InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 2751. |
मुँह एवं जीभ पर छाले होने पर आप क्या उपचार करेंगी? |
|
Answer» प्रभावित भाग पर ग्लिसरीन अथवा कत्थे का चूरा लगाने से पर्याप्त लाभ होता है। |
|
| 2752. |
भाँग पिए व्यक्ति का आप क्या उपचार करेंगी? |
|
Answer» ऐसे व्यक्ति को खटाई (जैसे कि इमली का पानी) पिलाने से भाँग के विषैले प्रभाव को कम किया जा सकता है। |
|
| 2753. |
विष कितने प्रकार के होते हैं? विषपान किए व्यक्ति का सामान्य उपचार आप किस प्रकार करेंगी?यायदि किसी बच्चे ने कोई विषैला पदार्थ खा लिया है, तो उसे किस प्रकार का प्रतिकारक पदार्थ दिया जाएगा? उदाहरण दीजिए। क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?याटिप्पणी लिखिए-विष कितने प्रकार के होते हैं? |
|
Answer» विष के प्रकार सामान्यतः शरीर को हानि पहुँचाने वाले पदार्थ विष कहलाते हैं। ये पदार्थ प्रायः मुँह के द्वारा अथवा विषैले जीव-जन्तुओं के काटने पर शरीर में अन्दर प्रवेश करते हैं। विषपान करने पर शरीर में प्रवेश करने वाले विषैले पदार्थों को निम्नलिखित चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है (1) जलन उत्पन्न करने वाले विष: (2) उदर अथवा आहारनाल को हानि पहुँचाने वाले विष: (3) निद्रा उत्पन्न करने वाले विष: (4) तन्त्रिका-तन्त्र को हानि पहुँचाने वाले विष: विषपान करने पर उपचार विषपाने एक गम्भीर दुर्घटना है, जिसके परिणामस्वरूप प्रतिदिन अनेक व्यक्ति अनेक प्रकार के कष्ट भोगते हुए अकाल ही मृत्यु की गोद में चले जाते हैं। इस समस्या का समाधान करना सम्भव है, यदि पीड़ित व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो जाए तथा कुछ सुरक्षात्मक उपायों का कठोरतापूर्वक पालन किया जाए। चिकित्सा सहायता सदैव समय पर उपलब्ध होनी सम्भव नहीं है; अतः विषपान करने वाले व्यक्तियों के सामान्य उपचार के उपायों की जानकारी प्राप्त करना अति आवश्यक (क) सुरक्षात्मक उपाय:
(ख) प्राथमिक चिकित्सा सहायता:
(ग) सामान्य विषों के प्रतिकारक पदार्थों का उपयोग: (1) जलन पैदा करने वाले विषों के प्रतिकारक पदार्थ (अ) क्षारीय विष:
(2) आहार नाल को हानि पहुँचाने वाले विषों के प्रतिकारक पदार्थ 1.संखिया: यह एक भयानक विष है। टैनिक अम्ल के प्रयोग द्वारा इस विष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। 2.गन्धक: कार्बोनेट एवं मैग्नीशिया गन्धक के विष को प्रभावहीन करने के लिए उत्तम रासायनिक पदार्थ हैं। (3) निद्रा उत्पन्न करने वाले विषों के प्रतिकारक पदार्थ
(4) तन्त्रिका-तन्त्र को हानि पहुँचाने वाले विषों के प्रतिकारक पदार्थ
|
|
| 2754. |
घरेलू देशज औषधियों के प्रयोग को उपयोगी माना जाता है(क) आकस्मिक रोगों या दुर्घटनाओं के तुरन्त उपचार के लिए(ख) इनके प्रयोग से धन एवं समय की बचत होती है(ग) दुर्घटना घटित होने पर गृहिणी का मनोबल बना रहता है(घ) उपर्युक्त सभी उपयोग एवं लाभ। |
|
Answer» सही विकल्प है (ख) इनके प्रयोग से धन एवं समय की बचत होती है |
|
| 2755. |
घरेलू देशज औषधियों से क्या आशय है? |
|
Answer» जब किसी रोग या कष्ट के निवारण के लिए घर पर सामान्य इस्तेमाल की वस्तुओं को उपयोग में लाया जाता है तो उन सामान्य वस्तुओं को घरेलू देशज औषधि कहा जाता है। जैसे कि पेट-दर्द के निवारण के लिए अजवाइन एक घरेलू औषधि है। |
|
| 2756. |
जुकाम अथवा नजले का घरेलू उपचार बताइए। |
|
Answer» जुकाम एवं नजला सामान्य रोग हैं जो कि प्रायः ऋतु परिवर्तन के समय अथवा शीत ऋतु में अधिक होते हैं। छींक आना, आँखों एवं नाक से पानी जाना, कान बन्द हो जाना तथा खाँसी व कफ निकलना आदि रोग के सामान्य लक्षण हैं। शीत ऋतु में हुई खाँसी एवं श्वास रोग में सहजन की जड़ की छाल को घी या तेल में मिलाकर धूम्रपान करने से लाभ होता है। जुकाम के प्रारम्भ में दूध में हल्दी डालकर उबालकर पीने से लाभ होता हैं। अधिक सिर दर्द व नाक से पानी बहने पर लौंग का दो बूंद तेल शक्कर अथवा बताशे के साथ खाने से अत्यधिक लाभ होता है। नए जुकाम में पीपल का चूर्ण शहद में अथवा चाय में मिलाकर सेवन करने से शीघ्र आराम होता है। चाय में काली मिर्च का चूर्ण डालकर पीने से भी जुकाम में पर्याप्त लाभ होता है। |
|
| 2757. |
जी मिचलाने अथवा उल्टी आने पर प्रयुक्त होने वाली किन्हीं दो घरेलू औषधियों का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» जी मिचलाने अथवा वमन रोकने के लिए
|
|
| 2758. |
मलेरिया ज्वर में रोगी को कौन-सी घरेलू औषधि देनी चाहिए? |
|
Answer» तुलसी के पत्ते में काली मिर्च को सम मात्रा में पीसकर दिन में तीन या चार बार देने से मलेरिया के रोगी को लाभ होगा। |
|
| 2759. |
तीन घरेलू दवाइयों के नाम एवं उपयोग बताइए।यादो घरेलू दवाइयों के नाम एवं उपयोग बताइए। |
|
Answer» कुछ महत्त्वपूर्ण घरेलू दवाइयों के नाम एवं उपयोग अग्रलिखित हैं (1) हींग: (2) नमक: (3) सौंफ: |
|
| 2760. |
किन्हीं दो घरेलू औषधियों के नाम लिखिए। |
|
Answer» अजवाइन, हींग, काला नमक आदि। |
|
| 2761. |
औषधियों का सेवन सदैव पर्याप्त प्रकाश में करना चाहिए। क्यों? |
|
Answer» क्योंकि अन्धकार में गलत औषधियाँ खा लेने की सम्भावना रहती है। |
|
| 2762. |
बिच्छू के काटने पर तुरन्त दिया जाता है(क) गर्म चाय(ख) गर्म दूध(ग) कहवा(घ) ब्राण्डी |
|
Answer» सही विकल्प है (क) गर्म चाय |
|
| 2763. |
बिच्छू एवं शहद की मक्खी के काटने पर आप क्या उपचार करेंगी? |
|
Answer» बिच्छू के काटने पर उपचार-बिच्छू द्वारा काटने पर निम्नलिखित उपचार करने चाहिए
शहद की मक्खी के काटने पर उपचार:
|
|
| 2764. |
बेल का शर्बत क्यों उपयोगी माना जाता है ? |
|
Answer» बेल का शर्बत पेट सम्बन्धी विकार दूर करता है तथा पेचिश में विशेष लाभदायक होता है। |
|
| 2765. |
जल जाने पर कोई दो घरेलु औषधियों के नाम बताए। |
|
Answer» गोले का तेल या बरनॉल। |
|
| 2766. |
तुलसी के पत्ते का औषधि उपयोग बताइए। |
|
Answer» तुलसी के पत्ते ज्वर तथा जुकाम को शान्त करते हैं। शहद के साथ खाँसी में लाभदायक हैं। |
|
| 2767. |
साँप के काटने पर अंग में बन्ध क्यों लगाया जाता है? |
|
Answer» अंग में बन्ध लगाने से उस स्थान से रुधिर का तेजी से इधर-उधर बहना बन्द हो जाता है। और विष पूरे शरीर में नहीं फैलता। |
|
| 2768. |
‘सामुदायिक विकास खण्ड के विषय में आप क्या जानती हैं? |
|
Answer» ‘सामुदायिक विकास खण्ड’ योजना का प्रारम्भ केन्द्रीय सरकार ने ग्रामीण जनता के कल्याण को दृष्टिगत रखते हुए किया है। इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों को विभिन्न खण्डों में विभाजित किया गया है। इन खण्डों के कार्य-क्षेत्र में कृषि एवं अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के साथ-साथ निम्नलिखित कार्य भी सम्मिलित किए गए हैं
केन्द्रीय सरकार ने ग्रामीण अंचल में एक लाख की जनसंख्या वाले क्षेत्र के सभी खण्डों को मिलाकर एक बड़े खण्ड का रूप देने का प्रस्ताव किया तथा इसका नाम ‘सामुदायिक विकास खण्ड रखा गया। इस प्रकार यह केन्द्रीय सरकार के अनुदान पर चलने वाली ग्रामीण अंचल के लिए एक उपयोगी योजना है। |
|
| 2769. |
जन-स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के मार्ग में कौन-कौन सी कठिनाइयाँ आती हैं? |
|
Answer» हमारे ग्रामीण अंचल में एक सीमा तक शिक्षा का अभाव है, जिसके फलस्वरूप ग्रामीणों में अन्धविश्वास का बोलबाला है तथा टोने-टोटके आज भी प्रचलित हैं। इस वातावरण में जन-स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का मार्ग अनेक कठिनाइयों से भरा होता है। अपने कल्याण से सम्बन्धित होने पर भी ग्रामीण इन कार्यकर्ताओं को पूर्ण सहयोग देने में हिचकिचाते हैं। अतः कार्यकर्ताओं को अनेक परेशानियाँ उठानी पड़ती हैं। कुछ सामान्य कठिनाइयाँ निम्नलिखित हैं (1) शिक्षा का अभाव: (2) रूढ़िवादिता: (3) सार्वजनिक स्वच्छता का अभाव: (4) स्वास्थ्य संगठनों की अकर्मण्यता: |
|
| 2770. |
जन-स्वास्थ्य के सामान्य नियमों का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» व्यक्तिगत स्वास्थ्य तथा जन-स्वास्थ्य में घनिष्ठ सम्बन्ध है। जन-स्वास्थ्य के नियमों की अवहेलना करके कोई व्यक्ति अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य को भी ठीक नहीं रख सकता। सामान्य रूप से स्वस्थ वातावरण बनाए रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को जन-स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। जन-स्वास्थ्य के मुख्य नियम हैं
|
|
| 2771. |
सामान्य रूप से घटित होने वाली दुर्घटनाओं के मुख्य कारण क्या होते हैं? |
|
Answer» सामान्य रूप से घटित होने वाली दुर्घटनाओं के मुख्य कारण लापरवाही या असावधानी तथा अज्ञानता होते हैं। |
|
| 2772. |
सामान्य रूप से घटित होने वाली मुख्य घरेलू दुर्घटनाएँ कौन-कौन सी होती हैं? |
|
Answer» सामान्य रूप से घटित होने वाली मुख्य घरेलू दुर्घटनाएँ हैं – जलना या झुलसना, चोट लगना तथा रक्तस्राव होना, लू या गर्मी लग जाना, पानी में डूब ज रा, साँप, बिच्छू या बरों द्वारा डंक मार देना, कुत्ते/बन्दर आदि पशुओं द्वारा काटा जाना, बच्चों द्वारा आँख, नाक या कान में कोई वस्तु हँसा लेना, दम घुटना, बेहोशी या दौरा पड़ना या आकस्मिक हृदय का दौरा पड़ना आदि। |
|
| 2773. |
पागल कुत्ते की क्या पहचान है? |
|
Answer» पागल कुत्ते के लक्षण निम्नलिखित हैं
|
|
| 2774. |
विष खा लेने पर क्या उपचार करेंगी? |
|
Answer» विष खाए व्यक्ति की प्राथमिक चिकित्सा-विष का सेवन किए व्यक्ति को तत्काल निम्नलिखित प्राथमिक चिकित्सा मिलनी चाहिए.
|
|
| 2775. |
साँप के काटने पर बन्ध क्यों लगाया जाता है? |
|
Answer» साँप के काटने के स्थान से थोड़ा ऊपर कसकर बन्ध लगाया जाता है ताकि रक्त-प्रवाह रुक जाए तथा विष शरीर के अन्य अंगों तक न पहुंचे। |
|
| 2776. |
लू लगने के लक्षण एवं उपचार बताइए। |
|
Answer» लक्षण-ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की तेज किरणों से गरम होकर बहने वाली वायु लू कहलाती है। इसके अधिक समय तक निरन्तर सम्पर्क में आने पर प्रायः व्यक्ति रोगी हो जाते हैं। इस स्थिति को ‘लू लगना’ कहा जाता है। लू से पीड़ित व्यक्तियों में सामान्यत: रोग के निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं
उपचार:
|
|
| 2777. |
बच्चे की नाक में कोई वस्तु फैंसने पर आप क्या करेंगी? |
|
Answer» नसवार, मिर्च व तम्बाकू आदि सुंघाने पर छींक के साथ प्रायः नाक में फैंसी वस्तु बाहर निकल जाती है। ऐसा न होने पर चिकित्सक से सहायता प्राप्त करनी चाहिए। |
|
| 2778. |
जलने व झुलसने में क्या अन्तर है?जलने के विभिन्न प्रकार एवं उनके उपचार बताइए। |
|
Answer» जलना एवं झुलसना-जलना एवं झुलसना प्राय: शरीर पर अधिक ताप का प्रभाव होते हैं। झुलसना; तरल पदार्थों; जैसे-गरम दूध, पानी, घी, तेल व चाय आदि के त्वचा पर गिर जाने से होता है। जलना; भाप, गरम तवा तथा अन्य प्रकार की शुष्क आग के सम्पर्क में त्वचा के आने पर होता है। जलने एवं अधिक झुलस जाने के गम्भीर परिणाम होते हैं। शरीर के 50 प्रतिशत अथवा अधिक जल जाने पर पीड़ित व्यक्ति पर मृत्यु का संकट हो सकता है। गम्भीर रूप से जलने से शरीर में द्रव पदार्थों की कमी उत्पन्न हो जाती है, शरीर के आन्तरिक अवयव बुरी तरह से कुप्रभावित होते हैं तथा पीड़ित व्यक्ति मानसिक आघात का शिकार हो सकता है। जलने के प्रकार जलने के विभिन्न प्रकारों को वर्गीकृत करने के दो आधार हैं (क) शारीरिक लक्षणों के आधार पर जलने के प्रकार:
(ख) विभिन्न स्रोतों से जलना:
जल जाने पर उपचार जल जाने की विभिन्न अवस्थाओं में विभिन्न प्रकार से प्राथमिक उपचार किए जाते हैं। इनका क्रमशः विवरण निम्नलिखित है (1) वस्त्र में आग लग जाने पर उपचार:
(2) अम्लों से जल जाने पर उपचार:
(3) क्षार से जलने पर उपचार:
(4) बिजली से जलने पर उपचार:
|
|
| 2779. |
डूबे मनुष्य को क्या प्राथमिक चिकित्सा देनी चाहिए? या किसी व्यक्ति के पानी में डूबने पर आप क्या उपचार करेंगी? |
|
Answer» प्रायः मनुष्य या तो तैरते समय अथवा आत्महत्या का प्रयास करने की स्थिति में पानी में डूबते हैं। डूबते हुए व्यक्ति को तत्काल पानी से बाहर निकालकर निम्नलिखित प्राथमिक चिकित्सा सहायता देनी चाहिए
|
|
| 2780. |
नाक से रक्त-स्राव किन परिस्थितियों में हो सकता है? नाक से रक्त-स्राव रोकने के कुछ कारगर उपाय सुझाइए।यानाक के रक्त-स्राव को रोकने के लिए आप क्या उपाय करेंगी? |
|
Answer» नाक से रक्त-स्राव: प्राथमिक उपचार:
|
|
| 2781. |
डबने वाले व्यक्ति को सर्वप्रथम क्या सहायता देनी चाहिए? |
|
Answer» सर्वप्रथम डूबने वाले व्यक्ति के पेट में भरी अतिरिक्त पानी बाहर निकालना चाहिए तथा फिर यदि आवश्यक हो, तो उसे कृत्रिम श्वसन दिलाना चाहिए। |
|
| 2782. |
स्थानीय स्वास्थ्य संस्थाओं के किन्हीं दो कार्यों का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» स्थानीय स्वास्थ्य संस्थाओं के दो मुख्य कार्य हैं
|
|
| 2783. |
भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी का मुख्यालय कहाँ स्थित है? |
|
Answer» भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। |
|
| 2784. |
बाल रक्षा केन्द्र का संचालन कौन करता है? |
|
Answer» बाल रक्षा केन्द्र का संचालन नगरपालिका करती है। |
|
| 2785. |
मातृ-कल्याण सेवा केन्द्रों का मुख्य कार्य है(क) केवल प्रसूता की देखभाल करना(ख) केवल नवजात शिशुओं की देखभाल करना(ग) माता तथा शिशुओं की देखभाल करना(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं। |
|
Answer» सही विकल्प है (ग) माता तथा शिशुओं की देखभाल करना |
|
| 2786. |
विश्व स्वास्थ्य संगठन का भारत में मुख्य कार्यालय कहाँ है? |
|
Answer» विश्व स्वास्थ्य संगठन का भारत में मुख्य कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है। |
|
| 2787. |
परिवार की कुशलता के लिए परिवार नियोजन क्यों आवश्यक है? दो कारण लिखिए। |
|
Answer» परिवार के सुख, समृद्धि तथा कल्याण के लिए एवं देश की जनसंख्या को नियन्त्रित करने के लिए परिवार नियोजन आवश्यक है। |
|
| 2788. |
खपच्चियों का प्रयोग कब किया जाना चाहिए? |
|
Answer» दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के अस्थि-भंग वाले अंग के दोनों ओर खपच्चियाँ बाँधना लाभप्रद रहता है, परन्तु कोमल अंगों (पसलियाँ, गर्दन आदि) की अस्थि भंग होने पर खपच्चियाँ प्रयोग में नहीं लाइ जाती हैं। |
|
| 2789. |
जले हुए स्थान पर लगाने के लिए किन्हीं दो औषधियों के नाम बताओ जो घर पर उपलब्ध हों। |
|
Answer» ये औषधियाँ हैं-बरनॉल तथा नारियल का तेल। |
|
| 2790. |
एक गृहिणी के पैर में असावधानी के कारण एक सुई घुसकरटूट गइ हो, तो आप क्या व्यवस्था करेंगी? |
|
Answer» चोट लगे स्थान के ऊपर रुधिर प्रवाह रोकने के लिए पानी या बर्फ का भीगा कपड़ा कसकर बाँध देंगे तथा डॉक्टर को बुलाएँगे। |
|
| 2791. |
बिजली का झटका लगने पर तुरन्त उपचार बताइए। |
|
Answer» बिजली की लाइन काटकर रोगी को लकड़ी की मेज या तख्ते पर लिटाना चाहिए। |
|
| 2792. |
टूर्नीकेट क्या है? इसका क्या काम है? या टूर्नीकेट से आप क्या समझती हैं? |
|
Answer» निरन्तर हो रहे रक्त-स्राव को रोकने के लिए कपड़ों की पट्टियों से बने पैड द्वारा सम्बन्धित धमनियों पर दबाव डाला जाता है। मुलायम कपड़े का यह पैड टूर्नीकट कहलाता है तथा इसे बाँधकर रक्त-स्राव को रोका जाता है। |
|
| 2793. |
हाथ या टाँग के घाव से होने वाले रक्त-स्राव को रोकने का सर्वोत्तम उपाय है(क) टूर्नीकेट का प्रयोग(ख) स्प्रिट का प्रयोग(ग) खपच्चियों का प्रयोग(घ) इनमें से कोई नहीं |
|
Answer» सही विकल्प है (क) टूर्नीकेट का प्रयोग |
|
| 2794. |
जले हुए व्यक्ति को पीने के लिए देना चाहिए(क) मद्य(ख) मद्यरहित पेय(ग) दोनों ही(घ) दोनों ही नहीं |
|
Answer» सही विकल्प है (ख) मद्यरहित पेय |
|
| 2795. |
किस रक्त-नलिका के कट जाने से लगातार रक्त बहता है?(क) शिरा(ख) नाड़ी(ग) तन्तु(घ) धमनी |
|
Answer» सही विकल्प है (क) शिरा |
|
| 2796. |
जलने पर रोगी का उपचार है(क) डिटॉल लगाना(ख) पिसी आलू लगाना(ग) पिसा नमक लगाना(घ) गर्म तेल |
|
Answer» सही विकल्प है (ख) पिसी आलू लगाना |
|
| 2797. |
आन्तरिक रक्तस्राव को कम करने के लिए क्या प्राथमिक उपचार किया जाता है?(क) बर्फ की थैली रखना(ख) गीले कपड़े में लपेटना(ग) टूर्नीकेट का प्रयोग करना(घ) कोई उपचार नहीं |
|
Answer» सही विकल्प है (क) बर्फ की थैली रखना |
|
| 2798. |
अम्ल से जल जाने पर लगाना चाहिए(क) नींबू का रस(ख) सिरका(ग) खाने का सोडा(घ) कुछ भी नहीं |
|
Answer» सही विकल्प है (ग) खाने का सोडा |
|
| 2799. |
नाक से रक्त-स्त्राव होने पर(क) जूता सुंघाना चाहिए(ख) पीली मिट्टी सुंघा देनी चाहिए(ग) कुर्सी पर बैठाकर सिर पीछे की ओर झुका देना चाहिए(घ) घायल को उल्टा लिटा देना चाहिए |
|
Answer» सही विकल्प है (ग) कुर्सी पर बैठाकर सिर पीछे की ओर झुका देना चाहिए |
|
| 2800. |
मिरगी या हिस्टीरिया के कारण मूच्र्छा आने पर प्रथम उपचार है(क) रोगी के मानसिक कष्ट को दूर करना(ख) पुराना जूता सुंघाना(ग) रोगी को शुद्ध वायु में लिटा देना(घ) पीली मिट्टी हुँघाना |
|
Answer» सही विकल्प है (ग) रोगी को शुद्ध वायु में लिटा देना |
|