InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 151. |
100 फेरे और `1.5 m^(2)` क्षेत्रफल वाली कुंडली 0.1 T वाले चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत अक्ष के परित: प्रति 50 सेकंड चक्कर की समरूप गति से घुमाया जाता है | कुंडली में उत्पन्न अधिकतम और आभासी विभवों की गणना करें | |
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Answer» Correct Answer - `4.71 kV; 3.331 kV` `epsi_("max")=ABN omega," जहाँ "omega=2pi f" तथा "epsi_(v)=(epsi_("max"))/(sqrt(2)).` |
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| 152. |
L-C-R श्रेणी परिपथ के लिये अनुनाद की स्थिति में धारा तथा लगायी गयी वोल्टता के बीच कलान्तर होगा-A. `pi`B. `(pi)/(2)`C. `(pi)/(4)`D. शून्य |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 153. |
प्रत्यावर्ती परिपथ में वाटहीन धारा कैसे प्राप्त कर सकते हैं ? |
| Answer» प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में चोक कुण्डली का उपयोग करके व्यावहारिक रूप में वाटहीन धारा प्राप्त कर सकते हैं। | |
| 154. |
शुद्ध धारिता वाले प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में वोल्टेज एवं धारा के तात्क्षणिक मान की समीकरण लिखिये | |
| Answer» `V = V_(0)_ Sin omegat, I = i_(0) cos omegat` | |
| 155. |
ट्रांजिस्टर, चोक तथा ट्रांसफॉर्मर में से कौन एक स्वप्रेरकत्व के सिद्धांत पर कार्य करता है ? |
| Answer» Correct Answer - चोक | |
| 156. |
एक चोक कुंडली का प्रतिरोध `4Omega` और प्रेरकत्व `2390 muH` है | यह 500 Hz और 110 V के प्रत्यावर्ती विभव के स्रोत से जोड़ा गया है | परिपथ में प्रतिघात (reactance), प्रतिबाधा (impedance) तथा धारा का मान ज्ञात करें | |
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Answer» प्रतिघात (reactance) `=omegaL=2pifxxL` यहाँ, `L=2390 mu H=2390xx10^(-6)H" तथा "f=500 Hz.` `therefore" प्रतिघात "=(2390xx10^(-6)xx2xx3.14xx500) Omega =7.5 Omega` प्रतिबाधा (impedance)`=sqrt(R^(2)+omega^(2)L^(2))," यहाँ "R=4 Omega" तथा "omegaL=7.5 Omega.` `therefore" प्रतिबाधा "Z=sqrt((4)^(2)+(7.5)^(2))Omega=sqrt(16+56.25) Omega =sqrt(72.25) Omega =8.5 Omega` तथा धारा `I=(epsi)/(Z)=(110 V)/(8.5 Omega)=12.9 A." "[because epsi = 110 V]` अतः, परिपथ में प्रतिघात `=7.5 Omega,` प्रतिबाधा `=8.5 Omega` तथा धारा `=12.9 A.` |
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| 157. |
एक परिपथ में `4 Omega` का प्रतिरोध और 0.68 H के प्रेरकत्व श्रेणीक्रम में जुड़े है |120 Hz पर 500 V का विधुत-वाहक बल का स्रोत जोड़ दिया जाता है | परिपथ में धारा का मान निकालें | |
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Answer» Correct Answer - `0.98 A` प्रतिबाधा `=sqrt(4^(2)+(2pixx120xx0.68)^(2))=512.4 Omega` `therefore" धारा "=(500)/(512.4)=0.976 A.` |
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| 158. |
एक कुंडली का प्रतिरोध `20 Omega` और प्रेरकत्व 0.1 H है | इसे 220 V, 50 Hz की मुख्य लाइन से जोड़ा गया है | कुंडली की प्रतिबाधा निकाले | यह कितनी धारा लेती है ? |
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Answer» R तथा L युक्त परिपथ की प्रतिबाधा (impedance) `Z=sqrt(R^(2)+omega^(2)L^(2))=sqrt(R^(2)+(2pi f)^(2)L^(2))` यहाँ, `R=20 Omega, f=50 Hz, L=0.1 H.` `therefore" "Z=sqrt((20)^(2)+(0.1)^(2)xx(2xx3.14xx50)^(2))Omega` `=sqrt(400+985.96) Omega =sqrt(1385.96) Omega =37.23 Omega` तथा धारा `I=(epsi)/(Z)=(200V)/(37.23 Omega)=5.909 A.` अतः, कुंडली की प्रतिबाधा `=37 Omega` तथा इससे प्रवाहित धारा =5.9 A. |
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| 159. |
एक L-C-R श्रेणी परिपथ में `L = 100 mH, C = 100 muF` तथा `R = 120 Omega` एक प्रत्यावर्ती स्त्रोत `V = 30 si 100t` से जुड़े है | ज्ञात किजिये- (i) स्त्रोत की आवृत्ति, (ii) प्रतिघात, (iii) प्रतिबाधा, (iv) परिपथ में धारा, (v) विभिन्न अवयवों के सिरों का विभवांतर, (vi) धारा तथा वोलटता के बीच कलांतर (vii) शक्ति गुणांक (viii) परिपथ में औसत विघुत शक्ति क्षय (ix) अनुनादी आवृत्ति, (x) अनुनाद की स्थिति में परिपथ में प्रतिबाधा तथा धारा | |
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Answer» प्रश्नानुसार, `L = 100 mH = 100 xx 10^(-3) H,` `C = 100 muF = 100 xx 10^(-6) F` R = 120 ओम, `V_(0) = 30` वोल्ट, `omega = 100` रेडियन/सेकण्ड (i) आवृत्ति `f = (omega)/(2pi) = (100)/(2pi) = (50)/(pi)` हर्ट्ज (ii) प्रेरकीय प्रतिघात `X_(L) = omega L = 100 xx 100 xx 10^(-3) = 10` ओम धारितीय प्रतिघात `X_(C) = (1)/(omegaC) = (1)/(100 xx 100 xx 10^(-6)) = 100` ओम `therefore` प्रतिघात `X = X_(C) - X_(L) = 100 -10 = 90` ओम (iii) प्रतिबाधा lt brgt `Z = sqrt(R^(2) + X^(2)) = sqrt((120)^(2) + (90)^(2)) = 150` ओम (iv) परिपथ में धारा `i_(rms)=(V_(rms))/(Z)=(30//sqrt(2))/(150)=(1)/(5sqrt(2))=0.14` ऐम्पियर (v) `V_(R)=i_(rms)R=(1)/(5sqrt(2))xx120=17` वोल्ट `V_(L)=i_(rms)X_(L)=(1)/(5sqrt(2))xx10=1.41` वोल्ट `V_(C)=i_(rms)X_(C)=(1)/(5sqrt(2))xx100=14.1` वोल्ट (vi) `tanphi=(X)/(R)=(90)/(120)=(3)/(4)` अथवा `phi = tan^(-1)((3)/(4))` `becauseX_(C)gtX_(L)`, अतः वोल्टता से अग्रगामी है | (vii) शक्ति गुणांक, `cos phi=(R)/(Z) = (120)/(150)=(4)/(5)` अथवा 0.8 (viii) `barP=V_(rms)*i_(rms)*cos phi=(30)/(sqrt(2))xx(1)/(5sqrt(2))xx(4)/(5)` `=(120)/(50)=2.4` वाट (ix)अनुनादी आवृत्ति, `f_(0)=(1)/(2pisqrt(LC))` `=(1)/(2xx3.14sqrt(100xx10^(-3)xx100xx10^(-6)))` `=50` हर्ट्ज (x) अनुनाद की स्थिति में, प्रतिबाधा `(R) = 120` ओम धारा `(I)=(V_(rms))/(R)=(30//sqrt(2))/(120)=(1)/(4sqrt(2))` `=0.18` ऐम्पियर |
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| 160. |
एक शुद्ध प्रतिरोध को 220 वोल्ट, 50 हर्ट्ज के स्त्रोत से जोड़ दिया जाता है | प्रवाहित धारा तथा विघुत वाहक बल में कलान्तर कितना होगा ? |
| Answer» Correct Answer - शून्य | |
| 161. |
चोक-कुण्डली में प्रवाहित प्रत्यावर्ती धारा को वाटहीन धारा क्यों कहते है ? |
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Answer» चोक-कुण्डली ऊँचे प्रेरकत्व की प्रतिरोधहीन कुण्डली होती है शुद्ध प्रेरक में, वोल्टेज धारा से `90^(@)` अग्रगामी होता है | अतः शक्ति क्षय `barP = V_(rms) xx i_(rms) xx cos 90^(@) = 0` शून्य होने के कारण चोक-कुण्डली की धारा वाटहीन धारा कहलाती है | |
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| 162. |
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में धारा व वोल्टता के बीच कलान्तर से आप क्या समझते है ? |
| Answer» प्रत्यावर्ती परिपथ में धारा व वोल्टता के बीच कलान्तर का अर्थ है कि जब वोल्टेज अधिकतम (अथवा न्यूनतम ) है, तब धारा अधिकतम (अथवा न्यूनतम ) नहीं होती | | |
| 163. |
किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में औसत व्यय सामर्थ्य के लिए व्यंजन ज्ञात कीजिए तथा सिद्ध कीजिए कि एक आदर्श प्रेरकत्व या एक आदर्श धारिता वाले प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में औसत व्यय सामर्थ्य शून्य होती है । |
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Answer» प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में प्रत्यावर्ती वोल्टेज के तात्क्षणिक मान तथा धारा के तात्क्षणिक मान के गुणनफल को उस परिपथ की तात्क्षणिक शक्ति कहते है इसे P व्यक्त करते है अतः ltbr. P = वोल्टेज का तात्क्षणित मान `xx` धारा का तात्क्षणिक मान यदि प्रत्यावर्ती परिपथ में आरोपित प्रत्यावर्ती वोल्टेज `V=V_(0)sinomegat` . . .(1) व प्रत्यावर्ती धारा `I=I_(0)sin(omegat-phi)` हो, जहाँ `phi` प्रत्यावर्ती वोल्टेज तथा धारा के बीच कलान्तर है तब समी. (1) से, `P=VI` `=V_(0)sinomegat.I_(0)sin(omegat-phi)` `=V_(0)I_(0)sinomegatsin(omegat-phi)` `=(1)/(2)V_(0)I_(0)` `[because2sinAsinB=cos(A-B)-cos(A+B)]` `=(1)/(2)V_(0)I_(0)cosphi` `-(1)/(2)V_(0)I_(0)cos(2omegat-phi)` . . .(2) `[cosphi=cos(2omegat-phi)]`, चूँकि एक पूर्ण चक्र में `cos(2omegat-phi)` का औसत शक्ति `P_(av)=(1)/(2)V_(0)I_(0)cosphi` `P_(av)=(V_(0))/(sqrt(2))-(I_(0))/(sqrt(2))cosphi` `P_(av)=V_("rms").I_("rms")cosphi` . . .(3) यही प्रत्यावर्ती परिपथ में औसत शक्ति का सूत्र है जहाँ `V_("rms")` तथा `I_("rms")` क्रमशः वोल्टेज तथा धारा के वर्ग मध्य - मूल मान है | `cosphi` को परिपथ का शक्ति गुणांक कहते है समी (3) में, `V_("rms")xxI_("rms")` को आभसि शक्ति (सामर्थ्य) कहते है अतः औसत शक्ति = आभासी शक्ति `xx` शक्ति गुणांक . . . (4) स्थिति I. परिपथ में केवल शुद्ध धारिता हो इस स्थिति में धारा तथा वोल्टेज के बीच कलान्तर `phi=pi//2` होता है अतः `cosphi=cos(-pi//2)=0` समी. (3) से, `P_(av)=I_("rms")V_("rms")cosphi` `=I_("rms")V_("rms")xx0` `=0` अतः जब परिपथ में केवल शुद्ध धारिता जुड़ी हो, तो परिपथ में व्यय औसत शक्ति शून्य होती है । स्थिति II. जब परिपथ में केवल शुद्ध प्रेरकत्व हो - इस स्थिति में वोल्टेज तथा धारा के बीच कलान्तर `phi=pi//2` होता है अतः `cosphi=cospi//2=0` `p_(av)=0` जब परिपथ में केवल शुद्ध प्रेरकत्व जुड़ा हो तो परिपथ में व्यय औसत शक्ति शून्य होती है । |
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| 164. |
200 V तथा 50 Hz का प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल `200 Omega` प्रतिरोध तथा 5 H प्रेरकत्व वाली एक चोक कुंडली पर आरोपित है | परिपथ के शक्ति गुणांक (power factor) की गणना करें | |
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Answer» प्रश्न में दिए गए L-R परिपथ का शक्ति गुणांक `cos varphi =(R)/(Z)=(R)/(sqrt(R^(2)+omega^(2)L^(2)))=(R)/(sqrt(R^(2)+(2pi f)^(2)L^(2)))` यहाँ, `R=200 Omega, f=50 Hz" तथा "L=5H.` `therefore cos varphi =(200 Omega)/sqrt((200)^(2)+(2xx3.14xx50xx5)^(2)Omega)` `=(200)/sqrt(40000+2464900)=(200)/(sqrt(2504900))=(200)/(1582.68)=0.126` (लगभग) | अतः, परिपथ का शक्ति गुणांक `=0.126` |
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| 165. |
प्रतिरोध R एवं प्रेरकत्व L वाली कुण्डली को आवृत्ति `f` वाले प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत से जोड़ा गया है | प्रत्यावर्ती स्त्रोत को लगने वाली प्रतिबाधा का व्यंजक लिखिए | |
| Answer» `Z = sqrt(R^(2) + (2pifL)^(2)) ` | |
| 166. |
L,C तथा R श्रेणी परिपथ के सिरों पर वाल्टता क्रमशः 50 V, 20 V एवं 40 वोल्ट है | ज्ञात कीजिये -(i) प्रत्यावर्ती स्त्रोत की वोल्टता (ii) परिपथ में धारा तथा वोल्टता के बीच कलांतर |
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Answer» (i) स्त्रोत के वोल्टता `V = sqrt(V_(R)^(2) + (V_(L) ~ V_(C))^(2))` ` = sqrt((40)^(2) + (50 ~ 20)^(2))` ` = sqrt((40)^(2) + (30)^(2))` = 50 वोल्ट (ii) `tan phi = (X_(L) ~ X_(L))/(R )` ` = (V_(L) ~ V_(C ))/(V_(R))` ` = (50-20)/(50) = (3)/(5)` = 0.6 `therefreo phi = tan^(-1) (0.6)` (iii) शक्ति गुणांक `cos phi = (R)/(2)=(V_(R ))/(V) = (40)/(50) = 0.8` |
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| 167. |
50 हर्ट्ज आवृत्ति के ac स्त्रोत को शुद्ध प्रतिरोध, प्रेरक तथा संधारित के साथ जोड़कर परिपथ बनाया जाता है | परिपथ में धारा की आवृत्ति क्या होगी ? |
| Answer» 50 हर्ट्ज (प्रत्येक स्थिति में ) | |
| 168. |
प्रत्यावर्ती धारा में L तथा C समान्तर क्रम में जुड़े है | इनमे प्रवाहित धाराओं में कलान्तर कितना होगा ? |
| Answer» Correct Answer - `180^(@)` | |
| 169. |
L-R प्रत्यावर्ती धारा परिपथ के शक्ति गुणांक का व्यंजक लिखिये | |
| Answer» `cos phi=(R)/(sqrt(R^(2)+omega^(2)L^(2)))` | |
| 170. |
वाटहीन धारा का क्या अर्थ है ? किस दशा में धारा वाटहीन होती है चोक कुण्डली (या आदर्श प्रेरकत्व वाले प्रत्यावर्ती धारा परिपथ) में बहने वाली प्रत्यावर्ती धरा को वाटहीन धरा क्यों कहते है ? |
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Answer» यदि किसी प्रत्यावर्ती परिपथ में केवल शुद्ध प्रेरकत्व या शुद्ध धारिता है तथा परिपथ का प्रतिरोध शून्य है तो परिपथ में धारा तो प्रवाहित होती है किन्तु परिपथ में ऊर्जा क्षय बिल्कुल नहीं होता है प्रत्यावर्ती धारा परिपथ की इस धारा को वाटहीन धारा कहते है वाटहीन धरा को व्यवहारिक रूप में प्राप्त नहीं किया जा सकता, क्योकि किसी भी परिपथ का ओमीय प्रतिरोध शून्य नहीं हो सकता चूँकि चोक कुण्डली (आदर्श प्रेरकत्व) का ओमीय प्रतिरोध होता है जिससे धारा तथा विभवांतर में कालांतर `90^(@)` होता है । जिस कारन चोक कुण्डली व्यय औसत ऊर्जा शून्य है इसी कारण चोक कुण्डली से बहने वाली प्रत्यावर्ती धारा को वाटहीन धारा कहते है |
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| 171. |
किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में 8 ओम प्रतिरोध तथा 6 ओम प्रतिघात का प्रेरकत्व श्रेणी क्रम में जुड़े है | परिपथ की प्रतिबाधा का मान लिखिये | |
| Answer» `Z = sqrt(R^(2) + X^(2)) = sqrt((8)^(2) + (6)^(2)) = 10` ओम | |
| 172. |
L-R श्रेणी ac परिपथ में प्रतिरोध के सिरों का विभवान्तर 200 V तथा प्रेरक के सिरों का विभवान्तर 150 V है स्त्रोत की वोल्टता है-A. 350 VB. 250 VC. 500 VD. 300 V |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 173. |
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में L तथा C श्रेणीक्रम में जुड़े है | इनके सिरों के विभवांतरों में कलान्तर कितना होगा ? |
| Answer» Correct Answer - `180^(@)` | |
| 174. |
एक प्रत्यावर्ती परिपथ में `R=100` ओम `X_(L)=300` ओम तथा `X_(c )=200` ओम श्रेणीक्रम में जुड़े है । आरोपित विधुत वाहक बल तथा प्रवाहित धारा में कलान्तर है -A. `0^(@)`B. `30^(@)`C. `45^(@)`D. `90^(@)` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 175. |
10 वोल्ट, 2 वाट के लैम्प को 100 वोल्ट, 40 हर्ट्ज के प्रत्यावर्ती विधुत स्त्रोत से जलाना है | इसके लिये कितने प्रेरकत्व की चोक-कुण्डली लैम्प के श्रेणीक्रम में जोड़नी होगी ? |
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Answer» लैम्प को उचित रेटिंग पर जलाने के लिये लैम्प में आवश्यक धारा, `i_(max) = (P)/(V) = (2)/(100) = 0.20` ऐम्पियर ओम लैम्प का प्रतिरोध. `R = (V^(2))/(P) = ((10)^(2))/(2) = 50` ओम लेम्प को 100 वोल्ट के प्रत्यावर्ती स्त्रोत से जलाने के लिये लैम्प के श्रेणीक्रम में इतने प्रेरकत्व की चोक-कुण्डली लगानी होगी जिससे कि परिपथ का प्रभावी प्रतिरोध (प्रतिबाधा ) इतना बढ़ जाये कि परिपथ में प्रवाहित धारा 0. 20 ऐम्पियर हो| माना कि वह प्रेरकत्व L है | तब, चोक-कुण्डली का प्रतिघात `X_(L) = omegaL` जहाँ `omega` धारा की कोणीय आवृत्ति है | अब परिपथ की प्रतिबाधा, `Z = sqrt(R^(2) + X_(L)^(2))` तथा परिपथ में धारा, `i_(rms)=(V_(rms))/(Z)=(V_(rms))/(sqrt(R^(2)+X_(L)^(2)))` प्रश्नानुसार, `i_(rms) = 0.20` ऐम्पियर, `V_(rms) = 100` वोल्ट तथा R = 50 ओम | `therefore 0.20=(100)/(sqrt((50)^(2)+X_(L)^(2)))` अथवा `sqrt((50)^(2)+(X_(L)^(2)))=(100)/(0.20)=500` ओम अथवा `X_(L)=sqrt((500)^(2)-(50)^(2))=497`ओम `thereofore` चोक-कुण्डली का प्रेरकत्व, `L = =(X_(L))/(omega)=(X_(L))/(2pif)=(497)/(2xx3.14xx40)` = 1.98 हेनरी |
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| 176. |
एक प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत V = 100 cos (100t) से 10 ओम का प्रतिरोध तथा 100 mH का एक प्रेरकत्व श्रेणीक्रम में जुड़े है | परिपथ में प्रवाहित धारा तथा आरोपित विभान्तर में कलान्तर होगा-A. `(pi)/(4)`B. शून्यC. `pi`D. `(pi)/(2)` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 177. |
एक प्रेरकत्व तथा एक प्रतिरोध किसी प्रत्यावर्ती स्त्रोत के श्रेणीक्रम में जुड़े है | इन दोनों के सिरों पर वि० वा० बल धारा में क्या कलान्तर होगा ? |
| Answer» `tan phi = (omega L)/( R)` | |
| 178. |
प्रत्यावर्ती धारा के शिखर मान तथा वर्ग माध्य मूल मान का अनुपात हैA. 2B. `sqrt(2)`C. `(1)/(sqrt(2))`D. `(1)/(2)` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 179. |
प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग माध्य मूल मान और इसके शिखर मान का अनुपात होता हैA. `sqrt(2)`B. `(1)/(sqrt(2))`C. `(1)/(2)`D. `2sqrt(2)` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 180. |
एक कुण्डली 110 वोल्ट, 50 हर्ट्ज वाले प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत से 1.0 ऐम्पियर धारा तथा 100 वाट शक्ति लेती है | कुण्डली का प्रतिरोध, प्रतिघात तथा प्रेरकत्व ज्ञात कीजिये | |
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Answer» कुण्डली में शक्ति क्षय P, केवल इसके ओमीय प्रतिरोध R के कारण है | अतः, `P = i_(rms)^(2) xx R` अथवा `" "R = (P)/(i_(rms)^(2)) = (100)/((1.0)^(2))` = 100 ओम माना कि कुण्डली का प्रेरकत्व L है | इसका प्रतिघात `X_(L) = omegaL` होगा, जहाँ `omega` धारा की कोणीय आवृत्ति है | परिपथ की प्रतिबाधा ltb rgt `Z = sqrt(R^(2) + X_(L)^(2))` परिपथ में धारा, `i_(rms) = (V_(rms))/(Z) = (V_(rms))/(sqrt(R^(2) + X_(L)^(2)))` प्रश्नानुसार, `I_(rms) = 1.0` ऐम्पियर `V_(rms) = 110` वोल्ट तथा `R = 100` ओम `therefore 1.0 = (100)/(sqrt((100)^(2)+X_(L)^(2)))` अथवा `sqrt((100)^(2) + X_(L)^(2)) = (110)/(1.0) = 110` ओम अथवा `X_(L) = sqrt((110)^(2) - (100)^(2))` = 45.8 ओम `therefore` कुण्डली का प्रेरकत्व, `L = (X_(L))/(omega)=(X_(L))/(2pif)=(45.8"ओम")/(2xx3.14xx50 "सेकण्ड"^(-1))` = 0. 146 हेनरी |
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| 181. |
किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में 400 ओम के प्रतिघात के श्रेणीक्रम में 300 ओम का प्रतिरोध जुड़ा है | यदि इस परिपथ पर 5 वोल्ट के वर्ग माध्य मूल मान की प्रत्यावर्ती वोल्टता लगाई जाये तो इसमें धारा का वर्ग माध्य मूल मान होगा-A. `0.7 xx10^(-2)` ऐम्पियरB. `1.0 xx 10^(-2)` ऐम्पियरC. `1.5 xx 10^(-2)` ऐम्पियरD. `5.0 xx 10^(-2)` ऐम्पियर |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 182. |
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में प्रतिरोध (R), प्रेरकत्व कुण्डली (L) तथा संधारित (C) श्रेणीक्रम में जुड़े हो , तो अनुनाद की स्थिति में प्रेरकत्व (L) तथा संधारित (C) में क्या सम्बन्ध होगा ? अनुनाद की आवृत्ति `omega_(0)` है | |
| Answer» `L omega_(0) = 1//omega_(0)C` | |
| 183. |
किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में वोल्टेज V तथा धारा l तब शक्ति क्षय होता हैं -A. `Vl`B. `(1)/(2)VI`C. `(1)/(sqrt(2))VI`D. V तथा I के बीच कला कोण पर निर्भर करता हैं । |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 184. |
10ओम प्रतिरोध तथा 10 हेनरी प्रेरकत्व की एक कुण्डली 50 वोल्ट की बैटरी से जोड़ी गयी हैं कुण्डली में संचित ऊर्जा हैं -A. 125जूलB. 62.5जूलC. 250जूलD. 500जूल |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 185. |
किसी 50 प्रति सेकण्ड आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान `2sqrt(2)` ऐम्पियर है | परिपथ में लगे अमीटर का पाठ्यांक क्या होगा ? धारा को शून्य से अधिकतम मान तक पहुँचने में कितना समय लगेगा ? |
| Answer» 2 ऐम्पियर, 0.005 सेकण्ड | |
| 186. |
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में धारा का शिखर मान `50sqrt2` ऐम्पियर है, धारा का वर्ग माध्य मूल मान होगा-A. 100 ऐम्पियरB. 25 ऐम्पियरC. 50 ऐम्पियरD. 10 ऐम्पियर। |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 187. |
एक 150 वोल्ट, 50 हर्ट्ज का प्रत्यावर्ती स्त्रोत L-R परिपथ के श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है | परिपथ में धारा 3.0 ऐम्पियर है तथा परिपथ में औसत शक्ति क्षय 270 वाट है | R का मान है-A. `30 Omega`B. `40 Omega`C. `50 Omega`D. `90 Omega` |
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Answer» Correct Answer - A `P = i_(rms)^(2)R` |
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| 188. |
एक श्रेणीक्रम L-C-R परिपथ में 120 ओम का प्रतिरोध है | इसकी कोणीय अनुनादी आवृत्ति `4 xx 10^(5)` रेडियन/सेकण्ड है | अनुनाद की स्थिति में प्रतिरोध तथा प्रेरकत्व के सिरों के बीच वोल्टेज क्रमशः 60 वोल्ट तथा 40 वाल्ट है | L तथा C के मान तथा परिपथ में अनुनाद की स्थिति में प्रत्यावर्ती वोल्टेज ज्ञात किजिये | |
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Answer» माना कोणीय अनुनादी आवृत्ति `omega_(0)` है | तब, `omega_(0) = (1)/(sqrt(LC)) = 4 xx 10^(5)` रेडियन/सेकण्ड `" "...(1)` प्रश्नानुसार, `R = 120 Omega, V_(R) = 60` वोल्ट, `V_(L) = 40` वोल्ट `i = (V_(R))/(R) = (60)/(120) = 0.5` ऐम्पियर चूँकि, `V_(L) = i xx omega_(0)L` `therefore " "L = (V_(L))/(ixxomega_(0)) = (40)/(0.5 xx (4xx10^(5)))` ` = 2 xx 10^(-4)` हेनरी अब समीकरण (1) से, `C = (1)/(omega_(0)^(2)L)=(1)/((4xx10^(5))xx(2xx10^(-4)))=(1)/(32)xx10^(-6)` फैरड ` = (1)/(32)` माइक्रोफैरड `(muF)` परिपथ पर लगाया गया प्रत्यावर्ती वोल्टेज, `V= sqrt(V_(R)^(2) + (v_(L) - V_(C))^(2))` अनुनाद की स्थिति में, `V_(L) = V_(C)` `therefore " "V= V_(R) = 60` वोल्ट |
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| 189. |
एक L-C-R श्रेणीक्रम परिपथ जिसमे `200Omega` का प्रतिरोध है, को 200 वोल्ट तथा 500 रेडियन/सेकण्ड की कोणीय आवृत्ति वाले प्रत्यावर्ती वोल्टेज स्त्रोत से जोड़ा गया है | परिपथ में से केवल धारिता को निकालने पर धारा लगाएं गए वोल्टेज से कला में `40^(@)` पीछे रह जाती है यदि परिपथ से केवल प्रेरकत्व निकल दे तो धारा वोल्टेज से कला में `45^(@)` आगे हो जाती है | L-C-R परिपथ में बहने वाली धारा तथा शक्ति क्षय की गणना कीजिये | |
| Answer» 1.0 ऐम्पियर, 200 वाट | |
| 190. |
एक अमीटर का प्रत्यावर्ती परिपथ में पाठ्यांक 4 ऐम्पियर हैं परिपथ में धारा का शिखर मान हैं -A. 4ऐम्पियरB. 8ऐम्पियरC. `4sqrt(2)`ऐम्पियरD. `2sqrt(2)`ऐम्पियर |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 191. |
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में एक अमीटर का पाठ्यांक 5 ऐम्पियर है | परिपथ में धारा का शिखर मान है-A. 5 ऐम्पियरB. 10 ऐम्पियरC. `5sqrt(2)` ऐम्पियरD. `5//sqrt(2)` ऐम्पियर |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 192. |
100 वोल्ट तथा 500 हर्ट्ज की आवृत्ति के किसी प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत का श्रेणीक्रम में जुड़े L-C-R परिपथ में जोड़ा गया है, जिससे R = 10 ओम, L = 8.1 मिलिहेनरी तथा `C = 12.5` माइक्रोफैरड है | प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर ज्ञात कीजिये | |
| Answer» Correct Answer - 100 वोल्ट | |
| 193. |
220 वोल्ट, 50 हर्ट्ज की प्रत्यावर्ती धारा सप्लाई एक 100 ओम के प्रतिरोधक में धारा भेज रही है | प्रतिरोधक के श्रेणीक्रम में कितना प्रेरकत्व डालें जिससे कि धारा का मान आधा रह जाये ? |
| Answer» Correct Answer - 0.55 हेनरी | |
| 194. |
एक L-C-R श्रेणीक्रम परिपथ, जिसमें 100 ओम का प्रतिरोध है, को 200 वोल्ट तथा 300 रेडियन/सेकण्ड के कोणीय आवृत्ति वाले प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत से युक्त किया गया है | परिपथ में से केवल धारिता को निकाल देने पर धारा लगाये गये वोल्टेज से कला में `60^(@)` पीछे रह जाती है | यदि परिपथ में केवल प्रेरकत्व निकाल दे तो धारा वोल्टेज से कला में `60^(@)` आगे हो जाती है | L-C-R परिपथ में बहने वाली धारा, शक्ति गुणांक तथा शक्ति क्षय की गणना कीजिये | |
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Answer» जब केवल धारिता को हटाया जाता है तो यह L-C परिपथ यह जाता है जिसमें, `tan phi_(1) = (X_(L))/(R )` `therefore " " X_(L) R tan phi_(1) =100 tan 60^(@) = 100 sqrt(3)` जब केवल प्रेरकत्व को हटाया जाता है तो यह C-R परिपथ रह जाता है जिसमें, `tan phi_(2) = (X_(C))/(R)` `therefore " "X_(C) = R tan phi_(2) = 100 tan 60^(@) = 100sqrt(3)` अतः L-C-R परिपथ की प्रतिबाधा, `Z = sqrt(R^(2) + (X_(L) - X_(C))^(2)) = R =100` ओम `(because X_(L) = X_(C))` धारा, `i_(rms) = (V_(rms))/(Z) = (200)/(100) =2` ऐम्पियर शक्ति गुणांक `cos phi = (R)/(Z) = (100)/(100) = 1` औसत शक्ति क्षय, `barP_(av) = i_(rms) V_(rms) cos phi = 2xx200xx1` = 400 वाट |
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| 195. |
10 ओम के प्रतिरोध, प्रेरकत्व L की कुण्डली तथा धारिता C के संधारित्र के श्रेणी संयोजन पर एक प्रत्यावर्ती वोल्टता `V = 220 sqrt(2) sin (100pit)` लगायी गयी है | यदि परिपथ में प्रेरकीय प्रतिघात तथा धारितीय बराबर हो, तो ज्ञात कीजिये- (i) परिपथ की प्रतिबाधा (ii) वोल्टता का rms मान (iii)वोल्टता का शिखर मान (iv) प्रत्यावर्ती स्त्रोत की आवृत्ति (v) परिपथ में धारा (vi) प्रतिरोध के सिरों के बीच वोल्टता |
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Answer» (i) परिपथ की प्रतिबाधा `Z = sqrt(R^(2) + (X_(L) - X_(C))^(2))` प्रश्नानुसार, `X_(L) = X_(C)` `therefore " "Z = sqrt(R^(2) + (0)^(2)) = R = 10` ओम (ii) वोल्टता का rms मान `V_(rms) = (V_(0))/(sqrt(2)) = (220sqrt(2))/(sqrt(2))= 220` वोल्ट (iii) वोल्टता का शिखर मान `= V_(0) = 220sqrt(2) = 311` वोल्ट (iv) प्रत्यावर्ती स्त्रोत की आवृत्ति `f = (omega)/(2pi) = (100pi)/(2pi) = 50` हर्ट्ज (v) परिपथ में धारा `L_(rms) = (V_(rms))/(Z) = (220)/(10) =22` ऐम्पियर (vi) प्रतिरोध के सिरों के बीच वोल्टता `V_(R ) = L_(rms) * R = (22)(10) = 220` वोल्ट |
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| 196. |
चित्र 7.53 में ज्ञात कीजिये-(i) अमीटर (A) का पाठ्यांक (ii) वोल्टमीटर (V) का पाठ्यांक (iii) शक्ति गुणांक |
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Answer» परिपथ का प्रेरकीय प्रतिघात, ` = X_(L) = omegaL = (400) (0.1) = 40` ओम धारितीय प्रतिघात `X_(C) = (1)/(omegaC) = (1)/((400)(62.5) xx 10^(-6))` = 40 ओम अतः प्रतिघात `Z = sqrt(R^(2) + (X_(L) - X_(C))^(2))` `= sqrt((20)^(2) + (40 - 40)^(2))` = 20 ओम `therefore` अमीटर A का पाठ्यांक ` = i_(rms) = (V_(rms))/(Z)` यहाँ `" " V_(rms) = (V_(0))/(sqrt(2)) = (200sqrt(2))/(sqrt(2)) = 200` वोल्ट `therefore " "i_(rms) = (220)/(20)( = 10` ऐम्पियर वोल्टमीटर V का पाठ्यांक ` = V_(L) ~V_(C)` `= i_(rms) (X_(L) ~ X_(C))` ` = 10 (40 -40) =` शून्य शक्ति गुणांक `cos phi = (R)/(Z) = (20)/(20) =1` |
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| 197. |
(i) 200 वोल्ट, 50 हर्ट्ज वाले प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत से 10 ओम का प्रतिरोधक तथा `((1)/(10pi))` हेनरी का प्रेरक श्रेणीक्रम में जुड़े है | (ii) परिपथ में औसत शक्ति क्षय ज्ञात कीजिये | परिपथ में धारा तथा वोल्टता के बीच कलान्तर भी ज्ञात कीजिये | |
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Answer» (i) परिपथ में, प्रतिरोध R = 10 ओम प्रेरण प्रतिघात `X_(L) = omegaL = 2pif L = 2 pi (50)((1)/(10pi))` ` = 10` ओम `therefore` प्रतिबाधा `Z = sqrt(R^(2) + X_(L)^(2)) = sqrt((10)^(2) + (10)^(2))` ` = 10sqrt(2)` ओम धारा `L_(rms) = (V_(rms))/(Z) = (200)/(10sqrt(2)) = (20)/(sqrt(2))` `= 10sqrt(2)` ऐम्पियर शक्ति गुणांक `cos phi = (R )/(Z) = (10)/(10sqrt(2)) = (1)/(sqrt(2))` `therefore` परिपथ में औसत शक्ति क्षय `barP = V_(rms) xx L_(rms) xx cos phi` `= 200 xx 10sqrt(2) xx (1)/(sqrt(2))` ` = 2000` वाट (ii) `because " " cos phi = (1)/(sqrt(2)) = cos 45^(@)` `therefore " " phi = 45^(@)` |
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| 198. |
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में 1 हेनरी प्रेरकत्व की कुण्डली, 0.2 `muF` धारिता का संधारित्र तथा 3000 ओम का प्रतिरोध, एक 200 वोल्ट व `1000/2pi` चक्र/सेकण्ड के स्त्रोत के साथ श्रेणीक्रम में जुड़े है | गणना कीजिये : (i) परिपथ में प्रतिबाधा, (ii) धारा तथा वोल्टेज के बीच कलान्तर तथा (iii) कुण्डली, संधारित्र व प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर | |
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Answer» प्रश्नानुसार परिरोध `R = 3000` ओम, प्रेरकत्व `L =1` हेनरी, धारिता `C = 0.2 muF = 0.2 xx 10^(-6)` फैरड तथा आवृत्ति `f = ((1000)/(2pi))` सेकण्ड`""^(-1)` प्रेरकीय प्रतिघात, `X_(L) = omegaL = 2pifL = 2xx pi xx ((1000)/(2pi))xx1` ltbr. = 1000 ओम तथा धारितीय प्रतिघात, `X_(C) = (1)/(omegaC) = (1)/(2pifC)` `=(1)/(2xxpixx((1000)/(2pi))xx(0.2xx10^(-6)))=5000` ओम (i) परिपथ में प्रतिबाधा, `Z = sqrt(R^(2) + (X_(L) ~ X_(C))^(2)) = sqrt((3000)^(2) + (4000)^(2))` = 5000 ओम (ii) यदि धारा तथा वोल्टेज के बीच कलान्तर `phi` हो ,तब, `tan phi = (X_(L) ~ X_(C))/( R) = (4000)/(3000) = 1.33` `therefore " "phi = tan^(-1) (1.33)` ` = 53^(@)` (iii) परिपथ में धारा, `i_(rms) = (V_(rms))/(Z) = (200)/(5000) = 0.04` ऐम्पियर कुण्डली के सिरों पर विभवान्तर, `V_(L) = i_(rms) = xx X_(L) = 0.04 xx 1000` = 40 वोल्ट संधारित्र के सिरों पर विभवान्तर, `V_(C) = i_(rms) xx X_(C) = 0.04 xx 5000` = 200 वोल्ट प्रतिरोध के सिरों पर विभवान्तर, `V_(C) = i_(rms) xx X_(C) = 0.04 xx 3000` = 120 वोल्ट |
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| 199. |
किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में वोल्टता `V = 200 sin 300t` वोल्ट आरोपित है | परिपथ में 40 ओम प्रतिरोध तथा 0.1 हेनरी प्रेरकत्व श्रेणीक्रम में संयोजित है | ज्ञात कीजिये- (i) परिपथ की प्रतिबाधा (ii) धारा का शिखर मान (iii) धारा तथा वोल्टता में कलान्तर (iv) R पर शिखर वोल्टता (v) L पर शिखर वोल्टता (vi) परिपथ में प्रयुक्त औसत शक्ति |
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Answer» (i) 50 ओम (ii) 4 ऐम्पियर (iii)`tan^(-1)(3//4)` (iv) 160 वोल्ट (v) 120 वोल्ट (vi) 80 वाट |
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| 200. |
0.1 हेनरी प्रेरकत्व तथा 30 ओम प्रतिरोध को `V = 10 sin 400t` वोल्ट के प्रत्यावर्ती स्त्रोत से श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है | परिपथ में प्रेरण प्रतिघात, प्रतिबाधा, धारा का शिखर मान तथा वोल्टता एवं धारा के बीच कलान्तर ज्ञात कीजिये | |
| Answer» 40 ओम, 50 ओम, 0.2 ऐम्पियर, `tan^(-1)4//3` | |