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51.

हुगली नदी के किनारे कागज के अनेक कारखाने क्यों स्थापित हो गये हैं ?

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पश्चिम बंगाल राज्य में हुगली नदी के किनारे कागज के अनेक कारखाने स्थापित हुए हैं। यहाँ इस उद्योग की स्थापना के निम्नलिखित कारण हैं

1.पश्चिम बंगाल तथा उसके समीपवर्ती राज्यों में घास पर्याप्त मात्रा में उगती है, जो कागज उद्योग का प्रमुख कच्चा माल है। यहाँ उत्पादित बॉस का उपयोग भी कच्चे माल के रूप में किया जाता है।

2.कागज उद्योग में स्वच्छ जल की आवश्यकता होती है। हुगली नदी के सदावाहिनी होने के कारण यहाँ पर्याप्त जल उपलब्ध हो जाता है। यही एक प्रमुख कारण है कि हुगली नदी के किनारे टीटागढ़, रानीगंज, नैहाटी, आलम बाजार, कोलकाता, बाँसबेरिया तथा शिवराफूली में कागज के कारखाने स्थापित किये गये हैं।

3.कागज उद्योग के लिए आवश्यक शक्ति-संसाधन पश्चिम बंगाल राज्य में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

4. पश्चिम बंगाल तथा समीपवर्ती राज्यों में पर्याप्त संख्या में कुशल एवं अनुभवी श्रमिक उपलब्ध हो जाते हैं।

5.कागज उद्योग के विकास के लिए पश्चिम बंगाल राज्य में परिवहन के साधनों का पर्याप्त विकास हुआ है, जिससे कच्चा माल आयात करने तथा तैयार माल देश के विभिन्न भागों में भेजने की सुविधा रहती है।

52.

सूती वस्त्र उद्योग महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में अधिक केन्द्रित हैं, क्यों ?

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महाराष्ट्र के सूती वस्त्र उद्योग का सबसे बड़ा एवं प्रमुख केन्द्र मुम्बई है। इस महानगर में सूती वस्त्रों की 71 मिले हैं, जिस कारण इसे ‘सूती वस्त्रों की राजधानी कहा जाता है। इसी प्रकार अहमदाबाद गुजरात राज्य का सूती वस्त्र उद्योग का सबसे बड़ा एवं प्रमुख केन्द्र है। यहाँ सूती वस्त्रों की 81 मिले हैं, जिस कारण इसे भारत का मानचेस्टर’ तथा पूर्व का बोस्टन’ कहा जाता है। इन राज्यों में सूती वस्त्र उद्योग के केन्द्रित होने के लिए निम्नलिखित भौगोलिक कारण उत्तरदायी रहे हैं

1. कपास का पर्याप्त उत्पादन – महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्यों की काली मिट्टी में कपास का पर्याप्त उत्पादन किया जाता है।
2. आर्द्र जलवायु – सागर की निकटता के कारण इन दोनों ही राज्यों की जलवायु आर्द्रता प्रधान है। इस जलवायु में बुनाई के समय धागा नहीं टूटता।
3. पत्तन की सुविधा  मुम्बई तथा काँदला पत्तनों से सूती वस्त्र उद्योग हेतु मशीनें, कल-पुर्जे, रासायनिक पदार्थ, कपास तथा अन्य आवश्यक पदार्थों के विदेशों से आयात करने की सुविधा रहती
4. ऊर्जा के पर्याप्त साधन – इन केन्द्रों के सूती वस्त्र कारखानों को जलविद्युत शक्ति सस्ती दर पर सरलता से उपलब्ध हो जाती है।
5. पर्याप्त पूँजी – महाराष्ट्र तथा गुजरात राज्यों में पूँजीपति निवास करते हैं, जो बहुत ही धनाढ्य हैं; अर्थात् यहाँ इस उद्योग के विकास के लिए पर्याप्त पूँजी उपलब्ध है।
6. पर्याप्त माँग – यहाँ उत्पादित सूती वस्त्रों का उपभोक्ता बाजार बड़ा ही विस्तृत है।
7. सस्ते एवं कुशल श्रमिक – मुम्बई तथा अहमदाबाद महानगरों में परम्परागत, सस्ते तथा कुशल श्रमिक आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

53.

नेपानगर निम्नलिखित में से किस उद्योग से सम्बन्धित है?(क) कागज उद्योग(ख) चीनी उद्योग(ग) सीमेण्ट उद्योग(घ) लोहा तथा इस्पात उद्योग

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सही विकल्प है (क) कागज उद्योग

54.

निम्न में से किस राज्य में टाटा लौह-इस्पात संयन्त्र स्थापित है?(क) मध्य प्रदेश(ख) बिहार(ग) झारखण्ड(घ) छत्तीसगढ़

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सही विकल्प है (ग) झारखण्ड