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101.

समावयवी द्वारा प्रदर्शित समावयवता का नाम बताइये- `[Pt(NH_(3))_(4)Br_(2)]Cl_(2)" और "[Pt(NH_(3))_(4)Cl_(2)]Br_(2)`

Answer» आयनीकरण समावयवता (Ionisation isomerism)
102.

समावयवी द्वारा प्रदर्शित समावयवता का नाम बताइये- `[Pt(NH_(3))_(4)][PtCl_(6)]" और "[Pt(NH_(3))_(4)cdot Cl_(2)][PtCl_(4)]`

Answer» समन्वयी समावयवता (co-ordination compounds)
103.

`[Mn(H_(2)O)_(6)]^(2+)` में अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों कि संख्या है :A. 3B. 5C. 2D. 4

Answer» Correct Answer - B
`Mn^(2+), 3d^(5), H_(2)O` चूँकि दुर्बल क्षेत्र लिगेंड है तथा यह युग्मन के लिए इलेक्ट्रॉन मुक्त नहीं करता |
104.

निम्न में से कौन-सा यौगिक प्रकाशकीय समावयवता प्रदर्शित करता है ?A. पेंटाऐमीननाइट्रोकोबाल्ट (III) आयोडाइडB. डाइऐमीनडाइक्लोरीडोप्लेटिनम (II)C. ट्रान्स-डायसाइनो बिस-एथिलीनडाइऐमीन क्रोमियम (III)D. ट्रिस-एथिलीनडाइऐमीन कोबाल्ट (III) ब्रोमाइड

Answer» Correct Answer - D
`[Co(en)_(3)]^(3+)` के d तथा l रूप होते है |
105.

`SCN^(-)`, समन्वयी यौगिकों (co-ordination compounds) में लिंकेज समावयवता प्रदर्शित करता है, व्याख्या कीजिए |

Answer» क्योंकि यह एक उभयदन्ती (ambidentate) लिगेंड है |
106.

दो यौगिकों `[Cr(NH_(3))_(5)Br]Cl" तथा "[Cr(NH_(3))_(5)Cl]Br` को अभिकर्मक A द्वारा विभेदित किया जा सकता है तथा दोनों यौगिक समावयवता B प्रदर्शित करते है | A तथा B है :A. `AgNO_(3)`, आयननB. `AgNO_(3)`, समन्वयC. `BaCl_(2)`, आयननD. `BaCl_(2)`, समन्वय

Answer» Correct Answer - A
समान अणुसूत्र किन्तु विलयन में विभिन्न आयन उत्पन्न करने वाले यौगिक आयनन समावयवता प्रदर्शित करते है |
`[Cr(NH_(3))_(5)Br]ClhArr[Cr(NH_(3))_(5)Br]^(+)+Cl^(-)overset(AgNO_(3))rarrunderset("सफेद")(AgCl)`
`[Cr(NH_(3))_(5)Cl]Br hArr[Cr(NH_(3))_(5)Cl]^(+)+Br^(-)overset(AgNO_(3))rarrunderset("पीला")(AgBr)`
107.

किस आयन की ज्यामिति चतुष्फलकीय है :A. `[Fe(CO)_(5)]`B. `[Co(NH_(3))_(6)]^(2+)`C. `[NiCl_(4)]^(2-)`D. `[Ni(CN)_(4)]^(2-)`

Answer» Correct Answer - C
`[NiCl_(4)]^(2-)` में Ni का `sp^(3)` संकरण है |
108.

एथिलीन डाइऐमीन किसका उदाहरण है ?A. एकसंयोजी लिगेंड्सB. द्विसंयोजी लिगेंड्सC. त्रिसंयोजी लिगेंड्सD. षट्संयोजी लिगेंड्स

Answer» Correct Answer - B
`overset(CH_(2)overset(cdot cdot)NH_(2))overset(|)CH_(2)overset(cdot cdot)NH_(2)`
दो एक युग्म, प्रत्येक N परमाणु पर एक
109.

एक द्विदन्ती लिगेंड तथा इस लिगेंड द्वारा बने एक संकुल को लिखिये |

Answer» `NH_(2)-CH_(2)-CH_(2)-NH_(2)" या "(en)`
`"एथिलीनाडाइऐमीन (द्विदन्ती लिगेंड)"`
`[Co(en)_(2)Cl_(2)]NO_(3)`
`"(संकुल)"`
डाइक्लोराइडो बिस (एथिलीन डाइऐमीन) कोबाल्ट (III) नाइट्रेट
110.

`[Fe(CN)_(6)]^(4-)" तथा "[Fe(H_(2)O)_(6)]^(2+)` संकुलो में अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों कि संख्या क्रिस्टल क्षेत्र सिद्धान्त कि सहायता से प्रागुप्त कीजिये |

Answer» दोनों संकुलो में Fe कि ऑक्सीकरण अवस्था `+2` है, जिसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास `[Ar]3d^(6)` है, अतः चार अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित `CN^(-)` है | एक प्रबल लिगेंड है, जिसके कारण सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित हो जाते है | अतः `[Fe(CN)_(6)]^(4-)` की प्रकृति प्रतिचुम्बकीय (diamagnetic) होती है | परन्तु `H_(2)O` एक दुर्बल लिगेंड है, जिसके कारण इलेक्ट्रॉन युग्मित नहीं होते है | इसमें चार अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होने के कारण इसकी प्रकृति अनुचुम्बकीय (paramagnetic) होती है |
111.

निचे दिये गये संकुल यौगिकों में कितने ज्यामितीय समावयवी सम्भव होंगे ? (a) `[PtCl(py)(NH_(3))Br]` (b) `[Co(H_(2)O)_(3)Cl_(3)]` (c ) `[Co(en)_(2)Cl_(2)]^(+)` (d) `[Pt(py)(NH_(3))(NO_(2))(Cl)(Br)(I)]`

Answer» (a) 3, (b) 2, (c ) 2, (d) 30
(प्रतिबिम्ब समावयवियों (enantiomers) के 15 जोड़े)
112.

स्पेक्ट्रमी रासायनिक श्रेणी क्या है ? दुर्बल क्षेत्र लिगेंड तथा प्रबल क्षेत्र लिगेंड में अन्तर स्पष्ट कीजिए |

Answer» क्रिस्टल क्षेत्र विपाटन ऊर्जा (CFSE) विभिन्न लिगेंडो के लिए अलग-अलग होती है | जब लिगेंड को उनकी बढ़ती हुई CFSE के क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तो प्राप्त श्रेणी को स्पेक्ट्रमीरासायनिक श्रेणी कहते है | दुर्बल क्षेत्र लिगेंड के लिए d-कक्षकों का विपाटन कम होता है और इसलिए `(Delta_(0))` का मान कम होता है जबकि प्रबल क्षेत्र लिगेंड के लिए `CFSE (Delta_(0))` का मान अधिक होता है |
113.

व्याख्या करें- `[Ni(CO)_(4)]` चतुष्फलकीय है जबकि `[Ni(CN)_(4)]^(2-)` वर्ग समतलीय है |

Answer» `[Ni(CO)_(4)]` में Ni परमाणु चार CO लिगेंड से उपसहसंयोजक बन्ध द्वारा जुड़ा रहता है जिसमें `sp^(3)` संकरण तथा सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते है | अतः इसकी ज्यामिति चतुष्फलकीय तथा प्रकृति प्रतिचुम्बकीय होती है | जबकि `[Ni(CN)_(4)]^(2-)" में "CN^(-)` प्रबल लिगेंड है जो इलेक्ट्रॉन युग्मन करता है तथा इसमें `dsp^(2)` संकरण होता है | अतः इसकी आकृति वर्ग समतलीय होती है और सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होने के कारण इसकी प्रकृति प्रतिचुम्बकीय (diamagnetic) होती है |
114.

निम्नलिखित के दृश्य प्रकाश के क्षेत्र में अवशोषण की तरंगदैर्ध्य का सही क्रम क्या होगा ? `[Ni(NO_(2))_(6)]^(4-), [Ni(NH_(3))_(6)]^(2+), [Ni(H_(2)O)_(6)]^(2+)`

Answer» तीनो संकरों में धातु आयन समान है और धातु की ऑक्सीकरण अवस्था +2 है | स्पेक्ट्रमीरासायनिक श्रेणी के अनुसार लिगेंड की क्षेत्र प्रबलता का बढ़ता हुआ क्रम है | `H_(2)OltNH_(3)ltNO_(2)^(-)` है |
अतः उत्तेजना के लिए अवशोषित उर्जाओ का क्रम होगा:
`[Ni(H_(2)O)_(6)]^(2+)lt[Ni(NH_(3))_(6)]^(2+)lt[Ni(NO_(2))_(6)]^(4-)`
चूँकि `E=(hc)/(lamda)`, अतः अवशोषित तरंगदैर्ध्य विपरीत क्रम में इस प्रकार होगा:
`[Ni(H_(2)O)_(6)]^(2+)gt[Ni(NH_(3))_(6)]^(2+)gt[Ni(NO_(2))_(6)]^(4-)`
115.

संयोजकता आबंध सिद्धान्त द्वारा समझाइए कि `[Ni(CN)_(4)]^(2-)` आयन कि वर्ग समतली संरचना (Square Planar Structure) प्रति-चुम्बकीय है, जबकि `[Ni(Cl)_(4)]^(2-)`चतुष्फलकीय ज्यामिति (tetrahedral geometry) अनुचुम्बकीय है |

Answer» `[Ni(CN)_(4)]^(2-)` में प्रबल लिगेंड है, जो इलेक्ट्रॉन युग्मन करता है तथा इसमें `dsp^(2)`-संकरण होता है | अतः इसकी आकृति वर्गाकार समतलीय है | सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होने के कारण इसकी प्रकृति प्रतिचुम्बकीय होती है | `[NiCl_(4)]^(2-)" में "Cl^(-)` एक दुर्बल लिगेंड है, जो 3d इलेक्ट्रॉनों को हुण्ड के नियम के विपरीत युग्मित नहीं करता है | इसमें `sp^(3)`-संकरण पाया जाता है, जिसके कारण इसकी आकृति चतुष्फलकीय होती है | इसमें दो अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होने के कारण इसकी प्रकृति अनुचुम्बकीय (paramagnetic) होती है |
पूछे गये प्रश्न में सैद्धान्तिक त्रुटि है क्योंकि `CN^(-)` प्रबल लिगेंड है तथा इसकी उपस्थिति में इलेक्ट्रॉनों का युग्मीकरण (pairing) हो जाएगी तथा यौगिक कि ज्यामिति समतली वर्गाकार तथा प्रकृति प्रतिचुम्बकीय होगी | काल्पनिक रूप से इसकी ज्यामिति यदि चतुष्फलकीय मानते है तो इसकी संरचना `(NiCl_(4))^(2-)` के अनुरूप होगी तथा अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होने के कारण यह अनुचुम्बकीय होगा |
116.

`[Co(NH_(3))_(5)Cl]Cl_(2)` संकुल यौगिक के IUPAC नाम लिखिए तथा इसकी ऑक्सीकरण अवस्था, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा उपसहसंयोजन संख्या ज्ञात कीजिए | संकुल का त्रिविम रसायन तथा चुम्बकीय आघूर्ण भी बताइए |

Answer» पेण्टा ऐम्मीन क्लोराइडो कोबाल्ट (III) क्लोराइड |
Co की उपसहसंयोजन संख्या =6
आकृति = ऑक्टाहेड्रल (अष्टफलकीय)
Co की ऑक्सीकरण अवस्था : `x+0-1-2=0" या "x=+3`
`Co^(3+)` का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास `=3d^(6)=t_(2g)^(6)e_(g)^(0)`,
अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या (n)=0
चुम्बकीय आघूर्ण `(mu)=0`
117.

जलीय विलयन में Co (II) स्थायी है, परन्तु प्रबल लिगेंडो की उपस्थिति में तथा वायु में यह ऑक्सीकृत होकर Co (III) देता है, क्यों ?

Answer» Co (II) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास `[Ar]3d^(7)` होता है, जिसमें 3 इलेक्ट्रॉन अयुग्मित रहते है | दुर्बल लिगेंड तथा जल की उपस्थिति में इलेक्ट्रॉन युग्मित नहीं होते है | प्रबल लिगेंड तथा वायु की उपस्थिति में 3d-कक्षक के दो अयुग्मित इलेक्ट्रॉन युग्मित हो जाते है तथा 3 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा उपकोश में चले जाते है | जहाँ ये आसानी से ऑक्सीकरण अवस्था (III) प्राप्त कर लेते है |
118.

`[Co(NH_(3))_(5)(CO_(3))][CuCl_(4)]` का IUPAC नाम लिखे-

Answer» पेन्टाऐम्मीनकार्बोनेटोकोबाल्ट (III) टेट्राक्लोराइडडोक्यूपरेट (II)
119.

`[Co(NH_(3))_(6)]^(3+)` एक अन्त: कक्षक संकुल है, जबकि `[Ni(NH_(3))_(6)]^(2+)` एक बाह्य कक्षक संकुल है, क्यों ?

Answer» `NH_(3)` दोनों संकुल आयनो में लिगेंड के रूप में उपस्थित है | `Co^(3+)" तथा "Ni^(2+)` का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्रमश: `3d^(6)" तथा "3d^(8)` है | अतः CFT के अनुसार d-कक्षकों का विपाटन (splitting), `Co^(3+)" तथा "Ni^(2+)` आयनो के अष्टफलकीय संकुलो में इलेक्ट्रॉन के भरने का क्रम निम्न प्रकार होगा - `Co^(3+)` आयन में दो रिक्त d-कक्षक अन्त: कक्षक संकुल बनाते है | अतः इसमें `d^(2)sp^(3)` संकरण होता है | जबकि `Ni^(2+)` आयन में कोई रिक्त d-कक्षक नहीं है और यह अन्त: कक्षक संकुल नहीं बनाता है | इसमें `sp^(3)d^(2)` संकरण होता है तथा यह बाह्य कक्षक संकुल बनाता है |
120.

`[Ni(CN)_(4)]^(2-)` वर्गाकार समतलीय तथा प्रतिचुम्बकीय है, जबकि `[NiCl_(4)]^(2-)` चतुष्फलकीय तथा अनुचुम्बकीय है, क्यों ?

Answer» `[Ni(CN)_(4)]^(2-)` में प्रबल लिगेंड है, जो इलेक्ट्रॉन युग्मन करता है तथा इसमें `dsp^(2)`-संकरण होता है | अतः इसकी आकृति वर्गाकार समतलीय है | सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होने के कारण इसकी प्रकृति प्रतिचुम्बकीय होती है | `[NiCl_(4)]^(2-)" में "Cl^(-)` एक दुर्बल लिगेंड है, जो 3d इलेक्ट्रॉनों को हुण्ड के नियम के विपरीत युग्मित नहीं करता है | इसमें `sp^(3)`-संकरण पाया जाता है, जिसके कारण इसकी आकृति चतुष्फलकीय होती है | इसमें दो अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होने के कारण इसकी प्रकृति अनुचुम्बकीय (paramagnetic) होती है |
पूछे गये प्रश्न में सैद्धान्तिक त्रुटि है क्योंकि `CN^(-)` प्रबल लिगेंड है तथा इसकी उपस्थिति में इलेक्ट्रॉनों का युग्मीकरण (pairing) हो जाएगी तथा यौगिक कि ज्यामिति समतली वर्गाकार तथा प्रकृति प्रतिचुम्बकीय होगी | काल्पनिक रूप से इसकी ज्यामिति यदि चतुष्फलकीय मानते है तो इसकी संरचना `(NiCl_(4))^(2-)` के अनुरूप होगी तथा अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होने के कारण यह अनुचुम्बकीय होगा |
121.

संकुल `[CO(NH_(3))_(6)Cl_(2)` यौगिक के विलयन में कितने आयन उत्पन्न होते है ? (a) 6 (b) 4 (c ) 3 (d) 2

Answer» कोबाल्ट कि उपसंहयोजन संख्या =6 संकुल यौगिक `[Co(NH_(3))_(6)]Cl_(2)` है | यह विलयन में निम्न प्रकार आयनित होता है :
`[Co(NH_(3))_(6)]Cl_(2)overset("जल")rarr[Co(NH_(3))_(6)]^(2+)+2Cl^(-)`
इस प्रकार विलयन में 3 आयन उत्पन्न होते है |
122.

जलीय विलयन में संकुल `[Co (NH_(3))_(6)]Cl_(3)` कितने आयन बनाता है ?

Answer» 4 आयन, `[Co(NH_(3))_(6)]Cl_(3)overset((aq.))hArr[Co(NH_(3))_(6)]_((aq))^(3+)+3Cl_((aq))^(-)`
123.

`[CuCl_(4)]^(2-)` स्थायी है, परन्तु `[CuI_(4)]^(2-)` नहीं, क्यों ?

Answer» `[CuI_(4)]^(2-)` अस्थायी है और यह निम्न प्रकार विघटित (decompose) होता है `[CuI_(4)]^(2-)rarr2CuI+3I_(2)` इसका ऑक्सीकारक `(Cu^(2+))` तथा अपचायक `(I^(-))` से बनना इसके अस्थायित्व का कारण है | इसके अतिरिक्त `(I^(-))` आयन का `Cl^(-)` आयन की अपेक्षा दुर्बल इलेक्ट्रॉन डाटा होना भी इसके अस्थायित्व का कारण है |
124.

`[Fe(CN)_(6)]^(4-)" तथा "[Fe(H_(2)O)_(6)]^(2+)` तनु विलयन में विभिन्न रंग के होते है, क्यों ?

Answer» दोनों संकर आयनों में की ऑक्सीकरण अवस्था +2 तथा विन्यास `3d^(6)` है | अर्थात `Fe^(2+)` आयन में 4 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित है | दुर्बल क्षेत्र प्रभाव के कारण लिगेंड `H_(2)O` की उपस्थिति में विधमान अयुग्मित इलेक्ट्रॉन, युग्मित नहीं होते | सायनाइड `(CN^(-))` लिगेंड के प्रबल क्षेत्र प्रभाव के कारण अयुग्मित इलेक्ट्रॉन, लिगेंड की उपस्थिति में युग्मित हो जाते है | इस प्रकार सायनाइड संकर आयन में `Fe^(2+)` आयन में कोई भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन शेष नहीं बचता | अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या में अन्तर के कारण इन संकर आयनों का रंग अलग-अलग होता है |
125.

`[Cu(NH_(3))_(4)]^(2+)` संकुल आयन के `beta` का मान `2.1xx10^(13)` है, इस संकुल के समग्र वियोजन स्थिरांक की गणना कीजिए |

Answer» समग्र स्थायित्व नियतांक `(beta_(4))=2.1xx10^(13)`
वियोजन स्थिरांक `=(1)/(beta_(4))=(1)/(2.1xx10^(13))=4.7xx10^(-14)`
126.

`[Ni(H_(2)O)_(6)]^(2+)` के विलयन का रंग हरा है जबकि `[Ni(CN)_(4)]^(2-)` विलयन रंगहीन है | क्यों ?

Answer» `[Ni(H_(2)O)_(6)]^(2+)` में Ni की ऑक्सीकरण अवस्था +2 तथा `Ni^(2+)` का विन्यास `3d^(8)` है | अर्थात इसमें दो इलेक्ट्रॉन अयुग्मित है | `H_(2)O` दुर्बल क्षेत्र प्रभाव वाला लिगेंड है | इसकी उपस्थिति में इलेक्ट्रॉन युग्मित नहीं होते | अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित होने के कारण इसमें d-d संक्रमण होता है | अतः यह रंगीन (हरा) होता है | d-d संक्रमण लाल प्रकाश को अवशोषित कर लेता है तथा इसके पूरक हरे प्रकाश को उत्सर्जित करता है |
`[Ni(CN)_(4)]^(2-)` संकर आयन में भी Ni की ऑक्सीकरण अवस्था +2 होती है तथा विन्यास `3d^(8)` होता है | परन्तु `CN^(-)` लिगेंड के प्रबल क्षेत्र प्रभाव के कारन 3d-आर्बिटलों में दो अयुग्मित इलेक्ट्रॉन भी यग्मित हो जाते है | इस प्रकार `Ni^(2+)` आयन में कोई भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन शेष नहीं रहता | इस कारण d-d संक्रमण सम्भव नहीं होता है और यह रंगहीन है |
127.

जब जलीय KCN के आधिक्य की किग्रा जलीय कॉपर सल्फेट विलयन से कराते है तो कौन-सा उपसहसंयोजन यौगिक बनता है ? जब इस विलयन में `H_(2)S(g)` प्रवाहित की जाती है तो कॉपर सल्फाइड का अवक्षेप प्राप्त क्यों नहीं होता ?

Answer» `Cu^(+)` आयन का सायनाइड संकर बनता है | `Cu^(2+)` आयन `Cu^(+)` आयनों में अपचयित हो जाते है |
`2CuSO_(4)+10 KCNrarrunderset("पौटेशियम टेट्रासायनो क्यूपरेट (I)")(2K_(3)[Cu(CN)_(4)])+2K_(2)SO_(4)+underset("सायनोजन")((CN)_(2))`
अभिक्रिया से संकर यौगिक `K_(3)[Cu(CN)_(4)]` बनता है | यह संकर यौगिक वियोजित होकर `Cu^(2+)" अथवा Cu^(+)` आयन नहीं देता है | इसलिए `H_(2)S` प्रवाहित करने पर CuS का अवक्षेपण नहीं होता |
128.

केवल संक्रमण धातुएँ ही `pi`-संकुलों का निर्माण करती है, क्यों ?

Answer» इनमें रिक्त d-कक्षक पाये जाते है जो `pi`-इलेक्ट्रॉनों युक्त लिगेंडो से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते है |
129.

`Ni(CO)_(4)` में Ni की ऑक्सीकरण संख्या क्या है ?

Answer» Correct Answer - शून्य
130.

निम्न में धातु परमाणु का प्रभावी परमाणु क्रमांक बताओ | `Fe(C_(2)H_(5))_(2)`

Answer» प्रभावी परमाणु क्रमांक = धातु का परमाणु क्रमांक - धनायन बनाने में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या + लिगेंडों से प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या `Fe(C_(2)H_(5))_(2)=26-2+12 ("दो "C_(2)H_(5)^(-)" से")=36`
131.

निम्न में धातु परमाणु का प्रभावी परमाणु क्रमांक बताओ | `Fe(NO)_(2)(CO)_(2)`

Answer» प्रभावी परमाणु क्रमांक = धातु का परमाणु क्रमांक - धनायन बनाने में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या + लिगेंडों से प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या `Fe(NO)_(2)(CO)_(2)=26+2(Fe^(2-))+4(2 NO^(+)" अणु से") +4 (2 Co" अणु से")=36`
132.

निम्न में धातु परमाणु का प्रभावी परमाणु क्रमांक बताओ | `Co_(2)(CO)_(8)`

Answer» प्रभावी परमाणु क्रमांक = धातु का परमाणु क्रमांक - धनायन बनाने में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या + लिगेंडों से प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या `Co_(2)(CO)_(8)=27+1 ("दूसरे Co परमाणु में") + 8 (4 Co" अणु एक परमाणु पर")=36`
133.

निम्न में धातु परमाणु का प्रभावी परमाणु क्रमांक बताओ | `Fe(CO)_(5)`

Answer» प्रभावी परमाणु क्रमांक = धातु का परमाणु क्रमांक - धनायन बनाने में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या + लिगेंडों से प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या `Fe(CO)_(5)=26-0+10(5 CO" अणु से")=36`
134.

निम्न में धातु परमाणु का प्रभावी परमाणु क्रमांक बताओ | `K_(3)[Fe(CN)_(6)]`

Answer» प्रभावी परमाणु क्रमांक = धातु का परमाणु क्रमांक - धनायन बनाने में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या + लिगेंडों से प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या `K_(3)[Fe(CN)_(6)]=26-3+12(6 CN^(-)" ऋणायन से")=35`
135.

`Delta_(0)` (CFSE अष्टफलकीय क्षेत्र) तथा `Delta_(t)` (CFSE चतुष्फलकीय क्षेत्र) में समबन्ध लिखिए |

Answer» `Delta_(t)=(4)/(9)xxDelta_(0)`
136.

क्लोरोफिल तथा हीमोग्लोबिन में उपस्थित केंद्रीय परमाणु का नाम लिखिए |

Answer» Correct Answer - क्रमश: Mg तथा Fe
137.

`[Co(CN)_(6)]^(3-)" तथा "[CoF_(6)]^(3-)` दोनों अष्टफलकीय संकुल है, परन्तु इन दोनों में क्या अन्तर है ?

Answer» `[Co(CN)_(6)]^(3-)` न्यून चक्रण संकुल (low spin complex) है तथा इसमें `d^(2)sp^(3)` संकरण होता है | जबकि `[CoF_(6)]^(3-)` उच्च चक्रण संकुल है तथा इसमें `sp^(3)d^(2)` संकरण होता है |
138.

निम्न में धातु परमाणु का प्रभावी परमाणु क्रमांक बताओ | `[CoF_(6)]^(4-)`

Answer» प्रभावी परमाणु क्रमांक = धातु का परमाणु क्रमांक - धनायन बनाने में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या + लिगेंडों से प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या `[CoF_(6)]^(4-)=27-2+12(6 F^(-)" आयन से")=37`
139.

`[Ni(CN)_(4)]^(2-), [NiCl_(4)]^(2-)" तथा "[Ni(CO)_(4)]` में :A. `[Ni(CN)_(4)]^(2-)` वर्ग समतलीय है तथा `[NiCl_(4)]^(2-)` और `[Ni(CO)_(4)]` चतुष्फलकीय हैB. `[NiCl_(4)]^(2-)` वर्ग समतलीय है तथा `[Ni(CN)_(4)]^(2-)` और `[Ni(CO)_(4)]` चतुष्फलकीय हैC. `[Ni(CO)_(4)]` वर्ग समतलीय है तथा `[Ni(CN)_(4)]^(2-)" तथा "[NiCl_(4)]^(2-)` चतुष्फलकीय हैD. इनमें से कोई नहीं

Answer» Correct Answer - A
`[Ni(CN)_(4)]^(2-)` में `dsp^(2)` -संकरण है जबकि `[Ni(Cl)_(4)]^(2-)" तथा "[Ni(CO)_(4)]` में `sp^(3)` संकरण होता है |
140.

`[Cr(NH_(3))_(3)Cl_(3)]` उपसहसंयोजन सत्ता में धातु की ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात कीजिए :

Answer» माना की धातु की ऑक्सीकरण संख्या x है | उदासीन अणुओ जैसे `H_(2)O, en" तथा "NH_(3)` की ऑक्सीकरण संख्या शून्य होती है |
`x+0+3(-1)=0" या "x=+3`
141.

`[CoBr_(2)(en)_(2)]^(+)` उपसहसंयोजन सत्ता में धातु की ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात कीजिए :

Answer» माना की धातु की ऑक्सीकरण संख्या x है | उदासीन अणुओ जैसे `H_(2)O, en" तथा "NH_(3)` की ऑक्सीकरण संख्या शून्य होती है |
`x+2(-1)+0=+1" या "x=+3`
142.

`[Co(H_(2)O)(CN)(en)_(2)]^(2+)` उपसहसंयोजन सत्ता में धातु की ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात कीजिए :

Answer» माना की धातु की ऑक्सीकरण संख्या x है | उदासीन अणुओ जैसे `H_(2)O, en" तथा "NH_(3)` की ऑक्सीकरण संख्या शून्य होती है |
`x+(0)+(-1)+(0)=+2" या "x=+3`
143.

`[PtCl_(4)]^(2-)` उपसहसंयोजन सत्ता में धातु की ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात कीजिए :

Answer» माना की धातु की ऑक्सीकरण संख्या x है | उदासीन अणुओ जैसे `H_(2)O, en" तथा "NH_(3)` की ऑक्सीकरण संख्या शून्य होती है |
`x-4=-2" या "x=+2`
144.

निम्नलिखित उपसहसंयोजी मण्डलों में से प्रकाश सक्रिय (optical active) कौन-सा है ? (i) `cis-[CrCl_(2)("ox")_(2)]^(3-)` (ii) `trans-[CrCl_(2)("ox")_(2)]^(3-)`

Answer» दोनों उपसहसंयोजी मण्डलों को निम्न प्रकार प्रदर्शित कर सकते है- इन दोनों में से समपक्ष-`[CrCl_(2)("ox")_(2)]^(3-)` असममित (chiral) होने के कारण प्रकाश सक्रिय है |
145.

`K_(3)[Fe(CN)_(6)]` उपसहसंयोजन सत्ता में धातु की ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात कीजिए :

Answer» माना की धातु की ऑक्सीकरण संख्या x है | उदासीन अणुओ जैसे `H_(2)O, en" तथा "NH_(3)` की ऑक्सीकरण संख्या शून्य होती है |
`x=+3`
146.

IUPAC नियम का प्रयोग करते हुए पौटेशियम ट्राइऑक्सेलेटो क्रोमेट (III) के सूत्र लिखिए :

Answer» `K_(3)[Cr(C_(2)O_(4))_(3)]`
147.

IUPAC नियम का प्रयोग करते हुए पौटेशियम टेट्राक्लोरोइडोपैलेडेट (II) के सूत्र लिखिए :

Answer» Correct Answer - `K_(2)[PdCl_(4)]`
148.

IUPAC नियम का प्रयोग करते हुए टेट्राहाइड्रोक्सोजिंकेट (II) आयन के सूत्र लिखिए :

Answer» `[Zn(OH)_(4)]^(2-)`
149.

IUPAC नियम का प्रयोग करते हुए हेक्साऐम्मीन कोबाल्ट (III) सल्फेट के सूत्र लिखिए :

Answer» `[Co(NH_(3))_(6)]_(2)(SO_(4))_(3)`
150.

`Fe(CO)_(5)` की संरचना है-A. अष्टफलकीयB. चतुष्फलकीयC. वर्ग पिरैमिडीयD. त्रिकोणीय द्विपिरैमिडीय

Answer» Correct Answer - D
Fe में `dsp^(3)` संकरण होता है |