This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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निश्चित लक्ष्य तक पहुँचने के लिए कवि ने क्या माँगा और क्यों माँगा है? |
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Answer» निश्चित लक्ष्य तक पहुँचने के लिए कवि ने पैर और पंख माँगे हैं; क्योंकि मनुष्य और पक्षी के लिए नियत स्थान (लक्ष्य की प्राप्ति) पर पहुँचने के लिए पैर और पंख जरूरी हैं। |
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नवजागरण से क्या तात्पर्य है? |
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Answer» धर्म तथा समाज संबंधित पुरानी परंपराओं एवं मान्यताओं में परिवर्तन लाने के लिए किए गए प्रयास। |
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सावित्री फूले कौन थी? इनके कार्यों पर प्रकाश डालिए। |
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Answer» सावित्री फूले ज्योतिबा फूले की पत्नी थीं। इन्होंने पुणे में प्रथम बालिका विद्यालय की शुरुआत की। शिक्षा से जुड़े कार्यों के साथ-साथ इनका अन्य सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय योगदान था। |
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ज्योतिबा फूले ने किस समाज का गठन किया? |
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Answer» ज्योतिबा फूले ने सत्यशोधक समाज का गठन किया। |
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‘पथ मेरा आलोकित कर दो’ शीर्षक कविता में कवि क्या वरदान माँग रहा है? |
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Answer» इस कविता में कवि ईश्वर से ज्ञान रूपी प्रकाश का वरदान माँग रहा है। |
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निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट करो-नभ कहता है. फैलो इतना, ढक लो तुम सारा संसार। |
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Answer» आकाश हमें अपने समान महान व्यक्तित्व बनने की प्रेरणा देता है। |
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निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट करो-भर लो, भर लो अपने मन में, मीठी-मीठी मृदुल उमंग। |
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Answer» पानी की लहर मन में मधुर उत्साह (जोश) भर लेने की बात कहती है। |
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चिता किसे जलाती है? |
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Answer» चिता निर्जीव शरीर को जलाती है। |
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गांधी जी किस भूल के लिए जीवन भर पछताते रहे और इसके लिए उन्होंने क्या सुझाव दिया है? |
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Answer» पढ़ाई में अक्षर अच्छे होना जरूरी नहीं है अपनी इस भूल को लेकर गांधी जी जीवनभर पछताते रहे। इसके लिए उन्होंने सुझाव दिया कि मोती जैसे अक्षर लिखने के लिए बालक को चित्रकला सीखनी चाहिए। |
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चिंता किसे जलाती है? |
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Answer» चिंता जीवित को जलाती है। |
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कौन अपनी प्रशंसा नहीं करते हैं ? |
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Answer» बडे लोग अपनी प्रशंसा नहीं करते हैं। |
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आधुनिक भारत का निर्माता किसे माना जाता है?(क) स्वामी विवेकानन्द को(ख) रामकृष्ण परमहंस को(ग) स्वामी दयानन्द सरस्वती को(घ) राजा राममोहन राय को |
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Answer» सही विकल्प है (घ) राजा राममोहन राय को |
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किसके बिना मनुष्य का अस्तित्व व्यर्थ है? |
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Answer» पानी अर्थात् इज्जत के बिना मनुष्य का अस्तित्व व्यर्थ है। |
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जय सिंह, सरदार चढ़त सिंह, चौधरी फूल सिंह तथा गुलाब सिंह ने क्रमशः किन-किन मिसलों की स्थापना की? |
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Answer» जय सिंह, सरदार चढ़त सिंह, चौधरी फूल सिंह तथा गुलाब सिंह ने क्रमशः कन्हैया, शुकरचकिया, फुल्कियां तथा डल्लेवालिया मिसल की स्थापना की। |
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इन शब्दों के अलग-अलग अर्थ लिखिएः1. वर2. सर3. पर4. जान |
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Answer» 1. वर – वरदान, दूल्हा 2. सर – अमृत, पृथ्वी 3. पर – पंख, लेकिन 4. जान – प्राण, जानना |
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ब्रह्म समाज की स्थापना की-(क) स्वामी विवेकानंद ने(ख) राजा राम मोहन राय ने(ग) दयानंद सरस्वती ने(घ) महादेव गोविंद रानाडे ने |
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Answer» सही विकल्प है (ख) राजा राम मोहन राय ने |
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तुकांत शब्द लिखिए1. पान2. कुसंग3. डारि4. बोल |
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Answer» 1. पान – खान 2. कुसंग – सत्संग 3. डारि – तलवारि 4. बोल – मोल |
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बालक करन ‘किस्मत का खेल’ के प्रति कैसे आकर्षित हुआ? |
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Answer» दुकानदार ने बूढ़े और एक लड़के को, अच्छा इनाम देकर करन को उकसाया, जिस कारण वह आकर्षित हुआ। |
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राजा किस प्रकार का महल बनाना चाहता था? |
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Answer» राजा ऐसा महल बनाना चाहता था, जो केवल एक स्तंभ पर टिका हो। |
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राजकुमारी ने राजा से क्या कहा? |
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Answer» राजकुमारी ने राजा से कहा, “पिता जी, देवदार तो पवित्र वृक्ष है।” |
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वनदेवी ने वृक्ष को तीन बार में काटने को क्यों कहा? |
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Answer» क्योंकि तीन बार में काटने से वृक्ष के नीचे उगे छोटे देवदार के पौधे नष्ट होने से बच जाते। |
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रहीम ने सज्जनों के बारे में क्या कहा है ? सोदाहरण समझाइए |
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Answer» रहीम कहते है कि सज्जन दूसरों के कल्याण के लिए संपत्ति का संग्रह करते हैं। उदाहरण पेड अपने फल खुद नहीं खाते और सरोवर अपना पानी खुद नहीं पीते। |
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रहीम जी ने चिता और चिंता के अंतर को कैसे समझाया है? स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» रहीम जी चिता और चिन्ता के अंतर स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि चिता केवल निर्जीव को जलाती है लेकिन चिंता जीवित मनुष्य को निरंतर जलाती रहती है। चिंता चिता से भी ज्यादा दुःख देती है। चिन्ता चिता से अधिक विनाशकारी होती है। इसीलिए चिंता का धैर्य से सामना कर उसे दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। |
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रहीम के दोहे कवि परिचय : |
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Answer» रहीम का पूरा नाम है अब्दुर्रहीम खानखाना। आपके पिता बैरमखाँ खानखाना थे। अब्दुर्रहीम खानखाना मुगल सम्राट अकबर के मंत्री और सेनापति थे। बचपन से ही आपकी रुचि साहित्य की ओर थी। आपने अनेक भाषाओं में दक्षता प्राप्त की थी और बड़ी सफलता के साथ तुर्की, फारसी, अरबी, संस्कृत और हिन्दी का प्रयोग अपनी रचनाओं में किया था। अवधी, ब्रज और खड़ी बोली पर आपका असाधारण अधिकार था। आपके काव्य में भाषा-वैविध्य, छंद-वैविध्य और विषय-वैविध्य है। |
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शुद्ध रूप लिखिए :1. रुबतर2. गजंभु3. वातरिल4. प्रतिकृ5. कातहिजर |
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Answer» 1. रुबतर – तरूवर 2. गजंभु – भुजंग 3. वातरिल – तलवारी 4. प्रतिकृ – प्रकृति 5. कातहिजरप – परकाजहि |
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रहीम के अनुसार भू पर किस प्रकार के लोगों का जन्म लेना व्यर्थ है? |
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Answer» रहीम के अनुसार जिसके पास न विद्या है, न बुद्धि है, न धर्म-कर्म है और न यश है, जिन्होने कभी दान नहीं दिया है, ऐसे लोगों का भू पर जन्म लेना व्यर्थ है। |
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अहंकार के संबंध में रहीम के विचार व्यक्त कीजिए। |
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Answer» रहीम कहते हैं कि ईश्वर की भक्ति बिना अहंकार के करनी चाहिए। क्योंकि जब तक हममें अहंकार रहेगा, तब तक ईश्वर प्रसन्न नहीं होंगे। जब अहंकार छोड़ देंगे, तो ईश्वर की कृपा हो जाएगी। जहाँ अहंकार है, वहाँ भगवान नहीं और जहाँ भगवान है, वहाँ अहंकार नहीं। |
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रहीम के दोहे का सारांश अँग्रेजी में लिखें। |
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Answer» The following are a collection of verses by the poet Rahim. The following are a collection of verses by the poet Rahim. 3. Rahim says that there is a lot of difference between ‘chitha’ (funeral pyre) and ‘chinta’ (tension/stress). While the funeral pyre burns off a lifeless, dead body, stress and tension burn up a living person from the inside. Rahim means to say that stress and tension are far more dangerous than a funeral pyre. Therefore, we must aim to live a stress-free or tension-free life. 4. Rahim begins this verse with the adage ‘As you sow, so shall you reap’. Rahim implies that whether the fruits of our labour are sweet or otherwise, depends on our deeds. Our deeds define the fruits of our actions. Therefore, Rahim tells us to do good deeds and not worry about the fruits of those deeds. He compares this situation to a game of chess. We might have the chess pieces in our hands but the outcome of the game is not in our hands. 5. The poet Rahim says that the lane of devotion and love towards God is very narrow. Only one can enter, not even two. Therefore, if there is any arrogance in us, we cannot reach God, and if we reach God, there will not be any trace of arrogance in us. 6. In this verse, Rahim warns us about the problems that are caused by the tongue. According to the poet, the tongue must always be kept in control. This is because the tongue is the root cause of all fights. All the thoughts about heaven and hell are expressed through the tongue. Whatever the tongue speaks, it speaks and then goes back into the mouth. However, the downside of this is that whenever the tongue speaks something bad, the head is showered with blows from people’s shoes. 7. In the next verse, Rahim says that even the little amount of water that is present in sewage or sludge is blessed because tiny life forms can live off it. Of what use are the infinite waters of the ocean, which is salty and which no one can drink? In this situation, of what use is the vastness of the ocean. 8. In the last verse, Rahim says that whatever work is to be done, it must be done at the right time and in the right manner. If we focus on one task at a time, then we will be able to accomplish all the tasks that are to be completed. Instead, if we try to take on all the tasks at once, then we will be unable to finish even one, and all tasks will be left incomplete. In the same manner, if we water and nourish the roots of a tree, on its own, the whole tree will flower and bear fruit. |
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वनदेवी राजा के स्वप्न में प्रकट हुई, क्योंकि-(क) वह राजा से भेंट करना चाहती थी।(ख) वह राजा से बदला लेना चाहती थी।(ग) वह राजा को वृक्ष काटने से रोकना चाहती थी। |
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Answer» सही विकल्प है (ग) वह राजा को वृक्ष काटने से रोकना चाहती थी। |
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इन वाक्यों को शुद्ध करके लिखो-(क) हिमालय तलहटी में एक राजा राज्य करती थी।(ख) उसके स्वप्न में एक दिव्य मूर्ति प्रकट हुआ।(ग) मेरा विनती है कि आप यह विचार त्याग दें।(घ) वृक्ष को नहीं काटी जाएगी। |
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Answer» (क) हिमालय की तलहटी में एक राजा राज्य करता था। |
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वनदेवी के अंतिम निवेदन से राजा पर क्या प्रभाव पड़ा? |
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Answer» वनदेवी के अंतिम निवेदन से राजा बहुत प्रभावित हुआ। उसने महल को लकड़ी के स्तंभ के स्थान पर पत्थर के स्तंभ से बनवाया। |
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राजा ने अपने प्रधानमंत्री को क्या आज्ञा दी? |
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Answer» राजा ने प्रधानमंत्री को आज्ञा दी कि जंगल के सबसे ऊँचे, विशाल देवदार वृक्ष को काटकर लाया जाए। |
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वनदेवी ने स्वप्न में राजा से क्या निवेदन किया? |
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Answer» वनदेवी ने स्वप्न में राजा से निवेदन किया कि वह वृक्ष काटने का विचार त्याग दे। |
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हीरे के बड़प्पन को रहीम ने कैसे बताया है ? |
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Answer» बडे लोग अपनी प्रशंसा खुद नहीं करते ठीक वैसे ही हीरा कभी नही कहता है कि उसका मूल्य लाख मुद्राएँ हैं। |
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मामा जी ने किस्मत के खेल के विषय में क्या समझाया? |
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Answer» मामा जी ने बताया कि यह किस्मत का खेल नहीं, ठगी का खेल था। |
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करन से पहले चार बार बाजी लगाने वाले लड़के को क्या वस्तुएँ मिली? |
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Answer» करन से पहले लड़के को चार बाजियों में क्रमशः कंघी, फाउंटेन पेन, कलाई घड़ी और टेबल लैंप मिली। |
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जगत कहाँ से प्यासा लौट जाता है? |
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Answer» जगत सागर से प्यासा लौट जाता है। |
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रहीम के दोहे का सारांश लिखें। |
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Answer» रहीम के दोहे कवि परिचय – रहीम का जन्म 17 दिसंबर 1556 को लाहौर में हुआ था। उनका पूरा नाम अब्दुरैहीम खानखाना है। उनके पिता का नाम बैरमखान, माता का नाम सुल्ताना बेगम था। रहीम सतसई,बरवै नायिका भेद, श्रृंगार सोरठा आदि इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ है। इनके काव्य में नीति, भक्ति, प्रेम, श्रृंगार का सुंदर समावेश हुआ है। तरूवर फल नहीं खात है, सरवर पियहि न पान । कहि रहीम’ परकाजहित, संपत्ति सँचहि सुजान। जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग। चंदन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग रहिमन देख बडेन को, लघु न दीजिये डारी । जहाँ काम आवै सुई, कहा करै तलवारि । बडे बडाई न करै, बडै न बोलै बोल। रहिमन हीरा कब कहै, लाख टका मम मोल ।मत दीजिए (तिरस्कार मत कीजिए), क्योंकि जहाँ सुई काम आती है, वहाँ तलवार क्या कर सकती है ? बडे लोग न ज्यादा बोलते हैं, न ही अपनी प्रशंसा करते हैं। रहीम कहते हैं कि हीरा कब कहता है कि उसका मूल्य लाख मुद्राएँ हैं। |
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छोटे लोगों के महत्व को रहीम ने कैसे व्यक्त किया |
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Answer» बडे लोगों (रईम) को देखकर छोटे या साधारण लोगों का तिरस्कार नही करना चाहिए। क्योंकि जहाँ सुई काम आती है, वहाँ तलवार का क्या काम ।। |
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‘पेड़ हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी हैं? इस विषय पर अपने विचार लिखो। नीचे दिए गए संकेतों की मदद ले सकते हो –मनुष्यों के लिए- फल, शुद्ध हवा, लकड़ी, वस्त्र, कागज, दवा… आदि। |
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Answer» पेड़ से हमें साँस लेने के लिए शुद्ध हवा, खाने के लिए अनाज एवं फल, पहनने के . लिए वस्त्र, घर बनाने के लिए लकड़ी आदि प्राप्त होते हैं। इसके अलावा पेड़ से हमें दवाइयाँ, कागज और दैनिक आवश्यकता की अनेक वस्तुएँ भी प्राप्त होती हैं। |
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राजा के फैसला बदल लेने का अन्य व्यक्तियों पर क्या प्रभाव पड़ा-(क) उन्होंने भी अपने मकान पत्थरों से बनवाए।(ख) उन्होंने राजा का आदेश मानना छोड़ दिया।(ग) उन्होंने अपने मकान नष्ट कर दिए। |
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Answer» सही विकल्प है (क) उन्होंने भी अपने मकान पत्थरों से बनवाए। |
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क्या इस कहानी का और भी कोई शीर्षक हो सकता है? |
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Answer» कहानी का शीर्षक ‘दयालु राजा’ अथवा ‘हृदय-परिवर्तन’ भी हो सकता है। |
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क्या इस कहानी का अंत किसी दूसरे प्रकार से भी हो सकता है? कैसे? |
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Answer» कहानी का अंत दुखद भी हो सकता है। राजा अपने निर्णय के अनुसार किसी की बात न मानकर पेड़ कटवा देता। |
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कहानी के किस अनुच्छेद ने तुम्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया? और क्यों? |
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Answer» जब राजा ने निर्णय किया कि महल पत्थर से बनेगा, इस बात से संबंधित अनुच्छेद ने हमें बहुत प्रभावित किया। कहानी का अंत सुखद है। |
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क्या यह वास्तविक कहानी है? तुम क्या समझते हो? अपने उत्तर का कारण भी दो। |
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Answer» यह वास्तविक कहानी नहीं है। हम इसे काल्पनिक कहानी समझते हैं। वृक्ष सजीव तो हैं, परंतु वे वनदेवी की तरह मनुष्य देह में प्रकट नहीं हो सकते। |
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करन मेला किसके साथ गया तथा वह मेले से क्या-क्या खरीदना चाहता था? |
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Answer» करन मामा के साथ मेला गया। वह छतरी खरीदना चाहता था। |
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ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए :धनि रहीम जल पंक को, लघु जिय पिअत अघाय।उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय॥ |
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Answer» प्रसंग : प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘रहीम के दोहे’ से लिया गया है, जिसके रचयिता रहीम जी हैं। संदर्भ : प्रस्तुत दोहे में कवि रहीम ने मनुष्य जन्म की सार्थकता मनुष्य मात्र के कल्याण में समझा रहे हैं। भाव स्पष्टीकरण : इसमें रहीम एक नीति की बात कहते हैं कि किसी के बड़े या विशाल होने का कोई महत्व नहीं होता, बल्कि छोटा होते हुए भी उसका उपयोग संसार को होना चाहिए। उदाहरण देकर कवि रहीम कहते हैं कि वह कीचड़ का थोड़ा-सा पानी भी धन्य है, जिसे कीड़े-मकोड़े पीकर तृप्त हैं, जीवित हैं। सागर में पानी तो बहुत-सा रहता है, पर वह क्या काम का? खारा होने के कारण सारा संसार प्यासा ही रहता है; फिर समुद्र किस बात को लेकर अपनी बड़ाई कर सकता है? अर्थात्, चीज कितनी ही छोटी क्यों न हो मगर जो दूसरों की मदद करता है, वही धन्य होता है। जो दूसरों की सहायता नहीं करता है उसका जीवन व्यर्थ है। |
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पाठ में लोकमान्य तिलक की किन-किन विशेषताओं का वर्णन किया गया है? |
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Answer» पाठ में लोकमान्य तिलक की कई विशेषताओं का वर्णन किया गया है। तिलक मेधावी विद्यार्थी थे। इनकी पुस्तक ‘गीता रहस्य’ से उनकी विद्वता और अध्ययनशीलता का परिचय मिलता है। ये देशभक्त और क्रांतिकारी थे। ये समाज सुधारक थे। इन्होंने विधवा विवाह और महिला-शिक्षा पर जोर दिया और बाल विवाह की कुरीति का विरोध किया। |
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लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने क्या नारा दिया? |
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Answer» लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया”स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर रहूँगा।” |
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बालक गंगाधर तिलक ने प्रश्नों को कैसे हल किया? |
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Answer» बालक गंगाधर तिलक ने प्रश्नों को मौखिक रूप में हल किया। |
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