InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
प्रयोगशाला के निर्देश फ्रेम में कोई नाभिक विराम में है । यदि यह नाभिक दो छोटे नाभिकों में विघटित हो जाता हैं , तो यह दर्शाइए कि उत्पाद विपरीत दिशाओं में गति करनी चाहिेए। |
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Answer» नाभिक प्रारम्भ में विराम में हैं , अतः इसका प्रारम्भिक रेखीय संवेग शून्य होगा अर्थात् pi = 0 माना दिया गया नाभिक `m_(1)` व `m_(2)`द्रव्यमान के दो छोटे खण्डों में टूटता हैं जो क्रमशः `v_(1)` व `v_(2)` वेग से गति करते हैं । विघटन के पश्चात् स्पष्टता नाभिक का कुल संवेग `P_(f) = m_(1)v_(1) + m_(2)v_(2)` रेखीय संवेग संरक्षण के नियम से , pi = pf या `0 = m_(1)v_(1) + m_(1) + m_(2)` या ` v_(2) = - (m_(1))/(m_(2))v_(1)` ऋण चिंह प्रदर्शित करता हैं कि `v_(1)` व `v_(2)` परस्पर विपरीत दिशाओं में हैं । |
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| 2. |
किसी व्यक्ति की संहित 70 किग्रा हैं । वह एक गतिमान लिफ्ट में तुला पर खड़ा हैं , यदि लिफ्ट की मशीन में खराबी आ जाये और वह गुरुत्वीय प्रभाव में मुक्त रुप से नीचे गिरे तो पाठ्यांक क्या होगा ? |
| Answer» किसी व्यक्ति की संहित 70 किग्रा हैं । वह एक गतिमान लिफ्ट में तुला पर खड़ा हैं , यदि लिफ्ट की मशीन में खराबी आ जाये और वह गुरुत्वीय प्रभाव में मुक्त रुप से नीचे गिरे तो पाठ्यांक क्या होगा ? | |
| 3. |
जल में तैरता 10 ग्राम संहित के कोई कार्क पर कार्यरत नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा लिखिये । ( बल F = ma अर्थात् किसी अत्वरित कण पर कार्यरत् बल शून्य होता हैं । (`because a = 0 , therefore F = 0` )) |
| Answer» तैरने की अवस्था में , किसी वस्तु का भार उस पर कार्यरत् उत्प्लावन बल से संतुलित होता हैं । अतः जल पर तैरते कार्क पर कार्यरत् परिणामी बल शून्य हैं । | |
| 4. |
कुशलता से आकाश में स्थिर रोकी गई कोई पतंग पर कार्यरत नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा लिखिये । ( बल F = ma अर्थात् किसी अत्वरित कण पर कार्यरत् बल शून्य होता हैं । (`because a = 0 , therefore F = 0` )) |
| Answer» आकाश में पतंग को कुशलता से स्थिर रोका गया हैं , अतः पतंग का त्वरण शून्य हैं । अतः पतंग पर कार्यरत् परिणामी बल F = ma = 0 हैं । | |
| 5. |
30 किमी /घण्टा के एकसमान वेग से उबड़ - खाबड़ सड़क पर गतिशील कोई कार पर कार्यरत नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा लिखिये । ( बल F = ma अर्थात् किसी अत्वरित कण पर कार्यरत् बल शून्य होता हैं । (`because a = 0 , therefore F = 0` )) |
| Answer» क्योंकि कार एक नियत वेग से गति कर रही हैं , अतः इसका त्वरण शून्य हैं । अतः कार पर कार्यरत् बल F = ma = 0 हैं । | |
| 6. |
0.1 किग्रा संहित के पत्थर को स्थिर रेलगाड़ी की खिड़की से गिराने के तुरंत पश्चात् कार्यरत् नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा ज्ञात कीजिए । |
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Answer» पत्थर का द्रव्यमान (m) = 0.1 किग्रा जब पत्थर को स्थिर रेलगाड़ी की खिड़की से गिराया जाता हैं तो यह मुक्त रुप से गुरुत्व के अन्तर्गत गिरती हैं । `therefore` पत्थर का कार्यरत बल `(F) = mg = 0.1xx10` 1.0 N (ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर ) |
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| 7. |
एक समान वृत्तीय गति में कौन सी राशि नियत रहती हैंःA. बलB. त्वरणC. वेगD. चाल |
| Answer» Correct Answer - d | |
| 8. |
समान द्रव्यमान वाले दो कण क्रमशः `r_(1)` व `r_(2)` त्रिज्या के वृत्ताकार पथों पर समान चाल से चल रहे हैं । उन पर आरोपित अभिकेंद्र बल का अनुपात हैं -A. `(r_(2))/(r_(1))`B. `sqrt((r_(2))/(r_(1))`C. `((r_(1))/(r_(2)))^(2)`D. `((r_(2))/(r_(1)))^(2)` |
| Answer» Correct Answer - a | |
| 9. |
किसी वस्तु को वृत्तीय पथ पर चलाने के लिए हमें वस्तु पर आरोपित करना पड़ता हैंःA. अभिकेंद्र बलB. अपकेंद्र बलC. जड़त्वीय बलD. गुरुत्वीय बल |
| Answer» Correct Answer - a | |
| 10. |
एकसमान चाल से नीचे गिरती वर्षा की कोई बूँद पर कार्यरत नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा लिखिये । ( बल F = ma अर्थात् किसी अत्वरित कण पर कार्यरत् बल शून्य होता हैं । (`because, a = 0 , therefore F = 0` )) |
| Answer» क्योंकि वर्षा की बूँद एक नियत चाल से नीचे गिर रही हैं , अतः इसका त्वरण शून्य हैं । न्यूटन के गति के व्दितीय नियम से , बूँद पर कार्यरत् परिणामी बल F = ma = 0 हैं । | |
| 11. |
समान द्रव्यमान के दो कण क्रमशः `r_(1)` व `r_(2)` त्रिज्या के वृत्ताकार पथों पर चल रहे हैं । यदि उन पर लगे अभिकेंद्र बला हैं तो उनके कोणीय वेगों का अनुपात हैं -A. `(r_(2))/(r_(1)`B. `sqrt((r_(2))/(r_(1))`C. `((r_(1))/(r_(2)))^(2)`D. `((r_(2))/(r_(1)))^(2)` |
| Answer» Correct Answer - b | |
| 12. |
द्रव्यमान का एक कण त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर एकसमान चाल से गतिमान हैं । कण पर कार्यरत अभिकेद्र बल हैं -A. `(mv)/(r)`B. mvrC. `(mv)/(r^(2))`D. `(mv^(2))/(r)` |
| Answer» Correct Answer - d | |
| 13. |
m द्रव्यमान का कण r त्रिज्या के वृत्त पर एकसमान कोणीय वेग `omega` से चक्कर लगा रहा हैं । कण पर कार्यरत अभिकेंद्र बल हैं -A. `mromega`B. `mr^(2)omega`C. `mromega^(2)`D. `mr^(2)omega^(2)` |
| Answer» Correct Answer - c | |
| 14. |
एक 2 किग्रा का कण 5 चक्कर प्रति मिनट (rpm) की चाल से क्षैतिज वृत्त में घूम रहा हैं । त्रिज्या स्थिर रखते हुये तनाव दोगुना कर दिया जाता हैं । नया कोणीय वेग क्या हैं ?A. 14 rpmB. 10rpmC. 2.25 rpmD. 7 rpm |
| Answer» Correct Answer - d | |
| 15. |
वह अधिकतम चाल ज्ञात कीजिये जिससे क्षैतिज सड़क पर 30 मीटर त्रिज्या के मोड़ पर कोई कार मुड़ सकें , यदि रबड़ तथा सड़क के बीच घर्षण गुणांक 0.4 हो । ( `g = 10 "मीटर / सेकण्ड"`^(2)`) |
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Answer» क्षैतिज सड़क पर मुड़ने के लिये आवश्यक अभिकेंद्र बल घर्षण बल से प्राप्त होता हैं , जिसके लिए `v_(max) = sqrt(mu_(s) rg)` ` प्रश्न में , `mu_(s) = 0.4 , r = 30` मीटर , `g = 10 "मीटर/सेकण्ड"`^(2)` `v_(max) = sqrt(0.40 xx30 xx10)` = 11 मीटर / सेकण्ड |
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| 16. |
एक कार किसी समतल मोड़ पर 10 मीटर /सेकण्ड की चाल से मुड़ रही हैं । यदि टायर और सड़क के बीच घर्षण गुणांक 0.5 हो तो मोड़ की न्यूनतम त्रिज्या क्या होगी जिससे कार न फिसले ( `g = 10 "मीटर/सेकण्ड"`^(2)`) |
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Answer» यदि मोड़ की न्यूनतम त्रिज्या हो तब - `v = sqrt(murg)` `therefore r = (v^(2))/(mug) = ((10)^(2))/(0.5xx10)` = 20 मीटर |
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| 17. |
किसी सड़क के मोड़ पर ढलान कोण `tan^(-1)((1)/(10))` तथा मोड़ की त्रिज्या 100 मीटर हैं । g = 10 `"मीटर / सेकण्ड"^(2)` मानकर ज्ञात कीजिये कि मोड़ पर वाहन के लिये निर्धारित चाल क्या होगी । |
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Answer» ढलान कोण `theta = tan^(-1)((1)/(10)), therefore tantheta = (1)/(10)` , मोड़ की त्रिज्या r = 100 मीटर ढालू मोड़ के लिये , `tan theta = (v^(2)) / (rg)` `therefore v^(2) = rg tantheta = 100xx10xx(1)/(10) = 100` `therefore` v = 10 मीटर/सेकण्ड |
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| 18. |
किसी मोड़ पर सड़क के ढलान कोण का सूत्र हैं -A. `tantheta = (vg)/(r)`B. `tantheta = (v^(2))/(rg)`C. `tantheta = (rg)/(v^(2))`D. `tantheta = (v^(2)r)/(g)` |
| Answer» Correct Answer - b | |
| 19. |
यदि प्रश्न 32 मे पत्थर की चाल की अधिकतम निर्धारित सीमा में भी अधिक कर दिया जाये तथा डोरी यकायक टूट जाये , तो डोरी के टूटने के पश्चात् पत्थर के प्रक्षेप का सही वर्णन निम्नलिखित में से कौन करता हैं ? (i) वह पत्थर झटके के साथ त्रिज्यतः बाहर की ओर जाता हैं । (ii) डोरी टूटने के क्षण पत्थर स्पर्शरेखीय पथ पर उड़ जाता हैं । (iii) पत्थर स्पर्शी से किसी कोण पर , जिसका परिमाण पत्थर की चाल पर निर्भर करता हैं , उड़ जाता हैं । |
| Answer» जब एक पत्थर को डोरी से बाँधकर वृत्तीय पथ में घुमाया जाता हैं तब किसी बिंदु पर पत्थर का वेग उस बिंदु पर स्पर्श रेखा की दिशा में होता हैं । यदि डोरी अचानक टूट जाये तो पत्थर वेग की दिशा में स्पर्श रेखा के अनुदिश गति करेगा । विकल्प (ii) सही हैं । | |
| 20. |
किसी सड़क के मोड़ पर 60 किमी /घण्टा की चाल से गाड़ियों के चलने के लिये सड़क का ढलान कोण क्या होगा , जबकि मार्ग की त्रिज्या 0.1 किमी हैं (` g = 10 "मीटर / सेकण्ड"`^(2)`) |
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Answer» मोड़ पर ढलान कोण `theta` के लिए सूत्र- `tan theta = (v^(2))/(rg)` प्रश्न में , v = 60 किमी / घण्टा = `60xx(15)/(18)` मीटर / सेकण्ड = `(50)/(3)` r = 0.1 किमी = 100 मीटर g = 10 "मीटर /सेकण्ड"`^(2)` ` therefore tan theta =((50)/(3) xx (50)/(3))/(100xx10) = (50)/(18)` अथवा `theta = tan^(-1)((5)/(18))` |
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| 21. |
कोई वायुयान अपने पंखों को क्षैतिज से `15^(@)` के झुकाव पर रखते हुए 720 किमी `"घण्टा"^(-1)` की चाल से एक क्षैतिज लूप पूरा करता हैं । लूप की त्रिज्या क्या हैं ? |
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Answer» वायुयान की चाल v = 720 किमी/ घण्टा = `720xx(5)/(18)` मीटर/सेकण्ड ( `because 1 "किमी /घण्टा" = (5)/(18) "मीटर /सेकण्ड"` ) 200 मीटर / सेकण्ड झुकाव कोण `theta = 15^(@)` गुरुत्वीय त्वरण `g = 9.8 "मीटर/सेकण्ड"^(2)` मोड पर `tan theta = (v^(2))/(rg)` या ` r = (v^(2))/ ( g tan theta ) = ((200)^(2))/(9.8 xx tan^15(@))` = 15240 मीटर `= 15.24 xx 10^(3)` मीटर = 15.24 किमी |
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| 22. |
l लम्बाई की डोरी का एक सिरा m संहति के किसी कण से तथा दूसरा सिरा चिकनी क्षैतिज मेज पर लगी खूँटी से बँधा हैं । यदि कण v चाल से वृत्त में गति करता हैं , तो कण पर ( केंद्र की ओर निर्देशित ) नेट बल हैं - डोरी में तनाव हैं । (सही विकल्प चुनिये । )A. TB. `T- (mv^(2))/(l)`C. `T + (mv^(2))/(l)`D. 0 |
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Answer» जब डोरी से बँधा कोई कण वृत्तीय पथ पर गति करता हैं , तो आवश्यक अभिकेंद्र बल डोरी में तनाव से प्राप्त होता हैं । `therefore` कण पर केंद्र की ओर कार्यरत परिणामी बल = अभिकेंद्र बल = डोरी में तनाव = T `therefore` सही विकल्प T हैं । |
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| 23. |
किसी डोरी के एक सिरे से बँधा 0.25 किग्रा संहति का कोई पत्थर क्षैतिज तल में 1.5 मीटर त्रिज्या के वृत्त पर 40rev/min की चाल से चक्कर लगाता हैं ? डोरी में तनाव कितना हैं ? यदि डोरी 200 N के अधिकतम तनाव को सहन कर सकती हैं , तो वह अधिकतम चाल ज्ञात कीजिए जिससे पत्थर को घुमाया जा सकता हैं । |
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Answer» पत्थर की संहति m = 0.25 किग्रा डोरी की लम्बाई r = 1.5 मीटर आवृत्ति v =40rev/min = `(40)/(60)`rev/दिक्स्थान `(2)/(3)rev/s` वृत्तीय गति के लिए आवश्यक अभिकेंद्र बल डोरी में तनाव से प्राप्त होता हैं । `therefore` डोरी में तनाव अभिकेंद्र बल `T = mromega^(2)` `= mr(2piv)^(2) [ because omega = 2pi lamda`] = ` mr4pi^(2)v^(2)` = `0.25 xx 1.5 xx 4 xx((22)/(7))^(2)xx((2)/(3))^(2)` = 6.6 N डोरी व्दारा सहन किया जा सकने वाला अधिकतम तनाव ` T_(max) = 200N` `therefore T_(max) = mv_(max)^(2)` ` v_(max)^(2) = (T_(max) xx r )/(m) = (200xx 1.5)/(0.25) = 1200 ` `therefore v_(max) = sqrt(1200) = 34.6` मीटर /सेकण्ड |
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| 24. |
दो बिलियर्ड गेंद जिनमें प्रत्येक की संहति 0.05 किग्रा हैं , की चाल से विपरीत दिशाओं में गति करती हुई संघट्ट करती हैं और संघट्ट के पश्चात् उसी चाल से वापस लौटती हैं । प्रत्येक गेंद पर दूसरी गेंद कितना आवेग लगाती हैं ? |
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Answer» प्रत्येक गेंद का द्रव्यमान m = 0.05 किग्रा प्रत्येक गेंद की चाल v = 6 मीटर /सेकण्ड संघट्ट से पहले प्रत्येक गेंद का संवेग Pi = mv `= 0.05xx6 ` = 0.30 किग्रा - मीटर/सेकण्ड संघट्ट के पश्चात् प्रत्येक गेंद उसी चाल से वापस लौटती हैं । अतः संघट्ट के पश्चात् प्रत्येक गेंद का संवेग P(f) = m( - v) `= 0.05 xx (-6)` = -0.30 किग्रा - मीटर/सेकण्ड प्रत्येक गेंद पर लगाया गया आवेश = उसके संवेग में परिवर्तन `= P_(f) - P_(i)` = - 0.30 - ( 0.30) = - 0.60 किग्रा - मीटर /सेकण्ड |
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| 25. |
3.0 किग्रा संहति के किसी पिण्ड पर आरोपित कोई बल 25 सेकण्ड में उसकी चाल को `2.0ms^(-1)` से `3.5ms^(-1)` कर देता हैं । पिण्ड की गति की दिशा अपरिवर्तित रहती हैं । बल का परिमाण व दिशा क्या हैं ? |
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Answer» पिण्ड की संहति m = 3.0 किग्रा प्रारम्भिक चाल u = 2.0 मीटर/सेकण्ड अंतिम चाल v = 3.5 मीटर / सेकण्ड समय t = 25 सेकण्ड बल F = ? गति के प्रथम समीकरण v = u + at से `therefore 3.5 = 2.0 + a xx 25` अथवा `a = (3.5 - 20)/(25) "मीटर / सेकण्ड"^(2)` त्वरण `a = (15)/(25) "मीटर / सेकण्ड"^(2)` `therefore` पिण्ड पर कार्यरत् बल F = ma ` = 3.0 xx (15)/(25) = (4.5)/(25) N ` = 0.18 N क्योंकि पिण्ड की गति की दिशा अपरिवर्तित रहती हैं , इसलिए पिण्ड पर कार्यरत् बल की दिशा गति की दिशा में हैं । |
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| 26. |
15 ms^(-1) की आरम्भिक चाल से गतिशील 20 किग्रा संहति के किसी पिण्ड पर 50 N का स्थाई मंदन बल आरोपित किया गया हैं । पिण्ड को रुकने में कितना समय लगेगा ? |
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Answer» मन्दन बल F = -50 N पिण्ड की संहति m = 20 प्रारम्भिक चाल u = 15 अंतिम चाल v = 0 समय t = ? बल F = ma या a = `(F)/(m) = - (50)/(20)` = - 2.5 मीटर/ सेकण्ड ( प्रतिकर्षण) गति के समीकरण v = u + at से, `therefore` 0 = 15 + (- 2.5) t अथवा t = (15)/(25) = 6 सेकण्ड |
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| 27. |
उत्तर दिशा की ओर `10ms^(-1)` की एकसमान आरम्भिक चाल से गतिमान 0.4 किग्रा संहित के किसी पिण्ड पर दक्षिण दिशा के अनुदिश 8.0 N का स्थायी बल 30 s के लिए आरोपित किया गया हैं । जिस क्षण बल आरोपित किया गया उसे t = 0 तथा उस पिण्ड की स्थिति x = 0 लीजिए । t = 100 s पर इस कण की स्थिति क्या होगी ? |
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Answer» पिण्ड का द्रव्यमान m = 0.40 किग्रा पिण्ड की प्रारम्भिक चाल u = 10 मीटर /सेकण्ड (उत्तर की ओर ) बल F = 8.0 N (दक्षिण की ओर ) = - 8.0 N ( ऋणात्मक चिंह प्रदर्शित करता हैं कि यह एक मंदन बल हैं ) समय t = 30s समय t = 0 पर पिण्ड की स्थिति x = 0 t = 100 s पर पिण्ड की स्थिति समय t = 0 s से t = 30 s तक पिण्ड त्वरित गति में हैं उसके पश्चात् यह t = 30 s से t = 100 s तक नियत चाल से गति करता हैं । 30 मे तय की गई दूरी ` x_(30) = 10xx30+(1)/(2)(-20)xx(30)^(2)` = 300 - 9000 = - 8700 मीटर t = 30 s पर पिण्ड की वेग v = u + at ` = 10 + (-20)xx30` = 10 - 600 = - 590 मीटर/सेकण्ड पिण्ड व्दारा समयान्तराल t = 30 s से t = 100 s तक तय की गई दूरी ` x_(70) = vt = ( -590)xx70` = - 41300 मीटर `therefore` t = 100 s पर पिण्ड की स्थिति `x_(100) = x_(30) + x_(70)` = - 8700 + (-41300) मीटर = - 50000 मीटर = - 50 किमी |
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| 28. |
चित्र में दर्शाए अनुसार 50 किग्रा संहति का कोई व्यक्ति 25 किग्रा संहति के किसी गुटके को दो भिन्न ढंग से उठाता हैं । दोनों स्थितियों में उस व्यक्ति व्दारा फर्श पर आरोपित किया - बल कितना हैं यदि 700 अभिलम्ब बल से फर्श धँसने लगता हैं , तो फर्श को धँसने से बचाने के लिए उस व्यक्ति को गुटके को उठाने के लिए कौन - सा ढंग अपनाना चाहिए |
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Answer» गुटके की संहति m = 25 किग्रा व्यक्ति की संहति M = 50 किग्रा गुटके को उठाने के लिए आवश्यक बल F = गुटके का भार = ` 25 xx 10 = 250 N` व्यक्ति का भार `W = Mg = 50 xx10 = 500 N ` स्थिति (a) में यदि व्यक्ति चित्र (a) में दर्शायी गई स्थिति के अनुसार गुटके को ऊपर उठाता हैं तो व्यक्ति व्दारा बल ऊपर की ओर लगाया जाता हैं जिस कारण संहति का आभासी भार बढ़ जाता हैं । अतः व्यक्ति व्दारा फर्श पर आरोपित क्रिया बल = F + W = 250 + 500 = 750 N स्थिति (b) में यदि व्यक्ति चित्र (b) में दर्शायी गई स्थिति के अनुसार गुटके को ऊपर उठाता हैं तो व्यक्ति व्दारा बल नीचे की दिशा में लगाया जाता हैं जिसके कारण व्यक्ति का आभासी भार घट जाता हैं । अतः व्यक्ति व्दारा फर्श पर लगाया गया क्रिया बल = mg - F = 500 - 250 = 250 N फर्श 700 N के अभिलम्ब बल व्दारा धँसने लगता हैं । स्थिति (a) में फर्श पर आरोपित क्रिया बल 700 N से अधिक है तथा स्थिति (b) में 700 Nसे कम हैं । अतः व्यक्ति को गुटका उठाने के लिए तरीका (b) अपनाना चाहिए । |
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| 29. |
1 किग्रा द्रव्यमान के कण को 1 मीटर लम्बी भारहीन डोरी से बाँधकर क्षैतिज वृत्त में `(2/pi)` चक्कर प्रति सेकण्ड की दर से घुमाया जाता हैं । कण का भार नगण्य न मानते हुए ज्ञात कीजिए - (a) डोरी में तनाव (b ) ऊर्ध्वाधर से डोरी का कोण (c) कण का रेखीय वेग (d) कण का आवर्तकाल `(g = 10 "मीटर / सेकण्ड"^(2))` |
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Answer» कण का द्रव्यमान नगण्य नही हैं । अतः डोरी क्षैतिज नहीं रहेगी तथा कण शंकु लोलक निर्मित करेगा । चित्र 8.3 के अनुसार , m = 1किग्रा, l = 1मीटर कण की आवृत्ति `f = (2)/(pi)` चक्कर /सेकण्ड अतः कोणीय आवृत्ति `omega = 2pif = 4` रेडियन / सेकण्ड कण के ऊर्ध्वाधर संतुलन के लिये , `Tcostheta = mg` ...(1) वृत्तीय गति के लिये , ....(2) (a) डोरी में तनाव - समीकरण (2) से , `T = mromega^(2)/(sintheta)` `= mlomega^(2) [because sintheta = (r)/(l)]` ` = lxx1xx(4)^(2) = 16` (b) ऊर्ध्वाधर से डोरी का कोण - समीकरण (1) से `costheta = (mg)/(T) = (1xx10)/(16) = (5)/(8) therefore theta = cos^(-1)((5)/(8))` (c) कण का रेखीय वेग `v = romega` चित्र से , `r = sintheta = lsqrt(1-cos^(2)theta) = 1sqrtroot(1 - (5)/(8)^(2))` `= sqrt(39)/(8)` मीटर `v = sqrt(39)/(8) xx 4 = sqrt(39)/(2) = 3.12` मीटर/सेकण्ड (d) आवर्तकाल `t = (1)/(f) = (pi)/(2) = 1.57` सेकण्ड |
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| 30. |
15 सेमी त्रिज्या का कोई बड़ा ग्रामोफोन रिकॉर्ड ` 33xx(1)/(3) rev//min` की चाल से घूर्णन कर रहा हैं । रिकॉर्ड पर उसके केंद्र से 4 सेमी तथा 14 सेमी की दूरियों पर दो सिक्के रखे गये हैं । यदि सिक्के तथा रिकॉर्ड के बीच घर्षण गुणांक 0.15 हैं , तो कौन - सा सिक्का रिकॉर्ड के साथ परिक्रमा करेगा ? |
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Answer» घूर्णन की आवृत्ति `v = 33xx(1)/(3) = (100)/(3)rev/min` `= (100)/(3 xx 60) rev/s` ` (5)/(9)rev/s` `therefore` कोणीय वेग (`omega`) = `2pi v` ` = 2 xx (22)/(7)xx(5)/(9) ` `= (220)/(63)rad/s` ग्रामफोन रिकार्ड की त्रिज्या (r) = 15 सेमी पहले सिक्के A की केंद्र से दूरी `x_(1) = 4` सेमी दूसरे सिक्के B की केंद्र से दूरी `x_(2) = 0.15` सेमी रिकॉर्ड एंव सिक्कों के बीच घर्षण गुणांक = 0.15 यदि सिक्के एंव रिकॉर्ड के बीच घर्षण बल अभिकेंद्र बल प्रदान करने के लिए पर्याप्त हैं तब सिक्का रिकॉर्ड के साथ घूमता रहेगा । `therefore` फिसलने से रोकने के लिए (रिकॉर्ड के साथ सिक्के के घूर्णन के लिए ) घर्षण बल `f gt "अभिकेंद्र बल" (f_(c))` या `mu mg ge mromega^(2)` या ` mu g ge romega^(2)` पहले A सिक्के के लिए , `r omega^(2) = (4)/(100) xx ((200)/(63))^(2)` ` = (4 xx 220 xx 220)/(100xx 63 xx 63)` = 1.707 मीटर/सेकण्ड `mu g = 1.47 "मीटर/सेकण्ड"^(2)` यहाँ `mu g gt r omega^(2)` , अतः सिक्का रिकॉर्ड के साथ घूमेगा । दूसरे सिक्के B के लिए , `romega^(2) = (14)/(100)xx((220)/(63))^(2)` `= ( 14xx220xx220)/(100xx63xx63)` = 1.707 मीटर/सेकण्ड तथा `ug = 1.47 "मीटर/सेकण्ड "^(2)` यहाँ `mu g lt r omega^(2)` , अतः अभिकेंद्र बल घर्षण बल से प्राप्त नहीं हो पायेगा । जिस कारण सिक्का रिकॉर्ड के साथ नही घूमेगा । |
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| 31. |
किसी स्थान मे वृत्ताकार मोड़ वाले किसी मार्ग पर एक कार चल रही हैं । जब कार मार्ग के वृत्ताकार भाग पर आती हैं तब इसके कौन से पहिये थोड़े से ऊपर उठ जाते हैं ।A. बाहर वालेB. भीतर वालेC. आगे वालेD. पीछे वाले |
| Answer» Correct Answer - b | |
| 32. |
आपने सर्कस में मौत के कुएँ ( एक खोखला जालयुक्त गोलीय चैम्बर ताकि उसके भीतर के क्रियाकलापों को दर्शक देख सकें) में मोटरसाइकिल सवार को ऊर्ध्वाधर लूप में मोटरसाइकिल चलाते हुए देखा होगा । स्पष्ट कीजिए कि वह मोटरसाइकिल सवार नीचे से कोई सहारा न होने पर भी गोले के उच्चतम बिंदु से नीचे क्यों नहीं गिरता यदि चैम् की त्रिज्या 25 मीटर हैं , तो ऊर्ध्वाधर लूप को पूरा करने के लिए मोटरसाइकिल की न्यूनतम चाल कितनी होनी चाहिए ? |
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Answer» जब मोटरसाइकिल सवार मौत के कुएँ के उच्चतम बिंदु पर हैं , तब मोटरसाइकिल सवार का भार तथा गोलीय चैम् की लम्बवत् प्रतिक्रिया R नीचे की ओर हैं । ये बल बाहर की ओर कार्यरत् अपकेंद्र बल व्दारा संतुलित किये जाते हैं । ` R + mg = ( mv^(2))/(r) ` जहाँ , v = मोटरसाइकिल सवार की चाल m = ( मोटरसाइकिल सवार ) का द्रव्यमान r = मौत के कुएँ की त्रिज्या मोटरसाइकिल सवार पर कार्यरत् सभी बल संतुलन में हैं , अतः वह नीचे नहीं गिरेगा । ऊर्ध्वाधर लूप को पूर्ण करने के लिए आवश्यक न्यूनतम चाल के लिए ` mg = (mv_(min)^(2) ) /(r)` ( `therefore` इस स्थिति में वस्तु का भार = अभिकेंद्र बल ) या `v_( min) = sqrt(rg)` = `sqrt(25 xx 9.8)` = 15.65 मीटर/सेकण्ड |
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