1.

यह हाथ में कमल लिये बुद्ध खड़े हैं, जैसे छवि छलकी पड़ती है, उभरे नयनों की जोत पसरती जा रही है। और यह यशोधरा है, वैसे ही कमल-नाल धारण किये त्रिभंग में खड़ी। और यह दृश्य है। महाभिनिष्क्रमण का-यशोधरा और राहुल निद्रा में खोये, गौतम दृढ़ निश्चय पर धड़कते हिया को सँभालते। और यह नन्द है, अपनी पत्नी सुन्दरी का भेजा, द्वार पर आए बिना भिक्षा के लौटे भाई बुद्ध को जो लौटाने आया था और जिसे भिक्षु बन जाना पड़ा था। बार-बार वह भागने को होता है, बार-बार पकड़कर संघ में लौटा लिया जाता है। उधर वह यशोधरा है बालक राहुल के साथ।(अ) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।(ब) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए।(स)⦁    प्रस्तुत गद्यांश में क्या वर्णित किया गया है ? या प्रस्तुत गद्यांश में कहाँ के दृश्यों का चित्रण किया गया है ?⦁    “महाभिनिष्क्रमण’ क्या है ? इसके दृश्य का विस्तृत वर्णन कीजिए।(जोत = प्रकाश। त्रिभंग = शरीर को तीन जगह से टेढ़ा करके खड़ा होना। दृढ़ निश्चय = पक्का इरादा।]

Answer»

(अ) प्रस्तुत गद्यावतरण हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी’ के ‘गद्य-खण्ड’ में संकलित तथा भारतीय पुरातत्त्व के महान् विद्वान् श्री भगवतशरण उपाध्याय द्वारा लिखित ‘अजन्ता’ शीर्षक निबन्ध से उद्धृत है। अथवा निम्नवत् लिखेंपाठ का नाम-अजन्ता। लेखक का नाम—भगवतशरण उपाध्याय।

(ब) प्रथम रेखांकित अंश की व्याख्या–प्रस्तुत गद्यांश में लेखक भगवान् बुद्ध के घर त्यागते समय के अजन्ता के चित्रों का वर्णन करते हुए कहते हैं कि एक तरफ हाथ में कमल पकड़े हुए भगवान् बुद्ध खड़े हैं जिनका सौन्दर्य सर्वत्र छलककर बिखरता प्रतीत हो रहा है और उनकी आँखों का प्रकाश सर्वत्र फैल रहा है। उनकी पत्नी यशोधरा भी, वैसा ही कमल का फूल, कमल-नाल पकड़कर त्रिभंगी (तीन स्थान से बल पड़ी हुई) मुद्रा  में खड़ी हुई चित्रित की गयी हैं। यह चित्र बड़ा ही जीवन्त लग रहा

द्वितीय रेखांकित अंश की व्याख्या–प्रस्तुत गद्यांश में लेखक भगवान् बुद्ध के गृह-त्याग के पश्चात् भिक्षा माँगने के एक चित्र का वर्णन करते हुए कहते हैं कि एक चित्र में गौतम बुद्ध के साथ उनका भाई नन्द है, जो अपनी पत्नी सुन्दरी के द्वारा भेजा गया है गौतम बुद्ध को वापस लौटा लाने के लिए। सुन्दरी ने भिक्षा माँगने आए गौतम बुद्ध को बिना भिक्षा दिये द्वार से ही वापस कर दिया था। लेकिन नन्द बुद्ध को वापसे तो नहीं लौटा पाता वरन् उनके उपदेशों से प्रभावित होकर स्वयं भिक्षु बन जाता है।

(स)
⦁    प्रस्तुत गद्यांश में अजन्ता की गुफाओं में चित्रित भगवान् बुद्ध के महाभिनिष्क्रमण (गृह-त्याग) के दृश्य का चित्र-रूप में अत्यधिक भावात्मक और विस्तृत वर्णन किया गया है।
⦁    संसार से वैराग्य होने पर शान्ति की खोज जैसे महान् उद्देश्य के लिए गौतम बुद्ध द्वारा अपनी पत्नी, पुत्र, परिवार और राजप्रासाद को त्यागकर निष्क्रमण कर जाने की क्रिया ‘महाभिनिष्क्रमण’ कहलायी। इस चित्र में गौतम बुद्ध की पत्नी यशोधरा और पुत्र राहुल को निद्रामग्न और गौतम बुद्ध को अपने धड़कते हृदय को सँभालते हुए गृह-त्याग की दृढ़ निश्चयी मुद्रा में चित्रित किया गया है।



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