InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
Bank-Bank के मध्य परस्पर व्यवहार करके उनके मध्य तुरन्त उत्पन्न वित्त की समस्या का निवारण किसके द्वारा होता है ?(A) कॉल मनी(B) पे-ऑर्डर(C) ओवर ड्राफ्ट(D) केश क्रेडिट |
|
Answer» सही विकल्प है (A) कॉल मनी |
|
| 2. |
निष्क्रीय सम्पत्ति (NPA) की स्थिति कब उत्पन्न होती है ? |
|
Answer» NPA : Non Performing Assets की स्थिति जब बैंक, उधार अथवा ऋण की हुई रकम वसूल न कर सकती हो तब निष्क्रिय सम्पत्ति की स्थिति पैदा होती है । |
|
| 3. |
Credit Card’ अर्थात क्या ? |
|
Answer» क्रेडिट कार्ड यह बैंक द्वारा अपने ग्राहकों को दिया जानेवाला ऐसा कार्ड है, जिसकी मदद से ग्राहक बड़े रेस्टोरेन्ट, होटल इत्यादि में माल अथवा सेवाएँ उधार प्राप्त कर सकता है । |
|
| 4. |
क्रेडिट कार्ड (Credit Card) की पद्धति भारत में कम प्रचलित है । |
|
Answer» यह विधान सही है । क्रेडिट कार्ड की मदद से बैंक का ग्राहक निश्चित स्टोर्स और होटलों में माल या सेवा उधार प्राप्त कर सकते हैं । भारत में बैंकिंग प्रथा अभी विकसित नहीं हुई है । भारत के सभी होटल और स्टोर्स क्रेडिट कार्ड पर माल या सेवा देने को तैयार नहीं होते और क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर माल सेवा प्राप्त करनेवाले ग्राहक भी भारत में कम हैं । इसलिए क्रेडिट कार्ड की पद्धति भारत में कम प्रचलित है । |
|
| 5. |
सार्वजनिक भविष्य निधि (Public Provident Fund) के बारे में टिप्पणी लिखिए । |
|
Answer» सार्वजनिक भविष्य निधि के अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति खाता खुलवा सकता है । इस खाते का समय 15 वर्ष का होता है । इस प्रकार के खाते में कम से कम 500 रु. वार्षिक स्तर पर भर सकते है । यह खाता 15 वर्ष के पश्चात् प्रवर्तमान नियम अनुसार अतिरिक्त 5 वर्ष के लिए कितनी ही बार आगे बढ़ा सकते है । ऐसा खाता 15 वर्ष के पहले बन्द नहीं कराया जा सकता । ऐसे खाते में भरी गई रकम आयकर (Income Tax) की गणना के दौरान छूट-पात्र होती है । यदि खातेदार की मृत्यु हो जाए तो खातेदार द्वारा दर्शाए गए वारिसदार को यह रकम नियमानुसार मिलती है । |
|
| 6. |
Call Money Rate किसके आधार पर निश्चित होती है ? |
|
Answer» Call Money Rate मांग व आपूर्ति के सिद्धान्त के आधार पर निश्चित होती है । |
|
| 7. |
संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए : M-Banking : Mobile Banking . |
|
Answer» मोबाईल बैंकिंग एक ऐसी सेवा है, कि जिसमें कोई भी व्यक्ति बैंक में व्यक्तिगत रूप से गये बिना इलेक्ट्रोनिक साधनों की मदद से अर्थात् Internet का कनेक्शनवाले मोबाईल की मदद से विश्व के किसी भी कोने से मौद्रिक व्यवहार कर सकते है । जिसमें, खाते का Balance जान सकते है । लाईट बिल, टेलीफोन बिल, गैस बिल तथा विभिन्न कर (Tax) अथवा अन्य भुगतान कर सकते है । एक खाते में से दूसरे खाते में ट्रान्सफर कर सकते है । इस प्रकार की सेवा प्राप्त करने के लिए बैंक में आवेदन करना पड़ता है । उसके पश्चात् Bank | Mobile Banking के लिए Login ID और पासवर्ड देती है । इस व्यवस्था के लिए सलामती देखरेख-सुरक्षा आवश्यक बन जाती है । |
|
| 8. |
इनमें से कौन-सा सिद्धान्त बीमा करार के सिद्धान्त अनुसार नहीं है ?(A) सम्पूर्ण विश्वास का सिद्धान्त(B) क्षतिपूर्ति का सिद्धान्त(C) बीमा योग्य हित का सिद्धान्त(D) लाभ का सिद्धान्त |
|
Answer» सही विकल्प है (D) लाभ का सिद्धान्त |
|
| 9. |
एक महिने में रुपया निकालने की संख्या मर्यादित कौन-से खाते में की गई है ? |
|
Answer» एक महिने में रुपया निकालने की संख्या मर्यादित बचत बैंक खाता Saving Bank Account खाते में की गई है| |
|
| 10. |
NEFT में रकम का हस्तांतरण कितने समय तक हो जाता है ? |
|
Answer» NEFT में रकम का हस्तांतरण उसी दिन से लगाकर महत्तम 48 घण्टे तक हो जाता है । |
|
| 11. |
बैंक खाते के प्रकार समझाइए । |
|
Answer» बैंक का कार्य बचत स्वीकारना है । बैंक में विभिन्न प्रकार के खाता खुलवाते समय तथा बैंक की अन्य सुविधाओं के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (मध्यस्थ बैंक) के नियम के अनुसार KYC – (know your customer) के लिए फोटोवाला मान्य पहचानपत्र (ID) तथा पता का प्रमाण मांगती हैं । बैंक में चार प्रकार के खाते खुलवाये जाते है : (1) बचत खाता (1) बचत खाता (Saving Account) : ऐसा खाता विभिन्न व्यक्तियों अथवा वेतनभोगी कर्मचारियों द्वारा खुलवाया जाता है, जिसमें बचत का तत्त्व भी शामिल होता है । ऐसे खाते में निश्चित दर से ब्याज चुकाया जाता है । ऐसे खाते में जितने दिन के लिए जितनी रकम जमा होती है उतने दिन का ब्याज मिलता है । इसमें बैंक चेकबुक, ATM कार्ड आदि सेवाएँ प्रदान की जाती है । ऐसे खाते में चेक, ड्राफ्ट और नकद रकम जमा कराते है । ऐसे खाते में से चेक अथवा रुपया निकालने की चिट्ठी (Drawing Slip) द्वारा रकम निकाल सकते है । बैंक ऐसे खातेदार को न्यूनतम रकम जमा रखने हेतु बाध्य कर सकती है । इस प्रकार के खाते में सामान्यतः एक महिने में रुपया निकालने हेतु किये गये व्यवहारों की संख्या मर्यादित होती है । इस तरह का खाता व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के संयुक्त नाम से खुलवा सकते हैं । जिसमें वारसदार की नियुक्ति की जा सकती है । बचत खाता द्वारा बैंक को बड़े पैमाने में रकम मिल जाती है । (2) चालू खाता (Current Account) : यह खाता व्यक्ति अथवा धन्धाकीय इकाई के नाम से खुलवा सकते है । ऐसे खाते में सामान्यतः कोई ब्याज दिया नहीं जाता है । लेकिन बैंक द्वारा बैंक चार्जिस वसूल कर सकती है । ऐसे खाताधारकों को ऋण (Loan) की सुविधाएँ भी दी जा सकती है । ऐसे खाते में रुपया जमा करने में अथवा निकालने की संख्या पर कोई मर्यादा रखी नहीं जाती । ऐसा खाता सामान्यत: व्यापारी अथवा धन्धार्थी खुलवाते है । (3) रिकरिंग खाता : इस तरह का खाता बचत के उद्देश्य से खुलवाया जाता है कि जिसमें प्रति महिने निश्चित समय पर निश्चित रकम जमा करानी पड़ती है । ऐसे खाते में ब्याज की दर बचत खाते से अधिक तथा सावधि जमा योजना (Fixed Deposit) खाते से प्रमाण में कम होती है । इस खाते में समय सीमा पूर्ण होने पर बैंक द्वारा ब्याज सहित रकम चुकाई जाती है । (4) सावधि (निश्चित अवधि) जमा योजना खाता (Fixed Deposit Account) : बैंकों के लिए निश्चित समय बचत की रकम उपयोग कर सकें ऐसा स्त्रोत अर्थात सावधि जमा योजना खाता । इसमें बैंक तथा बचतकर्ता के मध्य पूर्व निर्धारित किये गए समय तक बचतकर्ता रकम नहीं उठा सकते । यदि परिपक्व समय से पहले रकम उठाई जाये तो ब्याज की दर कम/घट जाती है । समय पूर्ण होते ही ब्याज सहित रकम बैंक वापस चुकाई जायेगी ऐसा लिखित विश्वास/गारन्टी दी जाती है । ऐसी रकम निश्चित समय तक नहीं उठा सकते होने से बचत खाता व रीकरिंग खाते के प्रमाण में अधिक ब्याज मिलता है । |
|
| 12. |
खातेदार सम्बन्धित बैंक की शाखा का नहीं, बल्कि बैंक का खातेदार है । – यह विधान समझाइए । |
|
Answer» उपरोक्त विधान सत्य है । क्योंकि वर्तमान समय में विभिन्न बैंक वर्तमान व्यवस्थाओं के अन्तर्गत जुड़ सकती है । एक ही बैंक समग्र विश्व में स्थित बैंक से जुड़ सकती है । बैंक के केन्द्रियकृत सर्वर में उस बैंक की समस्त शाखाएँ व सभी खातेदारों की माहिती उपलब्ध होती है । किसी भी शाखा का खातेदार उनके खाते का व्यवहार उसी बैंक की किसी भी शाखा में से कर सकता है । खातेदार किसी भी शाखा में अपने खाते में नकद, चेक, ड्राफ्ट इत्यादि जमा कर सकते है तथा रकम निकाल भी सकते हैं व अन्य कई व्यवहार भी कर सकते हैं । इसलिए कहा जा सकता हैं कि खातेदार सम्बन्धित बैंक की शाखा का नहीं, बल्कि बैंक का खातेदार है । |
|
| 13. |
RBI की स्थापना तथा इसका राष्ट्रीयकरण कब हुआ था ? |
|
Answer» Reserve Bank of India की स्थापना सन् 1935 में तथा राष्ट्रीयकरण सन् 1949 में हुआ । |
|
| 14. |
भारतीय जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण कब हुआ था ? |
|
Answer» 19 जनवरी, 1956 के आदेशानुसार जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण हुआ । |
|
| 15. |
बीमा नियमन और विकास सत्ता/अधिकार (IRDA) के बारे में समझाइए । |
|
Answer» बीमा नियमन और विकास सत्ता – IRDA – Insurance Regulatory and Development Authority यह संस्था भारत की सर्वोच्च, स्वायत्त कानूनन संस्था है जो कि बीमा क्षेत्र का नियमन और विकास का कार्य सम्भालती है । IRDA Act, सन 1999 द्वारा निजी बीमा कम्पनियों के लिए बीमा क्षेत्र के द्वार अथवा रास्ता खोले गए तथा निजी बीमा कम्पनियों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI – Foreign Direct Investment) 26% तक की मर्यादा में करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई थी । जो कि सन् 2015 में बढ़ाकर 49% तक की गई है । इस तरह विदेशी बीमा कम्पनियाँ भारतीय बीमा कम्पनियों में प्रत्यक्ष रूप से 49% पूँजी निवेश कर सकती है । IRDA के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है :
|
|
| 16. |
सामान्य बीमा के प्रकार बताकर किन्हीं दो प्रकार के बारे में समझाइए । |
|
Answer» सामान्य बीमा (General Insurance) : जिन्दगी के अलावा अन्य चीज-वस्तुओं, माल-सामान, सम्पत्ति, वाहन, शिक्षा, शादी-विवाह, आदि प्रसंग में रकम मिले ऐसा बीमा, इनके अलावा लाभ-हानि का बीमा, शान का बीमा, तीसरे पक्ष का बीमा, धोखा-धड़ी के विरुद्ध का बीमा इत्यादि अनेक बीमे सामान्य बीमा निगम अथवा इनकी शाखाओं में उतरवाये जाते हैं । ऐसे बीमे में ‘बीमा के चारों’ सिद्धान्त प्रायः लागू पड़ते हैं । इनमें निम्न बीमों का उल्लेख किया गया है । सामान्य बीमा के तीन प्रकार है : (1) माल के हेर-फेर का बीमा (1) माल के हेर-फेर का बीमा (Transpotation) : ऐसा बीमा माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने तथा लाने में जोखिम तथा नुकसान की संभावना के सामने रक्षण हेतु लिया जानेवाला बीमा है जिसमें इत्यादि बीमे माल का परिवहन पूर्ण हो वहाँ तक निर्धारित समय तक माल को किसी भी प्रकार से नुकसान हो तो इसकी सुरक्षा के बदले में बीमाधारक द्वारा आवश्यक प्रीमियम भरने की शर्त पर किया गया करार माल के हेर-फेर का बीमा कहलाता है । (i) समुद्री बीमा (Marine Insurance) : समुद्री मार्ग के माध्यम से परिवहन काफी सस्ता, जोखिमपूर्ण, विलम्बकारी होता है । वर्तमान में विदेश-व्यापार का अधिकांश भाग (लगभग 90%) समुद्री मार्ग द्वारा होता है । समुद्री मार्ग से व्यापार के दौरान माल की चोरी हो जाना, माल का लूटा जाना, माल में आग लग जाना, माल का बदल जाना अथवा खराब हो जाना इत्यादि अनेक जोखिम रहते हैं । ऐसे जोखिमों के सामने रक्षण हेतु बीमा लिया जाता है । करार के अनुसार बीमाधारक निश्चित प्रीमियम के बदले में बीमा कम्पनी से नि समुद्री जोखिम होने पर या नुकसान होने पर आर्थिक क्षतिपूर्ति का वचन लेता है । समुद्री बीमे की विभिन्न तरह की पोलिसी होती हैं, जैसे – मूल्यांकित पॉलिसी, अमूल्यांकित पॉलिसी, सफर पॉलिसी, सफर एवं समय पॉलिसी, बन्दरगाह पॉलिसी इत्यादि । बीमे के चारों सिद्धान्त इसमें भी लागू पड़ते हैं। समद्री बीमा के क्षेत्र में लॉइडज ऑफ लन्दन नाम की संस्था ने सर्वप्रथम बीमे की शुरूआत की । लॉइड्रज संस्था का कार्य ई.स. 1688 में एडवर्ड लॉइज द्वारा संचालित “लॉइड्रज ऑफ लन्दन” काफी हाऊस में हुआ था । इस संस्था ने 300 वर्ष से भी अधिक समय से अपनी विश्वसनीयता बनाकर रखी है । (ii) हवाई बीमा (Air Insurance) : हवाई मार्ग द्वारा माल भेजने का प्रारम्भ हुआ तभी से हवाई बीमा आरंभ हुआ । हवाई परिवहन में अधिक कीमत तथा कम वजनवाली वस्तुओं का लेन-देन किया जाता है । सड़क-परिवहन, समुद्री परिवहन की तुलना में हवाई परिवहन के बीमे का प्रीमियम दर अधिक (ऊँचा) होता है । (iii) रेल तथा सड़क परिवहन का बीमा (Railway & Road Insurance) : रेल एवं सड़क परिवहन द्वारा माल-सामान के परिवहन में माल के नुकसान होने का, खराब होने अथवा माल के बदल जाने का भय बना रहता है । ऐसे सम्भावित जोखिमों के सामने रक्षण प्राप्त करने हेतु ऐसा बीमा सुरक्षा प्रदान करता है । (2) आग का बीमा (Fire Insurance) : धन्धाकीय एवं निजी माल-सामान व सम्पत्ति में आग से होनेवाले नुकसान के सामने रक्षण प्रदान करने हेतु ऐसा बीमा उतरवाया जाता है । इसकी अवधि प्राय: 1 वर्ष की होती है । आग के बीमे में बीमा योग्य हित के सिद्धान्त का आग्रहपूर्वक पालन किया जाता है । आग लगने के कारण की पूरी तरह जाँच की जाती है । यदि बीमा धारक ने स्वयं जान बूझकर आग लगाई होगी तो बीमा कम्पनी मुआवजा नहीं देगी । बीमा धारक को आग से सम्बन्धित सावधानी बरतनी होती है । इसमें निश्चित पॉलिसी, मूल्यांकित पॉलिसी, लाभ-हानि की पॉलिसियों का समावेश होता है । इनके अलावा वर्तमान समय में भूकंप, लूटफाट, चोरी, दुर्घटना, युद्ध जैसे अवसरों पर नुकसान के सामने रक्षण प्राप्त करने के लिए बीमा लिया जाता है । (3) अन्य सामान्य बीमा (Other General Insurance) : बीमा व्यापार में नवीनता आने से बीमे का यह बहुत ही नया प्रकार अस्तित्व में आया है जिसमें शादी-विवाह, शिक्षा इत्यादि जैसे प्रसंगों पर रकम मिल सके, ऐसे उद्देश्य से बचत को अधिक प्रोत्साहन मिलता है । जैसे नर्तकी का पाँव, उसकी आय का सबसे अधिक महत्त्व का अंग होता है । उसको इस प्रकार का कोई भी जोखिम हो ऐसे अंग-प्रत्यंगों का बीमा, वाहन से अन्य तीसरे पक्षकार को नुकसान पहुँचे इस हेतु तीसरे पक्षकार का बीमा, कर्मचारी दुर्घटना बीमा, धन्धा बन्द रहने से लाभ के स्थान नुकसान का बीमा, कर्मचारीयों द्वारा धोखाधड़ी के लिए मालिकों को होनेवाला नुकसान का बीमा आदि । (4) स्वास्थ्य का बीमा (Mediclaim Insurance) : किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है । जब व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो जाय तो उसे बहुत बड़े पैमाने पर खर्च करना पड़ता है । अतः ऐसा बीमा लेनेवाले व्यक्ति निश्चित शर्त के अधीन बीमा कम्पनी से बीमारी के खर्च के सन्दर्भ में करार करते हैं, जिसके बदले में बीमाधारक को आवश्यक प्रीमियम भरना पड़ता है । यह पॉलिसी सामान्य रूप से प्रतिवर्ष नया प्रीमियम भर कर नवीनीकृत करवाना पड़ता है । इसमें जो प्रीमियम की रकम भरी जाती है वह रकम आयकर (Income Tax) की दृष्टि से लाभप्रद होती है । |
|
| 17. |
अन्तर स्पष्ट कीजिए :जीवन बीमा एवं सामान्य बीमा. |
||||||||||||||||||||
Answer»
|
|||||||||||||||||||||
| 18. |
बीमा योग्य हित के तीन उदाहरण दीजिए । |
|
Answer» बीमा योग्य हित के उदाहरण स्वरुप एक गोदाम के लिए :
|
|
| 19. |
सामान्य बीमा की व्याख्या दीजिए । |
|
Answer» सामान्य बीमा अर्थात् ऐसा बीमा जो माल-सामान, सम्पत्तियों आदि के सन्दर्भ में जो बीमा लिया जाता है, उन्हें सामान्य बीमा कहते हैं । इनकी अवधि एक वर्ष की होती है तथा इनमें बीमे के चारों सिद्धान्त लागू पड़ते है । |
|
| 20. |
जीवन-बीमा दुर्घटना को तो नहीं टाल सकता है किन्तु दुर्घटना से होनेवाली क्षति की पूर्ति करता है । इसकी समीक्षा कीजिए । |
|
Answer» जीवन-बीमा व्यक्ति की जिन्दगी के साथ जुड़ा हुआ है । जीवन-बीमा में जोखिम निश्चित होता है । केवल जोखिम का समय निश्चित नहीं होता है । व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसके वारिसदारों को जो आर्थिक मुश्किल का सामना करना पड़ता है, बीमा कंपनी उसके सामने रक्षण प्रदान करती है । पॉलिसी की पूर्वनिर्धारित रकम व्यक्ति की मृत्यु के बाद या पॉलिसी की अवधि पूरी होने पर बीमेदार के वारिसदारों को कंपनी भुगतान कर देती है । इसलिए वारिसदारों को आर्थिक मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ता है । इसलिए ऐसा . कहते हैं कि जीवन-बीमा दुर्घटना को तो नहीं टाल सकता किन्तु दुर्घटना से होनेवाली क्षति की पूर्ति अवश्य करता है । |
|
| 21. |
संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए :RTGS. |
|
Answer» RTGS : Real Time Gross Settlement रीयल टाईम ग्रोस सेटलमेंट । RTGS सदस्य बैंक में से रुपया भारत देश की अन्य कोई भी RTGS सदस्यता प्राप्त बैंक में परिवर्तन करने की पद्धति को RTGS कहते हैं । RTGS सदस्यता प्राप्त समस्त बैंकों की पहचान IFSC कोड से होती है । जो ग्यारह डीजिट का आल्फा न्युमेरीक स्वरूप में होता है । IFSC कोड IDRBT (Institute for Development and Research on Banking Technology) हैदराबाद द्वारा वितरित किया जाता है । रीयल टाईम ग्रोस सेटलमेंट यह भारत की कोई भी बैंक में से भारत की अन्य बैंक में रुपयों के हस्तांतरण करने की पद्धति है । इस पद्धति में रीयल टाईम उसी समय तथा ग्रोस सेटलमेंट अर्थात् व्यवहार के अनुसार जमा तथा उधार हो उसे RTGS कहते हैं । इस पद्धति में रुपयों का नकद व्यवहार नहीं किया जाता । इसलिए ग्राहक तथा लाभार्थी दोनों के बैंक में खाता होना जरूरी है । दोनों बैंक के पास IFSC (Indian Financial System Code) कोड होना जरूरी है । RBI द्वारा RTGS पद्धति में दो लाख या उससे अधिक रकम जमा करने की सेवा दी जाती है । इस पद्धति में जिस दिन रकम जमा कराने की सूचना ग्राहक की ओर दी जाये तब उसी दिन रकम ग्राहक के खाते में उधार करके (Debit) दर्शाये गये व्यक्ति के खाते में जमा कर दी जाती है । इस पद्धति में रुपया भेजनेवाले ग्राहक के पास से कमीशन लिया जाता है । लेकिन Inward RTGS अर्थात् कि रुपया प्राप्तकर्ता लाभार्थी के पास से किसी भी प्रकार का कमीशन नहीं लिया जाता । |
|
| 22. |
संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए :कोल मनी. |
|
Answer» बैंक का एक कार्य होता हैं बैंकों – बैंकों के मध्य व्यवहारों का है । प्रत्येक बैंक को कई बार बहुत ही कम समय अर्थात् 24 घण्टे अथवा इससे भी कम समय के लिए पूँजी की आवश्यकता पड़ती रहती है । ऐसी स्थिति में अन्य बैंक में अनउपयोगी (बिना उपयोग के पड़ी हुई पूँजी) पूँजी पड़ी हुई होती है, तो तुरन्त ही जरूरतमन्द बैंक को यह रकम दी जाती है । यह व्यवस्था मध्यस्थ बैंक द्वारा नियुक्त ऐजेन्सी द्वारा की जाती है । इस तरह रुपयों का आदानप्रदान की प्रक्रिया मध्यस्थ बैंक द्वारा होती है । इस तरह रुपयों के लेनदेन करनेवाली बैंक एकदूसरे के सम्पर्क में नहीं आती । इस तरह बैंकों की समस्या का निवारण हो जाता है । इस तरह जो रकम मांगी जाये तब तुरन्त मिल जाये तो ‘Call Money’ कहा जाता है । इस तरह प्राप्त रकम पर ब्याज चुकाना पड़ता है । यह ब्याज की दर बाजार में पूँजी की मांग के आधार पर निश्चित होती है । यह ब्याज की दर बाजार में मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती है । जिसे Call money Rate के रूप में पहचाना जाता है । |
|
| 23. |
ई-बैंकिंग में होनेवाले अमौद्रिक व्यवहार के दो उदाहरण दीजिए । |
|
Answer» ई-बैंकिंग के व्यवहारों में मौद्रिक व्यवहार नहीं होते, लेकिन खातेदार बैंक में से अपने खाते.का स्टेटमेंट प्राप्त करना, चेकबुक रिकवेस्ट, PIN चेन्ज, स्टोप पेमेन्ट रिक्वेस्ट आदि अमौद्रिक व्यवहार करते है । |
|
| 24. |
गोदाम की सेवा माल की आपूर्ति को नियमित बनाता है । |
|
Answer» यह विधान सही है । उत्पन्न हुआ माल बड़े-बड़े व्यापारी केन्द्रों में भर कर रखा जाता है । जहाँ से आस-पास के विस्तारों को आवश्यकतानुसार माल की आपूर्ति कराई जा सकती है । मौसमी माल गोदाम में संग्रह करके बारहों मास उसकी आपूर्ति की जा सकती हैं तथा बारहों मास उत्पादित होनेवाले माल को गोदाम में संग्रह करके माँग उपस्थित होने पर उसकी आपूर्ति कराई जा सकती है । गोदाम में से माल अधिकतावाले प्रदेश से कमीवाले प्रदेश में पहुँचा सकते है तथा माल की अधिकता के समय संग्रह करके कमी के समय उपलब्ध करा सकते हैं । इस प्रकार गोदाम की सेवा माल की आपूर्ति को नियमित बनाता है । |
|
| 25. |
संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए :कोर-बैंकिंग (Core Banking). |
|
Answer» कोर-बैंकिंग में Core अर्थात Centralized Online Real-time Exchange बैंक की यह व्यवस्था में एक ही बैंक की समग्र विश्व में स्थित समस्त शाखाएँ जुड़ सकती है । बैंक के केन्द्रियकृत सर्वर में उस बैंक की समस्त शाखाओं के सभी खातेदारों के खातों की माहिती उपलब्ध होती है । बैंक के किसी भी खातेदार के व्यवहार की Entry रीयल टाईम में यह केन्द्रियकृत सर्वर में रजिस्टर्ड अथवा Entry हो जाती है । इस केन्द्रियकृत सर्वर में हुए व्यवहार के हेरफेर की Entry इस बैंक की सभी शाखाओं में देख सकते है । किसी भी शाखा का खातेदार उनके खाते में व्यवहार इस बैंक की किसी भी शाखा में से कर सकते है । खातेदार किसी भी शाखा में अपने खाते में नकद, चेक, ड्राफ्ट जमा कर सकता है, तथा निकाल भी सकता है तथा अन्य व्यवहार भी कर सकता है । इस प्रकार खातेदार शाखा का नहीं बल्कि बैंक का खातेदार बनता है । यह प्रक्रिया बैंक तथा ग्राहक दोनों के कार्य के समय व खर्च में कमी करता है । |
|
| 26. |
व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके वारिसदार को बीमा कम्पनी निश्चित रकम देने का वचन देती है, ऐसा करार अर्थात् ……………………(A) मियादी बीमा(B) सामान्य बीमा(C) आजीवन बीमा(D) तीसरे पक्षकार का बीमा |
|
Answer» सही विकल्प है (C) आजीवन बीमा |
|
| 27. |
जीवन बीमा में क्षतिपूर्ति का सिद्धांत लागू क्यों नहीं होता ? |
|
Answer» क्षतिपूर्ति के सिद्धांत के अनुसार बीमा कंपनी मात्र जोखिम से होनेवाले नुकसान की भरपाई करती है । जीवन बीमा में बीमेदार की मृत्यु से या अमुक उम्र पूरी होने पर उससे होनेवाला नुकसान द्रव्य में नहीं नाप सकते हैं । व्यक्ति की मृत्यु से उसके परिवारवालों को कितना आर्थिक नुकसान हुआ इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है । इसलिए जीवन बीमा में क्षतिपूर्ति का सिद्धांत लागू नहीं होता । |
|
| 28. |
जीवन बीमा के प्रकार बताइए । |
|
Answer» दो प्रकार है :
|
|
| 29. |
तीसरे पक्षकार के प्रति बीमा से आप क्या समझते है ? |
|
Answer» वाहनों के उपयोग से दूसरों (अन्य) को होनेवाले नुकसान के सामने दिये जानेवाले मुआवजे को तीसरे पक्षकार का बीमा कहते हैं । |
|
| 30. |
बीमा का करार यह सामान्य करार नहीं । किसलिए ? |
|
Answer» बीमा का करार यह दो पक्षकारों के मध्य विशिष्ट करार है । जिससे उनमें सामान्य करार के सिद्धान्तों के अलावा अन्य सि भी लागू पड़ते है। |
|
| 31. |
बैंक का अर्थ बताइए । |
|
Answer» बैंक अर्थात् माँगे जाने पर तुरन्त ही अथवा निर्धारित समय के अन्त में वापस करने की शर्त पर निवेश करने के उद्देश्य से बचत एकत्रित करनेवाली संस्था को बैंक कहते हैं । |
|
| 32. |
जीवन बीमा के प्रकार बताकर उनके बारे में संक्षिप्त में समझाइए । |
|
Answer» जीवन बीमा (Life Insurance) : किसी भी व्यक्ति की मृत्यु तो निश्चित होती है, लेकिन मृत्यु कब होगी ऐसी अनिश्चितता हमेशा बनी रहती है । ऐसी अनिश्चितता के सामने बीमा उतरवाया जाता है । जिन्दगी के बीमा-करार में बीमाधारक नियमित प्रीमियम भरता रहता है, उसके बदले में बीमा कम्पनी व्यक्ति की मृत्यु होने पर या मृत्यु से पूर्व बीमे की अवधि पूरी होने पर बीमे की निश्चित रकम चुकाने की गारन्टी देती है । ऐसे बीमे दो प्रकार के होते हैं । जीवन बीमा के दो प्रकार है : (1) आजीवन बीमा (Whole Life Insurance) (1) आजीवन बीमा (Wholelife Insurance) : बीमा उतरवानेवाले (बीमेदार) व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उनके वारिसदार (उत्तराधिकारी) को रकम चुकाने का बीमा कम्पनी वचन देती है । ऐसे करार को आजीवन-बीमा का करार कहते हैं । इस करार के बदले जो प्रीमियम तय हुआ है वह रकम निश्चित समय पर आजीवन भरनी पड़ती है । इस बीमे में क्षतिपूर्ति का सिद्धान्त एवं अधिकार-परिवर्तन का सिद्धान्त लागू नहीं पड़ता है । ऐसी पॉलिसियों पर प्रीमियम एक निश्चित समय तक जैसे 20 वर्ष या 30 वर्ष तक दिया जायेगा और उसके पश्चात् प्रीमियम देना बन्द कर दिया जायेगा, लेकिन बीमा पॉलिसी जीवनपर्यन्त चलती रहेगी । दूसरे अर्थ में यदि प्रीमियम का भुगतान पूरे जीवन होना है तो इसे आजीवन पॉलिसी कहेंगे । (2) मियादी बीमा (Endowment Policy) : किसी व्यक्ति की निश्चित की हुई उम्र हो, तब उस व्यक्ति को अथवा तय किये गये वर्ष से पूर्व यदि उसकी मृत्यु होती है तो उनके उत्तराधिकारी को निश्चित की गई राशि (रकम) बीमा कम्पनी चुकाने की गारन्टी देती है । ऐसे करार को मियादी बीमा कहते हैं । ऐसे करार के बदले में बीमाधारक को निश्चित प्रीमियम, निश्चित समय तक करार पूर्ण हो तब तक भरना पड़ता है । जो समय तय हुआ है तब तक यदि बीमाधारक जीवित है, तो उसे पूर्ण रकम मिलती है । ऐसे बीमे से जोखिम मुआवजा तथा बचत करने की आदत बनती है । |
|
| 33. |
डाक सेवाओं के बारे में विस्तार से समझाइए । |
|
Answer» भारतीय अर्थतंत्र में लिखित सूचना संचार में डाक सेवाओं का विशेष महत्त्व हैं । डाक विभाग 150 से भी अधिक वर्षों से भारतीय डाक विभाग देश में सूचना संचार की सेवा प्रदान करनेवाला महत्त्वपूर्ण विभाग है । डाक विभाग डाक के अलावा बहुत सी सेवाएँ । मनीऑर्डर, छोटी बचत योजनाओं में बचत का स्वीकार, डाक जीवन बीमा व ग्रामीण जीवन बीमा जैसी बीमा की सेवाएँ प्रदान करते . इसके उपरान्त दूसरी अनेक बहुत-सी सेवाएँ म्युच्युअल फण्ड में निवेश, भारत सरकार की बहुत सी योजनाओं के लिए प्रतिनिधि A/D की सेवा देते है । डाक विभाग के 1,50,000 से भी अधिक पोस्ट ऑफिस भारत में है । जिसमें से लगभग 90% जितनी पोस्ट ऑफिस ग्रामीण विस्तारों में स्थित है । भारतीय डाक विभाग की ओर से निम्नलिखित सेवाएँ प्रदान की जाती है । (1) सामान्य डाक पत्र : जो सूचनाएँ भेजनी हो वह पत्र, अन्तर्देशीय पत्र, लिफाफा के स्वरूप में भेज सकते है । (2) पंजिकृत डाक-रजिस्टर्ड पोस्ट : डाक विभाग रजिस्टर्ड पोस्ट की सेवा देती है । ऐसी पोस्ट जिन्हें भेजी जाय तथा उन्हें डिलीवरी (सुपुर्दगी) की जाती है । ऐसी सेवा में सामान्य डाक से अधिक मूल्य चुकाया जाता है । यदि जिन्हें डाक भेजी है व प्राप्त हो गई है उसका प्रमाण के रूप में उनकी सही चाहिए तो स्वीकृति (Acknowledgement) रसीद भी लगाई जाती है, जिसके लिए भी अतिरिक्त रकम चुकाई जाती हैं । जिन्हें संक्षिप्त में A/D कहा जाता है । (3) पार्सल सेवाएँ : जो वस्तुएँ कानूनी रूप से वैद्य (Legal) हो उनको पार्सल द्वारा डाक विभाग से भेज सकते है । पार्सल की फीस डाक विभाग में भरनी पड़ती है । आवश्यकतानुसार ऐसे पार्सल का बीमा भी लिया जा सकता है । वेल्यु पे-एबल पोस्ट (V.P.P.) उत्पादक या व्यापारी ग्राहक के ऑर्डर के अनुसार पार्सल से डाक विभाग द्वारा माल भेजा जाता है । जब माल ग्राहक को मिलता है तब पार्सल सेवा का मूल्य तथा माल की निश्चित की गई कीमत/मूल्य का भुगतान डाक विभाग को किया जाता है । डाक विभाग उपरोक्त रकम उत्पादक अथवा व्यापारी को चुकाते है ।। (4) स्पीड पोस्ट/पार्सल : डाक विभाग भारत में निश्चित किये गए स्थानों के लिए तीव्र डाक अथवा पार्सल सेवा निश्चित समयमर्यादा . में डिलीवरी हो जायेगी ऐसे विश्वास के साथ स्वीकारती है । यह सेवा में सामान्य डाक अथवा पार्सल से अधिक मूल्य चुकाया जाता है । इनमें भी आवश्यकतानुसार बीमा लिया जा सकता है । (5) एक्सप्रेस पार्सल : यह सेवा व्यक्तियों और धन्धाकीय इकाइयों दोनों के लिए उपयोगी है । ऐसा पार्सल निश्चित समय मर्यादा में बहुत ही तेजी से पहुँचाया जाता है । डाक विभाग इसके लिए हवाई मार्ग अथवा अन्य सबसे तीव्र माध्यम द्वारा भेजते है । इसमें स्पीड पार्सल से भी अधिक रकम चुकाई जाती है । (6) बचत सेवाएँ : डाक विभाग बैंक की तरह बचत कर्ताओं को विभिन्न प्रकार की सेवाएँ प्रदान करता है । बचत खाता, 5 वर्षीय रिकरिंग डिपोजिट, समय आधारित बचत, मासिक आय योजना, वयस्क नागरिकों के लिए बचत योजनाएँ, 15 वर्षीय सार्वजनिक भविष्यनिधि, राष्ट्रीय बचत पत्र, 5 वर्ष और 10 वर्ष के समयकाल के लिए किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि खाता जैसी सेवाएँ भी प्रदान की जाती है । बैंक की तरह ही पोस्ट ऑफिस में बचत खाता खोल सकते है, जिसके लिए चेकबुक भी मिलती है तथा अब ATM कार्ड की सुविधा भी मिलती है । (7) रिकरींग डिपोजिट/जमा योजना : ऐसे खाते में प्रत्येक महिने की पूर्व निर्धारित तारीख पर अथवा इससे पहले निश्चित की गई रकम भरनी होती है । पाँच वर्ष पर परिपक्व तारीख पर ब्याज सहित रकम खाता धारक को वापस मिलती है । पाँच वर्ष के बाद आवश्यकता हो तो दूसरे 5 वर्ष के लिए इस खाते की अवधि को आगे बढ़ाया जा सकता है । (8) टाईम डिपोजिट : टाईम डिपोजिट 1, 2, 3 अथवा 5 वर्ष के लिए 200 रु. अथवा इसके गुणांक में चाहे उतनी रकम रख सकते है । ब्याज की गणना प्रति तीन महिने पर की जाती है, लेकिन ब्याज का भुगतान वार्षिक स्तर पर किया जाता है । एक पोस्ट ऑफिस में से दूसरे पोस्ट ऑफिस में खाते को स्थानान्तर किया जा सकता है । ऐसा खाता खुलवाने के बाद परिपक्व तारीख से पहले कभी भी बन्द करा सकते है । (9) राष्ट्रीय बचत पत्र : ऐसे बचतकर्ता सम्बन्धित पोस्ट ऑफिस में से निश्चित की गई रकम के लिए खरीदना होता है । ऐसे बचतपत्र का समयकाल 5 वर्ष अथवा 10 वर्ष के लिए होता है । डाक विभाग पहले ही ब्याज दर की जानकारी देते है । ऐसे बचतपत्र का 5 अथवा 10 वर्ष का समयकाल पूर्ण होते ही आवश्यक प्रक्रिया करके किसी भी पोस्ट ऑफिस में से परिपक्वता की रकम प्राप्त कर सकते है । (10) किसान विकास पत्र : किसान विकास पत्र में निवेशकर्ता निवेश की गई रकम को 100 महिना (8 वर्ष और 4 महिना) के पश्चात ब्याज सहित दो गुणा करके चुकाया जाता है । किसान विकास पत्र निश्चित रकम के लिए ही मिल सकती है और परिपक्व तारीख पर आवश्यक प्रक्रिया करके किसी भी पोस्ट में से मूल रकम की दो गुणा रकम प्राप्त कर सकते है । (11) सार्वजनिक भविष्य निधि (Public Provident Fund) : ऐसी भविष्य निधि में कोई भी खाता खुलवा सकते है । ऐसे खाता का समय 15 वर्ष का होता है । ऐसे खाते में वार्षिक स्तर में कम से कम 500 रु. भर सकते है । इनका विस्तृत विवरण स्वाध्याय 3 का 4 प्रश्न में देखिए । (12) पोस्टल बीमा : भारत में स्वतंत्रता के पहले कल्याण योजना के रूप में पोस्टल बीमा का आरम्भ हुआ था । केन्द्र अथवा राज्य सरकार के कर्मचारी के उपरान्त अर्द्ध सरकारी संस्था के कर्मचारियों को यह सेवा मिलती है । पोस्टल बीमा में जीवन बीमा की विभिन्न प्रकार की पोलिसीयाँ मिल सकती है । ऐसे बीमे में प्रीमियम कम और बोनस अधिक मिलता है । (13) मासिक आवक योजना (MIS – Monthly Income Scheme) : ऐसी योजना जिसमें निवेशकर्ता को प्रति मास ब्याज की कम मिल सके इसके लिए यह योजना उपयोगी है । इस योजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत रूप से अथवा अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त नाम से खाता खुलवा सकते है । यह खाता 5 वर्ष के लिए खुलवाया जाता है । आवश्यकतानुसार यह खाता एक पोस्ट ऑफिस में से दूसरे पोस्ट ऑफिस परिवर्तित करा सकते है । आवश्यकता लगे तो एक वर्ष के बाद कई शर्तों के आधिन निवेश की रकम वापस प्राप्त कर सकते हैं । (14) मनीऑर्डर (Money Order) : मनीऑर्डर यह पोस्ट ऑफिस द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर रुपया भेजने की व्यवस्था है । इस सेवा के लिए पोस्ट ऑफिस को कमीशन चुकाना पड़ता है । जिस व्यक्ति को रुपये भेजे जाते है उस व्यक्ति को रुपये प्राप्त हो गए है उसकी रसीद पर सही ली जाती है, जो रुपया भेजनेवाले को भेज दी जाती है । डाक विभाग द्वारा On Line Technology के उपयोग से इन्स्टन्ट मनीऑर्डर (IMO – Instant Money Order) सेवा आरम्भ की गई है । जिसके द्वारा 1000 रुपये से 50,000 रुपया तक की रकम भारत में किसी भी स्थान एक ही दिन में प्राप्त किये जा सकते डाक विभाग द्वारा ई-मनीऑर्डर EMO की सेवा आरम्भ की गई है । यह सेवा अमुक पोस्ट ऑफिस में ही मिल सकती है । ईमनीऑर्डर की रकम दूसरे ही दिन सम्बन्धित पते पर मिल सकती है । ई-मनीऑर्डर द्वारा 1 रु. से 5000 रु. भेज सकते है । यह रकम भेजने के लिए डाक विभाग वेब सर्विस और उनके कम्प्यूटर नेटवर्क का उपयोग करते हैं । इसमें रकम 24 घण्टे में व्यक्ति को उनके पते पर चुकायी जाती है । रकम प्राप्त करते समय फोटो प्रूफ (ID) पेश करना पड़ता है । (15) अन्य आनुषांगिक सेवाएँ : डाक विभाग द्वारा दूसरी अनेक सेवाएँ प्रदान की जाती है । जैसे कि विदेशी चलन का क्रय-विक्रय, विदेशी चलन में ट्रावेलर्स चेक, विदेशी चलन में पहले से संग्रहित रकम का कार्ड (डेबिट कार्ड), विदेशी चलन में ड्राफ्ट, म्युच्युअल फण्ड में निवेश, भारत सरकार की अनेक योजनाओं के एजेन्ट के रूप में सेवा, बैंकिंग की सेवा, पेन्शनरों को उनके बचत खाते में पेन्शन का भुगतान, रेलवे की टिकिट बुकिंग इत्यादि सेवाएँ डाक विभाग द्वारा दी जाती है । डाक विभाग भारत सरकार की मालिकी है । जिसका पूरा नाम भारतीय डाक व तार विभाग है । इस विभाग की सेवा में अधिक विश्वास आम जनता का होता है । |
|
| 34. |
बीमा का निजीकरण (Privatisation of Insurance) के बारे में समझाइए । |
|
Answer» भारत में बीमा का आरम्भ निजी क्षेत्र से हुआ था । भारत में अंग्रेजों के शासनकाल में ब्रिटीश आदेश से बहुत सी विदेशी बीमा कम्पनियों ने भी बीमा कार्य का आरम्भ किया । ऐसी कम्पनियों द्वारा अयोग्य व्यापारी रीति-रिवाजों के आक्षेपों के कारण 19 जनवरी, सन 1956 के दिन आदेश पारित करके जीवन बीमा के धन्धे का राष्ट्रीयकरण किया गया और भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) की स्थापना हुई । इस प्रकार जीवन बीमा के क्षेत्र में भारतीय जीवन बीमा निगम का एक प्रकार से एकाधिकार की शरुआत हुई। सामान्य बीमा की शरूआत भारत में ब्रिटीश शासकों द्वारा हुई थी । सामान्य बीमा पर भी समयान्तर नियंत्रण रखते गये, जो कि स्वतंत्रता के पश्चात् भी चालू रहे । सन् 1972 में सामान्य बीमा व्यापार (राष्ट्रीयकरण) कानून द्वारा 1 जनवरी, 1973 से सभी सामान्य बीमा कम्पनियों का राष्ट्रीयकरण किया गया । बीमा क्षेत्र की कामगीरी की समीक्षा के लिए एक समिति की रचना की गई । जिसके अहेवाल (Report) के कारण भारत सरकार ने विदेशी बीमा कम्पनियों ने भारतीय कम्पनियों के साथ सहयोग में बीमा का धन्धा करने की व्यवस्था की गई तथा सन् 1999 में बीमा नियमन और विकास सत्ता (IRDA) की स्थापना की गई । |
|
| 35. |
परिवहन/वाहनव्यवहार का सबसे तेज माध्यम बताइए । |
|
Answer» परिवहन के लिए सबसे तेज माध्यम हवाई मार्ग कहलाता है । हवाई मार्ग द्वारा मानव तथा मालसामान को बहुत ही तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक मंगा अथवा भेज सकते है । यह मार्ग सबसे अधिक खर्चीला है । |
|
| 36. |
परिवहन के माध्यम से कौन-सी उपयोगिता बढ़ती है ?(A) समय(B) स्थान(C) स्वरुप(D) इनमें से कोई नहीं |
|
Answer» सही विकल्प है (B) स्थान |
|
| 37. |
इनमें से कौन-से बीमे में जोखिम का तत्त्व अधिक रहता है ?(A) माल हेरफेर का बीमा(B) समुद्री बीमा(C) हवाई बीमा(D) रेलवे-सड़क बीमा |
|
Answer» सही विकल्प है (C) हवाई बीमा |
|
| 38. |
‘जीवन बीमे में रक्षण के साथ बचत का भी समावेश होता है ।’ समझाइए । |
|
Answer» जीवन-बीमे में रक्षण के साथ बचत का भी समावेश होता है, उपरोक्त कथन सत्य है क्योंकि जीवन-बीमे के रूप में जो करार किया जाता है, उस करार के अन्तर्गत अगर मृत्यु हो जाय तो करार के अनुसार आवश्यक रकम बीमा कम्पनी अदा करती है । अगर समयसीमा के दौरान मृत्यु नहीं भी हुई तो बीमे का समय पूरा होने पर बीमे की रकम बोनस सहित बीमा-धारक को दे दी जाती है । तो इस प्रकार एक तरफ बीमे के कारण रक्षण मिलता है, व दूसरी तरफ बीमाधारक की बचत भी हो जाती है । |
|
| 39. |
ई-मनीऑर्डर द्वारा कितने रु. भेज सकते है ? |
|
Answer» ई-मनीऑर्डर द्वारा 1 रु. से 5000 रु. भेज सकते है । |
|
| 40. |
डाक विभाग द्वारा IMO इन्स्टन्ट मनीऑर्डर द्वारा एक दिन में कितनी रकम भेज सकते है ? |
|
Answer» डाक विभाग द्वारा IMO इन्स्टन्ट मनीऑर्डर द्वारा एक दिन में 1000 रु. से 50,000 रु. तक भेज सकते है । |
|
| 41. |
जकात/चुंगी की दृष्टि से गोदाम के प्रकार बताइए । |
|
Answer» जकात/चुंगी की दृष्टि से गोदाम के प्रकार:
|
|
| 42. |
चालू खाता खुलवाना कौन पसन्द करते हैं ? |
|
Answer» जिन व्यापारियों अथवा व्यक्तियों को लेनदेन बार-बार करना पड़ता है, उनके लिए चालू खाता उपयोगी होता है । इससे अधिकांशतः व्यापारी, उद्योगपति, कम्पनियाँ, सार्वजनिक निगम, सरकारी विभाग इत्यादि चालू खाता खुलवाना पसन्द करते हैं । |
|
| 43. |
चेक का अर्थ, व्याख्या और लक्षणों की संक्षेप में चर्चा कीजिए । |
|
Answer» आज चैक के द्वारा रकम का लेन-देन भारतीय उद्योग-धंधे में भी एक सामान्य बात गिनी जाती है । परंतु यह विकास मुश्किल से अंतिम पच्चीस वर्षों का कहलायेगा । इसके पहले चैक के द्वारा द्रव्य के लेन-देन का प्रमाण देश में खूब कम था । परंतु इंग्लैण्ड, अमेरिका और युरोप, के विकसित देशों में चैक ही मुख्य साधन था । सौदा पूर्ण करने का यह एक महत्त्वपूर्ण स्थान बन गया था । इसका कारण स्पष्ट है – एक तो चैक के द्वारा पैसा चुकाने से इसके बारे में हिसाब रखने की आवश्यकता नहीं रहती, बैंक ही चैक के द्वारा हुए लेन-देनों का हिसाब रखते हैं । इतना ही नहीं, परंतु बैंक की नोंध कोर्ट में साक्षी के रूप में भी चल सकती है । निगोशियेबल इन्स्ट्रमेन्ट एक्ट की कलम 6 में “चैक” की व्याख्या निम्न अनुसार दी गई है : “चैक एक विनिमय है, जो निश्चित बैंकर पर लिखा हुआ है और जो माँग होने पर तुरंत चुकाया जाता है तथा अन्य रूप से यह चुकाने के पात्र नहीं है ।” लक्षण : इस व्याख्या से स्पष्ट होता है कि चैक एक प्रकार का विनिमयपत्र है । अर्थात् उसमें विनिमयपत्र के सभी लक्षण तो होने ही चाहिए । जैसे –
|
|
| 44. |
चलन नोट कौन बाहर निकालता है ? । |
|
Answer» प्रत्येक देश का मध्यस्थ बैंक चलन नोट बाहर निकालता है । अपने देश में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया अपने देश का मध्यस्थ बैंक है, जो कि चलन नोट बाहर निकालता है, केवल 1 रु. के नोट भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा बाहर निकाले जाते हैं । |
|
| 45. |
पे-ऑर्डर (Pay-order) अर्थात् क्या ? |
|
Answer» पे-ऑर्डर अर्थात् बैंक द्वारा अपनी देय रकम चुकाने के लिए बैंक द्वारा अपने ही ऊपर जो चैक लिखा जाता है उसे Pay-order कहते हैं । इसमें ड्रोअर – रकम चुकाने का आदेश देनेवाला एवं ड्रोई – रकम चुकानेवाले बैंक की एक ही शाखा होती है । रकम प्राप्त करनेवाला बैंक का लेनदार होता है । |
|
| 46. |
मनी ऑर्डर से कौन-सी सेवा में पोस्टमेन द्वारा रुपये घर पर पहुँचाये नहीं जाते है ?(A) सामान्य मनीऑर्डर(B) ईन्स्टन्ट मनीऑर्डर (IMO)(C) ई-मनीऑर्डर(D) विशेष मनीऑर्डर |
|
Answer» सही विकल्प है (B) ईन्स्टन्ट मनीऑर्डर (IMO) |
|
| 47. |
एक व्यक्ति के मकान की कीमत 10,00,000 रु. है, यदि मकान की पूरी कीमत का बीमा लिया हो । यदि आग से नुकसान मकान को 5,00,000 रु. का हुआ हो तो बीमा कम्पनी कितना मुआवजा देगी ?(A) 1,00,000 रु.(B) 10,00,000 रु.(C) 5,00,000 रु.(D) 15,00,000 रु. |
|
Answer» सही विकल्प है (C) 5,00,000 रु. |
|
| 48. |
एक व्यक्ति के मकान का मूल्य 15,00,000 रु. है, उसने मकान के आधे मूल्य का बीमा उतरवाया है । यदि मकान को आग से 5,00,000 रु. का नुकसान हुआ हो तो बीमा कम्पनी कितने रुपये का मुआवजा देगी ?(A) 5,00,000 रु.(B) 10,00,000 रु.(C) 15,00,000 रु.(D) 2,50,000 रु. |
|
Answer» सही विकल्प है (D) 2,50,000 रु. |
|
| 49. |
बीमा उतरवानेवाले व्यक्ति को निश्चित की गई शर्तों के अनुसार बीमा कम्पनी प्रीमियम के बदले में बीमारी का खर्च दे देती है, जिसे कौन-सा बीमा कहा जाता है ?(A) स्वास्थ्य बीमा(B) मियादी बीमा(C) आजीवन बीमा(D) इनमें से कोई नहीं |
|
Answer» सही विकल्प है (A) स्वास्थ्य बीमा |
|
| 50. |
सामान्य बीमा का कौन-सा प्रकार सबसे पुराना और सर्वव्यापी है (A) माल हेरफेर का बीमा(B) समुद्री बीमा(C) हवाई बीमा(D) रेलवे/सड़क बीमा |
|
Answer» सही विकल्प है (B) समुद्री बीमा |
|