InterviewSolution
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संविधान के अनुसार मन्त्रिपरिषद् का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य क्या है ? |
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Answer» संविधान के अनुसार मन्त्रिपरिषद् का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य देश तथा विदेश के लिए शासन सम्बन्धी नीतियों का निर्धारण करना है तथा राष्ट्रपति को परामर्श देना है। |
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| 7952. |
कौन-से संविधान संशोधन द्वारा मन्त्रिपरिषद् में सदस्यों की संख्या सीमित कर दी गयी है? |
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Answer» 91वें संविधान संशोधन (2003) द्वारा मन्त्रिपरिषद् में सदस्यों की संख्या सीमित कर दी गयी है। |
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| 7953. |
राष्ट्रीय राजधानी राज्य-क्षेत्र दिल्ली पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। |
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Answer» 1911 ई० में अंग्रेजों द्वारा दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया गया। तत्पश्चात् स्वतन्त्र भारत में 1956 ई० में दिल्ली को भारत संघ के केन्द्र-शासित प्रदेश का दर्जा प्रदान किया गया। वर्तमान समय में 69वें संवैधानिक संशोधन के द्वारा 1991 ई० में संघ राज्य-क्षेत्र दिल्ली को अब ‘राष्ट्रीय राजधानी राज्य-क्षेत्र दिल्ली के नाम से जाना जाता है। दिल्ली के प्रशासक को ‘उपराज्यपाल’ कहा जाता है, जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा वह राष्ट्रपति के प्रति ही उत्तरदायी होता है। इसके अतिरिक्त दिल्ली के लिए 70 सदस्यीय विधानसभा तथा मन्त्रिपरिषद् की व्यवस्था भी की गयी है। मन्त्रिपरिषद् के सम्बन्ध में स्मरणीय तथ्य यह है कि चुनाव के पश्चात् मन्त्रिपरिषद् के प्रधान अर्थात् मुख्यमन्त्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा मुख्यमन्त्री राष्ट्रपति के प्रति ही उत्तरदायी होता है। |
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| 7954. |
भारत में कुल कितने राज्य हैं ? हाल में ही नये बनाए गए राज्य की राजधानी का नाम लिखिए। |
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Answer» भारत में कुल 29 राज्य हैं। हाल में ही नये बनाए गए राज्य की राजधानी हैदराबाद है। |
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पॉण्डिचेरी (आधुनिक पुदुचेरी) के शासकीय संगठन की रूपरेखा दीजिए। |
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Answer» इस संघ राज्य-क्षेत्र में सर्वोच्च कार्यपालिका अधिकारी को उपराज्यपाल कहते हैं, जिसे राष्ट्रपति द्वारा 5 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है। इस क्षेत्र के लिए लोकप्रिय शासन की व्यवस्था की गयी है जिसके अनुसार इस क्षेत्र में मन्त्रिमण्डल और विधानसभा हैं। अन्य राज्यों की विधान-सभाओं और पुदुचेरी की विधानसभा में अन्तर केवल यह है कि पुदुचेरी विधानसभा की शक्तियाँ अन्य राज्यों की विधानसभाओं की तुलना में सीमित हैं। पुदुचेरी में एक मन्त्रिपरिषद् है, जिसका प्रधान मुख्यमन्त्री है। मन्त्रिपरिषद् उपराज्यपाल को प्रशासनिक कार्यों में सहायता के परामर्श प्रदान करती है। |
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| 7956. |
दिल्ली के अतिरिक्त अन्य संघीय क्षेत्रों के वर्तमान शासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। |
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Answer» 4 दिसम्बर, 1962 ई० को लोकसभा ने भारतीय संविधान का 14वाँ संशोधन पारित किया। बाद में राज्यसभा ने भी इसका अनुमोदन कर दिया तथा राष्ट्रपति ने अपनी अनुमति दे दी। भारतीय संविधान के 14वें संशोधन के द्वारा पुदुचेरी को भारतीय क्षेत्र में सम्मिलित किया गया। संविधान के 12वें संशोधन के द्वारा गोवा, दमन, दीव को भारतीय क्षेत्र में सम्मिलित किया गया। संविधान के 10वें संशोधन के द्वारा दादरा तथा नगर हवेली को भारतीय क्षेत्र में प्रविष्ट कर लिया गया। पहले ये फ्रांस तथा पुर्तगाल के अधिकार-क्षेत्र में थे। मणिपुर व त्रिपुरा को 21 जनवरी, 1972 ई० को, हिमाचल प्रदेश को 25 जनवरी, 1981 ई० को, अरुणाचल प्रदेश को 1986 ई० को तथा गोवा को 1987 ई० को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान कर दिया गया। अब भारत में 7 केन्द्रशासित क्षेत्र इस प्रकार हैं – |
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| 7957. |
भारतीय संघ में सम्मिलित राज्यों की संख्या है(क) 20(ख) 25(ग) 40(घ) 29 |
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Answer» सही विकल्प है (घ) 29 |
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| 7958. |
भारत के केन्द्र-प्रशासित क्षेत्रों के नाम लिखिए तथा उनकी शासन व्यवस्था पर प्रकाश डालिए। यासंघ-शासित क्षेत्र से क्या तात्पर्य है? ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के प्रशासक की नियुक्ति कौन करता है?याकेन्द्रशासित क्षेत्रों के प्रशासनिक ढाँचे का वर्णन कीजिए। |
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Answer» केन्द्र-प्रशासित क्षेत्र (संघ राज्य क्षेत्रों) का निर्धारण वर्तमान स्थिति – भारत में वर्तमान समय में 29 राज्य तथा 7 संघीय क्षेत्र हैं। पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त न होने के बावजूद भी दिल्ली व पुदुचेरी में 70वें संविधान संशोधन के आधार पर यह व्यवस्था की गई है कि इनकी विधानसभाओं के सदस्यों को भी राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने का अधिकार होगा। उत्तराखण्ड, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ तथा तेलंगाना को भारतीय संघ में नए राज्यों के रूप में सम्मिलित किया गया है और भारत के कुल 29 राज्यों में ये भी शामिल हैं। इस प्रकार केन्द्र-शासित क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार की शासन व्यवस्था है। दो केन्द्र-शासित क्षेत्रों (दिल्ली एवं पुदुचेरी) में संसदीय अधिनियम के अनुसार लोकप्रिय मन्त्रिपरिषद् व विधानसभाएँ स्थापित की गई हैं और शेष 5 संघ राज्यों को प्रबन्ध पूर्ण रूप से केन्द्र द्वारा किया जाता है। राष्ट्रपति को प्रत्येक संघीय क्षेत्र के लिए प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के प्रशासक की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। संविधान के द्वारा संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासकों को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गई है। लेकिन वह अपनी इस शक्ति का प्रयोग राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति से ही कर सकता है। यदि वह चाहे तो किसी राज्य से लगे केन्द्रीय क्षेत्र को उस राज्य के अन्तर्गत करने का अधिकार भी रखता है। संविधान ने राष्ट्रपति को यह अधिकार दिया है कि वह अण्डमान व निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप, दमन व दीव के प्रशासन एवं व्यवस्था के लिए कोई नियम बना सकता है। इन नियमों को संसद द्वारा पारित अधिनियमों के समान ही मान्यता प्राप्त होगी। इसी प्रकार संसद को यह अधिकार प्राप्त है कि वह इन क्षेत्रों के लिए कोई अन्य व्यवस्था कर दे। राष्ट्रपति राज्य की कार्यपालिका शक्ति स्वयं भी धारण कर सकता है। अनुच्छेद 241 के अन्तर्गत संसद विधि द्वारा किसी संघ प्रशासित क्षेत्र के लिए उच्च न्यायालय गठित कर सकती है या ऐसे किसी राज्य-क्षेत्र में किसी न्यायालय को इस संविधान में सभी या किन्हीं प्रयोजनों के लिए उच्च न्यायालय घोषित कर सकेगी। जब तक ऐसा विधान नहीं बनाया जाता तब तक ऐसे राज्य-क्षेत्रों के सम्बन्ध में विद्यमान उच्च न्यायालय अपनी अधिकारिता का प्रयोग करते रहेंगे। दिल्ली के लिए 1966 से पृथक् उच्च न्यायालय की व्यवस्था की गई है जबकि अन्य 6 केन्द्र शासित प्रदेश निकटवर्ती राज्यों के उच्च न्यायालयों के साथ सम्बद्ध किए गए हैं; जैसेचण्डीगढ़ (पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय), लक्षद्वीप (केरल उच्च न्यायालय), अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह (कलकत्ता उच्च न्यायालय), पुदुचेरी (मद्रास उच्च न्यायालय), दादरा और नगर हवेली (बम्बई उच्च न्यायालय), दमन और दीव (बम्बई उच्च न्यायालय)। |
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| 7959. |
निम्नलिखित में से कौन संघ राज्य क्षेत्र है? (क) गोवा(ख) दिल्ली(ग) छत्तीसगढ़(घ) मेघालय। |
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Answer» सही विकल्प है (ख) दिल्ली |
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| 7960. |
1963 ई० के अधिनियम के अनुसार संघीय क्षेत्रों का प्रशासन किस प्रकार से संचालित होता है? |
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Answer» संघीय क्षेत्र की विधानसभा अपने सम्पूर्ण क्षेत्र अथवा कुछ भाग के लिए उन विषयों के सम्बन्ध में कानून का निर्माण कर सकती है जो कि संविधान में दी गई सातवीं अनुसूची में राज्य सूची अथवा समवर्ती सूची में दिए गए हैं, यदि वे विषय इस क्षेत्र पर लागू होते हैं। यदि संघीय क्षेत्र की विधानसभा कोई ऐसा कानून पारित कर देती है जो संसद के किसी कानून के विरुद्ध है तो उस क्षेत्र की विधानसभा का कानून वहाँ तक अवैधानिक समझा जाएगा जहाँ तक कि वह संसद के कानून का विरोधी है। |
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| 7961. |
केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद् में अधिक-से-अधिक कितने मंत्री हो सकते हैं ? उनकी नियुक्ति कौन करता है ? |
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Answer» सरकार में जितने भी प्रकार के मन्त्री बनाये जाते हैं वे संयुक्त रूप से मन्त्रिपरिषद् का निर्माण करते हैं जिनका प्रधान प्रधानमंत्री होता है। मन्त्रिपरिषद् में तीन प्रकार के मन्त्री होते हैं-मन्त्रिमण्डल अथवा कैबिनेट स्तर के मन्त्री, राज्य मन्त्री तथा उपमन्त्री। मन्त्रिपरिषद् में मन्त्रियों की संख्या लोकसभा की कुल सदस्य संख्या के अधिकतम 15% तक हो सकती है। इनकी नियुक्ति प्रधानमन्त्री की सलाह पर राष्ट्रपति करता है। |
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| 7962. |
केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद के सामूहिक उत्तरदायित्व का क्या अर्थ है ?याकेन्द्रीय मन्त्रिपरिषद् किस प्रकार संसद के प्रति उत्तरदायी है ?यामन्त्रिपरिषद् सामूहिक रूप से किसके प्रति उत्तरदायी होती है?यामन्त्रियों के सामूहिक उत्तरदायित्व’ का क्या अर्थ है ? मन्त्रिपरिषद् किसके प्रति उत्तरदायी है ? |
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Answer» भारत में संसदात्मक शासन-प्रणाली की व्यवस्था की गयी है और संसदात्मक शासन-प्रणाली में मन्त्रिपरिषद् को सामूहिक उत्तरदायित्व रहता है। सामूहिक उत्तरदायित्व से मतलब है कि मन्त्रिपरिषद् के सदस्य सभी मन्त्री अपने कार्यों के लिए संसद के प्रति व्यक्तिगत रूप से तो उत्तरदायी होते ही हैं, सामूहिक रूप से भी प्रशासनिक नीति और समस्त प्रशासनिक कार्यों के लिए संसद के प्रति उत्तरदायी होते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सम्पूर्ण मन्त्रिपरिषद् एक इकाई के रूप में कार्य करती है, जिससे सभी मन्त्री एक-दूसरे के निर्णय और कार्य के लिए उत्तरदायी होते हैं। अतः कहा जा सकता है कि मन्त्रिमण्डल की सफलता या असफलता का भार एक मन्त्री पर नहीं पड़ता, वरन् सभी मन्त्रियों पर पड़ता है अर्थात् वे एक साथ तैरते हैं। और एक साथ ही डूबते हैं। |
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| 7963. |
भारत के प्रथम प्रधानमंन्त्री का नाम बताइए। |
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Answer» भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री-पं० जवाहरलाल नेहरू। |
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| 7964. |
Why is it necessary to amend the Constitution? |
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Answer» There comes up a need to make changes or amendments in the provisions of the Constitution due to the changing circumstances. |
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| 7965. |
दिल्ली को राज्य का दर्जा प्रदान किया गया(क) 1991 ई० में(ख) 1994 ई० में(ग) 1992 ई० में(घ) 1993 ई० में। |
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Answer» सही विकल्प है (क) 1991 ई० में |
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| 7966. |
संघीय क्षेत्र के रूप में पुदुचेरी किस राज्य के साम्राज्यवाद से मुक्त हुआ था?(क) ब्रिटेन(ख) पुर्तगाल(ग) फ्रांस(घ) जर्मनी। |
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Answer» सही विकल्प है (ग) फ्रांस |
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| 7967. |
केन्द्र प्रशासित कोई दो संघीय क्षेत्रों के नाम लिखिए जहाँ विधानसभा नहीं है। |
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Answer» ⦁ दमन और दीव |
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| 7968. |
गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा कब प्रदान किया गया?(क) 1985 ई० में(ख) 1986 ई० में(ग) 1987 ई० में(घ) 1988 ई० में। |
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Answer» सही विकल्प है (ग) 1987 ई० में |
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| 7969. |
केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद पर संसद किस प्रकार नियन्त्रण रखती है ?यासंसद मन्त्रिपरिषद् पर कैसे नियन्त्रण रखती है ? इसके द्वारा अपनाये जाने वाले किन्हीं तीन तरीकों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद् संसद के प्रति उत्तरदायी है; अत: संसद उस पर अग्रलिखित प्रकार से नियन्त्रण रखती है। 1. संसद-सदस्य मन्त्रिपरिषद् के कार्यों एवं नीतियों की आलोचना करते हैं। |
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| 7970. |
राज्य में विधानपरिषद के अस्तित्व के पक्ष में चार तर्क दीजिए। |
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Answer» उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र जैसे विशाल राज्यों में विधानपरिषद् का अस्तित्व निश्चित रूप से अपना महत्त्व रखता है। इसके अस्तित्व के पक्ष में प्रमुख तर्क हैं – ⦁ विधेयक को अधिकतम चार महीने की अवधि तक रोके रखकर यह प्रथम सदन विधानसभा की मनमानी पर रोक लगाता है। |
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| 7971. |
सामान्य विधेयक संसद के किस सदन में पहले पेश होता है ? |
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Answer» सामान्य विधेयक संसद के किसी भी सदन में पहले पेश हो सकता है । |
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| 7972. |
1956 ई० में पारित राज्य पुनर्गठन अधिनियम के द्वारा निम्नलिखित में से किसको केन्द्र शासित क्षेत्र में सम्मिलित नहीं किया गया था?यानिम्नलिखित में से केन्द्र-शासित राज्य कौन-सा है।(क) जम्मू-कश्मीर(ख) मेघालय(ग) चण्डीगढ़(घ) त्रिपुरा। |
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Answer» सही विकल्प है (ग) चण्डीगढ़ |
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| 7973. |
कौन-सा केन्द्र-शासित प्रदेश दो राज्यों की राजधानी है? |
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Answer» चण्डीगढ़ केन्द्र-शासित प्रदेश दो राज्यों की राजधानी है। |
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| 7974. |
केन्द्र-शासित क्षेत्र दिल्ली को मुख्य प्रशासक कौन है? |
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Answer» केन्द्र-शासित क्षेत्र दिल्ली का मुख्य प्रशासक ‘उपराज्यपाल है, जिसे राष्ट्रपति 5 वर्ष के लिए नियुक्त करता है। वर्तमान में उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल हैं। |
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| 7975. |
भारतीय संघ में केन्द्र-शासित क्षेत्रों की संख्या कितनी है? |
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Answer» भारतीय संघ में केन्द्र-शासित क्षेत्रों की संख्या 9 है। |
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| 7976. |
वर्तमान समय में किन केन्द्र-शासित क्षेत्रों में लोकप्रिय सरकार है? |
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Answer» वर्तमान समय में दो केन्द्र-शासित क्षेत्रों-दिल्ली और पुदुचेरी में लोकप्रिय सरकार/ विधानसभा और मन्त्रिपरिषद् हैं। |
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| 7977. |
राज्य सूची पर कौन कानून बनाता है? |
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Answer» राज्य की विधानसभा राज्य सूची पर कानून बनाती है। |
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| 7978. |
“विधानसभा, राज्य मन्त्रिपरिषद पर नियन्त्रण रखती है।” दो तर्क देते हुए इस कथनका औचित्य स्पष्ट कीजिए।याविधानसभा मन्त्रिपरिषद पर किस प्रकार नियन्त्रण रखती है ?याविधानसभा तथा मन्त्रिपरिषद् के सम्बन्धों पर प्रकाश डालिए। |
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Answer» संविधान के अनुसार, विधानसभा तथा मन्त्रिपरिषद् परस्पर घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित हैं। बेजहाट का कथन है कि “मन्त्रिपरिषद् अपने जन्म की दृष्टि से विधायिका से सम्बन्धित है।” मन्त्रिपरिषद् सामूहिक रूप से विधानसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। किन्तु वास्तव में स्थिति इसके विपरीत होती है, क्योंकि मन्त्रिपरिषद् बहुमत दल की होती है, इसलिए विधानसभा इस पर अधिक नियन्त्रण नहीं रख पाती है तथा मुख्यमन्त्री भी विधानसभा को भंग कर सकता है। विधानसभा, प्रश्नों, पूरक प्रश्नों तथा काम रोको प्रस्तावों द्वारा मन्त्रिपरिषद् पर नियन्त्रण रखती है तथा निम्नलिखित आधारों पर मन्त्रिपरिषद् को पदच्युत कर सकती है – ⦁ अविश्वास के प्रस्ताव द्वारा – विधानसभा के सदस्य मन्त्रिपरिषद् से असन्तुष्ट होकर सदन के सामने अविश्वास का प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं। इस प्रस्ताव के पारित हो जाने पर मन्त्रिपरिषद् को त्याग-पत्र देना होता है। |
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स्थानीय स्व-शासन के दो मुख्य लाभ लिखिए। |
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Answer» ⦁ स्थानीय समस्याओं का त्वरित समाधान तथा |
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विधानसभा के विधान-परिषद् से अधिक शक्तिशाली होने के कारणों का उल्लेख कीजिए।याइस राज्य में विधानसभा विधान-परिषद् से अधिक शक्तिशाली है” इस कथन का परीक्षण कीजिए। |
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Answer» विधानसभा तथा विधान-परिषद् की शक्तियों के निम्नलिखित तुलनात्मक अध्ययन से स्पष्ट हो जाता है कि विधानसभा विधान-परिषद् की तुलना में अधिक शक्तिशाली है। 1. प्रतिनिधित्व के सम्बन्ध में – विधानसभी राज्य की जनता की प्रतिनिधि है, जब कि विधान परिषद् कुछ विशेष वर्गों की। |
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| 7981. |
वित्त विधेयक को विधान-परिषद अधिक-से-अधिक कितने दिनों तक रोक सकती है? |
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Answer» वित्त विधेयक को विधानपरिषद अधिक-से-अधिक 14 दिनों तक रोक सकती है। |
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| 7982. |
वित्त विधेयक विधानमण्डल के किस सदन में पेश होता है? |
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Answer» वित्त विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किये जाते हैं। |
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उत्तर प्रदेश की विधानपरिषद की रचना किस प्रकार होती है? उसके कार्यों का वर्णन कीजिए। याउत्तर प्रदेश की विधान-परिषद की रचना पर प्रकाश डालिए। |
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Answer» विधान-परिषद की रचना अथवा संगठन राज्य, विधान परिषद् की संरचना को निम्नवत् स्पष्ट किया जा सकता है – 1. सदस्य-संख्या – विधान-परिषद् राज्य के विधानमण्डल का उच्च सदन होता है। यह एक स्थायी सदन है। संविधान में व्यवस्था की गयी है कि प्रत्येक राज्य की विधान-परिषद् की सदस्य-संख्या उसकी विधानसभा के सदस्यों की संख्या के 1/3 से अधिक न होगी, किन्तु किसी भी स्थिति में उसकी सदस्य संख्या 40 से कम नहीं होनी चाहिए। (अ) विधानसभा का निर्वाचक मण्डल – कुल सदस्य संख्या के 1/3 सदस्यों का निर्वाचन विधानसभा के सदस्य ऐसे व्यक्तियों में से करते हैं, जो विधानसभा के सदस्य न हों। 3. सदस्यों की योग्यताएँ – विधान-परिषद् की सदस्यता के लिए भी वे ही योग्यताएँ हैं, जो विधानसभा की सदस्यता के लिए हैं। भिन्नता केवल इतनी है कि विधान परिषद् की सदस्यता के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए। निर्वाचित सदस्य को उस राज्य की विधानसभा के किसी निर्वाचन क्षेत्र का सदस्य तथा निवासी भी होना चाहिए। विधान-परिषद् के अधिकार तथा कार्य 1. कानून-निर्माण कार्य – साधारण विधेयक राज्य विधानमण्डल के किसी भी सदन में प्रस्तावित किये जा सकते हैं तथा वे विधेयक दोनों सदनों द्वारा स्वीकृत होने चाहिए। यदि कोई विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद विधान–परिषद् द्वारा अस्वीकृत कर दिया जाता है। या परिषद् विधेयक में ऐसे संशोधन करती है जो विधायकों को स्वीकार्य नहीं होते या परिषद् के समक्ष विधेयक रखे जाने की तिथि से तीन माह तक विधेयक पारित नहीं किया जाता है। तो विधानसभा उस विधेयक को पुनः स्वीकृत करके विधानपरिषद् को भेजती है। इस बार विधान परिषद् विधेयक को स्वीकृत करे या न करे, एक माह बाद यह विधान परिषद् द्वारा स्वीकृत मान लिया जाता है। |
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किन्हीं चार केन्द्र-शासित प्रदेशों के नाम लिखिए। |
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Answer» ⦁ चण्डीगढ़ |
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उत्तर प्रदेश विधानसभा एवं विधान-परिषद् की सदस्य-संख्या बताइए। याउत्तर प्रदेश की विधानपरिषद् में कुल कितने सदस्य हैं? |
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Answer» विधानसभा सदस्य संख्या : 404 तथा विधान-परिषद् सदस्य-संख्या : 100। |
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उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल क्या है? |
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Answer» उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष है। हालांकि राज्यपाल द्वारा इसे समय से पूर्व भी भंग किया जा सकता है। परन्तु यदि संकटकाल की घोषणा प्रवर्तन में हो तो संसद विधि द्वारा विधानसभा का कार्यकाल बढ़ा सकती है जोकि एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं होगा तथा किस्सी भी अवस्था में संकटकाल की घोषणा समाप्त हो जाने के बाद 6 माह की अवधि से अधिक नहीं होगा। |
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उत्तर प्रदेश की विधानसभा के संगठन एवं शक्तियों का उल्लेख कीजिए। याउत्तर प्रदेश के विधानमंडल के दोनों सदनों के संगठन एवं शक्तियों की परस्पर तुलना कीजिए।याउत्तर प्रदेश की विधानसभा की रचना तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।याविधानसभा के संगठन, कार्यकाल तथा अधिकारों (शक्तियों) का उल्लेख कीजिए।याराज्य-मन्त्रिमण्डल की शक्तियों और कार्यों का वर्णन कीजिए।याराज्य विधान सभा की वित्तीय शक्तियों का वर्णन कीजिए। याराज्य विधानसभा के कार्यों का वर्णन कीजिए। उत्तर प्रदेश की विधानसभा के संगठन पर प्रकाश डालिए तथा उन उपायों का उल्लेख कीजिए जिनके द्वारा वह मन्त्रिपरिषद् को नियन्त्रित करती है।याराज्य में विधानसभा की दो शक्तियाँ लिखिए। |
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Answer» राज्य विधानमण्डल विधानसभा की रचना 1. सदस्य-संख्या – संविधान में राज्य की विधानसभा के सदस्यों की केवल न्यूनतम और अधिकतम संख्या निश्चित की गयी है। संविधान के अनुच्छेद 170 के अनुसार राज्य की विधानसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 500 और न्यूनतम संख्या 60 होगी। सम्पूर्ण प्रदेश को अनेक निर्वाचन क्षेत्रों में इस प्रकार विभाजित किया जाता है कि विधानसभा का प्रत्येक सदस्य कम-से-कम 75 हजार जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करे। इस नियम का अपवाद केवल असम के स्वाधीन जिले शिलाँग की छावनी और नगरपालिका के क्षेत्र, सिक्किम, गोआ, मिजोरम तथा अरुणाचल प्रदेश हैं। अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए जनसंख्या के आधार पर इसके स्थान सुरक्षित किये गये हैं। राज्य विधानसभा के कार्य और शक्तियाँ 1. निर्वाचन सम्बन्धी शक्ति – राज्य की विधानसभा के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग लेते हैं। इसके अतिरिक्त जिन राज्यों में द्वितीय सदन (विधान-परिषद्) की व्यवस्था है, उसके 1/3 सदस्यों का निर्वाचन विधानसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है। |
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| 7988. |
आपके राज्य में विधानसभा के अध्यक्ष का चयन कौन करता है? |
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Answer» राज्य की विधानसभा के सदस्य विधानसभा के अध्यक्ष का चयन करते हैं। |
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| 7989. |
उत्तर प्रदेश की विधायिका के दोनों सदनों के नाम लिखिए। |
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Answer» विधानसभा तथा विधान-परिषद्। |
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विधानसभा अध्यक्ष के कार्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए। |
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Answer» विधानसभा अध्यक्ष के कार्य निम्नलिखित हैं – ⦁ वह विधानसभा की बैठकों की अध्यक्षता करता है और सदन की कार्यवाही का संचालन करता अध्यक्ष की अनुपस्थिति में इन सभी कार्यों का सम्पादन उपाध्यक्ष करता है। यदि दोनों ही अनुपस्थित हों तो विधानसभा अपने सदस्यों में से एक कार्यवाहक अध्यक्ष चुन लेती है। |
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| 7991. |
विधेयक कितने प्रकार के होते हैं? |
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Answer» विधेयक दो प्रकार के होते हैं – ⦁ साधारण विधेयक तथा |
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| 7992. |
उत्तर प्रदेश की विधानसभा के प्रथम अध्यक्ष कौन थे? |
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Answer» श्री पुरुषोत्तम दास टण्डन। |
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| 7993. |
बिहार में विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या है। (क) 224(ख) 234(ग) 243(घ) 288 |
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Answer» सही विकल्प है (ग) 243 |
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निम्नलिखित में से कहाँ द्वि-सदनीय विधानमण्डल है?(क) गुजरात(ख) तमिलनाडु(ग) ओडिशा(घ) जम्मू-कश्मीर |
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Answer» सही विकल्प है (घ) जम्मू-कश्मीर |
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| 7995. |
निम्नलिखित में से कहाँ एक-सदनीय विधानमण्डल है?(क) कर्नाटक(ख) उत्तर प्रदेश(ग) मध्य प्रदेश(घ) बिहार |
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Answer» सही विकल्प है (ग) मध्य प्रदेश |
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उत्तर प्रदेश का विधानमण्डल द्वि-सदनीय है अथवा एक-सदनीय? |
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Answer» उत्तर प्रदेश का विधानमण्डल द्वि-सदनीय है। |
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राज्य विधानमण्डल का सत्रावसान कौन करता है? |
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Answer» राज्य विधानमण्डल का सत्रावसान राज्यपाल करता है। |
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उत्तर प्रदेश की विधानमण्डल के विश्रान्ति में अध्यादेश कौन जारी करता है? |
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Answer» उत्तर प्रदेश की विधानमण्डल के विश्रान्ति में अध्यादेश राज्यपाल जारी करता है। |
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| 7999. |
1930-1942 ई० के बीच की प्रमुख घटनाओं को एक चार्ट द्वारा तिथिक्रमबद्ध कीजिए। |
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Answer» 1930-1942 ई० के मध्य घटित हुई प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं – 1. मार्च, 1930 : दाण्डी मार्च, सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत। 2. मार्च, 1931 : सविनय अवज्ञा आन्दोलन वापस लिया गया। 3. दिसम्बर, 1931 : दूसरा गोलमेज सम्मेलन, सविनय अवज्ञा आन्दोलन पुनः शुरू। 4. मार्च, 1942 : सर स्टेफर्ड क्रिप्स का भारत आगमन। 5. अगस्त, 1942 : भारत छोड़ो आन्दोलन का प्रारम्भ। |
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| 8000. |
गांधी-इरविन समझौते के मुख्य चार बिन्दुओं पर प्रकाश डालिए। |
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Answer» गांधी-इरविन समझौते (दिल्ली पैक्ट) के चार मुख्य बिन्दु निम्नलिखित हैं – 1. जिन राजनीतिक बन्दियों पर हिंसा के आरोप हैं, उन्हें छोड़कर शेष को रिहा कर दिया जाएगा। 2. भारतीय लोग समुद्र के किनारे नमक बना सकते हैं। 3. भारतीय लोग शराब व विदेशी वस्त्रों की दुकान पर कानून की सीमा के भीतर धरना दे सकते हैं। 4. सरकारी नौकरी से त्याग-पत्र देने वालों को सरकार वापस लेने में उदारता दिखाएगी। |
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