InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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‘मेमरी’ संज्ञा समझाइए । |
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Answer» कम्प्यूटर केवल विभिन्न प्रकार की गणना नहीं करता परन्तु विविध प्रकार की माहिती को संग्रह करते है । जहाँ इस माहिती का संग्रह किया जाए उन्हें ‘मेमरी’ (Memory) कहा जाता है । |
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‘डोट कोम’ संज्ञा समझाइए । |
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Answer» इन्टरनेट द्वारा जो मध्यस्थ संस्था द्वारा ई-मेईल का आदान-प्रदान करना हो तब पता दर्शाया जाता है । पता दर्शाए हुए पूर्ण विराम को डोट कोम (.com) कहते हैं । |
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शीघ्र और अद्यतन माहिती प्राप्त करने के लिए उपयोगी है ।(A) फैक्स(B) इन्टरनेट(C) ई-मेईल(D) ई-कॉमर्स |
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Answer» सही विकल्प है (B) इन्टरनेट |
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ई-मेईल का पूरा नाम स्पष्ट करें । |
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Answer» ई-मेईल का मतलब इलेक्ट्रोनिक मेल जो कम्प्यूटर द्वारा सूचना भेजने का कार्य करती है । कम दाम में त्वरित रूप से सूचना का आदान-प्रदान होता है । |
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ओन लाईन व्यवहार में वित्त के भुगतान की प्रक्रिया पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए । |
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Answer» On Line व्यवहार की प्रक्रिया के सोपान निम्नलिखित है : (i) रजिस्ट्रेशन : ओन लाईन व्यवहार में क्रय करने से पहले ग्राहक को रजिस्ट्रेशन फार्म भरकर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है । रजिस्ट्रेशन कराना अर्थात् विक्रेता के वहाँ ओन लाईन खाता खुलाना । ओन लाईन व्यवहार में रजिस्ट्रेशन अर्थात् sign up होना । इसके लिए ई-फॉर्म में खाता खुलानेवाले का नाम, पता, फोन नम्बर जैसी जानकारी देनी पड़ती है । इसके बारे में व्यवहार करने के लिए पासवर्ड भी दिया जाता है । खाते से सम्बन्धित जानकारी इस पासवर्ड से सुरक्षित रखी जाती है । जिससे सम्बन्धित खाते में कोई अन्य व्यक्ति प्रवेशी (Log In) न सके । (ii) ऑर्डर देना : ओन लाईन क्रय सकते समय विभिन्न वस्तुएँ पसन्द करके शोपिंग कार्ट में रख सकते है । (शोपिंग कार्ट यह ओन लाईन क्रय के समय क्रेता द्वारा पसन्द की हुई वस्तुओं की सूची है) इस शोपिंग कार्ट में क्रय की सूची तैयार करने के बाद उसके आगे के विकल्प पर जाकर वित्त के भुगतान का विकल्प पसन्द कर सकते है । (iii) वित्त भुगतान तंत्र : ओन लाईन खरीदी में वित्त का भुगतान विभिन्न रूप से हो सकता है । जैसे कि केश ऑन डिलिवरी, चेक, नेट बैंकिंग ट्रान्सफर, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या डिजीटल केश इत्यादि । वित्त भुगतान की प्रक्रिया : ओन लाईन खरीदी में वित्त का भुगतान विभिन्न प्रकार से हो सकता है । (1) Cash on Delivery केश ऑन डिलीवरी (COD) : वित्त भुगतान की इस पद्धति में ग्राहक द्वारा क्रय की हुई वस्तु उनके मंगाए गए पते पर मिलती है तब उनका भुगतान करना होता है । (2) चेक (Cheque) : ओन लाईन व्यापारी ग्राहक के पक्ष से चेक प्राप्त करने की व्यवस्था भी कर सकता है । वस्तु को क्रय करनेवाला व्यक्ति विक्रेता को चेक देता है । विक्रेता व्यापारी इस चेक की रकम अपने खाते में जमा होने के बाद वस्तु भेजता है । (3) Net Banking Transfer नेट बैंकिंग ट्रान्सफर : वर्तमान समय में विभिन्न बैंक इन्टरनेट के माध्यम से वित्त का भुगतान या हस्तांतरण की सुविधा भी ग्राहकों को प्रदान करते है । इस प्रक्रिया में क्रेता चुकाने योग्य रकम अपनी बैंक के खाते में से ओन लाईन विक्रय करनेवाले व्यापारी के खाते में ट्रान्सफर कराते है । यह रकम ट्रान्सफर/हस्तांतरण होने के बाद माल भेजा जाता है । (4) Credit Card एवं Debit Card : इस प्रकार के कार्ड को प्लास्टिक के रु. में रूप में भी पहचाना जाता है । यह कार्डस ओन लाईन वित्तीय व्यवहार हेतु बड़े पैमाने में उपयोग में लिये जाते है । Credit Card देनेवाली बैंक कार्ड धारक को शाख पर क्रय करने की सुविधा देती है । कार्ड धारक को ओन लाईन व्यापारी को भुगतान की रकम सम्बन्धित बैंक चुका देती है । इसके पश्चात् निर्धारित समय में कार्ड धारक यह रकम बैंक को चुका देती है । कार्ड धारक को किस्त में अथवा अपनी सुविधा अनुसार निर्धारित समय में रकम चुकाने की स्वतंत्रता रहती है । Debit Card धारक व्यक्ति को अपने बैंक खाते में जमा रकम जितनी ओन लाईन खरीदी करने की सुविधा मिलती है । Debit Card के माध्यम से ओन लाईन व्यवहार होते है तब तुरन्त ही कार्ड धारक के बैंक खाते में से उतनी रकम चुकाई जाती है । (5) डिजिटल केश-: यह एक इलेक्ट्रोनिक चलन है जो मात्र सायबर स्पेस (इन्टरनेट के विश्व) में ही अस्तित्व प्राप्त है । ऐसा चलन कोई भौतिक अस्तित्व के स्वरूप में नहीं होता, परन्तु बैंक ग्राहक के वास्तविक चलन को इलेक्ट्रोनिक स्वरूप में उपयोग की सुविधा प्रदान करती है । ग्राहक ने बैंक को आवश्यकतानुसार की डिजिटल केश जितनी वास्तविक रकम चुकानी रहती है । उसके बाद ई-केश का फार्म सम्भालनेवाली बैंक ग्राहक को एक विशेष सोफ्टवेर भेजती है । जिसके माध्यम से ग्राहक के खाते में डिजिटल केश प्राप्त किया जा सकता है । ओन लाईन खरीदी के लिए यह डिजिटल कोष उपयोग किया जा सकता है । |
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ई-कॉमर्स का अर्थ तथा उसके लाभ प्रस्तुत कीजिए। |
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Answer» इलेक्ट्रोनिक कॉमर्स ही संक्षेप में ई-कॉमर्स के नाम से जाना जाता है । वाणिज्य-व्यवहार में आधुनिक युग में ई-कॉमर्स का बहुत ही प्रयोग किया जाता है, जिसमें इलेक्ट्रोनिक साधन संचालित यंत्र तथा उनके माध्यम से सूचना-संप्रेषण तथा वितरण की कार्यवाही घर बैठे हो । सकती है । ई-कॉमर्स के लिए घर पर पी.सी. यानी पर्सनल कम्प्यूटर होना जरूरी है । साथ में इन्टरनेट का कनेक्शन भी आवश्यक है । धन्धाकीय इकाई स्वयं अपनी वेब रखती है । इसके अन्तर्गत टेलिफोन सेवाएँ सेटेलाईट के साथ जोड़ने से इलेक्ट्रोनिक सेवा बनी रहती है । क्रेडिट / डेबिट कार्ड की सुविधाओं से ग्राहक एवं धन्धाकीय इकाई का संबंध विश्वासपूर्ण बनता जाता है । संक्षिप्त रूप में वाणिज्य विषयक प्रक्रियाएँ जो बाजार में होती थीं वे सभी इलेक्ट्रोनिक साधनों तथा माध्यमों से करना ही ई-कॉमर्स का प्रयोजन है । ई-कॉमर्स के लाभ निम्नलिखित हैं :
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ई-कॉमर्स के सफल अमलीकरण के लिए आवश्यक साधन बताइए । |
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Answer» ई-कॉमर्स के सफलतापूर्ण अमल के लिए निम्नलिखित साधन-सामग्री जरूरी है :
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ई-कॉमर्स के धन्धाकीय व्यवहारों की सुरक्षा और सलामती का विश्वास किस प्रकार देते हैं ? |
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Answer» धन्धाकीय इकाई और ग्राहक के बीच विश्वास का वातावरण ही धंधे की नींव है । उत्पादनों की गुणवत्ता तथा उचित मूल्य के निर्धारित समय में भुगतान से ही धंधे का विकास होता है । इसीलिए क्रेडिट/डेबिट कार्ड का विकास होता है । ई-कॉमर्स की सफलता का यह डेबिट/क्रेडिट कार्ड ही महत्त्वपूर्ण पहलू है । डेबिट/क्रेडिट कार्ड संचालन करनेवाली एजन्सी या बेंक की शान का सवाल है । व्यवहारों में कोई गड़बड़ी हुई तो आदेश देने के बाद सात दिनों में भुगतान स्थगित किया जा सकता है । दूर-दूर के ग्राहक-वर्ग के साथ धंधा करना है तो यह कार्ड ही विश्वास दिलाता है । |
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इन्टरनेट की उपयोगिता समझाइए । |
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Answer» इन्टरनेट की प्रमुख उपयोगिताएँ निम्नलिखित हैं :
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इन्टरनेट के माध्यम द्वारा कम्प्यूटर की मदद से कम्प्यूटर के परदे पर संदेश टाईप करके उनका आदान-प्रदान करने की प्रवृत्ति क्या कहलाती है?(A) ई-कॉमर्स(B) फेक्स(C) इन्ट्रानेट(D) ई-मेईल |
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Answer» सही विकल्प है (D) ई-मेईल |
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अन्य व्यक्ति के मन में आवश्यक समझ उत्पन्न करने की समग्र प्रक्रिया को क्या कहा जाता है ?(A) संदेश(B) सूचना संचार(C) ई-मेईल(D) ई-कॉमर्स |
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Answer» सही विकल्प है (B) सूचना संचार |
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ई-कॉमर्स में वित्त का भुगतान किसके द्वारा होता है ? |
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Answer» ई-कॉमर्स में वित्त का भुगतान निम्न द्वारा किया जाता है ।
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धन्धाकीय इकाईयाँ अपना कार्य, बाहर की संस्थाओं को सौंपे तो क्या कहा जाता है ?(A) ई-कॉमर्स(B) आउटसोर्सिंग(C) ई-मेईल(D) नेट बैंकिंग |
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Answer» सही विकल्प है (B) आउटसोर्सिंग |
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वर्तमान समय में सूचना-संचार के साधन इनमें से कैसे होने लगे हैं ?(A) मूल्यवान(B) विश्वसनीय(C) बहुउद्देश्य(D) अलिप्त |
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Answer» सही विकल्प है (C) बहुउद्देश्य |
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सूचना संचार का अर्थ बताइए । |
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Answer» सूचना संचार अर्थात् प्रत्यायन । प्रत्यायन के लिए अंग्रेजी में Communication शब्द का उपयोग होता है । यह शब्द लेटिन भाषा के दो Communis एवं शब्द Communi Care पर से आया है । जिसका अर्थ To Share Common होता है । सूचना संचार में सूचना को एक स्त्रोत से दूसरे स्त्रोत तक अन्य को पहुँचाने की प्रक्रिया है । सूचना संचार में सूचना, विचार, संवेदनाओं, भावनाओं या मन्तव्यों का दो या इससे अधिक व्यक्तियों के मध्य आदान-प्रदान होता है । अर्थ एवं व्याख्याएँ (Meaning & Definition) :
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रेलवे की टिकिट देशभर में किसी भी स्थान से प्राप्त कर सकते है । यह किस प्रकार का नेटवर्क कहते हैं ?(A) एन्टरपाइज वेन(B) LAN(C) MAN(D) CAN |
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Answer» सही विकल्प है (A) एन्टरपाइज वेन |
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सूचना-संचार के साधनों ने समग्र विश्व को एक गाँव बनाया है । – यह विधान समझाइए । |
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Answer» पुराने समय में जब कोई माहिती या सूचना देने का कार्य करना पड़ता था तब राजदूत एक स्थान से दूसरे स्थान जा कर सूचना पेश करते थे । छोटे गाँव में तो आसानी से ढोलक बजाकर कोई संदेशा देनेवाला व्यक्ति सूचना देने का कार्य आसानी से कर लेता था । लेकिन जितना अंतर – फासला अधिक उतना ही संप्रेषण का कार्य भी लंबा समय लेता था । आधुनिक आई.टी. युग में सूचना की क्रान्ति हुई है और दूर-दूर तक विश्व में किसी भी कोने में से जो सूचना प्राप्त करनी है अथवा वहाँ भेजनी है तो त्वरित गति से यह कार्य इन्टरनेट द्वारा किया जाता है । ई-मेईल, फैक्स, मोबाइल, ई-कॉमर्स, इन्टरनेट जैसे इलेक्ट्रोनिक साधन आने से समग्र विश्व एक ग्लोबल विलेज बन गया है । यदि भारत में कोई कुदरती प्रकोप या दुर्घटना होती है तो तुरन्त ही अमेरिका में उसके कम्प्यूटर बता देते हैं । |
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ज्ञान प्रक्रिया बहिस्त्रोत BPO की आवश्यकता. |
Answer»
KPO का कार्यक्षेत्र :
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सूचना-संचार का कोई आधुनिक साधन खरीदते हैं तो आपको संदेशा-व्यवहार के अतिरिक्त अन्य कई सेवाएँ भी मिलती हैं । |
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Answer» संदेशा-व्यवहार का पुराना साधन डाकघर या पोस्ट ऑफिस है । लेकिन उसमें केवल संदेशा-व्यवहार है । उसके साथ आनुषंगिक सेवाएँ जो आधुनिक इलेक्ट्रोनिक उपकरण युक्त साधनों में मिलती है वैसी सेवाएँ डाकघर नहीं दे पाते । समय एवं अन्तर का भी फायदा आधुनिक साधनों से मिलता है । त्वरित गति से जानकारी/सूचना आदान-प्रदान होता है । लागत भी कम है । ई-कॉमर्स के जरिए घर बैठे व्यापार कर सकते हैं । सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि कागजी काम कम होता है । कम्प्यूटर सब कुछ अपनी मेमरी में रखता है । जब चाहें तब हम उससे सूचना निकाल सकते हैं । |
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सूचना-संचार के आधुनिक साधनों की लाक्षणिकताएँ समझाइए । |
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Answer» सूचना प्रसार के आधुनिक साधनों की प्रमुख लाक्षणिकताएँ निम्नलिखित हैं :
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ई-कॉमर्स में कौन-सी सीमाएँ अडचनरूप नहीं बनती ?(A) भौगोलिक(B) क्रय शक्ति की(C) मौद्रिक(D) इनमें से कोई नहीं |
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Answer» सही विकल्प है (A) भौगोलिक |
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व्यवहारों की सलामती और सुरक्षा. |
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Answer» ई-कोमर्स में सुरक्षा की बात सबसे महत्त्वपूर्ण होती है । इसमें तीन प्रकार की जोखिमें होती है । (1) व्यवहार की जोखिम (1) व्यवहार के जोखिम के सामने सुरक्षा : ओन लाईन व्यवहार में अनेक जोखिम होती है । इसलिए खाते के पंजियन के समय योग्य पहचान व पते की जाँच करना तथा ग्राहक को व्यवस्थित रूप से स्थापित वेबसाईट से ही क्रय करना चाहिए । (2) माहिती संग्रह की जोखिम के सामने सुरक्षा/सलामती : महत्त्वपूर्ण माहिती कई लोग स्वार्थी हेतु से अथवा केवल आनन्द लेने के उद्देश्य से चोरी या बदल सकते है । इसके उपरांत ‘वायरस’ या हेकिंग शब्द से आप सभी परिचित होंगे ही । वायरस एक कम्प्यूटर प्रोग्राम है । वायरस कम्प्यूटर सिस्टम में अपनी नकल उत्पन्न करते है और माहिती को नुकसान पहुंचाता है । वायरस स्क्रीन पर समस्या उत्पन्न करते है, कम्प्यूटर कार्य में रुकावट डालते है, निर्धारित माहिती की फाईल को नुकसान या सम्पूर्ण सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते है । ऐसी समस्या के समाधान के लिए ऐन्टी वायरस सोफ्टवेर का उपयोग होता है । (3) बौद्धिक सम्पत्ति और गुप्तता की जोखिम के सामने सुरक्षा : इन्टरनेट यह खुल्ला मंच है । एक बार कोई माहिती/जानकारी इन्टरनेट पर रख देते है अर्थात् यह सार्वजनिक हो जाती है । ओन लाईन व्यवहार करते समय दी जानेवाली जानकारी – जैसे कि ई-मेईल, पता, फोन नम्बर, बैंक खाता का नम्बर, पासवर्ड, इसके अलावा धन्धे की बहुत-सी माहिती गोपनीय रखना अनिवार्य होता है । इस प्रकार की माहिती का दुरुपयोग होने की पूरी की पूरी सम्भावना रहती है । इसलिए समय-समय पर अपने पासवर्ड को बदलते रहना चाहिए । |
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संदेश भेजकर तुरन्त ही उनका उत्तर प्राप्त करने में उपयोगी है ।(A) E-Commerce(B) Fax(C) Internet(D) E-mail |
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Answer» सही विकल्प है (D) E-mail |
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कम्प्यूटर नेटवर्क के मुख्य चार प्रकार समझाइए । |
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Answer» कम्प्यूटर नेटवर्क के मुख्य चार प्रकार निम्न है :
वाईड एरिया नेटवर्क को दो भागों में बाँटा गया है :
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ई-कोमर्स के सफल अमलीकरण के लिए आवश्यक साधन बताइए । |
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Answer» किसी भी धन्धे को आरम्भ करने के लिए प्राथमिक रूप में पूँजी, मानवसंसाधन और यंत्रों की आवश्यकता पड़ती है । जबकि ई-कॉमर्स के अमलीकरण में निम्न संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है । जिसमें । (1) website वेबसाईट : वेबसाईट को बनाना, उनका संचालन करना, देखरेख रखना व सुरक्षा करना । वेबसाईट में web अर्थात् www-world wide web जबकि साइट अर्थात् स्थान । सामान्य भाषा में website यह world wide web पर संस्था का पता होगा । लेकिन वेबसाईट यह कोई भौतिक पता नहीं, लेकिन यह संस्था द्वारा प्रदान की जानेवाली समस्त सामग्री का ओन लाईन उपलब्ध हो ऐसा संकलित स्वरूप है । (2) इन्टरनेट से जुड़ा हुआ कम्प्यूटर : ई-कॉमर्स में जो व्यापारी या ग्राहक क्रय-विक्रय या अन्य धन्धाकीय प्रवृत्तियों में जुड़े इसके लिए उनका कम्प्यूटर्स इन्टरनेट नेटवर्क से जुड़ा होना चाहिए । (3) Credit Card या Debit Card : ई-कॉमर्स में क्रय-विक्रय करनेवाले व्यापारी एकदूसरे के परिचित नहीं होते । इसलिए इन दोनों के मध्य मौद्रिक लेनदेन के प्रश्न पैदा होते है । क्रेता क्रय करने से पहले रकम चुकाने में जोखिम अनुभव करता है । जबकि विक्रेता रकम मिलने से पहले माल देना जोखिम अनुभव करता है । अत: ऐसी समस्या का समाधान डेबिट कार्ड अथवा क्रेडिट कार्ड दूर करता है । इस कार्ड द्वारा भुगतान इस तरह से होता है कि भुगतान के आदेश के बाद सात दिन तक में भुगतान रुकवा सकते है । इस तरह कार्ड्स भी ई-कॉमर्स के व्यवहार में महत्त्वपूर्ण साधन है । |
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आउट-सोर्सिंग / बहिस्त्रोत |
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Answer» धन्धाकीय इकाईयों द्वारा कोई भी कार्य, फुटकर कार्य अथवा प्रक्रिया जब किसी निश्चित समयकाल के लिए अन्य समूह को करार के रूप में सौंपा जाये तो आउट-सोर्सिंग कहते हैं । धन्धाकीय इकाई अपनी मुख्य प्रवृत्तियों पर अधिक अच्छी तरह से ध्यान दे सकती है इस हेतु आउट-सोसिंग अनिवार्य है । कम्पनी मुख्य कार्य के अलावा गौण कार्य का आउट-सोर्सिंग कराती है । |
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सूचना-संचार का अर्थ बताइए । |
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Answer» सूचना-संचार दो अथवा दो से अधिक व्यक्तियों के माध्यम द्वारा तथ्यों, विचारों, मन्तव्यों और भावनाओं का आदान-प्रदान या लेन देन की प्रक्रिया है । |
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कम्प्यूटर्स नेटवर्क अर्थात् क्या ? |
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Answer» कम्प्यूटर्स के समूह को माहिती व संसाधनों का सामुहिक उपयोग उद्देश्यपूर्वक एकदूसरे के साथ जोड़ा जाए तो उन्हें नेटवर्क कहते हैं । इसके लिए हार्डवेर व सोफ्टवेर से जुड़े हुए होने चाहिए । इस तरह दो या इससे अधिक कम्प्यूटर्स के मध्य आन्तरिक रुप से जुड़े हए तंत्र को कम्प्यूटर नेटवर्क कहते हैं । |
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BPO का अर्थ एवं इनका कार्यक्षेत्र बताइए । |
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Answer» BPO – Business Process Outsourcing अर्थात् कम्पनी के विशिष्ट कार्य या प्रक्रियाएँ पूर्ण करने के लिए बाह्य कम्पनी या समूह से करार आधारित सेवा प्राप्त करना । जैसे कोल सेन्टर्स या डेटा एन्ट्री का कार्य जो कम्पनियाँ आउटसोर्सिंग की इच्छुक होती है उनका मुख्य उद्देश्य खर्च में कमी लाना है । BPO का कार्य भारत, चीन जैसे विशाल जनसंख्यावाले देशों को अधिक मिलता है । BPO की आवश्यकताएँ : BPO कम्पनी के कोर्पोरेट स्तर के कर्मचारियों को दैनिक सहायक कार्य की जिम्मेदारी से मुक्त करती है । जिससे कर्मचारी उत्पादक प्रवृत्तियों पर विशेष ध्यान दे सके तथा ग्राहकों पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर सकते है ।
BPO का कार्यक्षेत्र :
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एन्टरप्राइज वेन अर्थात् क्या ? |
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Answer» इन्टरप्राइज वेन अर्थात् एक ही बड़ी इकाई/संस्था का विशाल रूप से फैले हुए कम्प्यूटर्स का नेटवर्क है । जो कि विभिन्न स्थानों का स्थिर कम्प्यूटर्स के नेटवर्क का नेटवर्क है । जो कि संस्था के लिए खड़ा किया गया नेटवर्क है । ऐसा नेटवर्क इन्ट्रानेट के रूप में जाना जाता है । जैसे भारतीय रेलवे समग्र देश में अपने कार्यालय को इस तरह जोड़ती है । |
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ई-कॉमर्स का अर्थ दीजिए । |
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Answer» ई-कॉमर्स (E-Commerce) अर्थात् कि इलेक्ट्रोनिक कॉमर्स जिसमें इलेक्ट्रोनिक साधन द्वारा संचालित यंत्र और उसके माध्यम से होनेवाला विनिमय तथा वितरण को वाणिज्य में E-Commerce कहते हैं । ई-कॉमर्स में व्यापार की प्रक्रियाएँ जैसे कि क्रय, विक्रय, विज्ञापन, अन्य उत्पादनों के साथ तुलना, रुपयों का आदान-प्रदान इत्यादि इलेक्ट्रोनिक उपकरण (विद्युत संचालित यंत्र) द्वारा होता है । इसके लिए इन्टरनेट, कम्प्यूटर नेटवर्क, ई-मेईल सेवा, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड इत्यादि माध्यमों का उपयोग किया जाता है । |
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आउट-सोर्सिंग द्वारा उपलब्ध किन्हीं दो सेवाओं के विषय में लिखिए । |
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Answer» जब कोई निर्मात्री इकाई जो कार्य खुद करती थी, वे कार्य वह दूसरों से, ब्राह्य पक्षकारों से करवा ले तो उसको आउट-सोर्सिंग के नाम से जाना जाता है । अंग्रेजी में इसके लिए स्टान्डर्ड एब्रीवेशन – मिताक्षरी है B.P.O. बी.पी.ओ. जिसका पूरा स्वरूप है बिजनेस प्रोसेसींग आउट-सोर्सिंग । उदाहरण के तौर पर शर्ट बनानेवाली गारमेन्ट फैक्टरी शर्ट का कोलर जो कैनवास के अस्तरवाला होता है उसे अन्य कंपनी से तैयार करवा ले तो उसको आउट-सोर्सिंग कहा जाता है । कभी-कभी मटीरियल्स की कमी के कारण या मजदूरों के अभाव से या टेक्नोलॉजी की वजह से यह कॉलर तैयार करने का कार्य दूसरों को देना पड़ता है । आउट-सोर्सिंग से लागत भी कम होती है तथा निष्णात टेक्नीश्यनों का लाभ भी मिलता है । आउट-सोर्सिंग से रोजगारी के अवसर भी बहुत ही बढ़े हैं । आधुनिक वाणिज्य एवं बिजनेस क्षेत्रों में खास कर मल्टीनेशनल कोर्पोरेशन द्वारा यह क्षेत्र खुला है । इसमें बहुत-सी सेवाएँ आउट-सोर्सिंग द्वारा ही ली जाती हैं । उदाहरण : बड़ी कंपनियाँ अपने स्टाफ के लिए प्रशिक्षण-विभाग रखती थीं, लेकिन आउट-सोर्सिंग का फायदा उठाने और ट्रेनिंग विभाग का स्थायी खर्च कम करने हेतु यह कार्य आउट-सोसिंग द्वारा लाभप्रद रहता है और बाहरी विशेषज्ञों की सेवा का फायदा भी मिलता है । इन्टरनेट के जरिए जिस क्षेत्र के कर्मचारी को ट्रेनिंग देनी है उसकी अनिवार्य सूचनाएँ भी प्राप्त की जाती है । इसी तरह से कर्मचारी के कार्य के संदर्भ में उपयोगी ट्रेनर बाहर से अल्पकालीन समय के लिए नियुक्त करके अच्छी तालीम या प्रशिक्षण की सुविधा मिलती है । इसी प्रकार विज्ञापन-विभाग बंद करके बाह्य एड-एजन्सी को काम सौंपना भी आउट-सोर्सिंग है, जिससे अद्यतन ढंग से विज्ञापन करने का लाभ कंपनी पा सकती है । यह काम त्वरित, कम लागतवाला तथा गुणात्मक बनता है । |
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फैक्स का अर्थ एवं उपयोग दर्शाइए । |
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Answer» फैक्स का सादा अर्थ है स्वयं संचालित रूप से लिखित में सूचना एक स्थल से दूसरे स्थलों पर त्वरित पहुँचाना । जिसको अंग्रेजी में फास्ट ओटोमेटिक एक्सचेंज कहते हैं । इसके लिये इलेक्ट्रोनिक उपकरणयुक्त एक छोटी-सी पेटी जैसा बोक्स होता है और फैक्स नंबर दबाने से जो कागज या दस्तावेज फैक्स मशीन में शामिल किया है वैसा का वैसा ही प्राप्त करनेवाले तक पहुँचता है । प्राप्त करनेवाले की फैक्स मशीन में प्रिन्टर रोल जैसा कोरा कागज होता है जिस पर मूल संदेश की प्रिन्ट आ जाती है । फैक्स के उपयोग निम्नलिखित हैं :
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इन्टरनेट का अर्थ और आशय समझाइए । |
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Answer» अंग्रेजी शब्द Internet का अर्थ आन्तरिक जाल है जो अन्य कम्प्यूटरों से संलग्न है और विभिन्न कम्प्यूटर अन्य स्थलों के कम्प्यूटर से सूचना-संप्रेषण करते हैं । जिसके लिए तमाम कम्प्यूटरों को जोड़नेवाले टेलिफोन एक्सचेंज की तरह एक मध्यस्थ संस्था होती है । संक्षेप में दो या अधिक कम्प्यूटरों के बीच वार्तालाप संभव बनानेवाले कनेक्शन या संधान को ही इन्टरनेट कहते हैं । इन्टरनेट सूचना-संप्रेषण तो करते ही हैं, साथ ही सभी सूचनाएँ एक किताब की तरह अपनी मेमरी Memory में भी रखते हैं । जो चाहे वह पूरा पता – Address का कमान्ड दे कर वेबसाइट खोल सकते हैं । Yahoo डोट कोम / गुगल जैसी ऐजन्सी इस क्षेत्र में श्रेष्ठ हैं। विश्व के किसी भी उपग्रह या भाग में हम Internet के जरिये पहुँच सकते हैं क्योंकि, www वर्ल्ड वाईड वेब पर यह कार्यरत है । |
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कागज बिना की डाक अर्थात् ……………………….(A) फैक्स(B) इन्टरनेट(C) ई-कॉमर्स(D) ई-मेईल |
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Answer» सही विकल्प है (D) ई-मेईल |
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इन्टरनेट का अर्थ बताइए । |
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Answer» इन्टरनेट यह इन्टर कनेक्शन और नेटवर्क यह दो शब्दों पर से आया है । इन्टरनेट का अर्थ इन्टर + नेट अर्थात् इन्टर का अर्थ होता है आन्तरिक तथा नेट का अर्थ होता है जाल, इस तरह इन्टरनेट अर्थात् आन्तरिक जाल । इन्टरनेट यह विश्व का सबसे बृहद कम्प्यूटर संचालित सिस्टम है । जिसके दूसरे नाम जैसे कि The Net, Information Super Hiway, Cyber Space दी नेट, इन्फोरमेशन सुपर हाईवे, साईबर स्पेस आदि है । |
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इन्टरनेट के मुख्य तीन प्रकार के कार्य समझाइए । |
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Answer» इन्टरनेट के मुख्य तीन प्रकार के कार्य निम्न है :
जैसे –
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हेकिंग अर्थात् क्या ? |
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Answer» हेकिंग का अर्थ होता है हायजेक करना । अपने कम्प्यूटर पर जो गुप्त बातें मेमरी में रखी जाती है, उसको अन्य लोग चालाकी से हड़प लेते है । यह एक प्रकार की सूचना सम्बन्धी चोरी है । इसलिए हेकिंग करनेवाले लोगों पर कम्प्यूटर एवं सायबर-सम्बन्धी (सायबर – क्राइम) व्यवस्था भी है । |
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विद्युत संचालित यंत्र और माध्यमों की मदद से होने वाणिज्य का विनिमय तथा वितरण को क्या कहा जाता है ?(A) इन्ट्रानेट(B) ई-कॉमर्स(C) ई-मेईल(D) इन्टरनेट |
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Answer» सही विकल्प है (B) ई-कॉमर्स |
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माहिती का सुपर हाई-वे के रूप में किसे कहा जाता है ?(A) इन्टरनेट सेवा(B) बैंकिंग सेवा(C) ई-कॉमर्स(D) आउटसोर्सिंग |
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Answer» सही विकल्प है (A) इन्टरनेट सेवा |
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विश्व में स्थित चार इन्टरनेट की मध्यस्थ संस्थाओं के नाम बताइए । |
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Answer» विश्व में स्थित चार इन्टरनेट की मध्यस्थ संस्थाओं के नाम :
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ई-मेईल के कागज की जरूरत क्यों नहीं पड़ती है ? |
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Answer» टाईप राईटर पर कागज की जरूरत रहती है । किताब लिखना, खत लिखना या परीक्षा की उत्तरवही पर लिखने के लिए कागज जरूरी होते हैं । लेकिन ई-मेईल में कम्प्यूटर के जरिए स्क्रीन पर मेसेज टाईप होता है और सामनेवाले पक्षकार के कम्प्यूटर की स्क्रीन पर वही मेसेज भेजा जाता है । इसीलिए कागज की जरूरत नहीं है । कम्प्यूटर अपनी मेमरी (स्मृति) में मेसेज रखता है । Digital क्रान्ति की यह बलिहारी है । |
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ई-मेईल का उपयोग बतलाइए । |
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Answer» ई-मेईल के उपयोग निम्नलिखित हैं :
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‘ई-कॉमर्स के कारण घर बैठे व्यापार की वृद्धि हुई है ।’ – यह विधान समझाइए । |
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Answer» यह विधान सही है । ई-कॉमर्स द्वारा वैश्विक स्तर पर हम किसी भी स्थल पर व्यापार कर सकते हैं । क्योंकि यह सेवा ग्राहक-लक्षी है और सरलता से दूर-दूर के बाजार की स्थिति ज्ञात की जा सकती है । निर्माता इकाई भी अपने उत्पादों का विज्ञापन दे कर जरूरतवाले ग्राहकों को आकर्षित कर सकती है । डेबिट/क्रेडिट कार्ड की सुविधा होने से व्यापार विश्वासपूर्ण बनता है । इसके लिए कोई ऐजन्ट या ऑफिस की जरूरत नहीं है । क्रेता-विक्रेता ई-कॉमर्स द्वारा आसानी से त्वरित रूप से लेन-देन के व्यवहारों से सम्बन्धित सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं । |
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विश्व को समाविष्ट करनेवाला इन्टरनेट किस नाम से जाना जाता है ? |
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Answer» World Wide Web (www अथवा web) के नाम से जाना जाता है । |
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ई-कॉमर्स सेवाओं के कार्यक्षेत्र समझाइए । |
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Answer» ई-कॉमर्स सेवाओं का कार्यक्षेत्र निम्नानुसार है । (1) धन्धे से ग्राहक : B2C : (Business to Customer) (1) धन्धा से ग्राहक (B2C) : इसमें एक तरफ व्यापारी तथा दूसरी तरफ ग्राहक होता है । इन्टरनेट के माध्यम से वेबसाईट का उपयोग करके व्यापारी ग्राहकों को अपने उत्पादन तथा सेवाओं का विक्रय करते है । ग्राहक किसी भी स्थान से किसी भी समय पर मनपसन्द वस्तुएँ क्रय करने हेतु ऑर्डर दे सकते है । विक्रेता अपनी वस्तु किसी भी मध्यस्थी के बिना सीधा ही विक्रय ग्राहकों को कर सकते है । क्रेता एक स्वतंत्र ग्राहक है । Online क्रय का यह उत्तम उदाहरण कहलाता है । वस्तु के फुटकर विक्रय के अलावा B2C में online बैंकिंग, परिवहन सुविधाएँ जैसी अनेक सेवाओं का समावेश किया गया है । (2) धन्धा से धन्धा : (B2B) : इसमें दोनों पक्षकार धन्धाकीय इकाइया अथवा धन्धार्थी होते है । आज के स्पर्धात्मक युग में धन्धाकीय इकाइयों को एकदूसरे पर आश्रित रहना पड़ता है । B2B व्यापार इन आश्रितों को सरल व अधिक असरकारक बनाती है । B2B की मदद से व्यापारियों की सामान्य धन्धाकीय प्रवृत्तियाँ जैसे कि आपूर्ति का व्यवस्थापन माल-सामग्री की सूची का व्यवस्थापन, भुगतान का व्यवस्थापन इत्यादि की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । (3) ग्राहक से ग्राहक : (C2C) : इस व्यवस्था में ग्राहक से ग्राहक के व्यापार की प्रवृत्तियाँ जुड़ी हुई है । वेबसाईट पर इन्टरनेट के उपयोगकर्ता विक्रेता व क्रेता दोनों ग्राहक बनते है । किसी भी मध्यस्थी बिना ग्राहकों को क्रय-विक्रय की online सुविधा प्राप्त होती है । इसका एक उदाहरण निलामी (हराजी) की साईट (E-Auction) है । यदि ग्राहक को कोई वस्तु विक्रय करनी हो तो वो वह वस्तु हराजी की साईज पर की सूची में शामिल करता है और अन्य व्यक्तियों उनकी बोली लगाते हैं । अधिक मूल्य/कीमत देनेवाला वस्तु को क्रय करता है । इसके अलावा olx.com, quicker.com में विक्रेता ग्राहक अपनी वस्तु की माहिती तथा विक्रय मूल्य रखते है और क्रेता के साथ बातचीत होने के बाद क्रय-विक्रय की प्रक्रिया होती है । (4) ग्राहक से धन्धा (C2B) : ई-कोमर्स की यह सेवा ग्राहकों के लिए अनुकूल हो अथवा तो निश्चित उत्पादन या सेवा के लिए ग्राहक चुकाना चाहते हो तब मूल्य की व्यापक श्रेणी में उत्पादन व सेवा की पसन्दगी मिलती है । ऐसी सेवाओं या उत्पादन करनेवाली धन्धाकीय इकाइयाँ उत्पादन व सेवा के लिए अपने विक्रय की शर्ते व कीमत बताती है । यह पद्धति भाव-ताव में होनेवाले समय को घटाते है तथा ग्राहक और धन्धाकीय इकाई दोनों की परिवर्तनशीलता को बढ़ाते हैं । इस प्रक्रिया में ग्राहक द्वारा भुगतान निश्चित किया जाता है । ई-कॉमर्स की इसके अलावा भी कई अन्य व्यवस्था है । जिसमें सरकार को एक स्वायत्त अस्तित्व मान लें तो निम्न व्यवस्था अस्तित्व में आती है ।
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ई-मेईल की गोपनियता का विश्वास किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है ? |
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Answer» अमुक समय के पश्चात् पासवर्ड को बदलकर ई-मेईल की गोपनियता का विश्वास प्राप्त किया जा सकता है । |
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पासवर्ड (Password) संज्ञा समझाइए । |
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Answer» ई-मेईल जिसे भेजा जाये उसी को मिले इसके लिए संदेश लेनेवाली मध्यस्थ संस्था के समक्ष जो संकेत दर्शाया जाए उसे पासवर्ड कहते हैं । |
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