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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

121351.

किसी व्यक्ति को किसी समस्या के समाधान के लिए किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दी गई सहायता को कहते हैं।(क) समस्या समाधान(ख) साधारण सहायता(ग) निर्देशन(घ) अनावश्यक सहायता

Answer»

सही विकल्प है  (ग) निर्देशन

121352.

“निर्देशन प्रदर्शन नहीं है।” यह कथन किसका है?(क) क्रो एवं क्रो का(ख) जोन्स का(ग) वैफनर का(घ) वुड का

Answer»

सही विकल्प है (क) क्रो एवं क्रो को

121353.

निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य।⦁    निर्देशन एक प्रकार की वैयक्तिक सहायता है।⦁    निर्देशन की प्रक्रिया के अन्तर्गत निर्देशक द्वारा ही सम्बन्धित व्यक्ति के समस्त कार्य किये जाते हैं।⦁    विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए निर्देशन अनावश्यक एवं व्यर्थ है।⦁    व्यक्तिगत निर्देशन के परिणाम सामूहिक निर्देशन से अच्छे होते हैं।⦁    शैक्षिक निर्देशन व्यावसायिक निर्देशन से उत्तम है।

Answer»

⦁    सत्य
⦁    असत्य
⦁    असत्य
⦁    सत्य
⦁    सत्य

121354.

“व्यावसायिक निर्देशन वह सहायता है, जो किसी व्यक्ति की अपनी व्यावसायिक समस्याओं के समाधान के लिए दी जाती है। इस सहायता का आधार व्यक्ति की विशेषताएँ तथा उनसे सम्बन्धित व्यवसाय चुनना है।” यह कथन किसका है?(क) क्रो एवं क्रो(ख) जोन्स(ग) बी० मोरिस(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है  (ख) जोन्स

121355.

शैक्षिक निर्देशन के प्रमुख महत्त्व हैं।(क) पाठ्य-विषयों के चयॆन में सहायक(ख) अनुशासन स्थापित करने में सहायक(ग) शैक्षिक वातावरण में समायोजित होने में सहायक(घ) ये सभी महत्त्व

Answer»

सही विकल्प है  (घ) ये सभी महत्त्व

121356.

निर्देशन का प्रमुख उद्देश्य है। (क) छात्र का शारीरिक विकास(ख) छात्र का मानसिक विकास(ग) छात्र का सर्वांगीण विकास(घ) छात्र को संवेगात्मक विकास

Answer»

सही विकल्प है  (ग) छात्र का सर्वांगीण विकास

121357.

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार आरक्षण का अधिकतम प्रतिशत कितना निर्धारित किया गया ?

Answer»

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार आरक्षण का अधिकतम प्रतिशत किसी भी स्थिति में 50% से अधिक नहीं हो सकता। 

121358.

मण्डल आयोग के फैसले के अन्तर्गत प्रथम नियुक्ति कब और किसकी हुई?

Answer»

मण्डल आयोग के फैसले के अन्तर्गत प्रथम नियुक्ति 20 फरवरी, 1994 को की गयी। इस दिन तत्कालीन केन्द्रीय कल्याण मन्त्री श्री सीताराम केसरी ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग एवं विकास निगम’ में सहायक प्रबन्धक के पद पर आसूला’ जाति के बी० राज शेखराचारी की नियुक्ति की।

121359.

स्थानीय स्वशासन इकाइयों में महिलाओं को कितने प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दी गयी है?

Answer»

महिलाओं को इन संस्थाओं में 33.5% आरक्षण की सुविधा दी गयी है।

121360.

लोक सेवाओं में आरक्षण के किसी एक आधार का उल्लेख कीजिए।

Answer»

जाति का आधार–अनुसूचित जाति।

121361.

निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।तुम्हें यह तो मालूम ही है कि बापू जी के नेतृत्व में स्वतंत्रता का जो आंदोलन चलाया जा रहा है। उसमें छिपा रखने जैसी कोई बात नहीं है। हम तो सभी काम दिन के उजाले में करते हैं। अच्छा बेटी। अब विदा।भारत की सेवा के लिए तुम बहादुर सिपाही बनो, यही मेरी शुभकामना है।प्रश्न :1. किसके नेत्रत्व में स्वतंत्रता का आंदोलन चलाया जा रहा है?2. हम तो सभी काम कब करते हैं?3. इंदिरा के प्रति नेहरू जी की शुभकामना क्या है?4. “बापूजी” कौन है?5. उपर्युक्त वाक्यों को किसने किसे लिखा ?

Answer»
  1. बापूजी ने नेत्रुत्व में स्वतंत्रता का आंदोलन चलाया जा रहा है।
  2. हम तो सभी काम दिन के उजाले में करते हैं।
  3. इंदिरा के प्रति नेहरूजी की शुभकामना यही है कि ”भारत की सेवा के लिए बहादुर सिपाही बनना”।
  4. बापूजी महात्मा गाँधीजी है।
  5. उपर्युक्त वाक्यों को नेहरू जी ने अपनी बेटी इंदिरा को लिखा।
121362.

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक कौन थे ?(क) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी(ख) गोपालकृष्ण गोखले(ग) एलन ऑक्टेवियन ह्यूम(घ) महात्मा गांधी

Answer»

सही विकल्प है (ग) एलन ऑक्टेवियन ह्यूम

121363.

आर्य समाज के संस्थापक कौन थे ?(क) विवेकानन्द(ख) श्रद्धानन्द(ग) सहजानन्द(घ) दयानन्द सरस्वती

Answer»

सही विकल्प है (घ) दयानन्द सरस्वती

121364.

‘सत्यार्थप्रकाश’ का सम्बन्ध किससे है ?(क) ब्रह्म समाज से(ख) आर्य समाज से(ग) रामकृष्ण मिशन से(घ) थियोसॉफिकल सोसायटी से

Answer»

सही विकल्प है (ख) आर्य समाज से

121365.

निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।कला के दो भेद किये जाते हैं – एक ललितकला, दूसरी उपयोगी कला। वास्तुकला, ललितकला और उपयोगी कला, दोनों का मिश्रण है। जहाँ तक वास्तुकला मनुष्य की निवास – संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, वहाँ तक वह उपयोगी कला है, और जहाँ वास्तुकला में सौन्दर्य |- बोध और आकर्षण का नियोजन होता है, वहाँ वह ललितकला की श्रेणी में पहुँच जाती है।प्रश्न :1. ललितकला और उपयोगी कला ये दोनों किसके भेद हैं?A) कलाB) समाजC) जीवनD) रचना2. ललित कला और उपयोगी कला इन दोनों का मिश्रण क्या है?A) शिल्प कलाB) वास्तुकलाC) चित्र कलाD) नृत्य कला3. इस अनुच्छेद में इसके बारे में बताया गया है ।A) सिनेमाB) नाटकC) एकांकीD) कला4. कला के दो भेदों में एक उपयोगी कला है तो दूसरी क्या है?A) ललितB) चित्रC) नृत्यD) संगीत5. यह कला मनुष्य की निवास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करती हैA) नाट्यकलाB) चित्रकलाC) वास्तुकलाD) नृत्य कला

Answer»
  1. A) कला
  2. B) वास्तुकला
  3. D) कला
  4. A) ललित
  5. C) वास्तुकला
121366.

निम्नलिखित में से किस वर्ग को राजकीय सेवाओं में आरक्षण प्राप्त है?(क) सिख सम्प्रदाय(ख) ईसाई सम्प्रदाय(ग) अन्य पिछड़े वर्ग(घ) मुस्लिम सम्प्रदाय

Answer»

सही विकल्प है  (ग) अन्य पिछड़े वर्ग

121367.

दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना कब और कहाँ की थी ?(क) 1824 ई० में हरिद्वार में(ख) 1875 ई० में मुम्बई में(ग) 1857 ई० में दिल्ली में(घ) 1867 ई० में कन्याकुमारी में

Answer»

सही विकल्प है (ख) 1875 ई० में मुम्बई में

121368.

अहमदिया आन्दोलन का संस्थापक कौन था ?(क) शिब्ली नूमानी(ख) मिर्जा गुलाम अहमद(ग) वली उल्लाह(घ) मुहम्मद कासिम ननौतवी

Answer»

सही विकल्प है (ख) मिर्जा गुलाम अहमद

121369.

रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय कहाँ स्थापित किया गया ?

Answer»

रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय वेलूरमठ, कलकत्ता (कोलकाता) में स्थापित किया गया।

121370.

थियोसॉफिकल सोसायटी का मुख्यालय भारत में कहाँ खोला गया ?

Answer»

थियोसॉफिकल सोसायटी का मुख्यालय 1882 ई० में भारत में अड्यार (वर्तमान चेन्नई के निकट) खोला गया।

121371.

सर सैयद अहमद खाँ ने किस शिक्षा केन्द्र की स्थापना तथा कब की ?

Answer»

सर सैयद अहमद खाँ ने 1875 ई० में ‘मोहम्मडन एंग्लो ओरियण्टल कॉलेज की स्थापना की, जिसे 1920 ई० में ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में परिवर्तित कर दिया गया।

121372.

प्रस्तुत कविता में कवि किससे बिती कर रहे हैं?

Answer»

प्रस्तुत कविता में कवि ईश्वर से विनती कर रहे हैं ।

121373.

आग बुझाने के लिए ईश्वर से कवि क्या माँगते

Answer»

आग बुझाने के लिए ईश्वर से कवि गंगा बहाने की माँग करते है

121374.

भारतीय समाज के उत्थान में ईश्वरचन्द्र विद्यासागर की भूमिका की विवेचना कीजिए।

Answer»

सती–प्रथा के बन्द होने से विधवाओं की समस्या पहले से भी अधिक गम्भीर रूप में सामने आयी। सती–प्रथा के प्रचलन के कारण विधवाओं की संख्या उतनी अधिक नहीं थी, लेकिन जब यह प्रथा अवैध घोषित हो गयी तो विधवाओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई। 19वीं सदी के समाज-सुधारक विधवा-विवाह के लिए आन्दोलन करने लगे। संस्कृत के महान् विद्वान् पंडित ईश्वरचन्द विद्यासागर ने. विधवाओं के पुनर्विवाह के लिए प्रबल आन्दोलन किया। उन्होंने शास्त्रों से उदाहरण देकर यह प्रमाणित कर दिया कि हिन्दू शास्त्रों के द्वारा विधवा पुनर्विवाह निषिद्ध नहीं है। बड़ी संख्या में हस्ताक्षर इकट्ठे करके सरकार के पास एक प्रार्थना-पत्र भेजा गया। उनके प्रयत्नों से 1856 ई० में विधवा-विवाह जायज घोषित कर दिया गया। सामाजिक संस्थाओं के द्वारा अनेक विधवा-आश्रम भी देश में कायम किये गये।

121375.

किन्हीं दो मुस्लिम-सुधार आन्दोलनों का वर्णन कीजिए। उसका तत्कालीन मुस्लिम समाज पर क्या प्रभाव पड़ा ?याअलीगढ़ आन्दोलन क्या था ? यह मुस्लिम समुदाय के लिए किस प्रकार लाभकारी था ?यासर सैयद अहमद खाँ ने मुसलमानों में व्याप्त किन कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया ?याअलीगढ़ आन्दोलन के प्रवर्तक कौन थे? इस आन्दोलन ने मुस्लिम समाज को जाग्रत करने में क्या योगदान दिया ?यावहाबी आन्दोलन क्यों प्रारम्भ हुआ ?याअलीगढ़ आन्दोलन का क्या उद्देश्य था? इसके मुख्य प्रवर्तक कौन थे? उनके किसी एक महत्त्वपूर्ण योगदान का उल्लेख कीजिए।यानिम्नलिखित मुस्लिम सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलनों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए(क) वहाबी आन्दोलन(ख) अलीगढ़ आन्दोलन तथा(ग) देवबन्द आन्दोलन।

Answer»

प्रारम्भ में जो सुधार आन्दोलन हुए वे प्रायः हिन्दू धर्म और समाज से सम्बन्धित रहे; अत: मुस्लिम समाज उनसे अपेक्षित लाभ न उठा सका। मुस्लिम समाज की सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक स्थिति अच्छी न थी। हिन्दू आन्दोलन की प्रतिक्रियास्वरूप मुस्लिम समाज के आधुनिकीकरण के लिए भी सुधार आन्दोलन प्रारम्भ हुए। इन आन्दोलनों ने जहाँ सामाजिक बुराइयों को दूर करने में योगदान दिया, वहीं भारतीयों में राष्ट्रीय चेतना के उत्थान में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। ये आन्दोलन निम्नलिखित थे –

(1) सैयद अहमद बरेलवी : वहाबी आन्दोलन

मुस्लिम समाज में अनेक सुधारात्मक आन्दोलन फले-फूले। इनमें वहाबी आन्दोलन एक प्रमुख आन्दोलन था। यह आन्दोलन अठारहवीं शताब्दी में अरब में मुहम्मद अब्दुल वहाब ने आरम्भ किया। भारत में वहाबी आन्दोलन के जन्मदाता सैयद अहमद बरेलवी (1787-1831 ई०) थे। इन्होंने कुरान को जनसाधारण में सरलता से समझाने के लिए उर्दू भाषा में अनूदित करवाया। वहाबी आन्दोलन का उद्देश्ये मुस्लिम जगत् में चेतना, धर्म-सुधार और संगठन उत्पन्न करना रहा। इन्होंने मुसलमानों के जीवन से अनेक बुराइयों को दूर करके इस्लाम धर्म की वास्तविक पवित्रता को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया तथा पाश्चात्य सभ्यता का विरोध किया। इस आन्दोलन के दो प्रमुख उद्देश्य थे-अपने धर्म का प्रचार एवं मुस्लिम समाज में सुधार।

(2) सर सैयद अहमद खाँ : अलीगढ़ आन्दोलन
मुस्लिम समाज में जागृति उत्पन्न करने में सर सैयद अहमद खाँ का नाम उल्लेखनीय है। इन्होंने इस्लामी शिक्षा का गहन अध्ययन किया तथा पाश्चात्य शिक्षा का ज्ञान भी प्राप्त किया। इन्होंने मुस्लिम समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया तथा मुस्लिमों में नवजागरण का कार्य सम्पन्न किया। इनके द्वारा किये गये प्रमुख सुधार-कार्य इस प्रकार थे

1. इन्होंने मुस्लिम समाज के आधुनिकीकरण के लिए अंग्रेजी के अध्ययन पर बल दिया। इसी उद्देश्य से इन्होंने 1875 ई० में अलीगढ़ में ‘मोहम्मडन ऐंग्लो ओरियण्टल कॉलेज की स्थापना की, जो बाद में अलीगढ़ विश्वविद्यालय में परिणत हो गया।

2. इन्होंने मुस्लिम समाज में व्याप्त कुरीतियों, रूढ़ियों और धार्मिक अन्धविश्वासों का खुलकर विरोध किया।

3. स्लाम को मानवतावादी स्वरूप देने का प्रयत्न किया।

4. इन्होंने सभी समुदायों को परस्पर भ्रातृ-भाव से रहने की सलाह दी।

5. इन्होंने स्त्रियों में पर्दा-प्रथा का विरोध किया तथा स्त्री-शिक्षा का समर्थन किया।

अलीगढ़ आन्दोलन के अन्य प्रमुख नेता चिराग अली, अल्ताफ हुसैन, नज़ीर अहमद तथा मौलाना शिवली नोगानी थे। अलीगढ़ आन्दोलन मुस्लिम जगत् में सुधार का महान् आन्दोलन था। ये हिन्दू और मुसलमानों की एकता के भी पक्षपाती थे।

(3) मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी : अहमदिया आन्दोलन

मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी (1838-1908 ई०) ने 1889 ई० में अहमदिया आन्दोलन का सूत्रपात किया। इन पर पाश्चात्य विचारधारा, थियोसॉफिकल सोसायटी और हिन्दुओं के सुधार आन्दोलन को पर्याप्त प्रभाव पड़ा। इनसे प्रभावित होकर इन्होंने इस्लाम धर्म को सरल और व्यापक बनाने के लिए यह आन्दोलन चलाया। इनका सब धर्मों की मौलिक एकता में विश्वास था। ये गैर-मुस्लिम लोगों से घृणा करने और जिहाद के विरुद्ध थे। ये सच्चे धर्म-सुधारक थे। ये पर्दा-प्रथा, बहु-विवाह तथा तलाक के समर्थक थे। इनकी पुस्तक का नाम ‘बराहीन-ए-अहमदिया है। इनके समर्थकों की संख्या बहुत कम थी तथा इन्हें ‘नबी’ के नाम से पुकारा जाता था।

(4) देवबन्द आन्दोलन
एक मुसलमान उलेमा, जो प्राचीन मुस्लिम साहित्य के प्रकाण्ड विद्वान थे, ने देवबन्द आन्दोलन चलाया। उन्होंने मुहम्मद कासिम तथा रशीद अहमद गंगोही के नेतृत्व में देवबन्द (सहारनपुर, उत्तर प्रदेश) में शिक्षण-संस्था की स्थापना की। इस आन्दोलन के दो मुख्य उद्देश्य रहे-कुरान तथा हदीस की शिक्षाओं का प्रसार करना और विदेशी शासकों के विरुद्ध जेहाद’ की भावना को बनाये रखना। देवबन्द आन्दोलन ने 1885 ई० में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का स्वागत किया। इनके अतिरिक्त नदवा-उल-उलूम (लखनऊ, 1894 ई०, मौलाना शिवली नोगानी), महल-ए-हदीस (पंजाब, मौलाना सैयद नज़ीर हुसैन) नामक मुस्लिम संस्थाओं ने भी मुस्लिम समाज को जाग्रत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

इन मुस्लिम आन्दोलनों ने मुसलमानों में राजनीतिक तथा सामाजिक चेतना की वृद्धि की; जिसके परिणामस्वरूप मुसलमानों की स्थिति में पर्याप्त सुधार हुए। इन्होंने पाश्चात्य रीति-रिवाजों को देखा और उनके प्रभावस्वरूप मुस्लिम समाज में व्याप्त अनेक कुरीतियों को समाप्त कर दिया। इन आन्दोलनों के नेताओं ने नारी-शिक्षा की ओर भी ध्यान देना प्रारम्भ किया। यद्यपि मुसलमानों में इस चेतना के जागने से साम्प्रदायिकता की भावना प्रबल हो गयी और देश में हिन्दू-मुसलमानों के मध्य झगड़े होने लगे, तथापि इन आन्दोलनों के फलस्वरूप ही अनेक देशभक्तों व राष्ट्रीय मुस्लिम नेताओं का उदय भी हुआ।

121376.

उन्नीसवीं सदी के दो ऐसे समाचार-पत्रों का नाम बताइए जो अब भी प्रकाशित होते हैं।

Answer»

उन्नीसवीं सदी के दो प्रमुख समाचार-पत्रों के नाम इस प्रकार हैं –

1. टाइम्स ऑफ इण्डिया (1861 ई०)।

2. अमृत बाजार पत्रिका (1868 ई०)।

ये दोनों समाचार-पत्र अब भी प्रकाशित हो रहे हैं।

121377.

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।पर्वत कहता शीश उठाकर,तुम भी ऊँचे बन जाओ।सागर कहता है लहराकर,मन में गहराई लाओ।समझ रहे हो क्या कहती है,उठ – उठ गिर गिर तरल तरंग ।भर लो, भर लो अपने दिल में,मीठे – मीठे मृदुल उमंग ॥1. पर्वत क्या कहता है?2. मन में गहराई लाने की सीख किससे मिलती है?3. तरंग हमें कौनसी सीख देती है?4. ‘शीश’ शब्द का अर्थ क्या है?5. इस पद्यांश के कवि कौन हैं?

Answer»
  1. पर्वत शीश उठाकर ऊँचे बन जाने को कहते हैं।
  2. मन में गहराई लाने की सीख सागर से मिलती है।
  3. तरंग हमें दिल में मीठे – मीठे मृदुल उमंग भरने
  4. शीश = सिर
  5. इस पद्यांश के कवि हैं सोहनलाल द्विवेदी।
121378.

सोहनलाल द्विवेदी के बारे में लिखिए।

Answer»

★ सोहनलाल द्विवेदी जी का जन्म सन् 1906 में हुआ था।
★ आप की मृत्यु सन् 1988 में हुई।
★ ‘सेवाग्राम’ आप की प्रसिद्ध रचना है।
★ आप ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से सम्मानित है।

121379.

“प्रकृति के विभिन्न अंगों से हम कुछ न कुछ सीखते हैं।” इस कथन की पुष्ट करते हुए प्रकृति की सीख पाठ का सार अपने शब्दों में लिखिए।(या)पर्वत, सागर, पृथ्वी और आसमान हमें क्या संदेश देते हैं?(या)प्रकृति के संदेशों से हम जीवन सफल बना सकते हैं। “प्रकृति की सीख’ कविता पाठ के आधार पर समझाइए।(या)प्रकृति के कण – कण में कुछ न कुछ संदेश छिपा होता है। सोहनलाल द्विवेदी जी ने प्रकृति के माध्यम से कौन – सा संदेश दिया?

Answer»

‘प्रकृति की सीख” कविता के कवि श्री सोहनलाल द्विवेदी जी हैं । उनका जीवनकाल 1906-1988 है।

अपनी अमूल्य रचनाओं से वे हिन्दी साहित्य में प्रसिद्ध हुए हैं। उनकी प्रमुख रचना ” सेवाग्राम’ है। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से विभूषित किया।

प्रस्तुत कविता में कवि कहते हैं कि हमारे चारों ओर की प्रकृति के कण-कण में कुछ संदेश छिपा स्हता है । उन संदेशों का आचरण करने से हम अपने जीवन को सार्थक व सफल बना सकते हैं।

पर्वत हम से कहता है कि तुम भी अपना सिर उठाकर मुझ जैसे ऊँचे (लंबे) बनजाओ । अर्थ है कि . सब में ऊँचा रहना महान गुण है। समुद्र लहराते कहता है कि मैं जैसे गहरा हूँ वैसे तुम भी अपने मन गहरे और विशाल बनाओ | माने गहराई से सोचो ।

समुद्र के चंचल तरंग उठ-उठ कर गिरते हैं। क्या तुम समझ सकते हो कि वे क्या कह रहे हैं ? वे कहना चाहते हैं कि तुम भी उनके जैसे अपने दिल में मीठी और कोमल आशाएँ भर लो । क्योंकि आशा को सफल बनाने का प्रयत्न ज़रूर करते हो।

धरती हम से कहती है कि चाहे जितनी बडी ज़िम्मेदारी तुम्हें पूरी करनी है, धैर्य के साथ उसे पूरा करो । आकाश कहता है कि मुझ जैसा पूरा फैलकर सारी दुनिया ढक लो | माने महान बनकर सब पर अपना प्रभाव दिखाओ।

121380.

कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में घोषित किए गए उद्देश्य लिखिए?

Answer»

कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में घोषित उद्देश्य निम्नलिखित थे-

1. देश के विभिन्न भागों के राजनीतिक एवं सामाजिक नेताओं को एकजुट करना।

2. भारतीयों में राष्ट्रीय एकता की भावना विकसित करना।

3. राजनीतिक एवं सार्वजनिक प्रश्नों पर अपने विचारों को अभिव्यक्त करना।

121381.

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब और क्यों हुई? स्पष्ट करिए।

Answer»

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर 1885 ई० में हुई। अँग्रेजी सरकार के उत्पीड़न तथा आर्थिक शोषण से अपनी तत्कालीन दुर्दशा को सुधारने के लिए भारतवासियों ने अनेक प्रयत्न किए किन्तु उनकी दशा ज्यों-की-त्यों बनी रही। आखिर तंग आकर मध्य वर्ग के प्रबुद्ध लोगों ने तत्कालीन दुर्दशा के खिलाफ आवाज उठाई। उदाहरण के लिए, राजा राममोहन राय ने लोगों को राजनैतिक अधिकार और सुविधाएँ तथा प्रेस को स्वतन्त्रता प्रदान करने की माँग की, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने उनकी एक न सुनी। अतः लोगों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विभिन्न संस्थाओं का निर्माण किया जैसे बंगाल में लैण्ड होल्डर्स सोसायटी, ब्रिटिश इण्डिया सोसायटी, इण्डियन एसोसिएशन, महाराष्ट्र में सार्वजनिक सभा तथा चेन्नई (मद्रास) में महाजन सभा। वैसे इन संस्थाओं ने अच्छा काम किया परन्तु इससे स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

अन्ततः विवश होकर भारतीय नेता अपनी समस्याओं के हल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोई संस्था बनाने की बात सोचने लगे। उनकी इस मन:स्थिति को ए०ओ० ह्यूम नामक एक अँग्रेज ने पहचाना और उनकी भावनाओं को मूर्तरूप देने के लिए अपने प्रयत्न शुरु कर दिए। उसने विभिन्न भारतीय नेताओं से विचार-विमर्श किया और अन्त में 28 दिसम्बर, 1885 ई० को देश के विभिन्न भागों से आए हुए 73 प्रतिष्ठित व्यक्तियों के सहयोग से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म हुआ।

121382.

कांग्रेस की दो विचारधाराएं कौन सी थीं? उनके बारे में लिखिए?

Answer»

कांग्रेस की दो विचारधाराएं निम्नलिखित थीं- नरम दल और गरम दल।

() नरम दल-कांग्रेस के वे नेता जो शांतिपूर्ण तथा वैधानिक ढंग से देश की आवश्यकताओं को पूरा कराना चाहते थे, उदारवादी कहलाये। उनका विश्वास था कि अगर जनमत को उभारा जाए और प्रार्थना पत्रों, सभाओं, प्रस्तावों तथा भाषणों के द्वारा जनता की माँग को शासन तक पहुँचाया जाए तो वे धीरे-धीरे एक-एक करके हमारी माँगों को पूरा कर देंगे। ऐसे नेताओं में दादा भाई नौरोजी, गोपाल कृष्ण गोखले, मदन मोहन मालवीय, सच्चिदानंद सिंहा आदि प्रमुख थे।

(ख) गरम दले- उन्नीसवीं सदी के अन्तिम वर्षों में राष्ट्रीय आंदोलन में एक नयी विचारधारा का उदय हुआ। बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और विपिन चन्द्र पाल गरम विचार धारा के थे। उनका मानना था कि अंग्रेज सरकार से केवल अनुनय-विनय करके भारतीय अपने अधिकारों को नहीं प्राप्त कर सकते हैं। इनकी मान्यता थी कि वे उग्र विरोध के बिना हमारी माँगें पूरी नहीं करेंगे। लोकमान्य तिलक ने ‘स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है इसे हम लेकर रहेंगे’ का नारा देकर जनता में देश-प्रेम की भावना भर दी। बंकिमचन्द्र चटर्जी के गीत ‘वंदे मातरम्’ ने भारतवासियों में मातृभूमि के प्रति देश-प्रेम की भावना जगाई।

121383.

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में अग्रणी भूमिका किस अधिकारी की रही?

Answer»

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में अग्रणी भूमिका श्री एलेन ओक्टेवियन ह्यूम नामक अवकाश प्राप्त अधिकारी की रही।

121384.

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।घिर आये हैं बादल काले,गरज रहे हैं। बन मतवाले।खुश-हो-हो कर मोर कूकते,झूम-झूम के नाच दिखाते।गली-गली में नदियाँ बहतीं,कागज की हैं नावें चलती।1. बादल कैसे होते है?A) लालB) पीलेC) कालेD) नीले2. ‘बादल’ कैसे गरज रहे हैं?A) मतवालेB) सीधे – साधेC) पागलD) गंभीर3. खुश हो – हो कर कौन कूकते हैं?A) कोयलB) मैनाC) कौआD) मोर4. नदियाँ कहाँ बहती हैं?A) गली-गली मेंB) देश-विदेशों मेंC) शहर-शहर मेंD) गाँव-गाँव में5. ‘गली’ शब्द का बहुवचन रूपी शब्द पहचानिए।A) गालियाँB) गलियाँC) गलिएँD) गली

Answer»
  1. ‌C) काले
  2. ‌A) मतवाले
  3. ‌D) मोर
  4. ‌A) गली-गली में
  5. ‌B) गलियाँ
121385.

विपत्तियों का सामना हमें कैसे करना चाहिए?

Answer»

धैर्य, समयस्फूर्ति, उपाय, साहस और सोच विचार के साथ हम विपत्तियों का सामना कर सकते हैं। हम पृथ्वी से धैर्य न छोड़ने की भावना को ग्रहण कर के विपत्तियों का सामना कर सकेंगे।

121386.

ऋतुओं के नियंत्रण में पर्वत कैसे सहायक होते हैं?

Answer»

पर्वत तो अकसर ऊँचे होते हैं । पर्वत प्रकृति की संपदा है । इनसे कई लाभ हैं । हमें बहुत सहायक होते हैं, इनकी तलहटों में अनेक पेड -पौधों के होने के कारण हमेशा हरियाली और ठंडक बनी रहती हैं। खासकर समुद्र की तेज़ हवाओं से पर्वत देश की रक्षा करते हैं। तूफ़ान, आँधी आदि प्रकृति संबन्धी अनेक हालतों से ये हमें बचाते हैं । ऐसे पर्वत ऋतुओं के नियंत्रण में भी बडे सहायक होते हैं। उन्हीं के कारण मौसम समय पर आते हैं | मेघों को रोककर वर्षाएँ सही समय पर आने में इनका खास महत्व रहता है। इस तरह हम देखते हैं कि ऋतुओं के नियंत्रण में पर्वत बडे सहायकारी होते हैं।

121387.

निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। सही विकल्प से संबंधित अक्षर चुनकर कोष्ठक में रखिए।कितनी सुंदर कितनी प्यारीत्यौहारों में सबसे ज्यारीरंग बिरंगी होलीआई रंग बिरंगी होली।आओ मिलकर खुशी मनाएँएक दूजे को रंग लगाएँगले मिलें, हर झगड़ा भूलेंभेदभाव हम सभी मिटाएँ।प्रश्न :1. त्यौहारों में सबसे न्यारी क्या है?A) होलीB) दिवालीC) ईदD) बैसाखी2. होली के दिन एक दूसरे पर क्या लगाते हैं? की सीख देती है।A) पानीB) फूलC) फलD) रंग3. होली के दिन क्या भूल जाते हैं?A) झगडे करनाB) रंग लगानाC) खुशी मनानाD) गले मिलना4. ‘खुशी’ – इस शब्द में प्रत्यय क्या है?A) खुB) खुशC) सीD) ई5. होली हमारे मन से किस भावना को मिटातीA) निस्वार्थ भावB) भेदभावC) प्यारD) खुशी

Answer»
  1. A) होली
  2. D) रंग
  3. A) झगडे करना
  4. D) ई
  5. B) भेदभाव
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सर सैयद अहमद खाँ ने मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए क्या किया? कोई दो बिन्दु लिखिए।

Answer»

1. इन्होंने मुस्लिम समाज में अपेक्षित सुधारों पर बल दिया तथा उन्हें शिक्षित करने का भरसक प्रयास किया।

2. इन्होंने मुसलमानों को रूढ़िवादिता में न रहकर युग के साथ चलने की प्रेरणा दी।

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कवि बुझते दीपों के तन-मन में क्या भरना चाहते हैं ?

Answer»

कवि बुझते दीपों के तन-मन में प्रकाश भरना चाहते हैं।

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निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।क्षुधार्थ रंतिदेव ने दिया करस्थ थाल भी,तथा दधीचि ने दिया परार्थ अस्थिजाल भी।उशीनर क्षितीश ने स्वमांस दान भी किया,सहर्ष वीर कर्ण ने शरीर – चर्म भी दिया ।अनित्य देह के लिए अनादि जीव क्या डरे ?वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ॥1. मनुष्य कौन है?A) जो पक्षियों के लिए मरता है।B) जो मनुष्य के लिए मरता है।C) जो पशुओं के लिए मरता है।D) जो अपने लिए मरता है।2. उशीनर क्षितीश ने किसे दान किया?A) पक्षीमांसB) स्वमांसC) पत्नी का मांसD) बकरी का मांस3. परार्थ अस्थिजाल किसने दिया?A) रंतिदेवB) उशीनरC) दधीचिD) वीर कर्ण4. रंतिदेव ने क्या दिया ?A) करस्थ थालB) शरीर – कवचC) अस्थिजालD) स्वमांस5. यह देह कैसा है?A) नित्यB) सत्यC) असत्यD) अनित्य

Answer»
  1. B) जो मनुष्य के लिए मरता है।
  2. B) स्वमांस
  3. C) दधीचि
  4. A) करस्थ थाल
  5. D) अनित्य
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कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन हुआ(क) 1885 में(ख) 1880 में(ग) 1886 में(घ) 1890 में

Answer»

सही विकल्प है (क) 1885 में

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निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।सच पूछो तो बड़ा आदमी,होना सब से आसान काम ।शील व गुणों से होता,सदा बड़े लोगों में नाम ॥जो तुम होना बड़ा चाहते,तो उसका है एक उपाय।दुर्बल, दीन, अनाथ जनों का,तन – मन – धन से करो सहाय ॥1. सबसे आसान काम क्या है?A) सच पूछनाB) बड़ा आदमी होनाC) शील व गुणों से होनाD) साहस करना2. सदा बडे लोगों में नाम कैसा होता है?A) सच पूछनाB) शील व गुणों से होनाC) दुर्बल रहनाD) दीन रहना3. इस पद्य में कवि क्या बनने उपाय बताते हैं?A) पक्षी बननेB) पर्वत बननेC) बडा बननेD) साधु बनने4. बड़ां होने का एक उपाय पहचानिए।A) सहायता करनाB) नाश करनाC) पूजा करनाD) शाप देना5. दुर्बल, दीन, अनाथ जनों को सहाय कैसा करना है?A) तन सेB) मन सेC) तन – मन – धन सेD) किसी से नहीं

Answer»
  1. B) बड़ा आदमी होना
  2. B) शील व गुणों से होना
  3. C) बडा बनने
  4. A) सहायता करना
  5. C) तन – मन – धन से
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निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।हम बादल कहते सरिता – सर,कण – कण कहता हम उसका घर,धरती कहती रोम रोम मेंसमा गया है वह चिर उज्ज्वल !करुणामय चिरंजीवी बादल !कहाँ गया वह श्यामल बादल?1. करुणामय और चिरंजीवी कौन है?A) नभB) पृथ्वीC) वर्षाD) बादल2. बादल शब्द का अर्थ क्या है?A) मेघB) सरिता सरC) पर्वतD) झील3. कण – कण क्या कहता है?A) हम उसका घरB) हम किसी का घर नहींC) हम अपने घरD) ये सब ठीक4. इस पद्य में इसके बारे में बताया गया है।A) श्यामल बादलB) नील गगनC) नीली नदीD) इन सबके5. बादल इस रंग के होते है।A) लालB) पीलाC) सफ़ेदD) श्यामल

Answer»
  1. D) बादल
  2. A) मेघ
  3. A) हम उसका घर
  4. A) श्यामल बादल
  5. D) श्यामल
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निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।घिर आये हैं बादल कालेगरज रहे हैं बन मतवाले|खुश हो होकर मोर कूकते।झूम – झूम के नाच दिखाते।रिमझिम – रिमझिम पानी पडताजन – जन का मन खूब फडकता।1. कैसे बादल घिर आये हैं?A) लालB) कालेC) हरेD) सफ़ेद2. बादल क्या कर रहे हैं?A) गरजB) खेलC) दौडD) रो3. खुशी से कौन नाच दिखाते हैं?A) बादलB) नदियाँC) कागज़D) मोर4. पानी कैसे पडता है?A) टर – टरB) टन – टनC) रिम-झिमD) झम – झम5. किनका मन खूब फडकता है?A) पानीB) जनC) बादल

Answer»
  1. B) काले
  2. A) गरज
  3. D) मोर
  4. C) रिम-झिम
  5. B) जन
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निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।कुछ तो नहीं लेते थे।पर सब को देते छाया ये,हमारे हित सब कुछ सहते,उनके हेतु हम जीवित रहते।सोखते हैं गंदी हवा येपर देते हैं शुद्ध हवा ये।इनका गुण गान करें हम,आओ पेड़ लगाये हम ॥1. इस पद्य में किनके बारे में बताया गया है?A) नदियों केB) पेडों केC) पर्वतों केD) तारों के2. शुद्ध हवा कौन देते हैं?A) नदीB) पृथ्वीC) चाँदD) पेड3. हमें किनका गुण गान करना है?A) आसमान काB) पेडों काC) पृथ्वी काD) इन सबका4. हमें क्या लगाना है?A) चूनाB) मिट्टीC) पेडD) पानी5. पेड किस प्रकार के हवा को सोखते हैं?A) शुद्धB) गंदीC) केवल शुद्ध हवाD) इन सबको

Answer»
  1. B) पेडों के
  2. D) पेड
  3. B) पेडों का
  4. C) पेड
  5. B) गंदी
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निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।पृथ्वी कहती, धैर्य न छोडो,कितना ही हो सिर पर भार।नभ कहता है, फैलो इतना,ढक लो तुम सारा संसार ||1. नभ क्या कहता है?2. पृथ्वी क्या कहती है?3. पृथ्वी शब्द का पर्यायवाची शब्द लिखिए।4. उपर्युक्त पद्यांश के कवि कौन है?5. धैर्य शब्द का विलोम क्या है?

Answer»
  • नभ कहता है कि इतना फैलाकर सारा संसार को ढक लो।
  • पृथ्वी कहती है कि “धैर्य न छोडो’ । धैर्य न छोडने को पृथ्वी कहती है।
  • पृथ्वी शब्द का पर्यायवाची शब्द हैं। धरती / वसुधा | वसु/ जमीन/ भूमि/ धरा आदि।
  • उपर्युक्त पद्यांश के कवि हैं श्री सोहनलाल द्विवेदी जी।
  • धैर्य शब्द का विलोम शब्द है डर।
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राजा राममोहन राय और स्वामी दयानन्द द्वारा स्थापित संस्थाओं के सिद्धान्तों में क्या , समानताएँ थीं?

Answer»

आर्य समाज व ब्रह्म समाज में निम्नलिखित समानताएँ थीं –

1. दोनों ही मानते हैं कि ईश्वर एक ही है और उसकी पूजा आध्यात्मिक रूप से होनी चाहिए। दोनों ही मूर्तिपूजा को नहीं मानते।

2. दोनों की मान्यता है कि ईश्वर निराकार, सर्वशक्तिमान व सर्वव्यापक है।

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कर्म का फल देनेवाला कौन है?

Answer»

कर्म का फल देनेवाला भाग्य अथवा ईश्वर है।

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धार्मिक आंदोलनों के नाम लिखिए। उनसे संबंधित व्यक्तियों के योगदान पर प्रकाश डालिए।

Answer»

मुस्लिम सुधार आन्दोलन- सर सैय्यद अहमद खाँ ने विज्ञान समिति की स्थापना की। ये मुसलमानों के लिए अँग्रेजी शिक्षा, पश्चिमी विज्ञान तथा आधुनिक विचारों को अपनाने के पक्ष में थे तथा पर्दा प्रथा, बहु विवाह और आसान तालाक के विरोधी थे। इन्होंने मुसलमानों के लिए अलीगढ़ ऐंग्लो ओरिएण्टल विद्यालय खोला। जिसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है।

पारसी सुधार आन्दोलन- दादाभाई नौरोजी ने पारसियों में व्याप्त सामाजिक बुराइयों तथा अन्धविश्वास को दूर किया तथा पारसी समुदाय को आधुनिक भारतीय समाज के अनुरूप बनाने का प्रयास किया था।

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बुद्धिहीन मनुष्य किसके समान है?

Answer»

बुद्धिहीन मनुष्य बिना पूँछ और बिना सींग के पशु के समान हैं।