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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

चित्र के अनुसार धातु के तार का एक समकोण त्रिभुज PQR `2.0 "मी"//"से"` की एकसमान चाल से अपने तल में गति करता है । तल के लंबवत `2.0 "वेबर"//"मी"^(2)` का एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र लगा है । प्रेरित विधुत वाहक बल का मान ज्ञात कीजिए । (i) लूप PQR में, (ii) खण्ड PQ में, (iii) खण्ड QR में।

Answer» (i) लूप PQR में कोई विधुत वाहक बल प्रेरित नहीं होगा क्योकि लूप PQR क्षेत्र के लम्ब्वत व् v वेग से चलता हैं परन्तु चुम्बकीय फ्लस्क में परिवर्तन नहीं होता ।
(ii) प्रेरित विo वाo बल, `e = B vl = 2.0 xx 2.0 xx 3 xx 10^(-2)`
` = 0.12 "वोल्ट"`
(iii) खण्ड QR में कोई विo वाo बल प्रेरित नहीं होगा क्योकि v तथा l परस्पर समांतर हैं ।
2.

विधुत चुम्बकीय प्रेरण से क्या तात्पर्य है ?

Answer» जब किसी कुण्डली तथा चुम्बक के बीच सापेक्ष गति होती है, तो कुण्डली में एक विधुत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है , इस घटना को विधुत चुम्बकीय प्रेरण तथा उत्पन्न विधुत वाहक बल को प्रेरित विधुत वाहक बल कहते है ।
3.

20 गौस की चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता वाले चुम्बकीय क्षेत्र में `10 xx 20 "सेमी"^(2)` क्षेत्रफल का एक आयताकार लूप रखा है । यदि लूप का तल क्षेत्र से `60^(@)` पर झुका हो, तो लूप से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लस्क का मान ज्ञात कीजिये ।

Answer» Correct Answer - `2sqrt(3) xx 10^(-6) "webar"` |
`Phi = BA cos theta, theta = 30^(@)`
4.

50 सेमी लम्बा एक क्षैतिज तार `6 "मीटर"//"सेकण्ड"` कि चाल से `1.1 "वेबर"//"मीटर"^(2)` के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लंबवत गिर रहा है । चुम्बकीय क्षेत्र कि दिशा पूर्व से पश्चिम कि ओर है । तार में प्रेरित विभवान्तर का परिकलन कीजिए । तार का कौन - सा सिरा (उत्तरी अथवा दक्षिणी) धनात्मक होगा ?

Answer» `3.3` वोल्ट, लॉरेंज बल के कारण, फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियमानुसार ऋण -आवेश दक्षिणी सिरे की ओर प्रवाहित होगा ।
अतः चालक का उत्तरी सिरा धनात्मक होगा ।
5.

चुम्बकीय क्षेत्र के मात्रकों न्यूटन/(ऐम्पियर-मीटर) तथा वेबर/मीटर से सम्बन्धित , दोनों परिभाषायें लिखिए ।

Answer» यदि एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में , क्षेत्र के लंबवत रखे 1 मीटर लम्बे चालक में 1 ऐम्पियर धारा प्रवाहित करने पर चालक पर 1 न्यूटन बल लगे तो चुम्बकीय क्षेत्र का मान `1 "न्यूटन"//"(ऐम्पियर-मीटर)"` होगा ।
यदि एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में, क्षेत्र के लंबवत रखे 1 मीटर क्षेत्र वाले तल से गुजरने वाला चुम्बकीय फ्लस्क वेबर हो, तो चुम्बकीय क्षेत्र का मान `1 "वेबर"//"मीटर"^(2)` होगा ।
6.

l लम्बाई के एक ऋजुरेखीय तार को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लंबवत रखकर उसे `vecv` वेग से एक ऐसी दिशा में चलाया जाता है जो तार की लम्बाई के लंबवत होती है तथा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के साथ `theta` कोण बनाती है । तार के दोनों सिरों के बीच उत्पन्न प्रेरित विधुत वाहक बल के सूत्र का निगमन कीजिए ।

Answer» Correct Answer - प्रेरित विधुत वाहक बल `e = B v l sin theta`.
7.

l दूरी पर स्थित PQ तथा MN हो समान्तर चालक एक प्रतिरोध R के साथ जुड़े है । इन्हें एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B में, जो तारों के तल के लम्ब्वत है, रखा जाता है । एक तार XY को PQ व MN पर रखा जाता है तथा इसे v चाल से उन पर फिसलने दिया जाता है । PQ ,MN तथा XY के प्रतिरोधों को नगण्य मानते हुए, तार XY को फिसलने में प्रति सेकण्ड कितना कार्य करना पड़ेगा, गणना कीजिए ।

Answer» चुम्बकीय क्षेत्र B (माना) में v वेग से गतिमान तार (लम्बाई l ) XY में प्रेरित विधुत वाहक बल
`e = B vl`.
परिपथ XPMY का प्रतिरोध R है । अतः तार XY में प्रेरित धारा
`i = e/R = (Bvl)/(R)`
इस धारा के कारण, चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित तार XY पर बल
`F = iBl = B^(2)v l^(2)//R`
तार को एकसमान वेग से खिसकाने के लिए इतना ही बल विपरीत दिशा में लगाना होगा । अतः कार्य करने की दर
`P = F v = B^(2)v^(2)l^(2)//R`.
8.

100 टेस्ला (T) के चुम्बकीय क्षेत्र के लम्ब्वत एक तल में एक तार 10 सेमी त्रिज्या वाले वृताकार लूप के रूप में रखा है । तल में एक तार 10 सेमी त्रिज्या वाले वृताकार लूप के रूप में रखा है। यदि इस तार को `0.1 "Second"` (s) में खींचकर, उसी तल में वर्गाकार रूप दे दिया जाए, तो लूप में उत्पन्न औसत विधुत वाहक बल ज्ञात कीजिये।

Answer» वृत्ताकार लूप (त्रिज्या r , माना ) से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स
`Phi_(1) = BA = B xx pir^(2)`
`= 100 "वेबर"//"मीटर"^(2)xx 3.14 xx (0.1 "मीटर")^(2)`
`= 3.14 "वेबर"`।
वृत्ताकार लूप को वर्गाकार करने पर वर्ग की एक भुजा की लम्बाई
`(2pir)/(4) = (2xx3.14 xx 0.1"मीटर")/(4) = 0.157 "मीटर"`
`:.` वर्ग का क्षेत्रफल `= (0.157 "मीटर") = 0.02465"मीटर"^(2)`।
वर्गाकार लूप से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स
`Phi_(2) = BA = 100 "वेबर"//"मीटर"^(2) xx 0.02465 "मीटर"^(2)`
`= 2.465 "वेबर"`।
चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन
`DeltaPhi = Phi_(2) - Phi_(1) = 2.465 - 3.14 = - 0.675"वेबर"`।
यह परिवर्तन `0.1` सेकण्ड में होता है। अतः प्रेरित औसत विधुत वाहक बल
`e = - (Deltaphi)/(Deltat) = - (-0.675"वेबर")/(0.1"सेकण्ड") = 6.75"वोल्ट"` |
9.

एक 50 सेमी लम्बा तार `0.8 "न्यूटन"//"(ऐम्पियर-मीटर)"` के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में अपनी लम्बाई तथा चुंबकीय दोनों के लंबवत `2 "मीटर"//"सेकण्ड"` के वेग से गतिमान है । तार में उत्पन्न होने वाले प्रेरित विभवान्तर कि गणना कीजिए । यदि तार क्षेत्र के समान्तर चल रहा है , तो प्रेरित विभवान्तर का मान क्या होगा ?

Answer» Correct Answer - `0.8 "वोल्ट"`, शून्य
10.

एक बहुत छोटा `5xx 10^(-4)` वर्ग मीटर क्षेत्रफल, 2 प्रतिरोध तथा उपेक्षणीय प्ररतक्व वाला वृत्तीय लोप आरंभ में एक बहुत बड़े 0.1 मीटर त्रिज्या वाले वृत्तीय, स्थिर लोप के समतलीय एवं संकेन्द्री हे । 1 ऐम्पियर की स्थिर धरा बड़े लोप में प्रवाहित की जाती हे तथा छोटे लोप को किसी व्यास के परित: `omega` रेडियन प्रति सेकण्ड के कोणीय वेग से घुमाया जाता हे । छोटे लोप में (i) बद्ध फ्लस्क, (ii) प्रेरित विधुत वाहक बल तथा (iii) प्रेरित धारा की, समय-फलन के पद में गणना कीजिये । `(mu_(0) = 4pi xx 10^(-7) "वोल्ट-सेकण्ड"//"ऐम्पियर-मीटर")`

Answer» बड़े लूप के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान
`B = (mu_(0)i)/(2r) = ((4pixx10^(-7) "वोल्ट-सेकण्ड" //"ऐम्पियर - मीटर") xx 1 "ऐम्पियर")/(2 xx 0.1 "मीटर")`
`= 2pi xx 10^(-6) "वेबर"//"मीटर"^(2)`।
क्षेत्र `vecB` लूप के तल के लम्ब्वत है । इसके केंद्र पैर स्थित छोटे लूप (क्षेत्रफल A ) से बद्ध तात्कालिक चुम्बकीय फ्लस्क
`Phi_(B) = vecB . vecA`
`= BA cos omegat`
`= (2pi xx 10^(-6) "वेबर"//"मीटर"^(2)) xx (5 xx 10^(-4) "मीटर"^(2)) cos omegat`
`= pi xx 10^(-9) cos omegat "वेबर"` ।
(ii) प्रेरित विधुत वाहक बल
`e = - (dPhi_(B))/(dr) = BA omega sin omegat`
`= pi xx 10^(-9) omega sin t "वोल्ट"`|
(iii) प्रेरित धारा `i = e/R = (pi xx 10^(-9) omega sin omegat "वोल्ट")/(2 "ओम")`
`= pi/2 xx 10^(-9) omega sin omegat "ऐम्पियर"`।
11.

एक इलेक्ट्रॉन एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्ब्वत `0.012` मीटर त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग में गति कर रहा हे । इलेक्ट्रॉन की चाल `10^(6) "मीटर"//"सेकण्ड"` है। परिपथ द्वारा कुल कितना फ्लस्क घिरा होगा ? (इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान `= 9.0 xx 10^(-31)` किग्रा, आवेश `= 1.6 xx 10^(-19) "कूलॉम"`)

Answer» जब एक इलेक्ट्रान (द्रव्यमान m , आवेश e ) किसी चुम्बकीय क्षेत्र B में क्षेत्र के लम्ब्वत v चाल से प्रवेश करता है, तो उस पर एक चुम्बकीय बल e v B कार्य करता है । यह बल इलेक्ट्रॉन की चाल के लम्ब्वत कार्य करता है । अतः इस बल के कारण इलेक्ट्रॉन की चाल एक वृतीये पथ पर चलता है तथा यही उसे आवश्यक अभिकेंद्र बल `m v^(2)//r` प्रदान करता है, जहाँ r वृत की त्रिज्या है । इस प्रकार
`evB = (mv^(2))/(r)` अथवा `B = (mv)/(er)`
अतः परिपथ द्वारा घिरा चुम्बकीय फ्लस्क
`Phi_(B) = BA = (mv)/(er) xx pir^(2) =(mv xx pir)/(e)`
`(9.0 xx 10^(-31)"किग्रा") xx (10^(6) "मीटर"//"सेकण्ड")`
`= (xx3.14 xx (12 xx 10^(-3) "मीटर"))/(1.6 xx 10^(-19) "कूलॉम")`
`= 2.12 "जूल - सेकण्ड"//"कूलॉम" = 2.12 xx 10^(-7) "वोल्ट-सेकण्ड"`
`= 2.12 xx 10^(-7) "वेबर"` ।
12.

एक कुण्डली का क्षेत्रफल `500 "सेमी"^(2)` है तथा चक्करों कि संख्या है । इसे `2 xx 10^(-5) "वेबर"//"मीटर"^(2)` के चुम्बकीय क्षेत्र के लंबवत रखा गया है । कुण्डली को `0.2` सेकण्ड में `180^(@)` कोण से घुमाया जाता है । प्रेरित विधुत वाहक बल का मान ज्ञात कीजिए । यदि कुण्डली का प्रतिरोध 20 ओम हो, तो कुण्डली में प्रवाहित आवेश की गणना कीजिए । यदि कुण्डली को धीरे से अथवा तेजी से घुमाएँ , तो प्रवाहित आवेश पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

Answer» Correct Answer - `0.01 "वोल्ट", 10^(-4) "कूलॉम"`, कोई प्रभाव नहीं
13.

50 ओम प्रतिरोध की एक बन्द कुण्डली में 1000 फेरे है तथा यह सेमी क्षेत्रफल वाले आयताकार फ्रेम पर लपेटी गयी है। इस कुण्डली का तल वेबर मीटर के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्ब्वत दिशा में है । कुण्डली को घुमाने पर उसमें बहते हुए आवेश की गणना कीजिए। क्या आपका यह उत्तर कुण्डली के घुमाने की गति पर निर्भर करेगा ?

Answer» चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्ब्वत स्थित क्षेत्रफल वाली कुण्डली के प्रत्येक फेरे में से गुजरने वाला चुम्बकीय फ्लस्क
`Phi_(1) = BA`.
कुण्डली को `180^(@)` घुमाने पर उससे गुजरने वाला चुम्बकीय फ्लस्क
`Phi_(2) = -BA`
`:.` चुम्बकीय फ्लस्क में परिवर्तन
`DeltaPhi = Phi_(2) - Phi_(1) = - BA - (BA) = - 2BA`.
माना की यह परिवर्तन सेकण्ड में होता हैं । फैराडे के नियमानुसार, कुण्डली में प्रेरित विधुत वाहक बल
`e = - N (DeltaPhi)/(Deltat) = (2 N B A)/(Deltat)`
जहाँ N कुण्डली में फेरों की संख्या हैं । कुण्डली में प्रेरित धारा
`i = (e )/(R) = 1/R (2N B A)/(Deltat)`
जहाँ परिपथ का प्रतिरोध है । अतः परिपथ में प्रवाहित आवेश
`q = i xx Deltat = (2NBA)/(DeltaR)`
प्रश्नानुसार `N = 1000, B = 0.4 "वेबर"//"मीटर"^(2), A = 4.0 "सेमी"^(2) = 4.0 xx 10^(-4) "मीटर"^(2)` तथा `R = 50"ओम"` |
`q = (2 xx 1000 xx (0.4 "वेबर"//"मीटर"^(2)) xx (4 xx 10^(-4) "मीटर"^(2)))/(50 "ओम")`
`= 6.4 xx 10^(-3) "कूलॉम"` ।
कुण्डली को धीरे से अथवा तेजी से घुमाने का प्रवाहित आवेश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा । प्रवाहित आवेश का मान चुम्बकीय फ्लस्क में कुल परिवर्तन पर निर्भर करता है, न कि चुम्बकीय फ्लस्क में परिवर्तन की दर पर ।
14.

`100 "सेमी"^(2)` क्षेत्रफल की एक कुण्डली में 500 फेरे हैं। `0.1 "वेबर"//"मीटर"^(2)` का चुम्बकीय क्षेत्र कुण्डली के तल के लम्ब्वत हैं । चुम्बकीय क्षेत्र को `0.1` सेकण्ड में कम करके शून्य कर दिया गया । कुण्डली में प्रेरित विधुत वाहक बल हैं :A. 1 वोल्टB. 5 वोल्टC. 50 वोल्टD. शून्य

Answer» Correct Answer - B
15.

एक कुण्डली के अनुप्रस्थ - काट का क्षेत्रफल `0.04 meter^(2)` है तथा इसमें `1000` फेरे है। इस कुण्डली को 5.0×10−5वेबर प्रतिमीटर के चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत लटकाया गया है। कुण्डली को `0.2 "second"` मै कोण `90^(@)` घुमाया जाता है। कुण्डली में सम्बन्ध अधिकतम चुम्बकीय फ्लक्स तथा घुमाने पर प्रेरित औसत विधुत वाहक बल की गणना कीजिये ।

Answer» चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्ब्वत स्थित, क्षेत्रफल वाली कुण्डली के प्रत्येक फेरे में से गुजरने वाला चुम्बकीय फ्लक्स
`Phi_(B) = BA.`
प्रश्नानुसार, `B = 5.0 xx 10^(-5) "webar"//"meter"^(2)` तथा `A = 0.04 "meter"^(2)`।
`:. Phi_(B) = (5.0 xx 10^(-5)) xx 0.04 = 2.0 xx 10^(-6) "webar"`
`90^(@)` कोण घुमाने पर कुण्डली से गुजरने वाला चुम्बकीय फ्लकस शून्य हो जायेगा । अतः चुम्बकीय फ्लकस में परिवर्तन
`DeltaPhi_(B) = 0 Phi_(B) = 0- (2.0 xx 10^(-6) "webar") = - 2.0 xx 10^(-6) "webar"` |
इस परिवर्तन का समय `Delta t = 0.2 "second"`|
फैराडे के नियमानुसार, कुण्डली में प्रेरित विधुत वाहक बल
`e = - N (DeltaPhi)/(Deltat) = - 1000 xx ((-2.0 xx 10^(-6) "webar"))/(0.2 "second")`
`= 0.01 "volt"`| `[:. "webar" = "volt" - "second"]`
16.

एक कुण्डली का क्षेत्रफल `100 "सेमी"^(2)` है तथा इसमें 400 फेरे हैं । `0.20 "वेबर"//"मी"^(2)` का चुम्बकीय क्षेत्र कुण्डली के तल के लंबवत हैं । यदि चुम्बकीय क्षेत्र `0.1` सेकण्ड में घटकर शून्य हो जाए, तो कुण्डली में प्रेरित विo वाo बल का मान ज्ञात कीजिए । यदि कुण्डली का प्रतिरोध 4 ओम हो, तो प्रेरित धारा का मान ज्ञात कीजिए ।

Answer» Correct Answer - `8 "वोल्ट"`, `2 "ऐम्पियर"`
17.

किसी कुण्डली में प्रेरित धारा किन - किन बातों पर निर्भर करती है ?

Answer» प्रेरित धारा कुण्डली में फेरों की संख्या, चुम्बकीय फ्लस्क-परिवर्तन की दर तथा प्रतिरोध पर निर्भर करती है ।
18.

जब फ्रिज चालू करते है , तो घर में जा रहे बल्ब केवल क्षण मात्र के लिये हो धीमे होते है , परन्तु जब कमरे में हीटर लगाते है, तो जब तक हीटर लगा रहता है तब तक बल्ब भी धीमे रहते है इस अन्तर का कारण समझाइए।

Answer» जैसे ही फ्रिज की मोटर चालू होती है , इसमें क्षण भर के लिए प्रबल वैधुत धारा प्रवाहित होती है जिस कारण मेन्स से आने वाली तार की लाइनों में काफी विभव-पतन हो जाता है। अतः बल्बों के सिरों पर उपलब्ध विभवान्तर कम हो जाता है तथा में मन्द हो जाते है । परन्तु शीघ्र ही मोटर में विरोधी वहुत वाहक बल उत्पन्न हो जाने के कारण मोटर में धारा घट जाती है, अतः बल्ब पुनः लाइन में विभव - पतन के कारण, बल्ब मन्द ही बने रहते है ।
19.

20 मीटर पंख-फैलाव वाला एक वायुयान `250 "मीटर"//"सेकण्ड"` की गति से पृथ्वी की सतह के समान्तर सीधे दक्षिण दिशा में उड़ रहा है । पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक `2xx10^(-5) "वेबर"//"मीटर"^(2)` है तथा नमन कोण `60^(@)` है । वायुयान के पंखो की नोकों के बीच प्रेरित विधुत वाहक बल की गणना कीजिए।

Answer» Correct Answer - `0.175` वोल्ट
20.

एक ताँबे की वलय तथा एक ऐलुमिनियम की वलय समान समयान्तराल में एक चुम्बकीय क्षेत्र से हटायी जाती है । किस वलय में प्रेरित धारा वाहक बल तथा प्रेरित धारा अधिक उत्पन्न होगी?

Answer» प्रेरित विधुत वाहक बल दोनो में समान होगा, परन्तु प्रेरित धारा ताँबे की वलय में अधिक होगी क्योकि इसका प्रतिरोध ऐलुमिनियम की वलय से कम है ।
21.

उच्च वोल्टेज पर धारा में जाने वाले तार में धारा चालू करते हो तार पर बैठी चिड़िया उड़ जाती है , क्यों ?

Answer» धारा चालू करने पर तार पर बैठी चिड़िया के शरीर में प्रेरित धारा बहती है । उसके दोनो पंख विपरीत धाराओं के कारण परस्पर प्रतिकर्षित होकर फैल जाते हैं जिससे चिड़िया उड़ जाती हैं ।
22.

किसी समय t पर एक कुण्डली से सम्बद्ध तात्क्षणिक चुम्बकीय फ्लस्क `Phi = (5t^(3) - 100 t + 300)` वेबर है । `t = 2` सेकण्ड पर कुण्डली में प्रेरित विधुत वाहक बल है :A. `-40 V`B. `40 V`C. `140 V`D. `300 V`.

Answer» Correct Answer - B
23.

एक कुण्डली में बद्ध चुम्बकीय फ्लस्क `0.1` सेकण्ड में 10 वेबर से 1 वेबर कर दिया जाता है । कुण्डली में प्रेरित विधुत वाहक बल का मान बताइए ।

Answer» Correct Answer - 90 वोल्ट
24.

प्रेरित विधुत वाहक बल का विमीय सूत्र क्या है ।

Answer» Correct Answer - `[ML^(2)T^(-3)A^(-1)]`
25.

`L//R` का विमीय सूत्र निकालिए , जहाँ L स्व-प्रेरकत्व तथा R प्रतिरोध हैं।

Answer» L की विमाएँ `[ML^(2)T^(-2)A^(-2)]` हैं तथा R की विमाएँ `[ML^(2)T^(-3)A^(-2)]` हैं
`:. L/R` की विमा `= [T]`
`L//R` की विमा वही है जो समय की है ।
26.

स्व-प्रेरण तथा अन्योन्य प्रेरण के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए ।

Answer» जब किसी कुण्डली में प्रवाहित धारा में परिवर्तन करने से उसी कुण्डली में विधुत वाहक बल प्रेरित होता है, तो इस घटना को स्व-प्रेरण कहते है , परन्तु जब कुण्डली में धारा परिवर्तित करने से समीप रखी एक अन्य कुण्डली में विधुत वाहक बल प्रेरित करता होता है , तो इस घटना को अन्योन्य प्रेरण कहते हैं।
27.

किसी प्रेरक से `60 mA` की धारा प्रवाहित करने पर उस प्रेरक में संचित चुम्बकीय स्थितिज ऊर्जा का मान `25 mJ` है । इस प्रेरक का प्रेरकत्व है :A. `0.138 H`B. `13.89 H`C. `1.389 H`D. `138.88 H`.

Answer» Correct Answer - B
`U = 1/2 Li^(2)`
`25 xx 10^(-3) = 1/2 L (60 xx 10^(-3))^(2) rArr L = (500)/(36) = 13.89 H`.
28.

प्रेरकत्व `L = 50xx10^(-6)` हेनरी तथा प्रतिरोध `r = 0.5` ओम की एक कुंडली को वोल्ट वीo वाo बल बैटरी से जोड़ा गया है । 10 ओम का एक प्रतिरोध कुंडली के समान्तर-क्रम में जोड़ा गया है । अब किसी क्षण बैटरी का सम्बन्ध हटाने दिया जाता है । बैटरी का सम्बन्ध हटाने के पश्चात, कुंडली में उत्पन ऊष्मा का परिणाम ज्ञात कीजिए।

Answer» बैटरी से प्राप्त धारा प्रतिरोध तथा प्रेरकत्व L (तथा प्रतिरोध r ) मे जाती है । प्रेरकत्व में स्थायी धारा
`i_(0) = E/r = (5"वोल्ट")/(0.5 "ओम") = 10 "ऐम्पियर"` ।
प्रेरकत्व में संग्रहित ऊर्जा
`U = 1/2 Li_(0)^(2) = 1/2 (50 xx 10^(-6)"हेनरी") xx (10 "ऐम्पियर")^(2)`
`= 2.5 xx 10^(-3) "जूल"`|
बैटरी का सम्बन्ध हटा देने के पश्चात ऊर्जा U , प्रतिरोधों r तथा R में क्षय होती है । अतः कुंडली L (केवल r ) में क्षय ऊर्जा
`= U xx (r/(r+R)) = (2.5 xx 10^(-3)"जूल") xx (0.5"ओम")/((0.5+10)"ओम")`
`= 1.9 xx 10^(-4) "जूल"` ।
29.

किसी कुण्डली का स्व-प्रेरण गुणांक 1 हेनरी है । इससे आप क्या समझते हैं?

Answer» यदि किसी कुण्डली में `1 "ऐम्पियर"//"सेकण्ड"` की दर से धारा - परिवर्तन होने पर 1 वोल्ट का विधुत वाहक बल प्रेरित हो, तो कुण्डली में स्व-प्रेरण गुणांक 1 हेनरी होगा ।
30.

8.0 मिलीहेनरी प्रेरकत्व वाली कुण्डली में `2.0` ऐम्पियर की वैधुत धारा है । कुण्डली के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र में कितनी ऊर्जा संचित है ?

Answer» Correct Answer - `1.6 xx 10^(-2)` जूल
31.

किसी परिपथ में `0.1` सेकण्ड में धारा `5.0` ऐम्पियर से `0.0` ऐम्पियर तक गिरती है । यदि औसत प्रेरित विधुत वाहक बल 200 वोल्ट है , तो परिपथ में स्वप्रेरकत्व का आकलन कीजिए ।

Answer» प्रेरित विo वाo बल `e = - L (Deltai)/(Deltat)`
अथवा `L = - (e )/(Deltai//Deltat) = - (200)/(((0.0 - 5.0))/(0.1)) = 4 "हेनरी"`।
32.

5 हेनरी के एक प्रेरक में 0.1 सेकण्ड में धारा 12 ऐम्पियर से बदलकर 7 ऐम्पियर हो जाती है । प्रेरक में कितना विधुत वाहक बल प्रेरित होगा ?

Answer» Correct Answer - 250 वोल्ट
33.

किसी वृत्ताकार कुण्डली का स्व-प्रेरण गुणांक 5 हेनरी तथा प्रतिरोध 20 ओम है । इसको 200 वोल्ट विधुत वाहक बल की बैटरी से जोड़कर धारा को स्थायी होने दिया जाता है । अब कुण्डली के चुम्बकीय क्षेत्र में संचित ऊर्जा का मान ज्ञात कीजिए ।

Answer» Correct Answer - `250` जूल
34.

एक लम्बी परिनालिका के इकाई सेंटीमीटर लंबाई में 15 फेरे है । उसके अंदर `2.0 "सेमी"^(2)` का एक छोटा - सा लूप परिनालिका की क्षय के लम्ब्वत रखा गया है । यदि परिनालिका में बहने वाली धारा का मान `0.1` सेकण्ड में `2.0` ऐम्पियर से 4.0 ऐम्पियर कर दिया जाए तो धारा परिवर्तन के समय प्रेरित विधुत वाहक बल कितना होगा ?

Answer» परिनालिका और कुण्डली के बीच अन्योन्य प्रेरकत्व
`M = mu_(0)n_(1)N_(2)A_(2)= mu_(0)((N_(1))/(l))N_(2)A_(2)`
यहाँ `(N_(1))/(l) = 15` प्रति सेंटीमीटर `= 15 xx 100`
`= 1500` प्रति मीटर,
`N_(2) = 1, A_(2) = 2.0 "सेमी"^(2)`
`= 2.0 xx 10^(-4) "मीटर"^(2)`
`:. M = 4pi xx 10^(-7) xx (1500) xx 1 xx 2.0 xx 10^(-4)`
`= 120 pi xx 10^(-9) "हेनरी"`
लूप में प्रेरित विo वाo बल,
`e_(2) = M (Deltai_(1))/(Deltat) = 120 pi xx 10^(-9) xx (4-2)/(0.1)`
`= 120 xx 3.14 xx 10^(-9) xx (2)/(0.1)`
`= 7.5 xx 10^(-6) V = 7.5 muV`.
35.

एक लम्बी परिनालिका में फेरो की संख्या 1000 है । जब इस परिनालिका में ऐम्पियर धारा प्रवाहित होती है, तब इस परिनालिका के प्रत्येक फेरे से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लस्क `4 xx 10^(-3)` वेबर होता है । इस परिनालिका का स्व-प्रेरकत्व है :A. 4HB. 3HC. 2HD. 1H.

Answer» Correct Answer - D
`L = (NPhi_(B))/(i) = (1000 xx 4 xx 10^(-3))/(4) = 1 H`.
36.

दर्शाये गये परिपथ में, एक प्रेरक `(L = 0.03H)` तथा एक प्रतिरोध `(R = 0.15 kOmega)` किसी 15 V विधुत वाहक बल की बैटरी की जुड़े है । कुंजी `K_(1)` को बहुत समय तक बन्द रखा गया है । इसके समय तक रखा गया है । इसके पश्चात समय `t = 0` पर `K_(1)` को खोलकर साथ ही साथ, `K_(2)` को बन्द किया जाता है । समय t = 1 मिलीसेकण्ड पर परिपथ में वैधुत धारा होगी : `(e^(5) = 150)` A. `100 mA`B. `67 mA`C. `6.7 mA`D. `0.67 mA`

Answer» Correct Answer - D
जब कुंजी को बहुत समय तक बंद करते हैं , प्रेरक में धारा
`i_(0) = E/R = (15)/(0.15 xx 10^(3)) = 0.1 A`
जब `K_(1)` को खोलकर `K_(2)` को बंद करते हैं ।
`i = i_(0) e^(-R/(L)t)`
`t = 1` मिलीसेकण्ड `= 1 xx 10^(-3)` सेकण्ड , `R/L = (0.15xx10^(3))/(0.03) = 5 xx 10^(3)`सेकण्ड
`:. i = 0.1 e^(-5xx 10^(3) xx 10^(-3)) = 0.1e^(-5) = 0.67 mA` .
37.

20 सेमी व्यास की एक ऊर्ध्वाधर ताँबे की चकती अपने केंद्र से गुजरने वाली क्षैतिज अक्ष के परित: 10 चक्कर प्रति सेकण्ड लगा रही है । 100 गौस का एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र चकती के लम्ब्वत कार्य कर रहा है । चकती के केन्द्र व रिम के बीच उत्पन्न विधुत वाहक की गणना कीजिये ।

Answer» चकती के बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स ltbr `Phi_(B) = BA = B(pi r^(2))`
प्रश्नानुसार , `B = 100` गौस ` = 100 xx 10^(-4) = 10^(-2) "वेबर"//"मीटर"^(2)` तथा `r = 10 "सेमी" = 0.1 "मीटर"`
`:. Phi_(B) = 10^(-2) {3.14 xx (0.1)^(2)} = 3.14 xx 10^(-4) "वेबर"`
चकती की प्रत्येक त्रिज्या चक्कर में चकती से बद्ध फ्लक्स `Phi_(B)` को एक बार काटेगी। इसका अर्थ हे की प्रत्येक चक्कर में फ्लक्स -परिवर्तन `Phi_(B)` होगी। चूँकि चकती 1 सेकण्ड में 10 चक्कर पूरे कर रही है, अतः फ्लक्स-परिवर्तन की दर 10 `Phi_(B)` होगी, जो की त्रिज्या के सिरों अर्थात चकती के केंद्र व रिम के बीच प्रेरित विधुत वाहक बल e होगा ।
`e = 10 Phi_(B) = 10 "सेकण्ड"^(-1) (3.14 xx 10^(-4) "वेबर")`
`= 3.14 xx 10^(-3) "वोल्ट" = 3.14 "मिलीवोल्ट"`।
38.

एक रेलगाड़ी की धुरी में प्रेरित विभवान्तर सदैव उतना ही आता है चाहे गाड़ी उत्तर - दक्षिण दिशा में जाये अथवा पूर्व-पश्चिम दिशा में या किसी अन्य दिशा में । इसका कारण स्पष्ट कीजिए ।

Answer» क्योकि प्रत्येक दिशा में धुरी द्वारा पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के ऊर्ध्व घटक का फ्लस्क ही कटता है ।
39.

किसी चालक-कुंडली को यदि आदर्श घर्षणरहित धुरी पर एक कोणीय वेग से एक बार चला जाये , तो वह बिना किसी बाह्य बल - युग्म के चलती रहेगी । यदि कुण्डली किसी चुम्बकीय क्षेत्र में हो परन्तु कुण्डली का परिपथ बन्द न हो , तो बताइए कि (i) क्या कुण्डली में विभवान्तर प्रेरित होगा ? (ii) क्या कुण्डली में धारा उत्पन्न होगी ? (iii) क्या कुण्डली को चलाने के लिए लगातार बल-युग्म लगाना होगा ? (iv) कुण्डली परिपथ बन्द करने का कुण्डली की गति पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? प्रत्येक उत्तर का कारण संक्षेप में दीजिए ।

Answer» हाँ , कुण्डली चुम्बकीय क्षेत्र को काटती है , नहीं , क्योकि खुले परिपथ में धारा नहीं बहती, नहीं, क्योकि धारा न बहने से ऊर्जा व्यय नहीं हो रही , अतः बल - युग्म आवश्यक नहीं, प्रेरित ऊर्जा उत्पन्न हो जाने के कारण कुण्डली ली गति धीमी होने लगेगी (लेन्ज नियम) । यदि कुण्डली को उसी कोणीय वेग से घुमाये रखना हो, तो बल - युग्म लगाना होगा ।
40.

ताँबे के तार की एक कुण्डली को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में एक निश्चित वेग से खींचा जाता है । यदि इसका ओमीय प्रतिरोध बढ़ा दिया जाये, तो क्या इसे खींचना आसान होगा ? यदि चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता दोगनी हो जाये, तब ?

Answer» हाँ , क्योकि प्रतिरोध बढ़ाने से प्रेरित धारा घट जाएगी , अतः कुण्डली को खींचने के लिए आवश्यक बल भी घट जायेगा । क्षेत्र दोगुना हो जाने पर बल चार लगाना होगा ।
41.

एक कुण्डली की चुम्बकीय क्षेत्र में से एक बार तेजी से, दूसरी बार धीरे से हटाया जाता है । किस दशा में अधिक कार्य करना होगा ?

Answer» तेजी से हटाने में अधिक कार्य करना होगा क्योकि तब चुम्बकीय फ्लस्क के परिवर्तन की दर अधिक होगी, अतः अधिक विधुत वाहक प्रेरित होगा ।
42.

दो संकेन्द्री वृत्ताकार कुण्डलिया एक कम त्रिज्या `r_(1)` की तथा दूसरी अधिक त्रिज्या `r_(2)` की `(r_(1) lt lt r_(2))` समाक्षी रखी गई हैं। दोनों के केन्द्र के संपाती हैं । इसके लिए अन्योन्य प्रेरकत्व ज्ञात कीजिए ।

Answer» माना बाह्य वृत्ताकार कुण्डली में `i_(B)` धारा प्रवाहित होती है । कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत् `B_(2) = (mu_(0)i_(2))/(2r_(2))` है । क्योकि दूसरी कुण्डली की त्रिज्या बहुत छोटी है । अतः
उसके क्षेत्रफल पर `B_(2)` का मान स्थिर माना जा सकता है । अतः
`Phi_(1) = B_(2)pir_(1)^(2) = (mu_(0)i_(2))/(2r_(2)) xx pir_(1)^(2) = (mu_(0)pir_(1)^(2))/(2r_(2))i_(2)`
परन्तु `Phi_(1) = Mi_(2) :. M = (mu_(0)pir_(1)^(2))/(2r_(2))`
43.

भंवर - धाराएँ बनने का क्या कारण है ? उनका कोई एक उपयोग बताइए।

Answer» उपयोग , रुद्ध-दोलन चल-कुण्डली धारामापी (dead-beat moving-coil galvanometer) में ।
44.

दो एकसमान समअक्षीय वृत्ताकार कुण्डलियों में समान धाराएँ एक ही दिशा में प्रवाहित हैं। यदि दोनों कुण्डलियों को एक-दूसरे की ओर लाया जाये, तो धाराओं में क्या परिवर्तन होगा ?

Answer» लेन्ज के नियमानुसार , प्रत्येक कुण्डली में धारा इस प्रकार परिवर्तित होगी की वह कुण्डलियों के परस्पर निकट आने का विरोध करेंगी। कुण्डलियों के निकट आने पर, उनके केन्द्रों पर चुम्बकीय क्षेत्र पर तीव्रता बढ़ेगी । प्रेरित विधुत वाहक बल इस प्रकार होगा कि वह चुम्बकीय फ्लस्क के बढ़ने का विरोध करेगा । अतः प्रत्येक कुण्डली में धारा घटेगी ।
45.

एक धातु का टुकड़ा तथा एक अधातु (पत्थर) का टुकड़ा एक ही ऊँचाई से पृथ्वी तल के समीप छोडे गए हैं। कौन- सा पृथ्वी पर पहले पहुंचेगा ?

Answer» गिरते हुए धातु के टुकड़े में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण उत्पन्न भंवर धाराएँ टुकड़े की गति का विरोध करती हैं। अतः धातु का टुकड़ा (गुरुत्वीय त्वरण के सापेक्ष) कम त्वरण से गिरता है। परन्तु अधातु के टुकड़े में भंवर धाराएँ उत्पन्न नहीं होगी, अतः वह गुरुत्वीय त्वरण से गिरता है । अतः अधातु का टुकड़ा पृथ्वी पर पहले पहुँचेगा।
46.

एक अन्तरिक्ष यात्री , एक अज्ञात ग्रह पर पहुंचकर , एक सुग्राही धारामापी तथा तार की कुण्डली के द्वारा यह कैसे ज्ञात कर सकता है की ग्रह पर चुम्बकीय क्षेत्र है तथा नहीं ?

Answer» तार की कुण्डली को धारामापी से जोड़कर , कुण्डली को घूमने पर यदि धारामापी में विक्षेप हो , तो ग्रह पर चुम्बकीय क्षेत्र हैं अन्यथा नहीं ।
47.

एक आयताकार लूप एवं एक वृत्ताकार लूप एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में से (चित्र a व b ) क्षेत्र विहीन भाग में एकसमान वेग से निकल रहे है । चुम्बकीय क्षेत्र से बाहर निकलते समय, आप किस लूप में प्रेरित वि वा बल स्थिर होने में अपेक्षा करते हैं ? क्षेत्र, लूपों के तल के अभिलंबवत है ।

Answer» प्रेरित विo वाo बल `e = - (dPhi_(B))/(d) = - B(dA)/(dt)` आयताकार लूप में स्थिर रहता है । क्योकि आयताकार लूप के लिये `(dA)/(dt)` नियत रहता है तथा वृत्ताकार लूप के लिए `(dA)/(dt)` स्थिर नहीं रहता , अतः प्रेरित विo वाo बल बदलेगा ।
48.

किसी लम्बी परिनालिका का व्यास `0.1` मी है । इसमें तार के फेरों की संख्या `2xx 10^(4)` प्रति मीटर है । इसके केन्द्र पर `0.01` मी त्रिज्या तथा 100 फेरों वाली एक कुण्डली इस प्रकार रखी है कि दोनों कि अक्ष सम्पाती हैं। परिनालिका से प्रवाहित होने वाली वैधुत धारा का मान एक स्थिर दर से कम होता जाता है ओर `0.05 s` में 4A से शून्य हो जाता है । यदि, कुण्डली का प्रतिरोध `10 pi^(2) Omega` है तो , इस अन्तराल में कुण्डली से प्रवाहित कुल आवेश होगा :A. `32 pi muC`B. `16 muC`C. `32 muC`D. `16 pi muC`.

Answer» Correct Answer - C
`e = - N (dPhi)/(dt)`
`:. e/R = N/R (dPhi)/(dt)`
`dQ = N/R (dPhi)/(dt)`
`dQ = (N)/R dPhi`
`DeltaQ = (N(DeltaPhi))/(R ) = (NBA)/(R ) = (Nmu_(0) ni pir^(2))/(R )`
`= (2 xx 10^(4) xx 4 pi xx 10^(-7) xx 100 xx 4 xx pi(0.01)^(2))/(10pi^(2)) C`
`= 32 muC`.
49.

एक कार में 1 मीटर लम्बा ऐरियल लगा है । यह पूर्व से पश्चिम की और `100 "किमी"//"घण्टा"` के वेग से जा रही है । यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक `0.18 xx 10^(-4) "वेबर"//"मीटर"^(2)` हो, तो ऐरियल के सिरों के बीच प्रेरित विधुत वाहक बल है :A. `0.25 mV`B. `0.50 mV`C. `0.75 mV`D. `1mV`

Answer» Correct Answer - B
50.

एक खिलाडी जिसकी ऊँचाई 2.0 मीटर है , `20 "किमी"//"घण्टा"` कि चाल से पूर्व कि ओर दौड़ता है । उसके सिर तथा पैर के तलवों के बीच कितना विभवान्तर प्रेरित होगा ? पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक का मान `4.0 xx 10^(-5) "वेबर"//"मीटर"` है। यदि वह उत्तर कि ओर दौड़े , तब ?

Answer» Correct Answer - `4.4 xx10^(-4)` वोल्ट, शून्य
पूर्व अथवा पश्चिम की ओर दौड़ने पर कटेगा (परन्तु `B_(V)` नहीं) , उत्तर अथवा दक्षिण की ओर दौड़ने पर न कटेगा ओर न `B_(V)` |