InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
10 वोल्ट के एक वोल्टमीटर जिसका प्रतिरोध 100 ओम है, 100 वोल्ट तक मापने वाले एक वोल्टमीटर में कैसे बदलेंगे ? |
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Answer» Correct Answer - `900Omega` (श्रेणी में) `R=(V)/(I_(g))-R_(g)` या `I_(g)=(V_(g))/(R_(g))=(10)/(100)=0*1A` `=900Omega` (श्रेणी में) |
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| 2. |
एकसामान चुंबकीय क्षेत्र से क्या तातपर्य हैं? |
| Answer» जिस क्षेत्र में सर्व्रत `vecB` का परिमाण व दिशा समान हों | |
| 3. |
एकसामान चुंबकीय क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की प्रकृति क्या होती हैं? |
| Answer» Correct Answer - समांतर व संदुरस्थ | |
| 4. |
चुंबकीय क्षेत्र में स्थीर आवेश पर कार्यरत बल का मान लिखिए। |
| Answer» Correct Answer - शुन्य | |
| 5. |
E/B का विमीय सूत्र लिखिए। यहाँ E वैघृत क्षेत्र तथा B चुंबकीय क्षेत्र है। |
| Answer» Correct Answer - `[M^(0)LT^(-1)]` | |
| 6. |
एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में किसी आवेशित कण के पथ की त्रिज्या अनुक्रमानुपाती हैं-A. कण के आवेश केB. कण के संवेग केC. क्षेत्र की तीव्रता केD. कण की ऊर्जा के |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 7. |
चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं तथा वैघृत क्षेत्र रेखाओं में दो अंतर लिखिए। |
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Answer» (i) चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं बंद वक्र होती हैं, जबकि वैघृत बल रेखाएं बंद वक्र नहीं होती। (ii) वैघृत क्षेत्र लिखा आवेश पर वैघृत बल की दिशा व्यक्त करती हैं, जबकि चुंबकीय क्षेत्र रेखा चुंबकीय बल की दिशा व्यक्त नहीं करती |
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| 8. |
एक प्रोटोन एक ऐसे स्थान पर, जहाँ वैघृत क्षेत्र E अथवा चुंबकीय क्षेत्र B अथवा दोनों के विघमान होने की संभावना हैं, वृत्तीय पथ पर चलता हैं। इस स्थान पर-A. E=0, B=0B. E=0, `B ne 0`C. `E ne 0, B=0`D. `E ne 0, B ne 0` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 9. |
वैघृत द्विघुत तथा चुंबकीय द्विध्रुव में क्या अंतर हैं? |
| Answer» वैघृत द्विध्रुव में दोनों ध्रुवों (आवेशों) को अलग किया जा सकताहै परन्तु चुंबकीय द्विध्रुव में नहीं। | |
| 10. |
समतल धारा लूप को चुंबकीय द्विघुत क्यों माना जाता हैं? |
| Answer» लूप में धारा प्रवाहित करने पर, लूप का एक ताल उत्तरी ध्रुव तथा दूसरा दक्षिणी ध्रुव की भाँती व्यवहार करता हैं। अतः धारा चुंबकीय द्विध्रुव की भांति व्यवहार करता हैं। यदि धारावाही लूप को एकसमान बाहा चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाये तो इस पर परिणामी बल आघूर्ण कार्य करता हैं। यदि व्यवहार चुंबकीय द्विध्रुव का होता हैं। | |
| 11. |
एक आयाताकार लूप जिसका क्षेत्रफल A , फेरों की संख्या N तथा इसमें प्रवाहित धारा I हैं, एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में रखा हैं। (i) लूप पर अधिकतम बल आघूर्ण क्या हैं? (ii) स्थायी संतुलन की स्थिति में लूप का अभिविन्यास क्या हैं? |
| Answer» (i) NIAB , (ii) लूप का ताल बाहा चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत हैं। | |
| 12. |
एकसमान बाहा क्षेत्र `vecB` में `vecM` चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण वाला द्विध्रुव रखा हैं। (i) द्विध्रुव पर कार्यरत बल आघूर्ण (ii) द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा का मान सदिश रूप में लिखिए। |
| Answer» (i) `vectau= vecM xx vecB` (ii) `U=-vecM. vecB` | |
| 13. |
किसी 3 सेमी त्रिज्या के वृत्तीय लूप में प्रवाहित धारा के कारण लूप के अक्ष पर इसके केंद्र से 4 सेमी दूरी पर स्थित किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र का मान `54mu tau` है लूप के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र मान होगा -A. `250mu tau`B. `75mu tau`C. `125mu tau`D. `150mu tau`. |
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Answer» Correct Answer - C `(B_("अक्ष"))/(B_("केंद्र"))=(mu_(0)nia^(2))/(2(a^(2)+x^(2))^(3//2))xx(2a)/((a^(2)+x^(2))^(3//2))`. |
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| 14. |
चुंबकीय क्षेत्र और विधुत - क्षेत्र दोनों एक आवेशित कण को विक्षेपित कर देते है इन विक्षेपो में क्या अंतर है ? |
| Answer» चुंबकीय क्षेत्र द्वारा गतिमान आवेशित कण पर लगने वाली गति की दिशा के लम्बवत होता है अतः इस बेल द्वारा आवेश पर किया गया कार्य शून्य होता है जिससे आवेशित कण की गतिज ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है । विधुत - क्षेत्र में विक्षेप क्षेत्र की दिशा में ही होता है अतः आवेशित कण की गतिज ऊर्जा बदल जाती है । | |
| 15. |
दो चल कुंडली गालवनोमीटर मीटरों, `M_(1)` एवं `M_(2)` के वितरण नीचे दिए गए हैं- `R_(1) = 10 omega, N_(1) = 30, A_(1)= 3.6 xx 10^(-3) मीटर^(2), B_(1)=0.25T` `R_(2)=14 Omega, N_(2)=42, A_(2) = 1.8 xx 10^(-3) मीटर^(2), B_(2)=0.50T` (दोनों मीटरों के लिए स्प्रिंग नियतांक समान हैं। (a) `M_(2)` एवं `M_(1)` की धारा-सुग्राहिताओं, (b) `M_(2)` एवं `M_(1)` की वोल्टता-सुग्राहिताओं का अनुपात ज्ञात कीजिये। |
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Answer» दिया हैं- `R_(1)=100 omega, n_(1)=30, A_(1) = 3.6 xx 10^(-3)मीटर^(2)` `B_(1) = 0.25 T` `R_(2) = 14Omega, n_(2)=42, A_(2)=1.8 xx 10^(-3)मीटर^(2), B_(2) = 0.50 T` `k_(1) = k_(2)` (स्प्रिंग नियतांक समान हैं) (a) धारा-सुग्राहिता के सूत्रानुसार, `I=(NAB)/k` `therefore (Is_(2))/(Is_(1)) = (n_(2).B_(2).A_(2).k_(1))/(n_(1)B_(1)A_(1).k_(2)) = (42 xx 0.50 xx 1.8 xx 10^(-3))/(30 xx 0.25 xx 3.6 xx 10^(-3))=1.4` (b) वोल्टेज सुग्राहिता के सूत्रानुसार, `V=(NAB)/(kR)` `therefore (Vs_(2))/(Vs_(1)) = (n_(2)B_(2)A_(2).k_(1)R_(1))/(k_(2).R_(2).n_(1)B_(1)A_(1))` `=(42 xx 0.50 xx 1.8 xx 10^(-3) xx k xx 10)/(k xx 14 xx 30 xx 0.25 xx 3.6 xx 10^(-3))=1` |
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| 16. |
लम्बे धारावाही तार के चारों और चुंबकीय क्षेत्र एकसमान होता है अथवा असमान। |
| Answer» Correct Answer - असमान | |
| 17. |
लम्बे धारावाही पतले तार से r दुरी पर चुंबकीय क्षेत्र B, किस प्राफ के अनुसार बदलता हैं।A. B. C. D. |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 18. |
लम्बी धारावाही परिनालिका के -(i) भीतर अक्ष पर (ii) सिरे पर स्थित बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र का व्यंजक लिखिए। |
| Answer» (i) `B=mu_(0)nI`, (ii) `B=mu_(0)nI//2` | |
| 19. |
वृताकार धारावाही कुंडली की अक्ष पर केंद्र से `x` दुरी पर स्थित बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र का व्यंजक लिखिए। |
| Answer» `B=(mu_(0)Nia^(2))/(2(a^(2)+x^(2))^(3//2)` | |
| 20. |
लम्बे धारावाही त्रिजुरेखीय तार से d दुरी पर चुंबकीय क्षेत्र का व्यंजक लिखिए। |
| Answer» `B=(mu_(0))/(2pi) I/d` | |
| 21. |
चुंबकशीलता का विमीय सूत्र लिखिए तथा मात्रक लिखिए। |
| Answer» `[MLT^(-2)A^(-2)], न्यूटन/एम्पेयर^(2)` | |
| 22. |
एक क्षैतिज तार में वैघृत धरा पूरब से पश्चिम की और प्रवाहित हो रही हैं। तार के ऊध्र्वाधर (i ) ऊपर (ii ) नीचे स्थित बिंदुओं पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा क्या होगी? |
| Answer» (i) ऊधर्वाधर (ii) उध्र्वाधर ऊपर | |
| 23. |
इलेक्ट्रॉन चुंबकीय क्षेत्र में क्षैतिज दोलन कर रहा है । ऊपर से देखने पर इसकी दिशा वामावर्त (anticlockwise) दिखाई देती है तब चुंबकीय क्षेत्र की दिशा क्या होगी ? |
| Answer» इलेक्ट्रॉन वामावर्त दिशा में गति करता है । अतः समतुल्य धनावेश दक्षिणावर्त दिशा में गति करेगा । अतः फ्लेमिंग के वाम हस्त नियम से चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा नीचे से ऊपर की ओर होगी । | |
| 24. |
दो समांतर तार, जिनमे एक ही दिशा में धारा बाह रही हो, एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। यह कथन दिशा क्या होगी? |
| Answer» Correct Answer - असत्य | |
| 25. |
चित्र में दो लम्बाई समांतर पटरियों के बीच दुरी L है। एकसमान चुंबकीय क्षेत्र B कागज के तल के लंबवत नीचे की ओर दिष्ट है। पटरियां नियत धारा स्त्रोत I से जुडी है। m द्रव्यमान का एक तार पटरियों पर फिसल सकता है। तार व पटरियों के बीच घर्षण गुणांक `mu` है (A) `mu` का न्यूनतम मान क्या हो जिससे तार पटरियों पर न फिसले? (B) यदि `mu` का मान आधा हो जाये तो तार की गति कैसी होगी? |
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Answer» (A) तार पर कार्यरत चुंबकीय बल `F=ILBsin 90^(@)=ILB` बल की दिशा (फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियमानुसार) दायीं ओर होगी जिसके कारण तार दायीं ओर फिसलने का प्रयास करेगा। न फिसलने के लिए, तार पर कार्यरत घर्षण बल परिणाम में चुंबकीय बल के बराबर तथा दिशा में विपरीत होगा। इस स्थिति में यदि न्यूनतम घर्षण गुणांक `mu_("min")` हो तो `mu_("min")mg=ILB` अथवा `mu_("min")=(ILB)/(mg)` (B) यदि `mu=(mu_("min"))/(2)` हो जाये तो घर्षण बल `f=(mu_("min")mg)/(2)` `=ILB-(ILB)/2 = (ILB)/2` (दायीं ओर) त्वरण `a=F/m = (ILB)/(2m)` अतः तार नियत त्वरण से दायीं ओर फिसलता रहेगा। |
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| 26. |
X-दिशा में v वेग से गतिमान एक इलेक्ट्रान पर Z-दिशा में एक विघुत क्षेत्र E लगाने से उसमे कुछ विक्षेप हो जाता है। उस चुंबकीय क्षेत्र `vecB` की दिशा एवं परिणाम निकालिये जिसे लगाने से इलेक्ट्रान का विक्षेप अब शून्य हो जाये। |
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Answer» इलेक्ट्रान का विक्षेप शून्य होने के लिए उस पर कार्यरत लोरेन्ज बल शून्य होना चाहिए। अतः `vecF=q(vecE+vecv+vecB)=0` `therefore vecE=-(vecv xx vecB)` प्रश्नानुसार `vecE=Eveck` `vecv = vhati` `Eveck = -(vhati xx vecB)` समीकरण (1) तभी संतुष्ट होगी जब `vecB` की दिशा `vecj` अर्थात Y-अक्ष की और हो। इस स्थति में, `vecB =-Bhatj` अतः समीकरण (1) से, `Eveck=-[vhati xx -Bhatj]=v Bhatk` `therefore` E=vB अथवा `B=E/v` अतः B का परिणाम E/v तथा दिशा Y-अक्ष की और है। |
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| 27. |
L लम्बाई के एक तार में X-अक्ष के अनुदिश I धारा प्रवाहित हो रही है। यह तार चुंबकीय क्षेत्र `vecB=B_(0)(hatj+hatk)` में रखा है। तार पर कार्यरत चुंबकीय बल का परिणाम ज्ञात कीजिये। (B) यदि चुंबकीय क्षेत्र `vecB=B_(0)(hati+hatj+hatk)` हो जाये तो चुंबकीय बल पर क्या प्रभाव पड़ेगा? |
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Answer» (A) तार पर कार्यरत चुंबकीय बल `vecF=I(vecL xx vecB)` प्रश्नानुसार, `vecL = Lhati, vecB= B_(0)(hatj+hatk)` `therefore vecF_(1) = I[(Lhati) xx B_(0)(hatj + hatk)]` `rArr =ILB_(0)[hati xx (hatj + hatk)]` `=ILB_(0)[(hati xx hatj) + (hati xx hatk)]` `=ILB_(0) (hatk - hatj)` बल का परिणाम, `F_(1) = ILB_(0)sqrt((1)^(2) + (-1)^(2))` `=ILB_(0)sqrt(2)` (b) यदि `vecB=B_(0)(hati + hatj + hatk)` हो तो `vecF_(2) = I[(Lhati) xx B_(0)(hati+ hatj+ hatk)]` `=ILB_(0)[hati + hatj + hatk)]` `=ILB_(0) [(hati xx hati) + (hati xx hatj) + (hati xx hatk)]` `=ILB_(0)[0+hatk-hatj]` `=ILB_(0)(hatk-hatj)` बल का परिमाण `F_(2) = ILB_(0)sqrt(2)` |
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| 28. |
चित्र में एक समांतर प्लेट संधारित की प्लेटों के बीच दुरी 4 मिमी तथा विभवांतर 200 वोल्ट है। संधारित को एकसमान चुंबकीय क्षेत्र B में रखा गया है। एक इलेक्ट्रान, जिसे प्लेटों के समांतर ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की और `10^(6)` मीटर/सेकंड के वेग से प्रक्षेपित किया गया, प्लेटों के बीच से होकर बिना किसी विक्षेप के निकल जाता है। प्लेटों के बीच चुंबकीय क्षेत्र B का मान तथा दिशा ज्ञात कीजिये। |
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Answer» संधारित की प्लेटों के बीच विभवांतर V=200 वोल्ट प्लेटों के बीच दुरी d=4 मिमी `=4 xx 10^(-3)` मीटर अतः प्लेटों के बीच वैघृत क्षेत्र `E=V/d= 200/(4 xx 10^(-3)) = 5 xx 10^(4)` वोल्ट/मीटर संयुक्त वैघृत तथा चुंबकीय क्षेत्र में, इलेक्ट्रान पर कार्यरत वैघृत बल `F_(e)=eE` चुंबकीय बल `F_(B)=evB` चूँकि क्षेत्र में इलेक्ट्रान बिना विक्षेप के निकल जाता है, अतः `F_(e )` तथा `F_(B)` परिणाम में बराबर व दिशा में विपरीत होंगे। अतः `eE=evB` अथवा `B=E/v= (5 xx 10^(4))/(10^(6))` `=5 xx 10^(-2)` टेस्ला चूँकि वैघृत बल प्लेट P की और दिष्ट है, अतः चुंबकीय बल प्लेट Q की ओर दिष्ट होना चाहिए। अतः फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियमानुसार B की दिशा कागज के तल के लंबवत नीचे की ओर होगी। |
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| 29. |
एक धारवाही चालक में `8.0 xx 10^(22)` मुक्त इलेक्ट्रान प्रति मीटर लम्बाई में है तथा उनका मध्यमान अनुगमन वेग `8.0 xx 10^(-5)` मीटर/सेकंड है। 0.10 `वेबर/मीटर^(2)` का चुंबकीय क्षेत्र चालक के लंबवत लगने पर गड़ना कीजिये- (i) चालक में प्रवाहित धारा, (ii) एक इलेक्ट्रान पर लगने वाला बल, (iii) चालक की प्रति मीटर लम्बाई पर आरोपित बल। |
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Answer» (i) चालक में प्रवाहित धारा I=`"neA"v_(d) = "nAe"v_(d)` `nA=8.0 xx 10^(22)` प्रति मीटर , `v_(d) = 8.0 xx 10^(-5)`मीटर/सेकंड , `e=1.6 xx 10^(-19)` कुलोम `therefore I=(8.0 xx 10^(22))(1.6 xx 10^(-19))(8.0 xx 10^(-5))` =1.02 एम्पेयर (ii) इलेक्ट्रान पर लगने वाला बल `F=ev_(d)B sin90^(@)` `=(1.6 xx 10^(-19))(8.0 xx 10^(-5))(0.10)(1)` `=1.28 xx 10^(-24)` न्यूटन (iii) चालक की प्रति मीटर लम्बाई पर आरोपित बल = = (एक इलेक्ट्रान पर बल) `xx` (प्रति मीटर लम्बाई में इलेक्ट्रान की संख्या) `=(1.28 xx 10^(-24)) xx (8.0 xx 10^(22))` =0.1024 न्यूटन |
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| 30. |
एक प्रोटोन तथा एक `alpha` कण एक ही विभवांतर द्वारा त्वरित किये जाते हैं। ये कण एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में, जो इनकी गति की दिशा के लंबवत कार्यरत हैं, प्रवेश करते हैं। चुंबकीय क्षेत्र में इनके प्रक्षेप-पाठों की वृत्तीय त्रिज्याओं का अनुपात ज्ञात कीजिये। |
| Answer» Correct Answer - `1:sqrt(2)` | |
| 31. |
किसी एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में एक इलेक्ट्रान (अथवा कोई भी आवेशित कण) क्षेत्र के लंबवत प्रवेश करता हैं। इलेक्ट्रान का पथ होगा-A. परवलयाकारB. दीर्घवृत्ताकारC. वृत्ताकारD. सरल रैखिक |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 32. |
कोई एकसमान चुंबकीय क्षेत्र, इलेक्ट्रॉनों की गति की दिशा के लंबवत कार्यरत हैं। इसके फलस्वरूप इलेक्ट्रान 2.0 सेमी त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर चलते हैं। यदि चुंबकीय क्षेत्र दोगुना कर दिया जाये तो वृत्ताकार मार्ग की त्रिज्या होगी-A. 0.5 सेमीB. 1.0 सेमीC. 2.0 सेमीD. 4.0 सेमी |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 33. |
r त्रिज्या के एक वल्य पर q आवेश एकसमान रूप से वितरित हैं। वल्य को कोणीय आवृत्ती `omega` से घुमाया जाता हैं। ज्ञात कीजिये (A) समतुल्य धारा (B) वलय के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र ( c) वल्य का चुंबकीय आघूर्ण। |
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Answer» (A) समतुल्य धारा `I=q/T = q/(2pi//omega)= (qomega)/(2pi)` (B) वलय के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र `B=(mu_(0)I)/(2r) = (mu_(0))/(2). (qomega)/(2pi) .(qomega)/(2pi)=(mu_(0))/(4pi)(qomega)/( r)` ( C) वलय का चुंबकीय आघूर्ण `M=IA = (qomega)/(2pi) (pir^(2)) = 1/2qomegar^(2)` |
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| 34. |
एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में एक कण विराम में है जब यह गति करेगा तब पर क्या कोई बल क्रियाशील होगा ? |
| Answer» `F=qvB sin theta`, जहाँ `v=0,F=0` यदि आवेशित कण चुंबकीय क्षेत्र में विराम में है तब उस पर कोई बल नहीं लगेगा, लेकिन जब वह गतिमान होगा तब उस पर बल कार्य करते है । | |
| 35. |
निम्न चित्र के अनुसार एक अनावेशित कण वेग `vec(v)` के असमान चुंबकीय क्षेत्र में गति कर रहा है तब वेग होगा - A. A व B पर अधिकतमB. A व B पर न्यूनतमC. M पर अधिकतमD. सभी बिन्दुओ पर एकसमान । |
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Answer» Correct Answer - D अनावेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र के कारण कोई बल नहीं लगेगा । |
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| 36. |
किसी क्षेत्र में एकसमान विधुत क्षेत्र तथा एकसमान चुंबकीय क्षेत्र समान दिशा में क्रियाशील है यदि किसी इलेक्ट्रॉन को क्षेत्र की दिशा के अनुदिश नियत वेग से प्रक्षेपित करें तब -A. इसका वेग कम होगाB. इसका वेग बढ़ेगाC. वेग गति की दिशा के दायी ओर मुड़ेगाD. वेग गति की दिशा के बायीं ओर मुड़ेगा |
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Answer» Correct Answer - A यदि इलेक्ट्रॉन को क्षेत्र की दिशा में प्रक्षेपित किया जाएगा तो उस पर कोई बल नहीं लगता है चूँकि इलेक्ट्रॉन एक ऋणावेशित कण है अतः विधुत क्षेत्र की दिशा में प्रेक्षित करने पर इसमें मंदन होगा वेग घटेगा । |
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| 37. |
100 फेरे प्रति मीटर की परिनालिका के अक्ष पर बिंदु P पर चुंबकीय क्षेत्र का मान क्या होगा जब उसमे 5A की धारा प्रवाहित हो रही है - A. `250mu_(0)`B. `500sqrt(2)mu_(0)`C. `500mu_(0)`D. `250sqrt(2)mu_(0)`. |
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Answer» Correct Answer - D `B=(mu_(0)nI)/(2)[cos45^(@)+cos45^(@)]` `=(mu_(0)xx100xx5)/(2)xx2(1)/(sqrt(2))`. टेसला `=250sqrt(2)mu_(0)` टेसला | |
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| 38. |
एक लम्बी परिनालिका में प्रति सेमी 200 चक्कर है ओर i धारा प्रवाहित होती है इसके केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र `6*28xx10^(-2)"वेबर/मीटर"^(2)` है एक ओर लम्बी परिनालिका में प्रति सेमी 100 चक्कर है उसमे `(i)/(3)` धारा प्रवाहित है इसके केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र का मान होगा -A. `1*05xx10^(-5)"वेबर/मीटर"^(2)`B. `1*05xx10^(-3)"वेबर/मीटर"^(2)`C. `1*05xx10^(-4)"वेबर/मीटर"^(2)`D. `1*05xx10^(-2)"वेबर/मीटर"^(2)` | |
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Answer» Correct Answer - D `B=mu_(0)ni` से, `(B_(1))/(B_(2))=(n_(1))/(n_(2))xx(i_(1))/(i_(2))` |
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| 39. |
50 सेमी लम्बी एक परिनालिका में बाइंडिंग की चार परतें है प्रत्येक परत में 350 फेरे है निम्नतम परत की त्रिज्या `1*4` सेमी है यदि धारा का मान 6 ऐम्पियर हो, तो निम्न स्थितियों में चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए : (i) परिनालिका के केंद्र पर, (ii) सिरे के पास अक्ष पर, (ii) क्षेत्र के पास परिनालिका के बाहर । |
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Answer» (i) परिनालिका के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता `B=10^(-7)xx4pinI` . . .(1) अब प्रति मीटर लम्बाई पर फेरो की संख्या `n=(350)/(50xx10^(-2))xx4=2800` [4 का गुना इसलिए किया गया है क्योकि फेरों की 4 परतें है परिनालिका की त्रिज्या B का पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता] दिया है : `I=6` ऐम्पियर समीकरण (1) में मान रखने पर, `B=10^(-7)xx4xx(22)/(7)xx2800xx6` `=2*1xx10^(-2)` टेसला । (ii) परिनालिका के सिरे के पास अक्ष पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता `B=(1)/(2)xx(mu_(0))/(4pi)xx4pinI=(1)/(2)xx2*1xx10^(-2)` `=1*05xx10^(-2)` टेसला | (iii) केंद्र के पास परिनालिका के बाहर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता केंद्र की तुलना में नगण्य होती है । |
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| 40. |
n फेरे प्रति मीटर वाली लम्बी परिनालिका में I ऐम्पियर की धारा प्रवाहित होती है, तो परिनालिका के सिरों पर चुंबकीय क्षेत्र होगा -A. `(mu_(0)nI)/(2)`B. `mu_(0)nI`C. शून्यD. `2mu_(0)nI`. |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 41. |
एक प्रोटोन क्षैतिज तल में दक्षिण की ओर जा रहा है। उस स्थान में चुंबकीय क्षेत्र ऊध्र्वतः ऊपर को ओर दिष्ट है। प्रोटोन पर चुंबकीय बल की दिशा क्या होगी? |
| Answer» क्षैतिज ताल में पश्चिम की ओर। | |
| 42. |
ऊर्ध्वाधर ऊपर की दिशा के क्षेत्र के प्रभाव में एक प्रोटॉन क्षैतिज वृत्त में परिक्रमण गति कर रहा है ऊपर से देखने पर उसके घूर्णन की दिशा ज्ञात कीजिए । |
| Answer» फ्लेमिंग के वाम हस्त नियम से प्रोटॉन दक्षिणावर्त दिशा (clockwise direction) में गति करेगा । | |
| 43. |
चित्र में अन्नत लम्बाई का तार समकोण पर मोड़ा गया हैं। बिंदु P पर चुंबकीय क्षेत्र का मान क्या हैं? |
| Answer» `B=0+(mu_(0))/(4pi) I/d ox = (mu_(0))/(4pi)I/d ox` | |
| 44. |
एक क्षैतिज ओवरहेड पावर लाइन जमीन से ऊंचाई 4 मीटर है उसमे पूर्व से पश्चिम की ओर 100 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है । इसके नीचे जमीन पर चुंबकीय क्षेत्र का मान होगा -A. `2*5xx10^(-7)T` उत्तर की ओरB. `2*5xx10^(-7)T` दक्षिण की ओरC. `5xx10^(-6)T` उत्तर की ओरD. `5xx10^(-6)T` दक्षिण की ओर |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 45. |
किसी क्षण एक आवेशित कण एक लम्बे व् सीधे धारावाही तार के समान्तर गतिमान है । क्या इस पर कोई बल कार्य करता है ? कण का मार्ग कैसा होगा ? |
| Answer» धारावाही तार के चुंबकीय क्षेत्र के कारण उस पर बल कार्य करेगा अतः कण का मार्ग वृत्तीय होगा । | |
| 46. |
टोराइड के भीतर, केंद्र से r दुरी पर चुंबकीय क्षेत्र का व्यंजक लिखिए। |
| Answer» `B=(mu_(0)NI)/(2pir)` | |
| 47. |
चित्र में प्रदर्शित धारा पथ, चाप के केंद्र O पर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता हैं। यदि चाप की त्रिज्या 0.6 मीटर तथा केंद्र पर अंतरित कोण `30^(@)` हो तो बिंदु O पर चुंबकीय शेर का परिमाण व दिशा ज्ञात कीजिये, यदि धारा का मान 3 एम्पेयर हैं। |
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Answer» चित्र में, तार AC व DE बिंदु O की सिध में हैं अतः इनके द्वारा बिंदु O पर चुंबकीय क्षेत्र शून्य हैं। अतः परिणामी क्षेत्र केवल चाप CD द्वारा उत्पन्न होगा। वृतिया चाप CD द्वारा बिंदु O पर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र `B=mu_(0)/(4pi)(alphaI)/R` यहाँ `alpha=30^(@)=pi//6` रेडियन, I=3 एम्पेयर, a=0.6 मीटर `therefore B=(10^(-7)) xx (pi//6 xx 3)/(0.6) = 2.62 xx 10^(-7)` टेस्ला B की दिशा कागज के तल के लंबवत नीचे की ओर हैं। |
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| 48. |
दो एकसमान लम्बे चालक तार AOB व COD समकोण पर क्षैतिज रखे हैं। तार AOB में धारा 3 एम्पेयर तथा तार COD में 4 एम्पेयर हैं। तार AOB व COD के तल के लंबवत दिशा में 0 से 5 सेमी ऊपर बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र का मान ज्ञात कीजिये। |
| Answer» `2 xx 10^(-5)` टेस्ला। | |
| 49. |
एक लम्बे तार को चित्र कि तरह मोड़ा गया हैं। यदि तार के वृत्तीय लूप के त्रिज्या 10 सेमी तथा तार में बहने वाली धारा का मान 10 एम्पेयर हो तो वृत्तीय भाग के केंद्र O पर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र कि तीव्रता ज्ञात कीजिये। बिंदु p पर तार स्पर्श नहीं करते। |
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Answer» वृतीय लूप कि त्रिज्या R=10 सेमी `=10 xx 10^(-2)` मीटर तार में धारा I=10 एम्पेयर तार के सीधे भाग के कारण वृत्त के केंद्र O पर चुंबकीय क्षेत्र `B_(1) = mu_(0)/(2pi)I/R = (2 xx 10^(-7)) = 10/ (10 xx 10^(-2)) = 2 xx 10^(-5)` टेस्ला `B_(1)` कि दिशा कागज के तल के लंबवत ऊपर कि ओर हैं। तार के वृत्तीय भाग के कारण केंद्र O पर चुंबकीय क्षेत्र `B_(2) = (mu_(0)I)/(2R) = (4pi xx 10^(-7) xx 10)/(2 xx 10 xx 10^(-2)) = 6.28 xx 10^(-5)` टेस्ला `B=B_(1) + B_(2) = (2 xx 10^(-5)) + (6.28 xx 10^(-5))` `=8.28 xx 10^(-5)` टेस्ला, कागज के तल के लंबवत ऊपर कि ओर |
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| 50. |
L लम्बाई के तार की किसी आकृति के बंद कुण्डली में I धारा प्रवाहित होती है यदि कुण्डल का तल चुंबकीय क्षेत्र B के लम्बवत हो, तो कुण्डली पर बल लगेगा -A. शून्यB. `BIL`C. `2BIL`D. `(1)/(2)BIL` |
| Answer» Correct Answer - A | |