Explore topic-wise InterviewSolutions in .

This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

101.

नाभिक में कौन सा आवेश होता हैं

Answer» Correct Answer - धनात्मक
102.

रदरफोर्ड के `alpha-` प्रकीर्णन प्रयोग में प्रकीर्णन कोण को परिभाषित कीजिए ।

Answer» Correct Answer - वह कोण जिससे `alpha` कण प्रकीर्णित होते हैं प्रकीर्णन कोण कहते हैं ।
103.

एक MeV का `alpha ` - कण सोने के नाभिक (Z = 79) की ओर सम्मुख टक्कर करता हैं । निकटतम पहुँच की दूरी और सोने के नाभिक की त्रिज्या निकालिए ।

Answer» दिया हैं - `r_(0) = 39 * 5 fm = 3.9 * 10^(-15)m , Z = 79`
सूत्र - `r_(0) = (1)/(4 pi epsi_(0)) (2Ze^(2))/(E) " या " E = (1)/(4pi epsi_(0) (2Ze^(2))/(r_(0))`
`therefore E = 9 xx 10^(9) xx (2xx 79 xx (1*6 xx 10^(-19))^(2))/(39.5xx10^(-15))`
`92*16xx10^(-14)J`
`(= 92*16xx10^(-14))/(1*6 xx 10^(-13))MeCV`
= 5.76 MeV.
104.

गाइगर - मार्सडन प्रयोग में 7 - 7 MeV के किसी `alpha` - कण की स्वर्ण नाभिक से क्षण भर के लिए विरामावस्था में आने से पहले तथा दिशा प्रतिलोमन से पूर्व समीपतम दूरी क्या हैं ?

Answer» प्रकीर्णन प्रक्रम की समस्त अवधि में किसी तंत्र जैसे - `alpha` कण एंव स्वर्ण नाभिक की कुल यांत्रिक ऊर्जा संरक्षित रहती हैं । `alpha` - कण एंव नाभिक की अन्योन्य क्रिया से पूर्व तंत्र की प्रारंभिक यांत्रिक ऊर्जा `E_(i)` कण के क्षणिक रुप से विरामावस्था में आने पर उसकी यांत्रिक ऊर्जा `E_(f)` के बराबर हैं । प्रारंभिक ऊर्जा `E_(1)` का मान `alpha` - कण की गतिज ऊर्जा K के ठीक बराबर हैं तथा अंतिम ऊर्जा `E_(f)` तंत्र की विद्युत स्थितिज ऊर्जा U हैं ।
माना `alpha` - कण के केन्द्र और स्वर्ण नाभिक के केन्द्र के बीच की दूरी `r_(0)` हैं , जब `alpha` - कण विराम में हैं , तब
`E_(i) = E_(f)`
`therefore alpha -` कणों की गतिज ऊर्जा
K = `7*7 MeV = 7*7 xx 1*6 xx 10^(-13)J`
= `12*32 xx 10^(-13)J`
स्वर्ण के लिए Z = 79
निकटतम पहुँच की देरी `r_(0)= (1)/(4 pi epsi_(0)) (2Ze^(2))/(K)`
`(2xx(9 xx 10^(9)Nm^(2)//c^(2))xx79xx(1.6 xx 10^(-19)C)^(2)Z)/(12.32xx10^(-13)J)`
`= 29.5 xx10^(-15)m = 30` फर्मी ।
105.

परमाणु के रदरफोर्ड के नाभिकीय मॉडल में नाभिक (त्रिज्या `10^(-15)` लगभग ) सूर्य के सदृश हैं , जिसके परितः इलेक्ट्रॉन अपने कक्ष (त्रिज्या = `10^(-10) m`) में ऐसे परिक्रमा करता हैं जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती हैं । यदि सौर परिवार की विमाएँ उसी अनुपात में होती जो किसी परमाणु में होती हैं , तो क्या पृथ्वी अपनी वास्तविक स्थिति की अपेक्षा सूर्य के पास होगी या दूर होगी ? पृथ्वी के कक्ष की त्रिज्या लगभग `1*5xx10^(11)`m है । सूर्य की त्रिज्या `7 xx 10^(8)m` मानी गई हैं ।

Answer» इलेक्ट्रॉन की कक्ष की त्रिज्या तथा नाभिक की त्रिज्या का अनुपात `(10^(-10)m)/(10^(-15)m) = 10^(5)`
अर्थात् इलेक्ट्रॉन के कक्ष की त्रिज्या , नाभिक की त्रिज्या से `10^(5)` गुना अधिक हैं । यदि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के कक्ष की त्रिज्या , सूर्य की त्रिज्या के लगभग `10^(5)` गुना अधिक हो तो पृथ्वी के कक्षा की त्रिज्या = `10^(5) xx 7 xx 10^(8)m = 7 xx 10^(13) m` ।
यह पृथ्वी की वास्तविक कक्षीय की त्रिज्या के 100 गुना अधिक हैं । इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य से बहुत अधिक दूर होगी । इससे यह भी ज्ञात होता हैं कि , परमाणु में हमारे सौर परिवार की अपेक्षा बहुत अधिक भाग खाली स्थान हैं ।
106.

बोर परमाणु मॉडल के आधार पर बहु इलेक्ट्रॉन वाले परमाणु की ऊर्जा स्तर की गणना नहीं हो सकती हैं क्योंकि -A. 1.इलेक्ट्रॉन पर केंद्रीय बल न लगने के कारणB. 2.इलेक्ट्रॉन के संघट्टC. 3.स्क्रीनिंग नियताकंD. 4.इलेक्ट्रॉन तथा नाभिक के मध्य लगने वाले बल को कूलॉम के नियम व्दारा नहीं दिया जा सकेगा ।

Answer» Correct Answer - A
107.

दो दीर्घतम तरंगदैर्ध्यों कि गणना कीजिये जो हाइड्रोजन परमाणु में उच्च ऊर्जा-स्तर से `n=2` स्तर में संक्रमण होने पर उत्सर्जित होती हैं।

Answer» प्रश्न में दीर्घतम उत्सर्जित तरंगदैर्ध्य न्यूनतम ऊर्जा वाले संक्रमणों में होगी। अतः सबसे बड़ी तरंगदैर्ध्य `3 rarr 2` संक्रमण में तथा दूसरी सबसे बड़ी तरंगदैर्ध्य `4 rarr 2` संक्रमण में प्राप्त होगी।
हाइड्रोजन परमाणु में nवे स्तर में इलेक्ट्रॉन कि ऊर्जा
`E_(n)=-13.6/n^(2) eV`
`:. E_(2)=-13.6/4=-3.4 eV`
`E_(3)=-13.6/9=-1.5 eV`
`E_(4)=-13.6/16=-0.85 eV`
`:.` सबसे बड़ी उत्सर्जित तरंगदैर्ध्य (`3 rarr 2` संक्रमण में)
`lambda_(1)=(hc)/(Delta E)=12375/(Delta E(eV)) Å`
`=12375/((3.4-1.5)eV)=6540 Å`
दूसरी सबसे बड़ी उत्सर्जित तरंगदैर्ध्य (`4 rarr 2` संक्रमण में)
`lambda_(2)=12375/((3.4-0.85)eV) Å=4870 Å`
108.

हाइड्रोजन परमाणु की मूल अवस्था में इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा `-13*6eV` हैं , अतः इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा होगी -A. `-13*6eV`B. 0C. `13*6eV`D. `6*8eV`.

Answer» Correct Answer - C
109.

हाइड्रोजन परमाणु के मूल स्तर की ऊर्जा `-13*6eV` है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा का मान होगा -A. 0eVB. `-27*2eV`C. `1eV`D. `2eV`

Answer» Correct Answer - B
110.

हाइड्रोजन परमाणु की निम्नतम अवस्था में `-13.6eV` ऊर्जा है। इस अवस्था में इलेक्ट्रॉन की गतिज और स्थितिज ऊर्जाये क्या होगी?

Answer» दिया है- कुल ऊर्जा `E=-13.6eV`
इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा
`=-E=-(-13.6)eV=13.6eV`.
111.

हाइड्रोजन परमाणु की आयनन ऊर्जा है-A. `-13.6 eV`B. `13.6 eV`C. 0D. अनंत

Answer» Correct Answer - B
112.

हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन का संक्रमण ऊर्जा स्तर `n=3` से `n=2` में होता है। `R=1.097xx10^(7)" मीटर"^(-1)`। ज्ञात कीजिये : (i) उत्सर्जित फोटॉन कि तरंगदैर्ध्य (ii) क्या यह फोटॉन दिखाई देगा? (iii) यह फोटॉन किस स्पेक्ट्रम श्रेणी का कौन-सा सदस्य है?

Answer» (i) हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन का संक्रमण ऊर्जा-स्तर `n_(i)` से `n_(f)` में होने पर उत्सर्जित प्रकाश कि तरंगदैर्ध्य `lambda` के लिये सूत्र
`1/lambda=R[1/n_(f)^(2)-1/n_(i)^(2)]`
प्रश्नानुसार, `n_(i)=3` तथा `n_(f)=2`
`:. 1/lambda=R[1/2^(2)-1/3^(3)]=1.097xx10^(7)xx5/36`
`:. lambda=36/(5xx1.097xx10^(7))=6.563xx10^(-7)` मीटर `=6563 Å`
(ii) यह तरंगदैर्ध्य विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के दृश्य क्षेत्र में है, अतः फोटॉन दिखाई देगा।
(iii) यह फोटॉन बॉमर श्रेणी का प्रथम सदस्य है।
113.

हाइड्रोजन परमाणु के व्दितीय कक्षा में इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग का मान होगा -A. `2pi h `B. `pi h`C. `(h)/(pi)`D. `(4)/(pi)`

Answer» Correct Answer - C
114.

एक हाइड्रोजन -सदृश परमाणु जब `n=2` अवस्था से `n=1` अवस्था में संक्रमण करता है तो `2.467xx10^(15)` हर्ट्ज आवृत्ति का फोटॉन उत्सर्जित करता है। `n=3` अवस्था से `n=1` अवस्था में संक्रमण होने पर यह कितनी आवृत्ति के फोटॉन का उत्सर्जन करेगा?

Answer» हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन का संक्रमण प्राम्भिक स्तर `n_(i)` से अंतिम स्तर `n_(f)` में होने पर, उत्सर्जित फोटॉन की ऊर्जा
`hv=E_(i)-E_(f)=Rhc[1/n_(f)^(2)-1/n_(i)^(2)]`
`:.` उत्सर्जित फोटॉन की आवृत्ति
`v=Rc[1/n_(f)^(2)-1/n_(i)^(2)]` ...(1)
यदि `2 rarr 1` संक्रमण में उत्सर्जित फोटॉन की आवृत्ति `v_(1)` तथा `3 rarr 1` संक्रमण में उत्सर्जित फोटॉन की आवृत्ति `v_(2)` हो, तब समीकरण (1) से
`v_(1)=Rc[1/1^(2)-1/2^(2)]=(3Rc)/4`
`v_(2)=Rc[1/1^(2)-1/3^(2)]=(8Rc)/9`
`:. v_(2)/v_(1)=(8Rc)/9xx4/(3Rc)=32/27`
प्रश्नानुसार, `v_(1)=2.467xx10^(15)` हर्ट्ज
`:. v_(2)=32/27 v_(1)=32/27 xx2.467xx10^(15)`
`=2.92xx10^(15)` हर्ट्ज
115.

………… में निम्नतम अवस्था में इलेक्ट्रॉन स्थायी साम्य में होते हैं जबकि ......... में इलेक्ट्रॉन , सदैव नेट बल अनुभव करते हैं ।

Answer» Correct Answer - थॉमसन मॉडल , रदरफोर्ड मॉडल
116.

हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन के निम्न संक्रमणों में किसमे निम्नतम आवृत्ति का फोटॉन उत्सर्जित होता है?A. `n=2` से `n=1` मेंB. `n=4` से `n=3` मेंC. `n=3` से `n=1` मेंD. `n=2` से `n=1` में

Answer» Correct Answer - C
117.

जब इलेक्ट्रॉन n = 4 से n = 2 में संक्रमण करता हैं तो उत्सर्जित रैखिक स्पेक्ट्रम होगा -A. बामर श्रेणी की व्दितीय रेखाB. बामर श्रेणी की प्रथम रेखाC. पाश्चन श्रेणी की व्दितीय रेखाD. लाइमन श्रेणी की प्रथम रेखा ।

Answer» Correct Answer - A
118.

प्रत्येक कथन के अंत में दिए गए संकेतों में से सही विकल्प का चयन कीजिए- ........ में निम्नतम अवस्था में इलेक्ट्रॉन स्थायी साम्य में होते हैं जबकि ......... में इलेक्ट्रॉन, सदैव नेट बल अनुभव करते हैं।

Answer» थॉमसन मॉडल, रदरफोर्ड मॉडल
119.

प्रत्येक कथन के अंत में दिए गए संकेतों में से सही विकल्प का चयन कीजिए- किसी परमाणु के द्रव्यमान का ......... में लगभग सतत वितरण होता है लेकिन ........... में अत्यंत असमान द्रव्यमान वितरण होता है।

Answer» थॉमसन मॉडल, रदरफोर्ड मॉडल
120.

प्रत्येक कथन के अंत में दिए गए संकेतों में से सही विकल्प का चयन कीजिए- .......... में परमाणु के धनावेशित भाग का द्रव्यमान सर्वाधिक होता है। (रदरफोर्ड मॉडल, दोनों मॉडल)

Answer» Correct Answer - दोनों मॉडल
121.

कण जिस कोण से प्रकीर्णित होत हैं ............ कोण कहते हैं ।

Answer» Correct Answer - प्रकीर्णन
122.

किसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन व्दारा मूल ऊर्जा स्तर किसी उत्तेजित ऊर्जा अवस्था में जाने के लिए आवश्यक ऊर्जा उत्तेजन ऊर्जा कहलाती हैं ।

Answer» Correct Answer - सत्य
123.

सिद्ध कीजिए कि इलेक्ट्रान की कुल ऊर्जा ऋणात्मक होती है और उसका मान `E=(-e^(2))/(8piepsilon_(0)r)` के बराबर होता है।

Answer» इलेक्ट्रान की कक्षायें- परमाणु को एक विद्युतीय उदासीन गोले के रूप में मानते है, जिसके केन्द्र पर बहुत छोटा, भारी तथा धन आवेशित नाभिक है, जो अपनी-अपनी गतिशील स्थिर कक्षाओं में घूमते इलेक्ट्रॉनों से घिरा हुआ है, परिक्रमा करते हुए इलेक्ट्रॉनों तथा नाभिक के बीच स्थिर विद्युत आकर्षण बल `F_(e)` इलेक्ट्रॉन को अपने कक्ष में बनाए रखने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्री बल `(F_(c ))` प्रदान करता है। अतः हाइड्रोजन परमाणु में गतिशील स्थिर कक्षा के लिए
`F_(e)=F_(c )`
`(mv^(2))/(r)=(1)/(4piepsilon_(0))(e^(2))/(r^(2))" ...(1)"`
अतः कक्षा-त्रिज्या तथा इलेक्ट्रॉन-वेग में संबंध होगा-
`r=(e^(2))/(4piepsilon_(0)mv^(2))" ...(2)"`
हाइड्रोजन के परमाणु में इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा (K) तथा स्थिर विद्युत स्थितिज ऊर्जा (U) होगी।
`K=(1)/(2)mv^(2)`
समी. (2) से `v^(2)` का मान रखने पर,
`K=(1)/(2)m[(e^(2))/(4piepsilon_(0)mr)]`
`therefore` गतिज ऊर्जा `K=(e^(2))/(8piepsilon_(0)r)` और स्थितिज ऊर्जा
`U=(-e^(2))/(4piepsilon_(0)r)`
(U में ऋणात्मक चिन्ह सूचित करता है कि स्थिर विद्युत बल - r दिशा में है।) अतः हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा E,
`E=K+U`
`=(e^(2))/(8piepsilon_(0)r)-(e^(2))/(4piepsilon_(0)r)`
`=-(e^(2))/(8piepsilon_(0)r)" ...(3)"`
इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा ऋणात्मक है। यह तथ्य दर्शाता है कि इलेक्ट्रॉन नाभिक से परिबद्ध है। यदि E धनात्मक होता तो इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारो ओर बंद कक्ष में नहीं घूमता।
124.

बोर की कक्षा को स्थायी कक्षा क्यों कहते है?

Answer» ऐसी किसी कक्षा में चक्कर काटते हुए इलेक्ट्रॉन न तो ऊर्जा उत्सर्जित करता है और न ही अवशोषित। अतः इन कक्षाओं को स्थायी कक्षा कहते है।
125.

परमाणु का आकार ............क्रम का होता हैं ।

Answer» Correct Answer - `10^(10)`m
126.

परमाणु का वह सूक्ष्म भाग जहाँ परमाणु का संपूर्ण धनावेश केंद्रित होता हैं ................ कहते हैं ।

Answer» Correct Answer - नाभिक
127.

निकटतम पहुँच की दूरी क्या हैं ?

Answer» Correct Answer - नाभिक से वह न्यूनतम दूरी जो `alpha`- कणों व्दारा तय की जाती हैं निकटतम पहुँच की दूरी कहते हैं ।
128.

स्थायी कक्षा की त्रिज्या का अनुपात ......... होता हैं ।

Answer» Correct Answer - `1^(2):2^(2):3^(2)`,
129.

हाइड्रोजन परमाणु के स्पेक्ट्रम की फुण्ड श्रेणी पराबैंगनी क्षेत्र में स्थित होती हैं ।

Answer» Correct Answer - असत्य
130.

रिडबर्ग नियतांक का मान .......... होता हैं ।

Answer» Correct Answer - `1*097xx10^(7)m^(-1)`
131.

हाइड्रोजन परमाणु का आयनीकरण विभव .............. वोल्ट होगा ।

Answer» Correct Answer - `113*6 , `
132.

रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल परमाणु सरंचना की व्याख्या क्यों नहीं कर सका ?

Answer» रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन की परिक्रमण गति सतत् त्वरित होती हैं । अर्थात् आवेशित कण सतत् ऊर्जा उत्सर्जित करेगा लेकिन सतत् ऊर्जा उत्सर्जन के कारण आवेशित कण की वृत्ताकार मार्ग की त्रिज्या कम होती जायेगी और अंततः इलेक्ट्रॉन नाभिक में गिर जायेगा और परमाणु स्थायी नहीं रह पायेगा । अतः रदरफोर्ड का मॉडल परमाणु सरंचना की व्याख्या नहीं कर सका ।
133.

किसी परमाणु के नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन परिक्रमण गति क्यों करता हैं ?

Answer» परमाणु अस्थायी होता हैं । यदि इलेक्ट्रॉन गति नहीं करेंगे अर्थात् स्थिर रहेंगे तो उन्हें नाभिक का आकर्षण बल नाभिक में खींच लेगा अतः वे नाभिक व इलेक्ट्रॉन के मध्य लगने वाले इस आकर्षण बल से प्राप्त अभिकेंद्री बल के कारण वृत्ताकार मार्ग में गति करते हैं ।
134.

आयनीकरण ऊर्जा की परिभाषित कीजिए ।

Answer» किसी परमाणु से इलेक्ट्रॉन को पूर्णतः बाहर निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा को आयनीकरण कहते हैं ।
135.

एक परमाणु की प्रथम बोर कक्षा मे इलेक्ट्रान की ऊर्जा -13.6eV है पाचवी बोहर कक्षा की ऊर्जा है (eV)-A. a. -0.54B. b. -85C. c. -5.4D. d. -2.72

Answer» Correct Answer - A
136.

परमाणु की मूल अवस्था के लिए क्वान्टम संख्या n का मान लिखिएA. 4B. 3C. 2D. 1

Answer» Correct Answer - D
137.

हाइड्रोजन के स्पेक्ट्रम की सबसे कम तरंगदैर्घ्य की रेखा की श्रेणी का नाम लिखिए ।

Answer» Correct Answer - लाइमन श्रेणी ।
138.

हाइड्रोजन के अवशोषण स्पेक्ट्रम पाए जाने वाली श्रेणी का नाम है -A. लाइमन श्रेणीB. बामर श्रेणीC. पाश्चन श्रेणीD. ब्रैकिट श्रेणी

Answer» Correct Answer - A
139.

यदि स्वर्ण पत्री पर आपतित `alpha`-कणो की गतिज ऊर्जा को रदरफोर्ड प्रकीर्णन प्रयोग में दुगुना कर दिया जाए तो निकटतम पहुँच की दूरी का मान क्या होगा?

Answer» निकटतम पहुँच की दूरी का मान गतिज ऊर्जा के व्युत्क्रमानुपाती होता है अतः गतिज ऊर्जा दोगुनी करने पर निकटतम पहुँच की दूरी का मान आधा हो जाएगा?
140.

हाइड्रोजन परमाणु की प्रथम उत्तेजित अवस्था में इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा लगभग `-3.4eV` है। यदि स्थितिज ऊर्जा के शून्य स्तर के चयन में परिवर्तन कर दिया जाए तो ऊपर दिए गए उत्तरो में से कौन-सा उत्तर परिवर्तित होगा?

Answer» यदि स्थितिज ऊर्जा के शून्य स्तर के चयन में परिवर्तन कर दिया जाए तो गतिज ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होगा लेकिन स्थितिज ऊर्जा एवं कुल ऊर्जा प्रभावित होगी।
141.

किसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग के लिए बोर की क्वांटिकरण शर्त क्या है?

Answer» `mvr=(nh)/(2pi),n` पूर्ण संख्या है।
142.

10kg का कोई उपग्रह 8000 km त्रिज्या की एक कक्षा में पृथ्वी का चक्कर प्रत्येक 2h में लगाता हैं । यह मानते हुए कि बोर का कोणीय संवेग का अभिगृहीत उसी प्रकार उपग्रह पर लागू होता हैं जिस प्रकार कि यह हाईड्रोजन के परमाणु में किसी इलेक्ट्रॉन के लिए मान्य हैं , उपग्रह की कक्षा की क्वांटम संख्या ज्ञात कीजिए ।

Answer» दिया हैं -
m = 10kg , T = 2h = 7200 Sec.
`r = 8000km = 8 xx 10^(6)m`
बोर के क्वांटीकरण की शर्त के अनुसार
`L = mvr = (nh)/(2pi)`
या `m.(2pi)/(T) *r = (nh)/(2pi)`
या `n = (4pi^(2)r^(2)m)/(T.h)`
`= (4xx(3.14)^(2) xx(8xx10^(6))^(2)xx10)/(7200xx6*6xx10^(-34))`
`n = 5*3xx10^(45)`
अर्थात् उपग्रह की गति के लिए प्राप्त क्वांटम संख्या का मान बहुत अधिक हैं । इतनी अधिक क्वांटम संख्या के लिए क्वांटीकरण प्रतिबंध का परिणाम चिरसम्मत् भौतिकी के परिणामों के समीप होगा ।
143.

बोर के सिद्धान्त में कोणीय संवेग के क्वांटिकरण से सम्बन्धित परिकल्पना का उल्लेख कीजिए।

Answer» बोर की द्वितीय परिकल्पना- इलेक्ट्रॉन केवल उन्ही कक्षाओं में घूम सकता है जिनमे इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग `(L=mvr),(h)/(2pi)` का पूर्ण गुणक हो।
बोर की इस परिकल्पना के अनुसार,
`L=(nh)/(2pi)`
या `mvr=(nh)/(2pi)`
यहाँ पर n एक पूर्णांक है जिसके मान क्रमशः 1,2,3,....... है। n को मुख्य क्वाण्टम संख्या एवं इस प्रतिबन्ध को बोर क्वाण्टम प्रतिबन्ध कहते है। यह प्रतिबन्ध इलेक्ट्रॉन की विभिन्न त्रिज्या स्थायी कक्षाये प्राप्त होती है।
144.

किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग के लिए बोर की क्वांटीकरण की शर्त क्या हैं ?

Answer» Correct Answer - `L = (nh)/(2pi)`
145.

कोणीय संवेग की बोर के क्वाण्टमीकरण के प्रतिबंध का उल्लेख कीजिए। द्वितीय कक्षा में इलेक्ट्रॉन के लिए इसका क्या मान है?

Answer» इसके अनुसार इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग `(h)/(2pi)` का पूर्णांक गुणक है।
अर्थात `L=n(h)/(2pi)` जहाँ `n=1,2,3,……`.
146.

निम्नतम अवस्था में विद्यमान एक हाइड्रोजन परमाणु एक फोटॉन को अवशोषित करता है जो इसे `n=4` स्तर तक उत्तेजित कर देता है। फोटॉन की तरंगदैर्ध्य तथा आवृति ज्ञात कीजिए।

Answer» निम्नतम अवस्था हेतु- `n_(1)=1` से `n_(2)=4`
फोटॉन द्वारा ग्रहित ऊर्जा `(E)=E_(2)-E_(1)`
`=+13.6(1/n_(1)^(2)-1/n_(2)^(2))xx1.6xx10^(-19)J`
`=13.6 (1/1-1/4^(2))xx1.6xx10^(-19)`
`=13.6xx1.6xx10^(-19) (15/16)`
`=20.4xx10^(-19)`
अथवा `E=hv=20.4xx10^(-19)`
आवृत्ति `(v)=(20.4xx10^(-19))/h`
`=(20.4xx10^(-19))/(6.63xx10^(-34))`
`=3.076xx10^(15)`
`=3.1xx10^(15) Hz`
फोटॉन का तरंगदैर्ध्य `(lambda)=c/v`
`=(3xx10^(8))/(3.076xx10^(15))`
`=9.74xx10^(-8)` मीटर
अतः आवृत्ति `=3.1xx10^(15)` Hz तथा तरंगदैर्ध्य `=9.7xx10^(-8)` है।
147.

निम्नतम अवस्था में विद्यमान एक हाइड्रोजन परमाणु एक फोटॉन को अवशोषित करता हैं , जो इसे स्तर तक उत्तेजित कर देता हैं । फोटॉन की तरंगदैर्घ्य तथा आवृति ज्ञात कीजिए ।

Answer» H - परमाणु के n वीं कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा
`E_(n) = (-13*6)/(n^(2))eV`
मूल ऊर्जा स्तर ( n = 1) में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा
`E_(1) = (-13*6)/(1^(2)) = -13.6eV`
चौथी ऊर्जा स्तर की ऊर्जा (n = 4)
`E_(4) = (-13*6)/(4^(2)) = -0.85eV`
`therefore Delta E = E_(4) - E_(1)`
`= -0*85 - (- 13*6) = +12*75 eV`
`= 12*75xx 1*6xx10^(-19)J`
`therefore Delta E = (hc)/(lamda)`
`therefore = (hc)/(Delta E) = (6*63xx10^(-34)xx3xx10^(8))/(12*75xx1*6xx10^(-19))`
`= 0.975xx10^(-7)m = 975Å.`
तथा आवृत्ति `u = (c)/(lamda) = (3xx10^(8))/(0.975xx10^(-7))`
`= 3*077xx10^(15)` हर्ट्ज ।
148.

हाइड्रोजन परमाणु कि मूल अवस्था में ऊर्जा `-13.6 eV` है। इसे `13.6 eV` ऊर्जा दी जाती है। यह किस ऊर्जा-स्तर में पहुँचेगा? इस प्रक्रिया में अवशोषित फोटॉन कि तरंगदैर्ध्य कितनी होगी? (`h=6.6xx10^(-34)` जूल-सेकंड तथा `c=3.0xx10^(8)` मीटर/सेकंड)

Answer» हाइड्रोजन परमाणु कि nवे ऊर्जा-स्तर कि ऊर्जा
`E_(n)=-("Rhc")/n^(2)` ...(1)
प्रश्नानुसार, मूल अवस्था में ऊर्जा
`E_(1)=-13.6 eV`
इसे `13.6 eV` ऊर्जा देने पर माना यह nवे ऊर्जा-स्तर में चला जाता है। अतः
`E_(n)=E_(1)+13.6=-13.6+13.6=0`
समीकरण (1) में `E_(n)=0` रखने पर
`n=oo`, अर्थात परमाणु आयनित अवस्था में होगा।
अवशोषित फोटॉन कि ऊर्जा `E=13.6 eV`
अतः अवशोषित फोटॉन कि तरंगदैर्ध्य
`lambda=(hc)/E=((6.6xx10^(-34))xx(3xx10^(8)))/(13.6xx1.6xx10^(-19))`
`=0.91xx10^(-7)` मीटर `=910 Å`
149.

कैल्शियम कार्बोनेट का आणविक द्रव्यमान ज्ञात करें।

Answer» कैल्शियम कार्बोनेट का अणुसूत्र `CaCO_(3)` होता है।
Ca का परमाणु द्रव्यमान = 40
C का परमाणु द्रव्यमान = 12
O का परमाणु द्रव्यमान = 16
`:. CaCO_(3)` का आणविक द्रव्यमान
= (`1 xx Ca` का परमाणु द्रव्यमान) + (`1 xx C` का परमाणु द्रव्यमान) + (`3 xx O` का परमाणु द्रव्यमान)
`= (1 xx 40) + (1 xx 12) + (3 xx 16)`
`= 40 + 12 + 48 = 100`.
अर्थात, `CaCO_(3)` का आणविक द्रव्यमान = 100 amu
150.

जल की एक बूँद का द्रव्यमान 0.05 g है । इसमें विद्यमान अणुओं की संख्या ज्ञात करें।

Answer» जल `(H_(2)O)` का 1 मोल `= 18 g = 6.022 xx 10^(23)` अणु
`because` 18 g जल में `6.022 xx 10^(23)` अणु है
`:. 0.05 g` जल में अणुओं की संख्या
`= (6.022 xx 10^(23) xx 0.05)/(18) = 1.672 xx 10^(21)` अणु |