InterviewSolution
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सम्बद्ध प्रत्यावर्तन द्वारा सीखने का प्रयोग सहित वर्णन कीजिए और इसकी शैक्षिक उपयोगिता बताइए। याआई० पी०पावलोव द्वारा किये गये प्रयोग को लिखिए और इसकी सहायता से ‘अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धान्त का विवेचन कीजिए। इसकी शैक्षिक उपयोगिता भी लिखिए। याकोहलर द्वारा किये गये किसी एक प्रयोग को लिखिए और इसकी सहायता से अन्तर्दृष्टि से सीखने के सिद्धान्त का विवेचन कीजिए।याअन्तर्दृष्टि अधिगम सिद्धान्त के प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए और इसके शैक्षिक निहितार्थ की भी चर्चा कीजिए। यासूझ द्वारा सीखने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए और शिक्षा में इसकी उपयोगिता बताइए।यासूझ द्वारा सीखने का अर्थ किसी प्रयोग की सहायता से स्पष्ट कीजिए और उसके शैक्षिक निहितार्थ बताइए।याअधिगम के सम्बन्ध में प्रत्यावर्तन सिद्धान्त की विवेचना कीजिए तथा इसके शैक्षिक निहितार्थों पर प्रकाश डालिए। याशिक्षा में अनुबन्धित प्रतिक्रिया की क्या उपयोगिता है? यासीखने के सूझ सिद्धान्त को समझाइए। यासूझ द्वारा सीखने के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए और प्रयास तथा त्रटि के सिद्धान्त से इसका अन्तर बताइए। |
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Answer» (अ) कोहलर का प्रयोग : पावलोव का प्रयोग : भोजन (स्वाभाविक उत्तेजक) – प्रतिक्रिया → “लार टपकना” कुत्ते के समान ही मनुष्य भी ‘सम्बन्ध प्रतिक्रिया द्वारा सीखता है। उदाहरण के लिए-हम वुडवर्ड (woodword) द्वारा किया गया परीक्षण प्रस्तुत करते हैं। एक वर्ष के बालक को खरगोश दिखाया गया। बालक खरगोश को देखकर प्रसन्न होकर उसे पकड़ने के लिए लपका। जैसे ही वह खरगोश के निकट आया, एक जोरदार धमाका किया गया। परिणामस्वरूप बालक भयभीत होकर पीछे हट गया। इस प्रयोग को अनेक बार दोहराया गया। बाद में बिना धमाके की आवाज के केवल खरगोश को देखकर ही बालक डरने लगा। सिद्धान्त का महत्त्व शिक्षा के क्षेत्र में इस सिद्धान्त के महत्त्व से सम्बन्धित निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत किये जा सकते हैं ⦁ पावलोव के अनुसार, “विभिन्न प्रकार की आदतें, जो कि प्रशिक्षण, शिक्षा और अनुशासन पर निर्भर प्रतिक्रिया की श्रृंखला मात्र हैं।” आलोचना : |
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“प्रगतिशील व्यवहार व्यवस्थापन की प्रक्रिया को अधिगम कहते हैं।” यह कथन किसका है?(क) थॉर्नडाइक(ख) स्किनर(ग) क्रो एवं क्रो(घ) पारीक |
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Answer» सही विकल्प है (ख) स्किनर |
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सीखने के नियम आधारित हैं(क) उद्दीपक प्रतिक्रिया सिद्धान्त पर(ख) सम्बद्ध प्रतिक्रिया सिद्धान्त पर(ग) सूझ के सिद्धान्त पर(घ) प्रयास और त्रुटि की विधि पर |
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Answer» (क) उद्दीपक प्रतिक्रिया सिद्धान्त पर |
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सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले चार मुख्य कारकों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक हैं |
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सीखने में प्रेरणा का क्या योगदान है? |
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Answer» सीखने में प्रेरणा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। सीखने में उन्नति लाने की दृष्टि से उसे प्रेरणायुक्त एवं प्रयोजनशील बना देना चाहिए। प्रेरणायुक्त व्यवहार उत्साह के कारण सीखने की प्रक्रिया को तीव्र कर देता है। अतः शीघ्र प्रेरणा से सीखने की गति में तीव्रता आती है। प्रेरणा का सम्बन्ध लक्ष्य या प्रयोजन । से है। यदि सीखने का लक्ष्य अच्छा है तो व्यक्ति उसे शीघ्र सीखने के लिए प्रेरित होता है। अतएव सीखने की प्रक्रिया को त्वरित करने के लिए उसे उद्देश्यपूर्ण एवं प्रेरणायुक्त कर देना उचित है। |
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सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले चार प्रमुख शारीरिक कारकों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» ⦁ आयु एवं परिपक्वता |
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सीखने की प्रक्रिया पर परिपक्वता का क्या प्रभाव पड़ता है? |
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Answer» सीखने की प्रक्रिया के लिए शरीर का परिपक्व होना अति आवश्यक है। |
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सीखना किसे कहते हैं? |
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Answer» व्यक्ति के व्यवहार में होने वाले ऐच्छिक परिवर्तन को सीखना कह सकते हैं। सीखने की प्रक्रिया को सम्बन्ध नयी क्रियाओं से होता है तथा इस क्रिया द्वारा सीखी गयी बातों का अन्य बातों पर भी प्रभाव पड़ता है। सीखने की प्रक्रिया के परिणामस्वरूप व्यक्ति के व्यवहार में एक प्रकार की परिपक्वता भी आती है। इन्हीं तथ्यों को गिलफोर्ड ने इन शब्दों में स्पष्ट किया है, “हम इस शब्द की परिभाषा विस्तृत रूप में यह कहकर कर सकते हैं कि सीखना व्यवहार के परिणामस्वरूप, व्यवहार में कोई भी परिवर्तन है।” |
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सीखने के अनुकरण के सिद्धान्त का सामान्य परिचय दीजिए। |
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Answer» 1. अनुकरण के सिद्धान्त का तात्पर्य है : 2. हेगार्टी : 3. सिद्धान्त का महत्त्व : |
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सीखने के ‘अन्तसँझ सिद्धान्त को परिभाषित कीजिए! |
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Answer» गैस्टाल्टवादी मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, प्राणी अपनी सूझ या अन्तर्दृष्टि (Insight) के द्वारा ही सीख पाता है और सूझ के अभाव में वह सीखने में असफल रहता है। उविकास की प्रक्रिया के अन्तर्गत सूझ निम्न स्तर के प्राणियों से उच्च स्तर के प्राणियों की ओर वृद्धि करती है। चूहे, बिल्ली, कुत्ते की अपेक्षा वनमानुष में तथा इने सबसे ज्यादा मनुष्य में सूझ पायी जाती है। सूझ के कारण ही उच्च स्तर के प्राणी जटिल कार्य करने में समर्थ होते हैं। गैस्टाल्टवादियों का कहना है कि सीखने की प्रक्रिया प्रयत्न एवं भूल अथवा सम्बद्ध प्रत्यावर्तन के अनुसार न होकर सूझ द्वारा होती है। इस विचारधारा के प्रवर्तके कोहलर (Kohler) तथा कोफ्का (Koffika) थे। सूझ या अन्तर्दृष्टि मनुष्य जैसे विकसित प्राणी का प्रमुख लक्षण है। मानव के निकटवर्ती विकसित प्राणियों तथा वनमानुष और चिम्पैन्जी में भी सूझ की क्षमता निहित होती है। कोहलर तथा कोफ्का के अनुसार हमारा सीखना सूझ के द्वारा होता है और सीखने की लगभग सभी प्रतिक्रियाओं में सूझ की आवश्यकता पड़ती है। इस सिद्धान्त की प्रमुख विशेषता यह है कि सीखने की प्रत्येक क्रिया का कुछ-न-कुछ उद्देश्य अवश्य होता है तथा सीखने के समस्त प्रयास लक्ष्य द्वारा निर्देशित होते हैं। लक्ष्य में विविध बाधाएँ उत्पन्न होने पर सूझ की आवश्यकता होती है।प्रत्येक बाधा व्यक्ति को नवीन परिस्थिति से अवगत कराती है और वह उस परिस्थिति के विभिन्न अंगों में परस्पर सम्बन्ध स्थापित करता है उन्हें समझने की कोशिश करता है। तत्पश्चात् व्यक्ति समूची परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए उसके अनुसार प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। किसी परिस्थिति विशेष को समझकर उसके अनुसार प्रतिक्रिया करना ही व्यक्ति की सूझ का द्योतक है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप व्यक्ति जो व्यवहार सीखता है, उसे सूझ या अन्तर्दृष्टि द्वारा सीखना (Learning by Insight) कहते हैं। |
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सीखने का प्रमुख कारक क्या है? |
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Answer» सीखने का प्रमुख कारक “अनुकरण” है। |
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सीखने के पठार के निराकरण का सर्वाधिक प्रभावकारी उपाय क्या है? |
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Answer» सीखने के पठार के निराकरण का सर्वाधिक प्रभावकारी उपाय है-किसी प्रबल प्रेरणा को उत्पन्न करना। |
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सीखने के पठार से क्या आशय है। |
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Answer» व्यक्ति के सीखने की दर का स्थिर हो जाना अर्थात् सीखने के दर में वृद्धि न होना ही सीखने का पठार कहलाता है। |
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सीखने के पठार के निराकरण के उपायों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» पठार सीखने वाले व्यक्ति की प्रगति में बाधा डालकर उसके समय को नष्ट करते हैं। ऐसी दशा में उनके निराकरण पर विचार करना अत्यन्त आवश्यक है। पठारों के निराकरण के लिए। निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है ⦁ शिक्षक का कर्तव्य है कि जब बालक सीखने में उत्साह को प्रदर्शन न कर रहे हों, तो उन्हें उचित तरीके से सीखने के लिए प्रेरित किया जाए। |
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सीखने के पठार के उत्पन्न होने के कारणों को स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» सीखने में पठारों के आने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं ⦁ जब शारीरिक क्षमता कम हो जाती है, तब सीखने में पठार बन जाता है। |
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अधिगम, जो बिना किसी पूर्व-नियोजन के तर्कहीन, यान्त्रिकीय और बिना किसी क्रम के जहाँ हल आकस्मिक होता है, को जाना जाता है (क) प्रयास और त्रुटि द्वारा अधिगम(ख) सूझ द्वारा अधिगम(ग) सम्बद्ध प्रत्यावर्तन द्वारा अधिगम(घ) अनुकरण द्वारा अधिगम |
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Answer» सही विकल्प है (ख) सूझ द्वारा अधिगम |
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कोहलर ने अपना मुख्य प्रयोग किस पर किया था?(क) कुत्ते पर(ख) बन्दर पर(ग) चिम्पैंजी पर(घ) बिल्ली पर |
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Answer» सही विकल्प है (ग) चिम्पैंजी पर |
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“अधिगम जिसमें व्यक्ति किसी समाधान या हल की जाँच करता है कि कहाँ गलतियाँ हैं, उनकी पुनः जाँच कर ठीक करता है और तब तक ठीक करता है जब तक सफल नहीं हो जाता।” यह कथन किसकी विशेषता है?(क) प्रयास और त्रुटि द्वारा सीखना(ख) सूझ द्वारा सीखना(ग) सम्बन्ध प्रतिक्रिया द्वारा सीखना(घ) अनुकरण द्वारा सीखना |
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Answer» (क) प्रयास और त्रुटि द्वारा सीखना |
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‘करके सीखने की क्रिया से सीखने का कौन-सा नियम सर्वाधिक प्रभावी है ? (क) तत्परता का नियम(ख) अभ्यास का नियम(ग) प्रभाव का नियम(घ) मनोवृत्त का नियम |
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Answer» सही विकल्प है (क) तत्परता का नियम |
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थॉर्नडाइक के सीखने के नियम हैं(क) एक(ख) तीन(ग) दो(घ) चार |
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Answer» सही विकल्प है (ख) तीन |
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शारीरिक परिपक्वता का क्या अर्थ है? |
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Answer» शरीर के अंगों को विकसित तथा सुदृढ़ या पुष्ट होना ही शारीरिक परिपक्वता है। |
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अन्तर्दृष्टि या सूझ द्वारा सीखने के सिद्धान्त के जनक हैं (क) मैक्डूगल(ख) कोहलर(ग) थॉर्नडाइक(घ)पावलोव |
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Answer» सही विकल्प है (ख) कोहलर |
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प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धान्त किसने प्रतिपादित किया ? (क) कोहलर ने(ख) थॉर्नडाइक ने(ग) टरमन ने(घ) स्किनर ने |
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Answer» सही विकल्प है (ख) थॉर्नडाइक ने |
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“हम झरके सीखते हैं।” यह किसने कहा है? |
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Answer» थॉर्नडाइक ने। |
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थॉर्नडाइक द्वारा प्रतिपादित सीखने के मुख्य नियम कौन-कौन-से है। |
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Answer» थॉर्नडाइक द्वारा प्रतिपादित सीखने के मुख्य नियम हैं ⦁ तत्परता का नियम |
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सीखने के मुख्य नियम किसने प्रतिपादित किये हैं। |
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Answer» सीखने के मुख्य नियम थॉर्नडाइक ने प्रतिपादित किये हैं। |
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अनुकरण का सिद्धान्त किसने प्रतिपादित किया ?(क) बुडवर्थ ने(ख) हिलगार्ड ने(ग) स्किनर ने(घ) कोहलर ने |
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Answer» सही विकल्प है (ख) हिलगार्ड ने |
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सीखने का मुख्य कारण क्या है? |
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Answer» सीखने का मुख्य कारण प्रेरणा है। |
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सूझ द्वारा सीखने के सिद्धान्त के शैक्षिक महत्त्व का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» शिक्षा में ‘सूझ द्वारा सीखने के सिद्धान्त का निम्नलिखित कारणों से विशेष महत्त्व है। ⦁ यह सिद्धान्त बालकों की कल्पना-शक्ति और तर्क-शक्ति का विकास करता है। |
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सीखने के पठार से आप क्या समझते हैं। |
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Answer» जब बालक किसी क्रिया को सीखता है तो उसके सीखने की गति सदा एक-सी नहीं रहती, उसमें उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। सीखते समय कुछ काल तक तो ऐसा लगता है कि उस क्रिया को सीखने में पर्याप्त प्रगति हो रही है, परन्तु कुछ काल के पश्चात् ऐसा ज्ञान होने लगता है कि मानो सीखने की प्रगति में बाधा आ गयी है। सीखने में इस प्रकार की अवस्था को ही पठार कहते हैं। |
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सीखने के तत्परता के नियम से क्या अभिप्राय है? |
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Answer» सीखने के तत्परता के नियम के अनुसार कुछ भी सीखने के लिए व्यक्ति को सर्वप्रथम मानसिक रूप से तैयार होना अनिवार्य है। इस नियम के अनुसार तैयारी या तत्परता सदैव सीखने में सहायक होते हैं। |
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सीखने की कौन-सी विधि ऐसी है जिसे मनुष्य तथा पशु समान रूप से अपनाते हैं? |
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Answer» प्रयास एवं त्रुटि द्वारा सीखना |
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सीखने के लिए मनुष्यों द्वारा सर्वाधिक किस विधि को अपनाया जाता है? |
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Answer» अनुकरण विधि। |
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अभिप्रेरणा का सीखने पर क्या प्रभाव पड़ता है? |
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Answer» अभिप्रेरणा से सीखने की प्रक्रिया सुचारु एवं सरल हो जाती है। |
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सीखने से क्या आशय है? |
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Answer» व्यक्ति के व्यवहार में होने वाले प्रत्येक परिवर्तन को सीखना माना जाता है। |
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कोहलर ने अपना प्रयोग किस पर किया? |
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Answer» कोहलर ने अपना प्रयोग चिम्पैंजी (वनमानुष) पर किया था। |
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पावलोव ने अफ्ना महत्त्वपूर्ण प्रयोग किस पशु पर किया था? |
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Answer» पावलोव ने अफ्ना महत्त्वपूर्ण प्रयोग कुत्ते पर किया था। |
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थॉर्नडाइक ने सीखने की किस विधि का समर्थन किया है? |
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Answer» थॉर्नडाइक ने सीखने का प्रयास एवं त्रुटि विधि’ का समर्थन किया है। |
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सूझ द्वारा सीखने की विधि को दर्शाने के लिए किस मनोवैज्ञानिक ने महत्त्वपूर्ण प्रयोग किया था तथा उसने यह प्रयोग किस पशु पर किया था? |
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Answer» सूझ द्वारा सीखने की विधि को दर्शाने के लिए कोहलर नामक मनोवैज्ञानिक ने वनमानुष पर महत्त्वपूर्ण प्रयोग किया था। |
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थॉर्नडाइक ने पिंजरे में अपना प्रयोग किस पर किया ? |
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Answer» थॉर्नडाइक ने पिंजरे में अपना प्रयोग बिल्ली पर किया। |
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सीखने तथा परिपक्वता में क्या सम्बन्ध है? |
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Answer» परिपक्वता सीखने के लिए अनिवार्य शर्त है। |
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सीखने की स्किनर द्वारा प्रतिपादित परिभाषा लिखिए। |
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Answer» “सीखना व्यवहार में प्रगतिशील सामंजस्य की प्रक्रिया है।” – [ स्किनर ] |
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परिपक्वता तथा सीखने में क्या सम्बन्ध है ? |
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Answer» हमें बात है कि सीखना, व्यवहारे परिवर्तन या व्यवहार अर्जन की एक प्रक्रिया है। किसी व्यक्ति का व्यवहार परिवर्तन या तो परिपक्वता के कारण होता है या किसी नयी बात को ग्रहण करने के कारण। परिवर्तन की प्रक्रिया में नयी-नयी क्रियाएँ और व्यवहार प्रदर्शित तथा विकसित होते रहते हैं। परिपक्वता शारीरिक विकास की प्रक्रिया है, जिसके अन्तर्गत बढ़ती हुई आयु के साथ, शरीर व स्नायुमण्डल का विकास, सीखने की सामर्थ्य को जन्म देता है। |
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सामान्य जीवन में व्यक्तियों द्वारा सीखने के लिए किस विधि को सर्वाधिक अपनाया जाता है? |
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Answer» सामान्य जीवन में व्यक्तियों द्वारा सीखने के लिए अनुकरण विधि’ को सर्वाधिक अपनाया जाता है। |
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सीखने के सूझ अथवा अन्तर्दृष्टि के सिद्धान्त के मुख्य प्रतिपादक कौन थे? |
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Answer» सीखने के सूझे अथवा अन्तर्दृष्टि के सिद्धान्त के मुख्य प्रतिपादक कोहलर थे। |
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सीखने के सम्बन्ध प्रतिक्रिया सिद्धान्त के मुख्य प्रतिपादक कौन थे? |
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Answer» सीखने के सम्बन्ध प्रतिक्रिया सिद्धान्त के मुख्य प्रतिपादक रूसी विद्वान पावलोव थे। |
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सीखने की प्रक्रिया की चार मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» ⦁ सीखना व्यवहार में होने वाला परिवर्तन है |
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सीखने की कौन-सी विधि ऐसी है, जिसे प्रमुख रूप से केवल मनुष्यों द्वारा ही अपनाया जाता है? |
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Answer» सूझ अथवा अन्तर्दृष्टि द्वारा सीखने की विधि। |
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सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों का उल्लेख कीजिए।यासीखने को प्रभावित करने वाले कारकों को बताइए। |
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Answer» सीखने को प्रभावित करने वाले कारक 1. वातावरण : |
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थॉर्नडाइक द्वारा प्रतिपादित सीखने के नियमों की विवेचना कीजिए। उपयुक्त उदाहों सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।याथॉर्नडाईक के सीखने के मुख्य नियमों का वर्णन कीजिए। |
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Answer» सीखने के नियमों को सर्वप्रथम व्यवस्थित ढंग से थॉर्नडाइक ने प्रस्तुत किया था, इसीलिए इन्हें थॉर्नडाइक के सीखने के नियमों के रूप में जाना जाता है। थॉर्नडाइक द्वारा प्रतिपादित सीखने के मुख्य नियम तीन हैं सीखने का तत्परता को नियम |
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