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51.

जनसंख्या वृद्धिदर किसे कहते हैं ?

Answer»

जनसंख्या में होनेवाली वृद्धि के प्रतिशत प्रमाण को जनसंख्या वृद्धि दर कहते हैं ।

52.

भारत में औसत जनसंख्या वृद्धिदर कितने प्रतिशत के आसपास रही है ?(A) 2 प्रतिशत(B) 1 प्रतिशत(C) 2.5 प्रतिशत(D) 1.5 प्रतिशत

Answer»

सही विकल्प है (C) 2.5 प्रतिशत

53.

ऊँची जन्मदर के लिए प्रजनन की ऊँची दर भी जवाबदार है । समझाइए ।

Answer»

भारत जैसे गर्म जलवायु वाले देश में स्त्रियाँ कम उम्र में ही मातृत्व धारण करने की क्षमता रखती हैं । भारत में 15 से 49 वर्ष की स्त्रियाँ मातृत्व धारण करने की क्षमता रखती हैं । यदि स्त्रियों का कम उम्र में विवाह कर दिया जाये तो प्रजनन दर लंबी होती है । इसलिए जन्मदर भी ऊँची रहती है ।

54.

भारत में जनसंख्या जवाबदारी रूप में बढ़ रही है ।

Answer»

यह विधान सत्य है । कारण कि भारतीय अर्थतंत्र में चीजवस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन देश की जनसंख्या की तुलना में कम है । परिणामस्वरुप देश की जनसंख्या की आवश्यकतायें पूरी नहीं हो पाती । देश में प्रत्येक वर्ष जनसंख्या बढ़ती जाती है । जिसके कारण आवश्यक चीजवस्तुओं की कमी सर्जित हो रही है । जिसकी वजह से देश में गरीबी और बेकारी बढ़ रही है । शिक्षा, चिकित्सा, आवास, परिवहन आदि की समस्या विकट बनती जा रही है ।

55.

जनसंख्या विस्फोट के कारण बेकारी की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता ।

Answer»

यह विधान असत्य है । क्योंकि जब जनसंख्या विस्फोटक रूप में बढ़ रही हो और आर्थिक विकास उस अनुपात में न हो पा रहा हो तो रोजगार के अवसर धीमी गति से बढ़ती है । परिणामस्वरूप जब श्रम का आपूर्ति बहुत तेजी से बढ़ रही हो और रोजगार सभी के लिए उपलब्ध न हो पाते हो तो बेकारों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है । भारत में सन् 1981 में बेकारों की संख्या 178 लाख थी, जो कि बढ़कर 1998 में 402 लाख हो गई ।

56.

2011 में ग्रामीण जनसंख्या कितने करोड़ थी ?(A) 21.2 करोड़(B) 68 करोड़(C) 70 करोड़(D) 83.02 करोड़

Answer»

सही विकल्प है (D) 83.02 करोड़

57.

भारत में जनसंख्या नियमन अनिवार्य है ।

Answer»

सत्य है । भारत में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या को नियंत्रित करना अनिवार्य है । बढ़ती हुई जनसंख्या ने देश में कई ज्वलंत प्रश्नों को जन्म दिया है । गरीबी, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, शहरीकरण, पर्यावरण का असंतुलन इत्यादि । इन आधारभूत प्रश्नों को हल करने के लिए जनसंख्या नियमन अनिवार्य हैं । जनसंख्या को नियंत्रित करके आर्थिक विकास का ऊँचा दर प्राप्त करते हुए समतोल आर्थिक विकास का उद्देश्य सिद्ध किया जा सकता है । भारत के आर्थिक-सामाजिक प्रश्नों के मूल में बढ़ती हुई जनसंख्या है । जनसंख्या नियमन द्वारा ही इन प्रश्नों को हल किया जा सकता है । इसलिए भारत में जनसंख्या नियमन अनिवार्य है ।

58.

जनसंख्या वर्ष 1921 तथा 1951 को जनसांख्यिकी विभाजक वर्ष क्यों माना जाता है?

Answer»

1921 तथा 1951 के जनगणना वर्षों के पश्चात् जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई।

59.

जनसंख्या वृद्धिदर के लिए पुत्र प्राप्ति की इच्छा भी विशेषरूप से जवाबदार है ।

Answer»

सत्य है । भारतीय समाज पुरुषप्रधान समाज है । भारत में एक ऐसी धार्मिक मान्यता है कि पिता की मृत्यु के बाद पुत्र द्वारा उत्तरक्रिया (पिण्डदान) करने से मोक्ष प्राप्त होता है । पुं नाम के नर्क से निकाले वह पुत्र । इस प्रकार भारतीय दंपति एक पुत्र की इच्छा रखते है । इसलिए पुत्र की लालसा में कई पुत्रियों का जन्म हो जाता है । भारतीय प्रजा अति धार्मिक तथा रूढ़िगत होने से परिवार नियोजन के साधनों का उपयोग नहीं करते हैं । परिणामस्वरुप जन्मदर ऊँची होती है ।

60.

शहरी दंपति बच्चों की संख्या सीमित रख्नने को प्रेरित होते हैं ।

Answer»

यह विधान सत्य है । क्योंकि शहरों में औद्योगिकीकरण के कारण गाँवों की तुलना में विकास अधिक होता है और रोजगार के अवसर अधिक होते हैं । शहरों में सामान्य शिक्षा और स्त्रीशिक्षा अधिक होती है । पढ़ी-लिखी और व्यवसायिक महिलायें छोटा परिवार पसंद करती हैं । गाँवों की तुलना में शहरों में जीवन-निर्वाह का खर्च अधिक होता है । बच्चे के पालन-पोषण का खर्च अधिक रहने के कारण शहरी दंपत्ति छोटा परिवार पसंद करते हैं । वैसे भी शहरों में साक्षरता का अनुपात अधिक होता है और शिक्षा मनुष्य की समझशक्ति को विकसित करती है ।

61.

सन् 1931 का वर्ष महान विभाजक वर्ष के रूप में जाना जाता है ।

Answer»

यह विधान असत्य है । क्योंकि सन् 1921 का वर्ष महान विभाजक वर्ष के रूप में जाना जाता है । 1911 से 1921 के दशक में भारत की जनसंख्या में वृद्धि होने की बजाय 0.03% जितनी कमी हो गई । 1911 में भारत की जनसंख्या 25.2 करोड़ थी जो कि घटकर 1921 में 25.1 करोड़ रह गई । परन्तु 1921 के बाद भारत की जनसंख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होती गई । इसलिए 1921 का वर्ष भारत में जनसंख्या के इतिहास में महान विभाजक वर्ष (The year of great divider) के रूप में जाना जाता है ।

62.

भारत में सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य है?

Answer»

भारत में सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य सिक्किम है।

63.

भारत में किस राज्य की साक्षरता सबसे अधिक है?

Answer»

भारत में केरल राज्य की साक्षरता सबसे अधिक है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार केरल राज्य की साक्षरता दर 94.0% है।

64.

1901 में ग्रामीण जनसंख्या कितने करोड थी ?(A) 21.4 करोड़(B) 21.2 करोड़(C) 20.2 करोड़(D) 19.2 करोड़

Answer»

सही विकल्प है (B) 21.2 करोड़

65.

वर्ष 1901 में भारत की जनसंख्या कितनी थी?

Answer»

वर्ष 1901 में भारत की जनसंख्या 23,83,96,327 (23.8 करोड़) थी।

66.

जनसंख्या वृद्धि किसे कहते हैं? इसे कैसे मापा जाता है?

Answer»

जनसंख्या वृद्धि से तात्पर्य किसी क्षेत्र में निश्चित अवधि के दौरान स्हने वाले लोगों की संख्या में परिवर्तन से है।

ऐसे परिवर्तन को दो तरीके से व्यक्त किया जा सकता है-

⦁    प्रतिवर्ष प्रतिशत वृद्धि के रूप में,
⦁    सापेक्ष वृद्धि के रूप में।

प्रत्येक वर्ष या एक दशक में बढ़ी जनसंख्या, केवल संख्या में वृद्धि का परिणाम है। इसकी गणना बाद की जनसंख्या में से पहले की जनसंख्या को साधारण रूप से घटाकर की जाती है। जनसंख्या वृद्धि की दर अथवा गति का अध्ययन प्रतिशत प्रतिवर्ष में किया जाता है। इसे वार्षिक वृद्धि दर कहा जाता है। जैसे-10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर का अर्थ है कि किसी वर्ष के दौरान प्रत्येक 100 लोगों की मूल जनसंख्या में 10 लोगों की वृद्धि हुई।

67.

जनसंख्या नियमन के लिए तेज औद्योगिकीकरण भी अधिकतर अनिवार्य माना जाता है ।

Answer»

यह विधान सत्य है । क्योंकि तेज औद्योगिकीकरण से देश के औद्योगिक विकास के साथ-साथ उससे संलग्न अनेक क्षेत्र जैसे – कृषि, परिवहन, पशुपालन आदि को भी बढ़ावा मिलता है । इसके साथ ही देश में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं । लोगों को रोजगार प्राप्त होता है, जिसके कारण उनके जीवनस्तर में सुधार होता है । औद्योगिकीकरण से शहरीकरण को बढ़ावा मिलता है । साक्षरता का अनुपात बढ़ता है । शिक्षित पुरुष और महिलाओं का परिवार के दृष्टिकोण बदलता है, और वे छोटा परिवार पसंद करते हैं । एक सर्वेक्षण द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि पढ़ी-लिखी और व्यवसायिक महिलायें सापेक्ष रूप से कम बच्चे पैदा करती हैं । इस प्रकार जनसंख्या नियमन हेतु तेज औद्योगिकीकरण अनिवार्य है । जैसे – यूरोप, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में जन्मदर कम है ।

68.

भारत में सबसे कम जाति-प्रमाण किस राज्य में है ?(A) केरल(B) मध्य प्रदेश(C) अरुणाचल प्रदेश(D) उत्तर प्रदेश

Answer»

सही विकल्प है (C) अरुणाचल प्रदेश

69.

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बड़ा परिवार पसंद करते हैं ।

Answer»

यह विधान सत्य है । कारण कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जनसंख्या विस्फोट के गंभीर परिणामों से अनभिज्ञ है । गाँवों में निरक्षरता का प्रमाण अधिक है, जिसके कारण जीवन के वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अभाव है । गाँवों में बालमृत्यु की दर ऊँची होने के कारण माता-पिता को हमेशां इस बात की आशंका बनी रहती है कि बच्चा जीवित रहेगा या नहीं । साथ ही गाँवों में बड़े परिवार को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है । अशिक्षा के कारण संतान को ईश्वर की देन मानते हैं । जबकि – ‘Child by the choice not by chance’ (“बच्चे का जन्म कोई आकस्मिक घटना नहीं बल्कि आयोजित घटना हैं”) ऐसी समझ का अभाव होने के कारण लोग बड़ा परिवार पसंद करते हैं ।

70.

भारत के लिए स्वास्थ्य का स्तर आज भी चिंता का विषय है।’ स्पष्ट कीजिए।

Answer»

देश ने अनेक क्षेत्रों में प्रगति की है। स्वास्थ्य स्तर में भी महत्त्वपूर्ण सुधार हुआ, फिर भी इस सम्बन्ध में अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

असन्तोषजनक स्वास्थ्य परिस्थितियों के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-

⦁    शुद्ध पीने का पानी तथा मूल स्वास्थ्य रक्षा सुविधाएँ ग्रामीण जनसंख्या के केवल एक-तिहाई लोगों को उपलब्ध हैं।
⦁    प्रति व्यक्ति कैलोरी की खपत अनुशंसित स्तर से काफी कम है तथा हमारी जनसंख्या का एक बड़ा भाग कुपोषण से प्रभावित है।

71.

केरल में जनसंख्या की स्थिति देश के अन्य राज्यों से किस प्रकार भिन्न है? स्पष्ट कीजिए।

Answer»

जनसंख्या के विभिन्न पक्षों-घनत्व, स्त्री-पुरुष अनुपात, क्रियाशीलता, साक्षरता, जीवन-प्रत्याशी आदि पर विचार करने पर यह स्पष्ट है कि केरल की जनसंख्या की प्रवृत्ति देश के अन्य राज्यों से निम्न कारणों से भिन्न है-

(1) जीवन – प्रत्याशा सार्वजनिक चिकित्सा सुविधाओं एवं शिक्षा में विस्तार के कारण जीवन-प्रत्याशा में वृद्धि हुई है। भारत में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों की जीवन-प्रत्याशा कम रही है। परंतु अब इस प्रवृत्ति में परिवर्तन आ गया है। अतः स्त्रियों की जीवन-प्रत्याशा पुरुषों की अपेक्षा  कुछ अधिक है। जन्म के समय स्त्रियों की औसत जीवनप्रत्याशा 67.7 वर्ष तथा पुरुषों की औसत जीवन-प्रत्याशा 64.6 वर्ष थी। केरल में जीवन-प्रत्याशा अधिक है। यहाँ स्त्रियों की जीवन-प्रत्याशा 72% तथा पुरुषों की 71% है।

(2) क्रियाशीलता – भारत में बड़ी जनसंख्या आश्रितों की है। एक-तिहाई क्रियाशील जनसंख्या पर दो-तिहाई आश्रित जनसंख्या का दबाव है। सामान्यतः क्रियाशील जनसंख्या का अधिक अनुपात दुर्गम क्षेत्रों अथवा विकसित क्षेत्रों में पाया जाता है। इस दृष्टि से केरल विकसित क्षेत्रों में आता है। यहाँ अर्जक जनसंख्या का अनुपात देश के औसत अनुपात से लगभग डेढ़ गुना अधिक है।

(3) साक्षरता – मानवीय संसाधनों के विकास में शिक्षा का भारी महत्त्व है। सन् 2011 में साक्षरता का प्रतिशत 73 रहा है। मनुष्य का दीर्घ आयु होना साक्षरता का सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है। साक्षरता से क्रियाशील जनसंख्या का अनुपात बढ़ता है। केरल राज्य साक्षरता में सबसे आगे है। यहाँ 2011 की जनगणना के अनुसार 94% साक्षरता पाई गई है।

(4) घनत्व – केरल में जनघनत्व (पश्चिम बंगाल को छोड़कर) सबसे अधिक है। यहाँ भारत के औसत जनघनत्व से लगभग तीन गुना जनघनत्व पाया जाता है। केरल में जनसंख्या का घनत्व 860 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। केरल में अधिक वर्षा तथा वर्षा की अवधि भी अधिक होने के कारण वर्ष में दो-तीन फसलें उगाई जाती हैं।

यहाँ के पाश्च जलों एवं तटवर्ती सागरों में भारी मात्रा में मछली पकड़ी जाती है, जिससे सघन जनसंख्या की खाद्य-आपूर्ति हो जाती है। स्त्री-पुरुष अनुपात-स्त्री-पुरुष गृहस्थ जीवन की गाड़ी के दो पहिए हैं। एक पहिए के कमजोर या उसके न होने पर गाड़ी का सही चलना संभव नहीं। संसार केप्रत्येक सभ्य समाज में स्त्री और पुरुषों की संख्या में समानता है। हमारे देश के अनेक क्षेत्रों में स्त्री-पुरुष अनुपात में बहुत अंतर मिलता है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार प्रति हजार पुरुषों पर 943 स्त्रियाँ थीं।

केरल ही एकमात्र ऐसा राज्य है जिसमें पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या अधिक है। यहाँ स्त्री-पुरुष अनुपात 1084 :1000 हैं। उपर्युक्त विवेचन के आधार पर स्पष्ट है कि केरल एक सघन आबाद क्षेत्र होते हुए भी मानवीय संपदा का अधिक विस्तार कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। यहाँ के लोग परिश्रमी एवं संघर्षशील हैं, ये लोग अपनी कर्तव्यनिष्ठा के आधार पर उपलब्ध प्राकृतिक संपदा का भरपूर उपयोग करते हैं।

72.

जनसंख्या नियंत्रण में शिक्षण की भूमिका समझाओ ।

Answer»

जनसंख्या नियंत्रण में शिक्षण की महत्त्वपूर्ण भूमिका है । शिक्षित लोग छोटे परिवार के महत्त्व को समझते हैं। शिक्षित लोग उनमें भी खास शिक्षित महिलाएँ परिवार नियोजन साधनों का अधिक उपयोग करती हुई देखी गई है । शिक्षित समाज में जागृति उत्पन्न होती है । धार्मिक मान्यताएँ समाप्त होती है, अंधश्रद्धा समाप्त होती है, रूढ़िवादिता समाप्त होती है । शिक्षित परिवारों में बालकों की देखभाल उचित होती है जिससे बालमृत्युदर में कमी आती है तथा जीवनस्तर भी ऊँचा होता है ।

परिणामस्वरूप जनसंख्या नियंत्रण में शिक्षण की भूमिका महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है ।

73.

भारत के किस राज्य में प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में स्त्रियों का प्रमाण अधिक है ?(A) गुजरात(B) महाराष्ट्र(C) केरल(D) उत्तर प्रदेश

Answer»

सही विकल्प है (C) केरल

74.

2011 में केरल में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों का प्रमाण कितना था ?(A) 1081(B) 1050(C) 1080(D) 1011

Answer»

सही विकल्प है (A) 1081

75.

किसी देश की जनसंख्या की तीन प्रमुख श्रेणियों का वर्णन कीजिए। इनमें से कौन-सा समूह पराश्रित है?

Answer»

आयु संरचना किसी भी देश की जनसंख्या की मूलभूत विशेषता होती है। जनसंख्या की आयु संरचना से आशय किसी देश में विभिन्न आयु वर्ग के लोगों से है। किसी भी देश की जनसंख्या को सामान्यतः तीन विस्तृत श्रेणियों में बांटा जा सकता है-

⦁    बच्चे (सामान्यतः 15 वर्ष से कम आयु वाले)-ये आर्थिक रूप से उत्पादनशील नहीं होते हैं तथा इनको भोजन, वस्त्र एवं स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध कराने की आवश्यकता होती है।

⦁    वयस्क (15 वर्ष से 59 वर्ष)-ये आर्थिक रूप से उत्पादनशील तथा जैविक रूप से प्रजननशील होते हैं। यह जनसंख्या का कार्यशील वर्ग है।

⦁    वृद्ध ( 59 वर्ष से अधिक)-ये आर्थिक रूप से उत्पादनशील या अवकाश प्राप्त हो सकते हैं। ये स्वैच्छिक रूप से कार्य कर सकते हैं, लेकिन भर्ती प्रक्रिया के द्वारा इनकी नियुक्ति नहीं होती है। भारत में जनसंख्या संरचना-युवा 58.7%, वृद्ध 6.9%, बच्चे 34.4%। बच्चों तथा वृद्धों का प्रतिशत निर्भरता अनुपात को प्रभावित करता है क्योंकि ये समूह उत्पादनशील नहीं होते।

76.

क्या स्त्रियों को अच्छी शिक्षा देकर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है?

Answer»

विश्व के विकसित देशों में अशिक्षा को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है। शिक्षा का स्तर बढ़ने से स्त्री-पुरुष अनुपात एवं सन्तानोत्पत्ति को नियंत्रित करने में सहायता मिली है। विकसित देशों में जनसंख्या वृद्धि एक प्रतिशत से भी कम है बल्कि कुछ देशों में यह ऋणात्मक हो गयी है। यह स्थापित तथ्य है कि स्त्रियों को शिक्षित एवं जागरूक करके जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है।

इसके लिए निम्न प्रयास किए जा सकते है-

⦁    अच्छी शिक्षा पाने के लिए एक लंबी अवधि की आवश्यकता पड़ती है। अतः शिक्षित लड़कियों की अधिक उम्र में जाकर शादी होती है। तब तक परिवार-दायित्व का ज्ञान आसानी से हो जाता है।

⦁    शिक्षित स्त्रियों को रोजगार मिल जाता है। रोजगार प्राप्त महिलाएँ अधिक बच्चे की अच्छी देख-रेख करने में अपने को असमर्थ पाती हैं।

77.

आजादी से पहले देश की जनसंख्या धीरे-धीरे बढ़ने के क्या कारण थे?

Answer»

महामारियों, लड़ाइयों तथा अकाल के कारण मृत्यु दर में वृद्धि।

78.

जनसंख्या विस्फोट देश के कृषि क्षेत्र को प्रभावित करता है ।

Answer»

यह विधान सत्य है । क्योंकि जनसंख्या तेजगति से बढ़ती है, तो कृषि क्षेत्र पर जनसंख्या का दबाव बढ़ता है । जैसे-1901 में भारत में प्रतिव्यक्ति खेती योग्य जमीन का औसत प्रमाण 0.43 हेक्टर जितना था, जो कि घटकर सन् 1994-1996 के दौरान 0.17 हेक्टर जितना रह गया । परिणामस्वरूप कृषि उत्पादकता की वृद्धिदर घटी है जबकि प्रति श्रमिक कृषि उत्पादकता का प्रमाण भी घटा है । परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र में प्रच्छन्न बेकारी और अर्धबेकारी का प्रमाण बढ़ा है ।

79.

जनसंख्या वृद्धि के घटक बताइए।

Answer»

जनसंख्या वृद्धि के दो घटक निम्नलिखित हैं

1. प्राकृतिक वृद्धि – दो समय बिन्दुओं में जन्म-दर और मृत्यु-दर के अन्तर से बढ़ने वाली जनसंख्या को उस क्षेत्र की प्राकृतिक वृद्धि कहते हैं।
प्राकृतिक वृद्धि = जन्म – मृत्यु

2. अभिप्रेरित वृद्धि – जनसंख्या वृद्धि के अभिप्रेरित घटकों जैसे प्रवास को किसी दिए गए क्षेत्र में लोगों के अन्तर्वर्ती और बहिर्वर्ती संचालन की प्रबलता द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।

80.

जनसंख्या वृद्धि पर्यावरण को किस प्रकार प्रभावित करती है ?

Answer»

सामान्य ख्याल है कि जनसंख्या वृद्धि पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव डालती है । जनसंख्या वृद्धि से वायु, भूमि एवं जलप्रदूषण को बढ़ावा मिलता है । मानव साधनों का दुरूपयोग और शोषण से पर्यावरण पर संकट खड़ा हो जाता है । भूगर्भ में जल का प्रमाण कम हुआ है । एसिड़ वर्षा, ओजोन में छेद, जैविक विविधता का नाश जैसे वैश्विक प्रश्न अत्यंत गंभीर बने है ।

लेकिन कुछ विद्वानों का कहना है कि जनसंख्या वृद्धि पर्यावरण पर विपरीत असर नहीं डालती है । वे तो जनसंख्या को महत्त्वपूर्ण संसाधन मानते हैं । उनके इस मत अनुसार संकट में ही मानव की सर्जनात्मक शक्ति खिल उठती है । आवश्यकता आविष्कार की जननी है । विकास की प्रक्रिया दौरान शोधखोज के कारण मानव संसाधन की गुणवत्ता भी बढ़ती है । सायमन क्रूजनेट नाम के अर्थशास्त्री के अनुसार विकास के प्रारंभिक अवस्था में प्रदूषण जरूर बढ़ता है लेकिन बाद में कमी आती है ।

इस प्रकार पर्यावरण पर जनसंख्या वृद्धि का अनुकूल एवं प्रतिकूल असर दोनों पड़ता है |

81.

भारत में गरीबी और बेकारी का प्रमाण घटाना हो तो जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना चाहिए ।

Answer»

यह विधान सत्य है । कारण कि गरीबी और बेकारी का प्रमाण घटाने में जनसंख्या वृद्धि एक बड़ा अवरोध बनती है । देश का धीमा आर्थिक विकास जनसंख्या वृद्धि के कारण उसी में शोषित हो जाता है । लोगों की प्रतिव्यक्ति आय घटती है; जिसके कारण लोगों के जीवनस्तर में कोई खास परिवर्तन नहीं होता । बढ़ती हुई आबादी के प्रमाण में रोजगार के साधन नहीं उपलब्ध हो पाते । जिसके कारण बेकारी में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है । बेकारी के कारण ही गरीबी का प्रमाण भी बढ़ता है । इसलिए गरीबी और बेकारी घटाने के लिए जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना पड़ेगा ।

82.

विश्व के तटीय भागों तथा सीमा-पेटियों में निवास करने वाली जनसंख्या है –(क) 28 प्रतिशत(ख) 75 प्रतिशत(ग) 57 प्रतिशत(घ) 70 प्रतिशत

Answer»

(ख) 75 प्रतिशत। 

83.

भारत में जाति-प्रमाण (प्रति 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या) की विस्तार से चर्चा कीजिए ।

Answer»

देश की जनसंख्या में प्रति 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या को स्त्री-पुरुष का प्रमाण अथवा लिंग अनुपात या जाति प्रमाण कहते हैं ।

जनसंख्या के अध्ययन में स्त्री-पुरुष का प्रमाण खूब महत्त्वपूर्ण है । स्त्रियों का कम प्रभाव विषमता सर्जित करता है । स्त्री-पुरुष के असंतुलन के कारण विवाह, परिवार, प्रजनन, अर्थव्यवस्था आदि अनेक प्रश्न खड़े होते हैं । इसलिए जाति प्रमाण को जानकर उसके निवारण के उपाय ढूँढ़ने चाहिए । नीचे की तालिका में भारत के स्त्री-पुरुष का प्रमाण देखते हैं :

प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या

वर्षभारतगुजरात
1901972954
1931950945
1961941940
1991927936
2001933921
2011940918

विश्लेषण :

  1. भारत में 1901 में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या 972 है । जो 1931, 1961 और 1991 में घटकर क्रमश: 950, 941 और 927 रह गयी है ।
  2. 2001 में भारत में स्त्री-पुरुष का प्रमाण 933 था जो थोड़ा सा बढ़कर 2011 में 940 हो गया है । जो देश में ‘बेटी बचाओ’ एवं बेटी के जन्म को महत्त्व को प्रोत्साहन का आभारी है ।
  3. गुजरात में देखें तो 1901 में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों का प्रमाण 954 है । जो 1931, 1961 और 1991 में क्रमशः घटकर 945, 940 और 936 रह गया है ।
  4. 2001 में गुजरात में स्त्री-पुरुष का प्रमाण 921 था जो ओर घटकर 2011 में 918 रह गया है । ‘जो हमारी चिंता में वृद्धि करता है ।
  5. भारत में मात्र केरल राज्य ऐसा है जहाँ प्रतिहजार पुरुषों पर स्त्रियों का प्रमाण 2011 में 1084 था ।
  6. पंजाब, हरियाणा और गुजरात जैसे आर्थिक रीति से समृद्ध राज्यों में स्त्री-पुरुष का प्रमाण अधिक असंतुलित है ।

* स्त्री-पुरुष के असंतुलन के कारण :

  1. पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों को कम महत्त्व दिया जाता है ।
  2. लड़कियों के पोषणयुक्त आहार, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि पर अधिक स्थान नहीं देते है ।
  3. स्त्री-भ्रूणहत्या ।
  4. दहेज प्रथा ।
  5. स्त्री-मृत्युदर अधिक, कन्या बालमृत्युदर का अधिक प्रमाण ।
    उपर्युक्त कारणों से प्रतिहजार पुरुषों पर स्त्रियों का प्रमाण कम होता चला जा रहा है ।

* स्त्री-पुरुष के संतुलन के उपाय :

  1. स्त्रियों को पोषणयुक्त आहार एवं स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना चाहिए ।
  2. स्त्री शिक्षण पर अधिक भार देना चाहिए ।
  3. स्त्री-भ्रूणहत्या पर रोक लगाना चाहिए । स्त्री-भ्रूणहत्या प्रतिबंद कानून है । परंतु वह मात्र कागज पर ही । इसलिए उसे सामाजिक स्वीकृत मिले ऐसा प्रयास करना चाहिए ।
84.

स्त्री शिक्षा और बालकों की संख्या के बीच व्यस्त सम्बन्ध है । चर्चा कीजिए ।

Answer»

शिक्षा और जनसंख्या वृद्धि के बीच गहरा सम्बन्ध है । इसमें विशेष स्त्रीशिक्षण विशेष है । अपर्याप्त शिक्षा कारण छोटे परिवार का महत्त्व नहीं समझते हैं । परिणाम स्वरूप परिवार का कद बड़ा होता है । स्त्रियों में जैसे-जैसे शिक्षा का प्रमाण बढ़ता है वैसे-वैसे बालकों की संख्या घटती हैं, अशिक्षित स्त्रियों की तुलना में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त स्त्रियों कम बालकों को जन्म देती है । इसी प्रकार प्राथमिक शिक्षा की तुलना में माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त स्त्रियाँ कम बच्चों को जन्म देती है । इस प्रकार स्त्रियों में जैसे जैसे शिक्षा का प्रमाण बढ़ता है । वैसे-वैसे बालको की संख्या कम होती है । इसलिए हम कह सकते हैं कि स्त्री शिक्षा और बालकों की संख्या के बीच व्यस्त सम्बन्ध है ।

85.

नीची मृत्युदर के कारण बताइए ।

Answer»

एक वर्ष के दरम्यान प्रतिहजार की जनसंख्या पर मृत्यु पानेवाले व्यक्तियों की संख्या को मृत्युदर कहते हैं ।

1951 में भारत की मृत्युदर 27.4 थी जो घटकर 2011 में 7.1 रह गयी । मृत्युदर नीची होने के निम्नलिखित कारण हैं :

(1) जीवन स्तर में सुधार : आर्थिक विकास होने के कारण लोगों की आय में वृद्धि होने से जीवनस्तर में सुधार हुआ है । देश में लोगों को पहले की अपेक्षा गुणवत्तायुक्त अनाज, आवास की सुविधा, स्वास्थ्य की देखभाल और पर्याप्त शिक्षा प्राप्त हुयी है । परिणाम स्वरुप मृत्युदर में कमी आयी है ।

(2) संक्रामक रोगों पर नियंत्रण : 20वीं सदी के उत्तरार्ध में देश में प्लेग, शीतला, क्षय, मलेरिया जैसे जान लेवा रोगों के कारण मृत्युदर ऊँची थी परंतु बीसवीं सदी के अंत में विकास के कारण मेडिकल क्षेत्र अद्भुत प्रगति हुयी और रोग प्रतिकारक रसीओं की खोज होने से उपर्युक्त रोगों पर नियंत्रण रखने में सफलता प्राप्त हुयी जिसके परिणाम स्वरूप मृत्युदर में कमी आयी ।

(3) अकाल पर नियंत्रण : विज्ञान और टेक्नोलोजी के कारण अकाल पर अंकुश आया है । जिसे भुखमरी के कारण होनेवाली मृत्यु को रोका जा सका है । 1966 के बाद हरित क्रांति होने से देश में अनाज की पूर्ति में उल्लेखनीय वृद्धि हुयी है । परिणाम स्वरूप जहाँ अनाज की कमी हो वहाँ सरलता से अनाज पहुँचा सकते हैं । परिणाम स्वरूप, भुखमरी के कारण होनेवाली मृत्यु को रोक सके हैं ।

(4) प्राकृतिक आपदाओं के सामने रक्षण और वाहनव्यवहार की सुविधा : भारत में भूकंप, त्सुनामी, भूस्खलन, अतिवृष्टि, अनावृष्टि जैसी प्राकृतिक घटनाओं के कारण मृत्युदर का आंक ऊँचा था । वर्तमान समय में देश के किसी भी हिस्से में इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाएँ सर्जित हुयी हो तो तीव्र परिवहन और संचार के परिणाम स्वरूप तात्कालिक अनाज दवाएँ और अन्य प्राथमिक आवश्यकता को मानवीय मापदण्ड प्राप्त होने से मृत्युदर में कमी आयी है ।

86.

भारत को गांवों का देश क्यों कहा जाता है?

Answer»

इसमें कोई सन्देह नहीं कि भारत गांवों का देश है। निम्नलिखित तथ्यों से यह बात स्पष्ट हो जाएगी —

  1. देश की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में बसी है।
  2. देश की कुल जनसंख्या का लगभग 71% भाग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है।
  3. देश में 5 लाख 50 हजार से अधिक ग्रामीण अधिवासी (Rural Settlements) हैं जबकि कुल शहरी जनसंख्या का दो तिहाई भाग देश के बड़े नगरों में बसा हुआ है।
  4. देश में कुल मुख्य श्रमिकों का 40.1 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 30.2 प्रतिशत नगरों में निवास करता है।
87.

किसी देश का सबसे बहुमूल्य संसाधन क्या होता है?

Answer»

बौद्धिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ नागरिक।

88.

भारत में जनसंख्या वितरण की महत्त्वपूर्ण विशेषताओं को लिखिए।

Answer»

भारत में जनसंख्या के क्षेत्रीय वितरण की कुछ महत्त्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं —

  1. भारत में जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। नदियों की घाटियों और समुद्र तटीय मैदानों में जनसंख्या वितरण बहुत सघन है, परन्तु पर्वतीय, मरुस्थलीय एवं अभाव-ग्रस्त क्षेत्रों में जनसंख्या वितरण बहुत ही विरल है।
  2. देश की कुल जनसंख्या का लगभग 71% भाग ग्रामीण क्षेत्रों में और 29% भाग शहरों में निवास करता है। शहरी जनसंख्या का भारी जमाव बड़े शहरों में है। कुल शहरी जनसंख्या का दो-तिहाई भाग एक लाख या इससे अधिक आबादी वाले प्रथम श्रेणी के शहरों में रहता है।
  3. देश के अल्पसंख्यक समुदायों का अति संवेदनशील एवं महत्त्वपूर्ण बाह्य सीमा क्षेत्रों में जमाव है। उदाहरण के लिए उत्तर-पश्चिमी भारत में भारत-पाक सीमा के पास पंजाब में सिक्खों तथा जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों का बाहुल्य है।
  4. एक ओर तटीय मैदानों एवं नदियों की घाटियों में जनसंख्या का भारी जमाव है तो दूसरी ओर पहाड़ी, पठारी एवं रेगिस्तानी भागों में जनसंख्या विरल है। यह वितरण एक जनसांख्यिकी विभाजन (Demographic divide) जैसा लगता है।
89.

किशोर जनसंख्या से जुड़ी प्रमुख समस्याएँ क्या हैं?

Answer»

किशोर जनसंख्या से जुड़ी प्रमुख समस्याएँ हैं

⦁    विवाह की निम्न आयु
⦁    निरक्षरता
⦁    स्कूली शिक्षा का बीच में छूट जाना
⦁    सन्तुलित भोजन न मिलना
⦁    शारीरिक व मानसिक अपंगता
⦁    मदिरापान व धूम्रपान आदि।

90.

देश में कम जनसंख्या वाले क्षेत्र कौन-कौन से हैं?

Answer»

भारत के थार मरुस्थल, पूर्वी हिमालय प्रदेश तथा छोटा नागपुर के पठार में जनसंख्या कम आबाद है।

कारण-

  1. इन प्रदेशों की शि उपजाऊ नहीं है। यह या तो रेतीली है या पथरीली।
  2. यहां यातायात के साधनों का विकास नहीं हो सका है।
  3. यहां की जलवायु स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है। यह या तो अत्यधिक गर्म है या अत्यधिक ठण्डी। हिमालय क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक वर्षा होती है।
  4. छोटा नागपुर क्षेत्र को छोड़कर अन्य भागों में निर्माण उद्योग विकसित नहीं है।
91.

मैदानी भागों में देश का कितने प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है?

Answer»

मैदानी भागों में देश की 40 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।

92.

भारत में जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उपाय बताइए।

Answer»

भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। जनसंख्या की तीव्र वृद्धि को जन्मदर कम करके ही रोका जा सकता है। जन्मदर को निम्न उपायों के माध्यम से कम किया जा सकता है-

⦁    गर्भधारण से लेकर प्रजनन प्रक्रिया से जुड़ी अनेकानेक समस्याओं का ज्ञान होने के कारण शिक्षित महिलाओं की जीवन प्रत्याशा अधिक होती है। वह अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग होती है।

⦁    शिक्षित महिलाओं की दृष्टि व्यापक होती है, उनकी सोच राष्ट्रीय स्तर की होने के कारण बड़े परिवार को राष्ट्रीय संसाधनों पर बोझ मानती हैं।

⦁    भारत में दो बच्चों के परिवार को राष्ट्रीय आदर्श माना गया है, उसकी दृढ़ता से पालन कराया जाए।

⦁    भारतीय संविधान में निर्धारित शादी की न्यूनतम आयु लड़कियों की 18 तथा लड़कों की 21 वर्ष को व्यावहारिक रूप दिया जाए।

⦁    स्त्री शिक्षा पर अधिक बल दिया जाए।

⦁    दो या इससे कम बच्चों वाले माता-पिता को सरकारी नियुक्तियों एवं पदोन्नतियों में प्राथमिकता दी जाए। साथ ही विशेष वेतन-वृद्धि का प्रावधान हो।

⦁    परिवार कल्याण सुविधाओं का देशभर में विस्तार किया जाए।

93.

जनसंख्या वृद्धि के प्रकार बताइए।

Answer»

जनसंख्या वृद्धि के दो प्रकार हैं

⦁    धनात्मक वृद्धि एवं
⦁    ऋणात्मक वृद्धि।

94.

प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्रियाकलापों के अंतर्गत कौन-कौन से व्यवसाय सम्मिलित हैं?

Answer»

प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत कृषि, पशुपालन, वृक्षारोपण एवं मछली पालन तथा खनन आदि क्रियाएँ शामिल हैं। द्वितीयक क्रियाकलापों में उत्पादन करने वाले उद्योग, भवन एवं निर्माण कार्य आते हैं। तृतीयक क्रियाकलापों में परिवहन, संचार, वाणिज्य, प्रशासन तथा सेवाएँ शामिल हैं।

95.

मृत्यु-दर के तेजी से घटने के दो कारण बताइए।

Answer»

⦁    मृत्यु-दर के तेजी से घटने का मुख्य कारण स्वास्थ्य सेवाओं का प्रसार है।

⦁    शिक्षा के प्रसार से भी मृत्यु-दर में अत्यधिक कमी आयी है।

96.

भारत में स्त्री श्रमिकों का प्रतिशत पुरुषों की अपेक्षाकृत कम क्यों है?

Answer»

देश में मुख्य श्रमिकों का प्रतिशत (असम और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) 37.50 प्रतिशत है। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि देश की कुल जनसंख्या का लगभग एक तिहाई भाग ही आर्थिक रूप से कार्यशील है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं.

  1. तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के कारण भारत में बच्चों (अश्रमिकों) का अनुपात अधिक बना रहता है। इससे श्रमिकों का प्रतिशत कम हो जाता है।
  2. हमारी सामाजिक मान्यताओं के कारण स्त्रियों को घर से बाहर काम नहीं करने दिया जाता।
  3. स्त्रियों में शिक्षा तथा जागरूकता का अभाव भी इसका कारण है।
97.

0 से 14 वर्ष के आयु-वर्ग में वर्ष 2014 में लोगों का प्रमाण कितना था ?

Answer»

0 से 14 वर्ष के आयु वर्ग में वर्ष 2014 में लोगों का प्रमाण 29.21% है ।

98.

देश में 0-14 आयु वर्ग में कितने प्रतिशत जनसंख्या है?

Answer»

देश में 0-14 आयु वर्ग में 37.2 प्रतिशत जनसंख्या है।

99.

निवास स्थान के आधार पर जनसंख्या कितने वर्गों में संयोजित होती है?

Answer»

निवास स्थान के आधार पर जनसंख्या दो वर्गों में संयोजित होती है

⦁    ग्रामीण एवं
⦁    नगरीय जनसंख्या।

100.

देश की कितने प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है?

Answer»

देश की लगभग 71% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।