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1.

चित्र में एक गतिमान वस्तु का वेग –समय ग्राफ प्रदर्शित है। ज्ञात कीजिए। (i) `t=0` से `t=4` सेकण्‍ के बीच वस्तु का विस्थापन तथा इसके द्वारा तय दूरी (ii) `t=0` से `t=6` सेकण्ड के बीच वस्तु का विस्थापन तथा इसके द्वारा तय दूरी

Answer» (i)`t=0` से `t=4` सेकण्ड के बीच
वस्तु का विस्थापन `=+ ( "त्रिभुज" OAB "का क्षेत्रफल")`
`=+(1/2xxOBxxBA)`
`=+(1/2xx4xx12)=+24` मीटर
(ii) `t=0` से `t=6` सेकण्ड के बीच
वस्तु क विस्थापन `=+( "त्रिभुज" OAB "का क्षेत्रफल")-( "त्रिभुज" BCD "का क्षेत्रफल")`
`=+(24)-(1/2xxBDxxBC)`
`=_(24)-(1/2xx2xx6)`
`=+24-6=+18` मीटर
तय दूरी `=DeltaOAB` का क्षेत्रफल `+ DeltaBCD` का क्षेत्रफल
`=24+6=30` मीटर
2.

चित्र में प्रदर्शित वेग समय ग्राफों AB,CD,EF,EG व MN से त्वरण के विषय में क्या निष्कर्ष प्राप्त होते हैं?

Answer» वेग –समय ग्राफ का ढलान त्वरण के बराबर होता है
ग्राफ AB: वेग नियत है ग्राफ का ढलान अर्थात त्वरण शून्य है।
ग्राफ CD: त्वरण का मान धनात्मक है तथा निर्यात है।
ग्राफ EF: त्वरण का मान धनात्मक है तथा समय के साथ घट रहा है।
ग्राफ EG: त्वरण का मान धनात्मक है तथा समय के बाद बढ़ रहा है।
ग्राफ MN: त्वरण का मान ऋणात्मक है तथा नियत है।
3.

चित्र a,b,c में प्रदर्शित स्थिति-समय `(x-t)` ग्राफों से प्रदर्शित गति की विवेचना कीजिए।

Answer» चित्र में
`x-t` ग्राफ एक सरल रेखा है जिसका ढलान नियत व धनात्मक है। अतः `v=` नियत एवं धनातमक अतः `a=0`
अतः वस्तु की गति एक समान गति है।
चित्र में
`x-t` ग्राफ वक्रित है जिसका ढलान धनात्क है तथा समय के साथ बढ़ रहा है। अतः
`v=` धनात्मक, परिमाण बढ़ रहा है अतः `a=` धनात्मक
वस्तु की गति असमान (त्वरित)गति है।
चित्र में
`x-t` ग्राफ वक्रित है जिसका ढलान धनात्मक है तथा समय के साथ घट रहा है। अतः
`v=` धनात्मक, परिमाण घट रहा है अतः `a=` ऋणात्मक वस्तु की गति असमान (मन्‍दित) गति है।
4.

एक कण x - अक्ष पर चलता है | t =0 पर वह मूलबिंदु पर था | अब वह दाहिनी ओर (x - अक्ष की धनात्मक दिशा में ) चलता हुआ अगले 1 सेकंड में 2 cm खिसक गया | उसके अगले 1 सेकंड में बायीं ओर चलता हुआ वह फिर मूलबिंदु पर आ गया | निम्नलिखित अंतरालों में कण का विस्थापन तथा उसके द्वारा चली गई दुरी बताएँ | (a) ` t = 0 ` से ` t = 1s ` (b) ` t = 1 s ` से ` t = 2s ` (c) ` t = 0` से ` t = 2s `

Answer» (a) ` t = 0 ` पर x =0 तथा ` t = 1s ` पर x =2 cm
चूँकि कण इस अवधि में 2 cm चला, अतः चली गई दुरी , ` s = 2 cm `
(b) ` t = 1 s ` पर ` x =2 cm ` तथा ` t = 2s ` पर ` x = 0 `
अतः , इस अवधि में विस्थापन, ` d = ( 0 - 2 ) cm = - 2 cm `.
इस अवधि में कण द्वारा चली गई दुरी ` s = 2 cm `
(c ) ` t = 0 ` पर ` x = 0 ` तथा ` t = 2 s ` पर ` x = 0 `
अतः, इस अवधि में कण का विस्थापन , ` d = 0 `
इस अवधि में कण पहले दाहिनी ओर 2 cm चलता है फिर बायीं ओर 2 cm चलता है | कुल चली गयी दुरी ` s = 4 cm ` .
5.

एक कण 2 m/s के वेग से एक दीवार से टकराता है और उसी रेखा पर 2 m/s के वेग से लौट जाता है | टकराने के कारन इसके वेग में परिवर्तन बताएँ |

Answer» कण की प्रारंभिक गति की दिशा को धनात्मक माने | टकराने के पहले कण का वेग ` v _ 1 = 2 m//s ` था | टकराने के बाद कण की दिशा उलट जाती है, अर्थात अब वह उस रेखा पर ऋणात्मक दिशा में चल रहा है | अतः उसका वेग ` v _ 2 = -2 m//s ` हो गया |
वेग में परिवर्तन ` = v _ 2 - v _ 1 = ( - 2m//s ) - 2 m//s `
` = - 4 m//s `
6.

x - अक्ष पर चले हुए एक कण का त्वरण ` a = k _ 1 + k _ 2 t ` है, जहाँ ` k _ 1 ` तथा ` k _ 2 ` अचर है | t =0 समय पर वह कण x = 0 पर है तथा इसका वेग u है | t समय पर इसका वेग तथा स्थान बताएँ |

Answer» हम जानते है कि ` a = ( dv ) /( dt ) `
अतः ` ( dv ) /(dt ) = k _ 1 + k _ 2 t `
या ` dv = ( k _ 1 + k _ 2 t ) dt `
प्रारम्भ में ` t = 0 ` और ` v = u`, बाद में ` t = t ` और ` v = v ` .
अतः ` int _ u ^ v dv = int _ 0 ^ t ( kx _ 2 + k _ 2 t ) dt `
या ` [v] _ u ^ v = [ k _ 1 t + (1)/(2 ) k _ 2 t ^ 2 ] _0 ^ t `
या ` v - u = k _ 1 t + ( 1 ) /( 2 ) k _ 2 t ^ 2 `
या ` v = u + k _ 1 t + ( 1 ) /( 2 ) k _ 2 t ^ 2 `
यही समीकरण t समय पर कण के वेग का मान बताता है | अब ` v = ( dx )/ ( dt ) `
अतः, ` ( dx )/ (dt ) = u + k _ 1 t + ( 1 )/( 2 ) k _ 2 t ^ 2 `
या ` dx = ( u + k _ 1 t + (1 ) /( 2) k _ 2 t^ 2 ) dt `
प्रारम्भ में ` t = 0 , x = 0 ` तथा बाद में ` t = t, x = x ` अतः
` int _ 0 ^ x dx = int _ 0 ^ t ( u + k _ 1 t + ( 1 ) /( 2 ) k _ 2 t^ 2 ) dt `
या ` [x]_0 ^ x = [ ut + ( 1 )/( 2 ) k _1 t ^ 2 + ( 1 )/ ( 6 ) k _2 t ^ 3 ] _ 0 ^ t `
या ` x = ut + ( 1 ) /(2 ) k _ 1 t + (1 )/(6 ) k _ 2 t^ 3 `.
समीकरण, t समय पर कण का स्थान बताता है | जब भी कण का त्वरण समय t के फलन के रूप में पता हो, तो इस विधि का उपयोग कर वेग या स्थाम मालूम कर सकते है |
7.

x -अक्ष पर चलते हुए एक कण क का वेग समय के साथ ` v = v _ 0 + a _ 1 t + a _ 2 t ^ 2 ` समीकरण से दिय जाता है, जहाँ ` v _ 0 , a _ 1 ` तथा ` a _ 2 ` अचर है | (a) ` t = 0 ` पर कण का वेग v तथा t समय पर उसका त्वरण निकले | (b) यदि ` t = 0 ` पर कण ` x = 0 ` पर है , तो t समय पर x का मान बताएँ |

Answer» (a) ` v = v _ 0 + a _ 1 t + a _ 2 t ^ 2 `
` t = 0 ` रखने पर ` v= v _ 0 `, अर्थात ` t = 0 ` रखने पर वेग ` = v _ 0 ` होगास |
` v = v _ 0 + a _ 1 t + a _ 2 t^ 2 `
अतः त्वरण ` a = ( dv ) /( dt ) = a _1 + 2a _2 t ` .
(b) ` v = v _ 0 + a _ 1 t + a _ 2 t ^ 2 `
या ` ( dx )/( dt ) = v _ 0 + a _ 1 t + a _ 2 t ^ 2 `
या ` dx = ( v _ 0 + a _ 1 t + a _ 2 t ^ 2 ) dt`
या ` int _ 0 ^ x dx = int _ 0 ^ t ( v _ 0 + a _ 1 t + a _ 2 t ^ 2 ) dt `
या ` x = v _ 0 t + ( 1 )/( 2 ) a_ 1 t ^ 2 + ( 1 )/(3 ) a _ 2 t ^ 3 `
8.

एक मनुष्य 6 km/ h की चाल से 1 km चलता है और उसके बाद का 1 km वह 8 km/h की चाल से चलता है | इस पुरे 2 km में उसकी औसत चाल निकालें |

Answer» पहले 1 km चलने में लगा समय = ` ( 1 km ) /( 6 km//h ) = ( 1 )/( 6 ) h`.
बाद में 1 km चलने में लगा समय = ` ( 1 km ) /( 8 km// h ) = ( 1 ) / ( 8 ) ` h.
अतः , पुरे 2 km चलने में लगा समय = ` (( 1 )/( 6 ) + ( 1 ) /( 8 )) h = ( 7 )/(24 ) ` h.
औसत चाल = ` (2km ) /( ( ( 7 ) /( 24 ) h ) ) = (48 ) /( 7 ) km// h ~~ 7km//h `
9.

एक लेक्चर हॉल का स्टेज 40 ft चौड़ा है और उसके एक किनारे पर एक दरवाजा है | एक शिक्षक दोपहर 12.00 बजे दरवाजे से हॉल में प्रवेश करे है और पढ़ाने के सिलसिले में 10 बार उस 40 ft की चौड़ाई में इस किनारे से उस किनारे तक और वापस उस किनारे से इस किनारे तक घूमते है | अंत में 12.50 बजे क्लास का समय खत्म होने पर वे दरवाजे से बाहर चले जाते है | उनकी औसत चाल तथा औसत वेग निकालें |

Answer» शिक्षक द्वारा 50 मिनट में चली गयी दुरी
` = (40 ft + 40 ft ) xx 10 = 800 ft `
अतः , इस स्थिति में औसत चाल ` = ( 800 ft )/( 50 "minutes " ) = 16ft//min. `
दोपहर 12.00 बजे शिक्षक दरवाजे पर थे और 12.50 बजे भी वे दरवाजे पर थे | अतः इस 50 मीनस्त में उनका विस्थापन शून्य है |
अतः , औसत वेग ` = ("विस्थापन")/("समय") = 0`
10.

x -अक्ष पर चलते हुए एक कण का त्वरण ` a = - kv ` है | समय ` t = 0 ` पर कण `x =0 ` पर है तथा इसका वेग u है | t समय पर इस कण का वेग तथा स्थान निकले |

Answer» दिया गया है कि ` a = ( dv ) /( dt ) = - kv `
या ` ( dv ) /( v ) = -k dt `
प्रारम्भ में ` t = 0 ` तथा ` v = u` और बाद में ` t = t ` तथा v =v .
अतः ` int _ u ^ v ( dv ) /( v ) = int _ 0 ^ t -k dt `
या ` [ln v ] _ u ^ v = - k [t]_0^ t ` या ` ln v- ln u = - kt `
या ` ln ( v ) /( u ) = - kt `
या ` v = ue^( - kt ) `
अब ` v = ( dx ) / ( dt ) `
अतः, ` (dx )( dt ) = ue ^ ( - k t ) `
या ` dx = ue ^( - kt ) dt ` या ` int _0 ^ x dx = int _ 0 ^ t ue ^( - kt ) dt `
या ` [x]_0 ^ x = [ ( ue ^( -kt ) ) /( - k ) ] _ 0 ^ t ` या ` x = ( u ) /( - k ) ( e ^ ( - kt ) - 1 ) `
या ` x = ( u ) / ( k ) ( 1 - e ^( - kt ) ) `
इस अभ्यास में त्वरण , कण के वेग पर निर्भर कर रहा है | जब कभी भी त्वरण वेग के फलन के रूप में दिया गया हो, तो हम इस विधि का उपयोग कर सकते है |
11.

x -अक्ष पर चलते हुए एक कण का त्वरण ` a = - k x ` है | प्रारम्भ में कण ` x = A ` पर है तथा इसका वेग शून्य है | जब यह पहली बार ` x = A//2 ` पर पंहुचता है , उस समय इसका वेग निकाले |

Answer» दिया गया ही कि ` a = (dv)/(dt ) = - kx `
अब ` ( dv ) /(dt ) = (dv ) /(dx ) ( dx )/(dt ) = ( (dv ) /(dt )) v `
अतः ` v (dv ) /( dt ) = -kx " " ` या ` vdv = -kx dx `
प्रारम्भ में ` x = A ` तथा ` v = 0 ` है , बाद में ` x = (A)/( 2 ) ` तथा ` v = v ` है |
अतः , ` int _ 0 ^ v v dv = int _ A^ ( A//2 ) - kx dx " " ` या ` [ ( v ^ 2 )/( 2 ) ] _ 0 ^ v = [ - ( 1 ) /(2) k x ^ 2 ] _ A ^ ( A//2) `
या ` v ^ 2 = k ( A^ 2 - ( A ^ 2 ) /( 4 ) ) = ( 3 ) /( 4 ) kA ^ 2 `
या ` v = pm ( sqrt( 3k ))/( 2 ) A " " `... (i)
यहाँ यह ध्यान रखने की बात है कि v का मान धनात्मक या ऋणात्मक दोनों हो सकता है | दी हुई परिस्थिति के अनुसार यह निर्णय करना होता है कि कौन - सा चिन्ह चुना जाए |
प्रारम्भ में कण ` x = A ` पर विराम में था तथा इसका त्वरण ऋणात्मक है (` a = - kx ` ) | अतः , कण ऋणात्मक x - अक्ष की दिशा में चलेगा , अर्थात वेग ऋणात्मक होगा, अर्थात
` x = (A)/ ( 2 ) ` पर ` v = - ( sqrt (3k))/( 2 ) A ` .
जब त्वरण कण के स्थान x के फलन के रूप में दिया गया हो, तो इसी प्रकार से समीकरण हल कर सकते है | ` (dv ) /( dt ) ` को ` (dv)/(dx ) * ( dx) /( dt ) = v ( dv ) /( dt ) ` के रूप में लिखकर आगे की गणना करते है |
12.

एक कण को ऊपर की और प्रारम्भि चाल `1.96 m//s ` से फेंका गया | ऊपर की और धनात्मक y - अक्ष की दिशा लेते हुए निकले, (a) कण द्वारा अधिकतम ऊँचाई तक पँहुचने में लगा समय (b) कण द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई (c) कण को जहाँ से फेंका गया वही पर वापस आने में कण द्वारा लिया गया समय

Answer» ऊपर की और धनात्मक y - अक्ष लिया गया है | प्रारंभिक वेग 19.6 m/s भी ऊपर की ओर है, अतः ` u = + 19.6 m// s `| त्वरण ` 9.8 m//s^ 2 ` नीचे की ओर है , अतः ` a = - 9.8 m//s ^ 2 ` | कण के प्रारम्भिक स्थान को y = 0 लिखे |
(a) अधिकतम ऊँचाई तब प्राप्त होगी जब कण का वेग ऊपर जाते - जाते शून्य हो जाएगा | यदि यह समय t हो , तो
` v = u + at `
` 0 = (19.6 m//s ) + ( -9.8 m//s^ 2 ) t `
या ` t = (19.6 ) /( 9.8) s = 2s ` .
(b) इस समय पर कण की ऊँचाई
` y = ut + ( 1 )/( 2 ) at ^ 2 `
` =( 19.6 m//s ) xx (2s ) + (1 )/( 2 ) ( - 9.8 m//s ^ 2 ) xx( 4s ^ 2 ) `
` = 39.2 m - 19.6 m = 19.6 m `
अतः , कण द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई = 19.6 m.
(c) जब कण उसी जगह वापस आ जाता है जहाँ से वह फेंका गया तथा, तब y =0 . यदि यह समय t हो, तो
` y = ut + ( 1 )/( 2 ) at ^ 2 `
या ` 0 = ( 19.6 m//s ) t + (1 )/ ( 2 ) ( -9.8 m//s ) t^ 2 `
या ` t = 0 ` अथवा 4s .
स्पष्ट है कि t = 0 फेंके जाने का समय है जब y = 0 था और ` t = 4s ` उसके वापस आने का समय है जब पुनः ` y = 0 ` हो गया | अतः, कण को वापस आने में 4s का समय लगा |
13.

सरल रेखा में गतिमान कण का क्षण `t=0` सेकण्ड पर वेग 10 मीटर/सेकण्ड हैं कण एकसमान त्वरण `4 "मीटर/सेकण्ड"^(2)` के अन्तर्गत गतिमान है। (i) `t=3` से `t=5` सेकण्ड के बीच कण का औसत वेग क्या है? (ii) दूसरे सेकण्ड में कण का औसत वेग क्या है?

Answer» (i)प्रश्नानुसार `u=10` मीटर/सेकण्ड `a=4 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
माना कण मूल बिंदु `(x=0)` से गति प्रारम्भ करता है।
समीकरण `x=ut+1/2at^(2)` से `t=3` सेकण्ड पर कण की स्थिति
`x(3)=10xx3+1/2xx4xx(3)^(2)=30+18=48` मीटर
`t=5` सेकण्ड पर कण की स्थिति
`x(5)=10xx5xx1/2xx4xx(5)^(2)=50+50=100` मीटर
अतः `t=3` सेकण्ड से 5 सेकण्ड के बीच कण का औसत वेग
`v_(av)=("विस्थापन")/("समयान्तराल")=(x(5)-x(3))/(5-3)`
`=(100-48)/2=26` मीटर/सेकण्ड
(ii) दूसरे सेकण्ड में कण क विस्थापन
`x=u+1/2a(2t-1)`
`=10+1/2(4)[2xx2-1]=16` मीटर
दूसरे सेकण्ड में कण का औसत वेग `=("विस्थापन")/("समयान्तराल")`
`=16/1=16` मीटर/सेकण्ड
14.

द्रव्यमान `m` तथा `2m` की दो गेदें एक साथ एक ही स्थान से समान वेग `u` से ऊपर की ओर फेंकी जाती है। प्रक्षेपण बिंदु पर- (i) कौन सी गेंद पहले वापस आ जायेगी? (ii) कौन सी गेंद अधिक वेग से वापस आयेगी?

Answer» Correct Answer - (i)दोनों गेंद एक साथ वापस आयेगी, (ii) दोनों गेंद समान वेग `u` से वापस आयेगी।
(i)गुरूत्व के अधीन ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंके गये कण का वेग उच्चतम बिंदु पर पहुंचने से पूर्व ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर तथा त्वरण `(g)` ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर होता है।
(ii) जब किसी कण को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाता है तो उच्चतम बिंदु पर इसका वेग शून्य हो जाता है जबकि त्वरण `g(!= 0)` होता है।
15.

चित्र में एक कण क स्थिति समय ग्राफ दर्शाया गया है। इस ग्राफ की विवेचना कीजिए।

Answer» `t=0` से 2 सेकण्ड तक`-x` का मन शून्य (नियत) है। अतः कण मूल बिंदु पर विरामावस्था में है
`t=2` सेकण्ड से 8 सेकण्ड तक -`x-t` ग्राफ एक वक्र है। अतः कण असमान गति कर रहा है।
`t=8` सेकण्ड से 10 सेकण्ड तक `x=100` मीटर (नियत) है। अतः कण `x=100` मीटर की स्थिति में विरामावस्था में है।
16.

एक कण का विसथापन (s) समय (t) ग्राफ चित्र में प्रदर्शित है। कण की गति की विवेचना कीजिए।

Answer» `t=0` पर `s=-10` मीटर है। अतः कण मूल-बिंदु से 10 मीटर पीछे से गति प्रारम्भ करता है। `s-t` ग्राफ सरल रेखा है । अतः कण का वेग `v` (ग्राफ का ढलान) नियत है। अतः कण की गति एकसमान गति है। `v=` ग्राफ का ढलान `=(OA)/(OB)=10/2=5` मीटर/सेकण्ड।
कण `t=2` सेकण्ड पर मूल –बिंदु से गुजरता है।
17.

समझाइए कि क्या चित्र में प्रदर्शित ग्राफ व्यवहार में किसी कण की गति को प्रदर्शित कर सकते हैं? अथवा नहीं?

Answer» (a)सम्भव नहीं है क्योंकि समय बढ़ने पर दूरी घटती नहीं है।
(b) सम्भव है।
(c)सम्भव नहीं है क्योंकि एक ही क्षण `t_(1)` पर कण की दो स्थितियां दर्शायी गयी हैं।
(d) सम्भव नहीं है क्योंकि
(i) क्षण `t_(1)` पर वेग के दो मान दर्शायें गये हैं।
(ii) क्षण `t_(2)` पर ग्राफ का ढलान (त्वरण) अनन्त है।
(e) सम्भव नहीं है क्योंकि चाल का मान ऋणात्मक नहीं हो सकता।
(f) सम्भव है।
18.

क्या यह सम्भव है कि कोई वस्तु एक ही क्षण पर विरामावस्था में भी हो और गति की अवस्था में भी?

Answer» हां, यह हो सकता है कि वस्तु एक निर्देश तंत्र में विरामावस्था में हो तथा दूसरे निर्देश तंत्र में गति की अवस्था में। उदाहरण के लिए चलती हुई रेलगाड़ी के डिब्बे में बैठा एक व्यक्‍ति डिब्बे में बैठे दूसरे व्यक्‍ति के सापेक्ष विरामावस्था में होगा जबकि पृथ्वी पर खड़े व्यक्‍ति के सापेक्ष गति की अवस्था में।
19.

सरल रेखा में गति करते हुए एक कण की विभिन्न समयान्तरालों में चाल निम्न सारणी में प्रदर्शित है - कण द्वारा तय की गयी कुल दूरी तथा औसत चाल ज्ञात कीजिए।

Answer» दूरी `=` चाल `xx` समय
अतः 0-5 सेकण्‍ समयान्तराल में तय दूरी
`D_(1)=2xx(5-0)=10` मीटर
5-10 सेकण्ड समयान्तराल में तय दूरी
`D_(2)=4xx(10-5)=20` मीटर
10-20 सेकण्ड समयान्तराल में तय दूरी
`D_(3)=5xx(20-10)=50` मीटर
अतः कण द्वारा तय कुल दूरी
`D=D_(1)+D_(2)+D_(3)+D_(4)`
`=10+20+50+0=120` मीटर
औसत चाल `=("कुल दूरी")/("कुल समय")=120/30=4` मीटर /सेकण्ड
20.

नीचे दिए गये कथनों को ध्यान से पढ़िये और कारण बताते हुए व उदाहरण देते हुए बताइए कि वे सत्य हैं या असत्य। एकविमीय गति में किसी कण की (i) किसी क्षण चाल शून्य होने पर भी उसका तवरण अशून्य हो सकता है। (ii) चाल शून्य होने पर भी उसका वेग अशून्य हो सकता है। (iii) चाल स्थिर हो, तो त्वरण अवयय ही शून्य होना चाहिए। (iv) चाल अवश्य ही बढ़ती रहेगी, यदि उसका त्वरण धनात्मक हो।

Answer» (i) सत्य, यदि किसी वस्तु को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाता है, तो अधिकतम ऊंचाई के बिंदु पर इसकी चाल शून्य हो जाती है, परंतु गुरूत्व के कारण उसका त्वरण, गुरूत्वीय त्वरण के बराबर ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर होता है।
(ii) असत्य, क्योंकि वेग को किसी निश्‍चित दिशा में चाल के रूप में परिभाषित करते हैं। यदि चाल शून्य है तो वेग का परिमाण शून्य होगा, अतः वेग भी शून्य होगा।
(iii) सत्य, यदि एक कण एक सरल रेखा में नियत चाल से गति कर रहा है तब उसका वेग भी नियत होगा जिसके परिणामस्वरूप उसका त्वरण शून्य होगा।
(iv) असत्य, यदि ऊर्ध्वाधर पीचे की ओर धनात्मक दिशा ले तब ऊर्ध्वाधर, ऊपर की ओर फेंकी गई गेंद की चाल निरन्तर कम हेाती जाती है जबकि उस पर कार्यरत त्वरण धनात्मक है।
सत्य, यदि एक गेंद स्वतंत्रतापूर्वक गुरूत्व के अन्तर्गत नीचे गिर रही है तब त्वरण धनात्मक है तथा गेंद की चाल भी निरंतर बढ़ रही है।
21.

कोई जेट वायुयान `500 km h^(-1)` कि चाल से चल रहा है और यह जेट यान के सापेक्ष `1500 km h^(-1)` कि चाल से अपने दहन उत्पादों को बाहर निकलता है | जमीन पर खड़े किसी प्रेक्षक के सापेक्ष इन दहन उत्पादों कि चाल क्या होगी ?

Answer» Correct Answer - `1000 km h^(-1)`
22.

कोई जेट वायुयान `500 km h^(-1)` की चाल से चल रहा है ओर यह जेट यान के सापेक्ष `1500km h^(-1)` की चाल से अपने दहन उत्पादों को बाहर निकलता है । जमीन पर खड़े किसी प्रेक्षक के सापेक्ष इस दहन उत्पादों की चाल क्या होगी ?

Answer» माना जेट वायुयान ऊपर की ओर (धनात्मक दिशा) `v_(f)` वेग से गति कर रहा है तथा उससे उत्सर्जित गैसें नीचे की ओर (ऋणात्मक दिशा) `v_(R)` वेग से गति करती है। जबकि प्रेक्षक जमीन पर स्थित है अर्थात `v_(0)=0`
`:.v_(f)=500` किमी/घण्टा
`v_(R)=-1500` किमी/घण्टा
`v_(0)=0`
वायुयान की प्रेक्षक के सापेक्ष चाल
`v_(f)-v_(0)=500-0=500` किमी/घण्टा………i
दहन उत्पादों की जेट यान के सापेक्ष चाल
`v_(g)-v_(f)=-1500` किमी/घण्टा ( दिया है)
बाहर आने वाली गैसों का वेग `v_(R)` तथा जेट का वेग `v_(f)` परस्पर विपरीत दिशा में है।
समीकरण (i) तथा (ii) को जोड़ने पर
`(v_(f)-v_(0))+(v_(R)-v_(f))=500-1500`
`v_(R)-v_(0)=-1000` किमी/घण्टा
अतः दहन उत्पाद गैसों की प्रेक्षक के सापेक्ष चाल 1000 किमी/घण्टा है। `-ve` चिन्ह यह प्रदर्शित करता है कि गैसों की यह चाल, जेट यान की गति के विपरीत दिशा में है।
23.

एक गुब्बारा 5.0 m/s के एकमान वेग से ऊपर की ओर जा रहा है | जब वह जमीन से 50 m ऊपर है, गुब्बारे में बैठा व्यक्ति एक पत्थर फेंक दिया, पत्थर जमीन पर पँहुचता है, उस समय जमीन से गुब्बारे की ऊँचाई निकाले | ` g = 10 m//s^ 2 ` लें |

Answer» जब पत्थर गुब्बारे में है, तो उसका वेग भी गुब्बारे के बराबर, अर्थात 5.0 m/s ऊपर की ओर होगा | पत्थर को चढ़ने के समय ` g = 10 m//s ^ 2 ` त्वरण के साथ चलेगा | ऊपर की ओर की दिशा को x - अक्ष तथा पत्थर छोड़ने के क्षण को ` t = 0 ` कहें | इस समय पत्थर के स्थान को ` x = 0 ` कहें |
यदि पत्थर t समय पर पँहुचता है, तो इस समय,
` x = -50 m, u = 5.0 m//s, a = g = -10 m//s^ 2 `
अतः , ` - 50 m = (5.0 m//s ) t - (5 m//s^ 2 ) t ^ 2 `
या ` t = ( 1 pm sqrt (41 ))/( 2 ) s ` अर्थात ` t = - 2.7 s ` या ` 3.7 s `
इस प्रश्न के लिए ` t = -2.7 s ` का कोई मतलब नहीं है, अतः पत्थर को छोड़ जाने के 3.7 s बाद वह जमीन पर पंहुचतेस है | इतने समय में गुब्बारे द्वारा ऊपर की ओर तय की गई दुरी
` = ( 5m//s) xx ( 3.7 s ) = 18.5 m`
अतः, जब पत्थर जमीन पर पँहुचता है उस समय गुब्बारे की जमीन से ऊँचाई ` = 50 m + 18.5 m = 68.5 m`.
24.

संलग्न चित्र में एक कण का विस्थापन समय ग्राफ प्रदर्शित है। बिंदु A,B तथा C पर कण के वेग तथा त्वरण के चिन्ह क्या है?

Answer» बिंदु `A` पर-वेग `=` ग्राफ का ढलान `=` धनात्मक ढलान बढ़ रहा है अतः त्वरण `=` धनात्मक
इसी प्रकार बिंदु `B` पर-वेग `=` शून्य, त्वरण `=` शून्य
बिंदु C पर-वेग `=` ऋणात्मक, त्वरण `=` ऋणात्मक।
25.

सरल रेखा में गतिमान एक कण का त्वरण (a) समय `(t)` ग्राफ संलग्न चित्र में प्रदर्शित है। कण का प्रारम्भिक वेग 2 मीटर/सेकण्ड है। ज्ञात कीजिए (i) `t=3` सेकण्ड तथा `t=6` सेकण्ड पर कण का वेग (ii) `t=0` से `t=6` सेकण्ड के बीच कण का औसत त्वरण।

Answer» (i) कण का प्रारम्भिक वेग `v(0)=2` मीटर/सेकण्ड
0 से 3 सेकण्ड के समयान्तराल में कण के वेग में परिवर्तन
`Deltav_(1)=` भाग OAC का क्षेत्रफल `=1/2xx3xx4=6` मीटर/सेकण्ड
0 से 6 सेकण्ड के समयान्तराल में कण के वेग में परिवर्तन
`Delta_(2)=` भाग OAB का क्षेत्रफल `=1/2xx6xx4=12` मीटर/सेकण्ड
अतः `t=3` सेकण्ड पर कण का वेग `v(3)=v(0)+Deltav_(1)`
`=2+6`
`=8`मीटर/सेकण्ड
`t=6` सेकण्ड पर कण का वेग `v(6)=v(0)+Deltav_(2)`
`=2+12=14` मीटर/सेकण्ड
(ii) `t=0` से `t=6` सेकण्ड के समान्तराल में कण का औसत त्वरण
`a_(av)=("वेग परिवर्तन")/("समयान्तराल")=(Deltav_(2))/(6-0)=12/6=2 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
26.

चित्र में एक सरल रेखा पर गतिमान कण का वेग-समय ग्राफ प्रदर्शित है। इस ग्राफ की विवेचना कीजिए।

Answer» `t=0` से `t=10` सेकण्ड तक
`v-t` ग्राफ एक सरल रेखा है जिसका ढलान धनात्मक है । अतः कण का त्वरण नियत एवं धनात्मक है। त्वरण
`a=` रेखा OA का ढलान `=(Deltav)/(Delta t)`
`=(20-0)/(10-0)=+2 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
इस अवधि में कण का विस्थापन `x=DeltaOAE` का क्षेत्रफल
`=1/2xxOExxAE=1/2xx10xx20=+100` मीटर
`t=10` से `t=15` सेकण्ड मे
कण का वेग नियत (20 मीटर/सेकण्ड) रहता है । अतः त्वरण `a=0 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
इस अवधि में कण का विस्थापन `x=` आयत ABDE का क्षेत्रफल
`=ABxxAE`
`=5xx20=+100` मीटर
`t=15` से `t=20` सेकण्ड तक
`v-t` ग्राफ एक सरल रेखा है जिसका ढलान ऋणात्मक है। अतः कण का वेग, त्वरण नियत एवं ऋणात्मक है। त्वरण
`a=` रेखा BC क ढलान `=(Deltav)/(Deltat)=(0-20)/(20-15)`
`=-4 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
इस अवधि में कण का विस्थापन `x=DeltaBCD` का क्षेत्रफल
`=1/2xxCDxxBD`
`=1/2xx 5xx20=+50` मीटर
27.

किसी गतिमान कण की स्थिति x समय `t` के साथ निम्न समीकरण के अनुसार बदल रही है।- `x=t^(2)+3` जहां x मीटर में तथा `t` सेकण्ड में है। ज्ञात कीजिए। (i) `t=0` सेकण्ड तथा `t=3`सेकण्ड पर कण की स्थिति। (ii)` t=2` सेकण्ड से `t=4` सेकण्ड के अन्तराल में कण का औसत वेग। (iii) `t=5` सेकण्ड पर कण का वेग।

Answer» (i) दिया है `=x=t^(2)+3`
`t=0` सेकण्ड पर `x_(0)=(0)^(2)+3=3` मीटर
`t=3` सेकण्ड पर `x_(3)=(3)^(2)+3=12` मीटर
(ii) `t=2` सेकण्ड पर कण की स्थिति
`x_(2)=(2)^(2)+3=7` मीटर
`t=4` सेकण्ड पर कण की स्थिति
`x_(2)=(4)^(2)+3=19` मीटर
`t=2` से `t=4` सेकण्ड के बीच, कण का औसत वेग
`v_(av)=(Deltax)/(Deltat)=(19-7)/(4-2)=12/2=+6`मीटर/सेकण्ड
(iii) कण का तत्क्षणिक वेग
`v=(dx)/(dt)=d/(dt)[t^(2)+3]`
`=[2t+0]=2t`
`t=5` सेकण्ड पर,`v=2xx5=+10` मीटर/सेकण्ड
28.

X-अक्ष के अनुदिश गतिमान कण का वेग-समय ग्राफ चित्र में प्रदर्शित है। ज्ञात कीजिए- (i) त्वरण (ii) 0 से 4 सेकण्ड तक चली गयी दूरी।

Answer» (i)कण का त्वरण
`a=v-t` ग्राफ (अर्थात रेखा AB) का ढलान
`=(BD)/(AD)=((8-2))/((4-0)) "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
`=1.5 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
(ii) 0 से 4 सेकण्ड तक कण द्वारा तय दूरी
`s=` भाग OABC का क्षेत्रफल
`=((OA+BC)xxOC)/2=((2+8)xx4)/2=20` मीटर
29.

78.4 मीटर ऊंची मीनार की चोटी से एक गेंद विरामावस्था से छोड़ दी जाती है। ज्ञात कीजिए (A) 2 सेकण्ड बाद गेद का वेग तथा पृथ्वी तल से ऊंचाई क्या है? (B) गेंद प्रेक्षपण के कितने समय बाद पृथ्वी से टकरायेगी? (C) पृथ्वी पर टकराते समय गेंद का वेग क्या होगा ? (`g=9.8 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`)

Answer» (A) 2 सेकण्ड बाद गेंद का वेग `v="gt"`
`=9.8xx2`
`=19.6` मीटर/सेकण्ड
पृथ्वी तल से ऊंचाई `h=H-y=H-1/2 "gt"^(2)`
`=78.4-1/2xx9.8xx(2)^(2)`
`=78.4-1/2xx9.8xx(2)^(2)`
`=78.4-19.6=58.8` मीटर
(B) यदि गेंद `t` सेकण्ड बाद पृथ्वी से टकराये तो
`t=sqrt((2H)/g)=sqrt((2xx78.40/9.8)=4` सेकण्ड
`=sqrt(2xx9.8xx78.4)`
`=39.2` मीटर/सेकण्ड
30.

X-अक्ष के अनुदिश गति कर रहे कण की स्थिति निम्न समीकरण द्वारा व्यक्त है `x=At^(3)+Bt^(2)+Ct+D` जहां `x` मीटर में तथा `t` सेकण्ड में है। नियतांक A,B,C व D के आंकिक मान क्रमशः 1,4,-2 व 5 हैं ज्ञात कीजिए (i) A,B,C व D के विमीय सूत्र। (ii) `t=4` सेकण्ड पर कण का वेग तथा त्वरण। 1 (iii) प्रथम 4 सेकण्ड में कण् का औसत वेग। (iv) प्रथम 4 सेकण्ड में कण का औसत त्वरण।

Answer» (i)`x=At^(3)+Bt^(2)+Ct+D`
समीकरण में सभी पदों के विमीय सूत्र समान होते हैं। अतः
A का विमीय सूत्र `=(x "का विमीय सूत्र")/(t^(3) "का विमीय सूत्र")=([L])/([T^(3)])=[LT^(-3)]`
B का विमीय सूत्र `=(x "का विमीय सूत्र")/(t^(2) "का विमीय सूत्र")=([L])/([T^(2)])=[LT^(-2)]`
C का विमीय सूत्र `=(x "विमीय सूत्र")/(t "का विमीय सूत्र")=([L])/([T])=[LT^(-1)]`
D का विमीय सूत्र `=x` का विमीय सूत्र `=[L]`
(ii) A,B,C,D के मान रखने पर कण की स्थिति की समीकरण
`x=t^(3)+4t^(2)-2t+5` मीटर
तात्क्षणिक वेग `v=(dx)/(dt)=3t^(2)+8t-2` मीटर/सेकण्ड
तात्क्षणिक त्वरण `=a(dv)/(dt)=6t+8 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
`t=4` सेकण्ड पर a`v=3(4)^(2)+8(4)-2`
`=78` मीटर/सेकण्ड
`a=6(4)+8=32 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
(iii) `t=0` सेकण्ड पर कण की स्थिति
`x(0)=(0)^(3)+4(0)^(2)-2(0)+5=5` मीटर
`t=4` सेकण्ड पर कण की स्थिति
`x(4)=(4)^(3)+4(4)^(2)-2(4)+5=125` मीटर
प्रथम 4 सेकण्ड में कण का औसत वेग
`v_(av)=("विस्थापन")/("समयान्तराल")=(x(4)-x(0))/(4-0)`
`=(125-5)/4=30` मीटर/सेकण्ड
(iv) `t=0` सेकण्ड पर कण का वेग
`v(0)=3(0)^(2)+8(0)-2=-2` मीटर/सेकण्ड
`t=4` सेकण्ड पर कण का वेग
`v(4)=3(4)^(2)+8(4)-2=78` मीटर/सेकण्ड
प्रथम 4 सेकण्ड में कण का औसत त्वरण
`a_(av)=("वेग परिवर्तन")/("समयान्तराल")=(v(4)-v(0))/(4-0)=(78-(-2))/4`
`=80/4 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
31.

किसी स्थिर लिफ्ट में (जो ऊपर से खुली है) कोई बालक खड़ा है। वह अपने पूरे जोर से एक गेंद ऊपर की ओर फेंकता है जिसकी प्रारम्भिक चाल `49m//s` है। उसके हाथों में गेंद के वापिस आने में कितना समय लगेगा? यदि लिफ्ट ऊपर की ओर `5m//s` की एकसमान चाल से गति करना प्रारम्भ कर दें और वह बालक फिर गेंद को अपने पूरे जोर से फेंकता तो कितना देर में गेंद उसके हाथों में लौट आयेगी?

Answer» गेंद का प्रारम्भिक वेग `(u)=49m//s`
त्वरण `(a)=-g=9.8m//s^(2)`
तथा उच्चतम बिंदु पर अन्‍तिम वेग `(v)=0`
(i) जब लिफ्ट स्थिर है।
गति के समीकरण से `v=u+at`
`0=49+(-9.8)xxt`
या `t=49/9.8=5s`
परंतु गेंद के नीचे आने का समय `=` गेंद के ऊपर जाने का समय
`:.` बालक के हाथ तक गेंद के वापिस आने में लगा कुल समय
`=2t=2xx5=10s`
(ii) जब लिफ्ट ऊपर की ओर नियत चाल से गति कर रही है-
जब लिफ्ट ऊपर की ओर नियत चाल से गति कर रही है तब उसका त्वरण शून्य है। अतः गेंद की बालक के सापेक्ष चाल, गेंद की अपनी चाल के बराबर अर्थात `49m//s` होगी। अतः गेंद बालक के हाथ में सतान समय अर्थात `10s` में लौटेगी।
32.

कोई खिलाड़ी एक गेंद को ऊपर की ओर आरम्भिक चाल 29 मी0/से0 से फेंकता है (i) गेंद की ऊपर की ओर गति के दौरान त्वरण की दिशा क्या होगी? (ii)इसकी गति के उच्चतम बिंदु पर गेंद के वेग व त्वरण कया होंगें?(iii) गेंद के उच्चतम बिंदु पर स्थान व समय को `x=0` व `t_(0)=0` चुनिय, ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर की दिशा को `x` -अक्ष की धनात्मक दिशा मानिए। गेंद की ऊपर की वय नीचे की ओर गति के दौरान स्थिति, वेग व त्वरण के चिन्ह बताइए। (iv) किस ऊंचाई तक गेंद ऊपर जाती है और कितनी देर के बाद गेंद खिलाड़ी के हाथों में आ जाती है? (`g=9.8` मी0/से0 तथा वायु का प्रतिरोध नगण्य है।)

Answer» (i)गेंद गुरूत्व के अन्तर्गत गति कर रही है। अतः त्वरण की दिशा ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर, गुरूत्वीय त्वरण की दिशा में हैं।
(ii) गति के उच्चतम बिंदु पर वेग शून्य है तथा त्वरण, गुरूत्वीय त्वरण (9.8 मी0/से0) के बराबर ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर है।
(iii) यदि उच्चतम बिंदु पर स्थान व समय को `x=0` मी0 तथा `t_(0)=0` से0 तथा ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर की दिशा को `x` अक्ष की
धनात्मक दिशा चुने तब
ऊपर की ओर गति के समय
स्थिति धनात्मक
वेग ऋणात्मक
त्वरण धनात्मक
नीचे की ओर गति के समय
स्थिति धनात्मक
वेग ऋणात्मक
त्वरण धनात्मक
(iv) माना गेंद `h` अधिकतम ऊंचाई तक ऊपर जाती हैं
गेंद का प्रारम्भिमक वेग `(u)=29.4m//s`
`g=9.8m//s^(2)`
अधिकतम ऊंचाई पर गेंद का अन्‍तिम वेग `(v)=0`
गति के समीकरण से `v^(2)=u^(2)-2gh`
`0=(29.4)^(2)-2xx9.8xxh`
अथवा `h=(29.4xx29.4)/(2xx9.8)=44.1m`
पुनः गति के समीकरण से `v=u-"gt"`
`0=29.4-9.8t`
अथवा `t=29.4/9.8=3s`
गेंद के ऊपर जाने में लगा समय ठीक उसके नीचे आने में लगे समय के बराबर होता है।
`:.` गेंद के खिलाड़ी के वापस हाथ में आने में लगा समय
`=2t=2xx3=6s`
33.

किसी 200 मीटर ऊंची खड़ी चट्टान के किनारे से दो पत्थरों को एक साथ ऊपर की ओर 15 मीटर/सेकण्ड तथा 30 मी0/से0 की प्रारम्भिक चाल से फेंका जाता है। इसका सत्यापन कीजिए कि नीचे दिखाया गया ग्राफ पहले पत्थर के सापेक्ष दूसरे पत्थर की आपेक्षिक स्थि‌ति का समय के साथ परिवर्तन को प्रदर्शित करता है। वायु के प्रतिरोध को नगण्‍य मानिये और यह मानिये कि जमीन टकराने के बाद पत्थर ऊपर की ओर उछलते नहीं । मान लीजिए `g=10m//s^(2)`. ग्राफ के रेखीय व वक्रीय भागों के लिए समीकरण लिखिए।

Answer» चट्टान के किनारे की ऊंचाई `(x_(0))=200` मीटर
त्वरण `(a)=-10 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
पहले पत्थर के लिए
पत्थर का वेग `u_(1)=15` मीटर/सेकण्ड
समीकरण `x_(1)=x_(0)+u_(1)t+1/2at^(2)`
`=200+15t+1/2(-10)t^(2)`
`x_(1)=20+15t-5t^(2)` ………..i
जब पत्थर जमीन से टकराता है तब
`x_(1)=0`
`:.0=200+15t-5t^(2)`
अथवा `t^(2)-3t-40=0`
अथवा `t^(2)-8t+5t-40=0`
`t(t-8)+5(t-8)=0`
अथवा `(t-8)(t+5)=0`
अथवा `t=8s`
अथवा `t=-5s`
परंतु `t=-5s` सम्भव नहीं है।
जमीन से टकराने में लगा समय
`:.t=8s`
दूसरे पत्थर के लिए
पत्थर की चाल `u_(2)=30` मीटर/सेकण्ड
समीकरण `x_(2)=x_(0)+u_(2)t+1/2at^(2)`
`=200+30t+1/2(-10)t^(2)`
`=200+30t-5t^(2)`……….ii
जब पत्थर जमीन से टकराता है तब
`x_(2)=0`
`:.0=200+30t-5t^(2)`
अथवा `t^(2)-6t-40=0`
अथवा `t^(2)-10t+4t-40=0`
`t(t-10)+4(t-10)=0`
अथवा `(t-10)(t+4)=0`
अथवा `t=10s`
अथवा `t=-4s`
परंतु `t=-4s` सम्भव नहीं है
`:.` जमीन से टकराने में लगा समय `t=10s`
अब समीकरण (i) में से समीकरण (ii) को घटाने पर
`x_(2)-x_(1)=15t`…………..iii
`(x_(2)-x_(1))` दूसरे पत्थर की पहले पत्थर के सापेक्ष स्थिति को प्रदर्शित करती है।
दूसरे पत्थर का पहले पत्थर के सापेक्ष वेग
`u_(21)=u_(2)-u_(1)`
`=30-15=15` मीटर/सेकण्ड
`:.` समय `t=8s` पर दोनों पत्थरों के बीच की दूरी
`x_(2)-x_(1)=15x8` [समीकरण (iii)]
`=120` मीटर
समीकरण (iii) एक सरल रेखा का समीकरण है। अतः ग्राफ का `t=s` तक भाग `OA` एक सरल रेखा है समय `t=8s` पर पहला पत्थर जमीन से टकराता है इस समय दोनों पत्थरों के बीच की दूरी `(x_(2)-x_(1))` अधिकतम अर्थात 120 मीटर है।
`8s` बाद केवल दूसरा पत्थर गति में है।
दूसरे पत्थर के लिए
`x_(2)-x_(1)=x_(0)+u_(21)t+1/2at^(2)`
`=200+15t-1/2(-10)t^(2)`
`=200+15t-5t^(2)`
यह एक परवलय का समीकरण है। अतः ग्राफ का परतलयकार भाग AB दूसरे पत्थर का पहले पत्थर के सापेक्ष `8s` से `10s` तक सापेक्ष स्थिति को प्रदश्रित करता ‌है।
अतः दिया गया ग्राफ दूसरे पत्थर की पहले पत्थर के सापेक्ष स्थिति-समय ग्राफ को पूर्णतः प्रदर्शित करता है।
34.

एक पत्थर 20 मीटर/सेकण्ड के वेग से पृथ्वी तल से ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाता है। `g=10 "मीटर/सेकण्ड"^(2)` मान कर ज्ञात कीजिए।- (A) पत्थर द्वारा प्राप्त महत्तम ऊंचाई। (B) `t=1` सेकण्ड पर पत्थर का वेग तथा ऊंचाई। (C) `t=3` सेकण्ड पर पत्थर का वेग तथा ऊंचाई। (D) पत्थर को लौटकर प्रक्षेपण बिंदु तक आने में लगा समय। (E) सम्पूर्ण उड़ान में पत्थर की औसत चाल एवं औसत वेग।

Answer» प्रक्षेपण बिंदु की मूल-बिंदु तथा ऊर्ध्वाधर ऊपर की दिशा को धनात्मक चुनने पर
`u=+20` मीटर/सेकण्ड `a=-g`
(A) उच्चतम बिंदु पर `v=0, y=H=` अधिकतम ऊंचाई
`v^(2)=u^(2)+2ay=u^(2)-2gH`
`(0)^(2)=(20)^(2)-2xx10xxH`
`:. H=400/20=20` मीटर
(B)` t=1` सेकण्ड पर
`v=u+at=u-"gt"`
`=20-(10)(1)=10` मीटर/सेकण्ड
`h=y=ut+1/2 at^(2)=ut-1/2 "gt"^(2)`
`=20(1)-1/2(10)(1)^(2)=15` मीटर
(C)` t=3` सेकण्ड पर
`v=u-"gt"=20-(10)(3)=-10` मीटर/सेकण्ड
ऋण चिन्ह दर्शाता है कि पत्थर इस क्षण पर नीचे की ओर गतिमान है।
`h=ut+-1/2 "gt"^(2)=20(3)-1/2(10)(3)^(2)`
`=60-45=15` मीटर
(D) पत्थर को प्रेक्षपण बिंदु से उच्चतम बिंदु तक जाने में लगा समय यदि `t_(0)` हो तो
`v=u+at=u-"gt"` से
`0=u-"gt"_(0)=20-10t_(0)`
`:.t_(0)=20/10=2` सेकण्ड
पृथ्वी तक वापस आने में लगा समय
`T=2t_(0)=2xx2=4` सेकण्ड
(E) औसत चाल `=("कुल दूरी")/("कुल समय")=(2H)/T`
`=(2xx20)/4=10` मीटर/सेकण्ड
औसत वेग `=("विस्थापन")/("समय")=0/T=0` मीटर/सेकण्ड
35.

एक `h` मीटर ऊंचाई की चोटी से एक व्यक्‍ति एक पत्थर `u` चाल से ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर तथा दूसरा पत्थर `u` चाल से ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंकता है। (A) कौन सा पत्थर पर पहले टकरायेगा। तथा कितना पहले? (B) कौन सा पत्थर पृथ्वी पर अधिक चाल से टकरायेगा?

Answer» (A)दूसरा पत्थर मीनार की चोटी `O` से पहले अपने उच्चताप बिंदु `A` तक जायेगा (जहां `v=0`) फिर नीचे वापस मुंह जायेगा। वापसी में बिंदु `O` से यह उसी चाल `u` से गुजरेगा जिस चाल `u` से यह फेंका गया था। चित्र से स्पष्ट है कि पत्थर 1 पत्थर 2 से पहले पृथ्वी से टकरायेगा। पत्थर 2 को लगा अतिरिक्त समय `=O` से `A` तक तथा वापसी में A से O तक आने में लगा कुल समय `=(2u)/g`
(B) पृथ्वी पर टकराते समय
`v_(1)=sqrt(u^(2)+2gh), v_(2)=sqrt((-u)^(2)+2gh),sqrt(u^(2)+2gh)`
`:.v_(1)=v_(2)` अर्थात दोनों पत्थर समान चाल से टकरायेगें।
36.

एक कण प्रारम्भिक वेग 5 मीटर/सेकण्ड तथा एकसमान त्वरण् `2 "मीटर/सेकण्ड"^(2)` से `+X` अक्ष के अनुदिश गति प्रारम्भ करता है। ज्ञात कीजिए- (A) 2 सेकण्ड बाद कण का वेग। (B) प्रथम 3 सेकण्ड में कण का विस्थापन तथा तय की गई दूरी। (C) कितने समय बाद कण का वेग 15 मीटर/सेकण्ड होगा? (D) 21 मीटर/सेकण्ड वेग प्राप्त करने तक कण कितनी दूरी तय करेगा? (E) चौथे सेकण्ड में कण कितनी दूरी तय करता है?

Answer» दिया है `u=5` मीटर/सेकण्ड `a=2 "मीटर/सेकण्ड"^(2)`
चूंकि त्वरण धनात्मक है। अतः कण एक ही दिशा में चलता रहेगा। अतः कण द्वारा तय दूरी कण के विस्थापन के बराबर होगी।
(A) `t=2` सेकण्ड `v=?`
गति की प्रथम समीकरण से
`v=u+at=5+(2)(2)=9` मीटर/सेकण्ड
(B) `t=3` सेकण्ड `x=?`
गति की द्वितीय समीकरण से
`x=ut+1/2at^(2)`
`=(5)(3)+1/2(2)(3)^(2)`
`=15+6=24` मीटर
अतः कण का विस्थापन `=24` मीटर
तय की गई दूरी `=` विस्थापन `=24` मीटर
(C) `v=15` मीटर/सेकण्ड `t=?`
`v=u+at`
`15=5+(2)t`
`10=2t` अथवा `t=5` सेकण्ड
(D)` v=21` मीटर/सेकण्ड `x=?`
गति की तृतीय समीकरण से
`v^(2)=u^(2)+2ax`
`(21)^(2)=(5)^(2)+2(2)x`
`x=(441-25)/4=104` मीटर
तय की गई दूरी `=` विस्थापन `x=104` मीटर
(E) `t`वें सेकण्ड में कण द्वारा तय दूमरी उसके विस्थापन के बराबर है।
अतः
`d_(t)=x_(t)=u+1/2a(2t-1)`
यहां `t=4` सेकण्ड
`:.d_(t)=5+1/2(2)[2(4)-1]=5+7=12` मीटर
37.

एक शरारती लड़का गुलेल में पत्थर लगाकर उसके रबर को 24 cm पीछे खींचता है और फिर छोड़ देता है | जब तक रबर अपनी स्वाभाविक लम्बाई में लौटता है, वह पत्थर को धक्का देता है और उसमे त्वरण पैदा करता है | पत्थर जब गुलेल को छोड़ता है तो उसका वेग 2.2 m/s हो जाता है | यदि यह माना जाए कि पत्थर का त्वरण एकसमान है , तो इसका मान निकालें |

Answer» पत्थर का प्रारंभिक वेग = 0
पत्थर का अंतिम वेग = 2.2 m/s
पत्थर का विस्थापन = 24 cm = 0.24 m
एकसमान त्वरण के लिए , ` v ^ 2 = u^ 2 + 2ax `
या ` (2.2)^2 ( m^ 2 ) /( s^ 2 ) = 0 + 2a xx (0.24 ) m `
या ` a = (( 2.2)^ 2)/( 2xx (0.24)) = (m)/(s^2) = 10.1 m//s^ 2 `
38.

कोई व्यक्ति अपने घर से सीधी सड़क पर `5 km h^(-1)` की चाल से 2.5 km दूर बाजार तक पैदल चलता है |परंतु बाजार बंद देखकर वह उसी क्षण वापस मुड़ जाता है तथा `7.5 km h^(-1)` की चाल से घर लौट आता है | समय अंतराल (i) 0-30 मिनट, (ii) 0-50 मिनट, (iii) 0-40 मिनट की अवधि में उस व्यक्ति (a) के मध्य वेग का परिमाण, तथा (b) का मध्य चाल क्या है ? (नोट : आप इस उदाहरण के समय समझ सकेंगे की औसत चाल को औसत-वेग के परिमाण के रूप में परिभाषित करने की अपेक्षा समय द्वारा विभाजित कुल पथ-लंबाई के रूप में परिभाषित करना अधिक अच्छा क्यों है | आप थक कर घर लौट उस व्यक्ति को यह बताना नहीं चाहेंगे कि उसकी औसत चाल शून्य थी |)

Answer» Correct Answer - (i) `5 km h^(-1), 5 km h^(-1); (ii) 0;6 km//h; (iii) (15)/(8) km h^(-1), (45)/(5) km h^(-1)`
39.

किसी 200 m ऊंची खड़ी चट्टान के किनारे से दो पत्थरों को एक साथ ऊपर की ओर `15 m s^(-1)` तथा `30 m s^(-1)` की प्रारंभिक चाल से फेंका जाता है | इसका सत्यापन कीजिए कि नीचे दिखाया गया ग्राफ (चित्र 3.27) पहले पत्थर के सापेक्ष दूसरे पत्थर की आपेक्षिक स्थिति का समय के साथ परिवर्तन को प्रदर्शित करता है | वायु के प्रतिरोध को नगण्य मानिए और यह मानीय की जमीन से टकराने के बाद पत्थर ऊपर की ओर उछलते नहीं | मान लीजिए `g=10 m s^(-2)` | ग्राफ के रेखीय व वक्रीय भागों के लिए समीकरण लिखिए |

Answer» Correct Answer - `x_(2)-x_(1)=15t` (रैखिक भाग); `x_(2)-x_(1)=200+30t-5t^(2)` (वक्रीत भाग) |
40.

किसी स्थिर लिफ्ट में (जो ऊपर से खुली है) कोई बालक खड़ा है | वह अपने पूरे जोर से एक गेंद ऊपर की ओर फेंकता है जिसका प्रारंभिक चाल `49 m s^(-1)` है | उसके हाथों में गेंद के वापिस आने में कितना समय लगेगा ? यदि लिफ्ट ऊपर की ओर `5 m s^(-1)` एकसमान चाल से गति पर करना प्रारंभ कर दें और वह बालक फिर गेंद को अपने पूरे जोर से फेकता तो कितनी देर में गेंद उसके हाथों में लौट आएगी ?

Answer» Correct Answer - 10 s, 10 s
41.

दो नगर A व B नियमित बस सेवा द्वारा एक दूसरे से जुड़े हैं और प्रत्येक T मिनट के बाद दोनों तरफ से चलती है | कोई व्यक्ति साइकिल से `20 km h^(-1)`की चाल से A से B की तरफ जा रहा है और यह नोट करता है कि प्रत्येक 18 मिनट के बाद एक बस उसकी गति की दिशा में तथा प्रत्येक 6 मिनट बाद उसके विपरीत दिशा में गुजरती है | बस सेवाकाल T कितना है और बसें सड़क पर किस चाल (स्थिर मानिए) से चलती है ?

Answer» Correct Answer - T=9 min, चाल = 40 km `h^(-1)` [संकेत `vt//(v-20)=18 ; vT//(v+20)=6]`
42.

एक कण विराम अवस्था से एकसमान त्वरण से चलना शुरू करता है | किसी समय t पर उसका वेग `10.0 m//s ` है तथा उसके 1 सेकंड बाद उसका वेग `15.0 m//s ` हो जाता है | (a) कण का त्वरण ज्ञस्त करे | (b) t सेकंड से (t + 1 ) सेकंड के बीच चली गई दुरी निकालें |

Answer» (a) चूँकि त्वरण एकसमान है ,
` a = (v _ 2 - v _ 1 ) / ( t _ 2 - t _ 1 ) = (15.0 m//s - 10.0 m//s ) /( 1s ) = 5.0 m//s `
(b ) t सेकंड से (t + 1 ) सेकंड तक के समय अंतराल का विचार करे | इस अंतराल के लिए प्रारंभिक वेग = 10.0 m/s,
अतः , चली गई दुरी = ut ` + ( 1 ) / ( 2 ) at ^ 2 `
` = (10.0 m//s ) ( 1 s ) + ( 1 ) / ( 2 ) (5.0 m//s ^ 2 ) ( 1 s^ 2 ) `
` = 12.5 m `
43.

दो-लेन वाली किसी सड़क पर कार A `36 km h^(-1)` की चाल से चल रही है | एक दूसरे की विपरीत दिशाओं में चलती दो कारें B व C जिनमें से प्रत्येक की चाल `54 km h^(-1)` है, कार A तक पहुंचना चाहती है | किसी क्षण जब दूरी AB दूरी AC के बराबर है तथा दोनों 1 km है, कार का चालक यह निर्णय करता है कि कार C के कार A तक पहुंचने के पहले ही वह कार A से आगे निकल जाए | किसी दुर्घटना से बचने के लिए कार B का कितना न्यूनतम त्वरण जरूरी है ?

Answer» Correct Answer - `1 m s^(-2)` (संकेत : A के सापेक्ष B एवं C की गति देखिए |
44.

चित्र 3.23 में किसी कण की एकविमीय सरल आवर्ती गति के लिए x-t ग्राफ दिखाया गया है | (इस गति के बारे में आप अध्याय 14 में पढ़ेंगे) समय t=0.3 s, -1.2 s पर कण के स्थिति, बेग व त्वरण के चिन्ह क्या होंगे ?

Answer» Correct Answer - `xlt0, vlt0, agt0; xgt0; vgt0, alt0; xlt0, vgt0, agt0` |
45.

चित्र में किसी नियत (स्थिर) दिशा के अनुदिश चल रहे कण का चाल-समय ग्राफ दिखाया गया है। इसमें तीन समान समयान्तराल दिखाये गये हैं। किस अन्तराल में औसत त्वरण का परिमाण अधिकतम होगा? किस अन्तराल में औसत चाल अधिकतम होगी? धनात्मक दिशा को गति की स्थिर दिशा चुनते हुए तीनों अन्तरालों में `v` तथा `a` के चिन्ह बताइए। A,B,C, व D बिंदुओं पर त्वरण क्या होंगे?

Answer» `v-t` ग्राफ का ढलान अन्तराल 2 के लिए अधिकतम है अतः अन्तराल 2 के लिए औसत त्वरण का परिमाण अधिकतम होगा।
औसत चाल अन्तराल 3 के‌ लिए अधिकतम है क्योंकि शीर्ष D के संगत चाल अक्ष पर औसत चाल का मान अधिकतम है।
अन्तराल 1 में चाल `gt0` अतः चाल धनात्मक है। `v-t` ग्राफ का ढलान भी धनात्मक है अतः त्वरण भी धनात्मक है।
अन्तराल 2 में चाल `gt0` अतः चाल धनात्मक है। `v-t` ग्राफ का ढलान ऋणात्मक है अतः त्वरण ऋणात्मक है।
अन्तराल 3 में चाल `gt0` अतः चाल धनात्मक है।
`v-t` ग्राफ का ढलान शून्य है क्योंकि ग्राफ समय-अक्ष के समान्तर है। अतः त्वरण शून्य है। अतः `v-t` ग्राफ का ढलान शून्य है।
अतः इन सभी चारों बिंदुओं पर त्वरण शून्य है।
46.

चित्र में x -अक्ष पर चलते हुए एक कण के वेग का समय के साथ ग्राफ दिखाया गया है | (a) समय t =0 से t = 4s तक में कण की गति कैसी है, इसका वर्णन करे | (b) पहले 2 सेकंड में कण द्वारा चली गई दुरी निकले | (c ) ` t = 2s ` से ` t =4s ` तक में चली गई दुरी निकले | (d) ` t = 0 ` से `t =4s ` तक में चली गई दुरी निकाले | (e) ` t = 0 ` से `t = 4s ` तक में विस्थापन निकले | (f) ` t = ( 1 ) /( 2 ) s ` पर कण का त्वरण निकले | (g) ` t = 2s ` पर कण का त्वरण निकाले |

Answer» (a ) चित्र से, t = 0 पर v = 0 है , अर्थात कण स्थिर है | इस स्थान को x= 0 कहें | t = 0 से t = 2s तक वेग धनात्मक है , अतः कण x -अक्ष पर धनात्मक दिशा में बाद रहा है | t =1 s तक वेग बढ़ रहा है और इसके बाद कण धीमा होने लगता है |कण ` t = 2s ` पर रूक जाता है |उसके बाद वेग ऋणात्मक हो जाता है, अर्थात कण वापस मूलबिंदु की ओर चलने लगता है | ` t = 3s ` पर कण का वेग ऋणात्मक दिशा में अधिकतम हो जाता है और इसके बाद वह धीमा होने लगता है | ` t = 4s ` पर यह पुनः विराम अवस्था में आ जाता है |
47.

एकविमीय गति में किसी कण का वेग-समय ग्राफ चित्र 3.29 में दिखाया गया है : नीचे दिए सूत्रों में `t_(1)` से `t_(2)` तक के समय अंतराल की अवधि में कण की गति का वर्णन करने के लिए कौन-सा सूत्र सही है : (i) `x(t_(2))=x(t_(1))+v(t_(1))(t_(2)-t_(1))+(1//2)a(t_(2)-t_(1))^(2)` (ii) `v(t_(2))=v(t_(1))+a(t_(2)-t_(1))` (iii) `v_("average")=[x(t_(2))-x(t_(1))]//(t_(2)-t_(1))` (iv) `a_("average")=[v(t_(2))-v(t_(1))]//(t_(2)-t_(1))` (v) `x(t_(2))=x(t_(1))+v_("average")(t_(2)-t_(1))+(1//2)a_("average")(t_(2)-t_(1))^(2)` (vi) `x(t_(2))-x(t_(1))=t`-अक्ष तथा दिखाई गई बिंदुकित रेखा के बीच दर्शाए गए वक्र के अंतर्गत आने वाला क्षेत्रफल |

Answer» Correct Answer - (iii), (iv), (vi)
48.

दो कार A तथा B एकसमान चाल 40 किमी/घण्टा से एक ही दिशा में गतिमान है। उनके बीच की दूरी 5 किमी है। विपरीत दिशा में गतिमान एक तीसरी कार `C` इन दोनों कारों को 4 मिनट के अन्तराल में मिलती हैं। तीसरी कार की चाल ज्ञात कीजिए।

Answer» माना पृथ्वी के सापेक्ष कार A, कार B तथा C के वेग क्रमशः `v_(A),v_(B)` व `v_(C)` किमी/घण्टा हैं कार C की गति की दिशा धनात्मक है। अतः
`v_(A)=v_(B)=-40` किमी/घण्टा (प्रश्नानुसार)
A के सापेक्ष B का वेग `v_(BA)=v_(B)-v_(A)=-40-(-40)=0`
अतः इनके बीच की दूरी नियत रहती है।
A अथवा B के सापेक्ष C का वेग
`v_("rel")=v_(C)-v_(A)=v_(C)-(-40)=v_(C)+40`
अतः कार C द्वारा A व B के बीच अन्तराल `d` की तय करने में लगा समय `t` हो तो
`v_("rel")=d/t`
प्रश्नानुसार `d=5` किमी, `t=3` मिनट `=3/60` घण्टा `=1/20` घण्टा
मान रखने पर `v_(C)+40=5/((1//20))=100`
`v_(C)=100-40=60` किमी/घण्टा
49.

एक विमीय गति में किसी कण का वेग समय ग्राफ चित्र में दिखाया गया है । नीचे दिये सूत्रों में `t_(1)` से `t_(2)` तक के समयान्तराल की अवधि में कण की गति का वर्णन करने के लिए कौन से सूत्र सही है? (a)`x(t_(2))=x(t_(1))+v(t_(1))(t_(2)-t_(1))+1/2(t_(2)-t_(1))^(2)` (b)`v(t_(2))=v(t_(1))+a(t_(2)-t_(1))` (c) `v_(av)=[(x(t_(2))-x(t_(1)))/((t_(2)-t_(1)))]` (d) `a_(av)=([v(t_(2))-v(t_(1))])/((t_(2)-t_(1)))` (e) `x(t_(2))=x(t_(1))+v_(av)(t_(2)-t_(1))+1/2a_(av)(t_(2)-t_(1))^(2)` (f) `x(t_(2))-x(t_(1))=t` अक्ष ता दिखाई गई बिंदुकित रेखा के बीच दर्शाए गये वक्र अन्तर्गत आने वाला क्षेत्रफल।

Answer» दिये गये ग्राफ का समयान्तराल `t_(1)` से `t_(2)` तक ढलान न तो नियत है और न ही एकसमान। इसका तात्पर्य है कि त्वरण न तो नियत है और न ही एकसमान। अतः संबंध a,b,c सही नहीं हैं जोकि एकसमान त्वरित गति के लिए है परंतु संबंध c,d,f सही है क्योंकि ये संबंध एकसमान व असमान दोनों प्रकार की गतियों के लिए सत्य हैं।