InterviewSolution
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विलोम शब्द लिखिए :पवित्र, सस्ता, ज्ञान, दुःख, उत्थान।1. पवित्र 2. सस्ता 3. ज्ञान 4. दुःख 5. उत्थान |
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Answer» 1. पवित्र × अपवित्र 2. सस्ता × महँगा 3. ज्ञान × अज्ञान 4. दुःख × सुख 5. उत्थान × पतन |
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विशेषज्ञों ने राजा के शासन में भ्रष्टाचार की सर्वव्यापकता के बारे में क्या बताया? |
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Answer» विशेषज्ञों ने राजा के शासन में भ्रष्टाचार की सर्वव्यापकता के बारे में बताते हुए कहा कि आप के सारे राज्य में भ्रष्टाचार घर कर गया है। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहाँ भ्रष्टाचार न हो। उदाहरण के लिए आप के सिंहासन के रंग का बिल झूठा बनाया गया। यह भ्रष्टाचार घूस के रूप में विद्यमान है। हर काम में घूसखोरी अपनी जगह बनाए हुए है। ठेकेदारी प्रथा इसका सशक्त उदाहरण है। रिश्वतखोरी अपनी चरम सीमा पर है। रिश्वतखोरी और जमाखोरी ने कर्मचारियों और अधिकारियों को नकारा बनाया हुआ है। उनका नैतिक पतन हो चुका है। लोगों में स्वार्थ की भावना बढ़ती जा रही है। |
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| 7153. |
‘सदाचार का तावीज़’ पाठ में लेखक ने भ्रष्टाचार और उसके उन्मूलन के अनूठे उपायों पर किस प्रकार व्यंग्य किया है? |
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Answer» जब भ्रष्टाचार उन्मूलन की विशेषज्ञ समिति राजा को भ्रष्टाचार मिटाने के लिए व्यवस्था में परिवर्तन करने का सुझाव देती है तो राजा-दरबारियों से राय करता है। वे कहते हैं कि यह उचित योजना नहीं बल्कि एक मुसीबत है। इस योजना के आधार पर हमें व्यवस्था में अनेक बदलाव करने होंगे, जिसमें बहुत परेशानी हो सकती है। हमारी सारी व्यवस्था अव्यवस्था में बदल जाएगी। जो जैसा होता आ रहा है, यदि हम उसे बदलेंगे तो अनेक नई परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। हमें तो कोई ऐसी योजना अपनानी चाहिए जिससे बिना व्यवस्था में बदलाव लाए ही भ्रष्टाचार समाप्त हो जाए। भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के सुझावों को नहीं मानना यही सिद्ध करता है कि दरबारी भी भ्रष्टाचार में लिप्त है। |
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| 7154. |
‘सदाचार का तावीज़’ पाठ में लेखक ने किस समस्या को उठाया है और क्या संदेश देना चाहा है? |
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Answer» लेखक ने अत्यंत रोचक कहानी के रूप में इस भ्रष्टाचार की समस्या को उजागर किया है और संदेश दिया है कि जब तक कर्मचारियों को उनके कार्य के अनुरूप उचित वेतन नहीं मिलेगा भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो सकता। लेखक ने व्यंग्यात्मक आलेखों के अनुरूप सहज, व्यावहारिक तथा कटाक्षपूर्ण भाषा-शैली का प्रयोग किया है। उनके व्यंग्य चुटीले तथा अर्थपूर्ण हैं। साधु की तावीज़ के गुण सुनकर राजा का प्रसन्न होकर यह कहना कि उसे तो ज्ञात ही नहीं था कि उसके राज्य में ऐसे चमत्कारी साधु भी हैं। महात्मन्, हम आपके बहुत आभारी हैं। आपने हमारा संकट हर लिया। हम सर्वव्यापी भ्रष्टाचार से बहुत परेशान थे। मगर हमें लाखों नहीं, करोड़ों तावीज़ चाहिए। हम राज्य की ओर से तावीज़ों का कारखाना खोल देते हैं। आप उसके जनरल मैनेजर बन जाएं और अपनी देख-रेख में बढ़िया तावीज़ बनवाएं। टोटकों को मानने वालों पर तीक्ष्ण प्रहार है। |
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राजा का व्यक्तित्व कैसा था? |
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Answer» राजा केवल अपने बारे में सोचता था। उसे चापलूसी पसंद थी। चापलूस लोग ही उसके मंत्री थे। |
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लेखक के अनुसार भ्रष्टाचार को कैसे मिटाया जा सकता है? |
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Answer» लेखक के अनुसार नैतिक मूल्यों की स्थापना करके तथा कर्मचारियों को पर्याप्त वेतन देकर भ्रष्टाचार को मिटाया जा सकता है। |
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निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे?1. ‘आपने मेरे ज्ञान-चक्षु खोल दिए।’2. ‘चरित्र के अस्तित्व को किसने मिटाया?’ |
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Answer» 1. यह वाक्य लेखक डॉ. बरसाने लाल चतुर्वेदी ने गंगा मैया से कहा। 2. यह प्रश्न लेखक डॉ. बरसाने लाल चतुर्वेदी जी ने गंगा मैया से पूछा। |
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| 7158. |
गुरु नानक देव जी के माता और पिता का क्या नाम था? |
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Answer» गुरु नानक देव जी की माता का नाम तृप्ता देवी जी और पिता का नाम मेहता कालू जी था। |
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गुरु नानक देव जी की रचनाओं के नाम लिखें। |
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Answer» गुरु नानक देव जी की रचनाएँ जपुजी, आसा दी वार, सिद्ध गोसटि, पट्टी, दक्खनी ऊँकार, पहरे-तिथि, बारह माह, सुचज्जी-कुचज्जी, आरती आदि हैं। गुरु जी की इन रचनाओं के अतिरिक्त वाणी, श्लोक, पद, अष्टपदियां, सोहले, छन्द आदि के रूप में विद्यमान हैं। |
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जिस समय गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ उस समय भारतीय समाज की क्या स्थिति थी? |
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Answer» जिस समय गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था उस समय भारतीय समाज अनेक बुराइयों से ग्रस्त था। वह अनेक जातियों, संप्रदायों और धर्मों में बंटा हुआ था। लोग रूढ़ियों में फंसे हुए थे। उनके विचार बहुत ही संकीर्ण थे। वे घृणा करने योग्य कार्यों में लगे रहते थे। धर्म के नाम पर दिखावे का बोल-बाला था। शासक वर्ग अत्याचारी था। आम जनता का अत्यधिक शोषण होता था। दलितों पर बहुत अत्याचार होते थे। |
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| 7161. |
गुरु नानक देव जी के जन्म के संबंध में भाई गुरदास जी ने कौन-सी तुक लिखी? |
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Answer» भाई गुरदास जी ने लिखा था |
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अन्य संतों की अपेक्षा गुरु नानक देव जी के उपदेश देने की शैली की क्या विशेषता थी? |
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Answer» अन्य सन्त जब उपदेश देते थे तो उनके कटुतापूर्ण शब्द लोगों को बुरे लगते थे। वे अपने शुष्क व्यवहार से लोगों को नाराज़ कर देते थे। वे तर्क की छुरी चला कर सामाजिक बुराइयों की चीर-फाड़ कर लोगों के मन को आहत कर देते थे। परन्तु गुरु जी सामाजिक बुराइयों का खंडन कोमल भाषा में करते थे। जैसे शरद ऋतु की पूर्णिमा का चंद्रमा चारों ओर अपनी शीतलता बिखेरता है वैसे ही गुरु जी भी अपनी वाणी की शीतलता से सब को उपदेश देते थे। अन्य सन्तों के उपदेशों से आहत मन पर वे मरहम का लेप करते थे। |
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दिए गए शब्दों की सहायता से रिक्त स्थान भरिए :(1) खड़गसिह उस इलाके का ……….. डाकू था। (प्रसिद्ध, कुख्यात)(2) अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरों के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय का हृदय ………………….. हो गया था। (धीर, अधीर)(3) “बाबा जी, आज्ञा कीजिए। मैं आपका ………….. हूँ, केवल यह घोड़ा न दूंगा।” (दास, स्वामी) |
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Answer» (1) खड्गसिंह उस इलाके का कुख्यात डाकू था। (2) अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरों के मुख से सुनने के लिए उनका – हृदय अधीर हो गया था। (3) “बाबाजी, आज्ञा कीजिए। मैं आपका दास हूँ, केवल यह घोड़ा न दूंगा।” |
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साधुओं की संगति में रहकर गुरु नानक देव जी ने कौन-कौन से ज्ञान प्राप्त किए? |
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Answer» साधुओं की संगति में रह कर गुरु नानक देव जी ने भारतीय धर्म का ज्ञान प्राप्त किया। आपने साधुओं की संगति से भी विभिन्न संप्रदायों का ज्ञान प्राप्त किया। भारतीय धर्म ग्रंथों और शास्त्रों का ज्ञान भी आपको साधुओं की संगति से ही हुआ। राग विद्या भी आपने इन्हीं दिनों प्राप्त की थी। |
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प्रातःकालीन प्रार्थना के लिए गुरु जी की कौन-सी वाणी है? |
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Answer» प्रात:कालीन प्रार्थना के लिए ‘जपुजी साहिब’ आपकी वाणी है। |
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गुरुद्वारों की पवित्रता तथा श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान को बनाए रखने के लिए किस राजनीतिक दल ने विशाल आंदोलन चलाया? |
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Answer» शिरोमणि अकाली दल ने। |
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गुरु नानक देव जी को किन्होंने शिक्षा दी थी? |
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Answer» गुरु नानक देव जी को मौलवी सैय्यद हुसैन और पंडित बृजनाथ ने शिक्षा दी थी। |
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जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ तब भारत की क्या दशा थी? |
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Answer» जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ तब भारत अनेक प्रकार के कुसंस्कारों से ग्रस्त था। |
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गुरु नानक देव जी के जीवन के अंतिम वर्ष कहाँ बीते? |
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Answer» श्री गुरु नानक देव जी के जीवन के अंतिम वर्ष करतारपुर में बीते थे जो अब पाकिस्तान में है। |
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इस्लामी देशों की यात्रा के दौरान आप ने किस धर्म की शिक्षा दी? |
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Answer» मुस्लिम देशों की यात्रा के दौरान आप ने ‘सांझे धर्म’ की शिक्षा दी। |
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किसने, किससे कहा ?1. “दुर्गादत्त वैद्य का नाम सुना होगा। उनका सौतेला भाई हूँ।”अपाहिज ने बाबा भारती सेबाबा भारती ने अपाहिज से2. “लोगों को अगर इस घटना का पता लग गया, तो वे किसी गरीब का विश्वास न करेंगे।”बाबा भारती ने खड़गसिंह सेखडगसिंह ने बाबा भारती से |
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Answer» 1. अपाहिज ने बाबा भारती से [ ✓ ] 2. बाबा भारती ने खड़गसिंह से [ ✓ ] |
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श्री गुरु नानक देव जी ने कितने रुपयों से भूखे साधुओं को खाना खिला कर सच्चा सौदा किया?(क) पाँच(ख) दस(ग) बीस(घ) पच्चीस। |
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Answer» सही विकल्प है (ग) बीस |
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गुरु नानक देव जी ने सच्चा सौदा कितने रुपयों में कैसे किया? |
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Answer» गुरु नानक देव जी ने सच्चा सौदा बीस रुपयों में भूखे साधुओं को खाना खिला कर किया। |
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इस कहानी का शीर्षक ‘हार की जीत’ क्यों रखा गया है?अथवाबाबा भारती की हार जीत में कैसे बदल गई? |
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Answer» डाकू खड्गसिंह अपाहिज के रूप में था, इसलिए बाबा उसे पहचान नहीं सके और वह उनसे घोड़ा छीन ले गया। इस तरह बाबा भारती खड्गसिंह से हार गए थे। परंतु गरीबों के प्रति बाबा की चिंता का डाकू के दिल पर गहरा असर पड़ा। अपने किए पर उसे बहुत पछतावा हुआ। रात के अंधेरे में वह सुलतान को फिर बाबा भारती के अस्तबल में बाँध गया। इस प्रकार बाबा की हार जीत में बदल गई। इसलिए कहानी का शीर्षक ‘हार की जीत’ रखा गया है। |
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‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ में गुरु नानक देव जी के कुल कितने पद और श्लोक हैं? |
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Answer» श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु नानक देव जी के 974 पद और श्लोक हैं। |
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श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मुख्य कितने राग हैं? |
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Answer» श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मुख्य 31 राग हैं। |
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गुरु नानक देव जी ने प्रातःकालीन प्रार्थना के लिए किस ग्रंथ की रचना की थी? |
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Answer» गुरु नानक देव जी ने प्रात:कालीन प्रार्थना के लिए ‘जपुजी’ साहिब की रचना की थी। |
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| 7178. |
खड़गसिंह बाबा भारती के पास क्यों आया? |
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Answer» खड्गसिंह बाबा भारती के घोड़े को देखने की इच्छा से उनके पास आया। |
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सुलतान पर सवार खड़गसिंह ने बाबा भारती से क्या कहा? |
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Answer» सुलतान पर सवार खड्गसिंह ने बाबा भारती से कहा कि अब यह घोड़ा मैं आपको न दूंगा। |
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| 7180. |
बाबा भारती घोड़े को खोलकर बाहर क्यों लाए? |
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Answer» खड्गसिंह ने सुलतान की चाल देखने की इच्छा प्रकट की थी। उसके मुँह से अपने घोड़े की प्रशंसा सुनने के लिए बाबा भारती घोड़े को अस्तबल से खोलकर बाहर लाए। |
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| 7181. |
खड्गसिंह कौन था? |
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Answer» खड्गसिंह अपने इलाके का कुख्यात डाकू था। |
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बाबा भारती के घोड़े की क्या विशेषता थी? |
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Answer» बाबा भारती का घोड़ा बहुत ही सुंदर और बलवान था। वह वायुवेग से दौड़ता था तो जैसे हवा में उड़ रहा हो। |
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| 7183. |
मनुष्य होने के नाते बाबा भारती में कौन-सी दुर्बलता थी? |
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Answer» मनुष्य का यह स्वभाव है कि वह अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरों के मुख से सुनना चाहता है। बाबा भारती में भी यह दुर्बलता थी कि वे लोगों से अपने घोड़ों की प्रशंसा सुने। |
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बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर किस प्रकार का आनंद मिलता था? |
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Answer» माँ को अपना बेटा और किसान को अपना लहलहाता खेत देखकर जो आनंद मिलता है, वैसा ही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर मिलता था। |
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बाबा भारती किस बात से डर गए थे? |
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Answer» खड्गसिंह ने बाबा भारती से कहा था कि वह सुलतान को उनके पास नहीं रहने देगा। खड्गसिंह की इसी धमकी से बाबा भारती डर गए थे। |
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श्री गुरु ग्रंथ साहिब में श्री गुरु नानक देव जी द्वारा रचित कितने पद और श्लोक हैं?(क) 970(ख) 972(ग) 974(घ) 976. |
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Answer» सही विकल्प है (ग) 974 |
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बाबा भारती द्वारा की गई प्रार्थना का डाकू खड्गसिंह पर क्या प्रभाव पड़ा? |
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Answer» बाबा भारती द्वारा की गई प्रार्थना से डाकू खड्गसिंह का कठोर हृदय पिघल गया और उसकी मानवता मानवता जाग उठी। उसने घोड़ा लौटा दिया। |
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यदि बाबा भारती और खड्गसिंह की मुलाकात अगली बार होगी तो उनके बीच क्या-क्या बातें होंगी? लिखिए। |
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Answer» यदि बाबा भारती और खड्गसिंह की मुलाकात अगली बार होगी तो सबसे पहले खड्गसिंह बाबा भारती से माफी माँगेगा। क्योंकि उसने बाबा भारती को बहुत दुखी किया था। साथ ही बाबा भारती खड्गसिंह से यह पूछेगे कि उसने उनसे छल क्यों किया। |
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घोड़े को वापस आया देखकर बाबा भारती ने घोड़े से कैसा वर्ताव किया? |
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Answer» घोड़े को वापस आया देखकर बाबा भारती के खुशी का ठिकाना न रहा। वे उसके गले से लिपटकर रोने लगे। वे बार-बार उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगें और उसके मुँह पर थपकियाँ देने लगे। घोड़े की वापसी पर संतोष प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि अब कोई गरीबों की सहायता से मुंह नहीं मोड़ेगा। इस प्रकार घोड़े को वापस आया देखकर बाबा भारती ने उससे वही बर्ताव किया जो एक पिता बहुत दिन से बिछुड़े हुए पुत्र के मिलने पर करता है। |
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| 7190. |
बाबा भारती घोड़े के बारे में असावधान क्यों हो गए? |
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Answer» कई महीने बीत गए पर खड्गसिंह अपनी धमकी के अनुसार घोड़ा लेने नहीं आया। इसलिए बाबा भारती घोड़े के बारे में असावधान हो गए। |
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बाबा भारती को रात में नींद क्यों नहीं आती थी? |
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Answer» बाबा भारती को रात में नींद नहीं आती थी, क्योंकि उन्हें खड्गसिंह द्वारा उनके घोड़े को चुरा ले जाने का डर था। |
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हृदय-परिवर्तन के बाद खड्गसिंह ने क्या किया? |
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Answer» हृदय-परिवर्तन के बाद खड्गसिंह रात के अंधेरे में बाबा भारती के मंदिर गया। उसने चुपचाप घोड़े को उसके अस्तबल में बाँध दिया और वह चला गया। |
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बाबा भारती कौन थे? |
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Answer» बाबा भारती भगवद्भजन करनेवाले एक संत पुरुष थे। |
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खड्गसिंह की धोखेबाजी से बाबा भारती को किस बात का डर था? |
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Answer» खड्गसिंह की धोखेबाजी से बाबा भारती को इस बात का डर था कि लोगों को इस घटना का पता चलने पर वे किसी गरीब पर विश्वास नहीं करेंगे। |
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सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :बाबा भारती को ऐसा लगने लगा था कि ………….(अ) वे भगवान का भजन किए बिना नहीं रह सकते।(ब) गाँव शहर से लाख गुने अच्छे हैं।(क) वे सुलतान के बिना नहीं रह सकते |
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Answer» बाबा भारती को ऐसा लगने लगा था कि वे सुलतान के बिना नहीं रह सकते। |
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सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :सुनीता शिक्षक की चहेती थी, क्योंकि ………(अ) वह पढ़ाई के साथ साहसभरे खेलों में भी भाग लेती थी।(ब) उसके डॉक्टर पिता ने शिक्षक का उपचार किया था।(क) वह उसकी बेटी की प्यारी सहेली थी। |
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Answer» सुनीता शिक्षक की चहेती थी, क्योंकि वह पढ़ाई के साथ साहसभरे खेलों में भी भाग लेती थी। |
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बाबा भारती की सारी रात अस्तबल में कटने लगी, क्योंकि ……………(अ) उन्हें घोड़ा चुरा जाने का डर था।(ब) वे अब वहीं सोने लगे थे।(क) अब वहाँ कोई घोड़ा नहीं था। |
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Answer» बाबा भारती की सारी रात अस्तबल में कटने लगी, क्योंकि उन्हें घोड़ा चुरा जाने का डर था। |
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| 7198. |
घोड़े को अस्तबल में देखकर बाबा भारती ने क्या किया? |
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Answer» घोड़े को अस्तबल में देखकर बाबा भारती दौड़े और उसके गले से लिपटकर रोने लगे। वे बार-बार उसकी पीठ पर हाथ फेरने और मुँह पर थपकियाँ देने लगे। |
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कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (चीख, अस्तबल, रेखा, चाल, छवि, घटा)1. बाबा भारती उसकी ………. पर लटू थे।2. ऐसे चलता है जैसे मोर ………. को देखकर नाच रहा हो।3. जो एक बार उसे देख लेता है, उसके हृदय पर उसकी अंकित हो जाती है।4. उनके मुख से भय, विस्मय और निराशा से मिली हुई ………. निकल गई।5. आज उनके मुख पर दुःख की …………. तक दिखाई न पड़ती थी ।6. वह धीरे-धीरे …………. के फाटक पर पहुंचा। |
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Answer» 1. बाबा भारती उसकी चाल पर लटू थे। 2. ऐसे चलता है जैसे मोर घटा को देखकर नाच रहा हो। 3. जो एक बार उसे देख लेता है, उसके हृदय पर उसकी छवि अंकित हो जाती है। 4. उनके मुख से भय, विस्मय और निराशा से मिली हुई चीख निकल गई। 5. आज उनके मुख पर दुःख की रेखा तक दिखाई न पड़ती थी। 6. वह धीरे-धीरे अस्तबल के फाटक पर पहुंचा। |
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| 7200. |
पृथ्वी का सांगोपांग अध्ययन किसके लिए बहुत ही आनंदप्रद कर्तव्य माना जाता है? |
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Answer» पृथ्वी का सांगोपांग अध्ययन जागरणशील राष्ट्र के लिए बहुत ही आनंदप्रद कर्तव्य माना जाता है। |
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