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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

9551.

Write whether the following statements are true or false.1. Boddhayan discovered decimal system.2. The book written by Pandit Sarangdev and Rastratnakar.3. Astronomy is the most ancient science.4. Chemistry is a science of experiments.5. The sage named Grutsmad wrote ‘Kaalganana’.

Answer»

1. False

2. False

3. True

4. True

5. False

9552.

प्राचीन भारत में रसायनविद्या में साधी गयी प्रगति का वर्णन कीजिए ।

Answer»

प्रस्तावना: भारत के बारे में पश्चिमी देशों की आलोचना थी की वह धर्म और तत्त्वचिंतन में डूबा हुआ देश है । उसके पास आध्यात्मिक और रूढ़िगत दृष्टिकोण है परंतु वैज्ञानिक दृष्टि का अभाव है । आधुनिक संशोधनों के पश्चात् सिद्ध हो गया है और पूर्व आलोचक भी स्वीकारने लगे हैं कि गणितशास्त्र, खगोलशास्त्र, वैदिक विद्या, रसायनशास्त्र, खगोलशास्त्र, वास्तुशास्त्र आदि में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति करके अमूल्य विरासत विश्व को प्रदान की है ।

रसायन विद्या:

  • रसायन एक प्रयोगात्मक विज्ञान है । यह विद्या विभिन्न खनिजों, वृक्षों, कृषि, खनिजों, विविध धातु के निर्माण और उसमें परिवर्तन तथा स्वास्थ्य की दृष्टि से आवश्यक औषधियों के निर्माण में उपयोगी है ।
  • रसायनशास्त्रियों में नालंदा विद्यापीठ के आचार्य नागार्जुन को भारतीय रसायनशास्त्र के आचार्य माना जाता है ।
  • नागार्जुन ने ‘रसरत्नाकर’ और ‘स्वास्थ्यमंजरी’ जैसी पुस्तके लिखी थी ।
  • आचार्य नागार्जुन ने वनस्पति औषधि के साथ रसायन औषधी के उपयोग का परामर्श दिया था ।
  • पारे की भस्म बनाकर औषधि के रूप में उपयोग का प्रयोग नागार्जुन ने शुरू किया था ।
  • नालंदा विद्यापीठ में रसायनविद्या के अध्ययन और संशोधन के लिए अपनी अलग रसायनशाला और भट्ठियाँ थी।
  • रसायनशास्त्रों के ग्रन्थों में मुखरस, उपरस, दस प्रकार के विष, विविध प्रकार के क्षारों और धातुओं की भस्म का वर्णन है ।
  • रसायनविद्या की पराकाष्ठा भगवान बुद्ध की धातु शिल्प से दृष्टिगोचर होती है ।
  • बिहार के सुल्तानगंज में भगवान बुद्ध की 7 1/2 फूट ऊँची और 1 टन वजन की ताम्रमूर्ति प्राप्त हुई है ।
  • नालंदा से बुद्ध की 18 फूट ऊँची ताम्रमूर्ति प्राप्त हुई है ।

7 टन वजन और 24 फूट ऊँचा सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमाद्वितीय) द्वारा बनाया गया विजय स्तंभ अभी तक वर्षा, धूप, छाँव के उपरांत अभी तक काट (जंग) नहीं लगा है । यह भारतीय रसायनविद्या का उत्तम नमूना है । निष्कर्ष: प्राचीन भारत के विज्ञान का ज्ञान विश्व में स्वीकार्य हुआ है । हमारी संस्कृति विशाल और वैविध्यपूर्ण है । उसमें धर्म और विज्ञान, परंपरागत आदर्शों, व्यवहारिक ज्ञान और समाज का सुमेल समन्वय हुआ है, जो विश्व के अधिकांश देशों में कम है ।

9553.

गणितशास्त्र में आर्यभट्ट द्वारा की गयी खोजों का वर्णन कीजिए ।

Answer»

आर्यभट्ट ने शून्य (0) की खोज की थी इसका वर्णन उसने अपने ग्रन्थ आर्यभट्टीयम में किया है ।

  • आर्यभट्ट ने (पाई) की किमत 22/7 (3.14) होती है, जिसका उल्लेख अपने ग्रन्थ में किया है ।
  • उसने प्रतिपादित किया कि गोलक (वृत्त) की परिधि और व्यास के गुणोत्तर को दर्शाने के लिए अचलांक ए है ।
  • भाग की आधुनिक पद्धति, गुणाकार, जोड़, भाग, वर्गमूल, घनमूल आदि अष्टांग पद्धति की जानकारी आर्यभट्ट ने. अपने ग्रन्थों में दी है ।
  • इसलिए आर्यभट्ट को गणितशास्त्र का पिता कहा जाता है ।
  • उसने ‘दशगीतिका’, ‘आर्यभट्टीयम’ जैसे ग्रन्थ लिखे है ।
  • गणित, अंकगणित और रेखागणित की मूलभूत समस्याओं का समाधान खोजा है ।
9554.

वास्तुशास्त्र में किस जानकारी का समावेश होता है ?

Answer»

वास्तुशास्त्र ज्योतिषशास्त्र का ही एक अविभाज्य अंग है, जिसकी गणना, महत्ता और प्रशंसा अनेक देशों में भी स्वीकार्य हुई है ।

  • प्राचीन भारत में ब्रह्मा, नारद, बृहस्पति, भृगु, वशिष्ट, विश्वकर्मा जैसे विद्वानों ने वास्तुशास्त्र में योगदान दिया था । .
  • वास्तुशास्त्र में रहने के स्थान, मंदिर, महल, अश्वशाला, किला, शस्त्रागार, नगर आदि की रचना किस तरह करनी, किस दिशा में करनी इसका वर्णन किया गया है । बृहदसंहिता में भी वास्तुशास्त्र का उल्लेख है ।
  • पंदरहवी सदी में मेवाड़ के राणा कुंभा ने पहले के प्रकाशनों में सुधार करवाकर वास्तुशास्त्र का पुनरुद्धार करवाया ।
  • वास्तुशास्त्र को 8 भागों में बाँटनेवाले देवों के प्रथम स्थापति विश्वकर्मा थे ।
  • वास्तुशास्त्र में स्थान की पसंदगी, विविध आकार, रचना, कद, वस्तुओं की जमावट, देवमंदिर, ब्रह्मस्थान, भोजनकक्ष, शयनरखंड आदि विविध स्थानों की जानकारी दी गयी है ।
  • वास्तुशास्त्र की दृष्टि में अब परिवर्तन आया है, जबकि अब उसे विदेशों में भी स्वीकृति मिल रही है ।
9555.

प्राचीन भारत का धातु विद्या में योगदान समझाइए ।

Answer»

प्रस्तावना: प्राचीन भारत में हमारे महान ऋषियों ने विज्ञान के क्षेत्र में अमूल्य विरासत विश्व को दी है, जो हमारे लिए गौरव की बात है ।

धातुविद्या:

  • प्राचीन काल से ही भारत के लोग धातुविद्या को अपने व्यवहारिक जीवन में उपयोग करते है ।
  • प्राचीन भारत में धातुविद्या के क्षेत्र में अद्वितीय सिद्धियाँ प्राप्त की थी । उदाहरण स्वरूप में सिंधुघाटी से प्राप्त धातु की नर्तकी की प्रतिमा, तक्षशिला से प्राप्त हुई ।
  • कुषाण राजाओं के समय की भगवान बुद्ध की प्रतिमाएँ, चोल राजाओं के समय तैयार हुई धातु शिल्प, चैन्नई के संग्रहालय में रखी गयी अंतरराष्ट्रीय प्राप्त नृत्यकला का उत्कृष्ट नमूना महादेव नटराज का शिल्प है ।
  • एक अन्य शिल्प धनुर्धारी श्रीराम का शिल्प भी चैन्नई के संग्रहालय में रखा गया है ।
  • इसके अलावा कलात्मक देवी-देवता, पशु-पक्षी तथा सुपारी काटने की सरौंतियाँ आदि बनाई जाती थी । ये सभी महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है ।
  • इन धातुओं को बनाने की परंपरा दसवी से ग्यारहवी सदी में शुरू हुई थी ।
9556.

रसायनविद्या के क्षेत्र में नागार्जुन द्वारा दिया गया योगदान बताइए ।

Answer»

रसायनशास्त्रियों में नालंदा विद्यापीठ के बोद्ध आचार्य नागार्जुन को भारतीय रसायनशास्त्र के आचार्य माना जाता है ।

  • उन्होंने ‘रसरत्नाकर’ और ‘स्वास्थ्य मंजरी’ जैसी पुस्तकें लिखी है ।
  • आचार्य नागार्जुन ने वनस्पति औषधियों के साथ-साथ रासायनिक औषधियों के उपयोग का परामर्श दिया था ।
  • पारे की भस्म का औषधि के रूप में उपयोग उसने शुरू किया था ।
9557.

ज्योतिषशास्त्र में भारत के योगदान की जानकारी दीजिए ।

Answer»

ग्रहों के फल द्वारा ज्योतिष शास्त्र फलित हुआ है ।

  • ज्योतिषशास्त्र को ‘तंत्र’, ‘होरा’ और ‘संहिता’ इन तीन भागों में बाँटनेवाले वराहमिहिर महान खगोलशास्त्री तथा ज्योतिषशास्त्री थे ।
  • वराहमिहिर ने ‘बृहदसंहिता’ नामक ग्रंथ की रचना की थी ।
  • इस ग्रंथ में मानव के भविष्य पर होनेवाले असर, मनुष्य के लक्षण, प्राणियों के वर्ग, विवाह समय, तालाब, कुओं, बगीचों, खेतों में बुवाई आदि प्रसंगों के शुभमूहों की जानकारी दर्शायी गयी है ।
  • हमें गर्व होता है कि हमारे पूर्वज ज्योतिष विद्या में कितने निपुण थे ।
9558.

ज्योतिषशास्त्र के कितने विभाग किये गये है ? नाम लिखो ।

Answer»

ज्योतिषशास्त्र के तीन विभाग किये गये है ।

  1. तंत्र
  2. होरा और
  3. संहिता ।।
9559.

वृक्ष आयुर्वेद ग्रन्थ किसने लिखा था ?(A) महामुनि पराशर(B) महामुनि पातंजलि(C) महर्षि भारद्वाज(D) वात्स्यायन

Answer»

(B) महामुनि पातंजलि

9560.

प्राचीन भारत का खगोलशास्त्र: की जानकारी दीजिए ।

Answer»

शास्त्रों में सबसे प्राचीन खगोलशास्त्र है ।

  • खगोलशास्त्र से जुड़े अनेक ग्रंथ भारत में लिखे गये है, इन सभी ग्रन्थों का प्राचीन विद्यापीठों में व्यवस्थित और गहन अध्यापन करवाया जाता था ।
  • ग्रहो और उनकी गति, नक्षत्रों तथा अन्य आकाशीय पदार्थों से गणना करके खगोल और ज्योतिषशास्त्र का विकास किया गया था ।
  • ग्रहों के फल से ज्योतिष फलित हुआ है ।
  • जिसके नाम पर भारत के प्रथम उपग्रह का नाम आर्यभट्ट रखा गया है, उस आर्यभट्ट का खगोलशास्त्र में सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है ।
  • आर्यभट्ट ने बताया कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है तथा चंद्रग्रहण का वास्तविक कारण पृथ्वी की परछाई है । उन्हें विद्वान ‘अजरमर’ के नाम से संबोधित करते थे ।
  • ब्रह्मगुप्त ने ब्रह्मसिद्धांत ग्रन्थ में गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत प्रचलित किया था ।
9561.

यंत्र सर्वस्व ग्रन्थ किसका है ?(A) शकमुनि(B) महर्षि भारद्वाज(C) पातंजलि(D) पाराशर

Answer»

(B) महर्षि भारद्वाज

9562.

इनमें से कौन-सा ग्रन्थ शकमुनि ने लिखा था ?(A) यंत्र सर्वस्व(B) कालगणना(C) योगशास्त्र(D) कामसूत्र

Answer»

सही विकल्प है (B) कालगणना

9563.

कामसूत्र ग्रन्थ किसने लिखा था ?(A) चक्रपाणिदत(B) वात्स्यायन(C) शकमुनि(D) महर्षि भारद्वाज

Answer»

(A) चक्रपाणिदत

9564.

वास्तुशास्त्रों का पुनरुद्धार ………. सदी में मेवाड़ के राणा ……. ने करवाया था ।

Answer»

सही उत्तर है 15वी, कुंभा

9565.

किस बिन्दु पर MRSxy < Pn/Py(क) A(ख) B(ग) C(घ) E

Answer»

सही विकल्प है (ख) B

9566.

किस बिन्दु पर MRSxy > Pn/Py(क) A(ख) B(ग) C(घ) E

Answer»

सही विकल्प है (क) A

9567.

………… और ………… क्षेत्र में संशोधनों ने विश्व के देशों को नजदीक ला दिया है ।

Answer»

विज्ञान, टेक्नोलॉजी

9568.

प्राचीन काल से भारत के लोग ….. का अपने व्यवहारिक जीवन में उपयोग करते है ।

Answer»

सही उत्तर है धातुविद्या

9569.

रसायनशास्त्र एक ………. विज्ञान है ।

Answer»

सही उत्तर है प्रायोगिक

9570.

…….. के आचार्य नागार्जुन को भारतीय रसायनशास्त्र के आचार्य के रूप में माना जाता है ।

Answer»

नालंदा विद्यापीठ

9571.

आचार्य नागार्जुन ने क्या परामर्श दिया था ?

Answer»

आचार्य नागार्जुन ने वनस्पति औषधि के साथ रासायनिक औषधि के उपभोग का परामर्श दिया था ।

9572.

भारत में वैदिक विद्या और शैल्य चिकित्सा में किसका मुख्य योगदान रहा है ?

Answer»

महर्षि चरक, सुश्रुत और वाग्भट्ट ने वैदिक विद्या और शैल्य चिकित्सा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है ।

9573.

भारतीय संस्कृति में किसका समन्वय है ?

Answer»

भारतीय संस्कृति में धर्म और विज्ञान, परंपरागत आदर्शों, व्यावहारिक ज्ञान और समझ का सुभग समन्वय है ।

9574.

योगशास्त्र ग्रन्थ किसका है ?(A) महामुनि पातंजली(B) महामुनि पाराशर(C) चक्रपाणिदत(D) ब्राभ्रव्य पांचाल

Answer»

(A) महामुनि पातंजली

9575.

प्राचीन भारत की विज्ञान के क्षेत्र में विरासत की जानकारी दीजिए ।

Answer»

भारत के प्राचीन महान ऋषियों ने विज्ञान के क्षेत्र में अमूल्य विरासत विश्व को प्रदान की है ।

  • धातुविद्या, रसायनविद्या, वैदिक विद्या, शैल्य चिकित्सा, गणितशास्त्र, खगोलशास्त्र, ज्योतिषशास्त्र, वास्तुशास्त्र, भौतिक शास्त्र जैसे विज्ञान के अनेक क्षेत्रों में हमारे ऋषियों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है, जो हमारे लिए गौरव की बात है ।
  • भारत ने विविध विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी अपना शीर्ष योगदान दिया है ।
  • अर्वाचीन युग के संशोधनों द्वारा पता चलता है कि भारत आध्यात्मिक विचार के साथ वैज्ञानिक दृष्टिबिन्दु भी रखता है ।
  • पाश्चात्य देशों की अधिकांश वैज्ञानिक और टेक्निकल खोजों से किसी भी प्रकार प्राचीन भारत के विज्ञान का तत्त्व शामिल है ।
9576.

बजट रेखा का ढाल ——- के बराबर होता है।(क) – MRSny(ख) + MRSny(ग) – Pn/Py(घ) + Pn/Py

Answer»

सही विकल्प है (ग) – Pn/Py

9577.

बृहद संहिता में किसका वर्णन मिलता है ?

Answer»

इसमें आकाशीय गृहों का मानव पर प्रभाव, मनुष्यों के लक्षण, प्राणियों के वर्गों, विवाह समय तथा शुभ मुहुर्तों की जानकारी दर्शाई गयी है ।

9578.

भास्कराचार्य ने अपने ग्रंथ में किसका वर्णन किया है ?

Answer»

उसने + (योग) तथा – (ऋण) का संशोधन किया था ।

9579.

भास्कराचार्य ने कौन-से ग्रन्थ लिखे थे ?

Answer»

भास्कराचार्य ने ई.स. 1150 में ‘लीलावती गणित’ और ‘बीजगणित ग्रंथ’ लिख्खे थे ।

9580.

आर्यभट्ट ने की कीमत कितनी निश्चित की थी ?

Answer»

आर्यभट्ट ने अपने ग्रन्थ आर्यभट्टीयम में (पाई) की किमत 22/7 (3.14) निश्चित की थी ।

9581.

अपस्तंभ ने किसका विश्लेषण किया है ?

Answer»

आपस्तंभ ने शल्वसूत्रों में (ई.स. 800 पूर्व) विविध वैदिक यज्ञों के लिए आवश्यक विविध वैदियों की मात्रा निश्चित की है ।

9582.

प्राचीन भारत की दशांश पद्धति की जानकारी कैसे मिलती है ?

Answer»

मोहें-जो-दड़ो और हड़प्पा से प्राप्त अवशेषों में मापने और तोलने के साधनों में दशांश पद्धति पायी गयी है ।

9583.

प्राचीन भारत में 0 के आधार पर कितनी संख्याओं का निर्धारण हआ था ?

Answer»

प्राचीन भारत की 53 शून्य रखकर प्राचीन भारत में संख्याओं के नाम रखे थे ।

9584.

आर्यभट्ट ने अपने ग्रंथों में क्या जानकारी दी थी ?

Answer»

आर्यभट्ट ने भाग की आधुनिक पद्धति, गुणाकार, योग, बादबाकी, वर्गमूल, घनमूल, अष्टांग पद्धति दी है । .

9585.

प्राचीन भारत के द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में दिए गए योगदान की जानकारी दीजिए ।

Answer»

भारत के बारे में पश्चिमी देशों के द्वारा ऐसी आलोचना की जाती थी कि वह धर्म और तत्त्वचिंतन में ही डूबा हुआ देश है । उसके पास आध्यात्मिक और रूढ़िगत दृष्टिकोण है परन्तु वैज्ञानिक दृष्टि का अभाव है । इसके लिए इस पाठ में हम यह देखने का प्रयत्न करेंगे कि भारत ने केवल साहित्य, कला, धर्म, शिक्षण और तत्त्वचिंतन जैसे क्षेत्रों में ही योगदान नहीं दिया है, परन्तु अनेक विज्ञान और टेक्नोलॉजी में भी अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है ।

आधुनिक संशोधनों के पश्चात यह सिद्ध हो गया है तदुपरांत पूर्व आलोचक भी स्वीकारने लगे हैं कि गणितशास्त्र, खगोलशास्त्र, वैदिकशास्त्र, रसायनशास्त्र, ज्योतिषशास्त्र, वास्तुशास्त्र इत्यादि में भी प्राचीन भारत ने उल्लेखनीय प्रगति करके अमूल्य विरासत (धरोहर) विश्व को प्रदान की है । वर्तमान पश्चिमी देशों की लगभग सभी वैज्ञानिक और तकनीक क्षेत्रों में प्राप्त की गयी सिद्धिओं के मूल (आधार) में प्राचीन भारत का विज्ञान एक या दूसरे स्वरूप में दिखाई देता है ।

9586.

आर्यभट्ट ने कौन-कौन से मुख्य ग्रंथ लिखे थे ?

Answer»

आर्यभट्टीयम और दशगीतिका ग्रन्थ लिख्ने थे ।

9587.

बजट रेखा का ढाल (Slope of budget line) बढ़ जायेगा यदि(क) वस्तु y की कीमत बढ़ जाये(ख) वस्तु x की कीमत बढ़ जाये(ग) वस्तु y की कीमत घट जाये(घ) वस्तु y की कीमत घट जाये

Answer»

सही विकल्प है (ख) वस्तु x की कीमत बढ़ जाये

9588.

माँग का नियम वस्तु की कीमत तथा माँग की गई मात्रा में ……….. संबंध दर्शाता है।(क) सीधा(ख) शून्य(ग) विपरीत(घ) धनात्मक

Answer»

सही विकल्प है (ग) विपरीत

9589.

दक्षिण भारत में ………… के समय धातु शिल्प का विकास हुआ था ।(A) पल्लववंश(B) चालुक्यवंश(C) चोलवंश(D) चंदेल वंश

Answer»

सही विकल्प है (C) चोलवंश

9590.

दक्षिण भारत में ……………… के समय धातु शिल्प का विकास हुआ था ।(A) पल्लववंश(B) चालुक्यवंश(C) चोलवंश(D) चंदेल वंश

Answer»

सही विकल्प है (C) चोलवंश

9591.

प्राचीन भारत में कौन-से शिल्प बनाए गये थे ?

Answer»

धातु शिल्प में नटराज, धनुर्धारी राम, कलात्मक देवी-देवताओं, सुपारी काटने की सरौंरियाँ तथा पशु-पक्षियों आदि के शिल्प धातु से बनाए जाते थे ।

9592.

नटराज की शिल्प किस संग्रहालय में रखी गयी है ?(A) दिल्ली(B) हैदराबाद(C) वाराणसी(D) चैन्नई

Answer»

सही विकल्प है (D) चैन्नई

9593.

तटस्थता वक्र एक सीधी रेखा होगा यदि(क) सीमान्त प्रतिस्थापन्न दर घट रही है।(ख) सीमान्त प्रतिस्थापन्न दर बढ़ रही है।(ग) सीमान्त प्रतिस्थापन्न दर समान है(घ) सीमान्त प्रतिस्थापन्न दर शून्य है।

Answer»

सही विकल्प है (ग) सीमान्त प्रतिस्थापन्न दर समान है

9594.

‘घटिया वस्तु का अर्थ बताइए और इसे एक उदाहरण की सहायता से समझाइए।

Answer»

घटिया वस्तु ऐसी वस्तु को कहा जाता है जिसकी माँग आय बढ़ने पर कम होती है तथा आय कम होने पर बढ़ती है। यह उपभोक्ता को घटिया लगती है, अतः आय बढ़ने पर वह इसका उपभोग कम कर देता है। उदाहरण के लिए, आय बढ़ने पर उपभोक्ता रिफाइन्ड तेल का उपभोग कम कर देता है और देसी घी का उपभोग बढ़ा देता है। अतः रिफाइन्ड तेल एक घटिया वस्तु है, जबकि देसी घी एक सामान्य वस्तु है। इसी प्रकार आय बढ़ने पर व्यक्ति बस की बजाय कार में यात्रा करना पसंद करता है तो बस से यात्रा करना। उसके लिए ‘घटिया वस्तु’ है।

9595.

अनाधिमान वक्र नीचे की ओर ढलान वाला होता है क्योंकि(क) उपभोक्ता विवेकशील है ।(ख) सीमान्त प्रतिस्थापन्न दर घट रही है।(ग) उपभोक्ता का एकदिष्ट अधिमान मान्यता है(घ) उपरोक्त सभी

Answer»

सही विकल्प है (ग) उपभोक्ता का एकदिष्ट अधिमान मान्यता है

9596.

बजट रेखा एक सीधी रेखा क्यों होती है?

Answer»

कोई भी रेखा एक सीधी रेखा होती है जब उसकी ढलान समान तथा स्थिर हो। बजट रेखा की ढलान दो वस्तुओं के कीमत अनुपात के बराबर होती है।
बजट रेखा की ढलान = -Px/Py
Px तथा Py अर्थात् वस्तु x की कीमत एवं वस्तु y की कीमत स्थिर है, अतः बजट रेखा एक सीधी रेखा होती

9597.

Which crops are grown in Africa along with other regular crops like cereals and pulses ?

Answer»

Various crops like tea, coffee, cocoa, rubber, tobacco, sugarcane, clove, a variety of tuberous roots and vegetables, fruits, oilseeds, etc. are grown in Africa along with regular crops like cereals and pulses.

9598.

धातु शिल्प बनाने की परंपरा कब शुरू हुई थी ?(A) 10-11वी सदी(B) 9-10वी सदी(C) 11-12वी सदी(D) 12-13वीं सदी

Answer»

सही विकल्प है (A) 10-11वी सदी

9599.

Write a short note on Huen Tsang.

Answer»
  • Huen Tsang was a Chinese traveler who stayed in India for 15 years and visited different places of India.
  • He was born in 629 A.D.
  • Of the 15 years of his stay in India, he spent 5 years at Nalanda Vidhyapith studying Buddhism.
  • During his stay, he described the social, political and religious conditions of India elaborately in his dairy.
  • He was a part of the 6th Buddha religious congregation held by King Harshvardhana at Prayag.
  • Since Huen Tsang visited India during the reign of King Harshvardhana, he made lots of notes about the King and his subjects.
  • Today, we know a lot of King Harsha only because of the diaries maintained by Huen Tsang.
  • In 645 A.D., Tsang went back to China.
  • He carried many books, remnants and statues with him.
  • However, he died in the same year.

Two important notes from the diary of Huen Tsang are:

I. There were 100 Buddhist mathas in the state of King Harshvardhana.

II. The people in the reign of King Harshvardhana lived a simple and pious life. They had high moral standards. They believed in truth and justice. The people considered cheating and breaching as a sin.

9600.

किन परिस्थितियों में संसद की संयुक्त बैठक बुलाकर मतभेद दूर किया जाता है ?

Answer»

जब दूसरे सदन में विधेयक पारित नहीं होता तो पुनः प्रथम सदन को वापिस भेजा जाता हैं ।

  • अगर दूसरे सदन द्वारा विधेयक 6 महीनों तक पहले सदन को वापिस नहीं किया गया हो तो उस सदन में विधेयक पारित नहीं हुआ ऐसा मान लिया जाता है ।
  • जब दोनों सदनों के बीच मतभेद बढ़ गया हो या राज्यव्यवस्था में सत्ता पक्ष की बहुमति न हो तब विधेयक को स्वीकृति मिलना मुश्किल हो जाता है।
  • ऐसी परिस्थिति में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाकर मतभेद दूर करने का प्रयास किया जाता है ।