This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए:म्हारां री गिरधर गोपाल दूसरां न कूयां।दूसरां न कोवां साधां सकल लोक जूयां।भाया छांड्या बंधां छांड्या सगां सूयां।साधां संग बैठ बैठ लोक लाज खूया।भगत देख्यां राजी ह्ययां जगत देख्यां रुयां। |
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Answer» प्रसंग : प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘मीराबाई के पद’ से लिया गया है, जिसकी रचयिता मीराबाई हैं। |
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भक्त किन-किन उदाहरणों द्वारा समझाता है कि मैं प्रभु के निकट हूँ – अपने शब्दों में लिखिए । |
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Answer» भक्त अपने आपको प्रभु के निकट होने की बात समझाने के लिए विभिन्न प्रतीकों का सहारा लेता है। इन उदाहरणों में चंदन-पानी, घन-मोर, दीपक-बाती, मोती-धागा तथा स्वामी-दास का समावेश है। |
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संत रैदास भगवान को किन-किन नामों से संबोधित करते है? |
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Answer» संत रैदास भगवान को विभिन्न नामों से संबोधित करते हैं। वे भगवान को चंदन के नाम से संबोधित करते हैं, जिसके साथ रहकर पानी भी सुगंधित हो जाता है। वे ईश्वर को बादल कहते है, जिसे देखकर मोर मस्ती में आकर नाचने लगता है। वे भगवान को चंद्रमा कहते हैं, जिसे देखकर चातक पक्षी अघाता नहीं है। वे ईश्वर को दीपक की उपमा देते हैं। वे भगवान को मोती, सोना तथा स्वामी आदि कहते हैं। |
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संत रैदासजी ने स्वयं को क्या-क्या कहकर संबोधित किया है? |
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Answer» निष्ठावान भक्त समर्पित भावना से अपने आराध्य देव से जुड़ा रहने में अपनी भक्ति की सार्थकता मानता है। संत रैदास ऐसे ही भक्त हैं। वे अपने आपको पानी बताते हैं, जो प्रभु रूपी चंदन के साथ मिलकर सुगंधित हो जाता है। वे अपने आपको मोर कहते हैं, जो बादल को देखकर मस्ती से नाचने लगता है। वे उस चातक पक्षी की तरह है, जो चंद्रमा को सदा देखता रहता है। वे उस बाती के समान हैं, जो दीपक में जलती रहती है। वे अपने आपको उस धागे के रूप में देखते हैं, जो मोती में पिरोया जाता है। संत रैदास खुद को सोने जैसी मूल्यवान धातु में मिलनेवाला सुहागा मानते हैं। वे अपने आपको मालिक का गुलाम यानी प्रभु का एक तुच्छ सेवक मानते हैं। |
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मोती और धागे के द्वारा संत रैदास क्या कहना चाहते हैं? |
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Answer» मोती और धागा दो अलग-अलग वस्तुएँ हैं। लेकिन मोती जब धागे में पिरोया जाता है, तो दोनों एकाकार हो जाते हैं। संत रैदास मोती और धागे के माध्यम से कहना चाहते हैं कि उनकी भक्ति आत्मा और परमात्मा यानी भक्त और भगवान के एकाकार हो १ जाने की है। |
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संत रैदास ने भगवान के प्रति अपना भक्तिभाव किन-किन रूपों में व्यक्त किया है? |
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Answer» संत रैदास भगवान के एकनिष्ठ भक्त हैं। वे अपने आपको भगवान से विभिन्न रूपों में जोड़े रहना चाहते हैं। वे कहते हैं कि यदि प्रभु चंदन हैं, तो वे पानी है जिसका उपयोग चंदन घिसते समय किया जाता है। भगवान यदि बादल हैं, तो वे मोर हैं, जो बादल को देखकर मस्ती में आकर नाचने लगता है। प्रभु चंद्रमा हैं, तो रैदास चातक है, जिसका मन चंद्रमा को देखकर नहीं भरता। यदि प्रभु दीपक हैं, तो वे उसकी चाती हैं, जो अपने आपको जलाती रहती है। भगवान मोती हैं, तो संत रैदास वह धागा हैं, जिसमें मोती पिरोया जाता है। प्रभु सोना हैं, तो रैदास सुहागा हैं। यदि भगवान स्वामी हैं, तो रैदास उनके दास बनने में अपने आपको धन्य मानते हैं। |
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संत रैदास कहते हैं कि हे प्रभु, आपके प्रति मेरा समर्पणभाव …(अ) चंदन के साथ पानी जैसा है।(ब) मोती और धागे जैसा है।(क) सोने पर सुहागे जैसा है। |
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Answer» संत रैदास कहते हैं कि हे प्रभु, आपके प्रति मेरा समर्पणभाव : चंदन के साथ पानी जैसा है। |
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प्रभु दीपक है, तो भक्त ………. है।A. तेलB. प्रकाशC. बातीD. अंधेरा |
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Answer» सही विकल्प है C. बाती |
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चंदन और पानी के द्वारा भक्त और भगवान की निकटता कैसे बताई गई है? |
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Answer» चंदन की लकड़ी पानी के साथ घिसने पर लुगदी का रूप ले लेती है। इससे चंदन और पानी दोनों एकरूप हो जाते हैं। फिर उन्हें अलग नहीं किया जा सकता। इस तरह चंदन और पानी के द्वारा भक्त और भगवान की निकटता बताई गई है। |
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प्रभु चंदन है, तो भक्त क्या है? |
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Answer» प्रभु चंदन है, तो भक्त पानी है। |
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आशय स्पष्ट कीजिए :जनम-जनम की पूँजी पाई जग में सबै खोवायौ । |
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Answer» मीराबाई अपने आराध्य देव श्रीकृष्ण के प्रेम की दीवानी हैं। उन्हें प्राप्त करने के लिए उन्होंने अपने भाई, बंधु, परिवारजनों और सभी सगे-संबंधियों से रिश्ता तोड़ लिया है। उन्होंने तरह-तरह की बदनामिया सही हैं और लाज-शर्म सबको तिलांजलि दे दी है। कहने का अर्थ यह है कि उन्होंने अपना सर्वस्व गवाकर अपने जन्म-जन्मांतर की राम नामरूपी अमूल्य पूंजी प्राप्त की है। यह ऐसी पूंजी है जिसका कोई जोड़ नहीं है। |
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भक्ति के मार्ग में कौन-सा संकट आया? उससे मीरां कैसे पार हुई? |
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Answer» मीरा कृष्ण की अनन्य भक्त थीं। कृष्ण के प्रेम में डूबकर उन्होंने सारी दुनियादारी भुला दी थी। मीरां कृष्ण की भक्ति में दीवानी हो गई थीं। यह सब राणाजी को पसंद नहीं आया। उन्होंने मीरां को जान से मारने के लिए जहर से भरा हुआ प्याला उनके पास भेजा। मीरां इससे विचलित नहीं हुई। उन्होंने यह जहर हंसते-हंसते पी लिया। पर इस जहर का मीरां पर कोई असर नहीं हुआ। |
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गिरधर गोपाल की भक्ति करते हुए मीराबाई ने किस-किसका त्याग किया ? |
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Answer» मीराबाई ने श्रीकृष्ण को अपने जीवन का एकमात्र आधार बना लिया था। इसके लिए उन्होंने अपना सर्वस्व त्याग दिया था। उन्होंने : अपने भाई, बंधु, परिवार तथा नाते-रिश्ते के सभी लोगों का त्याग कर – दिया था। |
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मीरां की सास मीरां को क्या कहती थी? |
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Answer» मीरां की सास मीरां को कुलनाशिनी कहती थी। |
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राणाजी को क्या पसंद नहीं था? |
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Answer» श्रीकृष्ण के प्रेम में लीन होकर मीरां पैरों में घुघरू बाँधकर १ नाचती थी, राणाजी को यह पसंद नहीं था। |
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मीरा इस भवसागर को किस प्रकार पार करना चाहती हैं ? |
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Answer» मीराबाई को अपने सदगुरु पर अपार श्रद्धा है। वे उन्हें ही भगवद्भक्ति प्राप्त कराने का आधार मानती हैं। वे सत्य (सच्चाई) की उस नाव पर बैठकर भवसागर पार करना चाहती हैं, जिसके खेवनहार उनके सद्गुरु होंगे। |
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महारानी लक्ष्मीबाई वीरता की प्रतिमूर्ति है। स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» शीर्षक का नाम : “स्वराज्य की नींव”
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लक्ष्मीबाई साहसी नारी थीं। उदाहरण के द्वारा सिद्ध कीजिए। |
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Answer» लक्ष्मीबाई साहसी नारी थीं। वह झाँसी, कालपी और ग्वालियर राज्यों के स्वराज्य के लिए युद्ध करती |
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सूचना पढ़िए। वाक्य प्रयोग कीजिए।1. नारी, मित्र, प्रेम (एक – एक शब्द का वाक्य प्रयोग कीजिए और उसके पर्याय शब्द लिखिए)।2. असफलता, विश्वास (एक – एक शब्द का विलोम शब्द लिखिए। वाक्य प्रयोग कीजिए)।3. शंका, किला, सूचना (एक – एक शब्द का वचन बदलिए और वाक्य प्रयोग कीजिए)। |
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Answer» 1. वाक्य प्रयोग i). नारी – झाँसी लक्ष्मीबाई एक वीर नारी है। ii). मित्र – कष्टों में हमारे साथ रहनेवाला ही सच्चा मित्र है। iii). प्रेम – हमें आपस में प्रेम के साथ रहना चाहिए। पर्याय शब्द i). नारी – स्त्री, अबला ii). मित्र – दोस्त, सखा iii). प्रेम – प्यार, इश्क 2. विलोम शब्द i). असफलता × सफलता iii). विश्वास × अविश्वास वाक्य प्रयोग i). असफलता – असफलता पर दुख तथा सफलता पर आनंद का अनुभव करना हर एक का साधारण प्रवृत्ति है। ii). विश्वास – सदा विश्वास के साथ जीना चाहिए। अविश्वास ही मरण है। 3. वचन i). शंका – शंकाएँ ii). किला – किले iii). सूचना – सूचनाएँ वाक्य प्रयोग i). शंका – अपनी शंकाओं का निवारण के लिए हम अपने अध्यापकों की सहायता लेनी चाहिए। ii). किला – वीर शिवाजी ने कई किलों पर आक्रमण करके अपने अधीन में रखा। iii). सूचना – परीक्षा लिखते समय प्रश्न – पत्र में दी सूचनाओं को एक – दो बार पढ़ना चाहिए। |
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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए(क) भूमि की ऊपरी परत को ___ कहते हैं।(ख) मिट्टी पेड़-पौधों को ___ प्रदान करती है जो उनकी वृद्धि में सहायक हैं।(ग) पेड़-पौधों को स्वस्थ रखने के लिए रासायनिक उर्वरक की जगह ___ खाद का प्रयोग | करना चाहिए।(घ) गैसों के अलावा वायुमण्डल में ___ एवं ___ आदि पाए जाते हैं।(ङ) मानव के हस्तक्षेप से वायुमण्डल का ___ बिगड़ रहा है।(च) पेड़-पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ___ गैस को लेकर अपना भोजन बनाते हैं।(छ) कारखानों की चिमनियों में ___ लगाकर प्रदूषण रोका जा सकता है। |
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Answer» (क) भूमि की ऊपरी परत को मिट्टी कहते हैं। |
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गांधी जी किस बात की तरफ विशेष ध्यान देते थे? |
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Answer» गांधी जी अच्छे आचरण की तरफ विशेष ध्यान देते थे। |
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सूचना पढ़िए। उसके अनुसार कीजिए।1. स्वराज्य, निराशा (उपसर्ग पहचानिए।)2. वीरता, ऐतिहासिक (प्रत्यय पहचानिए।) |
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Answer» 1. स्व, निर 2. ता, इक |
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राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्य जीव अभ्यारण्य क्यों बनाए गए हैं ? |
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Answer» वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए भारत सरकार द्वारा पूरे देश में राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव अभ्यारण्य बनाए गए हैं। |
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उत्तर प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव अभ्यारण्य के नाम लिखिए। |
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Answer» उत्तर प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय उद्यान- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश में स्थित वन्यजीव अभ्यारण्य- चन्द्रप्रभा अभ्यारण्य। |
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वनों की संख्या कम होने के क्या कारण हैं ? |
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Answer» मनुष्य द्वारा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु, शहरीकरण और औद्योगीकरण के बढ़ते चलन के कारण वनों की अंधाधुंध कटाई की गई। जिससे वनों की संख्या कम हो गई। |
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सूचना पढ़िए और उसके अनुसार कीजिए।1. सकुशल, अनुक्रम, अनुचित (उपसर्ग पहचानिए।)2. वार्षिक, खुशी, भारतीय (प्रत्यय पहचानिए।)3. देश को एकता के सूत्र में बाँधने के लिए एक भाषा की आवश्यकता हुई। (कारक पहचानिए।) |
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Answer» 1. i) सकुशल – स ii) अनुक्रम – अनु iii) अनुचित – अन 2. i) वार्षिक – इक ii) खुशी – ई iii) भारतीय – ईय 3. इस वाक्य में, को, के, में, के लिए, की कारक हैं। |
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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए(क) वनों से हमें उद्योगों के लिए ___ प्राप्त होता है।(ख) वन जीव-जन्तुओं और पक्षियों के ___ स्थान है।(ग) वन को प्राकृतिक ___ कहते हैं।(घ) ___ को विश्व वन दिवस मनाया जाता है।(ङ) चन्द्रप्रभा अभ्यारण्य ___, ____ में स्थित है।(च) कुकरैल वन ___, ____ में स्थित है। |
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Answer» (क) वनों से हमें उद्योगों के लिए कच्चा माल प्राप्त होता है। |
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सूचना पढ़िए और उसके अनुसार कीजिए।i) सलाह, सरकार, संविधान, संस्कृति, समाधान (लिंग की पहचान कीजिए।)ii) जो विश्व के सभी देशों से जुड़ा हो। (एक शब्द में लिखिए।)iii) अद्वितीय (अनेक शब्दों में लिखिए।) |
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Answer» i). 1. सलाह – स्त्रीलिंग 2. सरकार – स्त्रीलिंग 3. सवधिान – पुंलिंग 4. संस्कृति – स्त्रीलिंग 5. समाधान – पुंलिंग ii). अंतर्राष्ट्रीय/वैश्वीकरण iii). जिसके समान कोई दूसरा न हो |
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बशीर अहमद ने अपने मित्र को आगे की पढ़ाई के लिए हिन्दी के संबंध में क्या सलाह दी? |
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Answer» बशीर अहमद ने अपने मित्र को आगे की पढ़ाई के लिए हिंदी के संबंध में यह सलाह दी कि अल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी का महत्वपूर्ण स्थान है। हम इससे अपने उच्चत भविच का निर्माण कर सकते हैं। इसलिए आगे की पढ़ाई के लिए प्रथम भाषा हो या द्वितीय भाषा, हिंदी का चयन करना ही लाभदायक है। |
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स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी भाषा की भूमिका महत्वपूर्ण है। अपने शब्दों में लिखिए। |
Answer»
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भारत में हिंदी दिवस क्यों मनाया जा रहा है? |
Answer»
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“भारत में अनेक भाषाएँ हैं, फिर भी हिंदी को ही राष्ट्रभाषा का दर्जा मिला” – क्यों? |
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Answer» भारत विशाल देश है। भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं। भारत में हिन्दी बोलनेवालों की संख्या अधिक है। हिन्दी सबको जोड़ने का काम करती है। भारतीयों को एकता के सूत्र में बाँधने में हिन्दी सक्षम है। इसीलिए हिन्दी को ही राष्ट्रभाषा का दर्जा मिली। |
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अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी की उन्नति व प्रगति पर प्रकाश डालिए। |
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Answer» भारत एक विशाल देश है। इसकी गौरवशाली परंपरा है। भारत की राष्ट्र भाषा बनने का सौभाग्य हिंदी को ही मिला है। यह सबकी संस्कृति, सभ्यता का गरिमा का प्रतीक है।
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हिंदी की उपयोगिता किन – किन क्षेत्रों में बढ़ती जा रही है? |
Answer»
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मनोरंजन की दुनिया में हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालिए। |
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Answer» मानव शारीरिक या मानसिक रूप से काम करके थक जाता है। तब उसे मनोरंजन की ज़रूरत होती है। वैसे तो मनोरंजन से शारीरिक नस ढीली पढती है। इससे फिर से शक्ति एकत्रित होकर नव उल्लास व चेतनता का संचार होता है। खेलकूद, सिनेमा, रेडियो, भ्रमण, पुस्तक – पठन दूरदर्शन आदि अनेक साधनों से मनोरंजन होता है। संसार के अधिक लोगों द्वारा बोली जानेवाली भाषाओं में हिंदी का दूसरा स्थान है। इस तरह हिंदी मनोरंजक साधनों को प्रमुख भाषा भी हुई है। हमारे भारत में अधिकतर फ़िल्में हिन्दी में ही बन रही हैं। ये फ़िल्में देश विदेशों में प्रदर्शित हो रही हैं। इससे कई लोग मनोरंजन के साथ हिंदी भी सीखते हैं। रेडियो, एफ. एम रेडियो, मोबाइल फ़ोन, आइ – पॉड आदि से अनेक कार्यक्रम हिंदी में प्रसारित हो रहे हैं। दूरदर्शन के ज़रिये अधिकतर कार्यक्रम हिन्दी में ही प्रसारित हो रहे हैं। इनसे हिंदी जानने और सीखनेवाले मनोरंजन पा रहे हैं। कई नेटवर्क के चानलों का प्रसार भी तीव्रगति से हो रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर होनेवाले खेलकूदों की टीका – टिप्पणी भी अधिकतर हिंदी में ही होने लगी है। बिना किसी रुकावट के सारे भारत में पर्यटन कर सकते हैं। इस तरह मनोरंजन की दुनिया में हिंदी का महत्व आज सशक्त और प्रशंसनीय रहा है। |
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हिंदी अनेकता में एकता को दर्शानेवाली भाषा है । अपने विचार व्यक्त कीजिए। |
Answer»
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राष्ट्रीय एकता की दृष्टि से हिन्दी का क्या महत्व है? |
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Answer» भारत के स्वतंत्र संग्राम में देश को एकता के सूत्र में बाँधने का पवित्र कार्य हिन्दी भाषा के द्वारा ही साध्य हो सका। विभिन्न भाषाएँ बोलनेवाले, विभन्नि प्रान्तों के लगों को जोड़ने का पावन काम हिन्दी ही करती है। भारतीय भाषा, आसान भाषा और राष्ट्रीय भाषा होने के कारण जनता की भाषा बनकर सारे भारतीयों को एकता के सूत्र में बाँधती है। |
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“हिंदी विश्वभाषा है।’ इस कथन के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।(या)हिंदी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोभित है। अपने विचार व्यक्त कीजिए। |
Answer»
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निम्न प्रश्नों के उत्तर हाँ या नहीं में दीजिए।i) हिंदी देश को एकता के सूत्र में बाँधती है।ii) 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।iii) 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।iv) हिंदी भाषा से रोज़गार की संभावनाएँ अधिक हैं। |
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Answer» i) हाँ ii) हाँ iii) हाँ iv) हाँ |
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हिंदी देश को जोड़नेवाली कड़ी है। इसे अपने शब्दों में सिद्ध कीजिए।(या)हिंदी देश को जोड़नेवाली कड़ी है। अपने विचार लिखिए। |
Answer»
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‘हिंदी भाषा’ पर एक छोटा सा निबंध लिखिए। |
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Answer» हिंदी केवल एक भाषा का नाम नहीं हैं। यह भारतीयों की साँसों में बसी भाषा है। यह सबकी संस्कृति, सभ्यता व गरिमा का प्रतीक है। गाँधीजी ने अपना जीवन देश की स्वतंत्रता के साथ – साथ हिंदी की सेवा में समर्पित कर दिया था। भारतीय स्वतंत्र संग्राम में देश को एकता के सूत्र में बाँधने के लिए हिंदी की आवश्यकता हुई। हिंदी से हम सारे भारत की पहचान अच्छी तरह से कर सकते हैं। हमें भारत के सभी प्रांतों से जुड़ने के लिए हिंदी भाषा की आवश्यकता होती है। इसे सारे भारत के वासी जानते हैं। हिंदी सारे भारतीयों को एकता को सूत्र में बाँधती है। हिंदी शाब्दिक अर्थ से भी भारतीय कहलाती है। इसलिए देश की वर्तमान और भविष्य की परिस्थितियों को दृष्टि में रखकर भारतीय संविधान ने अनुच्छेद 343(1) के तहत हिंदी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा के रूप में गौरवान्वित किया है। तब से हम हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाते हैं। आज कल भारत के अलावा विश्व भर कई देशों में हिंदी की माँग बढ़ती जा रही है। अन्य देशों में भी हिंदी के प्रचार व प्रसार में कई संस्थाएँ जुटी हुई हैं। हिंदी की सेवा में कई वेबसाइट भी तत्पर हैं। 10 जनवरी को हर वर्ष विश्व हिंदी दिवस के रूप में सारी दुनिया मनाती है। हिंदी राष्ट्र भाषा के साथ – साथ राज भाषा भी होने के कारण भारत देश के सारे काम काज हिंदी में ही हो रहे हैं। |
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राष्ट्रीय एकता की दृष्टि से हिंदी महत्वपूर्ण भाषा है। इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। |
Answer»
इसलिए हम कह सकते हैं कि राष्ट्रीय एकता की दृष्टि से हिंदी महत्त्वपूर्ण भाषा है। |
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आपके घर डाक देने कौन आता है? |
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Answer» हमारे घर डाक देने डाकिया या कुरियरवाला आता है। |
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डाकिये और कुरियरवाले की मुलाकात लेकर कोई तीन प्रश्न पूछिए। प्रश्न और उनके उत्तर लिखिए : |
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Answer» डाकिये से बातचीत (1) प्रश्न : आप डाकसेवा में कब-से हैं? डाकिया – मुझे इस सेवा में पाँच वर्ष हो गए हैं। (2) प्रश्न : इस सेवा में आपको क्या सुविधाएँ मिलती हैं? डाकिया – इस सेवा में हमें वेतन के अलावा मुफ्त चिकित्सा-सुविधा मिलती है। हाईस्कूल तक दो बच्चों की फीस की रकम मिलती है। इसके अलावा हमें साइकिल भी मिलती है। नौकरी से अवकाश मिलने पर पेंशन मिलती है। (3) प्रश्न : लोगों का व्यवहार आपके साथ कैसा है? डाकिया – लोग हमारे आने का इंतजार करते हैं। हमारे प्रति उनका व्यवहार बहुत अच्छा होता है। कुरियरवाले से बातचीत 1. प्रश्न : (कुरियरवाले से) अंकल, आपको अपना काम कैसा लगता है? कुरियरवाला – काम अच्छा है, पर मेहनत बहुत है। पत्रों और पार्सलों को उसी दिन पहुँचाना बड़ा कठिन काम है। बारिश के दिनों में बहुत तकलीफ होती है। 2. प्रश्न : क्या आप अपने काम से खुश हैं? कुरियरवाला – हाँ खुश हूँ। मैं अपने काम को समाजसेवा मानता हूँ। 3. प्रश्न : आपको क्या सुविधाएँ मिलती हैं? कुरियरवाला – हमें आने-जाने के लिए किराया मिलता है। कंपनी की ओर से रेलयात्रा के और बसयात्रा के लिए पास मिलता है। |
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दिए गए प्रशासकीय शब्दों के आधार पर वाक्य बनाइए :1. अधीक्षक2. प्रभारी3. आयकर4. प्रशासन |
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Answer» 1. अधीक्षक – शर्माजी कई वर्षों तक रेडियो के समाचार विभाग के अधीक्षक रहे। 2. प्रभारी – उसने सूचना-विभाग के प्रभारी का पद संभाला। 3. आयकर – आयकर छिपाना अपराध है। 4. प्रशासन – पूर्व सूचना मिलने पर भी प्रशासन ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। |
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| 124796. |
आजकल पत्र किस-किस माध्यम से एकदूसरों तक पहुंचते हैं? |
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Answer» आजकल पत्र डाक, कुरियर और ई-मेल के माध्यम से एकदूसरों तक पहुँचते हैं। |
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हम जो पत्र लिखते हैं, वे दूसरों तक कैसे पहुंचते हैं? कौन ले जाता है? हम तक कौन पहुंचाता है, पत्र कहाँ इकट्ठे होते हैं? |
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Answer» हम जो पत्र लिखते हैं, वे पत्र-पेटी में डालते हैं। डाकिया उन्हें डाकघर ले जाता है। डाकघर से उन पत्रों को पते के अनुसार रेल द्वारा वहाँ के डाकघरों में भेजा जाता है। वहाँ से फिर वे पत्र स्थानीय पते के अनुसार डाकिया द्वारा हम तक पहुँचाए जाते हैं। |
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रात के अंधरे में कुछ लोगों के हाथों में क्या था ? |
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Answer» रात के अंधेरे में कुछ लोगों के हाथों में मशालें थीं। |
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तुमने इस बार छुट्टियों में क्या-क्या किया, यह अपने मित्र को कम्प्यूटर पर ई-मेल द्वारा बताना हो, तो क्या लिखोगे? |
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Answer» प्रेमकुंज, स्टेशन रोड, अहमदाबाद। 20 नवम्बर, 2013 प्रिय अविनाश, इस बार हमने छुट्टियाँ अहमदाबाद में ही बिताने का निर्णय किया था। इसलिए मुझे इस अवकाश का उचित ढंग से उपयोग करना था। मैं नित्य प्रातःकाल व्यायाम शाला जाता था। वहाँ तरह-तरह के व्यायाम के साथ-साथ योग का भी अभ्यास करता था। दोपहर को भोजन के बाद कुछ समय दूरदर्शन देखता था। अपराहन में साइकिल पर बैठकर मैं कम्प्यूटर क्लास में जाता था। शाम को वहीं से हमारी दुकान पर जाता था और आठ बजे पिताजी के साथ घर लौटता था। रात को दूरदर्शन देखता था या बहन के साथ कैरम या चैस खेलता था। इस तरह छुट्टी के दिन कब बीत गए, इसका पता ही न चला। तुम्हारा मित्र, सौरभ। |
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| 124800. |
अपने स्कूल की किसी समस्या के बारे में प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए। |
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Answer» श्रीमान प्रधानाचार्य सरदार विद्यामंदिर, नडियाद। 15-10-2013 विषय – विद्यालय के पुस्तकालय में विज्ञान और वैज्ञानिकों से संबंधी पुस्तकें न होना। आदरणीय गुरुजी, सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय के पुस्तकालय में साहित्य की पुस्तकों की भरमार है। एक-एक लेखक की कई-कई पुस्तकें हैं। इन पुस्तकों में कविता, कहानी और उपन्यास आदि रचनाएँ हैं। परंतु विज्ञान से संबंधित पुस्तकें नहीं हैं। वैज्ञानिकों की जीवनी संबंधी पुस्तक तो एक भी नहीं है। ऐसी पुस्तकें पढ़ने से बहुत प्रेरणा मिलती है। वैज्ञानिकों के अनुभव विज्ञान के प्रति रुचि जगाते हैं। पुस्तकालय में इनका अभाव बहुत खटकता है। आशा है आप इस अभाव की पूर्ति पर ध्यान देंगे। आपका आज्ञाकारी शिष्य, सुधीर कापडिया। कक्षा 8 (अ) |
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