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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

सेबी का मुख्य कार्यालय कहाँ पर स्थित है, और इनके प्रादेशिक कार्यालय कहाँ पर है ?

Answer»

सेबी का मुख्य कार्यालय मुम्बई में स्थित है और इनके प्रादेशिक कार्यालय निम्न प्रदेशो में है :

  1. कोलकत्ता
  2. दिल्ली
  3. चेन्नई
2.

रिमटिरियलाइजेशन अर्थात् क्या ?

Answer»

रिमटिरियलाइजेशन अर्थात् पुनः भौतिकवाद । प्रतिभूतियों को बदलने के लिये डिमेट खाते में उसके इलेक्ट्रोनिक स्वरूप में हम जिसे छू सकते है अथवा महसूस/स्पर्श कर सकते है । जैसे Physicals Certificate । अर्थात् Demate Account की सभी वस्तुयें जिन्हें हम छू सकते हैं ।

3.

जामिनगिरीयों (प्रतिभूतियों) के क्रय-विक्रय प्रक्रिया में करार नौंध (Contract Note) के बारे में समझाइए ।

Answer»

ग्राहक के ऑर्डर के प्रमाण में जामिनगिरीयों के क्रय-विक्रय के सौदे होने के बाद दलाल इसके बारे में प्रविष्टी करता है, जिन्हें करारनौंध/करार टिप्पणी कहा जाता है । करार नौंध जिस दिन सौदा किया गया हो उस दिन की पुष्टि करता है । सामान्य रूप से सौदा होने के 24 घण्टे में दलाल करार नोंध अर्थात् करार प्रविष्टी ग्राहक को भेज देता है । इस करारनौंध में प्रतिभूति का नाम, उनकी संख्या, सौदा का भाव, ऑर्डर नम्बर, दलाली, लागू पड़ने वाला कर (Tax) आदि दर्शाया जाता है । इस तरह करार नौंध यह सौदा हुआ है इसका एक दस्तावेज है।

4.

संगठित द्रव्य बाजार का नियंत्रण किसके द्वारा होता है ?(A) सेबी(B) स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया(C) रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया(D) वित्तीय संस्थाएँ

Answer»

सही विकल्प है  (C) रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया

5.

Commercial Paper कितने लाख रूपये और इनके गुणांक में बट्टे से निर्गमित किये जाते है ।(A) 10 लाख रु.(B) 5 लाख रु.(C) 20 लाख रु.(D) 2 लाख रु.

Answer»

सही विकल्प है (B) 5 लाख रु.

6.

एक वर्ष या इससे कम समय के लिए परिपक्व समय प्राप्त जामिनगीरी का बाजार अर्थात् …………………………(A) पूँजी बाजार(B) प्राथमिक बाजार(C) द्रव्य बाजार(D) गौण बाजार

Answer»

सही विकल्प है (C) द्रव्य बाजार

7.

मुम्बई शेयर बाजार की स्थापना कब हुई ?

Answer»

मुम्बई शेयर बाजार की स्थापना 9 जुलाई, 1875 में हुई ।

8.

डिपोजिटरी की सेवाएँ किसके द्वारा प्राप्त होती है ?

Answer»

डिपोजिटरी की सेवाएँ भारत में वर्तमान में NSDL – National Securities Depository Limited एवं CSDL – Central Depository Services (India) Limited इन दोनों डिपोजिटरीयो निवेशक/ग्राहकों के उनके प्रतिनिधि या एजेन्ट ऐसे मध्यस्थियों द्वारा सेवा देते हैं ।

9.

प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय प्रक्रिया करार नौंध/अनुबन्ध टिप्पणी (Contract Note) अर्थात् क्या ?

Answer»

ग्राहक के ऑर्डर के प्रमाण में प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय के सौदे होने के पश्चात् दलाल इसके बारे में प्रविष्टी करता है उन्हें । करार नौंध (Contract Note) कहते हैं ।

10.

शेयर बाजार में प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय प्रक्रिया समझाइये ।

Answer»

शेयर बाजार में प्रतिभूतियों क्रय-विक्रय की प्रक्रिया (Trading Procedure of Securities) निम्नानुसार है :

(1) डिमेट खाता खुलवाना : सर्व प्रथम डिपोजिटरी पार्टीसिपन्ट के पास डिमेट खाता खुलवाना पड़ता है क्योंकि डिमेट प्रतिभूतियों के ही क्रय-विक्रय के सौदे इन्टरनेट द्वारा हो सकते है ।

(2) क्रय-विक्रय के ऑर्डर : निवेशक/ग्राहक को जिस प्रतिभूति का विक्रय करना हो उनका ऑर्डर दलाल को देना पड़ता है । ऑर्डर देते समय क्रय-विक्रय के प्रत्येक स्क्रीप्ट अनुसार मूल्य आदि स्पष्ट रूप से बताना पड़ता है । प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय में दो प्रकार से ऑर्डर दिये जाते है ।

  • सीमित ऑर्डर (Limit Order) : ऐसा ऑर्डर जिसमें ग्राहक द्वारा निर्देश किये गये मूल्य पर ऑर्डर का अमल होता है । क्रय अथवा विक्रय का मूल्य निश्चित किया जाता है । फुटकर निवेशक Retail Investor और फण्ड गृह (Fund houses) इस तरह के ऑर्डर देते है।
  • बाजार ऑर्डर (Market Order) : ऐसा ऑर्डर जिसमें प्रतिभूति के ट्रेडिंग स्क्रीन के उपर जो अन्तिम मूल्य/भाव दर्शाया
    हो अथवा बाजार में प्रतिभूतियों की जिस कीमत पर माँग हुई हो उस कीमत पर ऑर्डर का अमल होता है ।

(3) ऑर्डर का अमल : दलाल को जब ग्राहक के पास से जब ऑर्डर मिलता है तब दलाल ऑर्डर का अमल करता है । दलाल शेयर बाजार में ऑर्डर रखता है । दलाली अपनी कार्यालय (Office) से ग्राहक की ओर से Online Trading द्वारा सौदा कर सकता है ।

(4) करार-टिप्पण/नौंध (Contract Note) : ग्राहक के ऑर्डर के अनुसार प्रतिभूतियों के क्रय- विक्रय का सौदा होने के बाद दलाल इसके बारे में जो टिप्पण-प्रविष्टी अथवा नौंध जिसमें करते है जिसे करारनौंध (Contract Note) कहते हैं । करारनौंध जिस दिन सौदा किया गया हो उस दिन की पुष्टी करता है । सामान्य रूप से सौदा होने के 24 घण्टे में दलाल करारनौंध ग्राहक को भेज देता है । इस करार नौंध में प्रतिभूति का नाम, उनकी संख्या, सौदे का भाव, ऑर्डर नम्बर, दलाली, लागू पड़नेवाले कर आदि दर्शाया जाता है । करारनौंध यह सौदा हुआ है, इसका दस्तावेज है ।

(5) सौदो का निपटारा : प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय के सौदों का निपटारा मुम्बई शेयर बाजार के निपटारा गृह (Settlement House) द्वारा होता है । जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेन्ज (National Stock Exchange) में सौदा का निपटारा नेशनल सिक्योरिटीज । क्लियरिंग कॉर्पोरेशन (NSCCL – National Securities Clearing Corporation Limited) निभाता है । सौदा या व्यापार हो उनके बाद के दिनों सौदे का निपटारा होता है ।

(6) रकम का भुगतान और प्रतिभूतियों को सौंपना : जिस ग्राहक ने शेयर की खरीदी की हो तो इस सन्दर्भ की रकम का भुगतान पे-ईन (Pay-In) के दिन से पहले करना पड़ता है । शेयर की बिक्री की हो तो पे-ईन के दिन से पहले शेयर की सपर्दगी करनी पड़ती है । ग्राहक ने शेयर की खरीदी की होगी तो पे-आउट (Pay-Out) के दिन ही शेयर को सौंपा जाता है । शेयर की बिक्री की गई हो तो ग्राहक को पे-आउट (Pay-out) के दिन ही रकम मिल जाती है । पे-ईन (Pay-In) दिन अर्थात् वह दिन कि जिस दिन बेचे गये शेयर को सौंपना शेयर का विक्रेता शेयर बाजार को मध्यस्थी के माध्यम से करते है ।

पे-आउट (Pay-out) दिन अर्थात् जिस दिन शेयर खरीदने वाले को शेयर को सौंपना शेयर बाजार करता है और शेयर बेचने वाले को उनकी रकम चकाई जाती है ।

(7) सौदो के निपटारे की ग्राहकों को जानकारी : प्रतिभूतियों के विक्रय की परिस्थिति में दलाल ग्राहक को बैंक द्वारा रकम का भुगतान करेंगे और प्रतिभूतियों की खरीदी के सन्दर्भ में दलाल ग्राहक के बैंक खाते में से रकम का सीधा भुगतान करेगा । डिमेट खाते द्वारा ग्राहक को सौदो के निपटारे की जानकारी दी जाती है ।

11.

ट्रेजरी बिल की परिपक्वता तारीख्न कितने दिनों की होती है ?

Answer»

ट्रेजरी बिल की परिपक्वता तारीख 91 दिन या 182 दिन या 364 दिन की होती है ।

12.

बचत का प्रमाणपत्र (Certificate of Deposits) का मूल्य कम से कम कितने लाख रु. होनी चाहिए ?(A) 1 लाख रु.(B) 2 लाख रु.(C) 5 लाख रु.(D) 10 लाख रु.

Answer»

सही विकल्प है (A) 1 लाख रु.

13.

एक दिन का ऋण (Loan) अर्थात् ………………………….(A) Call Money(B) Notice Money(C) Foreign Loan(D) Cash Credit

Answer»

सही विकल्प है (A) Call Money

14.

विश्व स्तर पर कौन-से वर्ष के पश्चात् कोमर्शियल पेपर अधिक लोकप्रिय बने है ?

Answer»

विश्व स्तर पर 1980 के पश्चात् कोमर्शियल पेपर अधिक लोकप्रिय बने है ।

15.

पूँजी बाजार कितने भागों में बँटा हुआ है व कौन-कौन से ?

Answer»

पूँजी बाजार दो भाग में बँटा हुआ है :

  1. प्राथमिक बाजार
  2. गौण बाजार
16.

भारत में पूँजी बाजार पर किसका नियंत्रण होता है ?

Answer»

भारत में पूँजी बाजार पर सेबी का नियंत्रण होता है ।

17.

विश्व स्तर पर कन-से वर्ष के पश्चात् कोमर्शियल पेपर लोकप्रिय अधिक बने है ?(A) 1956(B) 1980(C) 1991(D) 2004

Answer»

सही विकल्प है (B) 1980

18.

भारतीय रिजर्व बैंक ने सर्वप्रथम कौन-से वर्ष में कोमर्शियल पेपर निर्गमित किये थे ?(A) मार्च, 1995(B) जुलाई, 1991(C) जनवरी, 1990(D) मई, 1960

Answer»

सही विकल्प है (C) जनवरी, 1990

19.

कोमर्शियल पेपर पर इनमें से किसका नियंत्रण होता है ?(A) State Bank of India(B) Union Bank of India(C) Central Bank of India(D) Reserve Bank of India

Answer»

सही विकल्प है (D) Reserve Bank of India

20.

बचत के प्रमाण-पत्र का मूल्य कम से कम कितना होना चाहिए ।

Answer»

जमा के प्रमाणपत्र का मूल्य कम से कम 1 लाख रु. का होना चाहिए ।

21.

कोमर्शियल बिल कितने दिन की अवधि के होते है ?(A) 40, 50 या 60(B) 30, 60 या 90(C) 50, 60 या 80(D) 70, 80 या 90

Answer»

सही विकल्प है (B) 30, 60 या 90

22.

कोमर्शियल पेपर किस तरह के दस्तावेज है ? तथा कौन-सी पूँजी प्राप्त करने का साधन है ?

Answer»

कोमर्शियल पेपर बिन-सुरक्षित तथा अल्पकालीन वचन-चिट्ठी जैसा दस्तावेज है । और यह अल्पकालीन पूँजी/फण्ड प्राप्त करने का साधन है ।

23.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और मुम्बई शेयर बाजार का रिक्रन आधारित व्यापार किस नाम से पहचाना जाता है ?

Answer»

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को NEAT और मुम्बई शेयर बाजार को स्क्रिन आधारित व्यापार BOLT – BSE Online Trading के नाम से जाना जाता है ।

24.

डिमटिरियलाइजेशन अर्थात क्या ?

Answer»

डिमटिरियलाइजेशन अर्थात् भौतिक स्वरूप की जामिनगिरीयों का कम्प्युटर द्वारा इलेक्ट्रोनिक डेटा में परिवर्तन । इस डिमटिरियलाइजेशन को संक्षिप्त में डिमेट (Demat) के रूप में पहचाना जाता है ।

25.

देश में सर्वप्रथम शेयर बाजार की स्थापना कहाँ हुई ?(A) मुम्बई(B) अहमदाबाद(C) दिल्ली(D) भोपाल

Answer»

सही विकल्प है (A) मुम्बई

26.

वित्त (द्रव्य) बाजार किसे कहते हैं ? इनके लक्षण समझाइये ।

Answer»

वित्त (द्रव्य) बाजार (Money Market) अर्थात् अल्प समय के लिए वित्त उधार प्राप्त करने और वित्त उधार देने का बाजार है । एक वर्ष या उससे कम समय के लिए परिपक्व समयवाली प्रतिभूतियों का बाजार है ।

वित्त बाजार की व्याख्या : ‘अल्पकालीन वित्तीय सम्पत्तियों कि जो ऊँची तरलता के साथ में वित्त की नजदिक की अवेजी (स्थानापन्न) रखते हैं उनके व्यवहारों का बाजार अर्थात् वित्त (द्रव्य) बाजार ।

लक्षण (Characterstics) वित्त बाजार का लक्षण है :

  1. वित्त (द्रव्य) बाजार को दो भाग में विभक्त किया जाता हैं ।
    • संगठित वित्त (द्रव्य) बाजार
    • असंगठित वित्त (द्रव्य) बाजार ।
  2. यह अल्पकालीन सम्पत्तियों या साधनों का बाजार है जिसका परिपक्व समय एक वर्ष या उससे कम होता है ।
  3. वित्त (द्रव्य) बाजार में भाग लेने वालों की ख्याति अधिक होती है ।
  4. वित्त (द्रव्य) बाजार यह कोई निश्चित भौतिक स्थल नहीं, परन्तु विविध संस्थाओं का सामुहिक ढाँचा है । जैसे कि रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया, व्यापारी बैंक, म्युच्युअल फण्ड की संस्थाएँ, बीमा कम्पनियाँ आदि ।
  5. वित्त (द्रव्य) बाजार शीघ्रता से रोकड में परिवर्तित हो ऐसे वित्तीय साधनों का बाजार है । जैसे कि ट्रेजरी बिल, कॉल मनी ।
  6. आर्थिक और टेक्नोलोजी के विकास के साथ वित्त बाजार की उप शाखाएँ भी विकसित हुई है । जैसे कि, कॉल मनी मार्केट, बोन्ड मार्केट, ट्रेजरी बिल मार्केट ।
  7. अधिकांशतः वित्तीय साधन ऋण के साधन है । अन्य वित्तीय साधनों की तुलना में अधिक सुरक्षित होने से जोखिम का तत्त्व कम होता है ।
  8. वित्त (द्रव्य) बाजार की सफलता और कामगीरी का आधार बैंकिंग पद्धति और वित्तीय संस्थाओं की कामगीरी पर रहता है ।
27.

शेयर बाजार के लक्षण कौन-कौन-से है ?

Answer»

शेयर बाजार के लक्षण निम्नलिखित होते है :

  1. पंजिकृत कोर्पोरेट संस्था : प्रतिभूतियों के व्यवहारों में नियमन या नियंत्रण लाने हेतु स्थापित पंजिकृत कोर्पोरेट संस्था है ।
  2. सरकार की अनुमति : 1956 के प्रतिभूति करार (नियमन) धारा के अनुसार शेयर बाजारों को केन्द्र सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है ।
  3. संगठित बाजार : जीवंत (कार्यरत) अथवा वर्तमान पंजिकृत प्रतिभूतियों के सौदो के लिए संगठित बाजार है ।
  4. सदस्य पद : शेयर बाजार में सौदा करने हेतु शेयर बाजार का सदस्य पद प्राप्त करना पड़ता है । शेयर बाजार के साथ पंजिकृत सदस्यों (शेयर दलाल) ही शेयर बाजार में सौदा करते है ।
  5. प्रतिभूतियों का बाजार : शेयर बाजार यह प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय के लिए मान्य संगठित बाजार है ।
  6. प्रतिभूतियों का पंजियन : जिन प्रतिभूतियों का पंजियन शेयर बाजार में हुआ हो ऐसी प्रतिभूतियों के ही सौदे शेयर बाजार में होते है।
  7. संचालन : शेयर बाजार का प्रशासन (प्रबन्ध) और संचालन संचालक मण्डल द्वारा होता है ।
  8. सदस्यों पर कठोर नियंत्रण : संचालक मण्डल को प्राप्त अनुशासन पालन की सत्ता द्वारा सदस्यों के पास से कठोर नियंत्रण का पालन कराया जाता है ।
  9. व्यवस्थाकीय ढाँचा : शेयर बाजार का व्यवस्थाकीय ढाँचा सार्वजनिक कम्पनी स्वरूप का होता है ।
  10. शेयर बाजार का नियमन (नियंत्रण) : भारत के समस्त शेयर बाजारों का नियमन ‘सेबी’ और प्रतिभूति करार (नियमन) धारा (Securities Contract (Regulation) Act) द्वारा होता है ।
28.

शेयर बाजार के कार्य कौन-से है ? समझाइए ।

Answer»

शेयर बाजार के कार्य (Functions of Share Market) :

(1) तरलता : शेयर बाजार प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय हेतु सतत बाजार प्रदान करते है । निवेशको की इच्छा हो तब प्रतिभूतियों का क्रय व विक्रय कर सकते है । शेयर बाजार तैयार बाजार की सुविधा प्रदान करते है जिससे यह सम्भव बनता है । इस तरह प्रतिभूतियों को तरलता का गुण प्रदान करना यह शेयर बाजार का महत्त्वपूर्ण कार्य है ।

(2) प्रतिभूतियों का मूल्यांकन : प्रतिभूतियों की माँग और पूर्ति के आधार पर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन किया जा सकता है । निवेशक अपनी प्रतिभूतियों का मूल्य जान सकते है । सरकार और लेनदारों को भी प्रतिभूति का मूल्यांकन उपयोगी हो सकता है ।

3. बचत का पूँजी में परिवर्तन : समाज के जिन व्यक्तियों के पास में बचत है और प्रतिभूतियों में निवेश करना चाहते हैं वो प्रतिभूतियों को आसानी से क्रय कर सकते है । उनकी बचत को पूँजी में परिवर्तन होता है ।

4. पूँजी सर्जन में मध्यस्थी : शेयर बाजार स्वयं किसी पूँजी का सर्जन नहीं करते, लेकिन प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय हेतु मंच प्रदान करते है । इस तरह शेयर बाजार पूँजी सर्जन में मध्यस्थी के रूप में भूमिका निभाते हैं ।

5. सौदो की सुरक्षा : शेयर बाजार में विभिन्न सौदे नियम के अनुसार होते है । शेयर बाजार में कार्यरत दलाल सेबी द्वारा निर्मित नियम एवं नियंत्रण में अपनी भूमिका निभाते हैं । जिससे सौदो में सुरक्षा रहती है । जिससे ऐसा बाजार निवेशकर्ताओं के सौद में सुरक्षा प्रदान करता है ।

(6) पूँजी बाजार का विकास : शेयर बाजार के कारण ही जनता की बचत को औद्योगिक प्रवाह की ओर मोडा जा सकता है । कम्पनी स्वरूप के उद्योगों को दीर्घकालीन पूँजी प्राप्त हो जाती है । जनता की बचत को कम्पनी की प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते है । अतः पूँजी बाजार के विकास के साथ में देश का आर्थिक विकास सम्भव बनता है ।

(7) प्रवृत्तियों को करने हेतु विधाएँ : शेयर बाजार अपने सदस्यों को उनकी प्रवृत्तियों को करने हेतु सुविधाएँ प्रदान करता है । जिससे शेयर बाजार के सदस्य निवेशकर्ताओं के हितों का रक्षण कर सकते है ।

8. सट्टे के लिए आवश्यक सुविधाएँ : शेयर बाजार को स्वस्थ सट्टा जीवंत रखता है । सट्टे के सौदो हेतु कानूनी ढाँचे में रहकर आवश्यक सुविधाएँ शेयर बाजार प्रदान करता है ।

(9) जानकारी प्रदान करने में उपयोगी : समाज के विविध पक्षकारों को उपयोगी हो सके इस प्रकार की जानकारी शेयर बाजार प्रदान करता है । जैसे प्रतिभूतियों के मूल्य में होने वाला परिवर्तन, प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय का प्रवाह इत्यादि की जानकारी निवेशको, कम्पनियों, सरकार, सेबी को उपयोगी हो सकती है । यह समस्त जानकारी सरकार की आर्थिक नीति, वित्तीय नीति के निर्माण में उपयोगी होती है । इसके अलावा कम्पनी और राष्ट्र की आर्थिक परिस्थिति और विकास सूचित करता है । अतः शेयर बाजार को देश की आर्थिक स्थिति दर्शाने वाला दर्पण कहा जाता है ।

(10) प्रतिभूतियों का पंजियन : कम्पनी अपनी प्रतिभूतियों के सौदे शेयर बाजार में हो, ऐसी इच्छा रखती हो तो कम्पनी अपनी प्रतिभूतियों का पंजियन शेयर बाजार में कराती है । विभिन्न निवेशकर्ताओं को पंजिकृत प्रतिभूतियों में अधिक विश्वास होता है ।

(11) निवेशकर्ताओं को आवश्यक मार्गदर्शन : शेयर बाजार पंजिकृत कम्पनियों की जानकारी घोषित करता है । इस जानकारी/माहिती के आधार पर निवेशक निर्णय ले सकते है कि कौन-सी कम्पनी की प्रतिभूतियों में निवेश करने योग्य है तथा कौन-सी कम्पनी से प्रतिभूती की रकम वापस लेने योग्य है ।

29.

डिमेट खाता खुलवाने की विधि समझाइए ।

Answer»

डिमटिरियलाइजेशन अर्थात् भौतिक स्वरूप की प्रतिभूतियों का कम्प्युटर द्वारा इलेक्ट्रोनिक डेटा में रूपांतर । जिन्हें संक्षिप्त में डिमेट (Demat) कहा जाता है । डिपोजिटरी कानून 1996 (Depository Act, 1996) के अन्तर्गत निवेशको को भौतिक स्वरूप में अथवा डिमटिरियलाइजड स्वरूप में प्रतिभूतियों को धारण करने का विकल्प मिलता है । निवेशक को डिपोजिटरी की सेवा प्राप्त करनी हो तो उन्हे डिपोजिटरी पार्टिसिपन्ट (Depository Participant) के पास में डिमेट खाता खुलवाना पड़ता है । डिपोजिटरी पार्टीसिपन्ट यह डिपोजिटरी के प्रतिनिधि या एजेन्ट है । डिपोजिटरी या अपने प्रतिनिधि या एजेन्ट के माध्यम से डिमेट की सेवा देते है । निवेशक का डिमेट खाता खुलवाने हेतु निवेदन करता हुआ फॉर्म भरकर डिपोजिटरी पार्टिसिपन्ट को देना पड़ता है ।

30.

सेबी के प्रादेशिक कार्यालय कहाँ पर स्थित है ?(A) अहमदाबाद, दिल्ली, जयपुर(B) कोलकत्ता, दिल्ली और चेन्नई(C) बेंग्लोर, चेन्नई, दिल्ली(D) राजकोट, पूना, कानपुर

Answer»

सही विकल्प है (B) कोलकत्ता, दिल्ली और चेन्नई

31.

नई निर्गमित की जानेवाली जामिनगिरीयों का विक्रय का बाजार अर्थात् …………………….(A) शेयर बाजार(B) प्राथमिक बाजार(C) गौण बाजार(D) सट्टा बाजार

Answer»

सही विकल्प है (A) शेयर बाजार

32.

वित्त (द्रव्य) बाजार के कौन-से साधन हस्तांतरणीय है ?

Answer»

वित्त (द्रव्य) बाजार के निम्न साधन हस्तांतरणीय है ।

  1. कोमर्शियल पेपर (Commercial Papers)
  2. कोमर्शियल बिल (Commercial Bills)
  3. जमा का प्रमाण-पत्र (Certificate of Deposits)
33.

…………………………. अर्थात् भौतिक स्वरूप की जामिनगिरीयों का कम्प्यूटर द्वारा इलेक्ट्रोनिक डेटा में रूपान्तर ।(A) लिबरेलाईजेशन(B) प्राइवेटीलाईजेशन(C) डिमटिरियलाइजेशन(D) रिमटिरियलाइजेशन

Answer»

सही विकल्प है (C) डिमटिरियलाइजेशन

34.

वित्त (द्रव्य) बाजार में कौन-से वित्तीय साधनों का व्यापार होता है ?

Answer»

वित्त (द्रव्य) बाजार में ऊँची तरलता का गुणवाली वित्तीय सम्पत्तियों का व्यापार होता है ।

35.

असंगठित वित्त (द्रव्य) बाजार किसे कहते हैं ?

Answer»

असंगठित वित्त बाजार (Unorganised Money Market) अनौपचारिक होने से इनके उपर किसी केन्द्रीय संस्था का नियंत्रण नहीं होता । इनकी प्रवृत्तियाँ किसी भी नीति-नियम के बिना चलती है । इस वित्त बाजार में वित्त देनेवाले, जमीनदार, वस्तुएँ: गिरवी रखकर वित्त देनेवाले, देशी बैंकर, श्रॉफ आदि का बना हुआ होता है । इन सभी के बीच संकलन का अभाव होता है । असंगठित वित्त बाजार की प्रवृत्तियाँ भारत के ग्राम्य विस्तारों में अधिक विकसित हुई है । ऐसी प्रवृत्तियाँ शहरी विस्तारों में भी देखने को मिलती है ।

36.

वित्त (द्रव्य) बाजार के साधन कौन-से है ?

Answer»

वित्त (द्रव्य) बाजार के साधन निम्न है :

  1. ट्रेजरी बिल (Treasury Bills)
  2. कोमर्शियल पेपर (Commercial Paper)
  3. जमा का प्रमाण-पत्र (Certificate of Deposits)
  4. कोमर्शियल बिल (Commercial Bills)
  5. कॉल/नोटिस मनी (Call and Notice Money)
37.

ट्रेजरी बिल किसे कहते हैं ? अथवा ट्रेजरी बिल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।

Answer»

ट्रेजरी बिल (Treasury Bill) यह अल्पकालीन वित्त प्राप्ति का वित्तीय साधन है जो कि भारत सरकार की और से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) निर्गमित करती है । समग्र विश्व में ट्रेजरी बिल वित्त बाजार के लिए महत्त्व का घटक है । ट्रेजरी बिल द्वारा सरकार अल्प समय के लिए उधार पूँजी प्राप्त करती है । ट्रेजरी बिल की परिपक्वता की तारीख 91 दिन या 182 दिन अथवा 364 दिन की होने से रोकड़ तरलता का गुण होता है । ट्रेजरी बिल शून्य कूपन बोन्ड है, क्योंकि ट्रेजरी बिल पर ब्याज का भुगतान नहीं होता । बट्टे (Discount) से निर्गमित किये जाते है और मूल कीमत पर वापस किये जाते है । जैसे 20,000 रु. के ट्रेजरी बिल 14000 रु. में निर्गमित किये जाये तथा परिपक्व समय पर निवेशकर्ता को मूल कीमत पर 20,000 रु. चुकाये जाये तो इन दोनों के बीच का अन्तर निवेशकर्ता के लिए प्रतिफल कहलाता है ।

38.

NSDL कम्पनी कानून के अनुसार कौन-सी कम्पनी है ?(A) निजी कम्पनी(B) सरकारी कम्पनी(C) सार्वजनिक कम्पनी(D) इनमें से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है (B) सरकारी कम्पनी

39.

नेशनल सिक्योरिटिज डिपोजिटरी लिमिटेड की स्थापना और कामगीरी का आरम्भ कब हुआ ?

Answer»

NSDL की स्थापना व कामगीरी का आरम्भ 1996 में हुआ ।

40.

भारत की प्रथम डिपोजिटरी कौन-सी है ?

Answer»

भारत की प्रथम डिपोजिटरी NSDL – National Securities Depository Limited है ।

41.

डिपोजिटरी का प्राथमिक कार्य कौन-सा है ?

Answer»

डिपोजिटरी का प्राथमिक कार्य भौतिक स्वरूप की प्रतिभूतियों का इलेक्ट्रोनिक स्वरूप में परिवर्तन करना और उनको इलेक्ट्रोनिक स्वरूप में सुरक्षा अथवा देखभाल करना है ।

42.

भारत में वर्तमान में कितनी डिपोजिटरी है ? व कौन-कौन सी ?

Answer»

भारत में वर्तमान में दो डिपोजिटरी है ।

  1. NSDL
  2. CDSL.
43.

अहमदाबाद में शेयर बाजार कब आरम्भ हुआ ?(A) 1994(B) 1875(C) 1894(D) 1951

Answer»

सही विकल्प है (C) 1894

44.

वित्तीय बाजार (Financial Market) को मुख्यत: कितने भागों में व कौन-कौन से भागों में बाँटा गया है ?

Answer»

वित्तीय बाजार को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया गया है :

  1. पूँजी बाजार
  2. वित्त (द्रव्य) बाजार
45.

NSCCL का विस्तृत रूप दीजिए ।

Answer»

NSCCL अर्थात् – National Securities Clearing Corporation Limited.

46.

शेयर बाजार की कार्यप्रणाली पर नियंत्रण कौन रखती है ?(A) RBI(B) SBI(C) SEBI(D) State Government

Answer»

सही विकल्प है (C) SEBI

47.

नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिट लिमिटेड

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NSDL अर्थात् National Securities Depository Limited का संक्षिप्त रूप है । यह कम्पनी कानून अन्तर्गत स्थापित सार्वजनिक कम्पनी है । इनका पंजियन सेबी में 1996 में हुआ था । NSDL की स्थापना नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और कई वित्तीय संस्थाओं के सहयोग से की गई है । यह कम्पनी कानून द्वारा निर्मित सार्वजनिक कम्पनी होने से इनका संचालन संचालक मण्डल (Board of Directors) द्वारा होता है | NSDL अपने कार्य अपने द्वारा नियुक्त डिपोजिटरी पार्टिसिपन्ट द्वारा कराती है । फीस की वसूली डिपोजिटरी पार्टिसिपन्ट के पास से करते है, न कि निवेशक ग्राहकों के पास से । निवेशक फीस के रूप में NSDL को प्रत्यक्ष रूप से कोई खर्च चकाया नहीं जाता । डिपोजिटरी पार्टिसिपन्ट ग्राहक/निवेशक के पास से फीस के रूप में रकम वसूल करती है । यह संस्था डिमटिरियालाइजेशन, रिमटिरियलाइजेशन, इलेक्ट्रोनिक रूप से सौदों का निपटारा, अधिकार के शेयर और बोनस शेयर ग्राहक के खाते में जमा करना, ग्राहक का खाता स्थगित करना इत्यादि सेवाएँ ऑन लाईन प्रदान करती है ।

48.

NEAT का विस्तृत रूप दीजिए ।

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NEAT – National Exchange for Automated Trading.

49.

BOLT का Full Form लिखिए ।

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BOLT – BSE Online Trading

50.

वित्तीय बाजार को मुख्यत: कितने भागों में बाँटा गया है ?(A) चार(B) दो(C) आठ(D) असंख्य

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सही विकल्प है (B) दो