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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

124651.

स्वागत समिति के मंत्री किसको डाँटने लगे?

Answer»

स्वागत समिति के मंत्री कार्यकर्ताओं को डाँटने लगे।

124652.

लेखक के धूप का चश्मा खो जाने की घटना का वर्णन कीजिए।

Answer»

दूसरे दिन बैठक में जाने के लिए धूप का चश्मा खोजने लगा, तो नहीं मिला जो शाम को तो था। जब लेखक इस बात को एक-दो लोगों से कहा, तो बात फैल गयी। लोगों ने सहानुभूति प्रकट की। एक सज्जन आकर लेखक का धूप का चश्मा चोरी होने के बारे में कहा उसने धूप का चश्मा पहना था। वह एक दिन पहले चश्मा नहीं लगाया था। लेखक को मालूम हो गया कि जो चश्मा उस सज्जन ने लगाया था वह लेखक का ही था। वह लेखक से कहने लगा कि आपने चश्मा लगाया नहीं था ? और उस सज्जन ने लेखक का चश्मा लगाये इतमिनान से बैठा था।

124653.

मेघालय के तीन पर्वतीय अंचलों का नाम लिखिए।

Answer»

खासी पर्वत. गारो पर्वत और जयंतिया पर्वत। ये मेघालय के तीन पर्वतीय अंचल हैं।

124654.

उदाफ अनुसार लिखिए :उदा : देव + आलय = देवालय1.   गोल + _______ = गोलाकार2.   _______ + अनुभूति = महानुभूति3.   रजनी + _______= रजनीश4.   _______ + आगत = स्वागत5.   अति + _______ = अत्यंत6.   अनु + अय =_______7.   ______+ अन = भवन8.   _______ + आज्ञा = पित्राज्ञा9.   पौ + _______ = पावक

Answer»

1.   गोल + आकार = गोलाकार

2.   सह + अनुभूति = महानुभूति

3.   रजनी + ईश = रजनीश

4.   सु + आगत = स्वागत

5.   अति + अंत्य = अत्यंत

6.   अनु + अय = अन्याय

7.   भो + अन = भवन

8.   पित्र + आज्ञा = पित्राज्ञा

9.   पौ + अक = पावक

124655.

संकेत-बिंदुओं के आधार पर अपनी किसी यात्रा का वर्णन कीजिए :1. कहाँ गये थे ?2. किसके साथ गये थे ?3. कब गये थे ?4. कैसे गये थे ?5. उस स्थान में क्या-क्या देखे ?6. कोई विशेष अनुभव (एक/दो वाक्य)

Answer»

1. मैं मैसूर गया था।

2. मेरे मित्रों के साथ गया था।

3. क्रिसमस की छुट्टीयों में गये थे।

4. कार से (लेकर) गये थे।

5. मैसूर पॉलेस, ललितमहल, जगनमोहन आर्ट गैलरी, मैसूर प्राणिसंग्रहालय, चामुंडी पहाड, कृष्णराजसागर आदि देखा।

6. जगन्मोहन आर्ट गैलरी देखते ही मुझे अत्यंत खुशी, रोमांचन हुआ। राजा रविवर्मा के पेंटिंग जो विश्वभर में प्रसिद्ध है उन्हें देखकर मन में प्रसन्नता एवं आनंद की लहर दौड पडी। क्यों कि वे चित्र इतने सजग, सजीव लगते हैं मानो हम जीविन इन्सान से मिल रहे है। ऐसे चित्र मैसूर में है यह जानकर मेरा । मन उल्लास से भरगया।

124656.

अंग्रेजी में अनुवाद कीजिए :1. हम आप को आने-जाने का पहले दर्जे का किराया देंगे।2. स्टेशन पर मेरा खूब स्वागत हुआ।3. देखिए, चप्पलें एक जगह नहीं उतारना चाहिए।4. अब मैं बचा हूँ। अगर रूका तो मैं ही चुरा लिया जाऊँगा।

Answer»

1. We will give first class up and down tickets fare for you.

2. I was given a very grand welcome in station.

3. See, chappals should not be left in one place.

4. I am saved. If I will stay here I will | be theft now.

124657.

संधि-विच्छेद करके संधि का नाम लिखिएः1.   स्वागत 2.   सहानुभूति 3.   सज्जन 4.   परोपकार 5.   निश्चिंत 6.   सदैव 

Answer»

1.   स्वागत = सु + आगत = यण संधि

2.   सहानुभूति = सह + अनुभूति = दीर्घ संधि

3.   सज्जन = सज् + जन = व्यंजन संधि

4.   परोपकार = पर + उपकार = गुण संधि

5.   निश्चिंत = निः + चिंत विसर्ग संधि

6.   सदैव = सदा + एव = वृद्धि संधि

124658.

अनुरूपता :1.   कर्नाटक : बेंगलूरु :: मेघालय : _______2.   राजस्थान : रेत का प्रदेश :: मेघालय : _______3.   मणिपुर : इम्फाल :: बाँग्लादेश : _______4.   नोंगक्रेम : नृत्य :: बेहडेनखलाम : ______

Answer»

1.   कर्नाटक : बेंगलूरु :: मेघालय : शिलंग

2.   राजस्थान : रेत का प्रदेश :: मेघालय : बादलों का घर

3.   मणिपुर : इम्फाल :: बाँग्लादेश : ढाका

4.   नोंगक्रेम : नृत्य :: बेहडेनखलाम : उत्सव

124659.

बिछंद्री ने क्या निश्चय किया ?

Answer»

बिछंद्री ने निश्चय किया कि वह अपने भाई जैसे पहाड़ों पर चढ़ेगी।

124660.

बिछंद्री पाल के परिवार का परिचय दीजिए।

Answer»

बिछेदी का जन्म एक साधारण भारतीय परिवार में हुआ था। पिता किशनपाल सिंह तथा माता हंसादेई नेगी की पाँच संतानों में बिकेंद्री तीसरी संतान है।

124661.

बिछंद्री के माता-पिता कौन थे ?

Answer»

बिछंद्री की माता हंसादेई नेगी और पिता किशनपाल सिंह थे।

124662.

दक्षिणी शिखर पर चढते समय बिछंद्री के अनुभव के बारे में लिखिए।

Answer»

दक्षिण शिखर पर चढते समय बिछंद्री को कठिनाइयों का सामना करना पडा। दक्षिणी शिखर के ऊपर तेज हवा वह रही थी। उसके साथ बर्फ की चादर चारो तरफ फैल गई थी। उसके सामने कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। बिछंद्री को थोड़ी दूर तक चढाई आसान लगी। उन्हें सफलता बहुत नजदीक नजर आ रही थी।

124663.

बिछंद्री ने किस ग्लेशियर पर चढाई की ?

Answer»

बिछंद्री ने गंगोत्री ग्लेशियर पर चढाई की।

124664.

एवरेस्ट पर भारत का झंडा फहराते समय पाल केसाथ कौन थे ?

Answer»

एवरेस्ट पर भारत का झंडा फहराते समय पाल के साथ पर्वतारोही अंगदोरजी थे।

124665.

कर्नल का नाम क्या था ?

Answer»

कर्नल का नाम खुल्लर था।

124666.

मेजर का नाम क्या था ?

Answer»

मेजर का नाम कुमार था।

124667.

सन् 1983 में दिल्ली में कौन-सा सम्मेलन हुआ था ?

Answer»

सन् 1983 में दिल्ली में हिमालय पर्वतारोहियों का सम्मलन हुआ।

124668.

ल्हाटू कौन-सी रस्सी लाया था ?

Answer»

ल्हाटू नायलॉन की रस्सी लाया था।

124669.

अनेक शब्द के लिए एक शब्द दिये गये | हैं, ढूंढकर लिखिए :उदा : जो पढ़ा लिखा न हो – अनपढ़1.   जहाँ पहुँचा न जा सके 2.   मास में एक बार आनेवाला 3.   जो कभी न मरे 4.   अच्छे चरित्रवाला 5.   जो आँखों के सामने हो 6.   जो स्थिर रहे 7.   जिसे क्षमा न किया जा सके 8.   जो वन में घूमता हो 9.   जिसका संबंध पश्चिम से हो 10.  जो उपकार मानता हो 

Answer»

1.   जहाँ पहुँचा न जा सके – दुर्गम

2.   मास में एक बार आनेवाला – मासिक

3.   जो कभी न मरे – अमर

4.   अच्छे चरित्रवाला – सच्चरित्र

5.   जो आँखों के सामने हो – प्रत्यक्ष

6.   जो स्थिर रहे – स्थाई

7.   जिसे क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य

8.   जो वन में घूमता हो – वनचर

9.   जिसका संबंध पश्चिम से हो – पाश्चात्य

10.  जो उपकार मानता हो – कृतज्ञ

124670.

रत्नावली को देखकर तुलसी ने राजा से पूछा- “इन्हें क्यों लाए?” कथन में तुलसी का जो भाव परिलक्षित होता है, वह है –(क) रूखापन(ख) रोष(ग) उपेक्षा(घ) घृणा।

Answer»

रत्नावली को देखकर तुलसी ने राजा से पूछा- “इन्हें क्यों लाए?” कथन में तुलसी का जो भाव परिलक्षित होता है, वह है रोष।

124671.

तुलसीदास प्रभु से क्या सुनना चाहते थे?(क) तू भक्त है।(ख) तू साधक है(ग) तू वैरागी है।(घ) तू मेरा है।

Answer»

(घ) तू मेरा है।

124672.

. निम्न शब्दों में विशेषण तथा संज्ञा शब्दों को अलग-अलग कीजिए :शब्द संज्ञा विशेषण उदा : ऊँचा पर्वत – पर्वत ऊँचा1.   मधुर स्वर 2.   कर्कश आवाज 3.   वडा साधु 4.   ठंडी हवा 5.   नायलॉन रस्सी 

Answer»

1.   मधुर स्वर – स्वर मधुर

2.   कर्कश आवाज – आवाज कर्कश

3.   वडा साधु – साधु बडा

4.   ठंडी हवा – हवा ठंडी

124673.

रत्नावली में कौन-सा चरित्र परिलक्षित होता है –(क) आदर्श नारी को(ख) पति परायण स्त्री का(ग) त्यागमयी नारी का(घ) सेवाभावी नारी की।

Answer»

(ग) त्यागमयी नारी का

124674.

'रत्नावली का चरित्र आदर्श भारतीय नारी का प्रतिबिम्ब है।’-पाठ में आए घटनाक्रम के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

Answer»

भास्तीय नारी का सर्वस्व उसका पति होता है। वह उसे ही अपना आराध्य मानती है। प्रस्तुत अंश में रत्नावली का चित्रण एक आदर्श भारतीय नारी के रूप में हुआ है। रत्नावली तुलसीदास के मार्ग में बाधक नहीं बनती, बल्कि तपस्विनी भारतीय नारी के समान उनका साथ देती है। वह प्रबुद्ध है। भारतीय नारी लज्जाशील होती है रत्नावली जब पहली बार मठ में आई तो लज्जा से उसने पति की ओर देखा दोनों की आँखें मिलीं पर उसने कुछ कहा नहीं और आगे बढ़ी तथा पति तुलसीदास के चरणों में गिर गई। यह भारतीय नारी का आदर्श है। भारतीय नारी की तरह रत्नावली गंगा में स्नान करके मठ में लौट आई । भारतीय नारी अपने हाथ का बना भोजन पति को खिलाती है। रत्नावली भी रसोई में चली गई और पति के लिए अपने हाथ से भोजन बनाने लगी।

भारतीय नारी पति की साधना में बाधक नहीं बनती बल्कि सहायक बनती है। तुलसी रत्नावली की एक झलक देखना चाहते थे पर वह सतर्कतापूर्वक अपने को उनकी आँखों से बचाती रहती। कहीं तुलसी साधना से विचलित न हो जाएँ, इसलिए वह उनके सामने नहीं आना चाहती थी। पति के लिए पत्नी बहुत त्याग करती है। रत्नावली ने भी तुलसीदास के लिए बहुत त्याग किया। राजा भगत ने उनके त्याग की चर्चा इस प्रकार की-‘गाँव में तुम्हारी रुचि की रसोई बनाती है और किसी भूखे कंगले को खिलाती थी। आप बिना चुपड़ी, बिना सागभाजी के दो रोटी खाकर अपने दिन बिताती हैं। रोज तुम्हारी धोती धोना, तुम्हारी पूजा की सामग्री लगाना, तुम्हारे बैठक में झाड़ लगाना, तुम्हारी एक-एक चीज को सहेज-सँभालकर रखना, कहाँ तक कहें भैया, भौजी जैसी तपसिन हमने देखी नहीं। तुम घर से निकल गए पर उन्होंने अपनी भक्ति से तुम्हें अभी तक घर में ही बाँध रखा है। यह एक भारतीय नारी का आदर्श है जिसका प्रतिबिम्ब हमें रत्नावली में देखने को मिलता है। रत्नावली और तुलसीदास के मिलन के अवसर पर भी रत्नावली ने भारतीय नारी के आदर्श का परिचय दिया है। तुलसी ने उसे मठ से चले जाने का आदेश दिया। रत्नावली ने स्वीकार कर लिया किन्तु मृत्यु से पूर्व श्रीमुख दिखाने की भीख माँगी । भारतीय नारी भी अन्तिम समय में पति की निकटता चाहती है। उपर्युक्त सभी उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि रत्नावली में भारतीय नारी का प्रतिबम्ब विद्यमान है।

124675.

राजा भगत ने तुलसी से रत्नावली की किस विशेषता का उल्लेख किया?(क) वह पति परायण हैं(ख) वह साध्वी हैं।(ग) वह विदुषी हैं(घ) वह जोगिन हैं।

Answer»

(घ) वह जोगिन हैं।

124676.

तुलसीदास ने प्रभुदत्त को क्या निर्देश दिया?

Answer»

तुलसीदास ने निर्देश दिया कि माताजी (रत्नावली) को ऊपर के कक्ष में पहुँचा दो और माताजी यदि गंगा स्नान के लिए जाना चाहें तो किसी को उनके साथ भेज दो।

124677.

तुलसीदास ने रत्नावली को काशी में रहने की अनुमति क्यों नहीं दी?

Answer»

तुलसीदास के मन में अन्तर्द्वन्द्व था। कभी मन रत्नावली की ओर मुड़ जाता, कभी राम की भक्ति की ओर मुड़ जाता। तुलसीदास ने वैराग्य धारण कर लिया था। रत्नावली यदि मठ में रहती तो मोह के वशीभूत होकर राम की भक्ति में मन स्थिर नहीं हो पाता। उनकी साधना में व्यवधान उत्पन्न होता । रत्नावली से वार्तालाप करते समय उन्होंने स्वयं कहा था कि अब आँसू न बहाओ अन्यथा मेरे मन का धैर्य और सन्तोष बँट जायगा। इस कारण उन्होंने रत्नावली को काशी में रहने के लिए मना कर दिया था।

124678.

पाठ में तुलसीदास का जो रूप प्रतिष्ठापित होता है, वह है –(क) रामभक्त(ख) वैरागी(ग) ममतामयी(घ) त्यागी।

Answer»

पाठ में तुलसीदास का जो रूप प्रतिष्ठापित होता है, वह है वैरागी।

124679.

राजा भगत का तुलसीदास से मिलने का क्या उद्देश्य था? वे कहाँ तक सफल रहे?

Answer»

राजा भगत अपने साथ रत्नावली को लाये थे। उनका उद्देश्य था कि रत्नावली तुलसी के पास ही रहें। किन्तु वे अपने उद्देश्य में सफल नहीं हुए। यद्यपि तुलसी के मन में रत्नावली के प्रति स्नेह था। किन्तु उनके हृदय में अन्तर्द्वन्द्व था। कभी वे रत्नावली की ओर झुकते तो कभी राम की भक्ति की ओर मुड़ जाते। अन्त में उन्होंने रत्नावली को मठ से चले जाने के लिए कह दिया। राजा भगत का जो उद्देश्य था वह पूरा नहीं हुआ। वैराग्य के कारण तुलसी ने रत्नावली को स्वीकार नहीं किया।

124680.

हंस किससे ऊबकर शीतलता प्राप्त करने हिमालय पर आते हैं ?

Answer»

पावस की ऋतु की उमस बहुत कष्टदायक होती है। हंस पावस ऋतु की उमस से ऊबकर शीतलता प्राप्त करने हिमालय पर आते हैं।

124681.

कविता के प्रथम चरण में क्या दृश्य है?

Answer»

‘बादल को घिरते देखा है’ कविता के प्रथम चरण में निर्मल-सफेद बर्फ से आच्छादित पर्वत-शिरवर पर बादल घिर आए हैं। तथा मानसरोवर झील में खिले हुए कमल के सुनहरे फूलों पर छोटीछोटी मोती जैसी शीतल बूंदें गिर रही हैं।

124682.

तुलसी और रत्नावली के सम्वादों की विशेषता है –(क) मर्मस्पर्शी हैं।(ख) भावानुकूल हैं।(ग) तर्कपूर्ण हैं।(घ) छोटे हैं।

Answer»

(क) मर्मस्पर्शी हैं।

124683.

“केशव, यह दोनों परस्पर विरोधी विशेषताएँ, वो मुझमें कदापि नहीं हो सकतीं।”-तुलसीदास के इस कथन में व्यक्त पीड़ा का उल्लेख कीजिए।

Answer»

तुलसी के सम्बन्ध में अलग-अलग धारणाएँ थीं। कोई उन्हें महामुनि और कोई कपटी-कुचाली कहता था । तुलसी कहते हैं कि ये दोनों विरोधी विशेषताएँ मुझसे सहन नहीं होतीं। मैं अधम प्राणी हूँ तभी आप (उनके आराध्य राम) मुझे दर्शन नहीं दे रहे। मुझे एक बार कह दो कि मैं तुम्हारा हूँ। इसे सुनकर मेरे हृदय को सन्तोष हो जाएगा। यह सुनकर मुझे किसी और चीज की अपेक्षा नहीं रहेगी। मुझे आपका भरोसा चाहिए, विश्वास चाहिए। आपका सान्निध्य चाहिए। तुलसी को पीड़ा है कि प्रभु उन्हें दर्शन नहीं देते। अपना नहीं कहते । तुलसी यह सुनना चाहते हैं कि तुलसी राम का है। इसी पीड़ा से वे व्यथित हैं।

124684.

“मैं अपने मन से बड़ा ही दुःखी हूँ रघुनाथ।” तुलसी मन से क्यों दुखी थे?(क) अडिगता के कारण(ख) ऊहापोह के कारण(ग) चंचलता के कारण(घ) निष्ठुरता के कारण।

Answer»

(ग) चंचलता के कारण

124685.

‘विरक्त अब फिर से राग के बन्धनों में नहीं बँध सकता।’ यह कथन है –(क) रत्नावली का(ख) तुलसीदास का(ग) राजा भगत का(घ) टोडरमल का।

Answer»

(ख) तुलसीदास का

124686.

प्रस्तुत कविता में कवि की सौंदर्य की नैसर्गिता का वर्णन कीजिए ।

Answer»

बादल को घिरते देखा है’ कविता में कवि नागार्जुन ने प्रकृति के कई मनोहर चित्र खींचे हैं। हिमालय के उज्ज्वल शिखर तो देखते ही बनते हैं। उन पर पावस ऋतु के बादलों को घिरना भी बड़ा मनोरम लगता है। मानसरोवर झील में सुनहरे कमल खिले हुए हैं। उन। पर बादलों से गिरते मोती जैसे जलकण अपूर्व शोभा प्रदान करते हैं। झीलों में तैरते हए हंसों को देखना अच्छा लगता है। वसंत के प्रभाव की सुंदरता निराली है। मंद-मंद, शीतल पवन का स्पश बड़ा सुहावना लगता है। बाल-सूर्य की कोमल किरणों का सुनहरा प्रकाश पर्वत-शिखरों को भी स्वर्णिम बना देता है। इस प्रकार कविता में वर्णित सौंदर्य की नैसर्गिकता अत्यंत स्वाभाविक और हृदयस्पर्शी है।

124687.

अब इस जन्म में हमारा-तुम्हारा साथ नहीं हो सकता’-तुलसीदास के इस कथन में व्यंजित भाव है –(क) वेदना(ख) पश्चात्ताप(ग) वैराग्य(घ) तिरस्कार।

Answer»

अब इस जन्म में हमारा-तुम्हारा साथ नहीं हो सकता’-तुलसीदास के इस कथन में व्यंजित भाव है वैराग्य।

124688.

बासंती सुबह में सरोवर के किनारे शैवालों की हरी दरी पर किसके प्रणय-कलह का दृश्य है?

Answer»

बासंती सुबह में सरोवर के किनारे शैवालों की हरी दरी पर चकवा और चकवी के प्रणय-कलह का दृश्य है।

124689.

बालारुण की मुद् किरणें थीं। अगल-बगल स्वर्णाभ शिखर थे।

Answer»

बाल्यावस्था में सूर्य का गोला धीरे-धीरे पर्वत-शिखरों के बीच उभरकर ऊपर उठता हुआ दिखाई दे रहा था। सूर्य की कोमल सुनहरी किरणों से पर्वत-शिखर सोने की भाँति चमक रहे थे। सूर्योदय हो गया था। सूर्योदय का यह समय चकवा-चकवी पक्षियों के लिए वरदान स्वरूप था। उनके विरह की रात समाप्त हो गई थी। उनका क्रंदन बंद हो गया था। वे रातभर के बिछोह के बाद अब फिर एक-दूसरे मिलकर प्रणय-कलह में लीन थे।

124690.

कविता में कवि की कल्पना और भावुकता का वर्णन कीजिए।

Answer»

कवि देखते हैं कि मानसरोवर झील पर पावस ऋतु के बादल छाए हुए हैं। उनसे गिरते जलकण कवि को मोती जैसे लगते हैं। हिमालय की पहाड़ियों पर कई छोटी-मोटी झोले हैं। कवि उन झीलों में तैरते हुए हंसों को देखता है। वह कल्पना करता है कि शायद वर्षाऋतु की उमस से व्याकुल होकर वे हंस अपनी तपन मिटाने के लिए उन झीलों में तैरने आए हों और कमलनाल के तीखे-मीठे तंतु खोज रहे हों। रात के समय का चकवा-चकवी का वियोग कवि को भावुक बना देवा है। उसे लगता है, यह कैसा शाप है, जिसके कारण वे रात में एक-दूसरे से अलग रहने के लिए विवश हो जाते हैं। सुबह होते उन वियोगी पक्षियों के क्रंदन की समाप्ति और फिर उनका मिलन कवि की भावना को आनंद प्रदान करता है।

124691.

ऋतु वसंत का सुप्रभात था … (काव्य-पक्ति पूर्ण कीजिए।)A. सारी रात बितानी होतीB. मंद-मंद था अनिल बह रहाC. छोटे-छोटे मोती जैसेD. तुंग हिमालय के कंधों पर

Answer»

मंद-मंद था अनिल बह रहा

124692.

‘गंगाराम के घर से रत्नावली लौट आई हैं।’ यह सुनकर तुलसी के चेहरे पर जो भाव उत्पन्न हुआ वह था –(क) रोष का(ख) सन्तोष का(ग) स्नेह का(घ) सुख का।

Answer»

(ख) सन्तोष का

124693.

“दो (तपस्वी) जब मिल जाते हैं तब दोनों के मन में एक-दूसरे से आगे बढ़ने का भाव उत्पन्न होता है।” कौन-सा भाव उत्पन्न होता है?(क) प्रेरणा का(ख) ईष्र्या का(ग) हौंसले का(घ) होड़ का।

Answer»

(ग) हौंसले का

124694.

विदाई के समय भिक्षा के रूप में रत्नावली ने क्या विनती की?

Answer»

रत्नावली ने तुलसी से विनती की कि वे मृत्यु से पहले उसे एक बार अपना श्रीमुख दिखाने की कृपा करें।

124695.

‘मानस का हंस’ के संकलित अंश में क्या व्यक्त हुआ है?

Answer»

तुलसीदास का अन्तर्द्वन्द्व, तत्कालीन समाज की मन:स्थिति तथा रत्नावली की त्यागमयी प्रतिमूर्ति का चित्रण व्यक्त हुआ है।

124696.

“तुलसी को रात में अच्छी नींद न आई।” नींद न आने का कारण था(क) अन्तर्द्वन्द्व(ख) रत्नावली की स्मृति(ग) प्रभु दर्शन न होने के कारण(घ) साधना में कमी के कारण।

Answer»

(क) अन्तर्द्वन्द्व

124697.

एकान्त में तुलसीदास के मन में क्या विचार आते हैं?

Answer»

एकांत में तुलसीदास के मन में यह विचार आते हैं कि हे प्रभु! आप मुझे प्रत्यक्ष दर्शन क्यों नहीं देते? आप मेरे ध्यान में क्यों नहीं आते ? मैं प्रीत बढ़ाना चाहता हूँ, पर प्रतीति क्यों नहीं होती?

124698.

भगवान श्रीकृष्ण की आरती के बाद तुलसीदास क्या करते हैं?

Answer»

आरती के बाद तुलसीदास दर्शनार्थियों को कृष्ण-भक्ति का महत्व बताते हैं। सभी अवतारों के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हैं। और ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखी तिन तैसी’ चौपाई का भाव स्पष्ट करते हैं।

124699.

रत्नावली ने सबको मोह लिया था –(क) सौन्दर्य से(ख) मृदुता से(ग) मधुर वाणी से(घ) व्यवहार से।

Answer»

(घ) व्यवहार से।

124700.

“माताजी रसोईघर में रसोइये को सहायता दे रही हैं।” भृत्य के कथन को सुनकर तुलसीदास पर क्या प्रभाव पड़ा?

Answer»

तुलसीदास के मन पर सन्तोष के भाव ने छाना चाहा पर छा न सका, लेकिन किसी प्रकार का असंतोष भी मन में न जागा