This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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रिक्त स्थानों की पूर्ति करें (पूर्ति करके) –(क) _____ के कारण पत्तियाँ हरे रंग की होती हैं।(ख) अपने समान नए जीव उत्पन्न करना _____ कहलाता है।(ग) स्थलीय जन्तुओं में फेफड़े _____ होते हैं।(घ) शुष्क स्थानों के पौधों की पत्तियाँ ______ में बदल जाती हैं।(ङ) पानी में तैरने के लिए मछलियों में ______ पाए जाते हैं। |
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Answer» (क) पर्णहरित (क्लोरोफिल) के कारण पत्तियाँ हरे रंग की होती हैं। |
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खाली स्थानों की पूर्ति करें (पूर्ति करके) –(क) बीजों के बाहरी आवरण को ___ कहते हैं।(ख) ____ से जड़ तथा प्रांकुर से तना बनता है।(ग) पौधों के अंकुरण के लिए ________ की आवश्यकता होती है। |
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Answer» (क) बीजों के बाहरी आवरण को बीजचोल कहते हैं। |
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निम्नांकित कथनों के सामने सत्य अथवा असत्य लिखिए –(क) भ्रूण को भोजन बीजपत्रों से मिलता है।(ख) नागफनी एक जलीय पौधा है।(ग) पक्षियों के मुँह में अनेक दाँत होते हैं।(घ) बीजों के अंकुरण के लिए हवा, पानी तथा उचित ताप आवश्यक है।(ङ) बत्तख में तैरने के लिए पाद-जाल पाए जाते हैं।(च) मेढक एक उभयचर प्राणी है। |
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Answer» (क) सत्य (ख) असत्य (ग) असत्य (घ) सत्य (ङ) सत्य (च) सत्य |
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शरीर के अंगों की गति में सहायक हैं –1. तंत्रिकाएँ2. मस्तिष्क3. पेशियाँ4. हड्डी और पेशियाँ |
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Answer» सही विकल्प है 4. हड्डी और पेशियाँ |
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हृदय और फेफड़े की सुरक्षा करते हैं –1. खोपड़ी2. पसलियाँ3. रीढ़ की हड्डी4. कंधे की हड्डी |
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Answer» सही विकल्प है 2. पसलियाँ |
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सत्य कथन के आगे ‘सत्य’ तथा असत्य कथन के आगे ‘असत्य’ लिखिए (लिखकर) –(क) कपाल की हडियाँ मस्तिष्क की सुरक्षा करती हैं।(ख) अस्थियों तथा मांसपेशियों की गति से शरीर में गति होती है।(ग) रीढ़ की हड्डी हृदय की सुरक्षा करती है।(घ) ज्ञानेन्द्रियों की सुरक्षा चेहरे की हड्डियाँ करती हैं।(ङ) वक्ष की हडियाँ हृदय और फेफडों की सुरक्षा करती हैं। |
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Answer» (क) सत्य (ख) सत्य (ग) असत्य (घ) सत्य (ङ) सत्य |
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सब्जियों को पकाते समय अधिक तलना नहीं चाहिए। |
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Answer» क्योंकि सब्जियों को अधिक तलने से विटामिन नष्ट हो जाते हैं। |
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कंकाल तंत्र के कोई दो उपयोग लिखिए। |
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Answer» (1) कंकाल शरीर को आकृति एवं आकार प्रदान करता है। (2) कंकाल शरीर को सुदृढ़ बनाता है। |
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आँधी द्वारा मृदा अपरदन बड़े पैमाने पर होता है। इसे स्पष्ट करें। |
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Answer» आँधी द्वारा उपजाऊ मिट्टी के कण एक स्थान से दूसरे स्थान पर उड़कर चले जाते हैं, जिससे मिट्टी की ऊपरी परत नष्ट होने से मिट्टी का उपजाऊपन बहुत कम हो जाता है। |
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| 10660. |
मृदा अपरदन रोकने में बाँधों का क्या महत्त्व है? |
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Answer» बाँधों के कारण बाढ़ के बहाव को रोका जाता है, जिससे मृदा अपरदन रुक जाता है। |
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| 10661. |
वनों की क्या उपयोगिता है? |
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Answer» वनों से मृदा अपरदन रुक जाता है तथा पर्यावरण संतुलन बना रहता है। |
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सब्जियों को काटने से पहले धो लेना चाहिए। |
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Answer» क्योंकि सब्जी को काटकर धोने से सब्जी के विटामिन नष्ट हो जाते हैं। |
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दूषित जल तथा भोजन से फैलने वाले दो रोगों के नाम लिखिए। |
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Answer» हैजा और पेचिश। |
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जीवन रक्षक घोल (ओ०आर०एस०) का प्रयोग कब किया जाता है? |
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Answer» उल्टी और दस्त होने पर। |
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संक्रामक रोग किन-किन माध्यमों से फैलते हैं? |
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Answer» संक्रामक रोग संपर्क, दूषित हवा, दूषित जल, दूषित भोजन, मच्छर, मक्खी आदि के द्वारा फैलते हैं। |
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| 10666. |
किन्हीं चार रोगों के नाम लिखिए, जिनके संक्रमण से बचने के लिए बचपन में टीके लगवाना आवश्यक होता है? |
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Answer» खसरा, चेचक, काली खाँसी, टिटनेस। |
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महामारी किसे कहते हैं? इसके तीन उदाहरण दीजिए। |
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Answer» जब एक क्षेत्र में बहुत से लोग एक ही रोग से ग्रसित हो जाते हैं तो इसे महामारी कहते हैं, जैसे- हैजा, मलेरिया, प्लेग। |
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कंकाल तंत्र महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह –(1) संवेदी अंगों एवं कोमल अंगों की सुरक्षा करता है।(2) शरीर को शक्ति प्रदान करता है।(3) भोजन के पाचन में सहायक हैं। |
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Answer» सही विकल्प है 1. संवेदी अंगों एवं कोमल अंगों की सुरक्षा करता है। |
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खाली स्थानों की पूर्ति कीजिए–(1) संक्रामक रोग सूक्ष्म ___ द्वारा होता है।(2) टीकाकरण से हमारे शरीर में ____ क्षमता पैदा हो जाती है।(3) ____ ड्रॉप बच्चों के मुँह में डाला जाता है।(4) चेचक के रोगी के _____ नहीं बैठना चाहिए।(5) बच्चे के जन्म के समय ____ का टीका लगवा देना चाहिए। |
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Answer» (1) संक्रामक रोग सूक्ष्म जीवों द्वारा होता है। |
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अपने विद्यालय तथा पास-पड़ोस को स्वच्छ रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए? |
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Answer» (1) नियमित सफाई करनी चाहिए। |
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प्रदूषित भोजन अथवा जल ग्रहण करने से हो सकता है।1. चेचक2. तपेदिक3. खसरा4. पीलिया व पेचिश |
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Answer» सही विकल्प है 4. पीलिया व पेचिश |
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कारण बताएँ –हमें भोजन करने से पूर्व और बाद में हाथ-मुँह अच्छी तरह से धोना चाहिए। |
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Answer» जिससे हाथ-मुँह में उपस्थित हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाए। |
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सही शब्द छाँटकर वाक्य पूरा कीजिए–(क) मिट्टी के कटाव को ___ रोकते हैं। (पशु, पौधे, नाले)(ख) पहाड़ी स्थानों में मिट्टी की सुरक्षा ____ खेतों से की जाती है। (बाँधों, सीढ़ीदार खेतों, पानी)(ग) नदियाँ पहाड़ों से ____ बहाकर ले आती है। (रेत, बालू, उपजाऊ मिट्टी)(घ) नदियाँ की बाढ़ को ____ द्वारा रोका जाता है। (सीढ़ियों, बाँधों, पेड़ों) |
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Answer» (क) मिट्टी के कटाव को पौधे रोकते हैं। |
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हैजा फैलता है।1. कुत्ते के काटने से2. मक्खी द्वारा3. मच्छर द्वारा4. रोगी को छूने से |
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Answer» सही विकल्प है 2. मक्खी द्वारा |
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रतौंधी रोग से बचा जा सकता है। यदि प्रतिदिन –(1) चावल और दालें खाएँ(2) दूध और रोटी खाएँ(3) गाजर, पालक, मूली, पपीता खाएँ(4) अंडे और मांस खाएँ |
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Answer» सही विकल्प है 3. गाजर, पालक, मूली, पपीता खाएँ |
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कारण बताएँ –सब्जियों को काटने से पहले पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए। |
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Answer» जिससे उसमें उपस्थित कीटाणु नष्ट हो जाए। |
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कारण बताएँ –हमें अपने घर तथा घर के चारों ओर के परिवेश को स्वच्छ रखना चाहिए। |
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Answer» जिससे हानिकारक कीटाणु विकसित न हो सकें। |
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वह कौन-सी क्रियाविधि है जिससे एड्स विषाणु संत व्यक्ति के प्रतिरक्षा तन्त्र का ह्रास करता है? |
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Answer» 1. संक्रमित व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करने के पश्चात् एड्स विषाणु वृहद् भक्षकाणु (macrophage) में प्रवेश करता है। 2. यहाँ इसका RNA जीनोम, विलोम ट्रांसक्रिप्टेज विकर (reverse transcriptase enzyme) की मदद से, रेप्लीकेशन (replication) द्वारा विषाणुवीय DNA (viral DNA) बनाता है जो कोशिका में DNA में प्रविष्ट होकर, संक्रमित कोशिकाओं में विषाणु कण निर्माण का निर्देशन करता है। 3. वृहद् भक्षकाणु विषाणु उत्पादन जारी रखते हैं व HIV की उत्पादन फैक्टरी का कार्य करते हैं। 4. HIV सहायक T-लसीकाणु में प्रविष्ट होकर अपनी प्रतिकृति बनाता है व संतति विषाणु उत्पन्न करता है। 5. रक्त में उपस्थित संतति विषाणु अन्य सहायक T-लसीकाणुओं पर आक्रमण करते हैं। 6. यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है जिसके परिणामस्वरूप संक्रमित व्यक्ति के शरीर में T-लसीकाणुओं की संख्या घटती रहती है। 7. रोगी ज्वर व दस्त से निरन्तर पीड़ित रहता है, वजन घटता जाता है, रोगी की प्रतिरक्षा इतनी कम हो जाती है कि वह इन प्रकार के संक्रमणों से लड़ने में असमर्थ होता है। |
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मेटास्टेसिस का क्या मतलब है? व्याख्या कीजिये। |
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Answer» 1. मेटास्टेसिस में कैंसर कोशिकाओं के अन्य ऊतकों व अंगों में स्थानान्तरण से कैंसर फैलता है। परिणामस्वरूप द्वितीयक ट्यूमर का निर्माण होता है। 2. यह प्राथमिक ट्यूमर की अति वृद्धि के परिणामस्वरूप फैलता है। 3. अति वृद्धि करने वाली ट्यूमर कोशिकायें रक्त वाहिनियों में से गुजरती हैं या सीधे द्वितीयक बनाती हैं। 4. दूसरे उपयुक्त ऊतक या अंग पर पहुँचने के बाद, एक नया ट्यूमर बनता है। 5. यह बना ट्यूमर, जो द्वितीयक बना सकते हैं, घातक ट्यूमर कहलाता है। 6. वे कोशिकाएँ जो ट्यूमर से फैलने के योग्य होती हैं, घातक (malignant) कोशिकायें होती हैं। |
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जीव विज्ञान (जैविकी) के अध्ययन ने संक्रामक रोगों को नियन्त्रित करने में किस प्रकार हमारी सहायता की है? |
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Answer» जीव विज्ञान (जैविकी) के अध्ययन ने संक्रामक रोगों को नियन्त्रित करने में हमारी सहायता निम्नलिखित प्रकार से की है – 1. a. जीव विज्ञान रोगजनकों को पहचानने में हमारी सहायता करता है। b. रोग फैलाने वाले रोगजनकों के जीवन चक्र का अध्ययन किया जाता है। c. रोगजनक के मनुष्य में स्थानान्तरण की क्रिया-विधि की जानकारी होती है। 1. रोग से किस प्रकार सुरक्षा की जा सकती है, ज्ञात होता है। 2. बहुत से रोगों के विरुद्ध इन्जेक्शन तैयार करने में सहायता मिलती है। |
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प्रत्येक के सामने ‘सत्य’ अथवा असत्य’ शब्द लिखिए–(क) मनुष्य के शरीर में कुल २०६ हड्डियाँ होती हैं।(ख) मच्छर के काटने से हैजा हो जाता है।(ग) संक्रामक रोग सूक्ष्म जीवों के द्वारा फैलते हैं।(घ) कंकाल तंत्र शरीर के आंतरिक अंगों की सुरक्षा करता है। |
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Answer» (क) सत्य (ख) असत्य (ग) सत्य (घ) सत्य |
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मलेरिया किस मच्छर के काटने से होता है? |
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Answer» मलेरिया रोग एनोफलीज मादा मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर जब स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसके रक्त में मलेरिया के कीटाणु प्रवेश करके रोग उत्पन्न करते हैं। |
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प्रसामान्य कोशिका से कैंसर कोशिका किस प्रकार भिन्न है? |
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Answer» 1. एक प्रसामान्य कोशिका में कोशिका वृद्धि व कोशिका विभेदन अत्यन्त नियन्त्रित व नियमित होते हैं। 2. प्रसामान्य कोशिका में संस्पर्श संदमन (contact inhibition) नामक गुण होता है जिसके कारण अन्य कोशिकाओं में इसका स्पर्श अनियन्त्रित वृद्धि का संदमन करता है। 3. इसके विपरीत कैंसर कोशिका में यह गुण समाप्त हो जाता है, अत: इन कोशिकाओं में वृद्धि व विभेदन अनियन्त्रित हो जाते हैं। 4. इसके परिणामस्वरूप कैंसर कोशिकायें निरन्तर वृद्धि करके कोशिकाओं में एक पिण्ड, रसौली (tumour) बना देती हैं। |
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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए(क) विश्व मलेरिया दिवस ____ को मनाया जाता है।(ख) ____ एडीज एजिट टी मच्छर के काटने से होता है।(ग) मस्तिष्क ज्वर का प्रकोप ____ माह में अधिक होता है। |
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Answer» (क) विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को मनाया जाता है। |
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मलेरिया रोग के रोगजनक, लक्षण तथा उपचार लिखिए।या मलेरिया तथा इसके नियंत्रण पर टिप्पणी लिखिए।या मलेरिया रोग के रोगजनक तथा रोगवाहक का नाम लिखिए और उसके लक्षण एवं निदान बताइए। |
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Answer» रोगजनक – मलेरिया रोग का जनक एक प्रोटोजोआ जीव प्लाज्मोडियम है। प्लाज्मोडियम वाइवैक्स, प्लाज्मोडियम ओवल, प्लाज्मोडियम मलेरी तथा प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम इस जीव की प्रमुख जातियाँ हैं जो मलेरिया रोग के लिए उत्तरदायी हैं। लक्षण 1. इस रोग में रोगी की भूख मर जाती है। 2. रोगी को तीव्र ज्वर चढ़ जाता है। 3. रोगी को कब्ज हो जाता है तथा जी मिचलाता है। 4. रोगी का मुँह सूखने लगता है। 5. रोगी के सिर, पेशियों और जोड़ो में तीव्र दर्द होता है। उपचार – मलेरिया के उपचार के लिए 300 वर्षों से कुनैन एक परम्परागत औषधि बनी हुई है। यह डच ईस्ट इण्डीज, भारत, पेरू, लंका आदि देशों में सिन्कोना वृक्ष की छाल के सत से बनाई जाती है। यह रोगी के रुधिर में उपस्थित प्लाज्मोडियम की सभी प्रावस्थाओं को नष्ट कर देती है। कुनैन से मिलती-जुलती कृत्रिम औषधियाँ-ऐटीब्रिन, बेसोक्विन, एमक्विन, मैलोसाइड, मेलुब्रिन, निवाक्विन, रेसोचिन, कामोक्विन, क्लोरोक्विन आदि आजकल प्रचलित हैं। पेल्यूड्रिन, मेपाक्रीन, पैन्टाक्विन, डेराप्रिम, प्राइमाक्विन एवं प्लाज्मोक्विन रोगी के यकृत में उपस्थित प्लाज्मोडियम की प्रावस्थाओं को भी नष्ट करती हैं। बचाव व नियन्त्रण – मलेरिया से बचाव व इसके नियन्त्रण के निम्नलिखित उपाय हैं – 1. तालाब व गड्ढों में पानी जमा नहीं रहने देना चाहिए। 2. घरेलू कुलर आदि में भी पानी की सफाई दो-तीन दिन के उपरान्त करनी चाहिए। नाली व अन्य पानी जमा होने वाले स्थानों पर मच्छरों का जनन रोकने हेतु मिट्टी का तेल डालना चाहिए। मच्छर के लारवा को खाने वाली मछलियों को तथा बतखों को पानी में छोड़ देते हैं। तथा यूट्रीकुलेरिया (Utricularia) जैसे पादपों को पानी में उगाते हैं। 3. मच्छर के जनन स्थानों को नष्ट कर देना चाहिए तथा नालियों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। 4. D.D.T, B.H.C. आदि का प्रयोग मच्छर नष्ट करने हेतु करना चाहिए परन्तु इन दोनों का प्रयोग भारत में प्रतिबन्धित है। 5. क्लोरोक्विन, प्राइमोक्विन, डाराप्रिम दवाओं का प्रयोग रोगी को स्वस्थ करने में सहायक होता है। 6. मच्छरों को दूर भगाने हेतु all out तेल व क्रीम तथा मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। |
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टीकाकरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।या टीका एवं टॉक्साइड्स का तुलनात्मक वर्णन कीजिए। |
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Answer» टीकाकरण वैक्सीन अथवा टीका (vaccine) प्रायः कोशिका निलम्बन (cell suspension) होता है अथवा यह कोशिका द्वारा उत्सर्जित एक उत्पाद होता है, जो प्रतिरक्षण कर्मक (immunizing agent) के रूप में प्रयोग किया जाता है। वास्तव में, वैक्सीन प्रतिजनों (antigens) का तैयार घोल होता है, जो इन्जेक्शन द्वारा शरीर में प्रविष्ट कराने पर विशिष्ट प्रतिरक्षियों (antibodies) के निर्माण को प्रेरित करके शरीर में सक्रिय कृत्रिम प्रतिरोध क्षमता या प्रतिरक्षा उत्पन्न करता है। यह क्रिया ही टीकाकरण (vaccination) कहलाती है। सबसे पहले सन् 1798 में एडवर्ड जेनर (Edward Jenner) ने टीकाकरण की तकनीक में गौशीतला विषाणु (cowpoxvirus) को चेचक (smallpox) के विरुद्ध प्रतिरक्षण कर्मक (immunizing agent) के रूप में प्रयोग किया था। एडवर्ड जेनर को प्रतिरक्षा विज्ञान का जनक (father of immunology) माना जाता है। टीके या वैक्सीन के प्रकार सामान्यतः ये निम्नांकित प्रकार के होते हैं – 1. जीवित प्रतिजन से निर्मित वैक्सीन – इसमें जीवित जीवाणुओं या विषाणुओं को क्षीणीकृत (attenuated) करके घोल तैयार किया जाता है, जो प्रतिजनयुक्त होता है। इस प्रकार का वैक्सीन अच्छा माना जाता है, क्योंकि इसकी थोड़ी-सी मात्रा शरीर में प्रविष्ट कराने से जीवाणु या विषाणु गुणन करके बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाते हैं। इसमें सूक्ष्म जीवों के अतिरिक्त उनका विष भी रहता है जिससे कि यह अधिक प्रभावशाली होते हैं तथा इनके प्रभाव से उत्पन्न प्रतिरोध क्षमता अधिक लम्बे समय तक शरीर में बनी रहती है। 2. मृत प्रतिजन से निर्मित वैक्सीन – इसमें सूक्ष्मजीवों को मृत करके उनका घोल इन्जेक्शन द्वारा शरीर में प्रविष्ट कराया जाता है। इसका प्रमुख लाभ यह है कि रोगजनक सूक्ष्मजीव रोग का प्रभाव उत्पन्न नहीं कर पाता है। अतः टीकाकरण के बाद इसके दुष्प्रभाव बहुत कम दिखायी। देते हैं। यह वैक्सीन जीवित प्रतिजन से निर्मित वैक्सीन की अपेक्षा कम प्रभावशाली है। 3. प्रतिजन के आविष से निर्मित वैक्सीन – कुछ रोगजनक जीवाणु जो बहि:आविष (exotoxin) उत्पन्न करते हैं, उन्हें प्रतिजन से अलग करके केवल यह आविष (toxin), आविषाभ (toxoid) के रूप में शरीर में प्रविष्ट कराकर प्रतिरक्षी एवं प्रतिआविष (antitoxin) के निर्माण के लिए उत्प्रेरित किया जा सकता है। इस श्रेणी में टिटेनस (tetanus) एवं टायफॉइड (typhoid) के वैक्सीन आते हैं जो इन रोगों के बचाव हेतु बहुत सरल एवं सुरक्षित साधन होते हैं। 4. मिश्रित वैक्सीन – कभी-कभी दो या अधिक विभिन्न प्रकार के रोगों के रोगजनक सूक्ष्मजीव अथवा प्रतिजनों के मिश्रण से एक वैक्सीन तैयार किया जाता है। इसमें सभी वैक्सीन मिलाकर एक वैक्सीन का निर्माण किया जाता है जिससे कि इसमें सभी वैक्सीन के गुण आ जाते हैं और शीघ्र ही कई रोगों के प्रति प्रतिरोध क्षमता उत्पन्न हो जाती है। उदाहरण – डिफ्थीरिया-कुकुर या काली खाँसी-टिटेनस वैक्सीन (diphtheria- pertussis-tetanus vaccine = DPT)। |
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कोशिका भक्षण को संक्षेप में वर्णन कीजिए तथा इसके उपयोग लिखिए। या टिप्पणी लिखिए – भक्षी कोशिका |
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Answer» श्वेत रुधिराणुओं में पादाभों द्वारा भ्रमण करने की क्षमता पायी जाती है। ये रुधिर के बहाव की उल्टी दिशा में भी भ्रमण कर सकते हैं। यही नहीं ये महीन केशिकाओं की दीवार के छिद्रों से निकलकर ऊतक द्रव्य में भी जाते रहते हैं। ऊतकों में जाकर अधिकांश श्वेत रुधिराणु जीवाणुओं, विषाणुओं, विष पदार्थों, टूटी-फूटी कोशिकाओं तथा अन्य अनुपयोगी निर्जीव कणों का अपने पादाभों द्वारा अन्तर्ग्रहण करते रहते हैं। इस प्रक्रिया को कोशिका भक्षण तथा श्वेत रुधिराणुओं को भक्षी कोशिका कहते हैं। इस प्रक्रिया का प्रमुख उपयोग यह है कि इसके द्वारा हमारे शरीर में उपस्थित अनुपयोगी तत्त्वों का निराकरण होता रहता है। |
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प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया (immune response) का विस्तार से वर्णन कीजिए।या प्रौढ मानव में T तथा B-लिम्फोसाइट्स कहाँ बनते हैं? T एवं B-लिम्फोसाइट्स के परिपक्वन से आप क्या समझते हैं?या प्रतिरक्षण तन्त्र से आप क्या समझते हैं? प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के दो प्रमुख प्रकार बताइए।या सेल्फ एवं नॉन-सेल्फ की पहचान के संदर्भ में, प्रतिरक्षा तंत्र की विशेषताएँ लिखिए। या प्रतिरक्षण तन्त्र क्या है? प्रतिरक्षण प्रतिक्रिया की प्रमुख विशेषताएँ बताइए। |
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Answer» प्रतिरक्षण तन्त्र अनेक अंग हमारे शरीर में सभी प्रकार के रोगोत्पादक जीवों अर्थात् रोगाणुओं और प्रतिजनों के कुप्रभाव का प्रतिरोध करके समस्थैतिकता बनाए रखने के लिए एक तंत्र की रचना करते हैं, जिसे प्रतिरक्षण तन्त्र कहते हैं। प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया प्रतिरक्षी प्रतिक्रियाएँ प्राणियों में एण्टीबॉडीज का निर्माण करने के लिए प्रेरित करती हैं। इसके लिए रुधिर वे लसीका में पाये जाने वाले लिम्फोसाइट्स शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं या उनके एण्टीजन के प्रति सुग्राही हो जाते हैं और बाहरी जीवों (रोगाणुओं) को पहचानकर उनको नष्ट करके उनसे जीवनभर सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस प्रकार प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं – 1. आक्रामक की पहचान करना – प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया का पहला और सबसे प्रमुख कार्य है। आक्रामक की पहचान करना। प्रतिरक्षी तन्त्र की लिम्फोसाइट्स शरीर में आये बाहरी पदार्थों व रोगाणुओं को पहचानने और उनको नष्ट करने का कार्य करती हैं। यह कार्य T और B लिम्फोसाइट्स करती हैं। 2. आक्रामक से बचाव या एण्टीजन को नष्ट करना – एण्टीबॉडीज निम्नलिखित चार प्रकार से बाह्य रोगाणुओं व एण्टीजन को नष्ट करते हैं 1. निष्प्रभावी करके – एण्टीबॉडीज विषाणुओं से चिपककर उनके चारों ओर एक आवरण – सा बना लेती हैं जिससे विषाणु कायिक कोशिकाओं की प्लाज्मा झिल्ली से नहीं चिपकने पाते हैं और उनमें प्रवेश नहीं कर पाते हैं। इसी प्रकार एण्टीबॉडीज जीवाणुओं के विष को भी निष्प्रभावी कर देती हैं। 2. समूहन – अकेली एण्टीबॉडी कई एण्टीजन्स से जुड़कर उनको समूह में एकत्र कर देती है। बाद में इन समूहों को मैक्रोफेज कोशिकाएँ निगलकर नष्ट कर देती हैं। 3. अवक्षेपण – एण्टीबॉडीज विलेय एण्टीजन्स से जुड़कर उनको अविलेय बना देती हैं। फिर ये अवक्षेपित हो जाती हैं और मैक्रोफेज द्वारा नष्ट हो जाती हैं। 4. पूरक तन्त्र का सक्रियण – एण्टीजन-एण्टीबॉडी कॉम्प्लेक्स अविशिष्ट प्रतिरक्षा तन्त्र के पूरक प्रोटीन अणुओं की श्रृंखला को सक्रिय कर देते हैं। ये प्रोटीन जीवाणु कोशिका की प्लाज्मा झिल्ली में रन्ध्र कर देते हैं जिससे ये फूलकर फट जाते हैं और नष्ट हो जाते हैं। 3. आक्रामक को याद रखना – प्रतिरक्षी तन्त्र की कोशिकाएँ शरीर में प्रवेश करने वाले पदार्थों को याद रखने वाली स्मृति कोशिकाओं का निर्माण करती हैं। B तथा T दोनों प्रकार की लिम्फोसाइट्स स्मृति कोशिकाओं को उत्पन्न करती हैं जो रुधिर एवं लसीका में सुप्तावस्था में पड़ी रहती हैं। शरीर में दूसरी बार उन्हीं एण्टीजन के प्रवेश करते ही उसकी विरोधी सभी स्मृति कोशिकाएँ सक्रिय होकर संक्रमण से शरीर की रक्षा के लिए तत्पर हो जाती हैं। इसे द्वितीयक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया कहते हैं। T-लिम्फोसाइट्स या T-कोशिकाओं की एण्टीजन के प्रति अनुक्रिया – रोगाणुओं द्वारा उत्पन्न एण्टीजन के सम्पर्क में आने पर T-लिम्फोसाइट्स सक्रिय हो जाती हैं और ये वृद्धि करके समसूत्री विभाजन द्वारा विभाजित होती हैं। विभाजन के बाद निम्नलिखित चार प्रकार की T-लिम्फोसाइट्स बनती हैं – 1. मारक कोशिकाएँ (Killer T-cells) – ये कोशिकाएँ रोगाणु कोशिकाओं पर सीधे आक्रमण करके उन्हें नष्ट कर देती हैं। 2. दमनकारी या निरोधक कोशिकाएँ (Suppressor Cells) – ये शरीर की अपनी कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाने के लिए संक्रमण समाप्त होने के बाद T व B कोशिकाओं की सक्रियता को भी समाप्त करती हैं। 3. सहायक कोशिकाएँ (Helper Cells) – ये कोशिकाएँ B-कोशिकाओं को सक्रिय करती हैं तथा . इनके द्वारा स्रावित इण्टरल्यूकिन-2 विभिन्न प्रकार की T-कोशिकाओं की सक्रियता को बढ़ाकर प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को बढ़ाती हैं। 4. स्मृति कोशिकाएँ (Memory Cells) – रोगाणुओं के सम्पर्क में आयी कुछ B-कोशिकाएँ संवेदनशील होने के बाद लसीका ऊतक में स्मृति कोशिकाओं के रूप में संगृहीत हो जाती हैं। और आजीवन जीवित रहती हैं। पुनः वही आक्रमण होने पर ये कोशिकाएँ तुरन्त सक्रिय हो जाती हैं। B-लिम्फोसाइट्स या B-कोशिकाओं की एण्टीजन के प्रति अनुक्रिया – ऊतक द्रव में एण्टीजन के प्रवेश कर जाने पर B-लिम्फोसाइट्स उद्दीप्त होकर एण्टीबॉडीज बनाती हैं। एक विशिष्ट प्रकार के एण्टीजन के लिए विशिष्ट प्रकार की B-कोशिकाएँ होती हैं। कुछ B-लिम्फोसाइट्स सक्रिय होकर प्लाज्मा कोशिकाओं का एक क्लोन बनाती हैं। प्लाज्मा कोशिकाएँ लसीका ऊतक में रहकर एण्टीबॉडीज का निर्माण करती हैं। ये एण्टीबॉडीज लसीका एवं रुधिर में परिवहन करती रहती हैं। कुछ सक्रिय B-लिम्फोसाइट्स स्मृति कोशिकाओं के रूप में लसीका ऊतक में संचित हो जाती हैं। शरीर में पुनः वही संक्रमण होने पर ये अपने जैसी लाखों कोशिकाएँ बनाकर तेजी से विशिष्ट एण्टीबॉडीज का उत्पादन प्रारम्भ कर देती हैं। |
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इण्टरफेरॉन्स (interferons) क्या हैं? प्रतिरक्षी अनुक्रिया में इनका महत्त्व (कार्य) समझाइए।या ‘इण्टरफेरॉन्स’ पर टिप्पणी लिखिए।या ‘इण्टरफेरॉन के विषय में आप क्या जानते हैं? उस वैज्ञानिक का नाम बताइए जिसने इसका पता लगाया। इसकी रासायनिक प्रकृति एवं शारीरिक प्रतिरक्षा अनुक्रिया में महत्त्व बताइए।या इण्टरफेरॉन क्या हैं? इनका कार्य लिखिए।या इण्टरफेरॉन की परिभाषा एवं कार्य लिखिए। |
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Answer» इण्टरफेरॉन्स इण्टरफेरॉन्स (interferons) कशेरुकी जन्तुओं में वाइरस से संक्रमित कोशिकाओं द्वारा स्रावित एक ग्लाइकोप्रोटीन पदार्थ है जो इन कोशिकाओं को वाइरसों से संक्रमण के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करते हैं। इण्टरफेरॉन का उपयोग वाइरस संक्रमण के लिए रोग निवारक (therapeutic) तथा निरोधक (preventive) औषधियों के रूप में किया जाता है। आइसक्स तथा लिण्डनमैन (Isaacs and Lindenmann) ने सन् 1957 में इस प्रकार की प्रोटीन का पता लगाया और चूँकि इसके द्वारा अन्त:कोशिकीय विषाणुओं के गुणन को रोका (interfere) जाता है इसलिए इसको इण्टरफेरॉन (interferon) कहा गया। ऐसा समझा जाता है कि इण्टरफेरॉन्स विषाणु केन्द्रकीय अम्ल (nucleic acid) संश्लेषक तन्त्र को बाधित करता है, किन्तु यह किसी प्रकार भी कोशिका के उपापचय (metabolism) में कोई विघ्न नहीं डालता है। यह भी निश्चित हो चुका है कि इण्टरफेरॉन्स कोशिका के बाहर उपस्थित विरिऑन्स (virions) आदि को किसी प्रकार भी प्रभावित नहीं करते हैं, न ही संक्रमण रोकने में किसी प्रकार सक्षम हैं। ये कोशिका के अन्दर ही क्रिया करते हैं अर्थात् केवल अन्त:कोशिकीय (intracellular) क्रियाएँ ही करते हैं। |
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Debit balance as per Pass Book is known as favourable balance. |
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Answer» Debit balance as per Pass Book is known as unfavorable balance. |
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Complete the following statements:(i) Check deposited into Bank but not cleared is called _________ cheque.(ii) Expenses paid by the Bank as per standing instructions will be recorded at ___________ side of the passbook.(iii) Dividend collected by the bank will be recorded at _________ side of cash book.(iv) ___________ type of bank account is open by trader. |
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Answer» (i) Dishonoured (ii) Debit (iii) Debit (iv) Current |
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When a cheque is deposited into Bank it is credited to Cashbook. |
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Answer» When a cheque is deposited into Bank it is debited in Cash Book. |
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Bank Reconciliation Statement is prepared by Bank. |
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Answer» Bank Reconciliation Statement is prepared by Businessman. |
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Do you agree or disagree with the following statements:(i) Bank Reconciliation Statement is prepared by Bank.(ii) Overdraft Facility is available to savings Bank Account.(iii) The bank account holder can make payments to a third party by use of a pay-in slip.(iv) Bank does not charge any interest on an overdraft balance.(v) Credit balance in Pass Book represents overdraft balance. |
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Answer» (i) Disagree (ii) Disagree (iii) Disagree (iv) Disagree (v) Disagree |
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Give one word/term/phrase which can substitute each of the following statements:(i) Refusal by the bank to make payment of a cheque.(ii) Document used to withdraw cash from the bank.(iii) Excess of a total of credit side over a total of debit side in the passbook.(iv) Document used by the account holder to deposit cash and/or cheques into the bank.(v) Document used by the account holder to withdraw cash from the bank and for making payment to outside parties through the bank. |
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Answer» (i) Dishonour of Cheque (ii) Withdrawal Slip (iii) Balance as per Pass Book (iv) Pay-in-Slip (v) Cheque |
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The form filled for depositing cash or cheque into the bank is known as Pass Book. |
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Answer» The form filled for depositing cash or cheque into the bank is known as Pay in slip. |
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‘Are fed by peaceful harvests, by war’s long winter starved.A. Transferred EpithetB. MetaphorC. AlliterationD. All of these three |
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Answer» D. All of these three |
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‘Their hands are ours, and in their lines, we read’.A. MetonymyB. SynecdocheC. MetaphorD. Allegory |
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Answer» B. Synecdoche |
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Based on the understanding of the poem, read the following lines and answer the questions given below Their hands are ours, and in their lines we read A labour not different from our own. –(а) Explain the expression: ‘Their hands are ours’. (b) Explain: ‘A labour not different from our own’. |
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Answer» (a) ‘Their hands are ours’ means that they too work hard like us with their hands to earn their livelihood. (b) This expression means that the hard work done by the people who live in other countries is not different in any way from the one that we do. All of us have to toil and work hard in a similar way for survival. |
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Remember, no men are strange, no countries foreignBeneath all uniforms, a single body breathesLike ours: the land our brothers walk uponIs earth like this, in which we all shall lie.Questions :(1) What does the poet ask us to remember?(2) Identify and explain the Figure of Speech in the line: ‘Like ours: the land our brothers walk upon.’(3) Identify and explain the Figure of Speech in the line: ‘Is earth like this, in which we all shall lie.’ |
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Answer» (1) The poet asks us to remember that no man in the whole world is different from us, and we live on the same earth created by God, hence no country is a foreign country We all are inhabitants of the same world. (2) The Figure of Speech in the line: ‘Like ours: the land our brothers walk upon’ is Simile. There is explicit comparison between ‘we’ and ‘other human beings on the earth’ and the word indicating the comparison is ‘like’. (3) The Figures of Speech in the line: ‘Is earth like this, in which we all shall lie’ are : (i) Simile |
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