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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

9751.

साप्टा समझौता किन राष्ट्रों के संगठन के तत्त्वावधान में हुआ था ?(क) राष्ट्रमण्डल(ख) सार्क(ग) गुट-निरपेक्ष आन्दोलन(घ) आसियान

Answer»

सही विकल्प है  (ख) सार्क

9752.

शीतयुद्ध के कारण विश्व राजनीति कितने गुटों में बँट गई?

Answer»

दो गुटों में अमेरिका एवं सोवियत संघ।

9753.

शीत युद्ध का आरम्भ कब माना जाता है?(क) चर्चिल के भाषण से।(ख) मुनरो के भाषण से(ग) शुमाँ के भाषण से(घ) हेनरी किसिंजर के भाषण से

Answer»

सही विकल्प है (क) चर्चिल के भाषण से

9754.

State whether the following statements are True or False, with reasons:Efforts towards arms control and disarmament happened during the Cold War.

Answer»

True. 

  • The Super Powers started producing arms on a large scale to outsmart each other. 
  • There started a rivalry to make more and more destructive weapons and to acquire the technology required for the same.
  • But soon, both the Super Powers realised that the arms race may endanger international peace. 
  • Hence, efforts towards arms control and disarmament also happened during this period.
9755.

What were the factors responsible for the end of Cold War?

Answer»

The factors responsible for the end of Cold War are:

(i) The Soviet Union adopted the policy of opening up the economy. The State loosened up its control of the economy. 

(ii) The then President of the Soviet Union Mikhail Gorbachev implemented the policies of Perestroika (Restructuring) and Glasnost (Openness). Due to these policies, the control over the media reduced. 

(iii) As the East European countries under the influence of the Soviet Union adopted the capitalist and democratic paths, the Soviet Union disintegrated and several new nations were created out of it.

9756.

....... is an important event of the Cold War. (a) Fashoda Incident (b) Cuban Missile Crisis (c) Wall Street Crash (d) Red Menace

Answer»

(b) Cuban Missile Crisis

9757.

1971 ई० के उपरान्त भारत-पाक सम्बन्धों का विवेचन कीजिए। या भारत और पाकिस्तान के सम्बन्धों का वर्तमान सन्दर्भ में परीक्षण कीजिए।

Answer»

15 अगस्त, 1947 को भारत को अंग्रेजी दासता से मुक्ति प्राप्त हुई तथा दो स्वतन्त्र राष्ट्र ‘भारत व पाकिस्तान’ अस्तित्व में आये। पाकिस्तान का निर्माण साम्प्रदायिकता की पृष्ठभूमि पर आधारित था तथा अपने शैशवकाल से ही यह भारत व भारतीयों के प्रति घृणा व द्वेष की भावना रखने लगा। इस अमित्रतापूर्ण वातावरण के कारण भारत-पाक सम्बन्ध मधुर न रहे।

पाकिस्तान द्वारा 1947 ई० में कश्मीर पर आक्रमण के बाद कश्मीर को भारत में विलय हो गया, परन्तु पाकिस्तान ने इस विलय को पूर्ण अवैधानिक बताते हुए अपना वैमनस्य सन् 1965 व सन् 1971 में भारत पर आक्रमण करके प्रदर्शित किया। 1971 ई० के युद्ध के बाद दोनों देशों ने सम्बन्ध सुधारने पर बल दिया तथा इसी कड़ी में 1972 ई० का शिमला समझौता और 1973 ई० का दिल्ली समझौता सम्पन्न हुआ। सन् 1974 ई० में पाकिस्तान ने बांग्लादेश को मान्यता प्रदान की। सन् 1974 व 1976 में भारत-पाक सम्बन्ध मधुर न रह सके। 1976 ई० में टूटे सम्बन्धों को फिर से जोड़ने का प्रयास किया गया। 1978 ई० में भारतीय विदेश मन्त्री की पाकिस्तान यात्रा तथा इसी कड़ी में पाकिस्तानी विदेश सलाहकार श्री आगाशाही को भारत-यात्रा ने सम्बन्धों को मधुर बनाने की दिशा में योगदान दिया। अप्रैल, 1978 में भारत-पाक सलाह जल सन्धि सम्पन्न हुई। यह एक प्रगतिशील व सराहनीय कदम बताया गया।

भारत ने पाकिस्तान के प्रति सदैव सहयोगपूर्ण रवैया अपनाया, परन्तु पाकिस्तान की नीति अनुकूल नहीं रही। पाकिस्तान अपनी सैन्य-शक्ति मात्र भारत के विरुद्ध प्रयोग करने का प्रयास करता रहा है। चीन व अमेरिका इस कार्य में पाकिस्तान की खुले हृदय से सहायता करते रहे। यद्यपि भारत व पाकिस्तान के मध्य वार्ताओं व यात्राओं को क्रम चला आ रहा है, परन्तु मतभेद पूर्णतया दूर नहीं हो सके हैं। सियाचीन विवाद अभी तक समाप्त नहीं हो पाया है।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक के समय तक भारत-पाक सम्बन्ध तनावपूर्ण ही रहे। बार-बार कश्मीर विषय को उठाया जाता रहा। साथ ही पाकिस्तान ने प्रत्येक सम्भव तरीके से पंजाब में आतंकवाद को प्रोत्साहित किया। यद्यपि कई स्तरों पर राजनीतिक सम्बन्धों में सुधार हुआ। जिया उल हक कई बार भारत यात्रा पर आये। राजीव गाँधी ने भी उनसे कई बार भेंट की तथा सम्बन्ध सुधारे जाने पर बल दिया।

जिया उल हक की मृत्यु के बाद नवम्बर, 1988 में श्रीमती बेनजीर भुट्टो के नेतृत्व में पाकिस्तान में लोकतन्त्रीय शासन-प्रणाली स्थापित हुई। परिवर्तित राजनीतिक परिस्थितियों में आशी बनी कि भारत-पाक सम्बन्ध सुधरेंगे और आपसी द्वेषभाव व वैमनस्य का वातावरण दूर होगा। दिसम्बर, 1988 के अन्तिम सप्ताह में इस्लामाबाद में हुए ‘दक्षेस (सार्क) सम्मेलन के समय दोनों देशों के प्रधानमन्त्रियों के बीच वार्ता हुई और 1 जनवरी, 1989 को दोनों देशों में तीन समझौते हुए पहले समझौते के अनुसार, भारत-पाक एक-दूसरे के परमाणु संयन्त्रों पर हमला नहीं करेंगे; दूसरा समझौता सांस्कृतिक आदान-प्रदान से सम्बन्धित है तथा तीसरे समझौते के द्वारा दोहरी कर-नीति को समाप्त करने की बात कही गयी। भारत के तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी की पाकिस्तानयात्रा इस दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी, ऐसी आशा थी; किन्तु यह आशा निराधार सिद्ध हुई। पाकिस्तान भारत में उग्रवादी गतिविधियों को प्रोत्साहन देता रहा है। पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को भारी मात्रा में अस्त्र-शस्त्र दिये गये, उन्हें प्रशिक्षित किया गया तथा शरण भी दी गयी। इन सबसे भारत-पाक सम्बन्ध प्रभावित हुए।

भारत में सत्ता परिवर्तन हुआ। प्रधानमन्त्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने दोनों देशों के सम्बन्ध मधुर बनाये रखने की इच्छा व्यक्त की, किन्तु पाकिस्तान द्वारा भारत की एकता व अखण्डता को आघात पहुंचाने के प्रयत्नों ने भारत-पाक सम्बन्धों में कटुता पैदा कर दी। पंजाब और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को पाकिस्तान खुलेआम बढ़ावा दे रहा है। सन् 1990 के मध्य मार्च तक पंजाब से लगी सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात थे, जिन्हें धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर मोर्चे पर फैला दिया गया। (उल्लेखनीय है कि 1971 ई० में इसी क्षेत्र में भयंकर टैंक युद्ध हुआ था।) पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो की सरकार परास्त हुई और नवाज शरीफ पाकिस्तान के नये प्रधानमन्त्री बने। उन्होंने भी वही पुरानी नीति अपनायी। 1990 ई० में गठित चन्द्रशेखर सरकार के काल में भी दोनों देशों के सम्बन्धों में कोई परिवर्तन नहीं आया। जून, 1991 में सत्ता में आयी श्री नरसिम्हाराव सरकार के काल में पाकिस्तान के साथ भारत के सम्बन्ध बद से बदतर हो गये। पाकिस्तान द्वारा कश्मीर समस्या का अन्तर्राष्ट्रीयकरण करना, कश्मीर के आतंकवादियों को सशस्त्र समर्थन देना तो जारी था ही, किन्तु जब 1993 ई० में हुए मुम्बई बम-काण्ड में उसका हाथ होने का पता चला तब पूरे विश्व के आगे उसका असली चेहरा सामने आ गया, यहाँ तक कि पाकिस्तान को आतंकवादी राज्य घोषित करने की माँग भी उठने लगी।

1999 ई० का वर्ष भारत-पाक सम्बन्धों की दृष्टि से बड़ा घटनापूर्ण रहा। प्रधानमन्त्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 20-21 फरवरी को बस द्वारा दिल्ली से लाहौर तक शान्ति-यात्रा कर इस बसमार्ग का शुभारम्भ किया, किन्तु मई में कारगिल क्षेत्र में घुसपैठियों की आड़ में पाकिस्तानी फौज ने भारतीय क्षेत्र में कुछ जगह अनाधिकृत कब्जा कर लिया। भारतीय फौज ने अप्रतिम धैर्य, शौर्य और बलिदान द्वारा युद्ध कर कारगिल क्षेत्र मुक्त करा लिया। यह भारत की विजय और पाक की पराजय थी। पाकिस्तान में घटना-चक्र तेजी से बदल गया, वहाँ निर्वाचित सरकार का तख्ता पलटकर तथा प्रधानमन्त्री नवाज शरीफ को गिरफ्तार कर जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैनिक तानाशाह के रूप में सत्ता सँभाल ली। उनके भारत विरोधी विचार सर्वविदित हैं।

भारत चाहता था तथा अमेरिका सहित अनेक देश प्रयत्नशील थे कि भारत और पाकिस्तान के बीच शिखर वार्ता हो। अतः जुलाई, 2001 में आगरा में ‘वाजपेयी-मुशर्रफ शिखर सम्मेलन’ आयोजित हुआ। सम्मेलन में भारतीय प्रधानमन्त्री ने भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद के सभी विषयों पर समग्र बातचीत के प्रयत्न किये, लेकिन मुशर्रफ कश्मीर को केन्द्रीय मुद्दा बतलाते हुए कश्मीर का ही राग अलापते रहे। भारत ने इस बात पर बल दिया कि ‘सीमा पार का आतंकवाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की जड़ है, लेकिन मुशर्रफ ने कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंकवाद को स्वतन्त्रता संग्राम की संज्ञा दी। ऐसी स्थिति में 36 घण्टे की ‘कूटनीतिक बाजीगरी’ को असफल होना ही था। अन्त में मुशर्रफ को बिना किसी औपचारिक विदाई के भारत से लौटना पड़ा।

इस असफल शिखर वार्ता के बाद पाक-प्रायोजित आतंकवाद ने उग्र रूप ग्रहण कर लिया। पहले तो श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला हुआ तथा इसके बाद 13 दिसम्बर, 2001 को लोकतन्त्र का हृदयस्थल संसद आतंकवादियों के हमले का निशाना बनी। इस हमले में संलग्न पाँचों आतंकवादी मारे गये। अब यह बात पूर्णतया स्पष्ट और प्रमाणित हो चुकी है कि ये पाँचों व्यक्ति पाकिस्तान के नागरिक और पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के निवासी थे। इस प्रकार हमले का पूरा दायित्व पाकिस्तान पर आता है। यह दुस्साहस की पराकाष्ठा थी। ऐसी स्थिति में भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कूटनीतिक कार्यवाही करते हुए पाकिस्तान स्थित अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने का फैसला कर लिया। 1 जनवरी, 2002 से समझौता एक्सप्रेस ट्रेन व दिल्ली-लाहौर बस सेवा रद्द कर दी गयी तथा भारतीय वायुमण्डल पर पाक विमानों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी। इसके साथ ही भारत ने 20 आतंकवादियों की सूची पाकिस्तान को देते हुए माँग की कि पाकिस्तान द्वारा इन्हें भारत को सौंप दिया जाना चाहिए। ये ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी भारत में आतंकवादी कार्यवाही में प्रमुख भूमिका रही और अभी पाकिस्तान में रह रहे हैं। पाकिस्तान ने अमेरिकी दबाव के कारण आतंकवाद का मौखिक विरोध और कुछ आतंकवादी संगठनों को अवैध घोषित करने जैसी कुछ सतही कार्यवाहियाँ तो कीं, लेकिन वह इन आतंकवादियों को भारत को सौंपने के लिए तैयार नहीं है।

जनवरी, 2002 से मार्च, 2003 तक का 15 महीने का समय भारत और पाक के बीच अत्यधिक तनावपूर्ण सम्बन्धों का रहा, दोनों देश युद्ध के कगार तक पहुँच गये। सितम्बर-अक्टूबर, 2003 में जम्मू-कश्मीर राज्य की विधानसभा के स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न हुए और अन्ततोगत्वा अप्रैल, 2003 में भारतीय नेतृत्व ने दोनों देशों के आपसी सम्बन्धों में गतिरोध को तोड़ने की पहल की। परन्तु इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। 18 फरवरी, 2007 को आतंकवादियों ने समझौता एक्सप्रेस रेलगाड़ी में बम विस्फोट किया जिसमें लगभग 68 लोग मारे गए। इस कारण इस रेलगाड़ी का संचालन कुछ समय तक के लिए बन्द कर दिया गया। पुनः सन् 2008 में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुम्बई पर हमला किया जिसमें लगभग 173 लोग मारे गए तथा लगभग 308 लोग घायल हुए। अनेक इमारतें तहस-नहस हो गयीं। विश्वप्रसिद्ध ताज होटल भी उनमें से एक है। इसी प्रकार की घटनाएँ समय-समय पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी करते रहते हैं जिस कारण से दोनों देशों के सम्बन्ध मधुर नहीं बन पाते हैं।

अमेरिका और अन्य कुछ देश भी इस बात के लिए निरन्तर चेष्टा करते रहे हैं कि भारत और पाक के बीच वार्ता प्रारम्भ हो। पाकिस्तान सरकार ने अगस्त, 2011 में भारत को व्यापार में सबसे पसंदीदा देश (एम०एफ०एन०) का दर्जा देने पर सहमति जताकर कुछ सकारात्मक रुख दिखाया था। वर्तमान में नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं। भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 27 मई, 2014 को उनसे मुलाकात करके पाकिस्तान के साथ शान्तिपूर्ण, मित्रवत् एवं सहयोगपूर्ण द्विपक्षीय सम्बन्ध बनाने की नीति के रूख को दोहराते हुए कहा कि भारतवर्ष पाकिस्तान के सभी लम्बित मुद्दों को सन् 1972 के शिमला समझौते के दायरे में सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सन्दर्भ में श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर शान्ति एवं सौहार्द तथा नियन्त्रण रेखा को सुनिश्चित करने के लिए आतंकवाद एवं हिंसा से मुक्त माहौल बनाने पर जोर दिया। हालाँकि पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने हुर्रियत के नेताओं को बुलाकर भारत के समस्त कूटनीतिक प्रयासों पर पानी फेर दिया और 25 अगस्त, 2014 को इस्लामाबाद में होने वाली बातचीत के लिए भारत को विदेश सचिव की यात्रा रद्द करने के लिए मजबूर कर दिया।

आज भी भारत अपनी शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व की घोषित नीति के कारण पाकिस्तान के साथ सम्बन्ध सुधारने को तैयार है, लेकिन यह सम्बन्ध कश्मीर तथा देश की एकता व अखण्डता की कीमत पर सुधारने के लिए भारत का कोई विचार नहीं है। दोनों देशों के बीच सम्बन्ध सामान्य रखने के लिए पहले पाकिस्तान को भारत के अन्दरूनी मामलों में दखल देना बन्द करना होगा तथा भारत की एकता व अखण्डता के विरुद्ध साजिशें रचना बन्द करना होगा तब ही जाकर भारत के पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध सामान्य हो सकते हैं।

9758.

भारत-पाक सम्बन्धों को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख मुद्दों को स्पष्ट कीजिए। याभारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिए। 

Answer»

भारत-पाक सम्बन्ध सामान्य नहीं हैं, बल्कि वे चिरकाल से तनावपूर्ण चले आ रहे हैं। 

भारत- पाक सम्बन्धों को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख मुद्दे निम्नवत् हैं –

1. जम्मू-कश्मीर समस्या – पाकिस्तान के द्वारा अक्टूबर, 1947 ई० में कश्मीर पर असफल आक्रमण किया गया। इसके बाद कश्मीर का भारत में विलय हो गया, लेकिन पाकिस्तान के द्वारा इस पूर्णतया वैधानिक और राजनीतिक तथ्य को कभी स्वीकार नहीं किया गया। पाकिस्तान के इसी रवैये के कारण 1965 और 1971 ई० में भारत-पाक युद्ध हुए। कश्मीर का मुद्दा आज भी भारत-पाक सम्बन्धों को प्रभावित कर रहा है।
2. पाकिस्तान का आतंकवाद के रूप में अघोषित युद्ध – पाकिस्तान समर्थक उग्रवादी दस्ते भारत में आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं। आये दिन आगजनी, विस्फोट तथा हत्याएँ की जा रही हैं। सामूहिक हत्याकाण्ड, सैनिक बलों पर लुक-छिप आक्रमण तथा तोड़-फोड़, साधारण घटनाएँ हो गई हैं। ये आतंकवादी गतिविधियाँ भी दोनों देशों के सम्बन्धों को प्रभावित कर रही हैं।

9759.

भारत के श्रीलंका के साथ सम्बन्धों की व्याख्या कीजिए।

Answer»

भारत और श्रीलंका परम्परागत रूप से मित्र रहे हैं। समस्त मित्रता के बावजूद इन दोनों देशों के बीच 1963-72 के वर्षों में कच्चा तीवू विवाद’ था। भारत इस विवाद को शान्तिपूर्ण तरीके से हल करना चाहता था। अत: अप्रैल, 1973 ई० में तत्कालीन भारतीय प्रधानमन्त्री ने श्रीलंका की यात्रा की और सद्भावना का परिचय देते हुए ‘कच्चा तीवू समझौता किया।

श्रीलंका में जातीय तनाव और भारत तथा लंका के बीच विवाद वर्ष 1982 के प्रारम्भ से श्रीलंका में बहुसंख्यक सिंहली जाति और अल्प-संख्यक तमिल जाति के बीच विवाद और कटुता ने उग्र रूप ले लिया। भारत पर इस विवाद के प्रभाव और कुछ परिस्थितियों में भारी प्रभाव होते हैं, ऐसी स्थिति में दोनों देशों के बीच तीव्र और चिन्ताजनक विवाद ने जन्म ले लिया। श्रीलंका सरकार द्वारा बातचीत के आधार पर इस विवाद को हल करने के बजाय, पूरी शक्ति के साथ तमिल उग्रवादियों को कुचलने के प्रयत्न किए गए, जिसमें वह अब तक भी सफल नहीं हो पाई है। भारत ने इस बात से कभी भी इंकार नहीं किया कि तमिल समस्या श्रीलंका का घरेलू मामला है, लेकिन यह श्रीलंका का ऐसा घरेलू मामला है जिसका असर भारत की आन्तरिक स्थिति पर भी पड़ता है।
भारत श्रीलंका को इस समस्या के हल हेतु सहयोग देने की इच्छा रखता है। इसी भावना से 29 जुलाई, 1987 को ‘राजीव जयवर्द्धन समझौता सम्पन्न हुआ तथा श्रीलंका सरकार के आग्रह पर भारत ने श्रीलंका में 1987 में भारतीय शान्ति रक्षक दल’ भेजा। इस दल ने जन और धन की हानि उठाते हुए साहस के साथ शान्ति स्थापना के प्रयास किए। 1988 में नव निर्वाचित राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा ने जब ‘भारतीय शान्ति रक्षक दल’ की भारत-वापसी की माँग की, तब इसे भारत वापस बुला लिया गया।

दोनों पक्षों के बीच ‘स्वतन्त्र व्यापार समझौता’ और तदुपरान्त 27 दिसम्बर, 1988 को श्रीलंका की प्रधानमन्त्री भारत यात्रा पर आईं और महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में दोनों देशों के बीच ‘स्वतन्त्र व्यापार समझौता सम्पन्न हुआ। कुछ बाधाओं को पार करने के बाद यह समझौता मार्च 2000 ई० से लागू हो गया तथा इस समझौते से दोनों देशों के विदेश व्यापार में स्फूर्ति आई। इस प्रकार दोनों देशों के सम्बन्ध मित्रता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

श्रीलंकी सरकार वर्ष 2000 से ही तमिल समस्या के समाधान हेतु पूरी गम्भीरता के साथ प्रयत्नशील है तथा मई, 2009 में श्रीलंका सरकार और सेना ने तमिले उग्रवादियों का सफाया कर दिया है; लेकिन स्थिति का दूसरा पक्ष यह है कि सारे क्रम में श्रीलंका के तमिल शान्तिप्रिय नागरिकों को भी भारी तबाही का सामना करना पड़ा है। ऐसी स्थिति में तमिल समस्या का समाधाने अभी दूर है। भारतीय हितों की दृष्टि से इस समस्या को संतोषजनक हल आवश्यक है। भारत चाहता है। कि श्रीलंका की एकता और अखण्द्वता बनी रहे, लेकिन साथ ही तमिलों की सुरक्षा के लिए भी कोई भरोसेमन्द व्यवस्था हो जाए। आवश्यकता इस बात की है कि श्रीलंका इस सम्बन्ध में भारतीय दृष्टिकोण को समझे और उसे उचित महत्त्व दे।

मई, 2009 में लिट्टे की समाप्ति के बाद भी श्रीलंका की तमिल समस्या का स्थायी समाधान दूर है। इस समय भारत व श्रीलंका के मध्य दो प्रमुख मुद्दे हैं। प्रथम, श्रीलंका में आन्तरिक रूप से विस्थापित तमिलों का पुनस्र्थापन, जिसके बारे में भारत समय-समय पर मानवीय सहायता के राहत सामग्री उपलब्ध कराता रहा है। जनवरी, 2009 में भारत के विदेश मन्त्री ने श्रीलंका की यात्रा की जिसका प्रमुख उद्देश्य श्रीलंका के तमिलों को मानवीय सहायता उपलब्ध कराना था। दूसरा मुद्दा तमिल समस्या के समाधान का है। भारतीय प्रधानमन्त्री राजीव गांधी की 1991 में तमिल आतंकवादियों द्वारा की गई हत्या के बाद भारत ने तमिल आतंकवादी संगठन का विरोध करना आरम्भ कर दिया था। यद्यपि इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार को भारत के तमिल समूहों का विरोध भी सहना पड़ता है। भारत, श्रीलंका के संविधान व राष्ट्रीय एकता के अन्तर्गत तमिल समस्या का राजनीतिक समाधान चाहता है जिसमें तमिलों को स्वायत्तता दिए जाने का मुद्दा भी शामिल है। अगस्त, 2008 में कोलम्बो में सम्पन्न सार्क सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमन्त्री ने श्रीलंका की यात्रा की।

वर्ष 2009 में दोनों देशों के मध्य 3.27 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार सम्पन्न हुआ। वर्तमान में भारत श्रीलंका का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक देश है। सम्बन्धों को प्रगाढ़ बनाने की दृष्टि से 8-11 जून, 2010 में की गई श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इस यात्रा के दौरान भारत द्वारा जहाँ तमिल विस्थापितों के लिए 50,000 मकान बनाने का वचन दिया गया वहीं दोनों देशों में सांस्कृतिक क्षेत्र में व्यापक सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता किया। भारत इस समय श्रीलंका के कनकनसेनथुराई बन्दरगाह पर पुनर्निर्माण का कार्य कर रहा है। इस सम्बन्ध में वर्ष 2010 में भारत के नौसेना प्रमुख ने श्रीलंका की यात्रा की। इसके बाद दोनों देशों के प्रमुख नेता और उच्च अधिकारीगण एक-दूसरे देशों की निरन्तर यात्रा कर रहे हैं तथा आपसी बातचीत के जरिए अपनी समस्याओं का हल खोजने व आपसी सहयोग को प्रयासरत हैं। कुल मिलाकर लिट्टे की समाप्ति के बाद दोनों देशों में नए सिरे से सम्बन्धों का आरम्भ हो रहा है। भारत, तमिलों के लिए श्रीलंका में अधिक राजनीतिक स्वायत्तता देने का पक्षधर है।

9760.

निम्नलिखित में से कौन-सा देश महाशक्ति के रूप में स्थापित है?(क) अमेरिका(ख) रूस(ग) फ्रांस(घ) ब्रिटेन

Answer»

सही विकल्प है  (क) अमेरिका

9761.

गुट-निरपेक्ष आन्दोलन का प्रथम शिखर सम्मेलन कहाँ हुआ था ? (क) काठमाण्डू(ख) कोलम्बो(ग) बेलग्रेड(घ) नयी दिल्ली

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सही विकल्प है  (ग) बेलग्रेड

9762.

शीतयुद्ध का अर्थ, परिभाषा व लक्षण लिखिए।

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शीतयुद्ध का अर्थ एवं परिभाषा
शीतयुद्ध एक ऐसी स्थिति है जिसे ‘उष्ण शान्ति’ कहा जा सकता है। ऐसी स्थिति में न तो ‘पूर्ण रूप से शान्ति रहती है और न ही वास्तविक युद्ध होता है, बल्कि शान्ति और युद्ध के बीच ” अस्थिरता बनी रहती है। यह स्थिति युद्ध की प्रथम सीढ़ी है जिसमें युद्ध के वातावरण का निर्माण किया जाता है। इस दौरान महाशक्तियाँ एक-दूसरे से भयभीत रहती हैं। दूसरे शब्दों में, शीतयुद्ध की ऐसी स्थिति होती है जिसमें युद्ध तो किसी भी क्षेत्र में नहीं होता, किन्तु हर समय युद्ध की-सी स्थिति बनी रहती है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शीतयुद्ध सोवियत संघ तथा अमेरिका के पारस्परिक सम्बन्धों की एक ऐसी शोचनीय दशा थी जिसमें दोनों एक-दूसरे के विरुद्ध शत्रुता का विचार रखते थे। वे शत्रु-युद्ध न लड़कर मनोवैज्ञानिक युद्ध से एक-दूसरे को निरन्तर नीचा दिखाने का प्रयत्न करते थे। इस युद्ध के लिए रणक्षेत्र के स्थान पर मानव मस्तिष्क का प्रयोग किया गया था। यह वैचारिक युद्ध था। इसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे को राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक आदि दृष्टि से नीचा दिखाने के लिए प्रयत्न करते थे।
फ्लेमिंग के अनुसार, “शीतयुद्ध का उद्देश्य शत्रुओं को अलग-थलग रखना (Isolate Policy) और मित्रों को जीतना होता है।”
ग्रीब्स के अनुसार, “शीतयुद्ध परमाणु युग में एक ऐसी तनावपूर्ण स्थिति है। जो शस्त्र-युद्ध से कुछ हटकर है।”
एम० एस० राजन के अनुसार, “शीतयुद्ध शक्ति संघर्ष की मिली-जुली राजनीति का परिणाम है। दो विरोधी विचारधाराओं के संघर्ष का परिणाम है, दो परस्पर विरोधी पद्धतियों का परिणाम है, विरोधी चिन्तन-पद्धतियों तथा संघर्षपूर्ण राष्ट्रीय हितों की अभिव्यक्ति है जो कि समय और परिस्थितियों के अनुसार एक-दूसरे के पूरक के रूप में बदलती रही है।” | पं० जवाहरलाल नेहरू के शब्दों में, “शीतयुद्ध पुरातन शक्ति सन्तुलन की अवधारणा का नया रूप है। यह दो विचारधाराओं का संघर्ष न होकर दो नाभिकीय शक्तियों का पारस्परिक संघर्ष है।”
के० पी० एस० मेनन के अनुसार, “शीतयुद्ध जैसा कि विश्व ने अनुभव किया, दो विचारधाराओं, दो पद्धतियों, दो गुटों, दो राज्यों और जब वह अपनी पराकाष्ठा पर था तो दो व्यक्तियों के मध्य उग्र संघर्ष था; दो विचारधाराएँ थीं—पूँजीवाद तथा साम्यवाद, दो पद्धतियाँ थीं—संसदीय लोकतन्त्र तथा जनवादी जनतन्त्र, बुर्जुआ जनतन्त्र तथा सर्वहारा वर्ग की तानाशाही। दो गुट थे-नाटो तथा वारसा पैक्ट। दो राज्य थे-संयुक्त राज्य अमेरिका तथा सोवियत संघ। दो व्यक्ति थे-जोसेफ स्टालिन तथा जॉन फॉस्टर डलेस।”
करेन मिंग्स्ट के अनुसार –“शीतयुद्ध का आशय दो महाशक्तियों के बीच उच्चस्तरीय तनावों व प्रतियोगिता से था जिसमें दोनों ने प्रत्यक्ष सैनिक भिड़न्त को दूर रखा। परमाणु यन्त्रों की होड़ ने द्विध्रुवीयता को जन्म दिया जिसमें हर पक्ष ने बड़ी सावधानी से काम किया कि कहीं वे तीसरे विश्व युद्ध के कगार के समीप न आ जाएँ।
इस प्रकार शीतयुद्ध ‘शस्त्र-युद्ध की श्रेणी में न रखकर युद्ध का वातावरण कहा जा सकता है क्योंकि शीतयुद्ध के काल में युद्ध के समान वातावरण बना रहता था। अत: यह एक कुटनीतिक दाँव-पेचों से लड़ा जाने वाला युद्ध है जो कभी भी ‘वास्तविक युद्ध’ के विनाशकारी मार्ग का रूप धारण करने की सम्भावना बनाए रखता है।

शीतयुद्ध के लक्षण
शीतयुद्ध के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं
⦁    शीतयुद्ध ऐसा संघर्ष था जो सोवियत संघ तथा अमेरिका जैसी बड़ी शक्तियों के मध्य था।
⦁    शीतयुद्ध प्रचार के माध्यम से तथा वाक् युद्ध के रूप में विश्व राजनीति में व्याप्त हो गया था।
⦁    शीतयुद्ध का प्रभावशाली लक्षण यह था कि इसमें दोनों महाशक्तियों प्रचार, गुप्तचरी, सैनिक हस्तक्षेप, सैनिक सन्धियाँ तथा विभिन्न प्रकार के संगठनों का निर्माण करती रहती थीं। ऐसा करके वे अपनी शक्तियों को सुदृढ़ कर रही थीं।
⦁    दोनों शक्तियों ने विश्व में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर दी थी जिसके कारण युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिसे शीतयुद्ध का नाम दिया गया।
⦁    यह युद्ध भयानक था क्योंकि इसके भड़क उठने का कोई निश्चित समय नहीं था।
⦁    यह युद्ध मस्तिष्क से लड़ा जाने वाला विचारों का युद्ध था। अत: इससे सभी देश भयभीत रहते थे।
⦁    यह वास्तविक युद्ध से भी अधिक भयानक था।

9763.

द्वि-ध्रुवीय विश्व के अर्थ की व्याख्या कीजिए। 

Answer»

द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् एक महत्त्वपूर्ण घटना यह घटी कि अधिकांश महाशक्तियाँ कमजोर हो गईं और केवल अमेरिका और रूस ही ऐसे देश बचे जो अब भी शक्तिशाली कहला सकते थे। इस प्रकार युद्ध के दौरान शक्ति का एक नया ढाँचा विश्व स्तर पर उभरा जिसमें केवल दो ही महाशक्तियाँ थीं जो अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में प्रभावशाली थीं। ये शक्तियाँ थीं सोवियत रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका।
दो गुटों, ब्लॉक या कैम्प में विभाजित विश्व को द्वि-ध्रुवी विश्व का नाम एक अंग्रेजी इतिहासकार टायनबील ने दिया था।

मॉर्गन्थो के अनुसार, “द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत रूस की अन्य देशों की तुलना में शक्ति इतनी अधिक बढ़ गई थी कि वे स्वयं ही एक-दूसरे को सन्तुलित कर सकते थे। इस प्रकार शक्ति सन्तुलन बहु-ध्रुवीय से द्वि-ध्रुवीय में बदल गया था।”

9764.

शीतयुद्ध निम्नलिखित में से किसके बीच कायम था?(क) महाशक्तियों के गुटों के बीच(ख) गुट-निरपेक्ष राष्ट्रों के बीच(ग) पी०एल०ओ० इजराइल के बीच(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है  (क) महाशक्तियों के गुटों के बीच

9765.

शीत युद्ध का उद्भव हुआ था(क) 1945 में(ख) 1946 में(ग) 1947 में(घ) 1940 के दशक में

Answer»

सही विकल्प है  (घ) 1940 के दशक में

9766.

भारत का संविधान तैयार हुआ-(a) 26 जनवरी, 1950(b) 26 नवम्बर, 1949(c) 15 अगस्त, 1947(d) 30 जनवरी, 1948

Answer»

सही विकल्प है (b) 26 नवम्बर, 1949.

9767.

निम्नलिखित में से किस विद्वान् ने ‘शीतयुद्ध’ का नामकरण किया था?(क) मॉर्गेन्याऊ ने(ख) शुमाँ ने।(ग) वाल्टर लिपमैन ने(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है (ग) वाल्टर लिपमैन ने

9768.

“शीतयुद्ध की प्रकृति त्रोत्सकी की बेस्त लितोस्क में की गयी प्रसिद्ध घोषणा की याद दिलाने वाली थी जहाँ उन्होंने कहा था-न युद्ध और न शान्ति।” यह कथन निम्नलिखित कथनों में किस विद्वान का है?(क) कैप्लान का(ख) मॉर्गेन्थाऊ का(ग) रिचर्ड स्नाइडर का(घ) डोयशर का

Answer»

सही विकल्प है  (घ) डोयशर का

9769.

What gave rise to the Cold War?

Answer»

(i) America was already a super power, but the Soviet Union also tried to become one, by making nuclear weapons and by increasing its military might.

(ii) The struggle for power, arms race, differences in ideologies, attitude of checkmating each other by strategies and counter-strategies gave rise to the Cold War.

9770.

शिमला समझौता कब सम्पन्न हुआ था?(क) 1962 ई० में(ख) 1965 ई० में(ग) 1971 ई० में(घ) 1972 ई० में

Answer»

सही विकल्प है (घ) 1972 ई० में।

9771.

कैम्प डेविड समझौता निम्नलिखित में से किन देशों के बीच हुआ था?(क) रूस और अमेरिका के बीच(ख) अमेरिका और फ्रांस के बीच(ग) भारत और रूस के बीच(घ) रूस और फ्रांस के बीच

Answer»

(क) रूस और अमेरिका के बीच

9772.

शीतयुद्ध निम्नलिखित में से किन दो विचारधाराओं के मध्य दृढ़ संघर्ष था?(क) पूँजीवाद और साम्यवाद के बीच(ख) नाजीवाद और फासीवाद के बीच(ग) उदारवाद और माक्र्सवाद के बीच(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

(क) पूँजीवाद और साम्यवाद के बीच

9773.

पुराने व नए शीतयुद्ध में अन्तर बताइए।

Answer»

पुराने व नए शीतयुद्ध में अन्तर
पुराने शीतयुद्ध ने पहले यूरोप और बाद में उत्तरी-पूर्वी व दक्षिणी-पूर्वी एशिया को अपनी चपेट में लिया, लेकिन नए शीतयुद्ध ने पश्चिमी एशिया और अफ्रीका को अपनी चपेट में लिया।

पुराने शीतयुद्ध के दौर में दोनों महाशक्तियों (सोवियत राज्य अमेरिका तथा सोवियत संघ) ने अपने सैनिक गुट बनाए और अपने शिविर के देशों को भारी मात्रा में सैनिक व आर्थिक सहायता दी, लेकिन नए शीतयुद्ध के दौर में सैनिक गठबन्धनों की रणनीति का त्याग कर दिया गया

पुराने शीतयुद्ध ने शस्त्रीकरण की प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया, लेकिन नए शीतयुद्ध ने नि:शस्त्रीकरण व शस्त्र नियन्त्रण को अपना लक्ष्य बनाया।

9774.

9/11 की घटना के बाद भारत ने किस प्रकार की प्रक्रिया व्यक्त की?

Answer»

11 सितम्बर, 2001 की अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर पर तालिबान प्रायोजित आतंकवादी हमला किया गया। भारत के तत्कालीन प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा को सम्बोधित करते हुए इस हमले की कठोर शब्दों में निन्दा की और बुश प्रशासन को आश्वासन दिया कि भारत हर प्रकार से अमेरिका का साथ देगी। अक्टूबर माह में अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान में आतंकवाद के सरगना ओसामा बिन लादेन को गिरफ्तार करने के उद्देश्य से सैनिक कार्यवाही की गई। भारत ने अमेरिका के इस कदम का समर्थन किया तथा अमेरिका को पुन: यह आश्वासन दिया कि आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में भारत अमेरिका की हर सम्भव सहायता को तैयार है। भारत के इन प्रयासों से दोनों देशों के सम्बन्धों में मधुरता उत्पन्न हुई।

9775.

“शीतयुद्ध का उद्देश्य शत्रुओं को अलग-थलग रखना (Isolate Policy) और मित्रों को जीतना होता है।” यह कथन निम्नलिखित में से किसका है?(क) फ्लेमिंग का(ख) महेन्द्र कुमार का(ग) राबर्ड शुमन का(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है (क) फ्लेमिंग का

9776.

टूमैन सिद्धान्त का प्रतिपादन किया गया था –(क) 12 मार्च, 1947 को(ख) 12 मार्च, 1948 को(ग) 12 मार्च, 1949 को(घ) 12 मार्च, 1950 को

Answer»

सही विकल्प है (क) 12 मार्च, 1947 को

9777.

Explain with reasons whether the following statements are true or false:The policies of Mikhail Gorbachev gave an impetus to democratisation.

Answer»

True

  • The Soviet Union adopted the policy of opening up the economy. The state loosened up its control of the economy. 
  • The then President of the Soviet Union Mikhail Gorbachev implemented the policies of Perestroika (Restructuring) and Glasnost (Openness). 
  • Due to these policies, the control over the media reduced. 
  • Important changes took place in political and economic spheres, i.e. these spheres, were restructured. This gave impetus to democracy
9778.

Fill in the blanks:1. India has full faith in the ___________ of United Nations.2. At present United Nations consists of ____________ members.3. The word ‘Panchsheel’ stands for principles.4. ______ is a major issue of conflict between India and Pakistan.5. There are ___________ permanent members of the Security Council.

Answer»

1. principles

2. 193

3. five

4. Kashmir

5. five

9779.

USSR was formed in September 1917. Identify the year in which Mikhail Gorbachev formally declared the dissolution of U.S.S.R.

Answer»

Answer is 1991

9780.

कैम्प डेविड समझौता कब हुआ?(क) 15 मई, 1960 को(ख) 16 मई, 1960 को(ग) 15 मई, 1962 को(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है  (ख) 16 मई, 1960 को

9781.

Fill in the blanks:1. There are ____________ organs of the United Nations.2. United Nations was established on _________.3. Originally United Nations consisted of ___________ members.4. Pt. ___________ is rightly acknowledged as the chief architect of India’s foreign policy.5. The train characteristic of India’s foreign policy is _________.

Answer»

1. six

2. 24th October, 1945

3. 51

4. Jawaharlal Nehru

5. Non-alignment

9782.

उत्तर शीतयुद्ध काल से उभर रही अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था को समझाइए।

Answer»

उत्तर शीतयुद्ध काल से उभर रही अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था की विशेषताओं को निम्न प्रकार व्यक्त किया जा सकता है

⦁    अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में विश्व समुदाय के सहयोग, सामंजस्य, शान्ति तथा शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व की भावना में वृद्धि हुई है।
⦁    शक्ति राजनीति की लोकप्रियता में ह्रास आया है।
⦁    वारसा पैक्ट की समाप्ति के उपरान्त अमेरिका नाटो का विस्तार करने का प्रयास कर रहा है।’ परन्तु ध्रुवीकरण की राजनीति शिथिल पड़ गई है।
⦁    विश्व शान्ति तथा सुरक्षा के सम्बन्ध में संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका सुदृढ़ हो रही है। 5. परमाणु नि:शस्त्रीकरण के प्रयास तीव्र हो रहे हैं। CTBT पर अभी तक सभी राष्ट्रों के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं।

9783.

Write down the names of two organs of the United Nations.

Answer»

1. General Assembly and
2. Security Council

9784.

The important and major natural resource found in West Asia is ……………… A) Gold B) Coal C) Copper D) Oil reserves

Answer»

D) Oil reserves

9785.

शीतयुद्ध के विकास के प्रथम चरण का काल माना जाता है –(क) 1935-1944(ख) 1946-1953(ग) 1955-1964(घ) 1970-1979

Answer»

सही विकल्प है (ख) 1946-1953

9786.

Why are security and defence so important for India today?

Answer»

It was easier to defend the frontiers of India in ancient times. The Himalayas served as the sentinal in the north. The ocean protected us in the south. But now the high Himalayas and the deep oceans have lost their importance as the protectors of the country. Due to the progress of science and technology, the mountains and the seas are no longer barriers to check the enemy. So it has become very important for India to defend her borders. Secondly, our relations with some of our neighbours are not very friendly. We have to defend ourselves against them. So India’s need for defence and security is greater these days.

9787.

Which is not a cold war ? A) A strange war fought between the two blocks B) A direct war between the two blocks C) A war behind the closed doors D) A propaganda war

Answer»

B) A direct war between the two blocks

9788.

What did the superpowers done after forming alliances?

Answer»

The superpowers formed alliances and expanded their influence to gain access to resources like oil and minerals.

9789.

What is India’s Atomic or Nuclear Policy?

Answer»

India wants to make’ the use of atomic energy for constructive and peaceful purposes.

9790.

Write down six features of India’s Foreign Policy.

Answer»
  • To make efforts for security and peace in the world.
  • To support the movements for self-determination in the colonies.
  • To oppose racialism.
  • Settlement of international disputes by peaceful methods.
  • To co-operate with U.N.O. and its Specialized Agencies.
  • To support the Non-Alignment movement and to remain away from the military blocs.
9791.

Who formed alliances?

Answer»

The superpowers formed alliances

9792.

What is Military alliances?

Answer»

Military alliances: Formation of groups in connection with armed forces

9793.

Enumerate the number of permanent members and non-permanent members of the Security Council.

Answer»

The Security Council has 15 members. Out of them five are permanent members. The remaining ten are temporary members. Each temporary member is elected for a term of 2 years by the General Assembly. The five permanent members are: U.S.A., Russia, Great Britain, France and China.

9794.

Define the Flashpoints.

Answer»

Flashpoints: Situations where violence starts and cannot be controlled.

9795.

State whether the following statement are true or false with reasons.Mikhail Gorbachev as president of the USSR changed the course of world politics.

Answer»

This statement is True. 

  • Gorbachev introduced the policies of ‘Perestroika’ (reconstruction of the Soviet political and economic system) and ‘Glasnost’ (openness). 
  • During his tenure, there were popular uprisings against Communist regimes in East European countries like Poland, Bulgaria, Czechoslovakia, etc. 
  • The USSR ceased to exist and in its place, 15 new countries (CIS) were created (1991).
9796.

Now the world is recognising which among the following as rising powers of Asia? A) China and Pakistan B) China and India C) Andhra Pradesh and Singapore D) India and Pakistan

Answer»

B) China and India

9797.

Write the names of any four organs of the United Nations. Explain one important function of each organ.

Answer»

Following are the four main organs of the United Nations:

  1. General Assembly,
  2. Security Council,
  3. Economic and Social Council and
  4. International Court of Justice.
9798.

शीतयुद्ध के तीसरे चरण का काल माना जाता है(क) 1950-1954(ख) 1956-1960(ग) 1959-1962(घ) 1965-1969

Answer»

सही विकल्प है  (ग) 1959-1962

9799.

What is the Atomic Policy of India?

Answer»

To use the atomic energy for constructive and peaceful purposes.

9800.

Define Strategic alliances.

Answer»

Strategic alliances: Formation of groups In connection with getting an advantage In war or other military situations.