Explore topic-wise InterviewSolutions in .

This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

10601.

सूती और रेशमी वस्त्र की धुलाई में क्या अन्तर है?

Answer»

सूती एवं रेशमी वस्त्रों के तन्तुओं के भौतिक एवं रासायनिक गुणों में अन्तर होने के कारण इन्हें धोने के लिए भिन्न विधियाँ अपनाई जाती हैं। सूती एवं रेशमी वस्त्रों की धुलाई की विधियों में निम्नलिखित अन्तर होते हैं

⦁    तीव्र क्षार, रगड़ एवं अधिक ताप के उपयोग से रेशम के तन्तु दुर्बल एवं बेकार हो जाते हैं। अत: मूल्यवान रेशमी वस्त्रों की या तो ड्राइक्लीनिंग करानी चाहिए अथवा उन्हें विधिपूर्वक सावधानी से धोना चाहिए। इसके विपरीत सूती वस्त्रों को खौलते पानी, तीव्र क्षार एवं रगड़कर धोया जा सकता है।
⦁     रेशमी वस्त्रों को उत्तम गुणवत्ता के डिटर्जेण्टों अथवा रीठों के सत का प्रयोग कर गुनगुने पानी में हल्के-हल्के मलकर धोना चाहिए। सूती वस्त्रों को कास्टिक सोडायुक्त साबुन लगाकर रगड़-रगड़कर ठण्डे से खौलते पानी तक में धोया जा सकता है।
⦁    सूती वस्त्रों में अधिक सफेदी व चमक लाने के लिए नील व रानीपाल लगाया जाता है, जबकि रेशमी वस्त्रों पर इनका प्रयोग नहीं किया जाता।
⦁    रेशमी वस्त्रों में कड़ापन उत्पन्न करने के लिए केवल गोंद का कलफ लगाया जाता है, जबकि सूती वस्त्रों में लगभग सभी प्रकार का कलफ लगाया जा सकता है।

10602.

किन वस्त्रों पर शुष्क धुलाई की जाती है? शुष्क धुलाई के लाभ लिखिए।

Answer»

मूल्यवान वस्त्रों तथा रेशम, ऊन व रेयॉन आदि से निर्मित वस्त्रों की शुष्क धुलाई (ड्राइ-क्लीनिंग) की जाती है। यह भी कहा जा सकता है कि पानी से धोने पर जिन वस्त्रों के खराब होने की आशंका हो, उन्हें शुष्क धुलाई द्वारा साफ किया जाता है। इससे होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं

⦁    वस्त्रों की कोमलता, चमक व बुनाई को क्षति पहुँचने की सम्भावना अत्यधिक कम रहती है।
⦁     शुष्क धुलाई द्वारा वस्त्रों को धोने पर वे बिल्कुल भी सिकुड़ते नहीं हैं।
⦁    वस्त्रों में सिकुड़न नहीं होती व उनकी स्वाभाविक आकृति भी बनी रहती है।
⦁    चिकनाई के कारण वस्त्रों पर जमी धूल आदि दूर हो जाती है।

10603.

वस्त्रों को घर पर धोने से क्या लाभ है?यावस्त्रों की धुलाई करते समय कौन-कौन सी मुख्य बातों को ध्यान में रखेंगी?याकपड़े धोते समय ध्यान रखने योग्य पाँच सावधानियाँ लिखिए।याघर पर वस्त्र धोने के क्या लाभ हैं? वस्त्रों को धोने से पहले क्या-क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?यावस्त्रों की घर पर धुलाई के लाभ बताइए।यावस्त्रों को धोने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

Answer»

घर पर वस्त्र धोने से लाभ

व्यावसायिक स्तर पर कपड़ों की धुलाई का कार्य धोबियों द्वारा अथवा नगरों में स्थापित लॉण्ड्रियों द्वारा किया जाता है, परन्तु परिवार के सदस्यों के दैनिक इस्तेमाल के वस्त्रों की धुलाई का कार्य घर पर ही किया जाता है। वास्तव में घर पर वस्त्रों की धुलाई करना अधिक सुविधाजनक एवं लाभदायक भी होता है। घर पर वस्त्रों की धुलाई के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं

(1) समय की बचत:
धोबी अथवी लॉण्ड्री से वस्त्र धुलवाने में कई दिन का समय लगता है, जबकि स्वयं वस्त्र धोने पर उन्हें केवल कुछ घण्टों बाद ही प्रयोग में लाया जा सकता है। इस प्रकार घर पर वस्त्र धोने से समय की पर्याप्त बचत होती है।

(2) धन की बचत:
घर पर वस्त्र धोने से बहुत कम धन व्यय होता है। धोबी अथवा लॉण्ड्री की धुलाई में प्रति वस्त्र काफी धन व्यय करना पड़ता है, जबकि एक ही अच्छे साबुन अथवा डिटर्जेण्ट पाउडुर के प्रयोग से अनेक वस्त्रों की धुलाई की जा सकती है तथा धन की पर्याप्त बचत भी की जा सकती है। इसके अतिरिक्त घर पर वस्त्र धोने पर वस्त्रों की कम संख्या में ही कामे चलाया जा सकता है।

(3) वस्त्रों की आयु में वृद्धि:
वस्त्रों को धोते समय धोबी प्राय: अम्ल एवं कास्टिक सोडा अधिक मात्रा में प्रयोग करते हैं, जिससे तन्तु कमजोर हो जाने के फलस्वरूप वस्त्र शीघ्र फट जाते हैं। घर पर वस्त्रों की धुलाई ठीक प्रकार से होती है। अतः ये अधिक समय तक चलते हैं।

(4) रोगों से बचाव:
धोबी प्रायः अनेक घरों वस्त्र एकत्रित कर एक साथ उनकी धुलाई करते हैं। इस प्रकार रोगी एवं स्वस्थ मनुष्यों के वस्त्र साथ-साथ धुलते हैं। अधिकांश धोबी नगर के निकट के किसी तालाब या पोखर के पानी से कपड़े धोया करते हैं। यह पानी काफी गन्दा होता है। इससे अनेक संक्रामक रोगों के फैलने की सम्भावना रहती है। घर पर रोगी के वस्त्र अलग से विधिपूर्वक धोए जाते हैं, जिससे रोगों से बचाव की पूर्ण सम्भावना रहती है।

(5) अन्य लाभ:
घर पर वस्त्रों की धुलाई से होने वाले कुछ अन्य लाभ हैं|
⦁    वर्षा ऋतु में कपड़े धोकर लाने में धोबी अधिक एवं अनिश्चित समय लगाता है, जबकि घर पर आवश्यक वस्त्र धोने से इस कठिनाई से बचा जा सकता है।
⦁    धोबी प्रायः धोए जाने वाले वस्त्रों का स्वयं भी प्रयोग करते हैं। उनकी लापरवाही के कारण कई बार वस्त्र या तो खो जाते हैं अथवा दूसरे व्यक्तियों से बदल जाते हैं। घर पर वस्त्रों को धोने से इस प्रकार की कठिनाइयाँ नहीं होतीं।
⦁    धोबी कई बार सफेद व रंगीन वस्त्रों को एक साथ धो देते हैं, जिससे सफेद वस्त्रों में रंगीन धब्बों के लगने की आशंका रहती है। घर पर वस्त्रों को धोने से इस प्रकार की आशंका से बचा जा सकता है। घर पर वस्त्र धोते समय वस्त्रों में इच्छानुसार केलफ लगाया जा सकता है।

वस्त्र धोने से पूर्व ध्यान देने योग्य बातें

वस्त्र धोने की तैयारी अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। वस्त्रों की धुलाई से पूर्व कुछ सावधानियों का पालन करने से तथा विधिपूर्वक वस्त्र धोने से न केवल वस्त्र ठीक प्रकार से धुलते हैं, बल्कि कई अन्य लाभ भी होते हैं। वस्त्रों की धुलाई से पूर्व निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
⦁    धोने से पहले वस्त्रों की जेबों को सावधानीपूर्वक देख लेना चाहिए। इससे कई बार जेबों में रखी मुद्रा अथवा महत्त्वपूर्ण कागज नष्ट होने से बच जाते हैं।
⦁    वस्त्रों में लगे लोहे के बकसुए, बैचेज़, बकल एवं अन्य इस प्रकार के सामान धुलाई से पूर्व अलग कर देने चाहिए। इससे वस्त्र जंग लगने से सुरक्षित रहते हैं।
⦁    फटे वस्त्रों की धुलाई से पूर्व ही मरम्मत कर लेनी चाहिए। यदि वस्त्रों के बटन आदि टूट गये हों तो उनमें भी प्रारम्भ में ही टाँके लगा देने चाहिए।
⦁    वस्त्रों में यदि दाग अथवा धब्बे लगे हों, तो उन्हें धुलाई से पूर्व ही साफ करना चाहिए।
⦁    रोगी के वस्त्रों को अलग करके व उन्हें उबलते पानी में कुछ समय तक डालकर उनका नि:संक्रमण करना चाहिए। इससे अन्य व्यक्तियों में रोग फैलने की आशंका समाप्त हो जाती है।
⦁    रेशमी, ऊनी व सूती वस्त्रों को अलग-अलग कर लेना चाहिए।

⦁    रेशमी वस्त्रों को धोते समय कास्टिक सोडे का न्यूनतम प्रयोग करना चाहिए।
⦁    रेशमी व ऊनी कपड़ों को अधिक गर्म पानी में नहीं धोना चाहिए और इन्हें अधिक कसकर नहीं निचोड़ना चाहिए।
⦁    सूती वस्त्र धोते समय गर्म पानी व कास्टिक सोडे का प्रयोग किया जा सकता है। सफेद सूती वस्त्रों को धोते समय रानीपाल व नील का भी प्रयोग करते हैं। सूती वस्त्रों में इच्छानुसार कलफ भी लगाया जा सकता है।
⦁    सफेद व रंगीन कपड़ों को अलग-अलग धोना चाहिए। पहले सफेद कपड़ों को तथा बाद में रंगीन कपड़ों को धोना चाहिए। इससे सफेद कपड़ों पर रंगों के धब्बे पड़ने की आशंका नहीं रहती है।

10604.

सूती वस्त्रों को धोने के बाद उन पर की जाने वाली दो प्रक्रियाओं के बारे में लिखिए।

Answer»

सूती वस्त्रों को धोने के बाद मुख्य रूप से अपनाई जाने वाली प्रक्रियाएँ हैं

(1) कलफ लगाना तथा
(2) प्रेस करना। कलफ से इन कपड़ों में कड़ापन व स्वाभाविक चमक आ जाती है तथा प्रेस से सलवटें दूर हो जाती हैं और अच्छी क्रीज़ बन जाती है।

10605.

सफेद वस्त्रों पर नील लगाने की विधि का वर्णन कीजिए। या सफेद सूती वस्त्रों में नील का प्रयोग क्यों किया जाता है?

Answer»

सफेद वस्त्रों के पीलेपन को समाप्त करने के लिए तथा अधिक सफेदी एवं चमक लाने के लिए नील का प्रयोग किया जाता है। धुलाई के पश्चात् स्वच्छ पानी में अन्तिम खंगाल के बाद वस्त्रों को नील के घोल में डुबोकर निकाला जाता है। एक साफ कपड़े के टुकड़े में नील की पोटली बनाकर स्वच्छ पानी डालकर हिलाते हैं। इससे नील का साफ घोल बन जाता है। आजकल घुलित नील का उपयोग किया जाता है, जोकि अधिक प्रभावी रहता है। इसकी 8-10 बूंदें एक बाल्टी जल के लिए पर्याप्त रहती हैं। अब धुले हुए सफेद वस्त्रों को नील के घोल में 5-10 मिनट तक डुबोकर निकालकर सामान्य धूप में सुखा लिया जाता है। यदि वस्त्रों में अधिक नील लग जाए, तो तनु ऐसीटिक अम्ल का प्रयोग कर नील के रंग को कम किया जा सकता है।

10606.

रेशमी वस्त्र में चमक लाने के लिए किस पदार्थ का प्रयोग किया जाता है?

Answer»

रेशमी वस्त्र में चमक लाने के लिए मेथिलेटिड स्प्रिट को इस्तेमाल किया जाता है।

10607.

रासायनिक पदार्थों के प्रयोग से वस्त्र का धब्बा छुड़ाते समय कौन-सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?

Answer»

रासायनिक पदार्थों से वस्त्रों के दाग-धब्बे छुड़ाने के लिए विशेष सावधानी से काम लेना चाहिए तथा निम्नलिखित सावधानियाँ रखनी चाहिए|

⦁    रासायनिक विधि द्वारा दाग: धब्बों को छुड़ाना हो तो विशेष सावधानी से काम लेना चाहिए। सामान्य रूप से रासायनिक प्रतिकर्मकों के हल्के घोल को ही प्रयुक्त करना चाहिए। यदि हल्के घोल से धब्बे न छूटें तो क्रमशः अधिक सान्द्र घोल का प्रयोग करना चाहिए। बहुत अधिक सान्द्रित रसायनों से कपड़े खराब भी हो सकते हैं।
⦁    रासायनिक प्रतिकर्मकों को अधिक समय तक कपड़ों पर नहीं लगे रहने देना चाहिए। जैसे ही धब्बा हट गया प्रतीत हो, वैसे ही रासायनिक प्रतिकर्मक से युक्त कपड़े को साफ जल से धो लेना चाहिए। इससे कपड़ों का रंग खराब नहीं होता तथा वे क्षतिग्रस्त भी नहीं होते।
⦁    रासायनिक विधि से दाग: धब्बे छुड़ाते समय सदैव खुले स्थान पर बैठकर ही इन पदार्थों का प्रयोग करना चाहिए, अन्यथा इन रासायनिक पदार्थों से निकलने वाली या बनने वाली गैसों से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
⦁    अम्लीय रासायनिक पदार्थों को प्रयुक्त करने से कपड़े का रंग भी फीका पड़ जाता है। ऐसे कपड़ों को दाग-धब्बे छुड़ाकर तुरन्त अमोनिया के हल्के घोल में डाल देना चाहिए। इससे कपड़े का रंग नहीं बिगड़ता।
⦁    दाग-धब्बों को हटाने वाले कुछ रासायनिक पदार्थ ज्वलनशील होते हैं; उदाहरण के लिए: पेट्रोल, ऐल्कोहल, स्पिरिट आदि। इस प्रकार के रसायनों का प्रयोग करते समय पास में कोई जलती हुई मोमबत्ती या अँगीठी नहीं होनी चाहिए।

10608.

नियमित धुलाई से वस्त्र(क) साफ रहते हैं।(ख) दुर्गन्ध रहित रहते हैं।(ग) रोगाणुरहित रहते हैं।(घ) ये सभी

Answer»

सही विकल्प है (घ) ये सभी

10609.

शुष्क धुलाई में इस्तेमाल किया जाता है(क) सूखा पाउडर(ख) गर्म पानी(ग) रासायनिक विलायक(घ) कुछ भी नहीं

Answer»

सही विकल्प है (ग) रासायनिक विलायक

10610.

अरारोट का कलफ किन वस्त्रों में दिया जाता है?(क) रेशमी(ख) ऊनी(ग) सूती(घ) कृत्रिम

Answer»

सही विकल्प है (ग) सूती

10611.

ऊनी वस्त्रों की सुरक्षा हेतु किसका प्रयोग करते हैं?(क) आम की पत्तियाँ(ख) गुलाब की पत्तियाँ(ग) नीम की पत्तियाँ(घ) पीपल की पत्तियाँ

Answer»

सही विकल्प है (ग) नीम की पत्तियाँ

10612.

तारकोल के दाग को छुड़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है(क) ब्लीचिंग पाउडर(ख) पेट्रोल(ग) तारपीन का तेल(घ) साबुन

Answer»

सही विकल्प है (ग) तारपीन का तेल

10613.

ऊनी वस्त्रों को कलफ लगाया जाता है(क) गोंद का(ख) अरारोट का(ग) चावल का(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है (घ) इनमें से कोई नहीं

10614.

ऊनी वस्त्रों को धोने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है?(क) मुल्तानी मिट्टी(ख) रीठे का घोल(ग) साधारण साबुन(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है (ख) रीठे का घोल

10615.

घर पर कपड़े धोने से किसकी बचत होती है?(क) समय की(ख) धन की(ग) साबुन की(घ) ये सभी

Answer»

सही विकल्प है (ख) धन की

10616.

नील का प्रयोग किस वस्त्र पर करते हैं?(क) रेशमी(ख) ऊनी(ग) सफेद सूती(घ) संगीत

Answer»

सही विकल्प है (ग) सफेद सूती

10617.

रेशमी वस्त्रों को धोने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है?(क) सोडा(ख) मिट्टी(ग) अपमार्जक(घ) रीठे का सता

Answer»

सही विकल्प है (घ) रीठे का सता

10618.

रेशमी वस्त्रों को कैसे धोना चाहिए ?(क) वस्त्रों को पीटकर(ख) वस्त्रों को रगड़कर(ग) वस्त्रों को पटककर(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है (घ) इनमें से कोई नहीं

10619.

कच्चे रंग के कपड़े धोते समय पानी में मिलाया जाता है(क) सिरको(ख) नींबू का रस(ग) अमोनिया(घ) रानीपाल

Answer»

सही विकल्प है (क) सिरको

10620.

Complete the following table:CarcinogenOrgan affectedN-nitrosodimethlene————–Aflatoxin————–————–Vagina————–Urinary bladder————–Prostate————–Skin and lungs

Answer»
CarcinogenOrgan affected
N-nitrosodimethleneLungs
AflatoxinLiver
DiethylstilboestrolVagina
2-naphthylamine and 4- aminobiphenylUrinary bladder
Cadmium oxideProstate
Soot, coal tar (2-4 benzopyrene)Skin and lungs
10621.

Active immunity and passive immunity.

Answer»
Active immunityPassive immunity
1. Active immunity is produced in response to entry of pathogens and their antigenic stimuli.1. Passive immunity is produced due to antibodies that are transferred to the body
2. Active immunity is the long lasting immunity.2. Passive immunity is short-lived immunity.
3. In active immunity, the body produces its own antibodies.3. In passive immunity, antibodies are given to the body from outside.
4. Natural acquired active immunity is obtained due to infections by pathogens.4. Natural acquired passive immunity is obtained through antibodies of mother transmitted- to baby by placenta or colostrum.
5. Artificial acquired active immunity is obtained through vaccinations. These vaccines contain dead or live but attenuated pathogens.5. Artificial acquired passive immunity is also obtained through vaccinations, but here the vaccines contain the readymade antibodies which are prepared with the help of other animals such as horses.
10622.

What is a carcinogen? Name one chemical carcinogen with its target tissue.

Answer»

1. Carcinogen is the substance or agent that causes cancer. 

2. Urinary bladder cancer caused by 2- naphthylamine and 4-aminobiphenyl.

10623.

Why is smoking a bad habit?

Answer»

1. Smoking involves inhaling the cigarette smoke which contains nicotine and other toxic substances like Nnitrosodimethlene. There is some amount of carbon monoxide. All these substances affect the normal respiratory health. 

2. Smoking invites problems like asthma, hypertension, heart disease, stroke, lung damage.

3. The worst impact is that these substances are carcinogenic and hence can cause cancer of larynx, trachea, lung, etc. 

4. Smoking not only affects the smokers but also has bad effect on others due to passive smokers. 

5. In women, smoking is still hazardous as their ovaries can undergo mutations due to mutagenic chemicals found in smoke. 

6. Therefore, smoking is a very bad habit.

10624.

What do the abbreviations AMIS and CMIS denote?

Answer»

AMIS is Antibody-mediated immune system or humoral immunity and CMIS is cellmediated immune system.

10625.

आपके विचार से किशोरों को ऐल्कोहॉल या ड्रग के सेवन के लिये क्या प्रेरित करता है और इससे कैसे बचा जा सकता है?

Answer»

1. जिज्ञासा, जोखिम उठाने व उत्तेजना के प्रति आकर्षण व प्रयोग करने की इच्छा प्रमुख कारण है जो नवयुवकों को ऐल्कोहॉल/ड्रग्स के लिये अभिप्रेरित करते हैं। 

2. इन पदार्थों के प्रयोग को फायदे के रूप में देखना भी एक अन्य कारण है। 

3. शिक्षा के क्षेत्र या परीक्षा में आगे रहने के दबाव से उत्पन्न तनाव भी नवयुवकों को मादक पदार्थों की ओर खींच सकता है। 

4. युवकों में यह भी प्रचलन है कि धूम्रपान, ऐल्कोहॉल, ड्रग्स आदि का प्रयोग व्यक्ति की प्रगति का सूचक है। 

5. सामाजिक एकाकीपन, कामवासना में वृद्धि का अनुभव, जीवन के प्रति नीरसता, मानसिक क्षमता में वृद्धि की मिथ्या धारणा, क्षणिक स्वर्गिक आनंद की अभिलाषा व कुसंगति का प्रभाव नवयुवकों को इन पदार्थों के प्रति आकर्षित करता है। 

6. इसको नजरअंदाज करने के लिये रोकथाम व नियन्त्रण सम्बन्धी उपाय कारगर हो सकते हैं। 

7. पढ़ाई, खेल-कूद, संगीत, योग के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य गतिविधियों में ऊर्जा लगानी चाहिये। 

8. युवाओं के व्यसनी होने पर योग्य मनोवैज्ञानिक की सहायता ली जानी चाहिये।

10626.

 कौन-कौन से विभिन्न रास्ते हैं जिनके द्वारा मानव में प्रतिरक्षान्यूनता विषाणु (एच०आई०वी०) का संचारण होता है?

Answer»

एच०आई०वी० के संचारण के निम्न कारण हैं – 

1. संक्रमित रक्त व रक्त उत्पादों के आधान से। 

2. संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध। 

3. इन्ट्रावीनस औषधि के आदी व्यक्तियों में संक्रमित सुइयों का साझा करके।

10627.

चिकनगुनिया विषाणु का वाहक है –(क) क्यूलेक्स मच्छर (ख) एडीज मच्छर (ग) एनोफिलीज मच्छर (घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

(ख) एडीज मच्छर

10628.

मनुष्य में विषाणु जनित कुछ प्रमुख रोगों के नाम लिखिए। 

Answer»

चेचक (small pox), हरपीज (herpes), आर्थराइटिस (arthritis) आदि डी०एन०ए० वाइरस (DNA virus) द्वारा तथा पोलियो (polio), डेंगू ज्वर (dengue fever), कर्णफेर (mumps), खसरा (measles), रेबीज (rabies) आदि आर०एन०ए० वाइरस (RNA virus) द्वारा उत्पन्न होते हैं।

10629.

रतौंधी के रोग से बचा जा सकता है। यदि प्रतिदिन –1. चावल और दाल खाएँ।2. दूध और रोटी खाएँ।3. गाजर पालक, पपीता खाएँ।4. अंडे और मांस खाएँ।

Answer»

सही विकल्प है 3. गाजर पालक, पपीता खाएँ।

10630.

मिट्टी की ऊपरी परत का खेती में क्या महत्त्व है?

Answer»

मिट्टी की ऊपरी परत अधिक उपजाऊ होती है क्योंकि इसी परत में खेती के लिए जरूरी ह्यूमस पाया जाता है।

10631.

जलीय पौधे के तने और पत्ती की एक-एक विशेषता बताइए।

Answer»

जलीय पौधे के तनों के अंदर असंख्य खाली स्थान होते हैं। जलीय पौधों की पत्ती की सतह पर मोम की चिकनी तह होती है।

10632.

मरुस्थलों में वायरोधी पेड़ तथा झाडियाँ क्यों लगाई जाती हैं?

Answer»

मरुस्थलों में वायुरोधी पेड़ तथा झाड़ियाँ लगाई जाती हैं, जिससे यह तेज आँधी के समय मृदा अपरदन को रोक सके।

10633.

कुपोषण से बचने के तीन उपाय लिखिए।

Answer»

कुपोषण से बचने के लिए संतुलित भोजन करना चाहिए, विटामिन तथा खनिज लवण भरपूर मात्रा में लेने चाहिए व हरी सब्जियों का अधिक सेवन करना चाहिए।

10634.

जीवधारियों में अनुकूलन के क्या कारण हैं?

Answer»

जीवधारियों में अनुकूलन के निम्नलिखित कारण हैं-

(1) भोजन की उपलब्धता
(2) वातावरण
(3) प्रजनन और
(4) शत्रुओं से रक्षा

10635.

मछली की दो विशेषताएँ बताइए, जो उसे जल में रहने के अनुकूल बनाती है।

Answer»

(1) मछली की आकृति धारा-रेखित होती है।
(2) मछली में साँस लेने हेतु गलफड़े (गिल्स) होते हैं।

10636.

पक्षियों के लिए देशान्तरण का क्या महत्त्व है?

Answer»

कुछ पक्षी ठंडे प्रदेश को छोड़कर कुछ समय के लिए गर्म प्रदेशों में चले जाते हैं तथा कुछ पक्षी भोजन की तलाश के लिए देशान्तर करते हैं।

10637.

जल में रहने वाले तीन जन्तुओं एवं तीन वनस्पतियों के नाम लिखिए।

Answer»

जल में रहने वाले तीन जन्तु – मछली, ऑक्टोपस, केकड़ा।
जल में होने वाली तीन वनस्पतियाँ – सिंघाड़ा, कमल, कुमुदनी।

10638.

ऊँट के पैर गद्दीदार क्यों होते हैं?

Answer»

गद्दीदार पैरों के कारण ही ऊँट मरुस्थल की रेतीली भूमि पर मीलों चल अथवा दौड़ सकता है। इसलिए ऊँट के पैर गदीदार होते हैं।

10639.

पर्वतीय क्षेत्र के जन्तुओं के शरीर पर लंबे घने बाल क्यों होते हैं?

Answer»

पर्वतीय क्षेत्र के जन्तुओं के शरीर पर लंबे घने बाल होते हैं क्योंकि लम्बे घने बाल उन्हें अत्यधिक सर्दी में ठंड से बचाते हैं।

10640.

रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (पर्ति करके) –(क) मरुस्थलीय पौधों की ____ में रूपांतरित हो जाती हैं।(ख) ठंडे क्षेत्रों के ____ शरीर पर प्रायः लम्बे घने बाल होते हैं।

Answer»

(क) मरुस्थलीय पौधों की पत्तियाँ काँटों में रूपांतरित हो जाती हैं।
(ख) ठंडे क्षेत्रों के जन्तुओं के शरीर पर प्रायः लम्बे घने बाल होते हैं।

10641.

ऊँट को रेगिस्तान का जहाज क्यों कहते हैं?

Answer»

रेगिस्तान में ऊँट सामान पहुँचाने तथा यातायात के साधन के रूप में बहुत उपयोगी होते हैं। इसलिए इसे रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है।

10642.

किसी बच्चे के होंठ के कोने फटे, जीभ लाल, त्वचा खुरदरी, हाथ-पांव में दर्द झुनझुनाहट हो तो वह पीड़ित है –1. विटामिन ‘डी’ की कमी से।2. विटामिन ‘ए’ की कमी से।3. विटामिन ‘सी’ की कमी से।4. विटामिन ‘बी’ की कमी से।

Answer»

सही विकल्प है 4. विटामिन ‘बी’ की कमी से।

10643.

यदि किसी के मसूड़े फूले हों, उनसे खून आता हो और दाँत हिलते हों तो उसे –1. पपीता और पीला कदू खाना चाहिए।2. नीब, नारंगी, आँवला खाना चाहिए।3. शकरकंद, अरवी खाना चाहिए।4. मांस और रोटी खाना चाहिए।

Answer»

सही विकल्प है 2. नीब, नारंगी, आँवला खाना चाहिए।

10644.

कारण बताइए-हमें आवश्यकता से अधिक अथवा कम भोजन नहीं करना चाहिए।

Answer»

आवश्यकता से अधिक भोजन करने से हम मोटे व कम भोजन करने से कमजोर हो जाएँगे।

10645.

पानी द्वारा मृदा अपरदन कैसे होता है?

Answer»

पानी द्वारा मिट्टी की ऊपरी परत बह जाने से मृदा अपरदन होता है।

10646.

कारण बताइए-हमें संतुलित भोजन करना चाहिए।

Answer»

संतुलित भोजन से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।

10647.

मनुष्य विभिन्न मौसमों में रह सकता है। कैसे?

Answer»

मनुष्य ने विभिन्न मौसमों में रहने के लिए अपनी सुविधानुसार अनेक वस्तुओं का निर्माण कर लिया है। अतः मनुष्य विभिन्न मौसमों में रह सकता है।

10648.

बीजों के द्वारा अंकुरण नहीं होता है।1. मटर2. गुलाब3. गेहूँ4. धान

Answer»

सही विकल्प है 2. गुलाब

10649.

बीज के अंकुरण के लिए आवश्यक है।1. प्रकाश, वायु तथा उचित ताप2. वायु, जल और उचित ताप3. वायु, जल और खाद4. वायु, जल और मिट्टी

Answer»

सही विकल्प है 2. वायु, जल और उचित ताप

10650.

मेढक का शरीर जल और स्थल दोनों में रहने के लिए अनुकूलित होता हैं। क्योंकि –1. पैरों मे पाद जाल होता है।2. साँस लेने के लिए फेफड़े होते हैं।3. त्वचा नम होती है।4. उपर्युक्त सभी

Answer»

सही विकल्प है 4. उपर्युक्त सभी