1.

भाव स्पष्ट कीजिए –क. क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम कीख. बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, पूँघट सरके।

Answer»

क.  भाव : लता रूपी नायिका को भ्रम था कि उसके प्रिय मेघ नहीं आएँगे। परन्तु मेघ के आने से उसका भ्रम मिट जाता है और वह क्षमा माँगने लगती है।

ख.  भाव : मेघ रूपी मेहमान के आने की खबर सुनते ही नदी रूपी स्वी रुक-सी जाती है। रुकते ही उसका लहर रूपी पूँघट सरक जाता है और वह तिरछी नजर से मेहमान को देखने लगती है।



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