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इन पिछले जन्मों में बुद्ध ने गज, कपि, मृग आदि के रूप में विविध योनियों में जन्म लिया था और संसार के कल्याण के लिए दया और त्याग का आदर्श स्थापित करते वे बलिदान हो गये थे। उन स्थितियों में किस प्रकार पशुओं तक ने मानवोचित व्यवहार किया था, किस प्रकार औचित्य का पालन किया था, यह सब उन चित्रों में असाधारण खूबी से दर्शाया गया है और उन्हीं को दर्शाते समय चितेरों ने अपनी । जानकारी की गाँठ खोल दी है।(अ) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए। (ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।(स) अपनी जानकारी की गाँठ खोलने का क्या आशय है ?[कपि = बन्दर। औचित्य = उचित होने का भाव। चितेरों = चित्रकारों। गाँठ खोलना = बात प्रकट करना।]

Answer»

(अ) प्रस्तुत गद्यावतरण हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी’ के ‘गद्य-खण्ड’ में संकलित तथा भारतीय पुरातत्त्व के महान् विद्वान् श्री भगवतशरण उपाध्याय द्वारा लिखित ‘अजन्ता’ शीर्षक निबन्ध से उद्धृत है। अथवा निम्नवत् लिखेंपाठ का नाम-अजन्ता। लेखक का नाम—भगवतशरण उपाध्याय।

(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या–प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने अजन्ता की गुफाओं में चित्रित चित्रों का वर्णन किया है। बुद्ध के अनेक योनियों में जन्म लेने की कथा ‘जातक’ नामक ग्रन्थ में वर्णित है। वे लिखते हैं कि जब बुद्ध का जन्म विविध जानवरों की योनियों में हुआ था, उस समय विद्यमान अन्य जानवरों ने भी ऐसा व्यवहार किया था, जो कि मनुष्यों के लिए उचित हो। उन सभी ने किस प्रकार औचित्य अथवा उपयुक्तता का निर्वाह किया था यह सब कुछ अजन्ता के चित्रों में अत्यधिक खूबी के साथ चित्रित किया गया है। आशय यह है कि बुद्ध के पूर्वजन्मों के समस्त विवरणों का विशेष चित्रांकन किया गया है।

(स) अपनी जानकारी की गाँठ खोलने का आशय यह है कि अपने ज्ञान को विस्तार से प्रकट कर देना।



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