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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

12101.

Pankhuri Shabd mein anuswar hai ya anunanisk?

Answer» ANUSWAR HAI PANKHURI SHABD MAI
12102.

निम्नलिखित वाक्य संरचनाओं को ध्यान से पढ़िए और इस प्रकार के कुछ और वाक्य बनाइए :(क)(1) लड़के सुबह उठते ही भूख से बिलबिलाने लगे।(2) उसके लिए तो बजाज की दुकान से कपड़ा लाना ही होगा।(3) चाहे उसके लिए माँ के हाथों के छन्नी-ककना ही क्यों न बिक जाएँ।(ख) (1)अरे जैसी नीयत होती है, अल्ला भी वैसी ही बरकत देता है।(2) भगवाना जो एक दफे चुप हुआ तो फिर न बोला।

Answer»

(क)
१. मोहन विद्यालय से आते ही पेट भर से तड़पने लगा।

२. अम्मा के लिए तो बाजार से मिठाई लाने ही होगी।

३. चाहे उसका घर बार ही क्यों न बिक जाए, लेकिन उसे बेटी की शादी तो करनी ही है।

४. मां बाप की खुशी के लिए उसे विवाह करना ही होगा।

(ख)

१. जो जैसा करेगा वैसा भरेगा।

२. जो जैसा होता है वैसा ही करता है।

३. राम जो एक बार यहां आया तो फिर नहीं गया।

४. कविता जो एक दफा नाराज हुई तो फिर खुश न हुई।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12103.

Plzz he nakki vacha ani dhyanat asudya

Answer»

..............................

12104.

पाठ के संदर्भ के अनुसार निम्नलिखित वाक्यांशों की व्याख्या कीजिए −बंद दरवाज़े खोल देना, निर्वाह करना, भूख से बिलबिलाना, कोई चारा न होना, शोक से द्रवित हो जाना।

Answer»

उत्तर :
१. बंद दरवाजे खोल देना → कुछ भी करने की आजादी। अच्छी पोशाक या वस्त्र पहनने वाले को कहीं भी आने जाने से रोका नहीं जाता, उसके लिए सभी रास्ते खुले होते हैं।

२. निर्वाह करना →  गुजारा करना। बुढ़िया और उसका परिवार का निर्वाह खरबूजे आदि बेचकर होता था।

३. भूख से बिलबिलाना → भूख के कारण तड़पना । घर में खाने पीने की सामग्री न होने के कारण बुढ़िया के पोते-पोतियां भूख से बिलबिला रहे थे।

४. कोई चारा न होना → कोई उपाय न होना।

गुड़िया के पास इसके अतिरिक्त कोई और चारा नहीं था कि वह बाजार में खरबूजे बेचने जाती।

५. शौक से द्रवित हो जाना → दुख देकर करूणा से पिघल जाना। लेखक खरबूजे बेचने वाली बुढ़िया के शोक से द्रवित था । किसी के दुख को देखकर खुद भी दुखी होने का भाव इस वाक्यांश से व्यक्त होता है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12105.

Hindi essay on apni gali mai kutta bhi Sher hota hai

Answer»

अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है :

अपने घर की बात ही कुछ और होती है I आपका बच्चा अपने घर में बहुत शैतानी करता हो ,दिनभर हल्ला हंगामा करता हो  I आपकी बात न भी मानता हो ,घर के सामानों को इधर उधर फ़ेंक देता हो Iलेकिन जैसे ही कभी और कहीं भी अपने टीचर पर  उसकी नज़र पड़ेगी तो भीगी बिल्ली बन जायेगा I आप टीचर से कह भी नहीं पायेंगे कि ये बहुत शरारती है क्योंकि टीचर काफी तारीफ़ करेगी आपके बच्चे की  क्योंकि अपने विद्यालय में वो काफी अनुशाषित है I घर से थोडा बाहर जाकर बच्चों के साथ खेल- खेल में अगर चोट भी लग जाती है तो वह किसी से शिकायत नहीं करता रोते हुए घर आ जाता है Iलेकिन जब अपने घर आ जाता है और उसका कोई नन्हा मित्र उसके पास आता है Iतब फिर ये कहता है अरे ! उसने मुझे  चोट लगा दी नहीं तो मैं उसे खूब मारता ,डांटता I ऐसे में उसकी माँ कहती है हुंह ! क्यों नहीं अपनी गली में कुत्ता भी शेर I


12106.

अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है इस उक्ति के आधार पर अपने विचार या कहानी लिखो

Answer» SINGHAM film ka gyst likh do.
pls MARK as BRAINLIEST
12107.

Q:-) नाबार्ड बैंक का फूल फॉर्म क्या है....???

Answer»

Hy DEAR here is your answer

-----------

National Bank for AGRICULTURE and RULAR development

Hope it may HELP you☺️

12108.

Q:-) तेलंगाना राज्य की स्थापना कब हुई थी...???

Answer»

Telangana RAJYA ki sthapna 2 June 2014 mein huyi THI.

12109.

Search for target and go straight forward it meaning in hindi

Answer» HEY dear FRIEND ,

Here US your ANSWER - -

Search for target and go straight forward = लक्ष्य के लिए खोजें और सीधे आगे बढ़ें

Thanks ;)☺☺☺☺
12110.

Pani Pustak Billi aur Rakhi ke Aadhar par Kahani likho

Answer»

मेरे घर में एक बिल्ली रहती है जिसका नाम छुन्नू है। वह बहुत प्यारी और सुंदर है । मगर वह गूंगी है। आम बिल्ली से मेरी छुन्नू बहुत अलग है।


मैं जब पढ़ाई करती है तो वह मेरे पास आकर बैठती है। मेरे पुस्तक को वह भी पास बैठकर पढती है। मेरे साथ खेलती है। मगर वह पानी से डरती है।

वह रक्षा बंधन में मेरे साथ राखी पहनाने के लिए उपवास भी रखती है। एक तरह से देखा जाए तो हमारी बिल्ली हमारे परिवार का हिस्सा भी है।

12111.

आज महिलाओ का घर से बहार जाकर नौकरी करना बचचो के अहित में हैं

Answer»

Nhi JANA CHAIYE KABI BI chod ke

12112.

कार्यालय में भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए पत्र

Answer»

सेवा में,

     जिला अधिकारी,

     इलाहाबाद। 

           विषय:जिला अधिकारी को स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था हेतु पत्र। 


महोदय,

      सुभाषनगर के समस्त निवासी आपका ध्यान अपने मोहल्ले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के व्यवस्था और सुरक्षा की ओर आकृष्ट करना चाहते हैं। आजकल वर्षा का मौसम चल रहा है। सभी सड़कों के गड्ढों में नालियों का गन्दा पानी भरा है।सड़क  और की नालियां तो पानी का तालाब बन गयीं है ,जिन पर हजारों मक्खी-मच्छर हमेशा मंडराते रहते हैं।  मक्खी-मच्छरों के कारण मौहल्ले में मलेरया और हैजा फैलने का खतरा उतपन्न हो गया है।  मौहल्ले के अनेक लोगों में इन रोगों के लक्षण दिख रहे हैं ,किन्तु यहाँ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बड़ी खराब है। यहाँ पर ना तो कभी स्वास्थ्य कर्मचारी नज़र आते हैं और ना कभी किसी को यहां से किसी प्रकार की जानकारी या स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी मिलती है। कभी-कभी यदि कोई कर्मचारी नज़र आता भी है तो वह दवाई ना होने का बहाना बनाकर मरीजों को टरका देता है। केंद्र की इमारत भी बड़ी खराब स्थति में है। 

      अतः आपसे अनुरोध है की जल्द से जल्द जल निकासी और मच्छर मारने की दवाई के छिड़काव ,प्राथमिक स्वास्थय केंद्र के भवन की मरम्मत ,उसके कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति तथा दवाई आदि की व्यवस्था कराई जाये। 



दिनांक। ...........                                                 प्रार्थीगण 

                                                       सुभाष नगर के सभी निवासी

12113.

Definition of samash and its type in hindi.....

Answer»

Jab do ya do se ADHIK pad APNE bich ki vibhaktiyo KO chodkar apash me MILTE hai to unhe samash kahte hai aur mile hue pure shadh ko samashik pad kehte hai.

इसके मुख्य सात भेद हैं :-
1. तत्पुरूष समास
2. कर्मधारय
3. बहुब्रीहि
4. द्वनद्व
5. द्विगु

12114.

Dahi in Hindi what is the gender. Masculine or feminine??

Answer»

It's MASCULINE gender.
pls MARK BRAINLIEST

12115.

IAS banne ke liye kya kya karna padta hai

Answer»

Tat TI krna parta hai jor jor se। ... SALE DIMAG ni hai ? kuch bhi krne ke liye padhna padta hai ghochu ?

12116.

Aaj mahilao ka ghar se bahar jakar naukri karna bacho ke ahit mein hain .... give 5 -10 pts on thisIf correct ....brainliest and next q to him /her for 30 pts.

Answer»

No BCZ WOMEN have EMPOWER she maintains both their children's and their WORK... so it is wrong

12117.

Q) माउन्ट एवरेस्ट की उचाई कितनी हे...??

Answer»

8848 metres.

Hope it HELPS

12118.

Q) बेन हटते ही किस देश की महिला ने सड़को पर रेसिंग कार दौड़ाई...??

Answer» SAUDI ARAV amirat. hshsjdjsjsjdje
12119.

Pariyavaran par tho chatrom kay beech may sambadh

Answer»

SAHI HAI .................MUTUAL FUNDS

12120.

Jangle main da pake name kay dakha?

Answer»

So SOORY not UNDERSTANDING that what you WANT to ASK

12121.

One thing i have learned in life stop expecting meaning of hindi

Answer»

What is your QUESTION my FRIEND

12122.

निम्नलिखित उदाहरण के अनुसार पाठ में आए शब्द-युग्मों को छाँटकर लिखिए −उदाहरण : बेटा-बेटी

Answer»

उत्तर :
१.खसम- लुगाई

२.पोता- पोती

३.झाड़ना - फूटना

४.दान - दक्षिणा

५.छन्नी -ककना

६.चूनी- भूसी

७.दुअन्नी- चवन्नी

**’ दुख का अधिकार ‘ कहानी के लेखक यशपाल है। इस कहानी में उन्होंने बताया है कि हमारे देश में कुछ ऐसे अभागे लोग हैं जिन्हें दुख मनाने का भी अधिकार नहीं है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12123.

In Hindi baghula bird in English?

Answer» HERON is the NAME in ENGLISH....
12124.

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और... दु:खी होने का भी एक अधिकार होता है।

Answer»

उत्तर :
“शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और... दु:खी होने का भी एक अधिकार होता है।”

इन पंक्ति के द्वारा लेखक उन अभावग्रस्त अभागे लोगों की दशा का वर्णन कर रहा है, जिनके पास अपने किसी सगे व्यक्ति की मृत्यु पर शोक मनाने का समय भी नहीं है। वह हमेशा अपने पेट भरने की चिंता में लगे रहते हैं। उनकी अभावग्रस्त जिंदगी उन्हें अपने किसी संबंधी के मर जाने पर उसका दुख मनाने का अधिकार भी नहीं देती, जबकि हर किसी को दुखी होने का तो अधिकार है ही।   

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12125.

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −इनके लिए बेटा-बेटी, खसम-लुगाई, धर्म-ईमान सब रोटी का टुकड़ा है।

Answer»

उत्तर :
इनके लिए बेटा-बेटी, खसम-लुगाई, धर्म-ईमान सब रोटी का टुकड़ा है।

इस पंक्ति से लेखक का आशय उस व्यक्ति की सोच को व्यक्त करता है जो पुत्र की मृत्यु के अगले ही दिन खरबूजे बेचने आई बुढ़िया के संबंध में यह वाक्य कहता है। उस व्यक्ति के विचार में इन निम्न वर्ग के लोगों को किसी के मरने का दुख नहीं होता। यह किसी भी संबंध को नहीं मानते इन के लिए पुत्र पुत्री ,पति पत्नी  तथा धर्म ईमान का कोई मूल्य नहीं होता। यह लोग केवल रोटी के महत्व को ही जानते हैं उसी के लिए जीते हैं। इनका सबकुछ रोटी का टुकड़ा ही है ।इसलिए यह बुढ़िया बेटे के मरने के 1 दिन बाद ही खरबूजे बेचने आ गई है

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12126.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −बुढ़िया के दु:ख को देखकर लेखक को अपने पड़ोस की संभ्रांत महिला की याद क्यों आई?

Answer»

उत्तर :
रोती हुई बुढ़िया को देखकर लेखक को अपने पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दुखी संभ्रांत महिला की याद आ गई ,जो अढा़ई मास तक पलंग से खड़ी न हो सकी थी तथा वह १५- १५ मिनट में अपने पुत्र के वियोग में बेहोश हो जाती थी। दो-दो डॉक्टर हर समय उसकी सेवा के लिए उसके सामने बैठे रहते थे। जबकि इस बुढ़िया को अगले ही दिन बाजार में खरबूजे बेचने आना पड़ा क्योंकि उसके परिवार की स्थिति बहुत दयनीय थी उसकी बहू बुखार से तप रही थी उसकी दवा का प्रबंध करना था और उसके पोता पोती भूख से बिलख रहे थे। ।लेखक इस तुलना के फलस्वरुप अत्यंत बेचैन हो गया।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12127.

ननफााः वाइरस के बारे बात-चीत करते हुए दो ममत्रों के बीच संवाद िेखन मिखखए-Hey nikitasingh79 if you answer my question I will mark as brainliest

Answer» PLEASE MARK me as BRAINLIEST,THANK you and FOLLOW me.
12128.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −इस पाठ का शीर्षक 'दु:ख का अधिकार' कहाँ तक सार्थक है? स्पष्ट कीजिए।

Answer»

उत्तर :
इस पाठ का शीर्षक ‘दुख का अधिकार ‘ पूरी तरह से ठीक है। लेखक ने बताया है कि दुख सभी को दुखी करता है, चाहे वह गरीब हो या अमीर। लेखक के पड़ोस के संभ्रांत महिला पुत्र शोक से दुखी होकर अढांई मास तक पलंग से ही उठ नहीं पाई थी । वह हमेशा रोती रहती थी या बेहोश पड़ जाती थी। उसका इलाज करने के लिए दो-दो डॉक्टर थे। सारा शहर उसके पुत्र की मृत्यु से दुखी था । इसके विपरीत गरीब बुढ़िया अपने पुत्र की मृत्यु के अगले ही दिन बाजार में खरबूजे बेचने के लिए मजबूर थी और चाहा कर भी उसके मरने का दुख नहीं मना सकती थी क्योंकि उसे अपने भूखे पोता पोती का पेट भरना था और बीमार बहू के लिए दवा का इंतजाम करना था । इस प्रकार वह इतनी अभागी थी कि उसे अपने मरे हुए पुत्र का का दुख बनाने का भी अधिकार नहीं था।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

12129.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −लड़के की मृत्यु के दूसरे ही दिन बुढ़िया खरबूज़े बेचने क्यों चल पड़ी?

Answer»

उत्तर :
लड़के की मृत्यु के दूसरे ही दिन बुढ़िया खरबूजे बेचने इसलिए चल पड़े क्योंकि उसके पास जो जमा पूंजी तथा जेवरात आदि थे, वह सब उसके मृत लड़के के क्रिया कर्म में लग गए थे। उसके पोता-पोती भूख से बिलख रहे थे तथा बहू बुखार से तप रही थी । उसे कहीं से उधार मिलने की आशा नहीं थी । खाने पीने और बहू के लिए दवा का प्रबंध करने के लिए पैसों की आवश्यकता थी जिन्हें वह खरबूजे बेचकर प्राप्त करना चाहती थी।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12130.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −लेखक ने बुढ़िया के दु:ख का अंदाज़ा कैसे लगाया?

Answer»

उत्तर :
बुढ़िया के दुख का अंदाजा लगाने के लिए लेखक अपने पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दुखी संभ्रांत महिला के बारे में सोचने लगा। वह माता अपने पुत्र की मृत्यु के बाद  अढा़ई मास तक पलंग से खड़ी न हो सकी थी तथा वह १५- १५ मिनट में अपने पुत्र के वियोग में बेहोश हो जाती थी।उसकी आंखों से आंसू बहते रहते थे। दो-दो डॉक्टर हर समय उसकी सेवा के लिए उसके सामने बैठे रहते थे। लेखक को लगा कि यह बुढ़िया अभी इसी प्रकार से पुत्र की मृत्यु से दुखी होकर रो रही है परंतु आर्थिक कष्ट के कारण पुत्र की मृत्यु के अगले ही दिन खरबूजे बेचने आ बैठी है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12131.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था?

Answer»

उत्तर :

भगवाना शहर के पास डेढ़ बीघा जमीन में सब्जी आदि की खेती करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था। इन दोनों उसने खरबूजे बोये हुए थे। जिन्हें एक टोकरी में डालकर वह खुद अथवा उसकी मां बाजार में बेचा करते थे।

**’ दुख का अधिकार ‘ कहानी के लेखक यशपाल है। इस कहानी में उन्होंने बताया है कि हमारे देश में कुछ ऐसे अभागे लोग हैं जिन्हें दुख मनाने का भी अधिकार नहीं है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12132.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −लड़के को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने क्या-क्या उपाय किए?

Answer»

उत्तर :
बुढ़िया के बेटे भगवाना को सांप ने काट लिया था, जिसके कारण वह बेहोश हो गया ।लड़के को बचाने के लिए बुढ़िया ने ओझा को बुलाया उसने झाड़ फूंक करने के बाद नाग देवता की पूजा भी की। पूजा का सारा इंतजाम करने के लिए घर में जो कुछ आटा और अनाज ,वह था उसने दक्षिणा में ओझा को दे दिया। ओझा कोशिश करता रहा किंतु वह अपने प्रयास में सफल न हुआ। अंत में  सांप के जहर से उसके लड़के का सारा शरीर काला पड़ गया और वह मर गया । बुढ़िया की सभी कोशिश बेकार हो गई थी।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12133.

HEY BRAINLIEST USER‍BRAINLIEST ANSWER‍ननफााः वाइरस के बारे बात-चीत करते हुए दो ममत्रों के बीच संवाद िेखन मिखखए-Please I will mark as brainliest

Answer» HI BUDDY but who PERSON CHAT about naffa
12134.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −लेखक उस स्त्री के रोने का कारण क्यों नहीं जान पाया?

Answer»

उत्तर :
लेखक उस स्त्री के रोने का कारण इसलिए नहीं जान पाया क्योंकि उसकी पोशाक या वस्तुओं से फुटपाथ पर रोती हुई निम्न वर्ग गरीब वर्ग की स्त्री के पास बैठने से रोक रही थी। लेखक के मन में उस स्त्री को रोते देख कर दुख तो हो रहा था, परंतु अपने उच्च वर्ग के वस्त्र के कारण फुटपाथ पर बैठकर उस स्त्री के रोने का कारण नहीं पूछ पा रहा था।क्योंकि उसे डर था कि इस प्रकार फटेहाल स्त्री के पास उसे बैठा देखकर लोग क्या कहेंगे।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12135.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −पास-पड़ोस की दुकानों से पूछने पर लेखक को क्या पता चला?

Answer»

उत्तर :
पास पड़ोस की दुकान से पता करने पर पता चला कि इस बुढ़िया का 23 वर्ष का जवान बेटा भगवाना था। घर में उसकी बहू और पोता पोती भी हैं। उसका पुत्र उस शहर के पास डेढ़ बीघा जमीन में फल सब्जियां आदि बोकर परिवार का पालन पोषण करता था। बाजार में फुटपाथ पर बैठकर वह और उसकी मां खरबूजे बेचा करते थे। परसों सुबह मुंह अंधेरे बेलों से पके खरबूजे तोड़ रहा था कि उसका पैर मेड़ पर ठंडक में आराम कर रहे हैं सांप पर पड़ गया । सांप ने उसे काट लिया था। बाद में ओझा से इलाज करवाने पर व नाग देवता की पूजा करने पर भी वह मर गया।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12136.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −पोशाक हमारे लिए कब बंधन और अड़चन बन जाती है?

Answer»

उत्तर:
पोशाक हमारे लिए तब बंधन और अड़चन बन जाती है जब हम अपने स्तर से नीचे के लोगों की भावनाओं और दुख दर्द को समझना चाहते हैं। उस समय हमें लगता है कि हम समाज के डर से उनके साथ बैठकर उनके दुख दर्द नहीं जान सकते। हमें यह भय होता है कि लोग क्या कहेंगे अगर हम निम्न वर्ग के लोगों से मेलजोल रखेंगे। इस प्रकार पोशाक या वस्त्र दो विभिन्न वर्गों में अड़चन बन कर खड़ी हो जाती है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12137.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −मनुष्य के जीवन में पोशाक का क्या महत्व है?

Answer»

उत्तर:
मनुष्य के जीवन में पोशाक या वस्त्र का बहुत महत्व है। पोशाक को देख कर पता चलता है कि वह व्यक्ति उच्च वर्ग का है अथवा निम्न वर्ग का। पोशाक या वस्त्र मनुष्य का समाज में स्थान निर्धारित करती है ।पोशाक या वस्त्र से ही मनुष्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का पता चलता है।

यदि कोई व्यक्ति व्यक्ति अच्छी महंगी और चमकदार पोशाक या वस्त्र पहनता है तो अमीर और उच्च वर्ग का माना जाता है। मामूली से वस्त्र पहनने वाले अथवा फटेहाल व्यक्ति निम्न वर्ग का और गरीब माना जाता है। इस प्रकार पोशाकों के आधार पर मनुष्य के स्तर और आर्थिक दशा का अनुमान लगाकर उसे विभिन्न वर्गों में बांटा जाता है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12138.

Gaon se sher ki or palayan

Answer»

आजादी के सत्तर सालों में जहां कस्बे शहर, शहर नगर और नगर महानगर बनते चले गए, वहीं गांवों की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। गांव आज भी गांव ही है। वही आबोहवा, आंचलिक संस्कृति, एक-दूसरे के सुख-दुख में हिस्सा बंटाने का आत्मीय भाव, अभाव में भी संतुष्टि और इस सबसे बढ़ कर छोटी-सी घटना के घटित होने पर सारे गांव के एकजुट हो जाने का संवेदनशील रवैया। गांव के मूल चरित्र में आज भी कोई बदलाव नहीं आया है। मूल्य, परंपरा और संस्कृति के संरक्षण की दृष्टि से यह शुभ संकेत है। जबकि इस दौरान शहरों और नगरों की संस्कृति और सभ्यता में अनियोजित शहरीकरण के कारण आए बदलाव ने पूरी दुनिया ही बदल कर रख दी है। तेजी से हो रहे शहरीकरण और नगरीकरण का ही नतीजा है कि चार लेन वाली सडक़ों पर सरपट दौड़ती गाडिय़ों, चौराहों पर चमचमाती तेज लाइटें और सडक़ों पर रेंगती की भीड़ के बीच जीवन का असली मकसद जैसे कहीं खो गया है। मनुष्य मशीनों और शहर समस्याओं के केंद्र बन कर रह गए हैं। नगरों, शहरों और महानगरों के आकर्षण में हर कोई गांव छोड़ कर शहर में आ बसना चाहता है, बगैर इस बात की पड़ताल किए कि शहर इसके लिए तैयार हैं भी या नहीं। यह प्रवृत्ति स्वाभाविक और युगीन है। शहर विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छी शिक्षा, अच्छा जीवन, अच्छे कामकाज, रोजगार और अच्छी चिकित्सा की तलाश में लोग शहरों की ओर भाग रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार एक करोड़ लोग हर हफ्ते रोजी-रोटी और तरक्की के सपने संजोए गांवों से शहरों की ओर चले आते हैं। चाहे शहरी चकाचौंध का आकर्षण हो या रोजी-रोटी कमाने की मजबूरी, सच्चाई यह है कि दुनिया की करीब आधी आबादी शहरों में बसने लगी है। वातावरण में हर साल घुलने वाली अस्सी फीसद कार्बन डाई आक्साइड इन्हीं शहरों से आती है। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के मुताबिक विकासशील देशों में शहरी आबादी साढ़े तीन फीसद सालाना की दर से बढ़ रही है, जबकि विकसित देशों में यह वृद्धि दर मात्र एक फीसद है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक अगले बीस सालों में शहरी आबादी जितनी बढ़ेगी, उसका 95 फीसद बोझ विकासशील देशों पर पड़ेगा। यानी सन 2030 तक विकासशील देशों में दो अरब लोग शहरों में रहने लगेंगे। संयुक्त राष्ट्र का यह भी आकलन है कि अगर शहरों पर बढ़ रहे आबादी के बोझ और बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया गया तो एक करोड़ से ज्यादा आबादी वाले बड़े शहरों पर भविष्य में बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ जाएगा। शहरों पर ज्यों-ज्यों आबादी का बोझ बढ़ रहा है, लोगों को मिलने वाली सुविधाओं में कमी आ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक विकासशील देशों में सत्तर फीसद से ज्यादा आबादी यानी करीब नब्बे करोड़ लोग झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं। ऐसे में जहां उनके लिए स्वास्थ्य संबंधी परेशानी बढ़ी है, वहीं पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंचा है। प्रदूषण के चलते शहरों में हर साल करीब दस लाख लोग असमय मौत के शिकार हो जाते हैं। शहरीकरण के कारण रोजमर्रा की समस्याएं भी बढ़ी हैं। इनमें जनसंख्या वृद्धि, गरीबी, बेकारी, अपराध, बाल अपराध, महिला उत्पीडऩ, भीड़भाड़, गंदी बस्तियां, आवास की कमी, बिजली एवं जल आपूर्ति की कमी, प्रदूषण, मदिरा पान और अन्य मादक पदार्थों का सेवन, संचार एवं यातायात संबंधी समस्याएं प्रमुख हैं। शहरीकरण के कारण नगरों और महानगरों में आवास की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यह कहावत प्रचलित है कि कामकाज की तलाश में आने वालों को नगरों-महानगरों में रहने के लिए घर के अलावा सब कुछ मिल जाएगा।

मुंबई की स्थिति तो यह है कि यहां छह गुणा आठ की एक खोली में चार-पांच लोग अपना जीवन गुजारने को मजबूर हैं। यही नहीं, दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी बस्ती मुंबई में ही है। फिर भी यहां डेढ़ लाख लोग फुटपाथ पर रात गुजारते हैं। कोलकाता की स्थिति तो और भी दयनीय है। यहां छह लाख लोग फुटपाथ पर रात गुजारने को मजबूर हैं। देश की राजधानी दिल्ली की सतहत्तर फीसद आबादी गंदी बस्तियों में निवास करती है। सघन शहरीकरण का एक प्रभाव भाव-शून्यता, संवेदनहीनता और उदासीनता के रूप में भी देखने को मिलता है। व्यक्ति अपनी समस्याओं में ही इतना उलझा है कि उसे आस-पड़ोस की भी खबर नहीं होती है। बहुमंजिला इमारत के ऊपरी माले पर रहने वाला व्यक्ति नीचे वाले को नहीं जानता। कई बार ऐसा हुआ है कि एकाकी रहने वाले व्यक्ति की मृत्यु का उसके आसपास के लोगों को आठ-दस दिन बाद तब पता चला जब कमरे से दुर्गंध आने लगी। शहरी लोग दूसरों के मामले में उलझना नहीं चाहते। यहां तक कि दुर्घटना, खून-खराबा जैसी अप्रत्याशित गंभीर स्थिति में भी लोग तमाशबीन बने खड़े-खड़े देखते रहते हैं

12139.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −बुढ़िया को कोई भी क्यों उधार नहीं देता?

Answer»

उत्तर :
बुढ़िया का कोई भी उधार इसलिए नहीं देता था क्योंकि बुढ़िया का बेटा मर गया था पहले खरबूजे बेचने का कार्य उसका पुत्र करता था जिसके कारण लोगों को लगा कि अब बुढ़िया उधार नहीं चुका सकेगी।पुत्र के मरने के बाद बुढ़िया को कोई उधार देने वाला व्यक्ति नहीं था इसलिए वह बाजार में खरबूजे बेचने के लिए आई थी क्योंकि उसके परिवार की स्थिति बहुत दयनीय थी उसकी बहू बुखार से तप रही थी उसकी दवा का प्रबंध करना था और उसके पोता पोती भूख से तड़प रहे थे। ।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

12140.

Which of the following soils is the most common in the northern plans

Answer»

I THINK it's RED SOIL....it EVEN can be BLACK soil

12141.

Hairat shabdarath in hindi

Answer»

विस्मय
अच्चाम्भा
meaning in ENGLISH is MARVEL

12142.

I want 10 lines on child labour in hindi

Answer»

किसी भी क्षेत्र में बच्चों द्वारा अपने बचपन में दी गई सेवा को बाल मजदूरी कहते है। इसे गैर-जिम्मेदार माता-पिता की वजह से, या कम लागत में निवेश पर अपने फायदे को बढ़ाने के लिये मालिकों द्वारा जबरजस्ती बनाए गए दबाव की वजह से जीवन जीने के लिये जरुरी संसाधनों की कमी के चलते ये बच्चों द्वारा स्वत: किया जाता है, इसका कारण मायने नहीं रखता क्योंकि सभी कारकों की वजह से बच्चे बिना बचपन के अपना जीवन जीने को मजबूर होते है। बचपन सभी के जीवन में विशेष और सबसे खुशी का पल होता है जिसमें बच्चे प्रकृति, प्रियजनों और अपने माता-पिता से जीवन जीने का तरीका सीखते है। सामाजिक, बौद्धिक, शारीरिक, और मानसिक सभी दृष्टीकोण से बाल मजदूरी बच्चों की वृद्धि और विकास में अवरोध का काम करता है।

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निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −उस स्त्री के लड़के की मृत्यु का कारण क्या था?

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उत्तर :
भगवाना उस स्त्री का इकलौता पुत्र था। उस स्त्री का लड़का सुबह मुंह अंधेरे बेलो में से पक्के खरबूजे चुन रहा था। कम रोशनी होने के कारण उसे कुछ चीजें साफ दिखाई नहीं दे रही थी।तभी गीली मेड़ की ठंडक में आराम करते हुए सांप पर उसका पैर पड़ गया। सांप ने उसे डंस लिया जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

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Varthaman kal ki udaharan

Answer» MAIN tujhe answer de raha HOON |

VARTAMAN KAL.
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निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −उस स्त्री को देखकर लेखक को कैसा लगा?

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उत्तर :
उस स्त्री को रोते देखकर लेखक के मन में व्यथा(बेचैनी) सी उठी परंतु निम्न वर्ग (अभिजात वर्ग ) के होने के कारण वह उसके पास बैठकर उसके रोने का कारण न जान सका। लेखक उच्च वर्ग की कीमती वस्त्र पहने हुए था इसलिए वह फुटपाथ पर रोती हुई बुढ़िया के पास बैठकर उसके रोने का कारण जानने का साहस नहीं कर पा रहा था क्योंकि उसे डर था कि इस प्रकार फटेहाल स्त्री के पास उसे बैठा देखकर लोग क्या कहेंगे।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

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Shailendra kumar hindi matter

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Ya KISI KA nam hai KYA

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निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −खरबूज़े बेचनेवाली स्त्री से कोई खरबूज़े क्यों नहीं खरीद रहा था?

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उत्तर :
खरबूजे बेचने वाली स्त्री से कोई खरबूजे इसलिए नहीं खरीद रहा था क्योंकि उसके कल ही उसके जवान बेटे भगवाना की सांप से काटने के कारण मृत्यु हुई थीं और उसे मरे हुए एक ही दिन हुआ था और वह सूतक में ही खरबूजे बेचने आ गई थी। लोगों को लगता था कि उसे सूतक के दिनों में घर में रहना चाहिए था । जिन लोगों को उसके पुत्र के मरने का पता नहीं है वह यदि उससे खरबूजे खरीदेंगे तो उनका ईमान धर्म नष्ट हो जाएगा।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

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What is name of bus in Hindi

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BUS itself .in my HINDI TEXT bus is MENTIONED as BUS


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निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए −किसी व्यक्ति की पोशाक को देखकर हमें क्या पता चलता है?

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उत्तर :
किसी व्यक्ति की पोशाक या वस्त्र को देखकर हमें पता चलता है कि उस व्यक्ति का समाज में क्या स्थान है और वह किस वर्ग से संबंधित है।

यदि कोई व्यक्ति व्यक्ति अच्छी महंगी और चमकदार पोशाक या वस्त्र पहनता है तो अमीर और उच्च वर्ग का माना जाता है। मामूली से वस्त्र पहनने वाले अथवा फटेहाल व्यक्ति निम्न वर्ग का और गरीब माना जाता है। इस प्रकार पोशाकों के आधार पर मनुष्य के स्तर और आर्थिक दशा का अनुमान लगाकर उसे विभिन्न वर्गों में बांटा जाता है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

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Sentence on tut jana in hindi

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