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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

7101.

भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में परमाणु समझौता हुआ है। इसके बारे में अखबारों से रिपोर्ट और लेख जुटाएँ। इस समझौते के समर्थक और विरोधियों के तर्कों का सार-संक्षेप लिखें।

Answer»

भारत तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में परमाणु ऊर्जा के मामले पर एक समझौता हुआ। इस मसले को लेकर लोकसभा में गर्मागर्म बहस हुई। समझौते के पक्ष में भारतीय प्रधानमन्त्री डॉ. मनमोहन सिंह (तत्कालीन) तथा विपक्ष के अनेक राजनेताओं ने अपने वक्तव्यों (भाषणों) के माध्यम से सदन और देश को अपने-अपने विचारों से अवगत कराया। हालाँकि हम सभी सदस्यों एवं राजनेताओं के विचारों को यहाँ नहीं दे सकते हैं, लेकिन तीन विभिन्न वैचारिक स्थितियों को इंगित करने वाले विचारों को संक्षेप में निम्न प्रकार प्रस्तुत कर सकते हैं-

तर्कों का सार-संक्षेप
भारत सरकार ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हुए परमाणु समझौते का पुरजोर समर्थन किया तथा प्रधानमन्त्री ने सदन तथा देश की जनता को यह विश्वास दिलाया कि यह समझौता दोनों देशों के लिए लाभप्रद है तथा सरकार ने इसमें कोई ऐसी धारा नहीं रखने दी है, जिससे भारतीय सुरक्षा पर कभी भी किसी भी प्रकार की आँच आए।
प्रतिपक्ष में, मार्क्सवादियों तथा समाजवादियों ने शासन पर यह आरोप लगाने का प्रयास किया कि उसने अमेरिकी दबाव के समक्ष इराक व ईरान के मामले में उचित दृष्टिकोण नहीं अपनाया और अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी में मतदान के दौरान सरकार ने अमेरिका का पक्ष लिया। विरोधियों ने एक स्वर में कहा कि उन्हें भारत सरकार से ऐसी आशा नहीं थी। भारत को ईरान से गैस आपूर्ति की आवश्यकता है। हम अपनी इस आवश्यकता को पाकिस्तान के रास्ते से पूरा कर सकते थे, लेकिन भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के कारण ईरान कुछ नाराज हो गया, लेकिन कुल मिलाकर लोक सभा के समक्ष प्रमुख विरोधी दल भाजपा ने इस समझौते का समर्थन किया। लेकिन सरकार से यह अपेक्षा भी की कि सरकार प्रत्येक परिस्थिति में भारतीय सुरक्षा तथा हितों को बनाए एवं बचाए रखे।

7102.

लाला लाजपतराय जी ने देश के लिए कौन-सा महत्त्वपूर्ण कार्य किया? निबंध के आधार पर उत्तर दीजिए।

Answer»

लाला लाजपत राय देश के स्वतंत्रता सेनानियों में से प्रमुख थे। उन्होंने देश की पराधीन स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अनेक लेख लिखे थे। वे अपनी ओजस्वी वाणी द्वारा भारतीयों में गुलामी के विरुद्ध लड़ने के लिए जोश भर देते थे। उनका व्यक्तित्व अपूर्व था। जो भी उनसे मिलता था, प्रभावित हो जाता था। उन्होंने अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस आदि की यात्राएं की थीं। वे इस बात से दु:खी थे कि विदेशों में यात्रा करते समय उन पर भारतवर्ष की गुलामी की लज्जा का कलंक लग रहा था। उन्होंने भारतवासियों को इस कलंक से मुक्त होने के लिए प्रेरित किया।

7103.

मानसिक भूकंप से क्या अभिप्राय है?

Answer»

मानसिक विचारों और विश्वासों में हलचल उत्पन्न होना मानसिक भूकंप होता है, जिससे मन में अनेक विचार आंदोलित होने लगते हैं।

7104.

शल्य कौन था?

Answer»

शल्य महाबली कर्ण का सारथि, माद्री का भाई, मद्रय देश का राजा तथा नकुल-सहदेव का मामा था।

7105.

जैसे ही मैं कहता हूँ कि मैं भारत से आया हूँ। ये लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या तुम कम्प्यूटर इंजीनियर हो। यह सुनकर अच्छा लगता है।

Answer»

ऐसा इस कारण होता है क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय कम्प्यूटर इंजीनियरों की माँग अधिक है। चूंकि भारतीयों ने कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है, इसी वजह से संयुक्त राज्य अमेरिका में उनकी माँग है और मुझे भारतीय होने पर गौरव की अनुभूति होती है।

7106.

कवि-सम्मेलनों और मुशायरों की सफलता किस बात पर निर्भर करती है ?

Answer»

कवि-सम्मेलनों और मुशायरों की सफलता दाद देने वालों पर निर्भर करती है। जिस कवि को अधिक दाद मिलती है, वह अधिक सफल माना जाता है।

7107.

युद्ध में “जय” बोलने वालों का क्या महत्त्व है?

Answer»

युद्ध में “जय” बोलने वालों का बहुत महत्त्व है। इससे युद्ध लड़ने वालों को प्रोत्साहन मिलता है और वे नये जोश से युद्ध करने लगते हैं।

7108.

लेखक की छटपटाहट का क्या कारण था?

Answer»

लेखक की छटपटाहट का कारण यह था कि यदि किसी मनुष्य के पास संसार के ही नहीं, यदि स्वर्ग के भी सब उपहार और साधन हों, पर उस का देश गुलाम हो या किसी भी दूसरे रूप से हीन हो, तो वे सारे उपहार और साधन उसे गौरव नहीं दे सकते। यह सोच कर उसका मन विभिन्न विचारों से छटपटाने लगा था।

7109.

दर्शकों की तालियाँ खिलाड़ियों पर क्या प्रभाव डालती हैं?

Answer»

दर्शकों की तालियाँ खिलाड़ियों में नया जोश भर देती हैं। उनके पैरों में बिजली भर जाती है और हारते हुए खिलाड़ी भी जीत जाते हैं।

7110.

सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा हम सब कैसे करें। इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।

Answer»

सार्वजनिक संपत्ति की हमें उसी प्रकार से सुरक्षा करनी चाहिए जैसी सुरक्षा हम अपने घर तथा अपनी वस्तुओं की करते हैं। इस विषय पर विद्यार्थी अपने साथियों से चर्चा कर लिखें।

7111.

युद्ध क्षेत्र में लड़ने के अतिरिक्त एक नागरिक और क्या कार्य कर सकता है?

Answer»

अपना-अपना कार्य ठीक प्रकार से करें। किसान खेती ठीक से करें जिससे लड़ने वालों को रसद पहुँच सके।

7112.

हम अपने देश के सौंदर्य-बोध को किस प्रकार चोट पहुंचाते हैं?

Answer»

रास्ते में केले के छिलके फेंककर, अपने घर का कूड़ा बाहर फेंक कर, गन्दी बातें करके, सार्वजनिक स्थानों जैसे धर्मशाला, होटल आदि में थूक कर, उत्सव, समारोह आदि में धक्का-मुक्की करके, कहीं समय देकर वहाँ समय पर न पहुँच कर, अपने घर, दफ्तर, गली आदि को गन्दा रख कर हम देश के सौंदर्य-बोध को चोट पहुंचाते हैं।

7113.

हम अपने देश के सौंदर्य बोध को किस प्रकार चोट पहुंचाते हैं?

Answer»

जब हम अपने देश के प्रत्येक ऐसे स्थान को साफ-स्वच्छ नहीं रखते तो हम देश के सौंदर्य बोध को चोट पहुंचाते हैं। हमें अपना घर मुहल्ला, गली, गाँव, नगर आदि सभी की सफाई-स्वच्छता की ओर ध्यान देना चाहिए। यदि हमारा परिवेश गंदा रहेगा तो हमारे सौंदर्य बोध को धक्का लगेगा। सौंदर्य बोध हमारे मन-मस्तिष्क के साथ-साथ सोच पर भी आधारित होता है।

7114.

हम अपने देश के शक्तिबोध को किस प्रकार चोट पहुंचाते हैं?

Answer»

जब हम रेलों, मुसाफिरखानों, क्लबों, चौपालों आदि सार्वजनिक स्थानों पर अपने देश की ख़ामियों का वर्णन करते हैं, दूसरे देशों की खुशहाली की प्रशंसा करते हैं, अपने देश की दयनीय दशा का वर्णन करते हैं, अपने देश को हीन तथा दूसरे देशों को श्रेष्ठ बताते हैं तो हम अपने देश के शक्ति-बोध को चोट पहुँचाते हैं। इससे हम स्वयं ही अपने देश के सामूहिक मानसिक बल को भी हीन कर देते हैं। हम अपने देश को तुच्छ तथा अन्य देशों को उच्च मानने लगते हैं।

7115.

भूकंप कहाँ उठा था?(क) मानस में(ख) रास्ते में(ग) पहाड़ों में(घ) संबंधों में।

Answer»

(क) मानस में

7116.

लेखक ने जीवन को एक युद्ध क्यों कहा है?

Answer»

लेखक जीवन को एक युद्ध मानता है। वह युद्ध लड़ना ही युद्ध नहीं मानता है। उसके विचार में लड़ने वालों तक रसद पहुँचाना भी युद्ध लड़ने के समान है। इसके लिए किसानों को ठीक प्रकार से खेती करनी चाहिए। साथ युद्ध करने वालों की जय-जयकार भी करनी चाहिए। इससे युद्ध करने वालों की हिम्मत बढ़ती है।

7117.

एक दिन किसकी दीवार में दरार पड़ गई(क) संबंधों की(ख) मित्रों की(ग) आनन्द की(घ) घर की।

Answer»

(ग) आनन्द की

7118.

चुनाव के समय प्रत्येक नागरिक का क्या कर्त्तव्य है?

Answer»

उसे सही व्यक्ति को अपना मत देना चाहिए।

7119.

आप अपने देश के सम्मान और गरिमा को बनाए रखने में क्या योगदान दे सकते हैं? स्पष्ट कीजिए।

Answer»

अपने देश का गौरव बढ़ाने के लिए हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे हमारे देश की स्वतंत्रता और सम्मान को ठेस पहँचे। सार्वजनिक स्थलों पर कभी भी अपने देश को हीन तथा अन्य देशों को श्रेष्ठ नहीं बताना चाहिए। अपने घर, गली, सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी नहीं फैलानी चाहिए। जब भी कोई चुनाव हो हमें अपना मत योग्य व्यक्ति को देना चाहिए। कभी भी किसी गलत प्रलोभन में आकर किसी गलत व्यक्ति को मत नहीं देना चाहिए।

7120.

किसान पंडित नेहरू को उपहार में देने के लिए क्या लाया था(क) शहद(ख) खाट(ग) चटाई(घ) कुर्सी।

Answer»

सही उत्तर है (ख) खाट

7121.

आप अपने विद्यालय में शक्ति-बोध और सौंदर्य बोध कैसे ला सकते हैं? इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।

Answer»

हम अपने विद्यालय में देश-प्रेम, स्वदेश भक्ति, सत्यनिष्ठा, दृढ़ता, उदारता आदि भावों का प्रचार कर शक्तिबोध तथा विद्यालय परिसर को साफ़-सुथरा रख कर सौंदर्य बोध ला सकते हैं।

7122.

हम सभी अपने देश से जुड़े हैं। हमारे अच्छे और बुरे कार्यों का प्रभाव देश पर पड़ता है। इस सन्दर्भ में अपने अध्ययन और अनुभव के आधार पर किसी घटना का वर्णन करें।

Answer»

एक दिन मैं अपने पिता जी की आज्ञा के बिना उनका मोटर साइकिल लेकर ऐसे ही घूमने निकल गया। मेरे पास वाहन चलाने का लाइसैंस नहीं है। मैं अभी सोलह वर्ष का हूँ। मैंने सिर पर हैलमेट भी नहीं पहना था। चौराहे पर मुझे एक पुलिस वाले ने रोक लिया और मेरा चालान काटने लगा। मैं गिड़गिड़ाने लगा और अपनी जेब में रखा हुआ सौ का नोट उसे देकर पीछा छुड़ाया। यहीं से मैं घर लौट आया। जब मैंने सोचा तो मुझे लगा कि मैंने बुरा कार्य किया है। रिश्वत दी है तथा भ्रष्टाचार को अपनाया है। जो देश के साथ मैंने धोखा दिया। भविष्य में ऐसा कुछ न करने का मैंने प्रण किया।

7123.

अच्छे आचरण के कारण बंदीगृह से अस्थायी मुक्ति को कहते हैं –(क) प्रोबेशन(ख) पैरोल(ग) मुक्ति सहायता(घ) आचरण मुक्ति

Answer»

सही विकल्प है (ख) पैरोल

7124.

तावीज़ किस लिए बनवाए गए थे?

Answer»

भ्रष्टाचार को मिटाकर व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए राजा ने तावीज़ बनवाए थे। अपने दरबारियों के कहने से राजा ‘सदाचारी तावीज़’ वाले साधु से तावीजें बनवाकर अपने कर्मचारियों की भुजाओं पर बंधवाता है, जिससे वे सदाचारी बन जाएं क्योंकि साधु ने उसे बताया था कि जिस आदमी की भुजा पर यह बंधा होगा, वह सदाचारी हो जाएगा। उसने कुत्ते पर भी इसका प्रयोग किया था। यह तावीज़ गले में बांध देने से कुत्ता भी रोटी नहीं चुराता।

7125.

साध को तावीज़ बनाने के लिए कितनी पेशगी दी गई?

Answer»

राज्य में फैले भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए एक मन्त्री के सुझाव पर राजा ने साधु को तावीज़ बनाने का ठेका दे दिया। तावीज़ बनाने के लिए साधु को पाँच करोड़ रुपए पेशगी के तौर पर दिए गए। देखते ही देखते लाखों तावीज़ बनकर तैयार हो गए उन्हें राज्य के हर कर्मचारी की भुजा पर बाँध दिया गया।

7126.

साधु ने सदाचार और भ्रष्टाचार के बारे में क्या कहा ?

Answer»

साधु ने कहा कि भ्रष्टाचार और सदाचार दोनों ही व्यक्ति की अपनी आत्मा में होते हैं। यह बाहर से आने वाली वस्तु नहीं है। मनुष्य को जब ईश्वर बनाता है तब वह किसी की आत्मा में ईमान की कल को फिट कर देता है और किसी की आत्मा में बेईमानी की कल को फिट कर देता है। इस कल में से ईमान या बेईमानी के स्वर ध्वनि के रूप में निरंतर निकलते रहते हैं। इन स्वर ध्वनियों को ही ‘आत्मा की पुकार’ कहा जाता है। प्रत्येक व्यक्ति आत्मा की पुकार के अनुसार ही अपना कार्य करता है। किन्तु जिन व्यक्तियों की आत्मा से निरंतर बेईमानी के स्वर निकलते रहते हैं, उन्हें किस प्रकार से दबाया जाए। उनके बेईमानी के स्वर को ईमान के स्वर में कैसे परिवर्तित किया जाए। कई वर्षों तक निरन्तर चिंतन करने के बाद अब मैंने एक ऐसे तावीज़ का निर्माण किया है जो व्यक्ति को सदाचारी बनाता है। यह तावीज़ जिस व्यक्ति की भुजा पर बँधा होगा वह सदाचारी बन जाएगा।

7127.

 निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिएराजा – ————कान – ————-मनुष्य – ———–दिन – ————-सदाचार – ————भ्रष्टाचार – ————

Answer»

राजा – नरेश, सम्राट्।

मनुष्य – नर, आदमी।

सदाचार – अच्छा आचरण, पवित्र।

कान – कर्ण, श्रवण।

दिन – दिवस, वार।

भ्रष्टाचार – बुरा आचरण, दुराचार।

7128.

निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखिएएक – ————पाप – ———–गुण – ————विस्तार – ————सूक्ष्म – ————-ईमानदारी – ————–

Answer»

एक – अनेक।

पाप – पुण्य।

गुण – अवगुण।

विस्तार – संकुचन।

सूक्ष्म – स्थूल।

ईमानदारी – बेइमानी।

7129.

साधु ने तावीज़ के क्या गुण बताए?

Answer»

साधु ने तावीज़ के गुणों को बताते हुए कहा कि यह तावीज़ जिस किसी की भुजा पर बँधा होगा उसमें बेईमानी नहीं आ सकती। वह गलत रास्ते पर नहीं चलेगा। भुजा पर बँधा तावीज़ उसे ईमानदारी के रास्ते पर चलने को बाध्य करता रहेगा। उसके मन से लालच, वैरभाव आदि सब कुछ दूर हो जाएगा। वह चाहकर भ्रष्टाचार के चंगुल में नहीं फँस पाएगा। उसका आचरण एकदम शुद्ध तथा आत्मा एकदम पवित्र हो जाएगी।

7130.

दरबारियों ने भ्रष्टाचार के बारे में क्या बताया?

Answer»

दरबारियों ने भ्रष्टाचार के बारे में बताया कि भ्रष्टाचार स्थूल नहीं सूक्ष्म है। वह सब जगह है लेकिन दिखाई नहीं देता।

7131.

राजा ने दरबारियों को किसे लाने को कहा?

Answer»

राजा ने दरबारियों से कहा कि जब कहीं भी कभी उन्हें भ्रष्टाचार दिखाई दे तो उसका नमूना अवश्य लाएँ ताकि भ्रष्टाचार के बारे में पता चले कि वह कैसा होता है।

7132.

महीने के आखिरी दिन तावीज़ में से कौन-से स्वर निकल रहे थे?

Answer»

महीने के आखिरी दिन जब राजा वेश बदलकर तावीज़ का प्रभाव देखने के लिए एक कर्मचारी के पास काम करवाने गया और उसे पाँच का नोट दिखाया, जो उसने ले लिया। राजा ने उस कर्मचारी को उसी समय वहीं पकड़ लिया और पूछा कि क्या उसने तावीज़ नहीं बाँधा है? उसने तावीज़ बाँधी हुई थी। जब राजा ने तावीज़ पर कान लगाकर सुना तो तावीज़ में से आवाज़ आ रही थी कि ‘आज इकतीस है, आज तो ले ले!’

7133.

 निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए‘अच्छे आचरण वाला – —————बुरे आचरण वाला – —————-जो किसी विषय का ज्ञाता हो – ————–हर तरफ फैला हुआ – —————-जो दिखाई न दे – ————-जिसकी आत्मा महान् हो – ————–

Answer»

‘अच्छे आचरण वाला – सदाचारी
बुरे आचरण वाला – दुराचारी
जो किसी विषय का ज्ञाता हो – विशेषज्ञ
हर तरफ फैला हुआ – सर्वव्यापक, सर्वव्यापी
जो दिखाई न दे – अदृश्य
जिसकी आत्मा महान् हो – महात्मा।

7134.

कोष्ठक में दिए गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिए :(उदासी, अंत, सेवा, कुर्सियाँ, कावेरी)1. …………. करने से चरित्र बनता है।2. चेहरे पर …………. थी।3. उस दिन दक्षिण की ………….. बहिन मिली थी।4. …………. तो बाजार में खूब उपलब्ध हैं।5. इनका कोई ………….. दिखलाई नहीं देता।

Answer»

1. सेवा

2. उदासी

3. कावेरी

4. कुर्सियाँ

5. अंत।

7135.

विशेषज्ञों ने भ्रष्टाचार खत्म करने के क्या-क्या उपाय बताए?

Answer»

भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए विशेषज्ञों ने व्यवस्था परिवर्तन करने पर बल दिया। ऐसी नीतियां एवं कानून लाए जाएँ, जिनसे भ्रष्टाचार के अवसर पूर्णत: समाप्त किये जा सकें। जब तक समाज में ठेकेदारी प्रथा विद्यमान है, तब तक ठेकेदारों का अस्तित्व रहेगा और यह लोग अपना काम निकलवाने हेतु किसी न किसी अधिकारी को घूस खिलाते रहेंगे। अधिकारियों की घूस बंद होने के स्थान पर निरन्तर बढ़ती रहेगी। यदि ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर दिया जाए तो समाज से घूसखोरी समाप्त की जा सकती है। हमें उन सभी कारणों की जाँच-पड़ताल करनी होगी जिनके कारण भ्रष्टाचार उत्पन्न होता है तथा व्यक्ति या तो घूस लेता है या फिर किसी को घूस देता है।

7136.

‘सदाचार का तावीज़’ पाठ में छिपे व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।

Answer»

‘सदाचार का तावीज़’ पाठ मूल रूप से एक व्यंग्यात्मक रचना है। इस रचना के माध्यम से व्यंग्यकार लेखक हरिशंकर परसाई कहना चाहते हैं कि केवल भाषणों, कार्यकलापों, पुलसिया कार्यवाही, नैतिक स्लोगनों, वाद-विवाद आदि के ज़ोर से कभी भी भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त नहीं किया जा सकता। भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए समाज में व्यक्ति को नैतिक स्तर दृढ़ करना होगा। जब व्यक्ति की नैतिकता में विकास होगा तभी व्यक्ति समाज और राष्ट्र का कल्याण कर सकेगा। देश में कार्यरत सभी कर्मचारियों को जब उनकी आवश्यकतानुसार पर्याप्त वेतन दिया जाएगा तब कहीं जाकर भ्रष्टाचार की नकेल कसी जा सकती है। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना किसी एक व्यक्ति का काम नहीं बल्कि इसकी जिम्मेदारी पूरे समाज की है, जिसे पूरी ईमानदारी से हमें निभाना चाहिए।

7137.

अन्य लिंग रूप लिखिए :सचिव, वत्स, शिष्य, उपदेशक, राज्यपाल।1.  सचिव 2.  वत्स 3.  शिष्य 4.  उपदेशक 5.  राज्यपाल 

Answer»

1.  सचिव – महिला सचिव (सचिवा)

2.  वत्स – वत्सा

3.  शिष्य – शिष्या

4.  उपदेशक – उपदेशिका

5. राज्यपाल – राज्यपाल

7138.

अन्य लिंग रूप लिखिए :सचिव, वत्स, शिष्य, उपदेशक, राज्यपाल।1.  सचिव 2.  वत्स3.  शिष्य 4.  उपदेशक 5.  राज्यपाल 

Answer»

1.  सचिव – महिला सचिव (सचिवा)

2.  वत्स – वत्सा

3.  शिष्य – शिष्या

4.  उपदेशक – उपदेशिका

5.  राज्यपाल – राज्यपाल

7139.

निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोड़कर नए शब्दों का निर्माण कीजिए :मान, दूषण, भय, पुत्र, कीर्ति, कर्म।1.  मान 2.  दूषण 3.  भय = (निर् + भय = निर्भय)4.  पुत्र 5.  कीर्ति कर्म = सत् + कर्म = सत्कर्म= [(अ/सु) + कर्म = अकर्म/सुकर्म)]

Answer»

1.  मान = अप + मान = अपमान

2.  दूषण = प्र + दूषण = प्रदूषण

3.  भय = अ + भय = अभय
= (निर् + भय = निर्भय)

4.  पुत्र = सु + पुत्र = सुपुत्र

5.  कीर्ति = अप + कीर्ति = अपकीर्ति

6.  कर्म = सत् + कर्म = सत्कर्म
= [(अ/सु) + कर्म = अकर्म/सुकर्म)

7140.

विशेषज्ञों ने राजा को भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में क्या बताया?

Answer»

विशेषज्ञों के अनुसार भ्रष्टाचार को हाथ पकड़कर नहीं लाया जा सकता। वह सूक्ष्म, अगोचर और सर्वत्र व्याप्त है। उसे देखा नहीं, अनुभव किया जा सकता है। अब भ्रष्टाचार ईश्वर हो गया है। भ्रष्टाचार मुख्यतः घूस के रूप में रहता है।

7141.

विशेषज्ञों ने सिंहासन में हुए भ्रष्टाचार के विषय में क्या बताया?

Answer»

विशेषज्ञों ने बताया कि सिंहासन की रंगाई का जो बिल दिया गया वह लागत से दुगुना था। उसमें आधे पैसे राजा के अफसर खा गए थे।

7142.

‘सदाचार का तावीज़’ किस प्रकार की रचना है?

Answer»

‘सदाचार का तावीज़’ हरिशंकर परसाई द्वारा रचित व्यंग्यात्मक लेख है। इसमें लेखक ने भ्रष्टाचार की व्याप्ति तथा उसे दूर करने के अनोखे उपायों पर कटाक्ष किया है।।

7143.

‘सदाचार का तावीज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि कर्मचारियों ने महीने की आखिरी तारीख को रिश्वत क्यों ली?

Answer»

कर्मचारियों ने महीने की आखिरी तारीख़ को रिश्वत इसलिए ली होगी क्योंकि महीना भर काम करने के बाद उन्हें जो वेतन मिलता होगा, वह उन्हें पर्याप्त नहीं होता होगा। उस वेतन से उनकी आवश्यकताएं पूरी नहीं होती होंगी। उनका और उनके परिवार का पालन-पोषण ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा होगा, इसलिए महीने की इक्तीस तारीख को उनके मन में घूस लेने का भाव जागृत हुआ कि आज तो घूस ले ही लेनी चाहिए। बिना घूस लिए जीवनयापन करना अत्यंत कठिन है। कठिनता से जीवन जीने के स्थान पर घूस लेना ही उचित है। जब कल वेतन मिल जाएगा, तब फिर से घूस लेना बंद कर देंगे जब फिर से आवश्यकता होगी घूस ले लेंगे।

7144.

दरबारियों ने साधु को राजा के सामने प्रस्तुत करते हुए क्या बताया?

Answer»

एक दिन दरबारियों ने राजा के समक्ष एक साधु को प्रस्तुत किया। उन्होंने राजा से कहा कि यह साधु एक महान् तपस्वी है। यह एक गुफा में तपस्या कर रहा था। हम इसे अपने साथ ले आए हैं। इसने अपनी तपस्या शक्ति के बल पर एक ऐसे तावीज़ का निर्माण किया जो व्यक्ति को सदाचारी बनाता है। उसे भ्रष्टाचार से दूर रखता है। उसे निरंतर सद्विचार देता रहता है। व्यक्ति में अच्छे-बुरे को पहचानने की शक्ति प्रदान करता है। साधु द्वारा निर्माण किया गया तावीज़ पूर्णत: मंत्रों से सिद्ध है। यह व्यक्ति को सदाचारी बनाता है। उसके अंदर की बेईमानी को समाप्त कर उसे नेक इन्सान बनाकर सच्चाई के मार्ग पर लाता है।

7145.

दरबारी भ्रष्टाचार दूर करने के लिए किसे लाए और क्यों ?

Answer»

दरबारी भ्रष्टाचार दूर करने के लिए एक साधु को ले आए। वह सदाचार का तावीज़ बनाता था। उसके बताए हुए तावीज़ को पहनकर बेईमान भी ईमानदार बन जाता था। उस साधु की बातों से राजा प्रभावित हो गया तथा उसने उसे लाखों तावीज़ बनाने का ठेका दे दिया। उसे इस काम के लिए पाँच करोड़ रुपए पेशगी भी दे दिए गए।

7146.

निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए :1. सेवा करने से चरित्र बनता था। (वर्तमान काल में बदलिए)2. दल से दल लड़ता है। (भविष्यत् काल/भूतकाल में बदलिए)3. असली झगड़ा कुर्सी का है। (भूतकाल में बदलिए)

Answer»

1.सेवा करने से चरित्र बनता है।

2.दल से दल लड़ेगा। (भविष्यत् काल)
दल से दल लड़ता था। (भूतकाल)

3. असली झगड़ा कुर्सी का था।

7147.

राज्य में किस बात का हल्ला मचा?

Answer»

राज्य में भ्रष्टाचार बहुत फैलने का हल्ला मचा।

7148.

राजा ने तावीज़ की जाँच किस प्रकार की ? उसके क्या परिणाम निकले?

Answer»

जब राजा वेश बदलकर इस तावीज़ के प्रभाव की जाँच करने किसी कार्यालय में काम करवाने के लिए कर्मचारी को पाँच रुपए देता है तो वह नहीं लेता। राजा प्रसन्न होता है कि भ्रष्टाचार समाप्त हो गया, परन्तु जब कुछ दिन बाद वह फिर वेश बदलकर उसी कर्मचारी को देता है तो वह ले लेता है। वह उसकी जाँच करता है तो तावीज़ उसकी भुजा पर बंधा था। राजा ने हैरानी में तावीज़ पर कान लगाया तो उसमें से आवाज़ आ रही थी, ‘अरे, आज इकतीस है। आज तो ले ले।’ पहली बार जब राजा आया था तो दो तारीख थी, कर्मचारी की जेब भरी थी, पर इकतीस को खाली हो गई थी। भ्रष्टाचार वहीं था, कहीं गया नहीं था।

7149.

राजा ने वेश बदलकर क्या करना चाहा था?

Answer»

राजा ने वेश बदलकर अपने राज्य में हो रहे भ्रष्टाचार को स्वयं अपनी आँखों से देखना चाहा। इसके लिए वह अपने राज्य कर्मचारियों को वेश बदलकर घूस देने की कोशिश करने लगा। पहली बार राजा कर्मचारियों को घूस देने में पूर्णतः असफल रहा क्योंकि कर्मचारियों ने घूस ली ही नहीं। कर्मचारियों के घूस न लेने के क्रियाकलाप को देखकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ कि उसके कर्मचारी राज्य और राजा के प्रति कितने निष्ठावान हैं। किन्तु वही कर्मचारी दूसरी बार रिश्वत लेने के लिए तैयार हो गए। रिश्वत लेने का यह दिन महीने का आखिरी दिन था। राजा को समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है। रिश्वत न लेने वाले कर्मचारी रिश्वत कैसे लेने लगे। इन्हें अचानक क्या हो गया ? राजा को समझ नहीं आ रहा था।

7150.

विशेषज्ञों ने भ्रष्टाचार दूर करने के लिए क्या सुझाव दिया ?

Answer»

विशेषज्ञों ने भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए महाराज को व्यवस्था में परिवर्तन करने के लिए कहा। वे ठेका प्रथा समाप्त करने के लिए ज़ोर दे रहे थे क्योंकि ठेकेदार अधिकारियों को घूस देकर अपना काम निकालते हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार के अवसर घटाने तथा उन कारणों को दूर करने का भी सुझाव दिया जिन कारणों से घूसखोरी बढ़ती है।