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    				This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. | वेबर/मीटर`""^(2)` मात्रक है-A. ध्रुव प्राबल्य काB. चुंबकीय क्षेत्र काC. चुंबकीय फ्लक्स काD. चुंबकीय आघूर्ण का। | 
| Answer» Correct Answer - B | |
| 2. | किसी स्थान पर पृथ्वी के क्षेत्र का ऊर्ध्वाधर तथा क्षैतिज घटक क्रमशः `3xx10^(-5)` वेबर/मीट`र^(2)` तथा `4xx10^(-5)` वेबर/मीटर है। नतिकोण तथा पृथ्वी के क्षेत्र की कुल तीव्रता की गणना कीजिये। | 
| Answer» दिया है- `H=4xx10^(-5)` वेबर/मीट`र^(2)` , `V=3xx10^(-5)` वेबर/मीट`र^(2)` यदि नमन कोण `theta` है तो `tantheta=V/H=(3xx10^(-5))/(4xx10^(-5))=0.75` अतः `theta=tan^(-1)(0.75)=36.87^(@)` तथा पृथ्वी के क्षेत्र की कुल तीव्रता `I=sqrt(H^(2)+V^(2))` `=sqrt((3xx10^(-5))^(2)+(4xx10^(-5))^(2))` `=sqrt(9xx(10^(-5))^(2)+16xx(10^(-5))^(2))=sqrt(9+16)xx10^(-5)` `=5xx10^(-5)` वेबर/मीट`र^(2)` | |
| 3. | चुंबकीय क्षेत्र का मात्रक है-A. न्यूटन/मीटरB. ऐम्पियर मीटरC. न्यूटन/ऐम्पियर मीटरD. वेबर मीट`र^(2)`। | 
| Answer» Correct Answer - C | |
| 4. | चुम्बकशीलता को परिभाषित कीजिये एवं समझाइये। | 
| Answer» किसी पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व B और चुम्बकीय क्षेत्र H के अनुपात को उस पदार्थ की निरपेक्ष चुम्बकशीलता कहते हैं उसे `mu` से प्रदर्शित करते हैं। `mu=B/H` | |
| 5. | चुम्बक की प्रभावकारी लम्बाई को परिभाषित कीजिए। | 
| Answer» किसी चुम्बक के दोनों ध्रवों के बीच को दरी को उसकी प्रभावकारी लम्बाई कहते है। | |
| 6. | किसी स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक ऊर्ध्वाधर घटक के बराबर है। नमन कोण का मान होगा-A. `0^(@)`B. `45^(@)`C. `60^(@)`D. `90^(@)` | 
| Answer» Correct Answer - B | |
| 7. | निम्न की चुंबकीय प्रवृत्ति अल्प किंतु धनात्मक होती है-A. प्रतिचुंबकीय पदार्थB. अनुचुंबकीय पदार्थC. लौह चुंबकीय पदार्थD. अचुंबकीय पदार्थ। | 
| Answer» Correct Answer - B | |
| 8. | एक स्थान पर नतिकोण का मान 30° है । यदि उस स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक `H_(E)` हो तो चुंबकीय क्षेत्र होगी-A. `(H_(E))/2`B. `(2H_(E))/(sqrt3)`C. `H_(E)sqrt2`D. `H_(E)sqrt3` | 
| Answer» Correct Answer - B | |
| 9. | एक चुंबकीय सुई को एक असमान चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है। वह अनुभव करती है -A. एक बल और एक बल आघूर्णB. एक बल किंतु बल आघूर्ण नहींC. एक बल आघूर्ण किंतु बल नहींD. न बल आघूर्ण और न ही बल। | 
| Answer» Correct Answer - A | |
| 10. | चुम्बकीय प्रवृत्ति से आप क्या समझते हैं ? | 
| Answer» किसी पदार्थ में उत्पन्न चुम्बकन तीवता I और चुम्बकन क्षेत्र H के अनुपात को उस पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति कहते हैं। इसे `chi` से प्रदर्शित करते हैं। अत: चुम्बकीय प्रवृत्ति `chi=I/H` यह शुद्ध निष्पक्ति है अत: इसका कोई मात्रक नहीं होता है वास्तव में चुम्बकीय प्रवृत्ति एक प्राचल है। जिससे यह पता चलता है कि यदि पदार्थ को एक चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाय तो वह कितने जल्दी (तेजी से) चुम्बकित होगा। | |
| 11. | एक धारावाही लूप चुंबकीय क्षेत्र में व्यवहार करता है-A. चुंबकीय द्विध्रुव की भाँतिB. चुंबकीय पदार्थ की भाँतिC. चुंबकीय ध्रुव की भाँतिD. उपर्युक्त सभी। | 
| Answer» Correct Answer - A | |
| 12. | ध्रुवों पर नमन कोण का मान होता है-A. `45^(@)`B. `30^(@)`C. `0^(@)`D. `90^(@)` | 
| Answer» Correct Answer - D | |
| 13. | लौह चुंबकीय पदार्थ का उदाहरण है-A. ऐल्यूमीनियमB. निकलC. सोनाD. बिस्मथ। | 
| Answer» Correct Answer - B | |
| 14. | निम्नलिखित में से कौन-सा संबंध सही है-A. `B_(E)=sqrt(H_(E)^(2)+Z_(E)^(2))`B. `B_(E)=H_(E)+Z_(E)`C. `Z_(E)=sqrt(B_(E)^(2)+H_(E)^(2))`D. `H_(E)=sqrt(B_(E)^(2)+Z_(E)^(2))` | 
| Answer» Correct Answer - A | |
| 15. | अनुचुम्बकीय पदार्थों के गुण लिखिए। | 
| Answer» (i) अनुचुम्बकीय पदार्थ शक्तिशाली चुम्बकों द्वारा आकर्षित होते हैं। (ii) जब किसी अनुचुम्बकीय पदार्थ को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाया जाता है तो वह घूमकर चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर हो जाता है। (iii) जब किसी अनुचुम्बकीय पदार्थ को किसी असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो वह कम तीव्रता वाले भाग से अधिक तीव्रता वाले भाग की ओर चलने लगता है। (iv) यदि किसी अनुचुम्बकीय द्रव को एक U नली में भरकर नली की एक भुजा को शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र में रख दें तो द्रव उस भुजा में थोड़ा ऊपर उठ जाता है। (v) अनुचुम्बकीय पदार्थों की आपेक्षिक चुम्बकशीलता 1 से थोड़ी अधिक होती है। | |
| 16. | प्रतिचुम्बकीय और अनुचुम्बकीय पदार्थों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या किस प्रकार होती है ? | 
| Answer» प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या सम होती है जबकि अनुचुम्बकीय पदार्थ के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या विषम होती है। | |
| 17. | प्रतिचुम्बकीय पदार्थ किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए। | 
| Answer» प्रतिचुम्बकीय पदार्थ वे होते हैं जो किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की विपरीत दिशा में थोड़ा-सा चुम्बकीय हो जाते हैं तथा शक्तिशाली चुम्बक के सिरों के पास लाने पर कुछ प्रतिकर्षित होते हैं। उदाहरण-विस्मथ, फॉस्फोरस, वायु, हाइड्रोजन इत्यादि। | |
| 18. | निम्नलिखित की परिभाषा लिखिये- दिक्पात का कोण | 
| Answer» दिक्पात का कोण-किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर और भौगोलिक याम्योत्तर के बीच के कोण को उस स्थान का दिक्पात कोण कहते हैं। इसे `alpha` से प्रदर्शित किया जाता है । | |
| 19. | यदि चुंबकीय क्षेत्र B तथा एक चुंबक का चुंबकीय आघूर्ण m हो तो अधिकतम स्थितिज ऊर्जा है-A. mBB. 2 mBC. 3 mBD. 4 mB. | 
| Answer» Correct Answer - A | |
| 20. | प्रतिचुम्बकीय पदार्थों के गुण लिखिए । | 
| Answer» (i) प्रतिचुम्बकीय पदार्थ शक्तिशाली चुम्बक से प्रतिकर्षित हो जाते हैं। (i) जब किसी प्रतिचुम्बकीय पदार्थ को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाया जाता है तो वह घूमकर चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् हो जाता है। (iii) जब किसी प्रतिचुम्बकीय पदार्थ को किसी असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो वह क्षेत्र के अधिक तीव्रता वाले भाग से कम तीव्रता वाले भाग की ओर चलने लगता है। (iv) यदि किसी प्रतिचुम्बकीय द्रव को U नली में भरकर उसकी भुजा को एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र में रख दें तो उस भुजा में द्रव थोड़ा-सा नीचे दब जाता है। (v) प्रतिचुम्बकीय पदार्थ की आपेक्षिक चुम्बकशीलता 1 से थोड़ी कम होती है। | |
| 21. | निम्नलिखित की परिभाषा लिखिये- नमन कोण | 
| Answer» नमन या नति कोण-किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की परिणामी तीव्रता क्षैतिज के साथ जो कोण बनाती है, उसे उस स्थान का नमन या नति कोण कहते हैं। इसे `theta` से प्रदर्शित करते हैं। | |
| 22. | लौह-चुम्बकीय पदार्थ किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए। | 
| Answer» लौह-चुम्बकीय पदार्थ वे पदार्थ होते हैं जो किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की दिशा में ही प्रबल रूप से चुम्बकित हो जाते हैं तथा किसी चुम्बक के सिरों के पास रखे जाने पर तेजी से उसकी ओर आकर्षित होते हैं। उदाहरण-लोहा, इस्पात, निकिल, कोबाल्ट इत्यादि। | |
| 23. | भू-चुम्बकीय तत्व कौन-कौन से हैं ? समझाइये। | 
| Answer» किसी भी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकन के अध्ययन के लिये जिन तत्वों की आवश्यकता होती है। उन्हें भू-चुम्बकीय तत्व कहते हैं। पृथ्वी के भू-चुम्बकीय तत्व निम्नलिखित हैं- (i) नमन या नति कोण-किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की परिणामी तीव्रता क्षैतिज के साथ जो कोण बनाती है, उसे उस स्थान का नमन या नति कोण कहते हैं। इसे `theta` से प्रदर्शित करते हैं। (ii) दिक्पात का कोण-किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर और भौगोलिक याम्योत्तर के बीच के कोण को उस स्थान का दिक्पात कोण कहते हैं। इसे `alpha` से प्रदर्शित किया जाता है । (iii) पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की क्षैतिज तीव्रता- पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की परिणामी तीव्रता का वह घटक है जो चुंबकीय क्षेत्र के क्षैतिज दिशा में होता है। इसे H से व्यक्त करते हैं। | |
| 24. | अनुचुम्बकीय पदार्थ किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए। | 
| Answer» अनुचुम्बकीय पदार्थ वे पदार्थ होते हैं जो चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र के समान्तर होकर क्षीण चुम्बकत्व धारण कर लेते हैं तथा किसी शक्तिशाली चुम्बक के सिरों के पास लाने पर उसकी ओर आकर्षित होते हैं । उदाहरण-मैगनीज, प्लैटिनम, ऐल्युमिनियम, ऑंक्सीजन इत्यादि। | |
| 25. | दो बल रेखाएँ एक-दूसरे को नहीं काटतीं, क्यों? | 
| Answer» यदि दो बल रेखाएँ एक-दूसरे को काटेंगी तो कटान बिन्दु पर दो स्पर्श रेखाएँ खींची जा सकेगी जिसका अर्थ यह होगा कि कटान बिन्दु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की दो दिशाएँ होंगी जबकि किसी भी बिन्दु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की केवल एक ही दिशा होती है। अत: दो बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती। | |
| 26. | किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखी अनुचुम्बकीय व प्रतिचुम्बकीय छड़ों में अंतर कैसे करेंगे ? | 
| Answer» जब एक अनुचुम्बकीय रॉड को चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो यह स्वयं को चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर समंजित कर लेती है किन्तु प्रतिचुम्बकीय रॉड को क्षेत्र में रखने पर यह चुम्बकीय क्षेत्र के लंबवत् समंजित हो जाती है । | |
| 27. | एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में स्थित दंड चुंबक की स्थितिज ऊर्जा के लिए व्यंजक स्थापित कीजिए। | 
| Answer» दंड चुंबक की स्थितिज ऊर्जा उसे किसी मानक स्थिति से वर्तमान स्थिति तक घुमाने में किये गये कार्य के तुल्य होती है। मानक स्थिति को `theta=pi/2` लेते हैं। चुंबक पर कार्यरत प्रत्यानयन बलयुग्म आघूर्ण `tauMBsintheta` `therefore` चुंबक को सूक्ष्म कोण `dtheta` घुमाने में किया गया कार्य `dW=MBsinthetadtheta` `therefore` स्थितिज ऊर्जा `U=W=int_(pi//2)^(theta)MBsinthetadtheta` `U=MBint_(pi//2)^(theta)sinthetadtheta=MB[-costheta]_(pi//2)^(theta)` `=-MB(costheta-cospi/2)` `U=-MBcosthetarArr-vecM.vecB` | |
| 28. | चुम्बकीय पदार्थों के शैथिल्य वक्र का महत्व लिखिये। | 
| Answer» शैथिल्य वक्र के आकार एवं विमाओं द्वारा चुम्बकीय पदार्थों के चुम्बकीय गुणों का अध्ययन किया जाता है। (i) शैथिल्य हानि के कारण प्रति चुम्बकीय चक्र प्रति एकांक आयतन ऊर्जा में हानि, शैथिल्य वक्र के क्षेत्रफल के तुल्य होती है। (ii) नर्म लोहे की चुम्बकीय प्रवृत्ति, चुम्बकशीलता तथा धारणशीलता इस्पात की तुलना में अधिक होती है जबकि निग्राहिता तथा प्रति चक्र शैथिल्य हानि इस्पात की तुलना कम होती है। | |
| 29. | चुम्बक के चुम्बकीय आघूर्ण की परिभाषा लिखिए तथा SI पद्धति में इसका मात्रक लिखिए। | 
| Answer» सूत्र `tau = MB sintheta` में यदि B = 1 और `sintheta = 1` अर्थात् `theta = 90°` हो तो `tau= M` अत: किसी चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण उस प्रत्यानयन बलयुग्म के आघूर्ण के बराबर होता है जो चुम्बक पर उस समय कार्य करता है, जब चुम्बक को एकांक तीव्रता के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत रखा जाता है। इसका SI पद्धति में मात्रक ऐम्पियर `xx` मीट`र^(2)`- है। | |
| 30. | लौह- चुम्बकीय पदार्थों के गुण लिखिए । | 
| Answer» लौह-चुम्बकीय पदार्थों में निम्न गुण पाये जाते हैं- (i) लौह-चुम्बकीय पदार्थ दुर्बल चुम्बक की ओर भी आकर्षित हो जाते हैं। (ii) लौह-चुम्बकीय पदार्थ को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में लटकाने पर वह क्षेत्र के समान्तर हो जाता है। (iii) जब कभी किसी लौह-चुम्बकीय पदार्थ को किसी असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो वह क्षेत्र के कम तीव्रता वाले भाग से अधिक तीव्रता वाले भाग की ओर चलने लगता है। (iv) लौह-चुम्बकीय पदार्थों को आपेक्षिक चुम्बकशीलता बहुत अधिक होती है। (v) ताप बढ़ाने पर लौह-चुम्बकत्व कम होने लगता है तथा एक निश्चित ताप, जिसे क्यूरी ताप कहते हैं, के ऊपर लौह-चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय हो जाता है। | |
| 31. | निम्नलिखित की परिभाषा लिखिये- पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की क्षैतिज तीव्रता | 
| Answer» पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की क्षैतिज तीव्रता- पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की परिणामी तीव्रता का वह घटक है जो चुंबकीय क्षेत्र के क्षैतिज दिशा में होता है। इसे H से व्यक्त करते हैं। | |
| 32. | चुम्बकीय बल रेखाओं की परिभाषा लिखकर उनकी दिशाएँ स्पष्ट कीजिए। | 
| Answer» किसी चुम्बकीय क्षेत्र की बल रेखा वह वक्र है जिसके किसी भी बिन्दु पर खची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर परिणामी बल को दिशा को प्रदर्शित करती है। ये बल रेखाएँ चुम्बक के बाहर उत्तरी श्रुव से दक्षिणी ध्रुव को ओर जाती हुई तथा चुम्बक के अंदर दक्षिणों ध्रुव से उत्तरों ध्रुव की ओर जाती हुई मानी जातो हैं। | |
| 33. | क्या अनुचुम्बकीय लवण का चुम्बकत्व ताप पर निर्भर करता है? अपने उत्तर का कारण दीजिये। | 
| Answer» हां, ताप बढ़ाने पर अनुचुम्बकीय लवणों का अनुचुम्बकत्व कम होने लगता है। जब किसी अनुचुम्बकीय लवण जो किसी बाहा चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो उस पर एक बलयुग्म कार्य करने लगता है जो उसे क्षेत्र के समांतर लेन का प्रयास करता है । जब इनका तप बढ़ाया जाता है तो परमाणुओं का ऊष्मीय विक्षोभ इसका विरोध करता है जिससे उसका अनुचुम्बकत्व कम हो जाता है। | |
| 34. | क्यूरी ताप क्या है? | 
| Answer» लौह चुम्बक का ताप बढ़ाने पर इसका चुम्बकत्व कम होने लगता है। एक निश्चित ताप के ऊपर लौह चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय हो जाता है। यह निश्चित ताप क्यूरी ताप कहलाता है। | |
| 35. | चुम्बकीय धारणशीलता (retentivity) एवं निग्राहिता (coercivity) को परिभाषित कीजिए। | 
| Answer» चुम्बकीय धारणशीलता-चुम्बकीय तीव्रता का मान शून्य होने पर इस पदार्थ में अवशेष चुम्बकीय प्रेरण को उस पदार्थ की चुम्बकीय धारणशीलता कहते हैं। निग्राहिता-किसी पदार्थ की निग्राहिता चुम्बकीय तौव्रता का वह परिमाण होती है जो पदार्थ के अंदर अवशेष चुम्बकत्व को नष्ट कर देतो है। | |
| 36. | चुम्बकीय बल रेखा की परिभाषा लिखिए। इसके, कोई तीन गुण लिखिए। | 
| Answer» चुम्बकीय बल रेखाएँ-चुम्बकीय बल रेखाएँ वे वक्राकार पथ हैं, जिनके किसी भी बिंदु पर खींची गयी स्पर्श रेखा उस बिंदु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा प्रदर्शित करता है। चुम्बकीय बल रेखाओं के गुण निम्नलिखित हैं- (i) ये रेखाएँ चुम्बक के बाहर उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक तथा चुम्बक के अंदर दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव तक जातो हैं अर्थात् बन्द वक्र बनाती हैं। (ii) इन बल रेखाओं के किसी भी बिंदु पर खींची गयी स्पर्श रेखा उस बिंदु पर परिणामी क्षेत्र (बल) की दिशा को प्रदर्शित करती है। (iii) दो बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती हैं। (iv) ये रेखाएँ जहाँ घनी होती हैं, चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता अधिक तथा जहाँ विरल होती हैं वहाँ चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता कम होती है। (v) ये रेखाएँ एक-दूसरे को लम्बाई के लम्बवत् प्रतिकर्षित करती है। (vi) ये बल रेखाएँ खींची हुई डोरी के समान लम्बाई में सिकुड़ने का प्रयास करती है। | |
| 37. | विद्युत् चुम्बक क्या है? इसके गुण एवं उपयोग लिखिये। | 
| Answer» विद्युत् चुम्बक नर्म लोहे के बनाये जाते हैं। नर्म लोहे के क्रोड के ऊपर ताँबे के तार की कुंडली लपेट कर उसमें यदि विद्युत् धारा प्रवाहित की जाय तो नर्म लोहे का क्रोड चुम्बकित हो जाता है। यही विद्युत् चुंबक कहलाता है। धारा की प्रबलता को घटाकर या बढ़ाकर, विद्युत् चुंबक की तीव्रता कम या ज्यादा की जा सकती है । गुण-विद्युत् चुम्बक बनाने के लिये प्रयुक्त किये जाने वाले क्रोड में निम्नलिखित गुण होने चाहिए- (i) इसकी चुम्बकशीलता उच्च होनी चाहिये जिससे इसका चुम्बकन प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र या क्षीण चुम्बकीय क्षेत्र में भी हो सके। (ii) इसकी चुम्बकीय धारणशीलता कम होनी चाहिये ताकि धारा प्रवाह अवरुद्ध होने पर इसके चुम्बकत्व का शीघ्र विनाश हो सके। उपयोग-(i) विद्युत् चुम्बक का उपयोग विद्युत् घंटी, लाउडस्पीकर इत्यादि में किया जाता है। (ii) विद्युत् क्रेन में बड़े-बड़े विद्युत् चुम्बक प्रयुक्त किये जाते हैं। | |
| 38. | विद्युत् चुम्बक एवं स्थायी चुम्बक बनाने में प्रयुक्त पदार्थ में क्या गुण होनी चाहिए? | 
| Answer» विद्युत चुंबक के क्रोड बनाने में प्रयुक्त पदार्थ में निम्न गुण होने चाहिए- 1. उच्च चुंबकशीलता- ताकि अल्प चुंबकन बल से भी अत्यधिक चुंबकत्व उत्पन्न हो सके। 2. कम निग्राहिता-ताकि विद्युत प्रवाह बंद करते ही शीघ्रता से विचुंबकित हो सके। 3. कम धारणशीलता-ताकि विद्युत प्रवाह बंद करते ही उसके अंदर तत्काल चुंबकीय क्षेत्र समाप्त हो सके। 4. कम शैथिल्य हानि-ताकि चुंबकन और विचुंबकन में ऊर्जा क्षय न्यूनतम हो। स्थायी चुंबक बनाने के लिए प्रयुक्त पदार्थ में निम्न गुण होना चाहिए- (i) इसकी चुंबकशीलता अधिक हो। (ii) इसकी धारणशीलता अधिक हो ताकि यह प्रबल चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न कर सके। (iii) निग्राहिता अधिक हो ताकि गर्म करने या गिरने पर इसके चुंबकीय गुणों में परिवर्तन न हो। (iv) अन्य चुंबकीय क्षेत्रों की उपस्थिति से इसका चुंबकत्व नष्ट न हो। उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए स्थायी चुंबक बनाने के लिए सामान्यत: स्टील का उपयोग किया जाता है। स्थायी चुंबक बनाने के लिए कई मिश्र धातुओं का भी उपयोग किया जाता है। | |
| 39. | क्या होगा यदि लोहे के एक दंड चुम्बक को पिघलाया जाये? क्या उसका चुम्बकत्व बना रहेगा? | 
| Answer» लोहे का क्यूरी ताप 770°C होता है। लोहे का गलनांक उसके क्यूरी ताप से अधिक होता है। अत: लोहे का दंड चुम्बक पिघलाने पर वह लौह चुम्बक नहीं रह पायेगा अत: उसका चुम्बकत्व नष्ट हो जायेगा। | |
| 40. | एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में स्थित दंड चुम्बक को घुमाने में किये गये कार्य का व्यंजक ज्ञात कीजिए| | 
| Answer» माना कि M चुंबकीय आघूर्ण का एक दंड चुम्बक B तीव्रता के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में स्थित है। यदि M व B के मध्य `theta` कोण हो तब चुंबक पर कार्यरत प्रत्यानयन बलयुग्म आघूर्ण `tau=Mbsintheta` `therefore` चुंबक को सूक्ष्म कोण `dtheta` से घुमाने में किया जाने वाला कार्य `dW=taudtheta=MBsinthetadtheta` `therefore` चुंबक को `theta` कोण से घुमाने में किया जाने वाला कार्य `W=int_(0)^(theta)dW=int_(0)^(theta)MBsinthetadtheta` `rArrW=MBint_(0)^(theta)sinthetadtheta=MB[-costheta]_(0)^(theta)` `rArrW=-MB(costheta-cos0)` `thereforeW=MB(1-costheta)` | |
| 41. | एक छोटा छड़ चुंबक जो एकसमान बाह्य चुंबकीय क्षेत्र 0.25T के साथ 30° का कोण बनाता है, पर `4.5 xx 10^(-2)J` का बल आघूर्ण लगता है। चुंबक के चुंबकीय आघूर्ण का परिमाण क्या है ? | 
| Answer» दिया है- `B=0.25T,theta=30^(@),tau=4.5xx10^(-2)J` सूत्र- `tau=mBsintheta` या `m=tau/(Bsintheta)=(4.5xx10^(-2))/(0.025xxsin30^(@))=(4.5xx10^(-2))/(0.25xx0.5)=36xx10^(-2)` `=0.36JT^(-1)` | |
| 42. | चुंबकीय आघूर्ण `m = 0.32 JT^(-1)` वाला एक छोटा छड़ चुंबक, 0.15 T के एकसमान बाह्य चुंबकीय क्षेत्र में रखा है । यदि यह छड़ क्षेत्र के तल में घूमने के लिए स्वतंत्र हो, तो क्षेत्र के किस विन्यास में यह स्थायी संतुलन में होगा ? इस स्थिति में चुंबक की स्थितिज ऊर्जा का मान बताइए। | 
| Answer» जब `vecm` और `vecB` परस्पर समांतर होते हैं तो चुंबक स्थायी संतुलन में होता है। इस स्थिति में `theta=0°` सूत्र- `U=-mBcostheta=-mBcos0^(@)=-mB` `=-0.32xx0.15=-0.048J` `=-4.8xx10^(-2)J` `=-4.8xx10^(-2)J` | |
| 43. | किसी छोटे छड़ चुंबक का चुंबकीय आघूर्ण `0.48JT^(-1)` है। चुंबक के केंद्र से 10 cm की दूरी पर स्थित किसी बिंदु पर इसके चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण एवं दिशा बताइए यदि यह बिंदु चुंबक के अक्ष पर स्थित हो | 
| Answer» दिया है - `m=0.48JT^(-1),r=10cm=0.10cm` `B=(mu_(0))/(4pi).(2m)/(r^(3))` `=(4pixx10^(-7))/(4pi)xx(2xx0.48)/((0.1)^(3))=(0.96xx10^(-7))/(10^(-3))=0.96xx10^(-4)T` =0.96G इसकी दिशा S-ध्रुव से N-ध्रुव की ओर होगी। | |
| 44. | भू-चुंबकत्व संबंधी निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- यह माना जाता है कि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र लगभग एक चुंबकीय द्विध्रुव के क्षेत्र जैसा है जो पृथ्वी के केंद्र पर रखा है और जिसका द्विध्रुव आघूर्ण `8 xx 10^(22)JT^(-1)` है । कोई ढंग सुझाइए जिससे इस संख्या के परिमाण की कोटि जाँची जा सके। | 
| Answer» `vecm` चुंबकीय आघूर्ण वाले चुंबकीय द्विध्रुव के कारण उसके लम्ब समद्विभाजक के किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण `B=(mu_(0))/(4pi).m/(r^(3))` यदि `m=8xx10^(22)J//T` तथा `r=6.4xx10^(6)m` रखें तो `B=(4pixx10^(-7))/(4pi)xx(8xx10^(22))/((6.4xx10^(6))^(3))=(8xx10^(15))/(262.14xx10^(18))` `=0.030xx10^(-3)=0.3xx10^(-4)T` `=0.3xx10^(-4)T=0.3G` चुंबकीय क्षेत्र का यह मान पृथ्वी पर प्रेक्षित चुंबकीय क्षेत्र के परिमाण की कोटि के बराबर है। | |
| 45. | भू-चुंबकत्व संबंधी निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- यदि आप आस्ट्रेलिया के मेल्वोर्न शहर में भू-चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं का नक्शा बनाएँ तो ये रेखाएँ पृथ्वी के अंदर जाएँगी या इससे बाहर आएँगी ? | 
| Answer» ऑस्ट्रेलिया का मेलबोर्न शहर दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है। पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का N-ध्रुव दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है। अत: मेल्वोर्न शहर से चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ बाहर आएँगी। | |
| 46. | एक चुंबकीय सुई चुंबकीय याम्योत्तर के समांतर एक ऊर्ध्वाधर तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है। इसका उत्तरी ध्रुव क्षैतिज से 22° के कोण पर नीचे की ओर झुका है। इस स्थान पर चुंबकीय क्षेत्र के क्षैतिज अवयव का मान 0.35G है । इस स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण ज्ञात कीजिए | 
| Answer» दिया है- `I=22^(@),H_(E)=0.35G` सूत्र - `H_(E)=B_(E)cosI` से, `B_(E)=(H_(E))/(cosI)=(0.35)/(cos22^(@))=(0.35)/(0.9272)=0.38G` | |