैटरी में जोड़ा जाए तो क्या घटना घटित होगी ?

Answer» द्वितीयक कुण्डली में प्रारम्भ में क्षणिक धारा प्रवाहित होगी फिर कोई धारा प्रवाहित नहीं होगी ।
122.

किसी ट्रांसफार्मर में लौह-क्रोड़ की क्या उपयोगिता है ?

Answer» ट्रांसफार्मर का कार्य क्रोड़ के बार-बार चुम्बकीय व विचुम्बकीय होने से ही सम्पन्न होता है |
123.

जब ट्रांसफार्मर की कुण्डली में प्रत्यावर्ती धारा बहती है तो उसकी क्रोड़ गर्म क्यों हो जाती है ?

Answer» शैथिल्य हानि (hysteresis loss) के कारण |
124.

एक LCR परिपथ की जिसमे `L = 2.0 H,C = 32 muF` तथा `R = 10 Omega` अनुनाद आवृति `omega_(r)` परिकलित कीजिए | इस परिपथ के लिये Q का क्या मान है ?

Answer» दिया है-`L = 2H,C = 32muF, R = 10Omega`
अनुनादिय कोणीय आवृत्ति,
` omega_(r) = (1)/(sqrt(C )) = (1)/(sqrt(2 xx 32 xx 10^(-6))) = 125` रेडियन/सेकण्ड
इस परिपथ का गुणता-कारक (Q-factor)
` Q = (1)/(R ) sqrt((L)/(C )) = (1)/(10) sqrt((2)/(32xx10^(-5)))=(10^(3))/(40)=25`
125.

ट्रांसफार्मर की क्रोड़ पटलित (laminated) क्यों बनायी जाती है ?

Answer» पटलित क्रोड़ में भँवर धाराओं के कारण होने वाला ऊर्जा ह्मास घट जाता है |
126.

एक LCR परिपथ की जिसमे `L=2*0H,C=32muF` तथा `R=10Omega` अनुनाद आवृत्ति `omega_(r)` परिकलित कीजिए । इस परिपथ के लिए Q का मान क्या है ?

Answer» दिया है -
`L=2H,C=32muF=32xx10^(-6)F`,
`R=10Omega`
सूत्र - अनुवादी आवृत्ति `omega_(r)=(1)/(sqrt(LC))`
`:.omega_(r)=(1)/(sqrt(2xx32xx10^(-6)))=(1)/(8xx10^(-3))=125`.
`=125` सरेडियन/सेकण्ड
Q गुणांक `=(omega_(r)L)/(R)=(125xx2)/(10)=25`.
127.

A.C. वोल्टेज बढ़ाने के लिए आप किस प्रकार युक्ति को उपयोग में लायेंगे ? क्या इस युक्ति की सहायता से D.C वोल्टेज को बढ़ाया जा सकता है ?

Answer» ट्रान्सफॉर्मर को उपयोग में लायेगे। इस युक्ति की सहायता से D.C वोल्टेज को नहीं बढाया जा सकता।
128.

ट्रान्सफॉर्मर के क्रोड पटलित बनाये जाते हैं। क्यों ?

Answer» ट्रान्सफॉर्मर के क्रोड को पटलित बनाकर भँवर धाराओं के प्रभाव को कम किया जाता है। क्रोड के पटलित होने से उसका प्रतिरोध बहुत अधिक हो जाता है। अत: उत्पन्न भँवर धाराओं की प्रबलता बहुत कम ही जाता है। इस प्रकार विद्युत् ऊर्जा का ऊष्मीय ऊर्जा में अपव्यय नहीं हो पता ।
129.

अनुनाद की स्थिति में L-C परिपथ की आवृत्ति है (दिया है : `L = 0.02H, C = 2muF`)A. 1595 HzB. 1253 HzC. 983 HzD. 796 Hz

Answer» Correct Answer - C
130.

L-R परिपथ का शक्ति गुणांक होता हैA. `R+omega L`B. `(R)/(sqrt(R^(2)+omega^(2)L^(2)))`C. `Rsqrt(R^(2)+omega^(2)L^(2))`D. `(omegaL)/(R)`

Answer» Correct Answer - B
131.

ट्रान्सफॉर्मर में भँवर धाराओं का प्रभाव किस प्रकार कम किया जाता है?

Answer» ट्रान्सफॉर्मर के क्रोड को पटलित बनाकर भँवर धाराओं के प्रभाव को कम किया जाता है। क्रोड के पटलित होने से उसका प्रतिरोध बहुत अधिक हो जाता है। अत: उत्पन्न भँवर धाराओं की प्रबलता बहुत कम ही जाता है। इस प्रकार विद्युत् ऊर्जा का ऊष्मीय ऊर्जा में अपव्यय नहीं हो पता ।
132.

ट्रान्सफॉर्मर में किन-किन कारणों से ऊर्जा क्षय होता है तथा इन्हें किस प्रकार कम किया जा सकता है ?

Answer» ट्रान्सफॉर्मर में निम्नानुसार ऊर्जा क्षय होता है-
(i) ताम्र ह्रास-ट्रान्सफॉर्मर की प्राथमिक एवं द्वितीयक कुण्डलियों में विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर जूल प्रभाव के कारण उनमें ऊष्मा उत्पन्न होती है। इस ऊष्मा का मान `I^(2)R` होता है, जहाँ I प्रवाहित होने वाली धारा की प्रबलता तथा R प्रतिरोध है। ऊष्मा के रूप में ऊर्जा के इस ह्रास को ताम्र ह्रास कहते हैं। इसे दूर नहीं किया जा सकता।
(ii) लौह ह्रास-क़ोड में भँवर धाराएँ उत्पन्न्न होने के कारण होने वाली ऊर्जा ह्रास को लौह ह्रास कहते हैं। इस हास के मान को कम करने के लिए क्रोड को पटलित बनाया जाता है।
(iii) चुम्बकीय फ्लक्स क्षरण-प्राथमिक कुण्डली में विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर उत्पन्न समस्त चुम्बकीय फ्लक्स द्वितीयक कुण्डली से बद्ध नहीं हो पाता। अत: कुछ ऊर्जा का ह्रास हो जाता है। ऊर्जा के इस ह्रास को चुम्बकीय फ्लक्स क्षरण कहते हैं। इसे कम करने के लिए नर्म लोहे का क्रोड उपयोग में लाया जाता है।
(iv) शैथिल्य ह्रास-प्राथमिक कुण्डली में प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित करने पर क्रोड बार-बार चुम्बकित और विचुम्बकित होता रहता है, जिससे कुछ ऊर्जा का ह्रास होता रहता है। इस ह्रास को शैथिल्य ह्रास कहते हैं। शैथिल्य ह्रास को कम करने के लिए नर्म लोहे का क्रोड प्रयुक्त किया जाता है।
133.

L-C परिपथ में `omega` कोणीय आवृत्ति का प्रत्यावरिट वोल्टेज लगाया जाता है | यदि परिपथ के लिये `omega^(2) = (1)/(LC)` हो तो-(i) धारा अधिकतम होती है (ii) धारा न्यूनतम होती है (iii) वोल्टेज न्यूनतम होता है (iv) वोल्टेज अधिकतम होता है | बताइयेA. (i), (iii) दोनों ठीक हैB. (i), (iv) दोनों ठीक हैC. (ii), (iii) दोनों ठीक हैD. (ii), (iv) दोनों ठीक है

Answer» Correct Answer - B
134.

यदि प्रत्यावर्ती धारा तथा विधुत-वाहक बल के बिच कोण का कलांतर हो, तो शक्ति गुणांक (power facter) का मान होता हैA. `tan varphi`B. `cos^(2) varphi`C. `sin varphi`D. `cos varphi`

Answer» Correct Answer - D
135.

ट्रान्सफॉर्मर किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ? दूर स्थानों तक ऊर्जा पहुँचाने में इसका उपयोग किस प्रकार किया जाता है ?

Answer» ट्रान्सफॉर्मर अन्योन्य प्रेरण के सिद्धान्त पर कार्य करता है। इसके प्राथमिक कुण्डली में प्रत्यावर्ती वि. वा, बल लगाने पर द्वितीयक कुण्डली में उसी आवृत्ति का बढ़ा हुआ या घटा हुआ प्रत्यावर्ती वि. वा. बल प्रेरित हो जाता है।
पॉवर हाउस में उत्पन्न विद्युत् धारा की प्रवलता अधिक होती है। इस धारा को इसी रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं पहुँचाया जा सकता, क्योंकि ऐसा करने से विद्युत् ऊर्जा का ऊप्मीय ऊर्जा में अपव्यय होने लगता है। अत: सर्वप्रथम उच्चायी ट्रान्सफॉर्मर का उपयोग करके विद्युत् धारा का विभवान्तर बढ़ा दिया जाता है, जिससे धारा की प्रबलता कम हो जाती है। इस धारा को कम खर्चे में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जा सकता है। घरों में विद्युत् धारा देने के पहले अपचायी ट्रान्सफॉर्मर की सहायता से विभवान्तर को साधारण मान पर लाया जाता है।
136.

0.1 हेनरी का एक शुद्ध प्रेरकत्व तथा 1.0 `muF` का एक संधारित्र श्रेणीक्रम में जोड़े जाते है | इस प्रत्यावर्ती परिपथ में शक्ति क्षय की गणना कीजिये |

Answer» Correct Answer - शून्य
137.

एक प्रतिरोध R, प्रेरकत्व L तथा संधारित्र C, आवृत्ति f के दोलित्र के साथ श्रेणीक्रम में जोड़े गये है | यदि अनुनादी आवृत्ति `f_(r)`, है तब धारा वोल्टेज से पश्चगामी होगी, जब -A. `f = 0`B. `f lt f_(r)`C. `f = f_(r)`D. `f gt f_(r)`

Answer» Correct Answer - D
138.

किसी L -C -R श्रेणी परिपथ के लिए अनुनाद की स्थिति में धारा तथा लगाई गई वाल्टता के बीच कालान्तर होगा -A. `pi`B. `pi//2`C. `pi//4`D. शून्य

Answer» Correct Answer - D
139.

`sqrt(LC)` का मात्रक है-A. हेनरीB. फैरडC. ऐम्पियरD. सेकण्ड

Answer» Correct Answer - D
140.

यदि एक LCR परिपथ को प्रत्यावर्ती धारा के स्त्रोत से जोड़ा जाये तो अनुनाद की स्थिति में धारितीय प्रतिघात तथा प्रेरकीय प्रतिघात में कलान्तर होगा -A. `0`B. `pi//4`C. `pi//2`D. `pi`

Answer» Correct Answer - D
141.

L-C-R श्रेणी परिपथ में R = 20 ओम है | अनुनाद की स्थिति में परिपथ की प्रतिबाधा है -A. 20 ओमB. 10 ओमC. 400 ओमD. शून्य

Answer» Correct Answer - A
142.

प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में यदि धारा I एवं वोल्टेज के बिच कलांतर `phi` हो, तो धारा का वाटहिन घटक होगाA. `I cos phi`B. `I sin phi`C. `I tan phi`D. `I cos^(2) phi`

Answer» Correct Answer - B
143.

ट्रांसफॉर्मर क्या है ? ट्रांसफॉर्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है ? दूर स्थानों को विधुत ऊर्जा पहुंचाने में ट्रांसफॉर्मर का उपयोग किस प्रकार किया जाता है ?

Answer» एक ऐसा यन्त्र है जो प्रत्यावर्ती जो प्रत्यावर्ती वोल्टेज को बिना विधुत ऊर्जा नष्ट किये परिवर्तन कर देता इ अर्थात बढ़ा देता है या घटा देता है ट्रांसफॉर्मर कहलाता है । यह अन्योन्य प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है पावर स्टेशन में विधुत धारा की प्रबलता बहुत अधिक होती है यदि इसे इसी रूप में दूरस्थ स्थानों पर भेजें तो अधिक उष्मा उत्पन्न होगी जिससे विधुत ऊर्जा का उष्मीय ऊर्जा में अपव्यय होगा । साथ हे मोटे तार की आवश्यकता होगी जो आर्थिक रूप से खर्चीला होगा अतः सर्वप्रथम उच्चायी ट्रांसफॉर्मर की सहायता से विधुत धारा के विभवांतर को बढ़ाकर धारा की प्रबलता को कम करते है जिससे धारा को कम खर्च पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है घरो में विधुत धारा देने के पहले अपचायी ट्रांसफॉर्मर की सहायता से विभवान्तर को साधारण मान पर लाया जाता है ।
144.

ट्रांसफॉर्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है ?

Answer» यह अन्योन्य प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है ।
145.

ट्रांसफॉर्मर के अंतर्निहित सिद्धांत का उल्लेख करें | ट्रांसफॉर्मर के उपयोग से विद्युत ऊर्जा का लंबी दूरी तक बड़े पैमाने पर संप्रेषण कैसे किया जाता है ?

Answer» घरेलू विद्युत संयंत्र प्राय: 220 वोल्ट पर कार्य करते हैं तथा इनसे प्रवाहित धारा संयंत्रों के वोटेज के अनुसार `(I=" watt"//220 V)` अल्प परिमाण में प्रवाहित होती है | यदि शक्ति उत्पादन केंद्र में उत्पादित विद्युत-शक्ति (मान लिया 22 kW) को 220 V पर लाइन तारों में प्रवाहित कर लंबी दूरी तक भेजा जाए, तो लाइन तारों में बहुत प्रबल धारा
`(I=(P)/(V)=(22,000 W)/(220 V)=100 A)`
प्रवाहित होगी जिसके ऊर्जा का क्षय उष्मा के रूप में बहुत अधिक होगा | इस ऊर्जा हानि को कम करने के लिए शक्ति उत्पादन केंद्र में ही उत्पादित विद्युत शक्ति को step-up ट्रांसफॉर्मर द्वारा ऊंचे वोल्टेज (जैसे, 132 kV) पर परिवर्तित करके अल्प धारा
`(I=(22 kW)/(132 kV)=(1)/(6) A)` लाइन-तार द्वारा दूर स्थित सब-स्टेशन तक भेजी जाती है | अल्प धारा होने से ऊष्मा-क्षय कम हो जाता है | सब-स्टेशन पर step-down ट्रांसफॉर्मर द्वारा इसे पुनः 220 V पर परिवर्तित करके घरेलू उपयोग के लिए भेजा जाता है | ट्रांसफॉर्मर द्वारा विभव को high या low करना केवल प्रत्यावर्ती विभव के लिए ही संभव है, दिष्ट धारा (d.c) के लिए नहीं |
146.

एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में प्रेरकत्व, संधारित्र एवं प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़े गये है | परिपथ में वोल्टेज एवं धारा के समीकरण निम्न है- `V = 200 sin (314t + pi//6)` वोल्ट `i=5sin(314t-pi//6)` ऐम्पियर ज्ञात कीजिये- (i) प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत की आवृत्ति (ii) V तथा i के मध्य कलान्तर (iii) परिपथ की प्रतिबाधा (iv) परिपथ में औसत शक्ति क्षय

Answer» (i) प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत की आवृत्ति
`f = (omega)/(2pi) = (314)/(2xx 3.14) = 50` हर्ट्ज
(ii) V तथा i के मध्य कलान्तर
`phi = (314 t + (pi)/(6)) - (314t - (pi)/(6))`
`= (2pi)/(6) = (pi)/(3)`
(iii) परिपथ में प्रतिबाधा
`Z = (V_(0))/(L_(0)) = (200)/(5) = 40` ओम
(iv) परिपथ में औसत शक्ति क्षय
`barP = (V_(0)L_(0))/(2) cos phi`
`= ((200)(5))/(2) * cos (pi)/(3)`
` = (500)((1)/(2)) = 250` वाट
147.

`25 mu F` के एक संधारित्र 0.10 H का एक प्रेरकत्व और `25 Omega` का एक प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में एक प्रत्यावर्ती धारा के स्रोत से, जिसका विधुत-वाहक बल समीकरण `epsi=310 sin 314 t` से दिया जाता है, जुड़ा है | बताएँ कि परिपथ में प्रवाहित धारा का तात्कालिक (instantaneous) मान क्या है ?

Answer» अब, धारा का शिखर मान `I_(0)=(epsi_(0))/(Z)=(310 V)/(99.2 Omega)=3.13 A.`
अतः, धारा का तात्कालिक मान `I=I_(0)(sin omega t + theta)`
`therefore" "I=3.13 sin (314 t+75.4^(@))`.
148.

`25 mu F` के एक संधारित्र 0.10 H का एक प्रेरकत्व और `25 Omega` का एक प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में एक प्रत्यावर्ती धारा के स्रोत से, जिसका विधुत-वाहक बल समीकरण `epsi=310 sin 314 t` से दिया जाता है, जुड़ा है | बताएँ कि वोल्टेज के सापेक्ष धारा में कला की अग्रता (lead) है या पश्चात (log) ?

Answer» चूँकि, `X_(C)gtX_(L)`, अतः वोल्टेज के सापेक्ष धारा में कला-अग्रता `(theta)` होगी, जहाँ
`tan theta =(X)/(R)=(X_(C)-X_(L))/(R)=((127.39 Omega -31.4 Omega))/(99.2 Omega)=(96)/(25)=3.84" या "theta=75.4^(@).`
149.

`25 mu F` के एक संधारित्र 0.10 H का एक प्रेरकत्व और `25 Omega` का एक प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में एक प्रत्यावर्ती धारा के स्रोत से, जिसका विधुत-वाहक बल समीकरण `epsi=310 sin 314 t` से दिया जाता है, जुड़ा है | बताएँ कि परिपथ की अवबाधा (impedance) क्या है ?

Answer» परिपथ की अवबाधा `Z=sqrt(R^(2)+X^(2))=sqrt(R^(2)+(X_(L)-X_(C)^(2)))`
प्रश्न से, `R=25 Omega, X_(L)= OmegaL=(314xx0.1) Omega = 31.4 Omega`
`therefore" "X_(C)=(1)/(omega C)=(1)/(314xx(25xx10^(-6)))=(4xx10^(4))/(314) Omega = 127.39 Omega.`
`therefore" "Z=sqrt((25)^(2)+(127.39-31.4)^(2)) Omega`
`=sqrt(625+(96)^(2))Omega = sqrt(9841) Omega = 99.2 Omega` (लगभग) |
150.

बिजली के एक बल्ब को जो 140 V और 3A पर जलता है, 220 V, 50 Hz आवृति के प्रत्यावर्ती धारा के स्रोत से जुड़ा है | आवश्यक चोक का प्रेरकत्व निकालें |

Answer» Correct Answer - `0.18 H`
बल्ब का प्रतिरोध `R=(140)/(3)=46.6 Omega.`
फिर, धारा `=("वोल्टता")/("प्रतिबाधा")" या "3=(220)/(sqrt((46.6)^(2)+(Lxx2pi xx50)^(2))).`